2023 की पूर्णिमा कब है

  1. ज्येष्ठ पूर्णिमा कब है?
  2. Guru Purnima 2023 Date: गुरु पूर्णिमा कब है, जानें पूजा की तिथि, शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व
  3. Guru Purnima 2023: कब है गुरु पूर्णिमा का पर्व जानिए इसकी तिथि और महत्व
  4. Guru Purnima 2023 Date, Guru Purnima Puja Shubh Muhrut, Kab Hai Guru Purnima
  5. Chaitra Purnima 2023 Kab Hai: कब है चैत्र पूर्णिमा? जानें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व


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ज्येष्ठ पूर्णिमा कब है?

महत्वपूर्ण जानकारी • गुरु पूर्णिमा, आषाढ़, शुक्ल पूर्णिमा, आषाढ़ पूर्णिमा व्रत, आषाढ़ पूर्णिमा • सोमवार, 03 जुलाई 2023 • पूर्णिमा प्रारंभ - 02 जुलाई 2023 को रात 08 बजकर 21 मिनट से • पूर्णिमा समाप्त - 03 जुलाई 2023 को शाम 05:08 बजे हिन्दू धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व है। हिन्दू धर्म में कैलेण्डर व हिन्दू पंचाग के तिथि में चन्द्रमा के अनुसार ही बदलती है। पूर्णिमा क्या होता है? यह वह रात होती है जब चन्द्रमा पूर्ण रूप से दिखाई देता है। पूर्णिमा की रात हर 30 दिन बाद आती है यह ऐसा कहा जा सकता है कि पूर्णिमा एक महीने में एक बार आती है। चन्द्रमा के घटते और बढते हुए को पक्ष कहा जाता है दो प्रकार के होते है 2023 में पूर्णिमा के तिथि इस प्रकार है:- जनवरी में पूर्णिमा तिथि पौष, शुक्ल पूर्णिमा, पौष पूर्णिमा व्रत, शुक्रवार, 06 जनवरी 2023 06 जनवरी 2023 पूर्वाह्न 02:14 - 07 जनवरी 2023 पूर्वाह्न 04:37 बजे फरवरी में पूर्णिमा तिथि माघ, शुक्ल पूर्णिमा, माघ पूर्णिमा व्रत, रविवार, 05 फरवरी 2023 04 फरवरी 2023 को रात 09:30 बजे - 05 फरवरी 2023 को रात 11:58 बजे मार्च में पूर्णिमा तिथि हुतसनी पूर्णिमा, फाल्गुन, शुक्ल पूर्णिमा, फाल्गुन पूर्णिमा व्रत मंगलवार, 07 मार्च 2023 06 मार्च 2023 को शाम 04:17 बजे - 07 मार्च 2023 को शाम 06:10 बजे अप्रैल में पूर्णिमा तिथि चैत्र, शुक्ल पूर्णिमा, चैत्र पूर्णिमा व्रत, बुधवार, 05 अप्रैल 2023 05 अप्रैल 2023 पूर्वाह्न 09:19 बजे - 06 अप्रैल 2023 पूर्वाह्न 10:04 बजे मई में पूर्णिमा तिथि बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख, शुक्ल पूर्णिमा, शुक्रवार, 05 मई 2023 04 मई 2023 को रात 11:44 बजे - 05 मई 2023 को रात 11:04 बजे जून में पूर्णिमा तिथि देव स्नान पूर्णिमा, ज्येष्ठ पूर्णिमा शनिवार...

Guru Purnima 2023 Date: गुरु पूर्णिमा कब है, जानें पूजा की तिथि, शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व

