26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान में कुल कितने मौलिक अधिकार थे

  1. भारतीय संविधान सभा तथा संविधान निर्माण
  2. भारतीय संविधान 26 जनवरी 1950 को ही क्यों लागू हुआ? जानिए वजह
  3. 26 जनवरी 1950 को भारत में कुल कितने मौलिक अधिकार थे?
  4. भारतीय संविधान को कितने लोगो ने लिखा? – ElegantAnswer.com
  5. Fundamental Duties in Hindi
  6. भारत के लिए गौरवमय दिन "गणतंत्र दिवस" पर निबंध
  7. मूल संविधान में 7 मौलिक अधिकार थे पर अब 6 क्यों हैं ?
  8. भारतीय संविधान सभा तथा संविधान निर्माण
  9. 26 जनवरी 1950 को भारत में कुल कितने मौलिक अधिकार थे?
  10. Fundamental Duties in Hindi


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भारतीय संविधान सभा तथा संविधान निर्माण

Please enable JavaScript भारतीय संविधान सभा तथा संविधान निर्माण संविधान निर्माण की सर्वप्रथम मांग बाल गंगाधर तिलक द्वारा 1895 में "स्वराज विधेयक" द्वारा की गई। 1916 में होमरूल लीग आन्दोलन चलाया गया।जिसमें घरेलू शासन सचांलन की मांग अग्रेजो से की गई। 1922 में गांधी जी ने संविधान सभा और संविधान निर्माण की मांग प्रबलतम तरीके से की और कहा- कि जब भी भारत को स्वाधीनता मिलेगी भारतीय संविधान का निर्माण -भारतीय लोगों की इच्छाओं के अनुकुल किया जाएगा। अगस्त 1928 में नेहरू रिपोर्ट बनाई गई। जिसकी अध्यक्षता पं. मोतीलाल नेहरू ने की। इसका निर्माण बम्बई में किया गया। इसके अन्तर्गत ब्रिटीश भारत का पहला लिखित संविधान बनाया गया। जिसमें मौलिक अधिकारों अल्पसंख्यकों के अधिकारों तथा अखिल भारतीय संघ एवम् डोमिनियम स्टेट के प्रावधान रखे गए। इसका सबसे प्रबलतम विरोध मुस्लिम लीग और रियासतों के राजाओं द्वारा किया गया। 1929 में जवाहर लाला नेहरू की अध्यक्षता में कांग्रेस का लाहौर सम्मेलन हुआ। जिसमें पूर्ण स्वराज्य की मांग की गई। 1936 में कांग्रेस का फैजलपुर सम्मेलन आयोजित किया गया। जिसमें कांग्रेस के मंच से पहली बार चनी हुई संविधान सभा द्वारा संविधान निर्माण की मांग की गई। मार्च 1942 में दुसरे विश्व युद्व से उपजी परिस्थितियों के उपरान्त क्रिप्स मिशन भारत भेजा गया। जो एक सदस्य का था। इसने युद्ध के बाद भारत में उतरदायी शासन की मांग को मानने का वचन दिया। लेकिन यहां भी 'डोमिनियम स्टेट' अवधारणा रखी गई। जिसे कांग्रेस लीग और गांधीजी ने नामंजूर कर दिया।तथा गांधीजी ने इस मिशन को 'पोस्ट डेटेड चैक' की संज्ञा दी। अर्थात अंग्रेज एक ऐसा दिवालिया बैंक है जो भविष्य में कभी भी फेल हो सकता है। भारत में शासन की अव्यवस्था को ...

