1917 ईस्वी में कौन देश प्रथम विश्व युद्ध से अलग हो गया

  1. रूसी क्रांति
  2. जाने प्रथम विश्वयुद्ध के मुख्य कारण
  3. प्रथम विश्व युद्ध
  4. [Solved] प्रथम विश्व युद्ध के दौरान कौन
  5. Bihar Board Class 9 History Solutions Chapter 4 विश्वयुध्दों का इतिहास
  6. प्रथम विश्व युद्ध का इतिहास
  7. प्रथम विश्व युद्ध का इतिहास
  8. प्रथम विश्व युद्ध
  9. Bihar Board Class 9 History Solutions Chapter 4 विश्वयुध्दों का इतिहास
  10. जाने प्रथम विश्वयुद्ध के मुख्य कारण


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रूसी क्रांति

इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर (जून 2015) स्रोत खोजें: · · · · रूसी क्रान्ति विरोध करते हुए क्रान्तिकारी (फरवरी 1917) तिथि 8 मार्च – 8 नवम्बर 1917 स्थान परिणाम बोल्शेविकों की विजय • निकोलस द्वितीय का त्याग • शाही सरकार का पतनh • रूसी SFSR का निर्माण • योद्धा शाही सरकार a अंतरिम सरकार पेट्रोग्रैड सोवियत वामपंथी समाजवादियों सेनानायक निकोलस द्वितीय a गेओग्य ल्वोव् अलेक्षन्देर केरेन्स्क्य् लेव कमेनेव् शक्ति/क्षमता इम्पीरियल रूसी सेना रेड गार्ड: 200,000 a. मार्च 1917 ,15 तक. सन 1917 की रूस की क्रान्ति विश्व इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है। इसके परिणामस्वरूप Russian Soviet Federative Socialist Republic) की स्थापना हुई। यह क्रान्ति दो भागों में हुई थी - मार्च 1917 में, तथा अक्टूबर 1917 में। पहली क्रांति के फलस्वरूप सम्राट को पद-त्याग के लिये विवश होना पड़ा तथा एक अस्थायी सरकार बनी। अक्टूबर की क्रान्ति के फलस्वरूप अस्थायी सरकार को हटाकर बोलसेविक सरकार (कम्युनिस्ट सरकार) की स्थापना की गयी। 1917 की रूसी क्रांति बीसवीं सदी के विश्व इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना रही। 1789 ई. में अनुक्रम • 1 पृष्ठभूमि एवं कारण • 1.1 औद्योगिक क्रान्ति और उसके परिणाम • 1.2 1905 ई. की क्रांति • 1.3 पश्चिमी यूरोप का प्रभाव • 1.4 मध्यम वर्ग के विचारों में परिवर्तन • 1.5 महायुद्ध का प्रभाव • 2 क्रांति की घटनायें तथा परिणाम • 2.1 सेना द्वारा जनता पर गोली चलाने से इंकार • 2.2 जार का शासन त्यागना • 3 रूसी क्रान्ति का संक्षिप्त काल-क्रम • 4 इन्हें भी देखें • 5 सन्दर्भ पृष्ठभूमि एवं कारण [ ] रूस की क्रांति का महत्व न केवल यूरोप के इतिहास में वरन्...