Guru Purnima 2023 Kab Hai: सनातन परंपरा में जिस गुरु का स्थान ईश्वर से भी ज्यादा माना गया है, उनकी पूजा के लिए हर साल आषाढ़ मास के शुक्लपक्ष की पूर्णिमा का दिन सबसे ज्यादा शुभ और फलदायी माना गया है. मान्यता है कि यदि इस दिन अपने गुरु की पूजा करने पर व्यक्ति को उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है. पंचांग के अनुसार इस साल गुरु पूर्णिमा का महापर्व 03 जुलाई 2023, सोमवार को मनाया जाएगा. हिंदू मान्यता के अनुसार गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व महर्षि वेदव्यास की जयंती के रूप में मनाया जाता है. यही कारण है कि इस पावन पर्व को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. आइए गुरु पूर्णिमा की पूजा विधि और उसका धार्मिक महत्व जानते हैं. गुरु पूर्णिमा 2023 का शुभ मुहूर्त पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि 02 जुलाई 2023 को सायंकाल 08:21 बजे से प्रारंभ होकर 03 जुलाई 2023 को सायंकाल 05:08 बजे तक रहेगी. ऐसे में उदया तिथि के आधार पर गुरु पूजन का महापर्व इस साल 03 जुलाई 2023 को मनाया जाएगा. कैसे करें गुरू का पूजन हिंदू मान्यता के अनुसार गुरु पूर्णिमा के दिन व्यक्ति को अपने गुरू की पूजा करने के लिए स्नान-ध्यान करने के बाद उनके स्थान पर जाकर उन्हें प्रणाम करके विधि-विधान से पूजन करना चाहिए. यदि आप गुरु दिवंगत हो चुके हैं या फिर आप किसी कारण से अपने गुरु के पास उनके स्थान पर नहीं जा सकते हैं तो आप अपने घर में ही पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ उनके चित्र का पुष्प, चंदन, धूप, दीप आदि से पूजन करें. गुरु पूजा करने के बाद उसमें हुई भूलचूक के लिए माफी मांगते हुए उनका आशीर्वाद प्राप्त करें. गुरु पूर्णिमा पर इन बातों का रखें ध्यान • हिंदू मान्यता के अनुसार जिस गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के नाम से ...

Guru Purnima 2023: कब है गुरु पूर्णिमा का पर्व जानिए इसकी तिथि और महत्व

Guru Purnima 2023: हिन्दू धर्म में गुरु का स्थान भगवान से भी ऊपर माना गया है। इनकी पूजा का दिन होता है गुरु पूर्णिमा, जो हर साल आषाढ़ मास के शुक्लपक्ष की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। हिंदू मान्यता के अनुसार गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व महर्षि वेदव्यास की जयंती के रूप में मनाया जाता है। इसीलिए इसे व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। पंचांग के अनुसार इस साल गुरु पूर्णिमा का महापर्व 03 जुलाई 2023, सोमवार को मनाया जाएगा। आइये जानते हैं इसकी तिथि और शुभ मुहूर्त के बारे में... गुरु पूर्णिमा: तिथि और मुहूर्त आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि 02 जुलाई 2023 को सायंकाल 08:21 बजे से प्रारंभ होकर 03 जुलाई 2023 को सायंकाल 05:08 बजे तक रहेगी। ऐसे में उदया तिथि के आधार पर गुरु पूजन का महापर्व 03 जुलाई 2023 को मनाया जाएगा। इस दिन अपने गुरु की पूजा करने पर व्यक्ति को उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। क्या करें, क्या ना करें? • गुरु पूर्णिमा के दिन स्नान-ध्यान करने के बाद अपने गुरू के स्थान पर जाकर उन्हें प्रणाम करें और उनका आशीर्वाद लें। • आप गुरु दिवंगत हो चुके हैं या अपने घर में ही उनके चित्र के सम्मुख पुष्प, चंदन, धूप, दीप आदि से पूजन करें। • गुरु पूर्णिमा के दिन आप अपने गुरु से दीक्षा भी ले सकते हैं। उनसे अनुमति लेकर दीक्षा लें और अपनी श्रद्धा और सामर्थ्य के अनुसार दान-दक्षिणा अर्पित करें।

Guru Purnima 2023 Date, Guru Purnima Puja Shubh Muhrut, Kab Hai Guru Purnima

Guru Purnima 2023: पूर्णिमा तिथि की विशेष धार्मिक मान्यता होती है. हर माह शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन पूर्णिमा तिथि पड़ती है. आषाढ़ के मास में पड़ रही पूर्णिमा को आषाढ़ पूर्णिमा कहते हैं और इसे गुरु पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. गुरु पूर्णिमा के दिन ही वेदों के रचयिता महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था. आमतौर पर पूर्णिमा (Purnima) पर खासतौर से पूजा-पाठ और स्नान-दान किया जाता है, लेकिन गुरु पूर्णिमा होने के चलते इस दिन का महत्व और बढ़ जाता है. गुरु पूर्णिमा के दिन विद्यार्थी अपने गुरु की सेवा करते हैं और गुरु को आदरभाव के साथ धन्यवाद देते हैं. गुरु पूर्णिमा कब है पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह की पूर्णिमा के दिन गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है. आषाढ़ पूर्णिमा की तिथि 2 जुलाई की रात 8 बजकर 21 मिनट से शुरू हो रही है और इस तिथि का समापन अगले दिन 3 जुलाई शाम 5 बजकर 8 मिनट पर होगा. उदया तिथि को देखते हुए 3 जुलाई के दिन के गुरु पूर्णिमा मनाई जाने वाली है. गुरु पूर्णिमा पर पूजा मान्यतानुसार गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु के आदर-सत्कार के साथ ही पूर्णिमा की पूजा भी की जाती है. पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर स्नान किया जाता है. बहुत से भक्त इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने जाते हैं. जो नदी तक स्नान करने नहीं जा सकते वे पानी में गंगाजल मिलाकर भी नहा सकते हैं. स्नान पश्चात भगवान विष्णु (Lord Vishnu) और वेदों के रचयिता वेद व्यास का ध्यान किया जाता है. इसके पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं. सूर्य देव को अर्घ्य देना भी इस दिन बेहद शुभ होता है. गुरु पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और वेद व्यास जी (Ved Vyas) की पूजा की जाती है. फल, फूल, धूप, दीप, अक्षत, दूर्वा और हल्दी आदि पूजा सामग्री म...

Chaitra Purnima 2023 Kab Hai: कब है चैत्र पूर्णिमा? जानें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व

Chaitra Purnima 2023 Kab Hai: कब है चैत्र पूर्णिमा? जानें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व | Chaitra Purnima 2023 Shubh Muhurat | Chaitra Purnima 2023 Puja Vidhi | चैत्र पूर्णिमा 2023 शुभ मुहूर्त | चैत्र पूर्णिमा 2023 पूजा विधि | chaitra purnima 2023 date shubh muhurat puja vidhi significance | HerZindagi हर एक तिथि अपने आप में खास होती है और इसमें विशेष रूप से विष्णु जी के साथ माता लक्ष्मी का पूजन किया जाता है। वहीं चैत्र महीने की पूर्णिमा तिथि सबसे मुख्य मानी जाती है क्योंकि हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र का महीना साल का पहला महीने होता है और इस पूरे माह भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का पूजन फलदायी होता है। यही नहीं चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जयंती भी होती है, इसलिए इस दिन उनका पूजन भी विशेष रूप से फलदायी होता है। आइए आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें कि इस साल कब पड़ेगी चैत्र महीने की पूर्णिमा और इस दिन किस तरह से पूजन करना फलदायी होगा। कब है चैत्र पूर्णिमा 2023 (Chaitra Purnima 2023 Kab Hai) • हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल चैत्र महीने की पूर्णिमा तिथि 5 अप्रैल 2023 को मनाई जाएगी। • चैत्र पूर्णिमा आरंभ - 5 अप्रैल, प्रातः 09 बजकर 19 मिनट पर • चैत्र पूर्णिमा समापन - 6 अप्रैल, प्रातः 10 बजकर 04 मिनट पर • चूंकि पूर्णिमा तिथि पूरे दिन के लिए 5 अप्रैल को हैं इसलिए इस दिन व्रत रखें शुभ होगा। • उदया तिथि के अनुसार पूर्णिमा 6 अप्रैल को है, इसलिए इस दिन प्रातः पवित्र नदी में स्नान करना फलदायी होगा। इसे जरूर पढ़ें: चैत्र पूर्णिमा का महत्व हिंदू कैलेंडर के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा को हिंदू नव वर्ष की शुरुआत के बाद पहली पूर्णिमा के रूप में माना जाता है। इस विशेष दिन पर,...