भारतीय संविधान 26 जनवरी 1950 को ही क्यों लागू हुआ? जानिए वजह

दोस्तों हम सब खुशी एवं उल्लास के साथ 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाते है क्योंकि इसी दिन वर्ष 1950 को हमारा संविधान लागू हुआ था। पर बहुत लोगों को यह पता नही होती है कि भारतीय संविधान 26 जनवरी 1950 को ही क्यों लागू हुआ। तो इस लेख में हम आपको भारतीय संविधान 26 जनवरी 1950 को ही क्यों लागू हुआ (Bhartiya sanvidhan 26 January 1950 ko hi kyon lagu hua) यह बताएंगे। तो इस लेख को अंत का अवश्य पढ़ें। 3 Conclusion भारतीय संविधान 26 जनवरी 1950 को ही क्यों लागू हुआ? भारत की संविधान नवंबर 1949 को ही ही तैयार हो गई थी, पर इसे 26 जनवरी 1950 को ही इसलिए लागू किया गया क्योंकि इसी 26 जनवरी के दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ( पंडित जवाहर लाल नेहरू ने कांग्रेस अधिवेशन के दौरान 26 जनवरी 1930 को तिरंगा फहराया था और पूर्ण स्वराज का नारा दिया था। इसी के याद में भारतीय संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। दोस्तों हमारे देश (भारत) की संविधान विश्व की सबसे बड़ी लिखित संविधान है। इसको लिखने मे 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन का वक्त लगा था। संविधान सभा के अध्यक्ष Conclusion तो दोस्तो हमें उम्मीद है, हमने जो आपको भारतीय संविधान 26 जनवरी 1950 को ही क्यों लागू हुआ उसकी जानकारी दी है, वो आपको पसंद आई होगी। इस लेख को आप अधिक से अधिक लोगों को शेयर करे ताकि वो भी भारतीय संविधान 26 जनवरी 1950 को ही क्यों लागू हुआ यह जान पाए। यदि आपका इस भारतीय संविधान 26 जनवरी 1950 को ही क्यों लागू हुआ लेख से संबंधित किसी भी तरह का सवाल या सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं। अधिक जानकारी के लिए हमारा Recent Posts • Personal blog meaning in Hindi | Personal blog का हिंदी अर्थ • एक सेब में कितनी कैलोरी होती हैं? जानिए 100% सही जान...

26 जनवरी 1950 को भारत में कुल कितने मौलिक अधिकार थे?

विषयसूची Show • • • • • • Why constitution was implemented on 26th january: पूरा भारतवर्ष गणतंत्र दिवस (Republic Day) की तैयारियों में जुटा हुआ है. वैसे तो अधिकतर लोगों को पता होता है कि देश में गणतंत्र दिवस इसलिए मनाई जाती है क्योंकि इस दिन हमारा संविधान लागू हुआ था लेकिन 26 जनवरी को इतना ऐतिहासिक बनाने के पीछे एक और वजह भी है. भारत का 26 जनवरी से एक ऐतिहासिक रिश्ता है बल्कि हमारे संविधान को भी 26 जनवरी के दिन इसलिए लागू किया गया क्योंकि 26 जनवरी के पीछे एक अनोखी कहानी है. संविधान हुआ लागू (Indian Constitution) जब अंग्रेजों द्वारा इस बात की घोषणा की घोषणा की गई कि 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी दे दी जाएगी. उस दौरान भारत के पास अपना कोई संप्रभु संविधान नहीं था. भारत की शासन व्यवस्था अबतक भारत सरकार अधिनियम 1935 पर आधारित थी. इसी कड़ी में 29 अगस्त 1947 को डॉ. बीआर अंबेडकर के नेतृत्व में एक प्रारूप कमेटी का गठन किया गया. इस प्रारूप कमेटी ने 26 नवंबर 1949 को लिखित संविधान को राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद को सौंप दिया. इसी संविधान को 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया. इसी दिन को हम गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं. 26 जनवरी ही क्यों? (Why 26th January Special) भारत में अंग्रेजो के खिलाफ शुरुआती दौर में तो कई नेता थे लेकिन मॉडरेट नेताओं ने हमेशा ही प्रार्थना, याचिका का रास्ता अपनाया और मॉडरेट नेता ब्रिटिश शासन को को जस्टिफाई भी करते रहे. लेकिन बाद के कांग्रेस के नेताओं ने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ आजादी की मुहीम की शुरुआत की. नरमदल के नेताओं में कई ऐसे नेता भी आते थे जो ब्रिटिश को भारत से खदेड़ना चाहते थे. हालांकि 1905 के बाद गरमदल के नेताओं का उदय होता है. यहीं से ब्रिटिश के पैर ...

भारतीय संविधान को कितने लोगो ने लिखा? – ElegantAnswer.com

भारतीय संविधान को कितने लोगो ने लिखा? इसे सुनेंरोकेंदुनिया का सबसे बड़ा लिखिति संविधान हाथ से लिखे हुए संविधान पर 24 जनवरी, 1950 को संविधान सभा के 284 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए थे जिसमें 15 महिलाएं भी शामिल थीं। संविधान 25 भागों, 470 अनुच्छेदों और 12 सूचियों में बंटा भारतीय संविधान किसी दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। * 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान में कुल कितने मौलिक अधिकार थे?* 1⃣ 5 2⃣ 6 3⃣ 7 4⃣ 8? इसे सुनेंरोकेंमूल संविधान में सात मौलिक अधिकार थे, लेकिन 44वें संविधान संशोधन के द्वारा संपत्ति का अधिकार को मौलिक अधिकार की सूची से हटाकर इसे संविधान के अनुच्छेद 300 (a) के अन्तगर्त क़ानूनी अधिकार के रूप में रखा गया है. 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान में कुल कितने मौलिक अधिकार थे? इसे सुनेंरोकेंमूल संविधान में कुल सात मौलिक अधिकार थे किन्तु 44वें संविधान संशोधन के द्वारा सम्पत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकारों की सूची से हटाकर संविधान के अनुच्छेद 300 (ए) के अंतर्गत कानूनी अधिकार के रूप में रखा गया, जिसके बाद भारतीय नागरिकों को छह मूल अधिकार प्राप्त हैं, जिनमें समता या समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14 से अनुच्छेद 18 … संविधान के 6 मौलिक अधिकार कौन कौन से हैं? मौलिक अधिकार • समता का अधिकार (समानता का अधिकार) • स्‍वतंत्रता का अधिकार • शोषण के विरुद्ध अधिकार • धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार • संस्कृति और शिक्षा सम्बन्धी अधिकार • कुछ विधियों की व्यावृत्ति • संवैधानिक उपचारों का अधिकार संविधान सभा द्वारा निर्मित संविधान पूर्णतया कब अस्तित्व में आया? इसे सुनेंरोकें(21) संविधान को जब 26 नवंबर, 1949 ई० को संविधान सभा द्वारा पारित किया गया, तब इसमें कुल 22 भाग, 395 अनुच्छेद और 8 अनुसू...

Fundamental Duties in Hindi

Fundamental Duties in Hindi | मौलिक कर्त्तव्य वर्ष 1976 में स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिश पर 42 वें संविधान संशोधन द्वारा मौलिक कर्त्तव्यों को संविधान में जोड़ा गया। इसके अंतर्गत संविधान में एक नया भाग IV को जोड़ा गया। संविधान के इस नए भाग IV में अनुच्छेद 51 क जोड़ा गया, जिसमें 10 मौलिक कर्त्तव्यों को रखा गया था। वर्ष 2002 में 86 वें संविधान संशोधन द्वारा भाग IV में एक और मौलिक कर्त्तव्य को जोड़ा गया। प्रारंभ में मौलिक कर्तव्यों ( Fundamental Duties) की संख्या 10 थी। वर्तमान में मौलिक कर्तव्यों की संख्या 11 है, जिनका पालन करना प्रत्येक भारतीय नागरिक का कर्त व्य हैं। भागIV — 51 क — मौलिक कर्तव्य ( Fundamental Duties) — भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा - • संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्रध्वज एवं राष्ट्रीय गान का आदर करें। • स्वतंत्रता के लिये राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को हृदय में संजोये रखें और उनका पालन करें। • भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करें तथा उसे अक्षुण्ण रखें। • देश की रक्षा करें और आह्वान किये जाने पर राष्ट्र की सेवा करें। • भारत के सभी लोगों में समरसता और समान भातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग आधारित सभी प्रकार के भेदभाव से परे हो, ऐसी प्रथाओं का त्याग करें जो स्त्रियों के सम्मान के विरुद्ध हैं। • हमारी सामासिक संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। • प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील, नदी और वन्य जीव आते हैं, रक्षा करें और संवर्द्धन करें त्तथा प्राणीमात्र के लिये दया भाव रखें। • वैज्ञानिक दृष्टिकोण से मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधा...

