2023 दीपावली की तारीख

  1. (Diwali 2023) दीपावली क्यों मनाई जाती है?
  2. 2023 का दशहरा (विजयदशमी) की तारीख व मुहूर्त
  3. Diwali 2023: साल 2023 में दिवाली मनाने की तारीख पर फिर उलझेगा मामला? जानें कब रहेगा शुभ मुहूर्त
  4. Diwali 2023: इस साल भी दिवाली मनाने की तारीख पर रहेगा कंफ्यूजन, जान लें ये जरूरी बात
  5. दिवाली / दीपावली 2023, 2024 और 2025
  6. Chaturmas 2023: जानें कब शुरू होंगे चातुर्मास या चौमासा, 24 जून से क्यों लग जाएंगे मांगलिक कार्यों पर विराम
  7. Raksha Bandhan 2023 Date, Raksha Bandhan Will Be Celebrated 2 Days This Year, Raksha Bandhan Kab Hai
  8. Chaturmas 2023: जानें कब शुरू होंगे चातुर्मास या चौमासा, 24 जून से क्यों लग जाएंगे मांगलिक कार्यों पर विराम
  9. दिवाली / दीपावली 2023, 2024 और 2025
  10. Diwali 2023: साल 2023 में दिवाली मनाने की तारीख पर फिर उलझेगा मामला? जानें कब रहेगा शुभ मुहूर्त


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(Diwali 2023) दीपावली क्यों मनाई जाती है?

4.7/5 - (4 votes) दीपावली क्यों मनाई जाती है? – जब भी दिवाली का त्यौहार आता है तो हम काफी धूम धाम से दिवाली मानते है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है की आखिर दिवाली का त्यौहार मनाया ही क्यों जाता हैं और अगर आपको इसके बारे में जानकारी नहीं है तो इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़े. आज मैं आपको दीवाल से सम्बंधित सारे जानकारियाँ को अच्छे से बताने वाले है. 😎 बड़े भैया पोस्ट को शेयर करें दिवाली क्या हैं ? 2023 दिवाली जिसे दीपावली भी कहते हैं यह धर्म का लोक्प्रिय्र पर्व हैं जिसे अक्टूबर या नवम्बर महीने में मनाया जाता हैं दीपावली के सुभ अवसर पर भगवान गणेश के साथ साथ लक्ष्मी, और सरस्वती माता की पूजा किया जाता हैं इस दिन के अवसर बच्चे दीपावली घर भी बनाते हैं और जमकर पटाखे फोड़ते हैं | नाम दीपावली इसके अन्य अन्य नाम दिवाली आरम्भ रामायण काल के समय से तिथि अश्विनी मास (अमांता) / कार्तिक मास (पूर्णिमांत), कृष्ण पक्ष, त्रयोदं तिथि दिवाली का उद्देश्य धार्मिक निष्ठा, मनोरंजन, सफाई, प्रेम, स्नेह धर्मं हिंदू, जैन, सिख और कुछ बौद्ध पालन पटाखे फोड़ना, घर की सफाई करना, नए कपडे पहनना तारीख 12 November 2023 दीपावली क्यों मनाई जाती है – 2023 दिवाली मानाने के पीछे बहुत सारे कारणों का माना जाता हैं, चलिए इसे एक एक करके समझते हैं. जब भगवान श्री राम अयोध्या पहुंचे जब भगवान श्री राम ने रावन का वध करके माता सीता के साथ अयोध्या पहुचे तो अयोध्यावासी ने भगवान राम की आने की ख़ुशी में दीप से पुरे अयोध्या नगरी को सजा दिया और भगवान राम का जोड़ो सोरो से स्वागत किया तब से हर साल लोगो ने भगवान राम की याद में दीपावली मानना शुरू कर दिया और आज तक दीपावली मानता हैं | माँ लक्ष्मी के कारन दिवाली मनाई जाते हैं दीपावली के दिन धन की देवी म...

2023 का दशहरा (विजयदशमी) की तारीख व मुहूर्त

दशहरा दशहरा नाम संस्कृत के शब्द दशा (दस) और हारा (हार) से बना है। यह रावण (10 सिर वाले राक्षस राजा) पर राम की जीत का प्रतीक है। कुछ लोग महिषासुर राक्षस पर देवी दुर्गा की जीत को चिह्नित करने के लिए भी इस दिन को मनाते हैं। दशहरा या विजयदशमी इस साल 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी। आप सभी दिन के इतिहास और महत्व के बारे में जानना चाहते हैं। हिंदू त्योहार हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार अश्विन के महीने के दौरान और महा नवमी के एक दिन बाद या शारदीय Table of Contents • • • • • • • • दशहरा शब्द उत्तर भारतीय राज्यों और कर्नाटक में अधिक प्रचलित है जबकि विजयदशमी शब्द पश्चिम बंगाल में अधिक लोकप्रिय है। उत्तर भारत में, दशहरा बहुत धूमधाम से मनाया जाता है और राम लीला, भगवान राम की कहानी का एक अधिनियमन, नवरात्रि के सभी नौ दिनों में आयोजित किया जाता है, जिसका समापन रावण की हत्या और दशहरा या विजयदशमी के दिन उनके आदमकद पुतले को जलाने के साथ होता है। मेघनाद और कुंभकरण के साथ रावण का पुतला बनाया जाता है और शाम को जलाया जाता है । दशहरा पापों या बुरे गुणों से छुटकारा पाने का भी प्रतीक है क्योंकि रावण का प्रत्येक सिर एक बुरे गुण का प्रतीक है। दशहरा का मतलब यह भी है की विजयादशमी के दिन शमी के पेड़ की पूजा करना देश के कुछ हिस्सों में बहुत महत्व रखता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि पूर्वी भारत समारोह में दशहरे का उत्सव पश्चिम बंगाल में दशहरे को दशहरे पर, भगवान की मूर्तियों को पानी में विसर्जित किया जाता है जिसे एक महान जुलूस द्वारा चिह्नित किया जाता है। विवाहित महिलाएं “सिंदूर-खेला” खेलती हैं जहां वे एक-दूसरे को सिंदूर के स्पर्श से बधाई देती हैं। यह सौभाग्य और लंबे वैवाहिक जीवन का प्रतीक है। यह अनुष्ठान देवी दु...

Diwali 2023: साल 2023 में दिवाली मनाने की तारीख पर फिर उलझेगा मामला? जानें कब रहेगा शुभ मुहूर्त

Diwali 2023 mein kab hai: हिंदू धर्म के सबसे बड़े त्‍योहार दीपावली को लेकर लोगों में खासा उत्‍साह रहता है. साल 2023 शुरू हो चुका है और लोग दिवाली समेत कई बड़े त्‍योहारों की तारीख और दिन देख रहे हैं. ताकि पहले से ही इन पर्व-त्‍योहारों और इन पर मिल रही छुट्टियों को लेकर अपनी योजनाएं बना सकें. साल 2023 में दिवाली मनाने को लेकर साल 2022 तक कंफ्यूजन की स्थिति बनती दिख रही है. 2022 में तो दिवाली पर सूर्य ग्रहण के कारण मामला फंसा था लेकिन साल 2023 में दिवाली मनाने की तारीख को लेकर कंफ्यूजन की वजह अलग है. दिवाली कार्तिक मास की अमावस्‍या के दिन मनाई जाती है. साल 2023 में कार्तिक अमावस्‍या तिथि 12 नवंबर 2023 की दोपहर 2 बजकर 44 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 13 नवंबर सोमवार की दोपहर 2 बजकर 56 मिनट तक रहेगी. वैसे तो उदयातिथि के अनुसार पर्व मनाया जाता है लेकिन लक्ष्‍मी पूजा रात में प्रदोषकाल में करना शुभ होता है इसलिए दिवाली 12 नवंबर 2023 को मनाई जाएगी. इस तरह एक बार फिर लोगों में दिवाली पर लक्ष्‍मी पूजा करने की सही तारीख को उलझन रह सकती है. दिवाली 2023 पर पूजा शुभ मुहूर्त ज्‍योतिषाचार्यों के अनुसार दिवाली 12 नवंबर 2023 की रात को मनाना सबसे शुभ रहेगा. इस दौरान लक्ष्‍मी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 12 नवंबर की शाम 5:40 मिनट से लेकर 7:36 मिनट तक करीब 1 घंटे 55 मिनट का रहेगा. वहीं प्रदोष काल शाम 5:29 बजे से 8:07 बजे तक रहेगा. लक्ष्‍मी पूजा के लिए महानिशीथ काल मुहूर्त रात 11:39 बजे से मध्‍यरात्रि 12:31 बजे तक करीब 52 मिनट का रहेगा. दीपावली पर लक्ष्‍मी पूजा के लिए सिंह काल मध्‍यरात्रि 12:12 बजे से 2:30 बजे तक करीब सवा 2 घंटे का रहेगा. इन मुहूर्तों में लक्ष्‍मी पूजा करने से जीवन में अपार सुख-समृद्...

Diwali 2023: इस साल भी दिवाली मनाने की तारीख पर रहेगा कंफ्यूजन, जान लें ये जरूरी बात

Diwali 2023 Date: हिंदू धर्म में दिवाली को सबसे बड़ा पर्व माना गया है. दिवाली के त्‍योहार से कई दिन पहले ही इसे मनाने की तैयारियां शुरू हो जाती हैं. दिवाली का त्‍योहार कार्तिक माह की अमावस्‍या तिथि को मनाया जाता है. यह दीपोत्‍सव पर्व 5 दिन का होता है. इसके पांचों दिन का अपना अलग महत्‍व है. धन तेरस, नरक चतुर्दशी के बाद तीसरे दिन घर-घर में लक्ष्‍मी पूजा की जाती है. इसके बाद गोवर्धन पूजा और भाई दूज मनाते हैं. साल 2023 में दिवाली का त्‍योहार कब मनाया जाएगा, इसे लेकर पेंच फंस सकता है. साल 2022 में सूर्य ग्रहण के चलते छोटी और बड़ी दिवाली एक ही दिन मनाई गई थी. वहीं साल 2023 में दिवाली मनाने की तारीख को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो रही है. हिंदू पंचांग के अनुसार दिवाली का त्योहार कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है. साल 2023 में कार्तिक माह की अमावस्या तिथि 12 नवंबर, रविवार को पड़ रही है. अमावस्या तिथि की शुरुआत 12 नवंबर, रविवार की दोपहर 02 बजकर 44 मिनट से होगी और अगले दिन 13 नवंबर, सोमवार की दोपहर 02 बजकर 56 मिनट तक है. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार 13 नवंबर को दिवाली मनाई जानी चाहिए. लेकिन दिवाली की पूजा रात में की जाती है इसलिए साल 2023 में दिवाली 12 नवंबर को मनाना ही शुभ रहेगा. दिवाली 2023 शुभ मुहूर्त लक्ष्मी पूजा मुहूर्त्त : 17:40 मिनट से लेकर 19:36 मिनट तक अवधि : 1 घंटे 55 मिनट प्रदोष काल : 17:29 मिनट से लेकर 20:07 मिनट तक वृषभ काल : 17:40 मिनट से लेकर 19:36 मिनट तक महानिशीथ काल में लक्ष्मी पूजा मुहूर्त्त : 23:39 मिनट से लेकर 24:31 मिनट तक अवधि : 52 मिनट सिंह काल : 24:12 मिनट से लेकर 26:30 मिनट तक ये भी पढ़ें- आपके लिए कैसा रहेगा साल 2023, जानें अपना राशिफल

दिवाली / दीपावली 2023, 2024 और 2025

साल तारीख दिन छुट्टियां राज्य / केन्द्र शासित प्रदेश 2023 12 नवंबर रविवार दिवाली सभी राज्य सिवाय AP, GA, KA, KL, MN, PY, TN, TG & TR 12 नवंबर रविवार दिवाली / दीपावली AP, GA, KA, KL, PY, TG & TN 13 नवंबर सोमवार दिवाली / दीपावली छुट्टियां DD, HR, KA, MH, RJ, UK & UP 13 नवंबर सोमवार दिवाली MN & TR 2024 31 अक्टूबर गुरूवार दिवाली / दीपावली AP, GA, KA, KL, PY, TG & TN 1 नवंबर शुक्रवार दिवाली सभी राज्य सिवाय AP, GA, KA, KL, PY, TN & TG 2 नवंबर शनिवार दिवाली / दीपावली छुट्टियां DD, HR, KA, RJ, UK & UP 2025 21 अक्टूबर मंगलवार दिवाली राष्ट्रीय अवकाश 22 अक्टूबर बुधवार दिवाली / दीपावली छुट्टियां HR, KA, MH, RJ, UK & UP 2026 8 नवंबर रविवार दिवाली राष्ट्रीय अवकाश 9 नवंबर सोमवार दिवाली / दीपावली छुट्टियां HR, KA, MH, RJ, UK & UP कृपया पिछले वर्षों की तारीखों के लिए पृष्ठ के अंत तक स्क्रॉल करें। वर्ष के लिए चन्द्रमा के चक्रों के आधार पर, दीवाली का पर्व पश्चिमी पंचांग में अक्टूबर और नवंबर के मध्य समय में मनाया जाता है। दीपों का उत्सव, दिवाली, एक रंगीन और खुशियों भरा त्योहार है। इस विशेष त्योहार के लिए लोग अपने घरों और खुद को तैयार करते हैं, जो आध्यात्मिक अच्छाई की विजय और आध्यात्मिक अंधकार के हार का प्रतीक है। बुरी शक्तियों को दूर भगाने के लिए पटाखे जलाये जाते हैं, तेल के दीप जलाये जाते हैं, फूलों की मालाएं बनाई जाती हैं, घरों के अंदर पानी के बर्तनों में मोमबत्तियां जलाई जाती है और उत्सव के उपलक्ष्य में मिठाइयां बांटी जाती हैं। दिवाली बोध और ज्ञान के प्रकाश से अज्ञानता को दूर करने पर व्यक्ति के अंदर उत्पन्न होने वाले आंतरिक प्रकाश की ज्योति को दर्शाता है। भारत के कई क्षेत्रों में, दिवाली क...

