2023 में जनवरी में एकादशी कब है

  1. When Is Shattila Ekadashi Vrat 2023
  2. एकादशी कब है 2023
  3. January 2023 Festivals: जनवरी 2023 में आएंगे ये पर्व और त्योहार, जानिए इनका महत्व
  4. माघ मास षटतिला एकादशी एकादशी कब है?
  5. Putrada Ekadashi 2023: पौष पुत्रदा एकादशी कब है 2023 में? शुभ मुहूर्त, पुत्रदा एकादशी का महत्व
  6. (ग्यारस) एकादशी कब की है 2023
  7. 2023 एकादशी व्रत कैलेण्डर, New Delhi, India


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When Is Shattila Ekadashi Vrat 2023

Festival 2023 : भारत में हर सप्ताह महीने कोई ना कोई त्योहार व्रत होता ही है. ऐसे में नए साल में कौन सा त्योहार और व्रत कब पड़ रहा है इसको लेकर लोगों के मन में बहुत उत्सुकता है. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे षटतिला एकादशी व्रत के बारे में. आखिर में इस बार यह फेस्टिवल कब पड़ रहा है. तो आपको बता दें कि षटतिला का व्रत इस बार 18 जनवरी 2023 को पड़ रहा है. तो चलिए जानते हैं इससे जुड़ी कथा और मान्यता के बारे में आखिर ये त्यौहार क्यों रखा जाता है. दृक पंचांग के अनुसार माघ मास के कृष्ण पक्ष की षटतिला एकादशी तिथि 17 जनवरी 2023 दिन मंगलवार को शाम 06 बजकर 05 मिनट से शुरू होगी, अगले दिन 18 जनवरी 2023 को बुधवार को शाम 4 बजकर 03 मिनट पर ये समाप्त होगी. ऐसे में एकादशी व्रत उदया तिथि में 18 जनवरी 2023 को रखा जाएगा. षटतिला एकादशी व्रत का पारण समय - सुबह 07:14 - सुबह 09: 21 (19 जनवरी 2023) षटतिला एकादशी 2023 ऐसी मान्यता है कि एकादशी व्रत करने से हजारों वर्ष पुरानी तपस्या से अधिक फल प्राप्त होता है. इसका व्रत करने से आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है. इससे व्यक्ति हजारों वर्ष पुण्य को प्राप्त करता है.इस दिन काले तिल का दान करना चाहिए. इस दिन व्रती लोग दिन भर विष्णु भगवान की पूजा अर्चना में खोई रहती हैं. षटतिला एकादशी का महत्व | Shattila Ekadashi Importance पद्मपुराण के अनुसार श्री कृष्ण, युधिष्ठिर को इस एकादशी की महिमा बताते हुए कहते हैं कि हे नृपश्रेष्ठ! माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी 'षटतिला' या 'पापहारिणी'के नाम से विख्यात है,जो समस्त पापों का नाश करती है. जितना पुण्य कन्यादान, हजारों वर्षों की तपस्या और स्वर्ण दान से मिलता है, उससे अधिक फल प्राणी को षटतिला एकादशी का व्रत करने से मिलता है. यह व...

एकादशी कब है 2023

Ekadashi Kab Hai 2023: हिंदू धर्म में व्रत को बहुत ही ज्यादा महत्व दिया गया है। यूं तो कई सारे व्रत होते हैं लेकिन एकादशी व्रत को बहुत ही ज्यादा महत्व दिया जाता है और यह काफी पुराना व्रत है। इस व्रत के बारे में कई पौराणिक ग्रंथों में भी उल्लेखित है। हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है जिस कारण भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए इस दिन बहुत से लोग व्रत रखते हैं। जिस तरीके से हर महीने अमावस्या और पूर्णिमा की तिथि अलग-अलग होती है, ठीक इसी तरह एकादशी हर महीने अलग-अलग तारीख को पड़ती है। विषय सूची • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • एकादशी कब है (Ekadashi Kab Hai) दिनांक वार महिना पक्ष एकादशी 2 जनवरी 2023 सोमवार पौष शुक्ल वैकुंठ एकादशी/पौष पुत्रदा एकादशी 18 जनवरी 2023 बुधवार माघ कृष्ण षटतिला एकादशी 1 फरवरी 2023 बुधवार माघ शुक्ल जया एकादशी 16 फरवरी 2023 गुरुवार फाल्गुन कृष्ण विजया एकादशी 3 मार्च 2023 शुक्रवार फाल्गुन शुक्ल आमलकी एकादशी 18 मार्च 2023 शनिवार चैत्र कृष्ण पापमोचिनी एकादशी 1 अप्रैल 2023 शनिवार चैत्र शुक्ल कामदा एकादशी 16 अप्रैल 2023 रविवार वैशाख कृष्ण वरूथिनी एकादशी 1 मई 2023 सोमवार वैशाख शुक्ल मोहिनी एकादशी 15 मई 2023 सोमवार ज्येष्ठ कृष्ण अपरा एकादशी 31 मई 2023 बुधवार ज्येष्ठ शुक्ल निर्जला एकादशी 14 जून 2023 बुधवार आषाढ़ कृष्ण योगिनी एकादशी 29 जून 2023 गुरुवार आषाढ़ शुक्ल देवशयनी एकादशी 13 जुलाई 2023 गुरुवार सावन कृष्ण कामिका एकादशी 29 जुलाई 2023 शनिवार अधिक मास कृष्ण पद्मिनी एकादशी 12 अगस्त 2023 शनिवार अधिक मास शुक्ल परम एकादशी 27 अगस्त 2023 रविवार सावन शुक्ल श्रावण पुत्रदा एकादशी 10 सितंबर 2023 रविवार भाद्रपद कृष्ण अजा एकादशी 25 सितं...

