11 पंचवर्षीय योजना

  1. प्रथम पंचवर्षीय योजना
  2. ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के दृष्टिकोण
  3. पंचवार्षिक योजना: तुम्हाला सर्व माहिती असणे आवश्यक आहे
  4. Bhart Ki Panchvarshiya yojnaye in Hindi
  5. ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना: परिचय, दृष्टिकोण, विकास और मुद्दे
  6. भारत की पंचवर्षीय योजनाओं का संक्षिप्त विवरण दीजिए।


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प्रथम पंचवर्षीय योजना

विवरण यह शुरुआत कार्यकाल वर्ष अध्यक्ष उपाध्यक्ष योजना आकार 2069 करोड़ विकास लक्ष्य सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लक्ष्य 2.1 फ़ीसदी निर्धारित किया गया था। वास्तविक 3.0 फ़ीसदी अन्य जानकारी इस परियोजना में शुरुआत आज़ादी के बाद भारत के पहले लक्ष्य पंचवर्षीय योजना के लक्ष्य थे - • शरणार्थियों का पुनर्वास • खाद्यान्नों के मामले में कम से कम सम्भव अवधि में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना और मुद्रास्फीति पर नियंत्रण करना। • इसके साथ- साथ इस योजना में सर्वांगीण विकास की प्रक्रिया आरम्भ की गयी, जिससे राष्ट्रीय आय के लगातार बढ़ने का आश्वासन दिया जा सके। • इस योजना में सभी पंचवर्षीय योजनाओं का तुलनात्मक अध्ययन

ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के दृष्टिकोण

ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के दृष्टिकोण | Read this article in Hindi to learn about the seven major approaches of eleventh five year plan. The approaches are:- 1. कृषि क्षेत्र की ओर अभिगम (Approach towards Agricultural Sector) 2. औद्योगिक क्षेत्र की ओर अभिगम (Approach towards Industrial Sector) 3. संरचनात्मक क्षेत्र की ओर अभिगम (Approach towards Infrastructural Sector) and Other Details. ग्यारहवीं योजना ने अन्त में 9.0 प्रतिशत वृद्धि दर का लक्ष्य रखा है जो वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुये निष्पाद्य प्रतीत होता है । तथापि, 9 प्रतिशत वृद्धि दर की प्राप्ति दृढ़ता से कृषि एवं संरचना क्षेत्रों के निष्पादन पर निर्भर करती है । कृषि में 4 प्रतिशत तक की वृद्धि का सभी ओर से स्वागत किया गया जो कि अर्थव्यवस्था द्वारा 9 प्रतिशत की वृद्धि के लिए मुख्य कारक है । कहा गया है कि पिछले पांच वर्षों के दौरान कृषि का वृद्धि दर अनिश्चित रहा और अपनी वृद्धि प्रक्रिया को स्थिर कर पाने में सफल नहीं हुआ तथा कृषि की वृद्धि दर को 4 प्रतिशत के स्तर पर स्थिर करने के सभी प्रयत्न किये जाने चाहियें । इसके अतिरिक्त, संरचना क्षेत्र विशेषतया विद्युत क्षेत्र (Power) की ओर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि यह वृद्धि प्रक्रिया में आवश्यक सहायता उपलब्ध कर सके । ADVERTISEMENTS: ग्यारहवीं योजना के प्रस्ताव पत्र ने ”समावेशी वृद्धि की रणनीति” को निर्धनता की बहुमुखी समस्याओं जैसे बेरोजगारी और सामाजिक असन्तुलनों से निपटने के लिये आमन्त्रित किया है । यह एक समयानुकूल अवधारणा प्रतीत होती है । इस प्रकार योजना का प्रस्ताव पत्र ठीक ही इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि ”भारत के आर्थिक मूल तत्वों का ऐसे बिन्दु तक सुधार हु...

पंचवार्षिक योजना: तुम्हाला सर्व माहिती असणे आवश्यक आहे

पंचवार्षिक योजना, किंवा पंचवार्षिक योजना, भारत सरकारने देशाच्या आर्थिक आणि सामाजिक विकासाला चालना देण्यासाठी सुरू केली होती. पंचवार्षिक योजना त्यांच्या अंमलबजावणीत यशस्वी होत आहेत की नाही हे तपासण्यासाठी कार्यप्रदर्शन निर्देशक स्थापित केले गेले. हा समन्वित आणि एकात्मिक राष्ट्रीय आर्थिक उपक्रमांचा एक भाग आहे आणि आता 13 वेगळ्या पंचवर्षीय योजना आहेत. अनेक क्षेत्रांना सुविधा देऊन, प्रकल्पाचा कृषी विकासाला प्रोत्साहन देणे, विविध रोजगाराच्या संधी उपलब्ध करून देणे आणि विद्यमान संसाधने वाढवण्याचा हेतू आहे. • • • • • • • • • • • • • • • • • • • पंचवर्षीय योजना: पंचवार्षिक योजनांची वैशिष्ट्ये • हे प्रकल्प सामाजिक निष्पक्षता, दारिद्र्य निर्मूलन, रोजगार, आधुनिकीकरण इ. • या पंचवार्षिक योजनांचा मूलभूत उद्देश देशाची आर्थिक स्थिती आणि तेथील रहिवाशांचे जीवनमान दोन्ही सुधारणे हा आहे. • ते आउटपुट वाढवतात, संसाधन वाटप ऑप्टिमाइझ करतात आणि नोकऱ्या निर्माण करतात. पंचवर्षीय योजना: पंचवार्षिक योजनांचे लाभ • कार्यक्रमांतर्गत विविध योजना सुरू केल्या उत्पादन वाढले, संसाधनांचे योग्य वाटप आणि नोकरीच्या संधी. • भारतातील खनिज संपत्तीचेही अधिकाधिक शोषण केले जात होते आणि दुर्मिळ धातूंचा साठा असलेल्या दुर्गम प्रदेशांनाही लुटले जात होते. • एकदा का देशी खनिज संपत्तीचा वापर केला गेला, वीजवाहिन्या उभारल्या गेल्या आणि वीजनिर्मिती झाली – जड उद्योगांचा उदय होऊ लागला. • दूरसंचार हे इलेक्ट्रिकल आणि इलेक्ट्रॉनिक प्रणालींमध्ये एक प्राथमिक घटक बनले, ज्यामुळे देशाच्या विविध भागांमधील दळणवळण वाढले आणि देशाला एका एकीकृत नेटवर्कखाली आणले. • जड यंत्रसामग्री आणि इतर उद्योगांमध्ये वापरता येणारे औद्योगिक भाग तयार करण्यात भारत ...

Bhart Ki Panchvarshiya yojnaye in Hindi

दोस्तों हम सभी जानते हैं कि भारत गांवों का देश है यहाँ तक कि देश की 75% जनसँख्या गांवों में निवास करती है| स्वतंत्रता प्राप्ति से पहले ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्यान्न, कृषि, बेरोजगारी, निर्धनता, आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता आदि की गंभीर समस्यायें व्याप्त थीं| अतः स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात देश का तीव्र गति से आर्थिक विकास करने के लिए नियोजन का मार्ग अपनाया गया| यदि हम भारत का आर्थिक विकास करना चाहते हैं तो ग्राम विकास के बिना आर्थिक विकास नहीं कर सकते हैं| इसलिए योजनाओं में गाँव से सम्बंधित विकास पर ध्यान दिया गया| Panchvarshiy Yojnaye देश की पहली पंचवर्षीय योजना 1 अप्रैल 1951 से शुरू हुई तथा अब तक देश में कुल 11 पंचवर्षीय योजनायें अपना कार्यकाल कर चुकी हैं| प्रत्येक पंचवर्षीय योजना में ग्रामीण समस्याएं, बेरोजगारी, निर्धनता, आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि विकास की ओर विशेष ध्यान दिया गया है| ग्राम्य विकास के विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, आइये जानते हैं कि इनका ग्रामीण क्षेत्र में योगदान किस प्रकार रहा| 1.पहली पंचवर्षीय योजना (1 अप्रैल 1951 से 31 मार्च 1956) प्रथम पंचवर्षीय योजना मुख्य रूप से कृषि प्रधान योजना थी इसमें कृषि क्षेत्र में सबसे ज्यादा ध्यान दिया गया था|इस पंचवर्षीय योजना का उद्देश्य जनता के जीवन स्तर को ऊँचा उठाना और उसके लिए अधिक सुख-सुविधापूर्ण जीवन प्रदान करना है|इस योजना की लगभग तीन चौथायी धनराशी कृषि, सिचाईं, शक्ति तथा यातायात पर व्यय की गयी| पहली पंचवर्षीय योजना डोमर हेराल्ड मॉडल पर आधारित थी | 2.दूसरी पंचवर्षीय योजना(1 अप्रैल 1956 से 31 मार्च 1961 तक) दूसरी पंचवर्षीय योजना का उद्देश्य देश के जीवन-स्तर को ऊँचा उठाने के लिए 5 वर्षों में राष्ट्र...

ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना: परिचय, दृष्टिकोण, विकास और मुद्दे

ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना: परिचय, दृष्टिकोण, विकास और मुद्दे | Read this article in Hindi to learn about:- 1. ग्यारहवीं योजना का परिचय (Introduction to Eleventh Five-Year Plan) 2. ग्यारहवीं योजना का प्रस्ताव पत्र (Approach Paper of Eleventh Five-Year Plan) 3. विकास पृष्ठभूमि (Background of Development) and Other Details. Contents: • ग्यारहवीं योजना का परिचय (Introduction to Eleventh Five-Year Plan) • ग्यारहवीं योजना का प्रस्ताव पत्र (Approach Paper of Eleventh Five-Year Plan) • ग्यारहवीं योजना का विकास पृष्ठभूमि (Background of Development of Eleventh Five-Year Plan) • ग्यारहवीं योजना का अर्थव्यवस्था की दृढ़ता (Strength of the Economy) • अर्थव्यवस्था द्वारा सामना की जा रही कुछ मुख्य चुनौतियां (Some Major Challenges Faced by the Economy) • महत्वपूर्ण समस्याएं: सतत् एवं समावेशी वृद्धि (Important Issues: Sustainable and Inclusive Growth) • ग्यारहवीं योजना की प्राथमिकताएं (Priorities of Eleventh Year Plan) 1. ग्यारहवीं योजना का परिचय ( Introduction to Eleventh Five-Year Plan): योजना आयोग ने 18 अक्तूबर, 2006 को हुई बैठक में ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के प्रस्ताव पत्र (Approach Paper) के प्रलेख को सर्वसम्मति से स्वीकृति प्रदान की | राष्ट्रीय विकास परिषद् (NDC) ने 9 दिसम्बर, 2006 को हुई 52वीं बैठक में ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के प्रस्ताव पत्र को अन्तिम स्वीकृति दी जिसमें 10 प्रतिशत महत्वाकांक्षी वृद्धि दर की प्राप्ति का लक्ष्य रखा गया । ADVERTISEMENTS: योजना आयोग के अध्यक्ष, प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह ने बैठक में कहा ”ग्यारहवीं योजना अनेक प्रकार से ऐतिहासिक होने वाली है……. हमने इससे...

भारत की पंचवर्षीय योजनाओं का संक्षिप्त विवरण दीजिए।

भारत की पंचवर्षीय योजनाएँ स्वतन्त्रता के बाद देश के बहुमुखी विकास के लिए पंचवर्षीय योजनाएँ कार्यान्वित की गयीं। अब तक दस योजनाएँ पूर्ण हो चुकी हैं तथा ग्यारहवीं योजना चालू है। इन परियोजनाओं की प्राथमिकताएँ (उद्देश्य) तथा उपलब्धियाँ निम्नवत् रही हैं – प्रथम योजना (1951-56 ई० ) –इस योजना के तीन उद्देश्य थे— • देश विभाजन के फलस्वरूप उत्पन्न आर्थिक असन्तुलन की समस्याओं का समाधान करना, • देश की अर्थव्यवस्था को सन्तुलित बनाना तथा • उत्पादन में वृद्धि करके जनसाधारण के जीवन स्तर में वृद्धि करना तथा धन के वितरण की असमानता को दूर करना। इसके लिए कृषि के विकास को प्राथमिकता दी गयी। इस दौरान आर्थिक प्रगति सन्तोषजनक रही। राष्ट्रीय आय में वृद्धि के लक्ष्य से अधिक वृद्धि दर्ज की गयी। भूमि-सुधार कार्यक्रमों के फलस्वरूप कृषि उत्पादन में भी वृद्धि हुई। औद्योगिक उत्पादन 40% बढ़ा। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा परिवहन के क्षेत्र में भी विकास हुआ, जिससे औद्योगिक विकास की भूमिका तैयार हो गयी। द्वितीय योजना (1956-61 ई० ) –इस योजना में औद्योगिक विकास पर बल दिया गया। आधारभूत तथा भारी उद्योगों की स्थापना की गयी। रोजगार सुविधाओं का विकास तथा आर्थिक विषमताओं को दूर करना इस योजना के अन्य लक्ष्य थे, किन्तु इस काल में खाद्यान्नों के उत्पादन का लक्ष्य पूरा न हो सका। राष्ट्रीय आय में भी आशा से कम वृद्धि हुई और भारतीय अर्थव्यवस्था आर्थिक संकट में डूब गयी। तृतीय योजना (1961-66 ई० ) –इस योजना के खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना, उद्योगों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कृषि उत्पादन में वृद्धि करना, आधारभूत उद्योगों का विस्तार करना, मशीनरी उद्योगों की स्थापना करना, बेरोजगारी दूर करना आदि लक्ष्य थे...