2010 में सरस्वती पूजा कब है

  1. 2020 में सरस्वती पूजा कब है New Delhi, India में
  2. कब है सरस्वती पूजा? इस दिन बनेंगे सर्वार्थ सिद्धि समेत 4 शुभ योग
  3. सरस्वती वंदना
  4. कब मनाएं वसंत पंचमी 25 जनवरी या 26 को? जान लें सरस्वती पूजा मुहूर्त
  5. सरस्वती पूजा पर निबंध हिंदी में


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2020 में सरस्वती पूजा कब है New Delhi, India में

आइए जानते हैं कि 2020 में सरस्वती पूजा कब है व सरस्वती पूजा 2020 की तारीख व मुहूर्त। माघ महीने शुक्ल पक्ष की पंचमी को सरस्वती पूजा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को वसंत पंचमी के तौर पर मनाने की भी परंपरा है। यह दिन ज्ञान, विद्या, बुद्धिमत्ता, कला और संस्कृति की देवी माँ सरस्वती को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि माघ शुक्ल पंचमी के दिन देवी सरस्वती की पूजा विशेष फलदायी होती है और इस दिन माँ शारदा के पूजन का बहुत महत्व है। इस दिन को अबूझ मुहूर्त भी कहा जाता है; दरअस्ल मान्यता है कि यह बहुत ही शुभ समय है। यूँ तो इस दिन भगवान श्री गणेश की पूजा के उपरान्त कलश स्थापना कर देवी सरस्वती का पूजन आरंभ करने का विधान है। सरस्वती स्तोत्र का पाठ देवी की प्रसन्नता और आशीर्वाद प्राप्ति के लिए किया जाना चाहिए। विद्या-दात्री माँ शारदा का निम्न मंत्र से ध्यान करना चाहिए – या कुंदेंदु-तुषार-हार-धवला, या शुभ्रा - वस्त्रावृता, या वीणा - वार - दण्ड - मंडित - करा, या श्वेत - पद्मासना। या ब्रह्माच्युत - शङ्कर - प्रभृतिभिर्देवै: सदा वन्दित, सा मां पातु सरस्वती भगवती नि: शेष - जाड्यापहा।। उपर्युक्त श्लोक का अर्थ है कि जो देवी कुन्द के फूल, चन्द्रमा, हिमराशि और मोतियों के हार की तरह श्वेत वर्ण वाली है तथा जो श्वेत वस्त्र धारण करती है; जिनके हाथ में वीणा-दण्ड शोभा पा रहा है व जो श्वेत कमल पर विजारमान हैं; ब्रह्मा-विष्णु-शिव आदि देवताओं द्वारा जो हमेशा पूजित हैं तथा जो संपूर्ण जड़ता व अज्ञान को दूर करने वाली है; ऐसी हे माँ सरस्वती! आप हमारी रक्षा करें। सरस्वती-लक्ष्मी-पार्वती की त्रिमूर्ति में से एक देवी सरस्वाती शुद्ध बुद्धि और ज्ञान देने वाली हैं। शास्त्रों के अनुसार वे भगवान ब्रह्मा की अर्धांगिनी ह...

कब है सरस्वती पूजा? इस दिन बनेंगे सर्वार्थ सिद्धि समेत 4 शुभ योग

अंबाती रायडू का बड़ा खुलासा, पूर्व सेलेक्टर ने अपने बेटे के कारण मेरा करियर बर्बाद कर दिया © News18 हिंदी द्वारा प्रदत्त "कब है सरस्वती पूजा? इस दिन बनेंगे सर्वार्थ सिद्धि समेत 4 शुभ योग" Saraswati Puja 2023: इस साल 2023 में सरस्वती पूजा 26 जनवरी दिन गुरुवार को है. सरस्वती पूजा के दिन इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग समेत चार शुभ योग बन रहे हैं और सरस्वती पूजा वाले दिन गुरुवार देव गुरु बृहस्पति की पूजा और गणतंत्र दिवस का भी दिन है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, माघ शुक्ल पंचमी को सरस्वती पूजा मनाते हैं. इसे वसंत पंचमी या बसंत पंचमी भी कहा जाता है. इस दिन सभी स्कूलों में माता सरस्वती की पूजा की जाती है. सरस्वती पूजा पर चार शुभ योग काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भटृट के अनुसार, इस साल सरस्वती पूजा वाले दिन 26 जनवरी को चार शुभ योग शिव योग, सिद्ध योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग बने रहे हैं. रवि योग का समय शाम 06 बजकर 57 मिनट से शुरू हो रहा है और यह 27 जनवरी को सुबह 07 बजकर 12 मिनट तक रहेगा. रवि योग में सूर्य देव का प्रभाव होता है. वे अमंगल को दूर करते हैं और शुभता प्रदान करते हैं. ये भी पढ़ें: नए साल में 64 दिन बजेगी शहनाई, जानें कब हैं विवाह मुहूर्त, देखें पूरी लिस्ट ठीक वैसे ही सर्वार्थ सिद्धि योग भी शाम 06:57 बजे से शुरु हो रहा है, जो 27 जनवरी को सुबह 07:12 बजे तक मान्य रहेगा. सर्वार्थ सिद्धि योग अत्यंत शुभ फलदायी होता है. इस योग में किए गए कार्य सफल सिद्ध होते हैं. सरस्वती पूजा वाले दिन शिव योग सुबह से लेकर दोपहर 03:29 बजे तक मान्य है. इस योग में ध्यान, पूजा आदि का महत्व है. इसके बाद से सिद्ध योग शुरू होगा, जो पूरी रात्रि तक है. सिद्ध योग भी शुभ योगों में से एक है. ये भी पढ़ें: क...

सरस्वती वंदना

• Q.1 सरस्वती वंदना क्या है? सरस्वती वंदना एक भजन या भक्ति गीत है जो ज्ञान, संगीत, कला, ज्ञान और शिक्षा की देवी सरस्वती को समर्पित है। • Q.2 सरस्वती कौन है? माता सरस्वती सबसे सम्मानित और पूजा की जाने वाली हिंदू देवियों में से एक है। वह ज्ञान, संगीत, कला, ज्ञान और विद्या की देवी हैं। उन्हें ब्रह्मांड के निर्माता भगवान • Q.3 सरस्वती वंदना का क्या महत्व है? सरस्वती वंदना भक्ति व्यक्त करने और देवी सरस्वती से आशीर्वाद लेने का एक तरीका है। ऐसा माना जाता है कि सरस्वती वंदना का पाठ करने से ज्ञान, शिक्षा और परीक्षा में सफलता प्राप्त करने में मदद मिलती है • Q.4 सरस्वती वंदना का पाठ कब किया जाता है? सरस्वती वंदना सरस्वती पूजा के दौरान पाठ किया जाता है, जो भारत के कई हिस्सों में मनाई जाने वाली देवी सरस्वती को समर्पित त्योहार है। इस • Q.4 कुछ लोकप्रिय सरस्वती वंदना भजन कौन से हैं? कुछ लोकप्रिय सरस्वती वंदना भजनों में “सरस्वती वंदना मंत्र,”“या कुंदेंदु तुषारहर धवला,”“वक्रतुंड महाकाय,” और “ओम सरस्वती नमस्तुभ्यम” शामिल हैं। • Q.5 क्या कोई सरस्वती वंदना पढ़ सकता है? हां, सरस्वती वंदना का पाठ कोई भी कर सकता है, चाहे उसकी उम्र, लिंग या धर्म कुछ भी हो। यह आशीर्वाद मांगने और देवी सरस्वती के प्रति समर्पण व्यक्त करने का एक तरीका है। • Q.6 क्या सरस्वती वंदना का पाठ करने का कोई विशिष्ट तरीका है? सरस्वती वंदना के पाठ का कोई निश्चित तरीका नहीं है। हालाँकि, यह आमतौर पर भारत की प्राचीन भाषा संस्कृत में पढ़ी जाती है। भजन का पाठ करते हुए देवी सरस्वती को दीपक जलाने और फूल और अन्य प्रसाद चढ़ाने की भी प्रथा है।

कब मनाएं वसंत पंचमी 25 जनवरी या 26 को? जान लें सरस्वती पूजा मुहूर्त

अंबाती रायडू का बड़ा खुलासा, पूर्व सेलेक्टर ने अपने बेटे के कारण मेरा करियर बर्बाद कर दिया © News18 हिंदी द्वारा प्रदत्त "कब मनाएं वसंत पंचमी 25 जनवरी या 26 को? जान लें सरस्वती पूजा मुहूर्त" Basant Panchami 2023: वसंत पंचमी का पर्व हर साल माघ शुक्ल पंचमी को होता है. इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती को पूजा होती है, इसलिए वसंत पंचमी को सरस्वती पूजा और सरस्वती जयंती भी कहते हैं. वसंत पंचमी के दिन सभी शिक्षण संस्थानों में सरस्वती पूजा आयोजित की जाती है. इस दिन बच्चों की शिक्षा प्रारंभ भी कराते हैं. जिन लोगों के छोटे बच्चे हैं, वे उनको इस दिन से अक्षर ज्ञान देना शुरू कर सकते हैं. गीत, संगीत या कोई अन्य कला सीखने का आगाज सरस्वती पूजा से कर सकते हैं. अब सवाल यह है कि साल सरस्वती पूजा 25 जनवरी को है या फिर 26 जनवरी को? वसंत पंचमी 2023 की सही तारीख केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बताते हैं कि इस साल सरस्वती पूजा यानि वसंत पंचमी का पर्व गणतंत्र दिवस के साथ मनाया जाएगा. स्कूलों में एक तरफ राष्ट्रीय ध्वज फहरेगा तो दूसरी ओर सरस्वती पूजा भी होगी क्योंकि 26 जनवरी को वसंत पंचमी मनाई जाएगी. यह भी पढ़ें: कब है गणेश जयंती 24 या 25 जनवरी? राज पंचक देगा सफलता पंचांग के अनुसार, वसंत पंचमी की माघ शुक्ल पंचमी तिथि 25 जनवरी बुधवार को 12:34 पीएम से शुरू होगी और यह 26 जनवरी गुरुवार को 10:28 एएम तक रहेगी. वसंत पंचमी की उदयातिथि 26 को प्राप्त हो रही है. इस दिन सूर्योदय का समय 07:12 एएम है. सरस्वती पूजा मुहूर्त का शुभ मुहूर्त वसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा सुबह 07 बजकर 12 मिनट से प्रारंभ होगा. पूजा मुहूर्त की समाप्ति दोपहर में 12 बजकर 34 मिनट पर होगी. इस शुभ मुहूर्त में...

सरस्वती पूजा पर निबंध हिंदी में

Saraswati Puja Essay:- सरस्वती पूजा (Saraswati Puja) यानी कि बसंत पंचमी (Vasant Panchami) पूरे भारतवर्ष (India) में उत्साह और आस्था के साथ मनाया जाता है। पर्व को सबसे अधिक महत्वता बिहार राज्य में दी जाती है। बसंत पंचमी के दिन पूरे बिहार में माँ सरस्वती का पूजन किया जाता है। खास बात यह है कि, इन दिन बिहार के स्कूलों में छुटि्यां रहती है। काेई भी पुस्तक के संबंधित वस्तुओं को हाथ नहीं लगाता है। यह कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि, Saraswati Puja India के बिहार का एक प्रमुख Festival है। इस दिन माता सरस्वती (Goddesses Saraswati) जिन्हें विद्या की देवी भी कहा जाता है, उनकी बड़ी ही उमंग के साथ पूजा की जाती है। आज हम पोस्ट के माध्यम से सरस्वती पूजा पर निबंध हिंदी ( Saraswati Puja Essay in Hindi) में लिखने के बारे में जानकारी देंगे। वही सरस्वती पूजा पर निबंध 10 लाइन (Saraswati Puja Essay 10 Lines) भी आप लिखना चाह रहे हैं तो इसके बारे में भी हम आपको इस लेख के जरिए बताएंगे। किस तरह से अच्छे से आप सरस्वती पूजा पर निबंध 10 लाइन में लिख सकते हैं। सरस्वती पूजा निबंध इन हिंदी (Saraswati Puja Essay in hindi) लिखने में आर्टिकल आपकी काफी मदद करेगा। सरस्वती पूजा पर निबंध (Saraswati Puja Essay) जो लोग भी लिखना चाहते हैं वह इस आर्टिकल की भरपूर मदद ले सकते हैं। सरस्वती पूजा पर निबंध हिंदी में लिखने के लिए कौन-कौन से मुख्य पॉइंट्स जरूरी है, इसके बारे में हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से संपूर्ण जानकारी देंगे। सरस्वती पूजा पर निबंध हिंदी में (Saraswati Puja Essay in Hindi) से जुड़ी सारी जानकारी पाने के लिए इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ें। Vasant Panchami – Saraswati Puja Saraswati Puja Essay Table of Cont...