जाने प्रथम विश्वयुद्ध के मुख्य कारण

प्रथम विश्व युद्ध से पहले किसी को यह अंदाज़ा नहीं होगा कि लगभग सभी देश एक साथ इस युद्ध में कूदेंगे। इस युद्ध में मरने वालों की संख्या से इस युद्ध की बर्बादी का हिसाब लगाया जा सकता था। इससे पहले सिर्फ लड़ाइयां होती थी, यह एक भीषण युद्ध था। युद्ध से सिर्फ युद्ध ही उत्पन्न हुआ है और ऐसा हुआ कि आज के समय में पता नहीं तीसरा विश्वयुद्ध कब हो उठे। चलिए, देते हैं आपको First World War in Hindi के बारे में विस्तार से जानकारी। विषय पहला विश्व युद्ध पहले विश्व युद्ध की शुरुआत 28 जुलाई 1914 युद्ध के मुख्य कारण सैन्यवाद, विभिन्न संधियां यानि गठबंधन प्रणाली, साम्राज्यवाद, राष्ट्रवाद दूसरा विश्वयुद्ध होने के कारण वर्साय की संधि (1919), राष्ट्र संघ की विफलता, 1929 की महामंदी This Blog Includes: • • • • • • • • • • • • • • • • • • पहला विश्व युद्ध कब शुरू हुआ? पहला विश्व युद्ध 28 जुलाई 1914 को शुरू हुआ था। इस विश्व युद्ध को ग्रेट वार या ग्लोबल वार भी कहा जाता है। उस समय ऐसा माना गया कि इस युद्ध के बाद सारे युद्ध ख़त्म हो जायेंगे, इसे ‘वॉर टू एंड आल वार्स’ भी कहा गया पर इस युद्ध के 20 साल बाद ही द्वितीय विश्व युद्ध भी हुआ। पहला विश्व युद्ध दो शक्तियों के बीच का युद्ध First World War in Hindi उस समय दुनिया की 2 बड़ी शक्तियों के बीच का युद्ध था। प्रथम विश्व युद्ध में एक तरफ अलाइड शक्ति और दूसरी तरफ सेंट्रल शक्ति थे। अलाइड शक्ति में रूस, फ्रांस, ब्रिटेन, संयुक्त राष्ट्र अमेरिका और जापान आदि देश थे। अमेरिका इस युद्ध में साल 1917-18 में उतरा था। सेंट्रल शक्ति में केवल 3 देश मौजूद थे। ये तीन देश ऑस्ट्रो- हंगेरियन, जर्मनी और ओटोमन एम्पायर था। उस समय ऑस्ट्रो-हंगरी में हब्स्बर्ग नामक वंश का शासन था। ओ...

प्रथम विश्व युद्ध

टैग्स: • परिचय • 28 जुलाई, 1914 से 11 नवंबर, 1918 तक चले प्रथम विश्व युद्ध (WW I) को ‘ महान युद्ध’ के नाम से भी जाना जाता है। • WW I मुख्य शक्तियों और मित्र देशों के मध्य लड़ा गया था। • मित्र देशों में फ्राँस, रूस और ब्रिटेन जैसे शक्तिशाली देश शामिल थे। वर्ष 1917 के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका भी (मित्र देशों की ओर से) युद्ध में शामिल हो गया था। • केंद्रीय शक्तियों में शामिल प्रमुख देशों में जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, ऑटोमन साम्राज्य और बुल्गारिया आदि देश थे। युद्ध के कारण विश्व को WW I की ओर धकेलने वाले कारकों में कोई एक घटना या एक कारण प्रमुख नहीं था, बल्कि ऐसे बहुत से कारण थे जिनके सिलसिलेवार प्रकटन ने समस्त विश्व को इस भयानक त्रासदी को झेलने के लिये विवश कर दिया। • जर्मनी की नई अंतर्राष्ट्रीय विस्तारवादी नीति: वर्ष 1890 में जर्मनी के नए सम्राट विल्हेम द्वितीय ने एक अंतर्राष्ट्रीय नीति शुरू की, जिसने जर्मनी को विश्व शक्ति के रूप में परिवर्तित करने के प्रयास किये। इसी का परिणाम रहा कि विश्व के अन्य देशों ने जर्मनी को एक उभरते हुए खतरे के रूप में देखा जिसके चलते अंतर्राष्ट्रीय स्थिति अस्थिर हो गई। • परस्पर रक्षा सहयोग (Mutual Defense Alliances): संपूर्ण यूरोपियन राष्ट्रों ने आपसी सहयोग के लिये रक्षा समझौते और संधियाँ कर ली। इन संधियों का सीधा सा अर्थ था कि यदि यूरोप के किसी एक राष्ट्र पर शत्रु राष्ट्र की ओर से हमला होता है तो उक्त राष्ट्र की रक्षा हेतु सहयोगी राष्ट्रों को सहायता के लिये आगे आना होगा। • त्रिपक्षीय संधि (Triple Alliance) , वर्ष 1882 की यह संधि जर्मनी को ऑस्ट्रिया-हंगरी और इटली से जोड़ती है। • त्रिपक्षीय सौहार्द (Triple Entente) , यह ब्रिटेन, फ्राँस और रूस से संबद...

