26 जनवरी क्यों मनाते हैं

  1. 26 जनवरी को ही क्यों मनाते हैं गणतंत्र दिवस? जानें इसके पीछे का कारण और महत्व...
  2. भारत में 26 जनवरी को ही क्यों मनाते हैं गणतंत्र दिवस? जानें इसके पीछे का कारण – Dastak Times
  3. Republic Day 2023: 26 जनवरी को ही क्यों मनाते हैं गणतंत्र दिवस, जानें इस दिन का इतिहास और महत्व
  4. Why 26 January was celebrated as Independence Day for 17 years
  5. 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस क्यों मनाते हैं?
  6. 26 जनवरी
  7. 26 january celebrated as republic day know history Indian constitution fact


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26 जनवरी को ही क्यों मनाते हैं गणतंत्र दिवस? जानें इसके पीछे का कारण और महत्व...

नई दिल्ली। संविधान के लागू होने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इसके लागू होने के बाद ही भारत औपचारिक रूप से एक गणतंत्र बना था। लेकिन कितने भारतीय हैं जो भारत के इतिहास में 26 जनवरी की तारीख के वास्तविक महत्व को जानते हैं। हर वर्ष विशेष रूप से 26 जनवरी ही क्यों। गणतंत्र दिवस के तौर पर 26 जनवरी की तारीख इसलिए चुनी गई थी क्योंकि इसी दिन 1930 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा ब्रिटिश शासन के डोमिनियन स्थिति के विरोध में भारतीय स्वतंत्रता की घोषणा की गई थी। विज्ञापन: "जयपुर में निवेश का अच्छा मौका" JDA अप्रूव्ड प्लॉट्स, मात्र 4 लाख में वाटिका, टोंक रोड, 10 आईएएस अधिकारी जो बाद में नेता बने मुख्य गणतंत्र दिवस समारोह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, नई दिल्ली में भारत के राष्ट्रपति के समक्ष आयोजित की जाती है। इस दिन राजपथ पर औपचारिक परेड होती है, यह भारत को, इसकी अनेकता में एकता और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को श्रद्धांजलि देने जैसा होता है। वर्ष 1950 से भारत ने दूसरे देशों के प्रमुखों और राष्ट्राध्यक्षों की, गणतंत्र दिवस समारोह के लिए नई दिल्ली में सम्मानित अतिथि के तौर पर मेजबानी की है। संयुक्त अरब अमीरात के युवराज मोहम्मद बिन जाएद अल नाहयान गणतंत्र दिवस 2017 के लिए सम्मानित अतिथि हैं। भारत के राष्ट्रपति जो भारतीय सशस्त्र बलों के कमांडर– इन– चीफ भी हैं, नौसेना और वायु सेना के साथ भारतीय थल सेना के अलग– अलग रेजिमेंटों की सभी प्रकार की सजावटों एवं आधिकारिक साज– सज्जा से सजे उनके बैंड के साथ सलामी लेते हैं।गणतंत्र दिवस भारत में तीन राष्ट्रीय अवकाशों में से एक है। अन्य दो हैं– स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती। इस लेख में हम गणतंत्र दिवस की तारीख के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को जानने की...

भारत में 26 जनवरी को ही क्यों मनाते हैं गणतंत्र दिवस? जानें इसके पीछे का कारण – Dastak Times

नई दिल्ली : 26 जनवरी को पूरे उत्साह औप हर्षोल्लास के साथ गणतंत्र दिवस मनाता है। यह दिन सभी भारतवासियों के लिए बेहद खास दिन होता है। सभी धर्मों, जाति और संप्रदाय के लोग आपसी बैर भूलकर एक साथ इस राष्ट्रीय पर्व को मनाते हैं। देश के इस खास दिन को और स्पेशल बनाने के लिए हर साल राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इंडिया गेट से लेकर राष्ट्रपति भवन तक राजपथ पर विशाल परेड और रैली का आयोजन किया जाता है। इस दिन को याद करके कई बार आपके मन में यह सवाल उठता होगा कि आखिर 26 जनवरी को ही गणतंत्र दिवस क्यों मनाते हैं, किसी और दिन इसे सेलिब्रेट क्यों नहीं करते? तो आइए आपको बताते हैं इसके पीछे का बड़ा कारण। आपको बता दें कि इस साल भारत अपना 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. आज से 73 वर्ष पहले 1950 में 26 जनवरी को सुबह 10.18 मिनट पर संविधान लागू हुआ था, 26 जनवरी के ही दिन संविधान को लागू करने का एक और बड़ा कारण यह भी था कि 1930 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत की पूरी तरह से आजादी का प्रस्ताव पारित किया था। इतिहासकारों की मानें तो 1929 में भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में नेशनल कांग्रेस ने ऐलान किया था कि अंग्रेजी सरकार 26 जनवरी 1930 तक भारत को डोमनियन स्टेट का दर्जा दे और इसी दिन पहली बार भारत में स्वतंत्रदा दिवस को मनाया गया था, बता दें कि आजादी मिलने से पहले 26 जनवरी को ही स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते थे। पूर्ण स्वराज की मांग करने के बाद जब आजादी मिली तो बाद में 26 जनवरी 1950 को संविधान को लागू किया गया और इस दिन को गणतंत्र दिवस घोषित किया गया।

Republic Day 2023: 26 जनवरी को ही क्यों मनाते हैं गणतंत्र दिवस, जानें इस दिन का इतिहास और महत्व

Republic Day 2023: हर साल 26 जनवरी को पूरे जोश और हर्षोल्लास के साथ गणतंत्र दिवस (Republic Day 2023) मनाया जाता है. इस खास मौके पर देश की राजधानी दिल्ली स्थित कर्तव्यपथ पर विशाल परेड का आयोजन होता है. इस दौरान भारत की तीनों सेना- भारतीय सेना, नौसेना, वायुसेना और अन्य रेजीमेंट हिस्सा लेती हैं और अपना दम-खम दिखाती हैं. कर्तव्य पथ की इस परेड में भारत की सांस्कृतिक और सैन्य विरासत के प्रदर्शन के साथ-साथ देश की प्रगति और उपलब्धियों को भी प्रदर्शित किया जाता है. इस साल भारत अपना 74वां गणतंत्र दिवस (74th Republic Day) मनाएगा. आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि आखिर हर साल 26 जनवरी को ही गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है. 26 जनवरी को इसलिए मनाया जाता है गणतंत्र दिवस गणतंत्र दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है, जो 26 जनवरी को पूरे देश में बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है. दरअसल, 1950 में भारत सरकार अधिनियम को हटाकर भारत का संविधान (Constituiton of India) लागू किया गया था. संविधान को लागू करने के लिए 26 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि साल 1929 में लाहौर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन पंडित जवाहर लाल नेहरू की अध्यक्षता में हुआ था. इस अधिवेशन में प्रस्ताव पारित किया गया था. साथ ही इस बात की घोषणा की गई थी कि अगर अंग्रेज सरकार 26 जनवरी 1930 तक भारत को सवतंत्र देश का दर्जा नहीं देती तो हिंदुस्तान को पूर्ण रूप से स्वतंत्र देश घोषित कर दिया जाएगा. अंग्रेजी हुकूमत ने 26 जनवरी को देश को स्वतंत्र नहीं किया. तब कांग्रेस ने 26 जनवरी 1930 को भारत को पूर्ण स्वराज घोषित कर दिया. इसके बाद से ही देश में 26 जनवरी को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है. Republic Day 2023 Chief Guest: गणतंत...

Why 26 January was celebrated as Independence Day for 17 years

नई दिल्ली: (Republic Day 2021) आप सबने भी बचपन से यही सब देखा सुना होगा. देश 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस (Republic Day 2021) या रिपब्लिक डे के तौर पर मनाता आया है. ऐसे में कोई उन्हें अगर ये बताता है कि संविधान तो 26 नवंबर 1949 को ही स्वीकार कर लिया गया था तो उनके मन में भी सवाल उठता है कि फिर आखिर 26 जनवरी को ही क्यों लागू किया गया? अगर 26 नवम्बर से ही लागू हो जाता, तो उसी दिन हर साल रिपब्लिक डे ( दरअसल ये फैसला एक खास दिन यानी 26 जनवरी की यादों को ताजा रखने के लिए लिया गया था. ये दिन भारत के राजनैतिक स्वतंत्रता की लड़ाई में थोड़ा खास था. 1885 में कांग्रेस ने अपनी स्थापना के बाद पहली बार पूर्ण स्वराज की मांग 1930 में की थी और पहला स्वतंत्रता दिवस 26 जनवरी 1930 को प्रतीकात्मक तौर पर मनाना करना शुरू कर दिया था. 31 दिसम्बर 1929 को पंडित नेहरू ने रावी नदी के तट पर लाहौर अधिवेशन में तिरंगा फहराकर 26 जनवरी की तारीख का ऐलान किया था, तब से 1947 में 15 अगस्त के देश आजाद होने तक 17 साल प्रतीकात्मक रूप से सभी 26 जनवरी को ही ध्वजारोहण करके स्वतंत्रता दिवस मनाते रहे थे. ऐसे में इस दिन की याद को रखना जरूरी समझा गया. ये भी पढ़ें: 26 नवंबर की जगह 26 जनवरी को क्यों मनाते हैं गणतंत्र दिवस ( इसीलिए 26 नवंबर 1949 को संविधान को स्वीकार करने के बावजूद संविधान के नागरिकता जैसे कुछ प्रावधानों को ही लागू किया गया और आधिकारिक रूप से दो महीने के इंतजार के बाद अगले साल यानी 26 जनवरी 1950 में लागू किया गया, तब से ही 26 जनवरी को देश भर में रिपब्लिक डे मनाया जाता है. लेकिन 26 नवंबर 1949 से भी संविधान के कुछ आर्टीकल्स को लागू कर दिया गया, वो थे 5,6,7,8,9,60, 324, 366, 367, 379, 380, 388, 391, 392, 393 और 39...

26 जनवरी को गणतंत्र दिवस क्यों मनाते हैं?

हमारे देश में हर एक त्योहार मनाने के पिछे कोई न कोई कारण और उसका अपना महत्व है। इन सभी त्योहारों में से एक गणतंत्र दिवस का भी त्योहार मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस प्रत्येक वर्ष 26 January को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है। यह एक ऐसा त्योहार है जिसे पूरे देश में सभी जाति, धर्म के लोग मनाते है। आइए जानते है की गणतंत्र दिवस क्या होता है? गणतंत्र दिवस कब और क्यों मनाया जाता है? गणतंत्र दिवस को कौन से लोग मानते है? इस दिन क्या लागू हुआ था? गणतंत्र दिवस मनाने की परंपरा किसने शुरू किया था? 15 अगस्त और 26 जनवरी में क्या अंतर है? 6) FAQs भारत का राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस (Republic Day)/ 26 January हमारे देश का राष्ट्रीय ध्वज हमारी आन-बान और शान है। 26 January और 15 August को राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। 26 January 1950 को भारतीय संविधान लागू हुआ था। इस दिन को पर्व के रुप में बड़ी दिन धूम धाम से मनाया जाता है। 26 जनवरी को ही हम गणतंत्र दिवस के रुप में मनाते है। गणतंत्र दिवस का दिन भारत के तीन राष्ट्रीय पर्वों में से एक है। यहीं कारण है कि इसे हर जाति और धर्म के लोग काफी सम्मान और ख़ुशी के साथ मनाते है। गणतंत्र दिवस कोई साधरण दिन नही है। हम पढ़ते आते है की 15 अगस्त 1947 को हमारा भारत देश स्वतंत्र हुआ था। लेकिन 26 जनवरी 1950 के दिन ‘भारत सरकार अधिनियम’ को हटाकर भारत के गणतंत्र दिवस भारत के तीन राष्ट्रीय पर्व में से एक है। लेकिन इसके अलावा दो (गांधी जयंती और स्वतंत्रता दिवस) राष्ट्रीय पर्व है। इस दिन पूरे देश भर में छुट्टी होती है और जैसे स्कूल, कालेज, ऑफ़िस, बैंक आदि बंद रहते हैं। गणतंत्र दिवस को राष्ट्रीय अवकाश होता है। 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस पर हमारे देश के राष्ट्रपत...

26 जनवरी

इसे राष्ट्रीय पर्व क्यों कहते हैं — 26 जनवरी का पर्व पूरे देश में मनाया जाता है। इसे सभी धर्मों के लोग मनाते हैं। इसीलिए इसे राष्ट्रीय पर्व कहते हैं। यह दिन समूचे भारतवर्ष में बड़े उत्साह तथा हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। समूचे देश में अनेकानेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है । प्रदेशों की सरकारें सरकारी स्तर पर अपनी-अपनी राजधानियों में तथा जिला स्तर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने तथा अन्य अनेक कार्यक्रमों का आयोजन करती हैं। देश की राजधानी दिल्ली में इस राष्ट्रीय पर्व के लिए विशेष समारोह का आयोजन किया जाता है, जिसकी भव्यता देखते ही बनती है । समूचे देश के विभिन्न भागों में असंख्य व्यक्ति इस समारोह में सम्मिलित होने तथा इसकी शोभा देखने के लिए आते हैं । 26 जनवरी को हमारा राष्ट्र जनतंत्र था या स्वतंत्र तथा इस दिन नतमस्तक होकर क्यों झंडा फहराते हैं? –26 जनवरी को हमारा राष्ट्र जनतंत्र था। इस दिन शहीदों को याद में हमलोग नतमस्तक होकर झंडा फहराते हैं। नई दिल्ली के इंडिया गेट के निकट राष्ट्रपति राष्ट्रीय धुन के साथ ध्वजारोहण करते हैं । उन्हें 31 तोपों की सलामी दी जाती है। राष्ट्रपति जल, नभ तथा थल – तीनों सेनाओं की टुकड़ियों का अभिवादन स्वीकार करते हैं। सैनिकों का सीना तानकर अपनी साफ-सुथरी वेशभूषा में कदम-से-कदम मिलाकर चलने का दृश्य बड़ा मनोहारी होता है । इस भव्य दृश्य को देखकर मन में राष्ट्र के प्रति असीम भक्ति तथा हृदय में असीम उत्साह का संचार होने लगता है । इन सैनिक टुकड़ियों के पीछे आधुनिक शस्त्रास्त्रों से सुसज्जित वाहन निकलते हैं । इनके पीछे स्कूल-कॉलेज के छात्र-छात्राएँ एन० सी० सी० की वेशभूषा में सज्जित कदम से कदम मिलाकर चलते हैं । उपसंहार – मिलिट्री तथा स्कूलों के अनेक बैंड सा...

26 january celebrated as republic day know history Indian constitution fact

History of republic day: देश की राजधानी में गणतंत्र दिवस की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. 26 जनवरी को हर साल गणतंत्र दिवस मनाया जाता है. जिसे अंग्रजी में रिपब्लिक डे कहा जाता है. इसका सीधा सा मतलब होता है कि इस दिन संविधान सभा देश को गणतंत्र घोषित कर दिया था, लेकिन जीनियस लोगों के मन में यहां से सवाल उठता है कि हमारे पूर्वजों ने इसी दिन को क्‍यों चुना? आपको बता दें कि इसी दिन यानी 26 जनवरी 1929 को कांग्रेस ने अंग्रेजों की गुलामी के खिलाफ ‘पूर्ण स्वराज’ का नारा दिया था. कुछ ही दिनों में 26 जनवरी आने वाली है. देशभर में इस पर्व की तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि गणतंत्र दिवस 26 जनवरी के दिन ही क्‍यों सेलिब्रेट करते हैं. दरअसल, 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने संविधान को अपना लिया था. इसके ठीक 2 महीने बाद यानी 26 जनवरी 1950 को लोकतांत्रिक प्रणाली के साथ लागू कर दिया गया. इस दिन से भारत पूर्ण गणतंत्र घोषित हो गया. इसी दिन संविधान लागू करने की एक प्रमुख वजह यह भी थी कि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत की आजादी की घोषणा की थी. कितनी बजे भारत गणतंत्र बना आप यह बात तो जानते ही हैं कि देश 26 जनवरी 1950 को गणतंत्र बना था, लेकिन समय के बारे में शायद ही जानते होंगे. भारत 26 जनवरी 1950 को सुबह 10:18 मिनट पर गणतंत्र बना था. इसके ठीक 6 मिनट बाद यानी 10 बजकर 24 मिनट पर डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने भारत के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी. इसके बाद डॉ. राजेन्द्र प्रसाद पहली बार राष्ट्रपति के रूप में बग्गी पर बैठकर राष्ट्रपति भवन के लिए निकले थे. पहले उन्होंने सेना की सलामी ली और यहीं उन्हें गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया.