2022 की दीपावली कब है

  1. दीपावली की तिथि, पूजा समय और इस पर्व से जुडी रोचक पौराणिक कहानियाँ / Deepawali 2022 Lakshmi Puja, Shubh Muhurat and Stories in Hindi – Sanatan Group
  2. दीपावली पर सूर्य ग्रहण का साया, दिवाली कब मनाएं 24 या 25 अक्टूबर 2022 को
  3. दीपावली कब है , 2022 में दीपावली कब है ।
  4. दिवाली 2022: कब है दीपावली? जानिए तिथि, तिथि और महत्व
  5. Dev Diwali 2022 Shubh Yoga Significance Vrat Puja Muhurat On Kartik Purnima
  6. दीपावली की प्रचलित कहानियां
  7. दीपावली पर सूर्य ग्रहण का साया, दिवाली कब मनाएं 24 या 25 अक्टूबर 2022 को
  8. Diwali 2022: जानें दिवाली कब है, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इससे भगवान श्रीकृष्ण का क्या है संबंध
  9. दीपावली की तिथि, पूजा समय और इस पर्व से जुडी रोचक पौराणिक कहानियाँ / Deepawali 2022 Lakshmi Puja, Shubh Muhurat and Stories in Hindi – Sanatan Group
  10. दीपावली की प्रचलित कहानियां


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दीपावली की तिथि, पूजा समय और इस पर्व से जुडी रोचक पौराणिक कहानियाँ / Deepawali 2022 Lakshmi Puja, Shubh Muhurat and Stories in Hindi – Sanatan Group

दीपावली का त्यौहार देश के बड़े त्यौहारों में से एक हैं. जीवन को अंधकार से प्रकाश में जाने का संकेत देने वाला यह त्यौहार जितने उत्साह से मनाया जाता हैं, उतने ही उत्साह से इसकी पूजा विधि संपन्न की जाती हैं . पुरे महीने लोग दीपावली के त्यौहार की तैयारी करते हैं, जिसकी शुरुवात साफ़ सफाई से की जाती हैं, क्यूंकि दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा का महत्व होता हैं, और लक्ष्मी वहीँ निवास करती हैं जहाँ स्वच्छता होती हैं . लक्ष्मी प्राप्ति मंत्र : ॐ हिम् महालक्ष्मै च विदमहै, विष्णु पत्नये च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात कोई भी त्यौहार उसकी पौराणिक कथा के कारण अधिक लोक प्रिय होता हैं, ऐसे ही दीपावली क्यों मनाई जाती है, इस पर बहुत सी कथाएं प्रचलित है. हिन्दू संस्कृति में पंचाग का विशेष महत्व है, बिना शुभ समय देखे कोई कार्य नहीं किये जाते हैं, किसी भी पूजन का शुभ मुहूर्त देखकर ही शुभारम्भ किया जाता हैं . दीपावली 2022 में कब से शुरू है (Diwali/ Deepawali Festival Dates) दिनांक दीपावली के दिन 22 अक्टूबर धन तेरस 23 अक्टूबर नरक चौदस 24 अक्टूबर दीपावली 25 अक्टूबर गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर भाई दूज साल 2022 में दीपावली का शुभ मुहूर्त (Diwali/ Deepawali Festival Dates and Muhurt) साल 2022 में कब है दीपावली 24 अक्टूबर किस दिन सोमवार किसके द्वारा मनाया जाता है ये त्योहार हिंदू , सिख , जैन और बौद्ध धर्म के लोगों द्वारा लक्ष्मी पूजा मुहूर्ता का समय शाम 06 बजकर 54 मिनट से रात्रि 08 बजकर 16 मिनट कुल समय 1 घंटे 21 मिनिट प्रदोष काल 17:43 से 20:16 तक वृषभ काल 18:54 से 20:50 तक साल 2022 की दीपावली का शुभ मुहूर्त इस दिन माँ धन लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है और हर कोई अपने परिवार की सुख और समृद्धि की कामना माँ से करत...

