2024 में नवरात्रि कब है

  1. 2024 में सरस्वती पूजा कब है New Delhi, India में
  2. 2024 में छठ पूजा कब है New Delhi, India में
  3. Ashadha Gupt Navratri 2023: कब है आषाढ़ गुप्त नवरात्रि? वृद्धि योग में होगी कलश स्थापना, देखें मुहूर्त और व्रत कैलेंडर
  4. Chaitra Navratri 2024 Kalash Sthapana चैत्र नवरात्रि कलश स्थापना » Sonatuku
  5. 2024 में गुड़ी पड़वा कब है New Delhi, India में
  6. 2023 में शरद नवरात्रि पारणा कब है New Delhi, India में


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2024 में सरस्वती पूजा कब है New Delhi, India में

आइए जानते हैं कि 2024 में सरस्वती पूजा कब है व सरस्वती पूजा 2024 की तारीख व मुहूर्त। माघ महीने शुक्ल पक्ष की पंचमी को सरस्वती पूजा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को वसंत पंचमी के तौर पर मनाने की भी परंपरा है। यह दिन ज्ञान, विद्या, बुद्धिमत्ता, कला और संस्कृति की देवी माँ सरस्वती को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि माघ शुक्ल पंचमी के दिन देवी सरस्वती की पूजा विशेष फलदायी होती है और इस दिन माँ शारदा के पूजन का बहुत महत्व है। इस दिन को अबूझ मुहूर्त भी कहा जाता है; दरअस्ल मान्यता है कि यह बहुत ही शुभ समय है। यूँ तो इस दिन भगवान श्री गणेश की पूजा के उपरान्त कलश स्थापना कर देवी सरस्वती का पूजन आरंभ करने का विधान है। सरस्वती स्तोत्र का पाठ देवी की प्रसन्नता और आशीर्वाद प्राप्ति के लिए किया जाना चाहिए। विद्या-दात्री माँ शारदा का निम्न मंत्र से ध्यान करना चाहिए – या कुंदेंदु-तुषार-हार-धवला, या शुभ्रा - वस्त्रावृता, या वीणा - वार - दण्ड - मंडित - करा, या श्वेत - पद्मासना। या ब्रह्माच्युत - शङ्कर - प्रभृतिभिर्देवै: सदा वन्दित, सा मां पातु सरस्वती भगवती नि: शेष - जाड्यापहा।। उपर्युक्त श्लोक का अर्थ है कि जो देवी कुन्द के फूल, चन्द्रमा, हिमराशि और मोतियों के हार की तरह श्वेत वर्ण वाली है तथा जो श्वेत वस्त्र धारण करती है; जिनके हाथ में वीणा-दण्ड शोभा पा रहा है व जो श्वेत कमल पर विजारमान हैं; ब्रह्मा-विष्णु-शिव आदि देवताओं द्वारा जो हमेशा पूजित हैं तथा जो संपूर्ण जड़ता व अज्ञान को दूर करने वाली है; ऐसी हे माँ सरस्वती! आप हमारी रक्षा करें। सरस्वती-लक्ष्मी-पार्वती की त्रिमूर्ति में से एक देवी सरस्वाती शुद्ध बुद्धि और ज्ञान देने वाली हैं। शास्त्रों के अनुसार वे भगवान ब्रह्मा की अर्धांगिनी ह...

2024 में छठ पूजा कब है New Delhi, India में

आइए जानते हैं कि 2024 में छठ पूजा कब है व छठ पूजा 2024 की तारीख व मुहूर्त। छठ पर्व या छठ पूजा कार्तिक शुक्ल षष्ठी को मनाया जाने वाला लोकपर्व है। इसे सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व छठ पर सूर्य देव और छठी मैया की पूजा का विधान छठ पूजा में शास्त्रों में षष्ठी देवी को ब्रह्मा जी की मानस पुत्री भी कहा गया है। पुराणों में इन्हें माँ कात्यायनी भी कहा गया है, जिनकी पूजा नवरात्रि में षष्ठी तिथि पर होती है। षष्ठी देवी को ही बिहार-झारखंड में स्थानीय भाषा में छठ मैया कहा गया है। छठ पूजा उत्सव छठ पूजा चार दिनों तक चलने वाला लोक पर्व है। यह चार दिवसीय उत्सव है, जिसकी शुरुआत कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से होती है और कार्तिक शुक्ल सप्तमी को इस पर्व का समापन होता है। नहाय खाये (पहला दिन) यह छठ पूजा का पहला दिन है। नहाय खाय से मतलब है कि इस दिन स्नान के बाद घर की साफ-सफाई की जाती है और मन को तामसिक प्रवृत्ति से बचाने के लिए शाकाहारी भोजन किया जाता है। खरना (दूसरा दिन) खरना, छठ पूजा का दूसरा दिन है। खरना का मतलब पूरे दिन के उपवास से है। इस दिन व्रत रखने वाला व्यक्ति जल की एक बूंद तक ग्रहण नहीं करता है। संध्या के समय गुड़ की खीर, घी लगी हुई रोटी और फलों का सेवन करती हैं, साथ ही घर के बाकि सदस्यों को इसे प्रसाद के तौर पर दिया जाता है। संध्या अर्घ्य (तीसरा दिन) छठ पर्व के तीसरे दिन कार्तिक शुक्ल षष्ठी को संध्या के समय सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है। शाम को बाँस की टोकरी में फलों, ठेकुआ, चावल के लड्डू आदि से अर्घ्य का सूप सजाया जाता है, जिसके बाद व्रति अपने परिवार के साथ सूर्य को अर्घ्य देती हैं। अर्घ्य के समय सूर्य देव को जल और दूध चढ़ाया जाता है और प्रसाद भरे सूप से छठी मैया की पूजा...