[Solved] प्रथम विश्व युद्ध के दौरान कौन

सही उत्तर बुल्गारिया है। Key Points • युद्ध की शुरुआत में केंद्रीय शक्तियों में जर्मन साम्राज्य और ऑस्ट्रो-हंगेरियन साम्राज्य शामिल थे। • तुर्क साम्राज्य बाद में 1914 में शामिल हुआ, उसके बाद 1915 में बुल्गारिया राज्य आया। • अक्टूबर 1915 में, बुल्गारिया केंद्रीय शक्तियों में शामिल हो गया। • जर्मनी और ऑस्ट्रिया-हंगरी के पूर्व-युद्ध सहयोगी इटली ने 1915 में एंटेंटे के पक्ष से युद्ध में प्रवेश किया। • 1918 तक, कई अन्य देश शामिल हो गए थे, जिनमें एंटेंटे के पक्ष में संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान शामिल थे। Additional Information • प्रथम विश्व युद्ध • प्रथम विश्व युद्ध, जिसे महायुद्ध या वैश्विक युद्ध के रूप में भी जाना जाता है, यूरोप में हुआ एक घातक वैश्विक संघर्ष था, जो 28 जुलाई 1914 से 11 नवंबर 1918 तक चला था। • यह इतिहास के सबसे बड़े युद्धों में से एक है। • मूल्य प्रभाव: • बाजार में किसी उत्पाद या सेवा के लिए उपभोक्ता की मांग पर मूल्य में बदलाव का प्रभाव। • 1914 के बाद के छह वर्षों में औद्योगिक कीमतें लगभग दोगुनी हो गईं और कीमतों में तेजी से भारतीय उद्योग को लाभ हुआ। • कृषि कीमतों में भी वृद्धि हुईलेकिन औद्योगिक कीमतों की तुलना में धीमी गति से। • व्यापार की आंतरिक शर्तें कृषि के खिलाफ चली गईं। • यह प्रवृत्ति अगले कुछ दशकों में जारी रही, विशेष रूप से महामंदी के दौरान वैश्विक वस्तुओं की कीमतों में गिरावट के दौरान। • औद्योगिक कीमतों में तेजी से वृद्धि के साथ-साथ भारतीय उद्योग के लिए व्यापार की आंतरिक शर्तों में सुधार से औद्योगिक उद्यमों को लाभ हुआ। • प्रथम विश्व युद्ध ने संयुक्त राज्य अमेरिका को मंदी से बाहर निकालकर 44 महीने के आर्थिक उछाल में ले लिया। • जर्मनी में अति मुद्रास्फीत...

