2023 में सरस्वती पूजा कब है jharkhand

  1. 2023 में सरस्वती पूजा कब है New Delhi, India में
  2. basant panchami 2023 when is saraswati puja know date shubh muhurat puja vidhi samagri aarti mntra importance in hindi tvi
  3. Basant Panchami 2023 Kab Hai Shubh Muhurat Saraswati Puja Vidhi Mantra
  4. Saraswati Puja 2023 Mein Kab Hai
  5. Saraswati puja 2023 Jharkhand
  6. Saraswati Puja 2023: कब है सरस्वती पूजा? बनेंगे सर्वार्थ सिद्धि समेत 4 शुभ योग, देखें वसंत पंचमी तिथि
  7. Gupt Navratri 2023 Date In June, Navratri Kab Se Shuru Ho Rahi Hai, Kalash Sthapana Ka Shubh Muhurt
  8. Basant Panchami 2023 When is 25 or 26 January Know Saraswati Puja Shubh muhurat And importance
  9. बसंत पंचमी / सरस्वती पूजा , 2023 की तारीख व मुहूर्त ‣ Om Asttro / ॐ एस्ट्रो


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2023 में सरस्वती पूजा कब है New Delhi, India में

आइए जानते हैं कि 2023 में सरस्वती पूजा कब है व सरस्वती पूजा 2023 की तारीख व मुहूर्त। माघ महीने शुक्ल पक्ष की पंचमी को सरस्वती पूजा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को वसंत पंचमी के तौर पर मनाने की भी परंपरा है। यह दिन ज्ञान, विद्या, बुद्धिमत्ता, कला और संस्कृति की देवी माँ सरस्वती को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि माघ शुक्ल पंचमी के दिन देवी सरस्वती की पूजा विशेष फलदायी होती है और इस दिन माँ शारदा के पूजन का बहुत महत्व है। इस दिन को अबूझ मुहूर्त भी कहा जाता है; दरअस्ल मान्यता है कि यह बहुत ही शुभ समय है। यूँ तो इस दिन भगवान श्री गणेश की पूजा के उपरान्त कलश स्थापना कर देवी सरस्वती का पूजन आरंभ करने का विधान है। सरस्वती स्तोत्र का पाठ देवी की प्रसन्नता और आशीर्वाद प्राप्ति के लिए किया जाना चाहिए। विद्या-दात्री माँ शारदा का निम्न मंत्र से ध्यान करना चाहिए – या कुंदेंदु-तुषार-हार-धवला, या शुभ्रा - वस्त्रावृता, या वीणा - वार - दण्ड - मंडित - करा, या श्वेत - पद्मासना। या ब्रह्माच्युत - शङ्कर - प्रभृतिभिर्देवै: सदा वन्दित, सा मां पातु सरस्वती भगवती नि: शेष - जाड्यापहा।। उपर्युक्त श्लोक का अर्थ है कि जो देवी कुन्द के फूल, चन्द्रमा, हिमराशि और मोतियों के हार की तरह श्वेत वर्ण वाली है तथा जो श्वेत वस्त्र धारण करती है; जिनके हाथ में वीणा-दण्ड शोभा पा रहा है व जो श्वेत कमल पर विजारमान हैं; ब्रह्मा-विष्णु-शिव आदि देवताओं द्वारा जो हमेशा पूजित हैं तथा जो संपूर्ण जड़ता व अज्ञान को दूर करने वाली है; ऐसी हे माँ सरस्वती! आप हमारी रक्षा करें। सरस्वती-लक्ष्मी-पार्वती की त्रिमूर्ति में से एक देवी सरस्वाती शुद्ध बुद्धि और ज्ञान देने वाली हैं। शास्त्रों के अनुसार वे भगवान ब्रह्मा की अर्धांगिनी ह...

basant panchami 2023 when is saraswati puja know date shubh muhurat puja vidhi samagri aarti mntra importance in hindi tvi

