2023 mein march mein navratri kab hai

  1. Chaitra Navratri Date: 22 मार्च से शुरू होगी चैत्र नवरात्रि, जानें कब और कैसे करें शक्ति की साधना
  2. Chaitra Navratri 2023 Puja vidhi shubh muhurt ghatasthapana vidhi hindi tips for maa durga puja plrh
  3. Navratri 2023 Chaitra Navratri is becoming rare after 110 years know what is a Shubh muhurt of pooja
  4. Chaitra Navratri 2023 Start And End Date: Navratri Kab Se Hai 2023 Chaitra Navratri Kab Se Shuru Hai Chaitra Navratri 2023 March Date


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Chaitra Navratri Date: 22 मार्च से शुरू होगी चैत्र नवरात्रि, जानें कब और कैसे करें शक्ति की साधना

Chaitra Navratri 2023: जिस शक्ति के बगैर मनुष्य क्या किसी भी देवता का कोई अस्तित्व नहीं होता है, उस शक्ति की साधना का महापर्व चैत्र नवरात्रि इस साल 22 मार्च 2023, बुधवार के दिन से प्रारंभ होकर 30 मार्च 2023, गुरुवार तक मनाया जाएगा. पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्लपक्ष की प्रतिपदा से शुरू होने वाली नवरात्रि के पहले दिन को हिंदू नववर्ष के रूप में भी जाना जाता है. मान्यता है कि नए साल की शुरुआत देवी दुर्गा के 09 स्वरूपों की 09 दिनों तक पूजा से शुरु करने पर पूरे साल सुख और सौभाग्य बना रहता है. आइए चैत्र नवरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि एवं नियम आदि के बारे में विस्तार से जानते हैं. चैत्र नवरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल चैत्र नवरात्रि का महापर्व 22 मार्च 2023, बुधवार से प्रारंभ होगा. पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्लपक्ष की प्रतिपदा तिथि 21 मार्च 2023 को रात्रि 10:52 बजे से प्रांरभ होकर 22 मार्च 2023 को रात्रि 08:20 बजे तक रहेगी. नवरात्रि के पहले दिन किए जाने वाले कलश की स्थापना का सबसे उत्तम मुहूर्त 22 मार्च 2023 को प्रात:काल 06:23 से लेकर 07:32 बजे तक रहेगा. इस दिन किसी भी शुभ एवं पूजन कार्य के लिए निषिद्ध माना जाने वाला राहुकाल दोपहर 12:28 से लेकर 01:59 बजे तक रहेगा. ऐसे में देवी पूजा को इस दौरान करने से बचें. ये भी पढ़ें: Rang Panchami 2023: कब मनाई जाएगी देवी-देवताओं की होली, जाने शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व चैत्र नवरात्रि में कैसे करें व्रत की शुरुआत चैत्र मास के शुक्लपक्ष की प्रतिपदा के पहले दिन देवी मां शैलपुत्री की पूजा का विधान है. इस दिन से देवी पूजा के लिए रखा जाने वाला 09 दिनों का व्रत प्रारंभ होता है और इसी दिन शुभ मुह...

Chaitra Navratri 2023 Puja vidhi shubh muhurt ghatasthapana vidhi hindi tips for maa durga puja plrh

Chaitra Navratri 2023 Puja vidhi shubh muhurt ghatasthapana vidhi hindi tips for maa durga puja plrh | Chaitra Navratri 2023: इस दिन होगी चैत्र नवरात्रि की शुरुआत, जानें कब और कैसे होगी घटस्थापना? | Hindi News, Zee PHH Religion Chaitra Navratri 2023: इस दिन होगी चैत्र नवरात्रि की शुरुआत, जानें कब और कैसे होगी घटस्थापना? Chaitra Navratri 2023: यह तो आप सभी को मालूम है कि साल में दो बड़ी नवरात्रि (Navratra 2023) आती है. एक बार होली के बाद (Holi Navratri 2023 date) और दूसरी बार दिवाली (Diwali Navratri 2023 Date) से पहले. ऐसे में अब साल की पहली नवरात्रि (First Navratri 2023) आने वाली है जो कि होली के बाद आएगी, जिसे चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2023) कहा जाता है. इस नवरात्रि का खास महत्व होता है क्योंकि हिंदू पंचाग के हिसाब से चैत्र माह से ही नए साल की शुरुआत होती है. इस नवरात्रि में ज्यादातर भक्त घटस्थापना (Ghatasthapana date 2023) यानी कलश स्थापना कर नौ दिन तक अन्न त्यागकर व्रत रखते हैं. कब शुरू होगी चैत्र नवरात्रि (Chaitra navratri 2023 start date) हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल की चैत्र नवरात्रि चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 21 मार्च 2023 से रात 10 बजकर 55 मिनट से शुरू होगी, लेकिन अगर उदया तिथि की बात की जाए तो यह नवरात्रि 22 मार्च को रात 8 बजकर 25 मिनट से शुरू होगी. तारीख चैत्र नवरात्रि के दिन 22 मार्च नवरात्रि का पहला दिन घटस्थापना 23 मार्च नवरात्रि का दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा 24 मार्च नवरात्रि का तीसरा दिन मां चंद्रघण्टा पूजा 25 मार्च नवरात्रि का चौथा दिन मां कुष्माण्डा पूजा 26 मार्च नवरात्रि का पांचवा दिन मां स्कंदमाता पूजा 27 मार्च नवरात्रि का ...