भारत के लिए गौरवमय दिन "गणतंत्र दिवस" पर निबंध

26 January Republic Day Essay in Hindi 26 जनवरी को हम सभी भारतीय गणतंत्र दिवस – Republic Day के रुप में मनाते हैं। इस दिन साल 1950 में हमारे देश का संविधान लागू हुआ था और उसी दिन से हमारा भारत देश एक लोकतंत्रात्मक, धर्मनिरपेक्ष, संप्रभु और समाजवादी गणराज्य बन गया था, इसलिए इस दिन को सभी भारतीय मिलजुल कर राष्ट्रीय पर्व के रुप में मनाते हैं। गणतंत्र दिवस का दिन सभी भारतीयों के लिए बेहद सम्मानजनक एवं गौरवशाली दिन है। वहीं इस दिन की महत्वता को आज की युवा पीढ़ी को समझाने के लिए गणतंत्र दिवस के विषय पर स्कूलों में आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं में निबंध लिखने के लिए कहा जाता है। इसलिए आज हम आपको अपने इस लेख में गणतंत्र दिवस पर अलग-अलग शब्द सीमा पर निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं, जिसका आप अपनी जरूरत के मुताबिक इस्तेमाल कर सकते हैं – भारत के लिए गौरवमय दिन “गणतंत्र दिवस” पर निबंध – 26 January Republic Day Essay in Hindi 26 जनवरी का दिन हर भारतीय के लिए काफी महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि इसी दिन से हमारे देश में नया संविधान अपनाकर नए युग का सूत्रपात किया गया था। गणतंत्र दिवस के इतिहास (Republic day History) और इससे संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे आज हम आपको गणतंत्र दिवस पर लिखे गए निबंध (Gantantra Diwas par Nibandh) के द्धारा बताएंगे। 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ था संविधान – Constitution of India भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के काफी संघर्ष, त्याग और बलिदान के बाद 15 अगस्त, 1947 को हमारा देश आजाद हुआ था, इससे पहले भारतीयों को अंग्रेजी शासकों के अत्याचार का दंश झेलना पड़ता था और ब्रिटिश शासकों की गुलामी करनी पड़ती थी। ब्रिटिश शासक जो भी नियम कानून बनाते थे, भारतीय जनता को मजबूरीवश उनका पालन...

मूल संविधान में 7 मौलिक अधिकार थे पर अब 6 क्यों हैं ?

भारत का संविधान 26 नवम्बर 1949 को बनकर तैयार हुआ था और उसी दिन उसे स्वीकृत कर लिया गया था। विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान ‘भारतीय संविधान’ वैसे तो 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था लेकिन इसे 26 नवम्बर 1949 को ही स्वीकृत कर लिया गया था। 29 अगस्त 1947 को संविधान का मसौदा तैयार करने वाली समिति की स्थापना की गई थी, जिसके अध्यक्ष थे डॉ. भीमराव अम्बेडकर, जिन्हें भारतीय संविधान का जनक भी कहा जाता है। उनके अथक प्रयासों के कारण ही भारत का संविधान ऐसे रूप में सामने आया, जिसे न केवल भारत में सबने सराहा बल्कि विश्व में कई अन्य देशों ने भी इसे अपनाया। चार साल पहले सन् 2015 में डॉ. अम्बेडकर के 125वें जयंती वर्ष में पहली बार देश में 26 नवम्बर को संविधान दिवस मनाए जाने का निर्णय लिया गया था और इस साल हम 70वां संविधान दिवस मना रहे हैं। भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है, जो 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था। भारतीय संविधान से जुड़े रोचक तथ्यों पर नजर डालें तो सर्वप्रथम सन् 1895 में लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने मांग की थी कि अंग्रेजों के अधीनस्थ भारतवर्ष का संविधान स्वयं भारतीयों द्वारा ही बनाया जाना चाहिए लेकिन तिलक के सहयोगियों द्वारा भारत के लिए स्वराज्य विधेयक के प्रारूप को, जिसमें पहली बार भारत के लिए स्वतंत्र संविधान सभा के गठन की मांग की गई थी, ब्रिटिश सरकार द्वारा ठुकरा दिया गया था। 1922 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने मांग की कि भारत का राजनैतिक भाग्य भारतीय स्वयं बनाएंगे। 1924 में पं. मोतीलाल नेहरू ने संविधान सभा के गठन की फिर मांग की लेकिन अंग्रेजों द्वारा उनकी मांग को भी ठुकरा दिया गया। तब से संविधान सभा के गठन की मांग लगातार उठती रही लेकिन अंग्रेजों द्वारा इ...

भारतीय संविधान सभा तथा संविधान निर्माण

Please enable JavaScript भारतीय संविधान सभा तथा संविधान निर्माण संविधान निर्माण की सर्वप्रथम मांग बाल गंगाधर तिलक द्वारा 1895 में "स्वराज विधेयक" द्वारा की गई। 1916 में होमरूल लीग आन्दोलन चलाया गया।जिसमें घरेलू शासन सचांलन की मांग अग्रेजो से की गई। 1922 में गांधी जी ने संविधान सभा और संविधान निर्माण की मांग प्रबलतम तरीके से की और कहा- कि जब भी भारत को स्वाधीनता मिलेगी भारतीय संविधान का निर्माण -भारतीय लोगों की इच्छाओं के अनुकुल किया जाएगा। अगस्त 1928 में नेहरू रिपोर्ट बनाई गई। जिसकी अध्यक्षता पं. मोतीलाल नेहरू ने की। इसका निर्माण बम्बई में किया गया। इसके अन्तर्गत ब्रिटीश भारत का पहला लिखित संविधान बनाया गया। जिसमें मौलिक अधिकारों अल्पसंख्यकों के अधिकारों तथा अखिल भारतीय संघ एवम् डोमिनियम स्टेट के प्रावधान रखे गए। इसका सबसे प्रबलतम विरोध मुस्लिम लीग और रियासतों के राजाओं द्वारा किया गया। 1929 में जवाहर लाला नेहरू की अध्यक्षता में कांग्रेस का लाहौर सम्मेलन हुआ। जिसमें पूर्ण स्वराज्य की मांग की गई। 1936 में कांग्रेस का फैजलपुर सम्मेलन आयोजित किया गया। जिसमें कांग्रेस के मंच से पहली बार चनी हुई संविधान सभा द्वारा संविधान निर्माण की मांग की गई। मार्च 1942 में दुसरे विश्व युद्व से उपजी परिस्थितियों के उपरान्त क्रिप्स मिशन भारत भेजा गया। जो एक सदस्य का था। इसने युद्ध के बाद भारत में उतरदायी शासन की मांग को मानने का वचन दिया। लेकिन यहां भी 'डोमिनियम स्टेट' अवधारणा रखी गई। जिसे कांग्रेस लीग और गांधीजी ने नामंजूर कर दिया।तथा गांधीजी ने इस मिशन को 'पोस्ट डेटेड चैक' की संज्ञा दी। अर्थात अंग्रेज एक ऐसा दिवालिया बैंक है जो भविष्य में कभी भी फेल हो सकता है। भारत में शासन की अव्यवस्था को ...

26 जनवरी 1950 को भारत में कुल कितने मौलिक अधिकार थे?

विषयसूची Show • • • • • • Why constitution was implemented on 26th january: पूरा भारतवर्ष गणतंत्र दिवस (Republic Day) की तैयारियों में जुटा हुआ है. वैसे तो अधिकतर लोगों को पता होता है कि देश में गणतंत्र दिवस इसलिए मनाई जाती है क्योंकि इस दिन हमारा संविधान लागू हुआ था लेकिन 26 जनवरी को इतना ऐतिहासिक बनाने के पीछे एक और वजह भी है. भारत का 26 जनवरी से एक ऐतिहासिक रिश्ता है बल्कि हमारे संविधान को भी 26 जनवरी के दिन इसलिए लागू किया गया क्योंकि 26 जनवरी के पीछे एक अनोखी कहानी है. संविधान हुआ लागू (Indian Constitution) जब अंग्रेजों द्वारा इस बात की घोषणा की घोषणा की गई कि 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी दे दी जाएगी. उस दौरान भारत के पास अपना कोई संप्रभु संविधान नहीं था. भारत की शासन व्यवस्था अबतक भारत सरकार अधिनियम 1935 पर आधारित थी. इसी कड़ी में 29 अगस्त 1947 को डॉ. बीआर अंबेडकर के नेतृत्व में एक प्रारूप कमेटी का गठन किया गया. इस प्रारूप कमेटी ने 26 नवंबर 1949 को लिखित संविधान को राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद को सौंप दिया. इसी संविधान को 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया. इसी दिन को हम गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं. 26 जनवरी ही क्यों? (Why 26th January Special) भारत में अंग्रेजो के खिलाफ शुरुआती दौर में तो कई नेता थे लेकिन मॉडरेट नेताओं ने हमेशा ही प्रार्थना, याचिका का रास्ता अपनाया और मॉडरेट नेता ब्रिटिश शासन को को जस्टिफाई भी करते रहे. लेकिन बाद के कांग्रेस के नेताओं ने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ आजादी की मुहीम की शुरुआत की. नरमदल के नेताओं में कई ऐसे नेता भी आते थे जो ब्रिटिश को भारत से खदेड़ना चाहते थे. हालांकि 1905 के बाद गरमदल के नेताओं का उदय होता है. यहीं से ब्रिटिश के पैर ...

Fundamental Duties in Hindi

Fundamental Duties in Hindi | मौलिक कर्त्तव्य वर्ष 1976 में स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिश पर 42 वें संविधान संशोधन द्वारा मौलिक कर्त्तव्यों को संविधान में जोड़ा गया। इसके अंतर्गत संविधान में एक नया भाग IV को जोड़ा गया। संविधान के इस नए भाग IV में अनुच्छेद 51 क जोड़ा गया, जिसमें 10 मौलिक कर्त्तव्यों को रखा गया था। वर्ष 2002 में 86 वें संविधान संशोधन द्वारा भाग IV में एक और मौलिक कर्त्तव्य को जोड़ा गया। प्रारंभ में मौलिक कर्तव्यों ( Fundamental Duties) की संख्या 10 थी। वर्तमान में मौलिक कर्तव्यों की संख्या 11 है, जिनका पालन करना प्रत्येक भारतीय नागरिक का कर्त व्य हैं। भागIV — 51 क — मौलिक कर्तव्य ( Fundamental Duties) — भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा - • संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्रध्वज एवं राष्ट्रीय गान का आदर करें। • स्वतंत्रता के लिये राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को हृदय में संजोये रखें और उनका पालन करें। • भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करें तथा उसे अक्षुण्ण रखें। • देश की रक्षा करें और आह्वान किये जाने पर राष्ट्र की सेवा करें। • भारत के सभी लोगों में समरसता और समान भातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग आधारित सभी प्रकार के भेदभाव से परे हो, ऐसी प्रथाओं का त्याग करें जो स्त्रियों के सम्मान के विरुद्ध हैं। • हमारी सामासिक संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। • प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील, नदी और वन्य जीव आते हैं, रक्षा करें और संवर्द्धन करें त्तथा प्राणीमात्र के लिये दया भाव रखें। • वैज्ञानिक दृष्टिकोण से मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधा...