12 ज्योतिर्लिंग

  1. 12 Jyotirling
  2. द्वादश(12) शिव ज्योतिर्लिंग!
  3. 12 ज्योतिर्लिंग कहां कहां है? पूरी जानकारी
  4. 12 Jyotirlinga Names and Temples
  5. 12 ज्योतिर्लिंग के नाम, स्थान और फोटो
  6. 12 Jyotirling ke Naam aur sthan
  7. बारा ज्योतिर्लिंगे
  8. वैजनाथ ज्योतिर्लिंग परळी


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12 Jyotirling

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • 12 Jyotirling: ज्योतिर्लिंग भगवान् शिव के वह पावन धाम हैं जहाँ स्वयं भगवान् भोलेनाथ प्रकट हुए हैं। यह धरती पर भगवान् शिव का प्रत्यक्ष रूप हैं। इनके नाम स्मरण मात्र से ही मनुष्य के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन से इंसान पापमुक्त हो जाता है। इनका नाम जपने से भगवान् शिव अपने भक्तों को मनवांछित फल प्रदान करते हैं। 12 JYOTIRLINGA OF LORD SHIVA IN HINDI, LORD SHIVA 12 JYOTIRLINGA IN HINDI, BHAGWAN SHIV KE 12 JYOTIRLING NAME, JYOTIRLINGA TEMPLES LIST. आइये जानते हैं भगवान् शिव के 12 पावन धाम ज्योतिर्लिंग के विषय में : भगवान् शिव के 12 ज्योतिर्लिंग What are the 12 Jyotirlingas of India and where are they located? 1. सोमनाथ ज्योतिर्लिंग (Somnath Jyotirlinga): Gujarat राज्य में प्रभास पाटन क्षेत्र में स्थित Somnath Mandir, Gujarat भगवान् शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में प्रथम ज्योतिर्लिंग है। यह अरब सागर के तट पर स्थित एक प्राचीन तीर्थ स्थल है। एक बार राजा दक्ष ने चंद्र देव को क्षय होने का श्राप दे दिया था। तब चंद्रदेव ने भगवान् शिव की आराधना की। जिससे प्रसन्न होकर भगवान् शिव ने उन्हें क्षय से मुक्त किया और यहाँ पर भगवान् सोमनाथ के रूप में विराजमान हो गए। सोमनाथ यात्रा की बहुत महिमा है। जो भी भक्त सच्चे मन से सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन करता है उसके समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। जीवन में कष्टों का निवारण हो जाता है तथा मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। 2. मल्लिकाजुर्न ज्योतिर्लिंग (Mallikarjuna Jyotirlinga): Andhra Pradesh राज्य में कृष्णा जिले में स्थित यह ज्योतिर्लिंग भगवान् शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है। यह ...

द्वादश(12) शिव ज्योतिर्लिंग!

Read in English शिव, महादेव दुष्टों का नाश करने वाले, इन्हें अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है लेकिन अंततः सर्वोच्च। शिव का ज्योतिर्लिंग हिंदुओं में अत्यधिक पूजनीय है। ज्योतिर्लिंग एक ऐसा मंदिर है जहाँ ज्योतिर्लिंग के रूप में भगवान शिव की पूजा की जाती है। ज्योतिर्लिंग, सर्वशक्तिमान का दीप्तिमान चिन्ह (phallus प्रतीक) है। 'ज्योति' शब्द का अर्थ है प्रकाश और 'लिंग' का अर्थ है हस्ताक्षर या प्रतीक। ज्योतिर्लिंग भगवान शिव का प्रकाश है। हिंदू धर्म में पुराणों के अनुसार, शिवाजी 12 अलग-अलग स्थानों पर शिवलिंग के रूप में स्थापित हैं और इन स्थानों को भारत में ज्योतिर्लिंग के रूप में पूजा जाता है। यह भी जानें • • • • • • • • • • • • घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग @Near Ellora, Aurangabad Maharashtra ॐकारेश्वर ज्योतिर्लिंग @Omkareshwar Madhya Pradesh रामेश्वर ज्योतिर्लिंग @Rameswaram Tamil Nadu भारत में बारह प्रमुख शिवस्थान यानी ज्योतिर्लिंग हैं। ये तेजस्वी रूप में दिखाई दिए। तेरहवें शरीर को कल्पपिंड कहा जाता है। जो शरीर समय-सीमा से परे पहुँच गया है, उसे (देहको) कल्पपिंड कहा जाता है। यह बारह ज्योतिर्लिंग प्रतीकात्मक रूप में शरीर है; काठमांडू का पशुपतिनाथ ज्योतिर्लिंगों का प्रमुख है। Photo-stories Jyotirling Photo-stories Shiv Photo-stories Bholenath Photo-stories Mahadev Photo-stories Shivaratri Photo-stories 12 Jyotirling Photo-stories