Bihar Board Class 9 History Solutions Chapter 4 विश्वयुध्दों का इतिहास

Chapter 4 विश्वयुध्दों का इतिहास – Bihar Board Class 9 History Solutions Chapter 4 विश्वयुध्दों का इतिहास प्रथम विश्वयुद्ध कब आरम्भ हुआ ? (क) 1941 ई० में (ख) 1952 ई० में (ग) 1950 ई० में (घ) 1914 ई० में उत्तर- (घ) 1914 ई० में इतिहास की दुनिया क्लास 9 Bihar Board Chapter 4 प्रश्न 2. प्रथम विश्वयुद्ध में किसकी हार हुई ? (क) अमेरिका की (ख) जर्मनी की (ग) रूस की (घ) इंग्लैण्ड की उत्तर- (ख) जर्मनी की Bihar Board Solution Class 9 History Chapter 4 प्रश्न 3. 1917 ई० में कौन देश प्रथम विश्वयुद्ध से अलग हो गया ? (क) रूस (ख) इंग्लैण्ड (ग) अमेरिका (घ) जर्मनी उत्तर- (क) रूस इतिहास Class 9 Bihar Board Chapter 4 प्रश्न 4. वर्साय की संधि के फलस्वरूप इनमें किस महादेश का मानचित्र बदल गया? (क) यूरोप का (ख) आस्ट्रेलिया का (ग) अमेरिका का (घ) रूस का उत्तर- (क) यूरोप का Class 9 Itihas Prashn Uttar Bihar Board Chapter 4 प्रश्न 5. त्रिगुट समझौते में शामिल थे (क) फ्रांस ब्रिटेन और जापान । (ख) फ्रांस, जर्मनी और आस्ट्रिया (ग) जर्मनी, आस्ट्रिया और इटली (घ) इंग्लैण्ड, अमेरिका और रूस उत्तर- (ग) जर्मनी, आस्ट्रिया और इटली इतिहास कक्षा 9 पाठ 4 Bihar Board प्रश्न 6. द्वितीय विश्वयुद्ध कब आरम्भ हुआ? (क) 1939 ई० में (ख) 1941 ई० में (ग) 1936 ई० में (घ) 1938 ई० में उत्तर- (क) 1939 ई० में Itihas Ki Duniya Class 9 Bihar Board Chapter 4 प्रश्न 7. जर्मनी को पराजित करने का श्रेय किस देश को है ? (क) फ्रांस को (ख) रूस को (ग) चीन को (घ) इंग्लैण्ड को उत्तर- (घ) इंग्लैण्ड को Bihar Board Class 9th History Solution Chapter 4 प्रश्न 8. द्वितीय विश्वयुद्ध में कौन-सा देश पराजित हुआ? (क) चीन (ख) जापान (ग) जर्मनी (घ) इटली उत्तर-...

प्रथम विश्व युद्ध का इतिहास

प्रथम विश्व युद्ध के कारण 1914 से 1919 के मध्य यूरोप, एशिया और अफ्रीका तीन महाद्वीपों के जल, थल और आकाश में प्रथम विश्‍व युद्ध लड़ा गया।इसमें भाग लेने वाले देशों की संख्या, इसका क्षेत्र और इससे हुई क्षति के अभूतपूर्व आंकड़ों के कारण ही इसे विश्वयुद्ध कहते हैं। विश्व युद्ध खत्म होते-होते चार बड़े साम्राज्य रूस, जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी और उस्मानिया ढह गए। यूरोप की सीमाएं फिर से निर्धारित हुईं और अमेरिका निश्चित तौर पर एक ‘सुपर पावर’ बन कर उभरा प्रथम विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए हर देश दूसरे देश पर साम्राज्य करने कि चाहत रखने लगा और इस के लिये सैनिक शक्ति बढ़ाई गई । गुप्त कूटनीतिक संधियाँ की गईं।गुप्त संधियों की प्रणाली का जनक बिस्मार्क(Bismarck ) था प्रथम विश्वयुद्ध : उत्तरदायी राष्ट्र युद्धोपरांत सम्पन्न वर्साय की संधि (प्रथम विश्वयुद्ध के बाद पराजित जर्मनी ने 28 जून 1919 के दिन वर्साय की सन्धि पर हस्ताक्षर किये। इसकी वजह से जर्मनी को अपनी भूमि के एक बड़े हिस्से से हाथ धोना पड़ा, दूसरे राज्यों पर कब्जा करने की पाबन्दी लगा दी गयी, उनकी सेना का आकार सीमित कर दिया गया और भारी क्षतिपूर्ति थोप दी गयी। वर्साय की सन्धि को जर्मनी पर जबरदस्ती थोपा गया था। इस कारण एडोल्फ हिटलर और अन्य जर्मन लोग इसे अपमानजनक मानते थे और इस तरह से यह सन्धि द्वितीय विश्वयुद्ध के कारणों में से एक थी।) की धारा 231 के द्वारा युद्ध का संपूर्ण दोष जर्मनी के सिर मढ दिया गया और तभी से विद्वानों में यह विवाद चल पङा है, कि क्या सचमुच सिर्फ जर्मनी ही इस युद्ध के लिये उत्तरदायी थाल ? इस विवाद का सही समाधान आज तक भी नहीं हो पाया है। इसे ठीक से समझने के लिये प्रमुख देशों के उत्तरदायित...

प्रथम विश्व युद्ध का इतिहास

प्रथम विश्व युद्ध के कारण 1914 से 1919 के मध्य यूरोप, एशिया और अफ्रीका तीन महाद्वीपों के जल, थल और आकाश में प्रथम विश्‍व युद्ध लड़ा गया।इसमें भाग लेने वाले देशों की संख्या, इसका क्षेत्र और इससे हुई क्षति के अभूतपूर्व आंकड़ों के कारण ही इसे विश्वयुद्ध कहते हैं। विश्व युद्ध खत्म होते-होते चार बड़े साम्राज्य रूस, जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी और उस्मानिया ढह गए। यूरोप की सीमाएं फिर से निर्धारित हुईं और अमेरिका निश्चित तौर पर एक ‘सुपर पावर’ बन कर उभरा प्रथम विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए हर देश दूसरे देश पर साम्राज्य करने कि चाहत रखने लगा और इस के लिये सैनिक शक्ति बढ़ाई गई । गुप्त कूटनीतिक संधियाँ की गईं।गुप्त संधियों की प्रणाली का जनक बिस्मार्क(Bismarck ) था प्रथम विश्वयुद्ध : उत्तरदायी राष्ट्र युद्धोपरांत सम्पन्न वर्साय की संधि (प्रथम विश्वयुद्ध के बाद पराजित जर्मनी ने 28 जून 1919 के दिन वर्साय की सन्धि पर हस्ताक्षर किये। इसकी वजह से जर्मनी को अपनी भूमि के एक बड़े हिस्से से हाथ धोना पड़ा, दूसरे राज्यों पर कब्जा करने की पाबन्दी लगा दी गयी, उनकी सेना का आकार सीमित कर दिया गया और भारी क्षतिपूर्ति थोप दी गयी। वर्साय की सन्धि को जर्मनी पर जबरदस्ती थोपा गया था। इस कारण एडोल्फ हिटलर और अन्य जर्मन लोग इसे अपमानजनक मानते थे और इस तरह से यह सन्धि द्वितीय विश्वयुद्ध के कारणों में से एक थी।) की धारा 231 के द्वारा युद्ध का संपूर्ण दोष जर्मनी के सिर मढ दिया गया और तभी से विद्वानों में यह विवाद चल पङा है, कि क्या सचमुच सिर्फ जर्मनी ही इस युद्ध के लिये उत्तरदायी थाल ? इस विवाद का सही समाधान आज तक भी नहीं हो पाया है। इसे ठीक से समझने के लिये प्रमुख देशों के उत्तरदायित...