January 2023 Festivals: जनवरी 2023 में आएंगे ये पर्व और त्योहार, जानिए इनका महत्व

हिंदू धर्म में त्योहार और व्रत का विशेष महत्व होता है. जनवरी 2023 में पौष पुत्रदा एकादशी, मकर संक्रांति, पोंगल, लोहड़ी, गुप्त नवरात्रि, वसंत पंचंमी जैसे बड़े त्योहार आएंगे. यहां आपके लिए लाए हैं जनवरी माह के व्रत और त्योहारों की पूरी लिस्ट, जिसको देखकर आप अपने पूरे महीने की प्लानिंग कर सकते हैं. पौष पुत्रदा एकादशी यह व्रत पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को किया जाता है. इस बार यह 2 जनवरी, 2023 को आ रहा है. इस दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मीजी की पूजा करने से निःसंतान दंपतियों को संतान की प्राप्ति होती है. इसी कारण से इसे पुत्रदा एकादशी कहा जाता है. प्रदोष व्रत पौष माह के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत इस बार 4 जनवरी, 2023 को है. इसी प्रकार माघ माह के कृष्ण पक्ष की प्रदोष 19 जनवरी, 2023 को आएगी. इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की आराधना की जाती है. बहुत से भक्त अपने कष्टों के निवारण को लिए इस दिन कई तरह के अनुष्ठान भी करते हैं. पौष पूर्णिमा पौष पूर्णिमा व्रत 6 जनवरी, 2023 को किया जाएगा. इस दिन श्रद्धालु भगवान सत्यनारायण की पूजा और व्रत करते हैं. शास्त्रों के अनुसार यदि इस दिन व्रत रखकर चन्द्रमा और लक्ष्मीजी की पूजा की जाए तो जीवन में सुख, समृद्धि और प्रसन्नता आती है. इस दिन बहुत से प्रकार के दान-पुण्य भी किए जाते हैं. संकष्टी चतुर्थी यह व्रत 10 जनवरी, 2023 को किया जाएगा. संकष्टी का अर्थ है समस्त संकट हरने वाली चतुर्थी. इस दिन यदि पूर्ण विधि विधान से गणेश जी का आह्वान किया जाए तो भक्तों के जीवन में आने वाले समस्त कष्ट दूर हो जाते हैं. लोहड़ी इस बार लोहड़ी 14 जनवरी, 2023 को मनाई जाएगी. यह पंजाब और सिख धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है. लोहड़ी को लेकर अलग-अलग मान्यताएं हैं. कई जगहों पर इसे ब...

माघ मास षटतिला एकादशी एकादशी कब है?

धार्मिक शास्त्रों के अनुसार जितना पुण्य कन्या दान, हजारों वर्षों की तपस्या और स्वर्ण दान करने के बाद मिलता है, उससे कहीं ज्यादा फल षटतिला एकादशी पर व्रत-उपवास करने पर मिलता है। इस दिन तिल का उपयोग पूजा, हवन, प्रसाद, स्नान, स्‍नान, दान, भोजन और तर्पण में किया जाता है। इस दिन तिल के दान का विधान होने के कारण ही यह षटतिला एकादशी कहलाती है। Amarnaath Yatra: इस साल की अमरनाथ यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर की ऑनलाइन बुकिंग सेवा शुरू हो गई है। यह सेवा श्रीनगर, बालटाल और पहलगाम से मिलेगी। इस सेवा के शुरू होने से बुजुर्ग लोगों को विशेष तौर पर राहत मिलेगी। इसके अलावा जिनके पास समय कम है, वे भी इसका लाभ उठा सकते हैं। हालांकि इस बार देरी से ऑनलाइन हेलीकॉप्टर बुकिंग सेवा शुरू हो रही है। Astrology : पंचांग में तिथि, नक्षत्र, योग, करण और वार ये पांच अंग महत्व पूर्ण होते हैं, परंतु इसी के साथ ही मास, मुहूर्त, आनन्दादि योग और सम्वत्सर को भी बहुत महत्वपूर्ण मानया गया है जिन्हें मिलाकर ही संपूर्ण फलादेश निकलता है। आओ जानते हैं कि योग कितने होते हैं और आनन्दादि योग क्या हैं एवं ये कितने होते हैं। गुरु अर्जुन देव जी की निर्मल प्रवृत्ति, सहृदयता, कर्तव्यनिष्ठता तथा धार्मिक एवं मानवीय मूल्यों के प्रति समर्पण भावना को देखते हुए गुरु रामदास जी ने सन् 1581 में पांचवें गुरु के रूप में उन्हें गुरु गद्दी पर सुशोभित किया। इस दौरान उन्होंने गुरुग्रंथ साहिब का संपादन किया, जो मानव जाति को सबसे बड़ी देन है

Putrada Ekadashi 2023: पौष पुत्रदा एकादशी कब है 2023 में? शुभ मुहूर्त, पुत्रदा एकादशी का महत्व

Paush Putrada Ekadashi 2023: वर्ष 2023 की शुरूआत ही पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi) के साथ हो रही है। हिंदू पंचांग के अनुसार पुत्रदा एकादशी साल में दो बार आती है। पहली एकादशी श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादश (ग्यारहवीं) तिथि को और दूसरी एकादशी पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आती है। इसे पौष पुत्रदा एकादशी भी कहते हैं। आइए जानते हैं वर्ष 2023 में पौष पुत्रदा एकादशी कब है और क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त एवं पूजा विधि? 2023 में पौष पुत्रदा एकादशी कब है? (Putrada Ekadashi in 2023), शुभ मुहूर्त और पारण का समय कब है? साल 2023 की शुरूआत ही पुत्रदा एकादशी से हो रही है। वर्ष 2023 में पौष पुत्रदा एकादशी 02 जनवरी को है। इस वर्ष की पुत्रदा एकादशी का बहुत ही शुभ संयोग है। • पौष पुत्रदा एकादशी तिथि की शुरूआत 01 जनवरी, 2023 की शाम 07 बजकर 11 मिनट से हो रही है। • 2023 में पौष पुत्रदा एकादशी 02 जनवरी को है। • पौष पुत्रदा एकादशी समाप्ति – 02 जनवरी, 2023 को रात 08 बजकर 23 मिनट को होगा। • एकादशी का पारण द्वादशी को 03 जनवरी, 2023 की सुबह 07:14 से सुबह 09:19 तक। पुत्रदा एकादशी का महत्व (Importance of Putrada Ekadashi) जैसा, कि इस एकादशी के नाम से ही ज्ञात हो रहा है, पुत्रदा एकादशी का व्रत पुत्र की प्राप्ति के लिए किया जाता है । भगवान श्री कृष्ण कहते हैं, पुत्रदा एकादशी का व्रत पुत्र की प्राप्ति के लिए करना चाहिए। पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत संतान प्राप्ति के साथ-साथ संतान के जीवन में आनेवाले कष्टों को दूर करने के लिए और संतान के रोगमुक्त और स्वस्थ जीवन के लिए भी माताएँ इस व्रत को रखती है। पौष पुत्रदा एकादशी पूजा विधि | Paush Putrada Ekadashi Puja Vidhi एकादशी के दिन सुबह–सुबह जल्दी उठक...

(ग्यारस) एकादशी कब की है 2023

Contents • 1 जनवरी में एकादशी कब की है • 1.1 फरवरी में एकादशी कब की है • 1.2 मार्च में एकादशी कब की है • 1.3 अप्रैल में एकादशी कब की है • 1.4 मई में एकादशी कब की है • 1.5 जून में एकादशी कब की है • 1.6 जुलाई में एकादशी कब की है • 1.7 अगस्त में एकादशी कब की है • 1.8 सितम्बर में एकादशी कब की है • 1.9 अक्टूबर में एकादशी कब की है • 1.10 नवंबर में एकादशी कब की है • 1.11 दिसंबर में एकादशी कब की है • 1.12 इस महीने की ग्यारस कब है? • 1.13 ग्यारस तिथि किस तारीख को है? जनवरी में एकादशी कब की है जनवरी महीने में पौष (पोह) मास की शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि 2 तारीख को सोमवार के दिन है, और माघ मास की कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि 18 तारीख को बुधवार के दिन है. Hindi Tithi Date Shukla Paksha Gyaras January 2023 2 January 2023 Krishna Paksha Gyaras January 2023 18 January 2023 फरवरी में एकादशी कब की है फरवरी महीने में माघ (माह) मास की शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि 1 तारीख को बुधवार के दिन है, और फाल्गुन (फागुन) मास की कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि 16 तारीख को गुरुवार के दिन है. Hindi Tithi Date Shukla Paksha Gyaras February 2023 1 February 2023 Krishna Paksha Gyaras February 2023 16 February 2023 मार्च में एकादशी कब की है मार्च महीने में फाल्गुन (फागुन) मास की शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि 2 तारीख को गुरुवार के दिन है, और चैत्र (चैत) मास की कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि 18 तारीख को शनिवार के दिन है. Hindi Tithi Date Shukla Paksha Gyaras March 2023 2 March 2023 Krishna Paksha Gyaras March 2023 18 March 2023 अप्रैल में एकादशी कब की है अप्रैल महीने में चैत्र (चैत) मास की शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि 1 तारीख को शनिवार के दिन है, और बैशाख (...

2023 एकादशी व्रत कैलेण्डर, New Delhi, India

दिनांक त्यौहार सोमवार, 02 जनवरी बुधवार, 18 जनवरी बुधवार, 01 फरवरी गुरुवार, 16 फरवरी शुक्रवार, 03 मार्च शनिवार, 18 मार्च शनिवार, 01 अप्रैल रविवार, 16 अप्रैल सोमवार, 01 मई सोमवार, 15 मई बुधवार, 31 मई बुधवार, 14 जून गुरुवार, 29 जून गुरुवार, 13 जुलाई शनिवार, 29 जुलाई शनिवार, 12 अगस्त रविवार, 27 अगस्त रविवार, 10 सितंबर सोमवार, 25 सितंबर मंगलवार, 10 अक्टूबर बुधवार, 25 अक्टूबर गुरुवार, 09 नवंबर गुरुवार, 23 नवंबर शुक्रवार, 08 दिसंबर शनिवार, 23 दिसंबर एकादशी व्रत से जुड़ा यह पृष्ठ यह जानकारी तो देता ही है कि एकादशी कब है, लेकिन साथ ही इस पर्व से जुड़े विभिन्न पहलुओं की भी विस्तार से विवेचना करता है। हिंदू धर्म में एकादशी या ग्यारस एक महत्वपूर्ण तिथि है। एकादशी व्रत की बड़ी महिमा है। एक ही दशा में रहते हुए अपने आराध्य देव का पूजन व वंदन करने की प्रेरणा देने वाला व्रत ही एकादशी व्रत कहलाता है। पद्म पुराण के अनुसार स्वयं महादेव ने नारद जी को उपदेश देते हुए कहा था, एकादशी महान पुण्य देने वाली होती है। कहा जाता है कि जो मनुष्य एकादशी का व्रत रखता है उसके पितृ और पूर्वज कुयोनि को त्याग स्वर्ग लोक चले जाते हैं। आइए, एकादशी से जुड़े अनेकानेक आयामों को गहराई से देखते हैं– क्या है एकादशी ? एकादशी का महत्व पुराणों के अनुसार एकादशी को ‘हरी दिन’ और ‘हरी वासर’ के नाम से भी जाना जाता है। इस व्रत को वैष्णव और गैर-वैष्णव दोनों ही समुदायों द्वारा मनाया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि एकादशी व्रत हवन, यज्ञ , वैदिक कर्म-कांड आदि से भी अधिक फल देता है। इस व्रत को रखने की एक मान्यता यह भी है कि इससे पूर्वज या पितरों को स्वर्ग की प्राप्ति होती है। स्कन्द पुराण में भी एकादशी व्रत के महत्व के बारे में बताया गया ह...