12 ज्योतिर्लिंग कहां कहां है? पूरी जानकारी

By Aug 9, 2020 एकज्योतिर्लिंगयाज्योतिर्लिंगम, सर्वोच्चभगवानशिवकाएकभक्तिप्रतिनिधित्वहै।ज्योतिकाअर्थहै‘चमक’औरशिवकी‘छवियासंकेत’; इसप्रकारज्योतिरलिंगमकाअर्थहैसर्वशक्तिमानशिवकादीप्तिमानचिह्न।भारतमेंबारहपारंपरिकज्योतिर्लिंगमंदिरहैं। शिवमहापुराणकेअनुसार, एकबारब्रह्माऔरविष्णुकेबीचसृष्टिकेवर्चस्वकोलेकरएकबहसहुई।बहसकोनिपटानेकेलिए, सर्वोच्चभगवानशिवनेज्योतिकेएकविशालअनंतस्तंभकेरूपमेंप्रकटहोनेवालेतीनोंसंसारकोछेदा, ज्योतिर्लिंगजोबादमेंपवित्रपर्वतअन्नामलाई (जिसपरअरुणाचलेश्वरकामंदिरस्थितहै) मेंठंडाहोगया।विष्णुऔरब्रह्मानेदोनोंदिशाओंमेंप्रकाशकेअंतकापतालगानेकेलिएक्रमशःनीचेऔरऊपरकीओरअपनेतरीकेविभाजितकिए।ब्रह्मानेझूठबोलाकिउन्हेंअंतकापताचलगया, जबकिविष्णुनेअपनीहारस्वीकारकरली।ब्रह्माकेइसझूठनेशिवकोनाराजकरदियाकिवहब्रह्माकोशापदेरहाहैकिभलेहीवहब्रह्मांडकानिर्माताहो, लेकिनउसकीपूजानहींकीजाएगी।ज्योतिर्लिंगसर्वोच्चशिव, आंशिकवास्तविकताहै, जिसमेंसेशिवएकअन्यरूप, लिंगबोधमेंप्रकटहुएथे।ज्योतिर्लिंगमंदिरमंदिरहैंजहांशिवप्रकाशकेएकउग्रस्तंभकेरूपमेंप्रकटहुएथे। मूलरूपसे 64 ज्योतिर्लिंगमानेजातेथेजबकिउनमेंसे 12 कोबहुतहीशुभऔरपवित्रमानाजाताहै।बारहज्योतिर्लिंगस्थलोंमेंसेप्रत्येकपीठासीनदेवताकानामलेताहै, प्रत्येककोशिवकाएकअलगरूपमानाजाताहै।इनसभीस्थलोंपर, प्राथमिकछविशिवकेअनंतस्वरूपकेप्रतीक, शुरुआतीऔरअंतहीनस्तम्भस्तंभकाप्रतिनिधित्वकरतीहै। बारहज्योतिर्लिंगहैं: • गिरसोमनाथ, गुजरातमेंसोमनाथ • श्रीशैलम, आंध्रप्रदेशमेंमल्लिकार्जुन • मध्यप्रदेशकेउज्जैनमेंमहाकालेश्वर • मध्यप्रदेशकेखंडवामेंओंकारेश्वर • रुद्रप्रयाग, उत्तराखंडमेंकेदारनाथ • महाराष्ट्रमेंभीमाशंकर • वाराणसी, उत्तरप्रदेशमेंविश्वनाथ • नासिक, महाराष्ट्रमेंत्र्यंबकेश्वर • देवघर, झा...

12 Jyotirlinga Names and Temples

Jyotirlinga ( 12 ज्योतिर्लिंग) is a one kind of Sanskrit word meaning a symbol of bright light which is representation of Lord Shiva. Today you will know how many Jyotirlingas are there in India, where are the Jyotirlingas of India located, list of names ( ज्योतिर्लिंग के नामों की लिस्ट) and tell you the complete information, according to Hinduism. There are main three main gods are most followed in the world, Brahma, Vishnu and Mahesh. That is, Shiva. These three are also known as Tridev. Of these, Lord Shiva is considered to be the supreme deity. 64 Jyotirlingas have been described in Shiv Purana. Out of which 12 Jyotirlingas have been given the most importance. It is located at different places in India ( 12 ज्योतिर्लिंग के स्थानों). Happy to write here on 12 Jyotirlinga names list, so that devotees can take ideas for darshan easily. Worship of lord shiva’s shivlinga means that its a prime worship for each devotees. More and more people from all over the world are attract for 12 Jyotirlingas places in India. 12 Jyotirlinga of shiva mandir spread in all over India. Its holiest places for Shiva devotees. Jyotirlinga is the location where India God shiva situated and we considered its holy worshipped the form of a Jyotirlingam names. Shiva is the God of Hinduism. Names list of Jyotirlinga are Somnath Jyotirling, Mallikarjun Jyoptirling, Omkareshwar Jyotirling, Vaidyanath Jyotirling, Nageswar Jyotirling, Kedareswar Jyotirling, Tryambakeswar Jyotirling, Rameshwar Jyotirling,...

12 ज्योतिर्लिंग के नाम, स्थान और फोटो

Lord shiva 12 jyotirlinga places in hindi /शिव भगवान् देवों के देव अर्थात् महादेव हैं। भोलेनाथ अर्थात शिव जी से प्रत्येक कण की उत्पत्ति हुई है तथा उन्ही मे प्रत्येक कण की समाप्ति होती है। इन्हें महादेव, भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ के नाम से भी जाना जाता है। तंत्र साधना में इन्हे भैरव के नाम से भी जाना जाता है। हिन्दू धर्म के प्रमुख देवताओं में से हैं। वेद में इनका नाम रुद्र है। यह व्यक्ति की चेतना के अन्तर्यामी हैं। आज हम यहाँ भगवान् शिव के 12 ज्योतिर्लिंग (12 Jyotirlinga) और भगवान शिव के “द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्रम्” के बारें में जानेंगे.. ज्योतिर्लिंग क्या हैं – अथार्त ज्योतिर्लिंग और शिवलिंग में क्या अंतर है? (12 Jyotirlinga Details in Hindi) ‘ज्योतिर्लिंग’ शब्द की व्युत्पत्ति संस्कृत के दो शब्दों, ‘ज्योति’ और ‘लिंगम्’ से हुई है। ज्योति का अर्थ है, ‘प्रकाश’ और ‘लिंगम्’ का तात्पर्य भगवान् शिव की छवि या उनके चिन्ह से है। अतः ज्योतिर्लिंग का अर्थ है – सर्वशक्तिमान शिव का एक प्रकाशमान चिन्ह। ज्योतिर्लिंग की कथा – Jyotirlingas Story in Hindi शिव महापुराण के अनुसार, एक बार ब्रह्मा जी और विष्णु जी में सर्वोच्चता (सर्वश्रेष्ठता) को लेकर विवाद हो गया। इस विवाद का अंत करने के लिए, भगवान् शिव ने उन्हें एक कार्य सौंपा और स्वयं एक ज्योतिर्लिंग, प्रकाश का एक विशाल और अनंत स्तम्भ, के रूप में तीनों लोकों में प्रसारित हो गए। अब ब्रह्मा और विष्णु को अपने मार्ग पृथक कर इस प्रकाशमान स्तम्भ के ऊपरी और निचले सिरों का अंत खोजना था। दोनों इस खोज में लग गए। ब्रह्मा जी ने आकर कहा कि उन्हें अंत मिल गया, लेकिन विष्णु जी ने यह कहते हुए अपनी पराजय स्वीकार ली कि उन्हें इस प्रकाशमान स्तम्भ का...

12 Jyotirling ke Naam aur sthan

ज्योतिर्लिंगों को भगवान शिव का सबसे पवित्र मंदिर माना जाता है, जो 12 Jyotirling ke Naam aur sthan जिनमें से प्रत्येक एक अद्वितीय मान्यताओं और महत्व के साथ जुड़ा हुआ है। इन ज्योतिर्लिंगों को स्वयंभू माना जाता है और भगवान शिव की पूजा के लिए सबसे पवित्र स्थानों के रूप में प्रतिष्ठित हैं। इन ज्योतिर्लिंगों की तीर्थयात्रा को धर्मनिष्ठ हिंदुओं के लिए अत्यधिक आध्यात्मिक महत्व माना जाता है। इनमें से प्रत्येक मंदिर की एक विशिष्ट स्थापित्व शैली और सांस्कृतिक महत्व है जो सदियों से संरक्षित है। भक्तों का मानना है कि इन मंदिरों के दर्शन करने से उन्हें मोक्ष या जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इस लेख में, हम 12 ज्योतिर्लिंगों और उनमें से प्रत्येक से जुड़ी मान्यताओं पर करीब से नज़र डालेंगे। इस पोस्ट पर 12 ज्योतिर्लिंग के नाम और स्थान मैप के साथ आगे दिया गया है।(12 Jyotirling ke Naam aur sthan map) Table of Contents 1 • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • 12 Jyotirling ke Naam Aur Sthan | 12 ज्योतिर्लिंग के नाम और स्थान • महाकालेश्वर उज्जैन, मध्य प्रदेश • ओंकारेश्वर खंडवा, मध्य प्रदेश • सोमनाथ सौराष्ट्र क्षेत्र, गुजरात • नागेश्वर द्वारका, गुजरात • मल्लिकार्जुन श्रीशैल, आंध्र प्रदेश • केदारनाथ रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड • त्र्यम्बकेश्वर नासिक, महाराष्ट्र • भीमाशंकर पुणे, महाराष्ट्र • घृष्णेश्वर औरंगाबाद, महाराष्ट्र • काशी विश्वनाथ वाराणसी, उत्तर प्रदेश • वैद्यनाथ देवघर, झारखंड • रामेश्वरम रामेश्वरम, तमिलनाडु 12 ज्योतिर्लिंग के नाम और फोटो 12 Jyotirling ke Naam aur sthan | 12 ज्योतिर्लिंग के नाम और स्थान 12 Jyotirling Ke Naam Aur Sthan English Mein • Somnath sau...

बारा ज्योतिर्लिंगे

2. मल्लिकार्जुन - गुंटकल बेसवाडा - या छोट्या लाइनवर नंद्याळ स्टेशन आहे. तेथून 28 मैलांवर असलेल्या आत्माकुमार गांवाला मोटारीने जावें लागतें. आत्माकुरहून मल्लिकार्जुन 43 मलै श्रीशैल्यपर्वतावर आहे. रागावून गेलेल्या कुमार कार्तिकेयाला भेटण्याक‍िरतां (मल्लिका) पार्वती व अर्जुन (शंकर) येथें आले म्हणून मल्लिकार्जुन या नावाने प्रसिद्ध झाले. मल्लिकार्जुनाच्या पलीकडे पांच मैलांवर पाताळगंगा (कृष्णा) आहे. 3. महाकाळेश्वर - उज्जयिनीस प्रसिद्ध आहे. 4. अमलेश्वर - ओंकारमांधाता. उज्जयिनी-खंडवा रस्त्यावर मोरटक्का स्टेशनापासून दहा मैलांवर नर्मदेच्या-कांठीं आहे. हें नर्मदेच्या दुभंग झालेल्या बेटांत डोंगरावर आहे. तेथेच गौरी सोमनाथ व भैरवशीला ही स्थानें आहेत. दुसरें ॐकार या नांवाचें लिंग नर्मदेच्या दक्षिण तीरावर आहे. हा सर्व भाग ॐकारच्या आकाराचा आहे, म्हणून यास ओंकारअमलेश्वर असें म्हणतात. 5. वैद्यनाथ - शिवपुराणांतील श्लोकाप्रमाणें 'वैद्यनाथं चिता भूमौ' असा पाठ आहे. संथाल परगण्यांत पूर्व रेल्वेवरील जसीडोह स्टेशनापासून तीन मैल दूर ब्रँच लाइनवर वैद्यनाथ आहे. तेथील शिवालय प्रशस्त आहे. या स्थानीं कुष्ठरोगापासून मुक्त होण्याकरितां पुष्कळ रोगी येतात. बहुतेक विद्वानांच्या मतें हें ज्योतिर्लिगाचें स्थान आहे. दक्षिणेंत बारा ज्योतिर्लिगाच्या श्लोकांत 'वैद्यनाथ चिता भूमौ' याऐवजी 'परल्यां वैजनाथं' असा पाठ आहे. परळीवैजनाथयाचें स्थान मराठवाड्यांत परभणी स्टेशनापासून चोवीस मैल दक्षिणेस आहे. 6. भीमाशंकर - भीमाशंकर - खेड- जुन्नरद्दून थेट भीमाशंकराच्या देवळापाशीं रस्ता जातो. कर्जतवरून आणि खेड-चासहून रस्ते आहेत. भीमानें राक्षसाचा वध केल्यामुळें भीमाशंकर नांव प्रसिद्ध झाले. आसाम प्रांतांत कामरूप जिल्ह्यांत उत्तर-पूर्...

वैजनाथ ज्योतिर्लिंग परळी

वैजनाथ ज्योतिर्लिंग परळी धर्म संबंधी जानकारी सम्बद्धता परली वैजनाथ बारह परळी का वैद्यनाथ मंदिर प्रसिद्ध है और भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में परली के वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग का स्थान मान्यता प्राप्त है। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण देवगिरि के यादवों के समय में उनके सरदार श्री करणाधिप हेमाद्री ने करवाया था। पुण्यश्लोक रानी अहिल्याबाई होल्कर ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया। यह मंदिर चेरबंदी है और भव्य है। लंबी सीढ़ियां और भव्य प्रवेश द्वार ऐसे स्थान हैं जो मंदिर परिसर में ध्यान आकर्षित करते हैं। चूंकि मंदिर का गभरा और सभा भवन एक ही स्तर पर हैं, इसलिए सभा भवन से ज्योतिर्लिंग को देखा जा सकता है। और कहीं नहीं, केवल यहां वैद्यनाथ में ही कोई भगवान को छू सकता है और दर्शन कर सकता है। मंदिर क्षेत्र में तीन बड़े तालाब हैं। मंदिर से लगभग तीन किलोमीटर की दूरी पर ब्राह्मणदी के तट पर 300 फीट की ऊंचाई पर जीरेवाड़ी में सोमेश्वर मंदिर है। परली वैजनाथ निकटतम