दीपावली पर सूर्य ग्रहण का साया, दिवाली कब मनाएं 24 या 25 अक्टूबर 2022 को

When is Diwali 2022: हिन्दू पंचांग के अनुसार दीपावली प्रतिवर्ष कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाते हैं। यह अमावस्या तिथि उदयातिथि के अनुसार 25 अक्टूबर 2022 मंगलवार को है। इसी दिन सूर्य ग्रहण भी है। सूर्य ग्रहण के समय किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य और पूजा पाठ नहीं करते हैं। ग्रहण काल के दौरान मंदिर मंदिर रहते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि दीपावली का पर्व कब मनाएं? कब से कब तक मनाई जाएगी दीपावली | Kab se kab tak manaya jayega Diwali Parv: दरअसल 24 अक्टूबर को चतुर्दशी तिथि शाम 05 बजकर 27 मिनट तक रहेगी इसके बाद अमास्या प्रारंभ हो जाएगी, जो अगले दिन 25 अक्टूबर को 04 बजकर 18 मिनट तक रहेगी। ऐसे में 24 अक्टूबर को पूरी रात दीपावली का पर्व मना सकते हैं। दीपावली की पूजा अमावस्या तिथि की रात में ही होती है। 25 अक्टूबर की रात को यह तिथि नहीं रहेगी। यानी 24 अक्टूबर को शाम 05 बजकर 27 मिनट से दीपावली का पर्व सूर्य ग्रहण के पहले तक मनाया जा सकता है। Rahu Transit 2023 : 12 अप्रैल 2022 से मेष राशि में राहु ग्रह का गोचर चल रहा है जो अब इस वर्ष 30 अक्टूबर 2023 को दोपहर 01 बजकर 33 मिनट तक इसी राशि में रहने के बाद मीन राशि में गोचर करने लगेगा। राहु अन्य ग्रहों की अपेक्षा उल्टी चाल चलता है। आओ जानते हैं कि किन 6 राशियों के लिए यह ग्रह शुभ नहीं माना जा रहा है। jagannath puri : ओडिशा के पुरी में स्थिति जगन्नाथ मंदिर दुनिया के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। इसकी भव्यता अन्य मंदिरों की अपेक्षा बहुत ज्यादा प्रभावी है और इस मंदिर से जुड़े कई चमत्कार आज भी भक्तों के द्वारा देखे जा सकते हैं। यह मंदिर कितना प्राचीन है इस मंदिर से जुड़ी क्या है पौराणिक कथा? आओ जानते हैं संक्षिप्त में। Jagannatha rathaya...

दीपावली कब है , 2022 में दीपावली कब है ।

दीपावली कब है , 2022 में दीपावली कब है। दीपावली 2022 में 24 अक्टूबर दिन सोमवार को है। धनतेरस 2022 में 23 अक्टूबर दिन रविवार को है। नरक चतुर्दशी 2022 में 24 अक्टूबर दिन सोमवार को है। भाई दूज 2022 में 26 अक्टूबर दिन बुधवार को है। दीपावली दीपावलीभारत का एक प्रमुख पर्व है जो की भारत वासी सनातन काल से ही मानते चले आ रहे है क्योंकि इस दिन श्री राम ने 14 वर्ष का वनवास पूरा करके और रावण का वध करके अपने राज्य अयोध्या अपने भाई लश्मण और अपनी पत्नी सीता को ले कर पुनः लौटे थे इसी खुशी में अयोध्या वासियों ने भी उनके स्वागत में घी के दीपक जलाए थे और तभी से हम हर वर्ष दीपावलीकार्तिक मास की अमावस्या को मनाते चले आ रहे है। दीपावलीके दिन लोग अपने घर, दुकान ,खेत जैसे कई सारे जगहों पर दीए जलाते हैं क्योंकि इस दिन सत्य की असत्य पर विजय प्राप्त हुई थीं। इस दिन लोग गणेश और लक्ष्मी जी की पूजा करते है कहा जाता है कि दीपावलीके दिन दीपक जलाने से हमारे आस पास से नकारात्मक ऊर्जाएं समाप्त हो जाती है। दीपावलीके बारे में हर धर्म की अलग अलग मान्यताएं हैं, दीपावली चार धर्म के लोगो द्वारा मनाया जाता है हिंदू, जैन्स, सिख, और कुछ बुद्ध धर्म को मानने वाले लोग द्वारा। दीपावलीभरता में मनाए जाने वाला सबसे लंबे त्योहार में से एक है क्योंकि ये पांच दिनो का त्योहार है जिसमे धनतेरस, छोटी दिवाली, नरक चतुर्दशी, और भाई दूज भी सामिल है। इस पांच दिनो के लंबे त्योहार को मनाने के लिए लोग अपने घरों, दुकानों की साफ सफाई एक हफ्ते पहले से ही शुरू कर देते हैं और सभी लाइट लगा कर अपने घरों दुकानों को सजा देते है। दीपावलीमनाने और घर के कामों में हाथ बटाने के लिए लोग अपने काम से छट्टी मिल जाने के बाद अपने घर एक हफ्ते पहले ही आने की क...