Basant Panchami, Saraswati Puja 2023: वसंत पंचमी, जिसे सरस्वती पूजा के रूप में भी जाना जाता है, ज्ञान, संगीत, कला और शिक्षा की देवी सरस्वती को समर्पित है. यह त्योहार वसंत के आगमन की तैयारी का भी प्रतीक है. इस वर्ष वसंत पंचमी 2023, 25 जनवरी को मनाई जायेगी या 26 जनवरी को इस बात को लेकर कंफ्यूजन है. द्रिक पंचांग के अनुसार वसंत पंचमी का मुहूर्त 25 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से शुरू हो जायेगा और 26 जनवरी 2023 को सुबह 10 बजकर 28 मिनट तक रहेगा. जानें कब मनाई जायेगी सरस्वती पूजा 2023 और बसंत पंचमी 2023. उदया तिथि के अनुसार वसंत पंचमी 2023 या सरस्वती पूजा 26 जनवरी को मनाई जाएगी. वसंत पंचमी 2023 शुभ मुहूर्त और समय द्रिक पंचांग के अनुसार वसंत पंचमी का मुहूर्त 25 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से शुरू होगा. वसंत पंचमी की पंचमी तिथि 25 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से शुरू होगी और 26 जनवरी 2023 को सुबह 10 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगी. हिंदू पंचांग के अनुसार, वसंत पंचमी माघ चंद्र माह के शुक्ल पक्ष पंचमी के दौरान मनाई जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वसंत पंचमी को देवी सरस्वती की पूजा की जाती है. इस दिन को देवी सरस्वती की जयंती के तौर पर भी मनाया जाता है. • सुबह स्नान कर स्वच्छ पीले रंग के कपड़े पहनें. • वसंत पंचती के दिन देवी सरस्वती मूर्ती या फोटो स्थापित करें साथ में गणेश जी को भी रखें और पूजा करें. • देवी को सफेद या पीले कपड़े और फूलों से सजायें, क्योंकि पीला रंग देवी सरस्वती का पसंदीदा रंग माना जाता है. • पूजा के स्थान पर किताब, कॉपी, वाद्ययंत्र रखें. • कुमकुम, अक्षत लगायें. • पीले फल अर्पित करें. • पीले फूल सरसों, गेंदे का अर्पित करें. • बेसन और केसर से बनी मिठाइयां बना कर ...

Basant Panchami 2023 Kab Hai Shubh Muhurat Saraswati Puja Vidhi Mantra

Basant Panachami 2023: विद्या, संगीत और कला की देवी सरस्वती को समर्पित बसंत पंचमी का त्योहार इस साल 26 जनवरी 2023 को मनाया जाएगा. हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मां सरस्वती की विशेष पूजा की जाती है. वसंत पंचमी से वसंत ऋतु की शुरुआत होती है. सनातन धर्म में मां सरस्वती की उपासना का विशेष महत्व है, क्योंकि ये ज्ञान की देवी हैं और ज्ञान को संसार में सभी चीजों से श्रेष्ठ कहा गया है, इस आधार पर देवी सरस्वती सभी से श्रेष्ठ हैं. मान्यता है कि बसंत पंचमी पर देवी सरस्वती की पूजा करने से मां लक्ष्मी और देवी काली का भी आशीर्वाद मिलता है. आइए जानते हैं नए साल में बसंत पंचमी की पूजा का मुहूर्त और पूजन विधि. बसंत पचंमी 2023 मुहूर्त (Basant Panachami 2023 Muhurat) पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी यानी माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 25 जनवरी 2023, दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से शुरू हो रही है. अगले दिन 26 जनवरी 2023 को सुबह 10 बजकर 38 मिनट पर इसका समापन होगा. उदयातिथि के अनुसार बसंत पंचमी की पूजा 26 जनवरी 2023 को की जाएगी. बसंत पंचमी पूजा मुहूर्त - सुबह 07:07 - दोपहर 12:35 (26 जनवरी 2023) बसंत पंचमी पूजा विधि (Basant Panachami Puja vidhi) बसंत पंचमी का त्योहार धार्मिक दृष्टि से विद्यार्थियों के लिए विशेष महत्व रखता है. इस दिन बच्चों को अक्षर लिखवाकर शिक्षा देने की शुरुआत की जाती है. बसंत का पीला रंग समृद्धि, ऊर्जा, आशावाद का प्रतीक है. इसलिए इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनकर मां सरस्वती की पूजा की जाती है. पीले व्यंजन बनाए जाते हैं. बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की हल्दी, केसर, पीले फूल, पीली मिठाई से पूजा की जाती है. साथ ही देवी सरस्वती के मूल मंत्र ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः का जाप हल्दी की मा...

Saraswati Puja 2023 Mein Kab Hai

सरस्वती पूजा 2023 – इस पोस्ट में हम सरस्वती पूजा के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्राप्त करेंगे. सरस्वती पूजा कब है? महत्व, सरस्वती पूजा 2023 तारीख और शुभ मुहूर्त. माँ सरस्वती की वंदना और आराधना का दिन है सरस्वती पूजा. इस दिन को वसंत पंचमी (Vasant Panchami) या श्रीपंचमी (ShriPanchami) के नाम से भी जाना जाता है. सरस्वती माता विद्या, ज्ञान, बुद्धि और कला-संस्कृति की देवी है. स्कूली विद्यार्थियों के लिए तो माता सरस्वती का पूजन और आराधना करना बेहद ही शुभ फलदायक होता है. सनातन धर्म में सरस्वती पूजा का दिन बेहद ही पवित्र और शुभ दिन होता है. भारत के उत्तर पूर्वोत्तर राज्य में सरस्वती पूजा बेहद ही उत्साह के साथ मनाई जाती है. इस दिन के अधिकतर स्कूलों और शिक्षण संस्थानों में सरस्वती पूजा अत्यंत श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाई जाती है. बिहार राज्य की बात करें तो इस दिन स्कूली बच्चे अपने स्कूल की पाठ्य पुस्तकें माता सरस्वती के समक्ष रख देते हैं। इस दिन कोई भी पेन या पेसिंल का उपयोग नहीं करता है. सरल शब्दों में कहा जाएं तो वसंत पंचमी सरस्वती पूजा के दिन पढ़ाई की शुरुआत करना बेहद ही शुभ होता है. इस कारण से इस दिन माता पिता अपने बच्चों के हाथ को पकड़ कर पहला अक्षर ॐ लिखवायें. यह अत्यंत ही शुभ होता है. विद्यारम्भ करने वाले बच्चे को इस दिन सरस्वती माता का आशीर्वाद दिलवाना चाहिए. सरस्वती माता की कृपा से उसे अथाह विद्या और ज्ञान की प्राप्ति होगी और उसका भविष्य उज्ज्वल होगा. Saraswati Puja 2023 तो दोस्तों अब देर ना करते हुए चलिए हम सब सरस्वती पूजा 2023 (Saraswati Puja 2023) और वसंत पंचमी 2023 (Vasant Panchami 2023) के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेतें हैं. Saraswati Puja 2023 | Vasant Panchami ...

Saraswati puja 2023 Jharkhand

झारखंड में सरस्वती पूजा की तिथि -Saraswati puja 2023 date in Jharkhand सरस्वती पूजा माघ माह के पंचमी तिथि को मनाया जाता है इस वर्ष पंचमी तिथि दिनांक 25 जनवरी को 12:35 अपराहन शुरू होगा और 26 जनवरी को 10:28 तक रहेगा. ऐसे में आप लोग जानते हैं कि सरस्वती पूजा हिंदुओं का पर्व है और यह सिर्फ हिंदू का नहीं यह विद्यार्थियों का भी महापर्व है तो ऐसे में सरस्वती पूजा 26 जनवरी को ही मनाया जाएगा. झारखंड में सरस्वती पूजा का कब से कब तक है मुहूर्त सरस्वती पूजा का सही मुहूर्त 7:07 से शुरू होकर 12:34 तक सही बताया गया है अगर इस बीच आप सरस्वती पूजा करते हैं तो मां सरस्वती का विशेष अनुकंपा आपको प्रदान होगा. सरस्वती पूजा में किन किन बातों का रखें ध्यान सरस्वती पूजा में पीले रंग का विशेष महत्व है तो पूजा करते समय पीले रंग का वस्त्र पहने पीले रंग का फूल रखें पीले रंग का माला प्रयोग करें और अगर आप पंडाल बनवा रहे हैं तो पीले रंग के ही कलर से पंडाल भी बनवाएं ऐसा माना जाता है कि पूजा के दिन अगर आप अपना किताब और कॉपी मां सरस्वती के चरणों में रखकर के उन से यह प्रार्थना करें कि हे सरस्वती मां मुझे ज्ञान और बुद्धि में बढ़ोतरी दें. सरस्वती पूजा झारखंड के स्कूल और कॉलेजों में प्रतिमा लगाकर के बड़े ही धूमधाम से पूजा की जाती है इसमें स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थी बड़े ही दिलचस्पी से भाग लेते हैं और अलग-अलग एक्टिविटी भी करते हैं

Saraswati Puja 2023: कब है सरस्वती पूजा? बनेंगे सर्वार्थ सिद्धि समेत 4 शुभ योग, देखें वसंत पंचमी तिथि

सरस्वती पूजा के दिन इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग समेत चार शुभ योग बन रहे हैं. माघ शुक्ल पंचमी को सरस्वती पूजा मनाते हैं. इसे वसंत पंचमी भी कहा जाता है. Saraswati Puja 2023: नववर्ष में 26 जनवरी गुरुवार को सरस्वती पूजा है. इसे वसंत पंचमी के नाम से भी जानते हैं. सरस्वती पूजा पर गणतंत्र दिवस है और इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बना है. इस बार स्कूलों में गणतंत्र दिवस और सरस्वती पूजा एक साथ मनाया जाएगा. इस दिन माता लक्ष्मी का पीले फूल, गुलाल, रोली, अक्षत्, धूप, दीप आदि से पूजन किया जाता है. पंचांग के अनुसार माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को सरस्वती पूजा मनाते हैं. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भटृट के अनुसार, इस साल सरस्वती पूजा वाले दिन 26 जनवरी को चार शुभ योग शिव योग, सिद्ध योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग बने रहे हैं. रवि योग का समय शाम 06 बजकर 57 मिनट से शुरू हो रहा है और यह 27 जनवरी को सुबह 07 बजकर 12 मिनट तक रहेगा. रवि योग में सूर्य देव का प्रभाव होता है. वे अमंगल को दूर करते हैं और शुभता प्रदान करते हैं. ये भी पढ़ें: नए साल में 64 दिन बजेगी शहनाई, जानें कब हैं विवाह मुहूर्त, देखें पूरी लिस्ट ठीक वैसे ही सर्वार्थ सिद्धि योग भी शाम 06:57 बजे से शुरु हो रहा है, जो 27 जनवरी को सुबह 07:12 बजे तक मान्य रहेगा. सर्वार्थ सिद्धि योग अत्यंत शुभ फलदायी होता है. इस योग में किए गए कार्य सफल सिद्ध होते हैं. सरस्वती पूजा वाले दिन शिव योग सुबह से लेकर दोपहर 03:29 बजे तक मान्य है. इस योग में ध्यान, पूजा आदि का महत्व है. इसके बाद से सिद्ध योग शुरू होगा, जो पूरी रात्रि तक है. सिद्ध योग भी शुभ योगों में से एक है. ये भी पढ़ें: कब है वसंत पंचमी? देखें पूजा का शुभ मुहूर्त, जानें मां सरस्वती से जु...

Gupt Navratri 2023 Date In June, Navratri Kab Se Shuru Ho Rahi Hai, Kalash Sthapana Ka Shubh Muhurt

Navratri 2023: नवरात्रि के पावन अवसर की सनातन धर्म में विशेष धार्मिक मान्यता होती है. भक्त पूरे मनोभाव से नवरात्रि के व्रत रखते हैं. मान्यतानुसार साल में 4 तरह की नवरात्रि पड़ती हैं जिनमें चैत्र नवरात्रि, गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri) और शारदीय नवरात्रि शामिल हैं. गुप्त नवरात्रि दो बार पड़ती है जिनमें से एक माघ माह में और दूसरी आषाढ़ के महीने में मनाई जाती है. जून के महीने में आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि पड़ रही है. इस नवरात्रि की शुरूआत किस दिन होगी, समापन कब होगा और पहले दिन कलश स्थापना किस मुहूर्त में की जाएगी जानिए यहां. गुप्त नवरात्रि की तिथि | Gupt Navratri Date आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि 19 जून से प्रारंभ हो रही है जिसका समापन 28 जून के दिन होगा. इस नवरात्रि को तंत्र-मंत्र के साधकों के लिए बेहद खास माना जाता है. कहते हैं नवरात्रि के व्रत में मां दुर्गा ( Ma Durga) के नौं रूपों की पूजा-आराधना की जाती है और भक्तों की हर मनोकामना मां पूरी करती हैं. पंचांग के अनुसार, शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरूआत 18 जून को सुबह 10 बजकर 6 मिनट से हो रही है और इस तिथि की समाप्ति अगले दिन 19 जून सुबह 11 बजकर 25 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. उदया तिथि के अनुसार नवरात्रि की शुरूआत 19 जून से ही होगी. कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि की कलश स्थापना (Kalash Sthapana) 19 जून के दिन ही की जाएगी. कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 19 जून सुबह 5:30 बजे से 7:27 बजे के बीच है. इसके दिन सुबह 11 बजकर 55 मिनट से अभिजीत मुहूर्त लग रहा है जो दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगा. इस शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना की जा सकती है. इस तरह की जा सकेगी पूजा गुप्त नवरात्रि के दिन सुबह सूर्योदय से पहले स...

Basant Panchami 2023 When is 25 or 26 January Know Saraswati Puja Shubh muhurat And importance

पटनाः Basant Panchami 2023: हिंदू धर्म में बसंत पंचमी का विशेष खास महत्व होता है. बसंत पंचमी हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन मनाई जाती है. बसंत पंचमी को कई जगह सरस्वती पंचमी के नाम से भी जाना जाता है. इस त्योहार को देश के कई हिस्सों में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है. बसंत पंचमी के दिन बड़े ही धूमधाम से मां सरस्वती की पूजा की जाती है. इस साल बसंत पंचमी का पर्व 26 जनवरी 2023 के दिन गुरुवार को मनाया जाएगा. मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन ही सृष्टि के रचियता भगवान ब्रह्मा के मुख से ज्ञान और विद्या की देवी मां सरस्वती प्रकट हुई थी. विद्यार्थियों के लिए बसंत पंचमी का खास महत्व है. बसंत पंचमी के दिन विद्या और ज्ञान की देवी मां सरस्वती के पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है. बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त इस बार बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त 26 जनवरी 2023 दिन गुरुवार को सुबह 07:12 मिनट से लेकर दोपहर 12:34 मिनट तक रहेगा. ऐसे में इस दिन देवी की पूजा की अवधि: 05 घंटे तक होगी. बसंत पंचमी का विशेष महत्व हिंदू धर्म में बसंत पंचमी का काफी खास महत्व होता है. इस दिन पीले रंग का विशेष महत्व होता है. ऐसा कहा जाता है कि बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को पीले फूल अर्पित करने चाहिए और इस दिन मां को पीले रंग के वस्त्र और पीले भोजन का ही भोग लगाया जाना चाहिए. बसंत पंचमी के दिन से मौसम सुहावना होने लग जाता है. पेड़-पौधों पर नए पत्ते, फूल और कलियां भी खिलने लगती है. इसी वजह से इस दिन पीले रंग का काफी ज्यादा महत्व होता है. बसंत के मौसम में सरसों की फसल पक कर तैयार हो जाती है. धरती पीले फूलों से पीली नजर आती है. यह भी पढ़ें-

बसंत पंचमी / सरस्वती पूजा , 2023 की तारीख व मुहूर्त ‣ Om Asttro / ॐ एस्ट्रो

आइए जानते हैं कि 2023 में बसंत पंचमी कब है व बसंत पंचमी 2023 की तारीख व मुहूर्त। बसंत पंचमी माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाई जाती है। आज ही के दिन से भारत में वसंत ऋतु का आरम्भ होता है। इस दिन सरस्वती पूजा भी की जाती है। बसंत पंचमी की पूजा सूर्योदय के बाद और दिन के मध्य भाग से पहले की जाती है। इस समय को पूर्वाह्न भी कहा जाता है। यदि पंचमी तिथि दिन के मध्य के बाद शुरू हो रही है तो ऐसी स्थिति में वसंत पंचमी की पूजा अगले दिन की जाएगी। हालाँकि यह पूजा अगले दिन उसी स्थिति में होगी जब तिथि का प्रारंभ पहले दिन के मध्य से पहले नहीं हो रहा हो; यानि कि पंचमी तिथि पूर्वाह्नव्यापिनी न हो। बाक़ी सभी परिस्थितियों में पूजा पहले दिन ही होगी। इसी वजह से कभी-कभी पंचांग के अनुसार बसन्त पंचमी चतुर्थी तिथि को भी पड़ जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार आज के दिन देवी रति और भगवान कामदेव की षोडशोपचार पूजा करने का भी विधान है। षोडशोपचार पूजा संकल्प ॐ विष्णुः विष्णुः विष्णुः, अद्य ब्रह्मणो वयसः परार्धे श्रीश्वेतवाराहकल्पे जम्बूद्वीपे भारतवर्षे, अमुकनामसंवत्सरे माघशुक्लपञ्चम्याम् अमुकवासरे अमुकगोत्रः अमुकनामाहं सकलपाप – क्षयपूर्वक – श्रुति – स्मृत्युक्ताखिल – पुण्यफलोपलब्धये सौभाग्य – सुस्वास्थ्यलाभाय अविहित – काम – रति – प्रवृत्तिरोधाय मम पत्यौ/पत्न्यां आजीवन – नवनवानुरागाय रति – कामदम्पती षोडशोपचारैः पूजयिष्ये। यदि बसन्त पंचमी के दिन पति-पत्नी भगवान कामदेव और देवी रति की पूजा षोडशोपचार करते हैं तो उनकी वैवाहिक जीवन में अपार ख़ुशियाँ आती हैं और रिश्ते मज़बूत होते हैं। रति और कामदेव का ध्यान ॐ वारणे मदनं बाण – पाशांकुशशरासनान्। धारयन्तं जपारक्तं ध्यायेद्रक्त – विभूषणम्।। सव्येन पतिमाश्लिष्य व...