Chaturmas 2023: जानें कब शुरू होंगे चातुर्मास या चौमासा, 24 जून से क्यों लग जाएंगे मांगलिक कार्यों पर विराम

रामकुमार नायक/महासमुंद. सनातन परंपरा में कोई भी शुभ कार्य करने से पहले ज्योतिष शास्त्र और पंचांग के माध्यम से शुभ मुहूर्त देखा जाता है. मांगलिक कार्यों के लिए 23 जून आखिरी मुहूर्त है. इसके बाद एक बार फिर मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा. लोगों के पास अब शादी व अन्य शुभ कार्यों के लिए 23 जून तक समय है. यह बात महासमुंद के ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज शुक्ला ने कही. ज्योतिषाचार्य मनोज शुक्ला ने बताया कि मांगलिक कार्यों को लेकर ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पंचांगकर्ता विभिन्न तरह के नक्षत्र तिथि इत्यादि के अनुकूल मुहूर्त देखकर उनकी गणना करके पंचांग में बताते हैं. हमारे छत्तीसगढ़ की बहुत प्राचीन पंचांग श्रीदेव पंचांग के अनुसार मांगलिक कार्यों के लिए 23 जून इस बार आखिरी मुहूर्त है. उसके बाद चौमासा लगने वाला है. ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस बार श्रावण मास दो बार पड़ रहा है. पुरुषोत्तम मास है. उसके पहले जो देवशयनी एकादशी आती है उस तारीख से लेकर के मांगलिक कार्यों में विराम लग जाता है. इस बार आषाढ़ शुक्ल एकादशी जिसको हम देवशयनी एकादशी कहते हैं वह 29 जून को है उस तारीख से चौमासा प्रारंभ हो जाएगा जो दीपावली के बाद मनाई जाने वाली देवउठनी एकादशी के पहले तक रहेगा. इस बीच मांगलिक कार्य बंद रहेंगे. उसके बाद फिर मांगलिक कार्य शुरू होंगे. . Tags: , , ,

Raksha Bandhan 2023 Date, Raksha Bandhan Will Be Celebrated 2 Days This Year, Raksha Bandhan Kab Hai

Raksha Bandhan 2023: सालभर में कई तीज-त्योहार पड़ते हैं. इन्हीं में से एक है रक्षाबंधन. बहन और भाई के प्रेम के इस पर्व को बेहद हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर प्रेम का धागा यानी राखी (Rakhi) बांधती हैं और भाई से रक्षा का वचन लेती हैं. इस दिन से कई पौराणिक कथाएं भी जुड़ी हैं और इसकी विशेष धार्मिक मान्यता भी है. पंचांग के अनुसार, इस साल रक्षा बंधन एक नहीं बल्कि 2 दिनों का माना जा रहा है. जानिए इसका क्या कारण है और किस दिन राखी बांधी जा सकेगी. रक्षाबंधन 2023 की तारीख | Raksha Bandhan 2023 Date इस साल रक्षा बंधन की 2 तारीखें निकल रही हैं. रक्षाबंधन साल 2023 में 30 अगस्त, बुधवार और 31 अगस्त, गुरुवार के दिन बताया जा रहा है. हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की शुरूआत 30 अगस्त के दिन सुबह 10 बजकर 58 मिनट से शुरू होगी और इस तिथि का समापन अगले दिन 31 अगस्त सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर हो जाएगा. इस चलते रक्षाबंधन की 2 तिथियां बताई जा रही हैं. लेकिन, शास्त्रों के अनुसार रक्षाबंधन मनाने और राखी बांधने का उपयुक्त समय दोपहर का बताया जाता है. रक्षाबंधन के दिन यदि भद्रा का साया (Bhadra ka saya) लग जाए तो दोपहर की बजाय राखी शाम के समय प्रदोष काल में बांधी जाती है. भद्रा काल इस साल 30 अगस्त की शाम तक रहने वाला है. ऐसे में रक्षा बंधन 30 अगस्त के दिन ही मनाया जाएगा लेकिन भद्रा के चलते रात के समय राखी बांधने का शुभ मुहूर्त पड़ रहा है. यह शुभ मुहूर्त 30 अगस्त की रात 9 बजकर 1 मिनट से 9 बजकर 5 मिनट तक है. क्या है भद्रा धार्मिक मान्यतानुसार भद्राकाल (Bhadrakaal) को अशुभ समय माना जाता है. भद्रा का साया होने पर राखी का उत्सव नहीं मनाया जाता है...

Chaturmas 2023: जानें कब शुरू होंगे चातुर्मास या चौमासा, 24 जून से क्यों लग जाएंगे मांगलिक कार्यों पर विराम

रामकुमार नायक/महासमुंद. सनातन परंपरा में कोई भी शुभ कार्य करने से पहले ज्योतिष शास्त्र और पंचांग के माध्यम से शुभ मुहूर्त देखा जाता है. मांगलिक कार्यों के लिए 23 जून आखिरी मुहूर्त है. इसके बाद एक बार फिर मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा. लोगों के पास अब शादी व अन्य शुभ कार्यों के लिए 23 जून तक समय है. यह बात महासमुंद के ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज शुक्ला ने कही. ज्योतिषाचार्य मनोज शुक्ला ने बताया कि मांगलिक कार्यों को लेकर ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पंचांगकर्ता विभिन्न तरह के नक्षत्र तिथि इत्यादि के अनुकूल मुहूर्त देखकर उनकी गणना करके पंचांग में बताते हैं. हमारे छत्तीसगढ़ की बहुत प्राचीन पंचांग श्रीदेव पंचांग के अनुसार मांगलिक कार्यों के लिए 23 जून इस बार आखिरी मुहूर्त है. उसके बाद चौमासा लगने वाला है. ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस बार श्रावण मास दो बार पड़ रहा है. पुरुषोत्तम मास है. उसके पहले जो देवशयनी एकादशी आती है उस तारीख से लेकर के मांगलिक कार्यों में विराम लग जाता है. इस बार आषाढ़ शुक्ल एकादशी जिसको हम देवशयनी एकादशी कहते हैं वह 29 जून को है उस तारीख से चौमासा प्रारंभ हो जाएगा जो दीपावली के बाद मनाई जाने वाली देवउठनी एकादशी के पहले तक रहेगा. इस बीच मांगलिक कार्य बंद रहेंगे. उसके बाद फिर मांगलिक कार्य शुरू होंगे. . Tags: , , , CNN name, logo and all associated elements ® and © 2020 Cable News Network LP, LLLP. A Time Warner Company. All rights reserved. CNN and the CNN logo are registered marks of Cable News Network, LP LLLP, displayed with permission. Use of the CNN name and/or logo on or as part of NEWS18.com does not derogate from the intellectual property rights of Cabl...