दिवाली 2022: कब है दीपावली? जानिए तिथि, तिथि और महत्व

चौघड़िया मुहूर्त समय राज्य शाम दोपहर 07:23 से शाम 8:35 बजे तक पुना शाम दोपहर 06:53 से शाम 08:16 बजे तक नई दिल्ली शाम दोपहर 07:06 से शाम 08:13 बजे तक चेन्नई शाम दोपहर 07:02 से शाम 08:23 बजे तक जयपुर शाम 07:06 अपराह्न से 08:17 अपराह्न हैदराबाद शाम दोपहर 06:54 से शाम 08:17 बजे तक गुरुग्राम शाम दोपहर 06:51 से शाम 08:16 बजे तक चंडीगढ़ शाम दोपहर 06:19 से शाम 07:35 बजे तक कोलकाता शाम दोपहर 07:26 से शाम 08:39 बजे तक मुंबई शाम दोपहर 07:16 से शाम 08:23 बजे तक बैंगलोर शाम दोपहर 07:21 से शाम 08:38 बजे तक अहमदाबाद शाम दोपहर 06:52 से शाम 08:15 बजे तक नोएडा आपकी सामग्री को पढ़ने के बाद, मुझे विश्वास है कि यह मेरे ज्ञान का सबसे अच्छा है क्योंकि इसमें सबसे उपयोगी तथ्य और सिफारिशें शामिल हैं। यह काफी उपयोगी और साझा करने योग्य है। शेयर करना जारी रखें। मैंने बहुत सी साइटें पढ़ी हैं, लेकिन आपकी साइट में बहुत उपयोगी जानकारी है, और मैं इससे पूरी तरह खुश हूं। मुझे उम्मीद है कि भविष्य में इस तरह की और जानकारी देखने को मिलेगी।

Dev Diwali 2022 Shubh Yoga Significance Vrat Puja Muhurat On Kartik Purnima

Dev diwali 2022, Kartik Purnima: दीपों का त्योहार देव दिवाली कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाता है. इस दिन गुरू नानक जयंती भी होती है. इस साल कार्तिक पूर्णिमा का त्योहार दो दिन मनाया जाएगा. प्रदोषकाल में दीपदान किया जाता इसलिए इस साल देव दिवाली 7 नवंबर 2022 को मनाई जाएगी, क्योंकि इस दिन पूर्णिमा तिथि शाम को शाम 4.15 मिनट से शुरू हो जाती है. वहीं पूर्णिमा का स्नान 8 नवंबर 2022 को किया जाएगा. व्रत-पूजन भी इसी दिन होगा. इस साल कार्तिक पूर्णिमा पर कई शुभ योग का संयोग बन रहा है जिससे इस दिन देवताओं की पूजा से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होगी. आइए जानते हैं कार्तिक पूर्णिणा का मुहूर्त, शुभ योग. देव दिवाली 2022 मुहूर्त (Dev diwali 2022 Muhurat) कार्तिक पूर्णिमा तिथि शुरू - 07 नवंबर 2022, शाम 04.15 कार्तिक पूर्णिमा तिथि समाप्त - 08 नवंबर 2022, शाम 04.31 प्रदोषकाल देव दीपावली मुहूर्त - शाम 05:14 - शाम 07:49 (7 नवंबर 2022) देव दिवाली के दिन सूर्यास्त के बाद नदी-तालब या कुंड में आटे के दीपक बनाकर दीप जलाए जाते हैं. इससे अकाल मृत्यु का भय खत्म होता है और सुख-समृद्धि का वास होता है. कार्तिक पूर्णिमा 2022 मुहूर्त (Kartik Purnima 2022 Muhurat) कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने से जीवन के तमाम पाप कर्म का दोष मिट जाता है लेकिन यह स्नान सूर्योदय से पूर्व ब्रह्म मुहूर्त में करना चाहिए. • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04:57 - सुबह 05:49 • अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11:48 - दोपहर 12:32 देव दिवाली 2022 शुभ योग (Dev diwali 2022 shubh yoga) इस साल देव • सिद्धि योग - 06 नवंबर 2022, रात 11.50 - 07 नवंबर 2022, 10.37 • सर्वार्थ सिद्धि योग - सुबह 12.04 - सुबह 06.41 (07 नवंबर 2022) • रवि योग - 7 नवंबर 2022, ...