Navratri 2023 Chaitra Navratri is becoming rare after 110 years know what is a Shubh muhurt of pooja

Navratri 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार साल में 4 बार नवरात्रि आती हैं. इसमें पहली नवरात्रि चैत्र की नवरात्रि होती हैं. चैत्र नवरात्रि के पहले दिन से ही हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है. इस साल 22 मार्च, बुधवार से चैत्र नवरात्रि शुरू हो रही हैं, जो कि 30 मार्च, गुरुवार तक चलेंगी. इस दौरान कुछ ऐसे बेहद शुभ योग बन रहे हैं, जो 110 साल बाद ऐसे शुभ योगों का दुर्लभ संयोग बना रहे हैं. इस दुर्लभ संयोग के चलते मां शक्ति की आराधना का यह पर्व और भी ज्‍यादा खास हो गया है. navratri 2023,navratri puja 2023,navratri kab hai 2023,Chaitra Navratri 2023,Navratri puja,navratri puja vidhi,navratri easy pooja,navratri kab hai,Chaitra Navaratri,navratri 2023 kaksh sthapna shubh muhurt,chaitra navratri kab hai,navratra kab hai,march me navratri kab hai,navratri easy puja at home,Chaitra Navratri Puja Vidhi,kalash sthapna navratri,navratri kaksh sthapna vidhi,navratri kaksh sthapna muhurt,2023 mein navratri kab hai,

Chaitra Navratri 2023 Start And End Date: Navratri Kab Se Hai 2023 Chaitra Navratri Kab Se Shuru Hai Chaitra Navratri 2023 March Date

तारीख तिथि मां का रूप 22 मार्च 2023, बुधवार (नवरात्रि दिन 1) प्रतिपदा मां शैलपुत्री पूजा, घटस्थापना 23 मार्च 2023, गुरुवार (नवरात्रि दिन 2 द्वितीया मां ब्रह्मचारिणी पूजा 24 मार्च 2023, शुक्रवार (नवरात्रि दिन 3) तृतीया मां चंद्रघंटा पूजा 25 मार्च 2023, शनिवार (नवरात्रि दिन 4) चतुर्थी मां कुष्मांडा पूजा 26 मार्च 2023, रविवार (नवरात्रि दिन 5) पंचमी मां स्कंदमाता पूजा 27 मार्च 2023, सोमवार (नवरात्रि दिन 6) षष्ठी मां कात्यायनी पूजा 28 मार्च 2023, मंगलवार (नवरात्रि दिन 7) सप्तमी मां कालरात्रि पूजा 29 मार्च 2023, बुधवार (नवरात्रि दिन 8) अष्टमी मां महागौरी पूजा, कन्या पूजन 30 मार्च 2023, गुरुवार (नवरात्रि दिन 9) नवमी मां सिद्धिदात्री पूजा, कन्या पूजन, रामनवमी 31 मार्च 2023, शुक्रवार (नवरात्रि दिन 10) दशमी नवरात्रि पारणा यदि नवरात्रि का पहला दिन रविवार या सोमवार को पड़ता है तो इसका मतलब मां दुर्गा की सवारी हाथी रहेगी। यदि शनिवार और मंगलवार से नवरात्रि शुरू होती हैं तो माता घोड़े पर सवार होकर आती हैं। वहीं अगर गुरुवार और शुक्रवार का दिन नवरात्रि का पहला दिन हो तो माता की सवारी पालकी मानी जाती है और अगर नवरात्रि बुधवार से प्रारंभ हो रही हों तो मां दुर्गा नाव में सवार होकर आती हैं। नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना यानी कलश स्थापना की जाती है। जिसके लिए शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखा जाता है। घटस्थापना करने के लिए पूजा स्‍थल पर मिट्टी की वेदी बनाकर तैयार कर लें या मिट्टी के किसी बड़े पात्र में जौ या गेहूं बोएं। फिर एक और कलश या मिट्टी का पात्र लें।उसकी गर्दन पर मौली बांध दें और उसपर तिलक लगाएं और कलश में जल भर दें। कलश में जल के साथ अक्षत, सुपारी, सिक्का आदि भी डालें। फिर एक नारियल लाल कप...