Ashadha Gupt Navratri 2023: कब है आषाढ़ गुप्त नवरात्रि? वृद्धि योग में होगी कलश स्थापना, देखें मुहूर्त और व्रत कैलेंडर

गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों के अलावा 10 महाविद्याओं का भी पूजन होता है. आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा तिथि 18 जून रविवार को सुबह 10 बजकर 06 मिनट से प्रारंभ हो रही है. हर साल आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है. एक साल में दो गुप्त नवरात्रि, एक चैत्र नवरात्रि और एक शारदीय नवरात्रि होती है. गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों के अलावा 10 महाविद्याओं का भी पूजन होता है. तंत्र-मंत्र की साधना के लिए गुप्त नवरात्रि अच्छी मानी जाती है. इस बार आषाढ़ गुप्त नवरात्रि पूरे 9 दिन की है. 9 दिन की नवरात्रि को शुभ माना जाता है. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं कि आषाढ़ गुप्त नवरात्रि कब से है? कलश स्थापना का मुहूर्त क्या है? देखें आषाढ़ गुप्त नवरात्रि व्रत कैलेंडर भी. आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2023 प्रारंभ पंचांग के अनुसार, इस साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 18 जून रविवार को सुबह 10 बजकर 06 मिनट से प्रारंभ हो रही है. यह तिथि अलगे दिन सोमवार 19 जून को सुबह 11 बजकर 25 मिनट तक है. प्रतिपदा तिथि 19 जून को मान्य है, इसलिए आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 19 जून से प्रारंभ होगी. यह भी पढ़ें: गुरुवार को करें केसर के 6 उपाय, संवर जाएगी बिगड़ी किस्मत, महालक्ष्मी होंगी खुश, धन-दौलत रहेगा भरपूर वृद्धि योग में आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2023 इस साल 19 जून को प्रारंभ हो रही आषाढ़ गुप्त नवरात्रि वृद्धि योग में है. उस दिन वृद्धि योग सुबह से लेकर देर रात 01 बजकर 15 मिनट तक है. वृद्धि योग में आप जो भी कार्य करेंगे, उसके फल में वृद्धि होगी. आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2023 कलश स्थापना मुहूर्त आषाढ़ गुप्त नवरात्रि ...

Chaitra Navratri 2024 Kalash Sthapana चैत्र नवरात्रि कलश स्थापना » Sonatuku

Chaitra Navratri 2024 Kalash Sthapana / Ghata Sthapana– When is Chaitra Navratri 2024 Kalash Sthapana? In this post we will get information about Chaitra Navratri Kalash Sthapana date, Shubh Muhurt (auspicious time) and importance. चैत्र नवरात्रि 2024 कलश स्थापना | घट स्थापना– इस पोस्ट में हम सब चैत्र नवरात्रि 2024 कलश स्थापना के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे. चैत्र नवरात्रि कलश स्थापना कब है? चैत्र नवरात्रि 2024 कलश स्थापना तारीख, चैत्र नवरात्रि कलश स्थापना का महत्व आदि. नमस्कार, स्वागत है आप सबका चैत्र नवरात्रि की शुरुआत कलश स्थापना से होती है. इस पोस्ट में हम कलश स्थापना के शुभ मुहूर्त के बारे में भी जानकारी प्राप्त करेंगे. माँ दुर्गा के भक्तों के लिए नवरात्रि का उत्सव एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण उत्सव होता है. नवरात्रि की शुरुआत कलश स्थापना से ही होती है. इस दिन से ही माँ दुर्गा की उनके विभिन्न रूपों में पूजा भी शुरू हो जाती है. नवरात्रि के पहले दिन माँ के चलिए अब हम सब चैत्र नवरात्रि 2024 कलश स्थापना (Chaitra Navratri 2024 Kalash Sthapana) के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेतें हैं. चैत्र नवरात्रि 2024 कलश स्थापना कब है? (Chaitra Navratri 2024 Kalash Sthapana) कलश स्थापना जिसे हम सब घट स्थापना भी कहतें हैं, चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि यानी की नवरात्रि के प्रथम दिन की जाती है. चैत्र नवरात्रि की घट स्थापना के शुभ तारीख और शुभ मुहूर्त के लिए ज्योतिषियों द्वारा बहुत सी गणनाओं को किया जाता है और शुभ मुहूर्त निकाला जाता है. इन सबके बारे में हम विस्तार से चर्चा नहीं कर रहें हैं. साल 2024 में चैत्र नवरात्रि 2024 कलश स्थापना 09 अप्रैल 2024, दिन मंगलवार को है. चैत्र ...

