2023 का होली कब है

  1. Holi 2023: होली कब है? मुहूर्त का समय और तारीख।
  2. 2023 holi kab hai
  3. Holi 2023: 7 या 8 मार्च, कब है होली, रंग और गुलाल के त्योहार का क्या है महत्व, सेफ्टी टिप्स
  4. Holi 2023 Date and Timing: 7 या 8 मार्च, आखिर कब है होली का त्योहार? जानें डेट और इतिहास
  5. Holi 2023: होलिका दहन का शुभ मुहूर्त है सिर्फ 12 मिनट, जानें सही समय और कब खेली जाएगी होली


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Holi 2023: होली कब है? मुहूर्त का समय और तारीख।

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • होली 2023: होली कब है?: मार्च के महीने में रंगों का महापर्व होली कब मनाया जाएगा और कब से लगेगा होलकाष्टक, जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख. Holi 2023: होली कब है? : बसंत पंचमी के पीले रंगों के आने से ही मौसम में होली की छटा रंग बिखेरना शुरू कर देते हैं, असत्य विचारों पर सत्य की जीत का ही नाम होली है। ये त्यौहार फाल्गुन माह के पूर्णिमा तिथि को बढ़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इसी संबंध में पुराणों में पूजन के समय एक मंत्र आता है – अबीरं च गुलालं च चोवा चन्दन मेवच। नानाविध प्रकारेण प्रियंताम् परमेश्वरम्। भगवान से प्रेम बढ़ाने के लिए भी ग़ुलाल चढाई जाती है जिस से भक्त का भगवान से प्रेम बढे। इसी रीत से हम सभी मे प्रेम बढ़ाने के लिए हम सभी एक दूसरे पे ग़ुलाल लगाते है, और प्रेम बाँटते है। Freepik.com होलिका दहन का शुभ मुहूर्त होलिका दहन मंगलवार, मार्च 7, 2023 को होलिका दहन मुहूर्त– 06:33 PM से 08:59 PM अवधि – 02 घण्टे 26 मिनट् रंगवाली होली बुधवार, मार्च 8, 2023 को • भद्रा की पूँछ समय – 12:43 AM से 02:01 AM • भद्रा का मुख समय – 02:01 AM से 04:11 AM • होलिका दहन प्रदोष के दौरान उदय से व्याप्त पूर्णिमा के बिना • पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ काल – मार्च 06, 2023 को 04:17 PM • पूर्णिमा तिथि सामाप्तिकाल – मार्च 07, 2023 को 06:09 PM freepik.com होलिका दहन के मुहूर्त के समय नीचे दी गई बातों का ध्यान रखना चाहिये – भद्रा दोष रहित, प्रदोष युक्त पूर्णिमा तिथि, होलिका दहन के लिए श्रेष्ठ -उत्तम मानी जाती है। यदि भद्रा रहित, प्रदोष युक्त पूर्णिमा का अभाव हो परन्तु भद्रा मध्य रात्रि से पहले ही समाप्त हो जाए तो प्रदोष के बाद जब भद्रा समाप्त हो तब होल...

2023 holi kab hai

2023 holi kab hai | 2023 में होली कब है?होली कब और क्यों मनाया जाता है? Dosto नमस्कार स्वागत है? आज का हमारा यह topic में जानने वाले हैं 2023 में होली कब है क्यों मनाई जाती है होली होली एक भारत का प्रमुख त्यौहार है और यह त्यौहार काफी धूमधाम से मनाया जाता है होली सभी हिंदू भाइयों का त्यौहार है जो कि हर साल मनाने जाने वाला त्यौहार और यह त्यौहार काफी धूमधाम से मनाई जाती है जो कि काफी वर्षों से मनाते आ रहे हैं और आगे भी मनाते रहेंगे दोस्तों नमस्कार स्वागत है हमारे टॉपिक में चलीए जानते हैं। Holi kab hai 2023। होली कब है दोस्तों भारत में जैसे हिंदुओं का त्यौहार दुर्गा पूजा नवरात्रि दीपावली छठ पूजा इसी तरह से एक holl का भी त्यौहार मनाया जाता है और यह होली का त्यौहार सभी भाइयों मिलजुल कर मनाते हैं उस दिन काफी खुशी का माहौल छाया रहता है यह होली का त्यौहार 2 दिन तक चलने वाला पर्व है उस दिन होली में अच्छे-अच्छे पकवान पकाए जाते हैं होलिका दहन किया जाता है और सभी को रंग लगाए जाते हैं बड़े-बड़े शहर में भी आजकल होली खेलना चालू हो गया है। Holi का दिन ही कुछ ऐसा है। जो कि पूरा माहौल रंग से भरा रहता है और उस दिन सभी को छुट्टी मनाने का भी मौका मिल जाते हैं उस दिन सरकारी कामों में भी छुट्टी रहते हैं। दोस्तों चलिए हम होली मनाने के पीछे का कुछ कारण जानते हैं क्यों होली मनाई जाती है। यह भी पढ़ें: क्यों मनाई जाती है। होली Holi kab hai 2023। होली कब है दोस्तों प्राचीन काल में हिरण कश्यप नाम का एक राक्षस था और वह ब्रह्मा जी से तपस्या काफी करने के बाद ब्रह्मा जी से वरदान ले लिया जोकि हिरण कश्यप को कोई भी व्यक्ति नहीं मार सकता हैं। नहीं तो कोई भी बड़े बड़े जानवर भी उसे नहीं मार सकते थे क्योंकि उसको ब्...