प्रथम विश्व युद्ध

टैग्स: • परिचय • 28 जुलाई, 1914 से 11 नवंबर, 1918 तक चले प्रथम विश्व युद्ध (WW I) को ‘ महान युद्ध’ के नाम से भी जाना जाता है। • WW I मुख्य शक्तियों और मित्र देशों के मध्य लड़ा गया था। • मित्र देशों में फ्राँस, रूस और ब्रिटेन जैसे शक्तिशाली देश शामिल थे। वर्ष 1917 के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका भी (मित्र देशों की ओर से) युद्ध में शामिल हो गया था। • केंद्रीय शक्तियों में शामिल प्रमुख देशों में जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, ऑटोमन साम्राज्य और बुल्गारिया आदि देश थे। युद्ध के कारण विश्व को WW I की ओर धकेलने वाले कारकों में कोई एक घटना या एक कारण प्रमुख नहीं था, बल्कि ऐसे बहुत से कारण थे जिनके सिलसिलेवार प्रकटन ने समस्त विश्व को इस भयानक त्रासदी को झेलने के लिये विवश कर दिया। • जर्मनी की नई अंतर्राष्ट्रीय विस्तारवादी नीति: वर्ष 1890 में जर्मनी के नए सम्राट विल्हेम द्वितीय ने एक अंतर्राष्ट्रीय नीति शुरू की, जिसने जर्मनी को विश्व शक्ति के रूप में परिवर्तित करने के प्रयास किये। इसी का परिणाम रहा कि विश्व के अन्य देशों ने जर्मनी को एक उभरते हुए खतरे के रूप में देखा जिसके चलते अंतर्राष्ट्रीय स्थिति अस्थिर हो गई। • परस्पर रक्षा सहयोग (Mutual Defense Alliances): संपूर्ण यूरोपियन राष्ट्रों ने आपसी सहयोग के लिये रक्षा समझौते और संधियाँ कर ली। इन संधियों का सीधा सा अर्थ था कि यदि यूरोप के किसी एक राष्ट्र पर शत्रु राष्ट्र की ओर से हमला होता है तो उक्त राष्ट्र की रक्षा हेतु सहयोगी राष्ट्रों को सहायता के लिये आगे आना होगा। • त्रिपक्षीय संधि (Triple Alliance) , वर्ष 1882 की यह संधि जर्मनी को ऑस्ट्रिया-हंगरी और इटली से जोड़ती है। • त्रिपक्षीय सौहार्द (Triple Entente) , यह ब्रिटेन, फ्राँस और रूस से संबद...

Bihar Board Class 9 History Solutions Chapter 4 विश्वयुध्दों का इतिहास

Chapter 4 विश्वयुध्दों का इतिहास – Bihar Board Class 9 History Solutions Chapter 4 विश्वयुध्दों का इतिहास प्रथम विश्वयुद्ध कब आरम्भ हुआ ? (क) 1941 ई० में (ख) 1952 ई० में (ग) 1950 ई० में (घ) 1914 ई० में उत्तर- (घ) 1914 ई० में इतिहास की दुनिया क्लास 9 Bihar Board Chapter 4 प्रश्न 2. प्रथम विश्वयुद्ध में किसकी हार हुई ? (क) अमेरिका की (ख) जर्मनी की (ग) रूस की (घ) इंग्लैण्ड की उत्तर- (ख) जर्मनी की Bihar Board Solution Class 9 History Chapter 4 प्रश्न 3. 1917 ई० में कौन देश प्रथम विश्वयुद्ध से अलग हो गया ? (क) रूस (ख) इंग्लैण्ड (ग) अमेरिका (घ) जर्मनी उत्तर- (क) रूस इतिहास Class 9 Bihar Board Chapter 4 प्रश्न 4. वर्साय की संधि के फलस्वरूप इनमें किस महादेश का मानचित्र बदल गया? (क) यूरोप का (ख) आस्ट्रेलिया का (ग) अमेरिका का (घ) रूस का उत्तर- (क) यूरोप का Class 9 Itihas Prashn Uttar Bihar Board Chapter 4 प्रश्न 5. त्रिगुट समझौते में शामिल थे (क) फ्रांस ब्रिटेन और जापान । (ख) फ्रांस, जर्मनी और आस्ट्रिया (ग) जर्मनी, आस्ट्रिया और इटली (घ) इंग्लैण्ड, अमेरिका और रूस उत्तर- (ग) जर्मनी, आस्ट्रिया और इटली इतिहास कक्षा 9 पाठ 4 Bihar Board प्रश्न 6. द्वितीय विश्वयुद्ध कब आरम्भ हुआ? (क) 1939 ई० में (ख) 1941 ई० में (ग) 1936 ई० में (घ) 1938 ई० में उत्तर- (क) 1939 ई० में Itihas Ki Duniya Class 9 Bihar Board Chapter 4 प्रश्न 7. जर्मनी को पराजित करने का श्रेय किस देश को है ? (क) फ्रांस को (ख) रूस को (ग) चीन को (घ) इंग्लैण्ड को उत्तर- (घ) इंग्लैण्ड को Bihar Board Class 9th History Solution Chapter 4 प्रश्न 8. द्वितीय विश्वयुद्ध में कौन-सा देश पराजित हुआ? (क) चीन (ख) जापान (ग) जर्मनी (घ) इटली उत्तर-...

जाने प्रथम विश्वयुद्ध के मुख्य कारण

प्रथम विश्व युद्ध से पहले किसी को यह अंदाज़ा नहीं होगा कि लगभग सभी देश एक साथ इस युद्ध में कूदेंगे। इस युद्ध में मरने वालों की संख्या से इस युद्ध की बर्बादी का हिसाब लगाया जा सकता था। इससे पहले सिर्फ लड़ाइयां होती थी, यह एक भीषण युद्ध था। युद्ध से सिर्फ युद्ध ही उत्पन्न हुआ है और ऐसा हुआ कि आज के समय में पता नहीं तीसरा विश्वयुद्ध कब हो उठे। चलिए, देते हैं आपको First World War in Hindi के बारे में विस्तार से जानकारी। विषय पहला विश्व युद्ध पहले विश्व युद्ध की शुरुआत 28 जुलाई 1914 युद्ध के मुख्य कारण सैन्यवाद, विभिन्न संधियां यानि गठबंधन प्रणाली, साम्राज्यवाद, राष्ट्रवाद दूसरा विश्वयुद्ध होने के कारण वर्साय की संधि (1919), राष्ट्र संघ की विफलता, 1929 की महामंदी This Blog Includes: • • • • • • • • • • • • • • • • • • पहला विश्व युद्ध कब शुरू हुआ? पहला विश्व युद्ध 28 जुलाई 1914 को शुरू हुआ था। इस विश्व युद्ध को ग्रेट वार या ग्लोबल वार भी कहा जाता है। उस समय ऐसा माना गया कि इस युद्ध के बाद सारे युद्ध ख़त्म हो जायेंगे, इसे ‘वॉर टू एंड आल वार्स’ भी कहा गया पर इस युद्ध के 20 साल बाद ही द्वितीय विश्व युद्ध भी हुआ। पहला विश्व युद्ध दो शक्तियों के बीच का युद्ध First World War in Hindi उस समय दुनिया की 2 बड़ी शक्तियों के बीच का युद्ध था। प्रथम विश्व युद्ध में एक तरफ अलाइड शक्ति और दूसरी तरफ सेंट्रल शक्ति थे। अलाइड शक्ति में रूस, फ्रांस, ब्रिटेन, संयुक्त राष्ट्र अमेरिका और जापान आदि देश थे। अमेरिका इस युद्ध में साल 1917-18 में उतरा था। सेंट्रल शक्ति में केवल 3 देश मौजूद थे। ये तीन देश ऑस्ट्रो- हंगेरियन, जर्मनी और ओटोमन एम्पायर था। उस समय ऑस्ट्रो-हंगरी में हब्स्बर्ग नामक वंश का शासन था। ओ...