2024 में गुड़ी पड़वा कब है New Delhi, India में

आइए जानते हैं कि 2024 में गुड़ी पड़वा कब है व गुड़ी पड़वा 2024 की तारीख व मुहूर्त। गुड़ी पड़वा का पर्व मुख्यतः महाराष्ट्र में हिन्दू नववर्ष या नव-सवंत्सर के आरंभ की ख़ुशी में मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नए साल की शुरुआत होती है और इसी दिन यह त्योहार मनाने की प्रथा है। गुड़ी पड़वा का मुहूर्त 1.चैत्र मास के शुक्ल पक्ष में जिस दिन सूर्योदय के समय प्रतिपदा हो, उस दिन से नव संवत्सर आरंभ होता है। 2.यदि प्रतिपदा दो दिन सूर्योदय के समय पड़ रही हो तो पहले दिन ही गुड़ी पड़वा मनाते हैं। 3.यदि सूर्योदय के समय किसी भी दिन प्रतिपदा न हो, तो तो नव-वर्ष उस दिन मनाते हैं जिस दिन प्रतिपदा का आरंभ व अन्त हो। अधिक मास होने की स्थिति में निम्नलिखित नियम के अनुसार गुड़ी पड़वा मनाते हैं– प्रत्येक 32 माह, 16 दिन और 8 घटी के बाद वर्ष में अधिक मास जोड़ा जाता है। अधिक मास होने के बावजूद प्रतिपदा के दिन ही नव संवत्सर आरंभ होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि अधिक मास भी मुख्य महीने का ही अंग माना जाता है। इसलिए मुख्य चैत्र के अतिरिक्त अधिक मास को भी नव सम्वत्सर का हिस्सा मानते हैं। गुडी पडवा की पूजा-विधि निम्न विधि को सिर्फ़ मुख्य चैत्र में ही किए जाने का विधान है– • नव वर्ष फल श्रवण (नए साल का भविष्यफल जानना) • तैल अभ्यंग (तैल से स्नान) • निम्ब-पत्र प्राशन (नीम के पत्ते खाना) • ध्वजारोपण • चैत्र नवरात्रि का आरंभ • घटस्थापना संकल्प के समय नव वर्ष नामग्रहण (नए साल का नाम रखने की प्रथा) को चैत्र अधिक मास में ही शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को मनाया जा सकता है। इस संवत्सर का नाम पिंगल है तथा वर्ष 2081 है। साथ ही यह श्री शालीवाहन शकसंवत 1946 भी है और इस शक संवत का नाम क्रोधी है। नव संवत्सर का ...

2023 में शरद नवरात्रि पारणा कब है New Delhi, India में

आइए जानते हैं कि 2023 में शरद नवरात्रि पारणा कब है व शरद नवरात्रि पारणा 2023 की तारीख व मुहूर्त। शरद नवरात्रि का पारणा अश्विन शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को किया जाता है। पारणा के साथ 9 दिनों तक चलने वाली शरद नवरात्रि का समापन हो जाता है। पारणा मुहूर्त को लेकर शास्त्रों में कुछ मतभेद हैं कि पारणा नवमी को होगा या दशमी को। मिमांसा (जिन्होंने शास्त्रों की व्याख्या की है) के अनुसार पारणा दशमी को करना चाहिए, क्योंकि कई शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि नवमी को उपवास रखा जाता है। यदि नवमी तिथि दो दिन पड़ रही हो, तब उस स्थिति में पहले दिन उपवास रखा जाएगा और दूसरे दिन पारणा होगा, ऐसा शास्त्रों में वर्णित है। नवमी नवरात्रि पूजा का अंतिम दिन है, इसलिए इस दिन देवी दुर्गा की षोडषोपचार पूजा करके मूर्ति विसर्जन करना चाहिए। पूजा और विसर्जन के बाद ब्राह्मणों को फल, उपहार, वस्त्र, दान-दक्षिणा आदि (अपनी इच्छानुसार) देनी चाहिए। साथ ही उपरोक्त चीज़ें 9 बालिकाओं को भी कन्या पूजन करके देनी चाहिए।