Holi 2023: 7 या 8 मार्च, कब है होली, रंग और गुलाल के त्योहार का क्या है महत्व, सेफ्टी टिप्स

Holi 2023 Date: रंग और गुलाल के त्योहार होली का सभी को बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहता है. इस साल होली कब है, इस सवाल को लेकर मन में कंफ्यूजन अभी भी बना हुआ है तो अब उसे दूर कर लें. क्योंकि यहां आपको 2023 में होली मनाए जाने की तारीख, इस त्योहार के महत्व के साथ-साथ सेफ तरीके से रंग और गुलाल के त्योहार मनाने की जानकारी देने जा रहे हैं. Holi 2023 Date: किस तारीख को मनाई जाएगी होली ? होली दो दिन का त्योहार है. पहले दिन होलिका दहन और उसके अगले दिन रंगों का त्योहार मनाई जाती है. पंचाग के मुताबिक होली हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा (Fagun Month Purnima) तिथि को मनाई जाती है. 2023 में रंग और गुलाल का त्योहार होली 8 मार्च के दिन पड़ रही है. इसी दिन देश भर में होली खेली जाएगी. वहीं होलिका दहन इस साल 7 मार्च यानी शुभ मुहूर्त में किया जाएगा. इसे लोग छोटी होली के नाम से भी जानते हैं. फाल्गुन माह पूर्णिमा तिथि का आरंभ 6 मार्च 2023 को 4 बजकर 17 मिनट से हो चुका है. इसका समापन 7 मार्च 06 बजकर 09 मिनट पर होगा रंग और गुलाल के त्योहार होली का महत्व दो दिन तक मनाई जाने वाली होली त्योहार बुराई पर अच्‍छाई की जीत की प्रतीक है. रंगों का त्‍योहार का खास सामाजिक महत्‍व है. इस पर्व के अवसर पर लोग आपसी मतभेद भुलाकर एक हो जाते हैं. माना जाता है कि इस दिन अगर किसी को लाल रंग का गुलाल लगाया जाए तो सभी तरह के मनभेद और मतभेद दूर हो जाते हैं. क्‍योंकि लाल रंग प्‍यार और सौहार्द का प्रतीक होता है. यही कारण है कि होली आपसी प्रेम और स्‍नेह बढ़ाता है. धार्मिक महत्‍व की बात करें तो मान्यता है कि होली पर्व के पहले दिन यानी होलिका दहन करने से सभी तरह की निगेटिव शक्तियों का नाश हो जाता है और पॉजिटिव शक्तियों में बढ़ो...

Holi 2023 Date and Timing: 7 या 8 मार्च, आखिर कब है होली का त्योहार? जानें डेट और इतिहास

• • Faith Hindi • Holi 2023 Date and Timing: 7 या 8 मार्च, आखिर कब है होली का त्योहार? जानें डेट और इतिहास Holi 2023 Date and Timing: 7 या 8 मार्च, आखिर कब है होली का त्योहार? जानें डेट और इतिहास Holi 2023 Date and Timing: फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि के दिन होली का पर्व मनाया जाता है और इस दिन का इंतजार हर किसी को बड़ी बेसब्री से रहता है. Holi 2023 Date and Timing: वैसे तो हमारे देश में हर दिन कोई न कोई व्रत या त्योहार मनाया जाता है. लेकिन होली और दिवाली दो ऐसे पर्व हैं जिन्हें पूरा देश बड़ी धूमधाम के साथ सेलिब्रेट करता है. साल की शुरुआत होते ही होली के आने का इंतजार शुरू हो जाता है और हर तरफ रंगों की बहार देखने को मिलती है. हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि के दिन होली का त्योहार मनाया जाता है और इसकी शुरुआत होलिका दहन से होती है. आइए जानते हैं इस साल कब है होलिका दहन और होली का त्योहार? होली का इतिहास और कथा प्राचीन काल में हिरण्यकश्यपु नाम का एक असुर था. उसने कठिन तपस्या कर भगवान ब्रह्मा को प्रसन्न कर वरदान प्राप्त कर लिया. वह किसी मनुष्य द्वारा नहीं मारा जा सकेगा, न पशु, न दिन- रात में, न घर के अंदर न बाहर, न किसी अस्त्र और न किसी शस्त्र के प्रहार से मरेगा. इस वरदान के कारण वह अहंकारी बन गया था, वह खुद को भगवान समझने लगा था. वह चाहता था कि सब उसकी पूजा करें. उसने अपने राज्य में भगवान विष्णु की पूजा पर पाबंदी लगा दी थी. हिरण्यकश्यपु का पुत्र प्रह्राद विष्णु जी का परम उपासक था.हिरण्यकश्यपु अपने बेटे के द्वारा भगवान विष्णु की आराधना करने पर बेहद नाराज रहता था, ऐसे में उसने उसे मारने का फैसला लिया. हिरण्यकश्यपु ने अपनी बहन होलिका से कहा कि वह अपनी...

Holi 2023: होलिका दहन का शुभ मुहूर्त है सिर्फ 12 मिनट, जानें सही समय और कब खेली जाएगी होली

डीएनए हिंदी: भारत में प्रमुख रूप से मनाए जाने वाला त्योहार होली (Holi 2023) आने ही वाला है. हिंदू पंचांग के अनुसार, होली (Holi 2023) का पर्व फाल्गुन माह की पुर्णिमा तिथि पर मनाया जाता है.अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, होली का पर्व (Holi 2023) मार्च की शुरूआत में मनाया जाएगा. होली (Holi 2023) मनाने की तारीख को लेकर लोगों के बीच अटकलें देखने को मिल रही है. तो चलिए इस साल मार्च में होली (Holi 2023) मनाने की सही तारीख (Holi 2023 Date) और होलिका दहन (Holika Dahan 2023) के शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat) के बारे में जानते हैं. होली 2023 तारीख (Holi 2023 Date) साल 2023 में होली का पर्व 6 मार्च को मनाया जाएगा. 6 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा. होलिका दहन के बाद अगले दिन 7 मार्च को धुलंडी यानी रंगों की होली खेली जाएगी. होलिका दहन प्रदोष व्यापिनि भद्रा रहित पूर्णिमा तिथि में होता है. होलिक दहन का यह शुभ मुहूर्त 6 मार्च की शाम को है. यह भी पढ़ें - होलिका दहन 2023 शुभ मुहूर्त (Holika Dahan 2023 Shubh Muhurat) होलिका दहन के लिए विशेष शुभ मुहूर्त 6 मार्च 2023 की शाम को 6 बजकर 26 मिनट से लेकर 6 बजकर 38 मिनट तक रहने वाला है. होलिका दहन का यह शुभ मुहूर्त मात्र 12 मिनट का होगा. ज्योतिषीयों के अनुसार, प्रदोष व्यापिनी भद्रा रहित पूर्णिमा में होलिका दहन किया जाना चाहिए. यह तिथि 6 मार्च सोमवार को शाम 4 बजकर 18 मिनट से शुरू हो जाएगी. इस प्रदोष व्यापिनी फाल्गुनी पूर्णिमा का समय भारत में 7 मार्च को शाम 6 बजकर 10 मिनट तक रहेगा. होलिका दहन के बाद होली पर धुलंडी का त्योहार 7 मार्च को मनाया जाएगा. होलिका दहन की कथा (Holika Dahan Ki Katha) भक्त प्रह्लाद पर भगवान श्री विष्णु का आशीर्वाद था जिस वजह से प्रह्लाद ...