दिवाली / दीपावली 2023, 2024 और 2025

साल तारीख दिन छुट्टियां राज्य / केन्द्र शासित प्रदेश 2023 12 नवंबर रविवार दिवाली सभी राज्य सिवाय AP, GA, KA, KL, MN, PY, TN, TG & TR 12 नवंबर रविवार दिवाली / दीपावली AP, GA, KA, KL, PY, TG & TN 13 नवंबर सोमवार दिवाली / दीपावली छुट्टियां DD, HR, KA, MH, RJ, UK & UP 13 नवंबर सोमवार दिवाली MN & TR 2024 31 अक्टूबर गुरूवार दिवाली / दीपावली AP, GA, KA, KL, PY, TG & TN 1 नवंबर शुक्रवार दिवाली सभी राज्य सिवाय AP, GA, KA, KL, PY, TN & TG 2 नवंबर शनिवार दिवाली / दीपावली छुट्टियां DD, HR, KA, RJ, UK & UP 2025 21 अक्टूबर मंगलवार दिवाली राष्ट्रीय अवकाश 22 अक्टूबर बुधवार दिवाली / दीपावली छुट्टियां HR, KA, MH, RJ, UK & UP 2026 8 नवंबर रविवार दिवाली राष्ट्रीय अवकाश 9 नवंबर सोमवार दिवाली / दीपावली छुट्टियां HR, KA, MH, RJ, UK & UP कृपया पिछले वर्षों की तारीखों के लिए पृष्ठ के अंत तक स्क्रॉल करें। वर्ष के लिए चन्द्रमा के चक्रों के आधार पर, दीवाली का पर्व पश्चिमी पंचांग में अक्टूबर और नवंबर के मध्य समय में मनाया जाता है। दीपों का उत्सव, दिवाली, एक रंगीन और खुशियों भरा त्योहार है। इस विशेष त्योहार के लिए लोग अपने घरों और खुद को तैयार करते हैं, जो आध्यात्मिक अच्छाई की विजय और आध्यात्मिक अंधकार के हार का प्रतीक है। बुरी शक्तियों को दूर भगाने के लिए पटाखे जलाये जाते हैं, तेल के दीप जलाये जाते हैं, फूलों की मालाएं बनाई जाती हैं, घरों के अंदर पानी के बर्तनों में मोमबत्तियां जलाई जाती है और उत्सव के उपलक्ष्य में मिठाइयां बांटी जाती हैं। दिवाली बोध और ज्ञान के प्रकाश से अज्ञानता को दूर करने पर व्यक्ति के अंदर उत्पन्न होने वाले आंतरिक प्रकाश की ज्योति को दर्शाता है। भारत के कई क्षेत्रों में, दिवाली क...

Diwali 2023: साल 2023 में दिवाली मनाने की तारीख पर फिर उलझेगा मामला? जानें कब रहेगा शुभ मुहूर्त

Diwali 2023 mein kab hai: हिंदू धर्म के सबसे बड़े त्‍योहार दीपावली को लेकर लोगों में खासा उत्‍साह रहता है. साल 2023 शुरू हो चुका है और लोग दिवाली समेत कई बड़े त्‍योहारों की तारीख और दिन देख रहे हैं. ताकि पहले से ही इन पर्व-त्‍योहारों और इन पर मिल रही छुट्टियों को लेकर अपनी योजनाएं बना सकें. साल 2023 में दिवाली मनाने को लेकर साल 2022 तक कंफ्यूजन की स्थिति बनती दिख रही है. 2022 में तो दिवाली पर सूर्य ग्रहण के कारण मामला फंसा था लेकिन साल 2023 में दिवाली मनाने की तारीख को लेकर कंफ्यूजन की वजह अलग है. दिवाली कार्तिक मास की अमावस्‍या के दिन मनाई जाती है. साल 2023 में कार्तिक अमावस्‍या तिथि 12 नवंबर 2023 की दोपहर 2 बजकर 44 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 13 नवंबर सोमवार की दोपहर 2 बजकर 56 मिनट तक रहेगी. वैसे तो उदयातिथि के अनुसार पर्व मनाया जाता है लेकिन लक्ष्‍मी पूजा रात में प्रदोषकाल में करना शुभ होता है इसलिए दिवाली 12 नवंबर 2023 को मनाई जाएगी. इस तरह एक बार फिर लोगों में दिवाली पर लक्ष्‍मी पूजा करने की सही तारीख को उलझन रह सकती है. दिवाली 2023 पर पूजा शुभ मुहूर्त ज्‍योतिषाचार्यों के अनुसार दिवाली 12 नवंबर 2023 की रात को मनाना सबसे शुभ रहेगा. इस दौरान लक्ष्‍मी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 12 नवंबर की शाम 5:40 मिनट से लेकर 7:36 मिनट तक करीब 1 घंटे 55 मिनट का रहेगा. वहीं प्रदोष काल शाम 5:29 बजे से 8:07 बजे तक रहेगा. लक्ष्‍मी पूजा के लिए महानिशीथ काल मुहूर्त रात 11:39 बजे से मध्‍यरात्रि 12:31 बजे तक करीब 52 मिनट का रहेगा. दीपावली पर लक्ष्‍मी पूजा के लिए सिंह काल मध्‍यरात्रि 12:12 बजे से 2:30 बजे तक करीब सवा 2 घंटे का रहेगा. इन मुहूर्तों में लक्ष्‍मी पूजा करने से जीवन में अपार सुख-समृद्...