दीपावली की प्रचलित कहानियां

दिवाली/Diwali एक अति सुंदर पर्व है जो अपने साथ ढेरों खुशियां लाता है। रोशनी का त्यौहार होने के कारण इसे ' दीपोत्सव' भी कहा जाता है। दिवाली का त्यौहार अंधकार पर प्रकाश की जीत के साथ ही, हमारे जीवन को आनंद से भर देता है। यह पर्व हमारे संबंधों में होने वाले छोटे-छोटे मतभेदों को दूर कर उनमें गर्मजोशी और सौहार्द भरकर संबंधों में मजबूती लाता है। दिवाली सिर्फ हमारे देश में ही नहीं, बल्कि अन्य देशों में भी मनाई जाती है। इस त्योहार पर राजपत्रित अवकाश घोषित होने के कारण सभी स्कूल, कॉलेज, बैंक और सभी सरकारी कार्यालय बंद रहते हैं। दिवाली का त्यौहार विभिन्न धर्मों के लोग मिल जुल कर मनाते हैं। इस त्यौहार से संबंधित कई दंत कथाएं और मिथक भी हैं जो सभी बुराई पर अच्छाई की जीत और अंधकार पर रोशनी की जीत पर प्रकाश डालते हैं। यह त्यौहार इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भगवान राम पत्नी सीता के साथ, लंका के राजा रावण को हराकर, उसकी कैद से भगवती सीता को छुड़ाकर अयोध्या वापस आए थे। रावण को मारकर राम ने बुराई पर जीत हासिल की थी इसलिए अमावस्या की अंधेरी रात्रि में अयोध्या के लोगों ने घी के दीये जलाकर उनका स्वागत किया था। तब से यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में जाना जाता है। उस दिन से यह महान पर्व दशहरे के त्यौहार के बीस दिन बाद पूरे जोश उमंग और उत्साह के साथ मनाया जाता है। दिवाली कब मनाई जाती है?/ When is Diwali celebrated? यह दीपोत्सव/Deepotsavकार्तिक मास की अमावस्या के दिन बड़े जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है। ग्रेगोरी कैलेंडर के अनुसार, यह अक्टूबर या नवंबर मास में मनाया जाता है। दिवाली का महत्व और ऐतिहासिकता/ Importance of Diwali and its History प्राचीन काल से, दीपावली हिंदूओं द्वा...

दीपावली पर सूर्य ग्रहण का साया, दिवाली कब मनाएं 24 या 25 अक्टूबर 2022 को

When is Diwali 2022: हिन्दू पंचांग के अनुसार दीपावली प्रतिवर्ष कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाते हैं। यह अमावस्या तिथि उदयातिथि के अनुसार 25 अक्टूबर 2022 मंगलवार को है। इसी दिन सूर्य ग्रहण भी है। सूर्य ग्रहण के समय किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य और पूजा पाठ नहीं करते हैं। ग्रहण काल के दौरान मंदिर मंदिर रहते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि दीपावली का पर्व कब मनाएं? कब से कब तक मनाई जाएगी दीपावली | Kab se kab tak manaya jayega Diwali Parv: दरअसल 24 अक्टूबर को चतुर्दशी तिथि शाम 05 बजकर 27 मिनट तक रहेगी इसके बाद अमास्या प्रारंभ हो जाएगी, जो अगले दिन 25 अक्टूबर को 04 बजकर 18 मिनट तक रहेगी। ऐसे में 24 अक्टूबर को पूरी रात दीपावली का पर्व मना सकते हैं। दीपावली की पूजा अमावस्या तिथि की रात में ही होती है। 25 अक्टूबर की रात को यह तिथि नहीं रहेगी। यानी 24 अक्टूबर को शाम 05 बजकर 27 मिनट से दीपावली का पर्व सूर्य ग्रहण के पहले तक मनाया जा सकता है।

Diwali 2022: जानें दिवाली कब है, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इससे भगवान श्रीकृष्ण का क्या है संबंध

• • Faith Hindi • Diwali 2022: जानें दिवाली कब है, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इससे भगवान श्रीकृष्ण का क्या है संबंध Diwali 2022: जानें दिवाली कब है, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इससे भगवान श्रीकृष्ण का क्या है संबंध Diwali 2022: जानें दिवाली कब है, दिवाली का शुभ मुहूर्त क्या और पूजा की विधि क्या है और इसका भगवान श्रीकृष्ण से क्या संबंध है. दीपावली को रोशनी का पर्व कहा जाता है. हर वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या को दीपों का यह पर्व मनाया जाता है. दिवाली (Deepavali 2022) के साथ कई पौराणिक और धार्मिक मान्यताएं जुड़ी हैं. दिवाली 2022 Diwali 2022: दिवाली हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार है. इसी दिन भगवान राम लंका में रावण को मारकर वापस अयोध्या लौटे थे. कहा जाता है कि त्रेतायुग में इस दिन भगवान राम के लौटने पर अयोध्या में इतने दीये जलाए गए थे कि तारे भी शरमा जाएं. हर तरह दीप ही दीप थे. हर ओर राजा राम के लौटने का हर्षोल्लास था. हर कोई दीप जलाकर उनका स्वागत कर रहा था. भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास के बाद वापस अयोध्या लौटने की उसी खुशी को आज भी दिवाली या दीपावली के रूप में मनाया जाता है. Also Read: • • • दीपावली को रोशनी का पर्व भी कहा जाता है. हर वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या को दीपों का यह पर्व मनाया जाता है. दिवाली ( Deepavali 2022) के साथ कई पौराणिक और धार्मिक मान्यताएं जुड़ी हैं. भगवान राम द्वारा लंकापति रावण को मारने और 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटने की कहानी तो आपको पता ही है. माना जाता है कि जब भगवान राम अपनी पत्नी माता सीता और भाई लक्ष्मण सहित अयोध्या लौटे तो अयोध्यावासियों ने खुशी में दीप जलाकर उनका स्वागत किया. यही वजह है कि आज भी कार्तिक अमावस्या की रात दीप जलाकर उस दिन को य...

दीपावली की तिथि, पूजा समय और इस पर्व से जुडी रोचक पौराणिक कहानियाँ / Deepawali 2022 Lakshmi Puja, Shubh Muhurat and Stories in Hindi – Sanatan Group

दीपावली का त्यौहार देश के बड़े त्यौहारों में से एक हैं. जीवन को अंधकार से प्रकाश में जाने का संकेत देने वाला यह त्यौहार जितने उत्साह से मनाया जाता हैं, उतने ही उत्साह से इसकी पूजा विधि संपन्न की जाती हैं . पुरे महीने लोग दीपावली के त्यौहार की तैयारी करते हैं, जिसकी शुरुवात साफ़ सफाई से की जाती हैं, क्यूंकि दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा का महत्व होता हैं, और लक्ष्मी वहीँ निवास करती हैं जहाँ स्वच्छता होती हैं . लक्ष्मी प्राप्ति मंत्र : ॐ हिम् महालक्ष्मै च विदमहै, विष्णु पत्नये च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात कोई भी त्यौहार उसकी पौराणिक कथा के कारण अधिक लोक प्रिय होता हैं, ऐसे ही दीपावली क्यों मनाई जाती है, इस पर बहुत सी कथाएं प्रचलित है. हिन्दू संस्कृति में पंचाग का विशेष महत्व है, बिना शुभ समय देखे कोई कार्य नहीं किये जाते हैं, किसी भी पूजन का शुभ मुहूर्त देखकर ही शुभारम्भ किया जाता हैं . दीपावली 2022 में कब से शुरू है (Diwali/ Deepawali Festival Dates) दिनांक दीपावली के दिन 22 अक्टूबर धन तेरस 23 अक्टूबर नरक चौदस 24 अक्टूबर दीपावली 25 अक्टूबर गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर भाई दूज साल 2022 में दीपावली का शुभ मुहूर्त (Diwali/ Deepawali Festival Dates and Muhurt) साल 2022 में कब है दीपावली 24 अक्टूबर किस दिन सोमवार किसके द्वारा मनाया जाता है ये त्योहार हिंदू , सिख , जैन और बौद्ध धर्म के लोगों द्वारा लक्ष्मी पूजा मुहूर्ता का समय शाम 06 बजकर 54 मिनट से रात्रि 08 बजकर 16 मिनट कुल समय 1 घंटे 21 मिनिट प्रदोष काल 17:43 से 20:16 तक वृषभ काल 18:54 से 20:50 तक साल 2022 की दीपावली का शुभ मुहूर्त इस दिन माँ धन लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है और हर कोई अपने परिवार की सुख और समृद्धि की कामना माँ से करत...

दीपावली की प्रचलित कहानियां

दिवाली/Diwali एक अति सुंदर पर्व है जो अपने साथ ढेरों खुशियां लाता है। रोशनी का त्यौहार होने के कारण इसे ' दीपोत्सव' भी कहा जाता है। दिवाली का त्यौहार अंधकार पर प्रकाश की जीत के साथ ही, हमारे जीवन को आनंद से भर देता है। यह पर्व हमारे संबंधों में होने वाले छोटे-छोटे मतभेदों को दूर कर उनमें गर्मजोशी और सौहार्द भरकर संबंधों में मजबूती लाता है। दिवाली सिर्फ हमारे देश में ही नहीं, बल्कि अन्य देशों में भी मनाई जाती है। इस त्योहार पर राजपत्रित अवकाश घोषित होने के कारण सभी स्कूल, कॉलेज, बैंक और सभी सरकारी कार्यालय बंद रहते हैं। दिवाली का त्यौहार विभिन्न धर्मों के लोग मिल जुल कर मनाते हैं। इस त्यौहार से संबंधित कई दंत कथाएं और मिथक भी हैं जो सभी बुराई पर अच्छाई की जीत और अंधकार पर रोशनी की जीत पर प्रकाश डालते हैं। यह त्यौहार इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भगवान राम पत्नी सीता के साथ, लंका के राजा रावण को हराकर, उसकी कैद से भगवती सीता को छुड़ाकर अयोध्या वापस आए थे। रावण को मारकर राम ने बुराई पर जीत हासिल की थी इसलिए अमावस्या की अंधेरी रात्रि में अयोध्या के लोगों ने घी के दीये जलाकर उनका स्वागत किया था। तब से यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में जाना जाता है। उस दिन से यह महान पर्व दशहरे के त्यौहार के बीस दिन बाद पूरे जोश उमंग और उत्साह के साथ मनाया जाता है। दिवाली कब मनाई जाती है?/ When is Diwali celebrated? यह दीपोत्सव/Deepotsavकार्तिक मास की अमावस्या के दिन बड़े जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है। ग्रेगोरी कैलेंडर के अनुसार, यह अक्टूबर या नवंबर मास में मनाया जाता है। दिवाली का महत्व और ऐतिहासिकता/ Importance of Diwali and its History प्राचीन काल से, दीपावली हिंदूओं द्वा...