7 चक्र बीज मंत्र

  1. 7 Chakra क्या हैं? मंत्रों के माध्यम से चक्रों को कैसे सक्रिय करें?
  2. Kleem Mantra Miracles In Hindi इन देवी /देवताओं के बीज मंत्रो से होते हैं अद्भुत चमत्कार – Swahaam Spirituality With Health
  3. Manipur chakra Reveal
  4. शरीर के 7 चक्र के बीज मंत्र,रंग और देवताओ के रहस्य
  5. बीज मन्त्र
  6. 7 Chakra क्या हैं? मंत्रों के माध्यम से चक्रों को कैसे सक्रिय करें?
  7. Manipur chakra Reveal
  8. Kleem Mantra Miracles In Hindi इन देवी /देवताओं के बीज मंत्रो से होते हैं अद्भुत चमत्कार – Swahaam Spirituality With Health
  9. शरीर के 7 चक्र के बीज मंत्र,रंग और देवताओ के रहस्य
  10. बीज मन्त्र


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7 Chakra क्या हैं? मंत्रों के माध्यम से चक्रों को कैसे सक्रिय करें?

Chakra एक संस्कृत शब्द है और इसका अर्थ है पहिया। प्राचीन भारत में, चक्रों का उपयोग ऊर्जा के विभिन्न रूपों के रूप में किया जाता था। यह ध्यान अभ्यास में प्रयुक्त मानव शरीर का केंद्र बिंदु है। मानव शरीर में 7 मुख्य चक्र होते हैं और इसे मंत्रों और ध्यान द्वारा सक्रिय किया जा सकता है। प्रत्येक Chakra के अपने मंत्र और मुद्राएं होती हैं। चक्रों को खोलने के लिए आपको सही मंत्र और मुद्रा की आवश्यकता होती है। लेकिन सबसे पहले आपको यह जानना होगा कि चक्र क्या है और यह कैसे काम करता है। यह भी पढ़ें: Chakra क्या हैं? प्रत्येक Chakra के अपने मंत्र और मुद्राएं होती हैं। मानव शरीर में 7 मुख्य ऊर्जा केंद्र होते हैं। इन प्रमुख ऊर्जा केंद्रों को Chakra कहा जाता है। Chakra सिर से रीढ़ की हड्डी के नीचे तक चलते हैं। 7 मुख्य Chakra हैं: मूलाधार चक्र – मूल चक्र स्वाधिष्ठान चक्र – त्रिक चक्र मणिपुर चक्र – सौर जाल चक्र अनाहत चक्र – हृदय चक्र विशुद्ध चक्र – गले का चक्र आज्ञा चक्र – तीसरा नेत्र चक्र सहस्रार चक्र – ताज चक्र चक्रों को सक्रिय करने के लिए आप मंत्रों का जाप कैसे करते हैं? प्रत्येक Chakra के अपने मंत्र और मुद्राएं होती हैं। अपने चक्रों को खोलने के लिए आपको मंत्रों का सही जप करना होगा। प्रत्येक चक्र के लिए मंत्रों का जाप करने के लिए अपनी स्वाभाविक आवाज का प्रयोग करें, उच्च या निम्न स्वर में मंत्रों का जाप न करें। यह भी पढ़ें: प्रत्येक Chakra के लिए मंत्र नीचे पढ़ें: मूल चक्र –‘लम’ का जाप करें यह Chakra रीढ़ की हड्डी के सबसे निचले हिस्से के आसपास होता है। इस चक्र को कुलकुण्डलिनी का मुख्य स्थान कहा जाता है , इसका एक और नाम भौम मंडल भी है। यह चक्र चौकोर तथा उगते हुये सूर्य के समान स्वर्ण वर्ण का ...

Kleem Mantra Miracles In Hindi इन देवी /देवताओं के बीज मंत्रो से होते हैं अद्भुत चमत्कार – Swahaam Spirituality With Health

क्लीं मंत्र को शक्तिशाली और ऊर्जावान मंत्र माना जाता है हर प्रकार के रिश्तों में सामंजस्य स्थापित करने की शक्ति है चाहे वह आपका वैवाहिक रिश्ता हो या दोस्ताना व्यवहार हो या रिश्तेदारी संबंध हो व्यवसायिक क्षेत्र से सम्बन्धित हो ये हर रिश्तों को सहेज सकता है। सुख समृद्धि वैभव को भी आकर्षित कर सकता है । Job business में आ रहे अवरोधों को भी हटाने की क्षमता है इस मंत्र में। आत्मविश्वास की कमी और कमजोर आत्मबल को मजबूत कर सकते है इसके नियमित जप से। स्वास्थ समस्या को भी दूर किया जा सकता है। इसका नियमपूर्वक मंत्र जाप root chakra, third eye और crown Chakra से इसकी प्रतिध्वनि टकरा टकरा कर चक्र को open कर देती हैं जिससे साधक गहरे ध्यान की अवस्था में भी प्रवेश कर सकता है। तनाव को मंत्र जप शुरू करते हुए ही दूर कर देता है। उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्ति का रक्तचाप सामान्य रह सकता है और यहां तक कि यदि आपको निद्रा की समस्या है सोने के पूर्व इस मंत्र जप करने से अनिद्रा की समस्या दूर हो सकती हैं। क्लीम बीज मंत्र का अर्थ Kleem में क ल इ और म हैं शामिल है। का का अर्थ है कारण ला का अर्थ है हमारी physical body यानी भौतिक शरीर इ का अर्थ है कारण शरीर म का अर्थ है पूर्णता मतलब completion. मंत्र में छिपी हुई शक्तियां होती हैं इसके निरंतर जप से यह जागृत होना शुरु हो सकता हैं। इसे अकेले नहीं जपना चाहिए। क्लीम के आगे और पीछे मंत्रो को जोड़कर जपने से इसके पॉवर शक्तियां और बढ़ जाती हैं। क्लीम मंत्र के देवता हैं काली माता श्री कृष्ण भगवान एवम् कामदेव हैं। इस बीज मंत्र का स्थान चक्र में मूलाधार चक्र हैं। इस मंत्र के साथ ॐ लगाकर जपने से यह आज्ञाकर चक्र को भी उत्तेजित कर सकता हैं। ये एक बीज मंत्र हैं। क्लीम ब...

Manipur chakra Reveal

हमारे शरीर का तीसरा ऊर्जा केंद्र मणिपुर चक्र या सोलर प्लेक्सिस चक्र( Solar plexus or Manipur chakra ) होता है। चक्रकी स्थिति को नाभि के चार उंगलियां बराबर ऊपर होता है। यह चक्र वह जगह है जहां सेआपकी शक्ति और आत्मविश्वास प्रकट होता है। मणिपुर चक्रचयापचय की शक्ति और स्वायत्तता पर केंद्रित होता है। “मणिपुर” का अर्थ है, एक चमकदार रत्न। इस चक्र से जुड़ा रत्न या गुण पाचन तंत्र और पेटको मजबूत करता है। सोलर प्लेक्सस या मणिपुर चक्र का मूल तत्व अग्नि है। मध्यम शरीर के तापमान के भीतर आग को सक्रिय करने से भोजन के पाचन में मदद मिलती है। यह पीले रंग का प्रतिनिधित्व करता है, जो चमक और ऊर्जा का संतुलन लाता है। आपके शरीर में जब मणिपुर चक्र संतुलन में होता है। तो एक व्यक्ति आत्मविश्वास का अनुभव करता है। वह आत्म-प्रेरित होता है, और उसमें उद्देश्य की भावना जागृत होती है। जब वह नकारात्मक ऊर्जा से घिरा होता है, तो वह कम आत्मसम्मान की भावना से पीड़ित हो सकता है। निर्णय लेने में परेशानी महसूस कर सकता है, और नियंत्रण के मुद्दे कमज़ोर हो सकते हैं। सोलर प्लेक्सस के असंतुलन से किसी के भी शरीर में थकान, अधिक भोजन की इच्छा, विशेष रूप से पेट के आसपास अत्यधिक वजन बढ़ना, पाचन तंत्र विकार, हाइपोग्लाइसीमिया और मधुमेह हो सकता है। Table of Contents • • • • • • • • Location of Manipur Chakra | मणिपुर चक्र की स्थिति शरीर में चक्र की स्थिति नाभि के पीछे बताई गई है। कभी-कभी सूर्य (सूर्य) चक्र नामक एक द्वितीयक इसी चक्र में स्थित होता है। जिसकी भूमिका सूर्य से प्राण को अवशोषित और आत्मसात करने की होती है। शरीर में ये चक्र दृष्टि से संबंधित होने के कारण, यह आंखों से जुड़ा हुआ है, और गति से जुड़ा हुआ होने के कारण यह पै...

शरीर के 7 चक्र के बीज मंत्र,रंग और देवताओ के रहस्य

शरीर में 7 चक्र के देवता,7 चक्र के बीज मंत्र,7 चक्र के रंग और 7 चक्र का रहस्य सम्मिलित है। हमारा शरीर बहुत ही शक्तिशाली मशीन है इसमें कई प्रकार के चक्रो का समावेश होता है। ये चक्र साधरण आँखों से दिखाई नहीं देते है इन्हे तथा इनकी शक्तियों को महसूस करने के लिए साधक को योग और ध्यान में कठिन परिश्रम करना होता है। शरीर के 7 चक्रो के जागृत होने पर व्यक्ति एक असाधारण व्यक्ति बन जाता है और आत्मज्ञान प्राप्त कर वो जीवन के रहस्यों को जान जाता है। शरीर के 7 चक्र क्या होते हैं name of 7 chakras in human body in hindi मानवीय शरीर बहुत शक्तिशाली और मजबूत होता है। भारतीय ऋषियों ने आत्मयात्रा के दौरान शरीर में कई बदलावों को महसूस किया और शरीर में 7 चक्र जागृत होने पर क्या होता है के विशेष अनुभव के माध्यम से व्यक्तियों को उन शक्तिशाली 7 चक्रो के बारे में बताया है। हमारे पुराने यौगिक ग्रंथो में इन सात चक्र को कमल के फूल के समान माना है। शरीर के सात चक्रो का सीधा से अर्थ है की ऐसा स्थान जहा शारीरक नाड़ियों का मिलन हो और ये ही शरीर के ऊर्जा केंद्र होते है। भारतीय ऋषि-मुनियो ने बताया है की शरीर में 114 चक्र होते है। वैसे कहा जाता है कि शरीर में 114 से अधिक चक्रो के बारे में अनुभव किया गया है लेकिन 114 प्रमुख चक्र होते है और उन्ही 114 में से 7 बहुत शक्तिशाली और जीवन परिवर्तन वाले चक्र होते है जो मानवीय जीवन को पूर्ण रूप से बदल कर रख देते है। ” 7 चक्र के नाम (7 chakras meaning in hindi and english)” All 7 Chakras Name Meaning in Hindi and english शरीर के सात चक्र हिंदी और इंग्लिश में निम्न है – मूलाधार -Root Chakra (Muladhara)>यह गुदा और जननेंद्रिय के बीच होता है। स्वाधिष्ठान-Sacral Chakra (Svadh...

बीज मन्त्र

ओ३म् (ॐ) या ओंकार को प्रणव कहा जाता है, ओउ्म तीन शब्द ‘अ’ ‘उ’ ‘म’ से मिलकर बना है, जो त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश तथा त्रिलोक भूर्भुव: स्व: भूलोक भुव: लोक तथा स्वर्ग लोक का प्रतीक है। ओ३म् को पद्मासन में बैठ कर जप करने से मन को शांति तथा एकाग्रता की प्राप्ति होती है। इस बारे में वैज्ञानिकों तथा ज्योतिषियों को कहना है कि ओउ्म तथा एकाक्षरी मंत्र का पाठ करने में दाँत, नाक, जीभ सबका उपयोग होता है, जिससे हार्मोनल स्राव कम होता है तथा ग्रंथि स्राव को कम करके यह शब्द कई बीमारियों से रक्षा करके शरीर के सात चक्र (कुंडलिनी) को जागृत करता है। “ह्रीं” बीज मन्त्र यह शक्ति बीज अथवा माया बीज है। इसमें ह = शिव, र = प्रक्रति, ई = महामाया, नाद = विश्वमाता, बिंदु = दुःख हर्ता। इस प्रकार इस माया बीज का तात्पर्य हुआ – शिवयुक्त विश्वमाता मेरे दु:खो का हरण करें। “श्रीं” बीज मन्त्र इसमें चार स्वर व्यंजन शामिल है। इसमें श = महालक्ष्मी, र = धन-ऐश्वर्य, ई = तुष्टि, अनुस्वार= दुःखहरण, नाद का तात्पर्य है, विश्वमाता। इस प्रकार ‘श्रीं’ बीज का अर्थ है – धन ऐश्वर्य-सम्पत्ति, तुष्टि-पुष्टि की अधिष्ठात्री देवी लक्ष्मी मेरे दु:खों का नाश करें। “ऐं” बीज मन्त्र यह सरस्वती बीज है, इसमें ऐं = सरस्वती, अनुस्वार = दुःखहरण, इस प्रकार “ऐं” बीज का तात्पर्य हुआ – हे मां सरस्वती! मेरे दु:खों का अर्थात् अविद्या का नाश करें। “क्रीं” बीज मन्त्र इसमें चार स्वर व्यंजन शामिल है। इसमें क = काली, र = ब्रह्म, ई = कार महामाया, अनुस्वार = दुःखहरण, इस प्रकार ‘क्रीं’ बीज का अर्थ हुआ – ब्रह्म शक्ति सम्पन्न महामाया काली मेरे दु:खों का हरण करें। “दूं” बीज मन्त्र यह दूं दुर्गा बीज है, इसमें दो स्वर व्यंजन शामिल है। इसमें द = दुर्गा...

7 Chakra क्या हैं? मंत्रों के माध्यम से चक्रों को कैसे सक्रिय करें?

Chakra एक संस्कृत शब्द है और इसका अर्थ है पहिया। प्राचीन भारत में, चक्रों का उपयोग ऊर्जा के विभिन्न रूपों के रूप में किया जाता था। यह ध्यान अभ्यास में प्रयुक्त मानव शरीर का केंद्र बिंदु है। मानव शरीर में 7 मुख्य चक्र होते हैं और इसे मंत्रों और ध्यान द्वारा सक्रिय किया जा सकता है। प्रत्येक Chakra के अपने मंत्र और मुद्राएं होती हैं। चक्रों को खोलने के लिए आपको सही मंत्र और मुद्रा की आवश्यकता होती है। लेकिन सबसे पहले आपको यह जानना होगा कि चक्र क्या है और यह कैसे काम करता है। यह भी पढ़ें: Chakra क्या हैं? प्रत्येक Chakra के अपने मंत्र और मुद्राएं होती हैं। मानव शरीर में 7 मुख्य ऊर्जा केंद्र होते हैं। इन प्रमुख ऊर्जा केंद्रों को Chakra कहा जाता है। Chakra सिर से रीढ़ की हड्डी के नीचे तक चलते हैं। 7 मुख्य Chakra हैं: मूलाधार चक्र – मूल चक्र स्वाधिष्ठान चक्र – त्रिक चक्र मणिपुर चक्र – सौर जाल चक्र अनाहत चक्र – हृदय चक्र विशुद्ध चक्र – गले का चक्र आज्ञा चक्र – तीसरा नेत्र चक्र सहस्रार चक्र – ताज चक्र चक्रों को सक्रिय करने के लिए आप मंत्रों का जाप कैसे करते हैं? प्रत्येक Chakra के अपने मंत्र और मुद्राएं होती हैं। अपने चक्रों को खोलने के लिए आपको मंत्रों का सही जप करना होगा। प्रत्येक चक्र के लिए मंत्रों का जाप करने के लिए अपनी स्वाभाविक आवाज का प्रयोग करें, उच्च या निम्न स्वर में मंत्रों का जाप न करें। यह भी पढ़ें: प्रत्येक Chakra के लिए मंत्र नीचे पढ़ें: मूल चक्र –‘लम’ का जाप करें यह Chakra रीढ़ की हड्डी के सबसे निचले हिस्से के आसपास होता है। इस चक्र को कुलकुण्डलिनी का मुख्य स्थान कहा जाता है , इसका एक और नाम भौम मंडल भी है। यह चक्र चौकोर तथा उगते हुये सूर्य के समान स्वर्ण वर्ण का ...

Manipur chakra Reveal

हमारे शरीर का तीसरा ऊर्जा केंद्र मणिपुर चक्र या सोलर प्लेक्सिस चक्र( Solar plexus or Manipur chakra ) होता है। चक्रकी स्थिति को नाभि के चार उंगलियां बराबर ऊपर होता है। यह चक्र वह जगह है जहां सेआपकी शक्ति और आत्मविश्वास प्रकट होता है। मणिपुर चक्रचयापचय की शक्ति और स्वायत्तता पर केंद्रित होता है। “मणिपुर” का अर्थ है, एक चमकदार रत्न। इस चक्र से जुड़ा रत्न या गुण पाचन तंत्र और पेटको मजबूत करता है। सोलर प्लेक्सस या मणिपुर चक्र का मूल तत्व अग्नि है। मध्यम शरीर के तापमान के भीतर आग को सक्रिय करने से भोजन के पाचन में मदद मिलती है। यह पीले रंग का प्रतिनिधित्व करता है, जो चमक और ऊर्जा का संतुलन लाता है। आपके शरीर में जब मणिपुर चक्र संतुलन में होता है। तो एक व्यक्ति आत्मविश्वास का अनुभव करता है। वह आत्म-प्रेरित होता है, और उसमें उद्देश्य की भावना जागृत होती है। जब वह नकारात्मक ऊर्जा से घिरा होता है, तो वह कम आत्मसम्मान की भावना से पीड़ित हो सकता है। निर्णय लेने में परेशानी महसूस कर सकता है, और नियंत्रण के मुद्दे कमज़ोर हो सकते हैं। सोलर प्लेक्सस के असंतुलन से किसी के भी शरीर में थकान, अधिक भोजन की इच्छा, विशेष रूप से पेट के आसपास अत्यधिक वजन बढ़ना, पाचन तंत्र विकार, हाइपोग्लाइसीमिया और मधुमेह हो सकता है। Table of Contents • • • • • • • • Location of Manipur Chakra | मणिपुर चक्र की स्थिति शरीर में चक्र की स्थिति नाभि के पीछे बताई गई है। कभी-कभी सूर्य (सूर्य) चक्र नामक एक द्वितीयक इसी चक्र में स्थित होता है। जिसकी भूमिका सूर्य से प्राण को अवशोषित और आत्मसात करने की होती है। शरीर में ये चक्र दृष्टि से संबंधित होने के कारण, यह आंखों से जुड़ा हुआ है, और गति से जुड़ा हुआ होने के कारण यह पै...

Kleem Mantra Miracles In Hindi इन देवी /देवताओं के बीज मंत्रो से होते हैं अद्भुत चमत्कार – Swahaam Spirituality With Health

क्लीं मंत्र को शक्तिशाली और ऊर्जावान मंत्र माना जाता है हर प्रकार के रिश्तों में सामंजस्य स्थापित करने की शक्ति है चाहे वह आपका वैवाहिक रिश्ता हो या दोस्ताना व्यवहार हो या रिश्तेदारी संबंध हो व्यवसायिक क्षेत्र से सम्बन्धित हो ये हर रिश्तों को सहेज सकता है। सुख समृद्धि वैभव को भी आकर्षित कर सकता है । Job business में आ रहे अवरोधों को भी हटाने की क्षमता है इस मंत्र में। आत्मविश्वास की कमी और कमजोर आत्मबल को मजबूत कर सकते है इसके नियमित जप से। स्वास्थ समस्या को भी दूर किया जा सकता है। इसका नियमपूर्वक मंत्र जाप root chakra, third eye और crown Chakra से इसकी प्रतिध्वनि टकरा टकरा कर चक्र को open कर देती हैं जिससे साधक गहरे ध्यान की अवस्था में भी प्रवेश कर सकता है। तनाव को मंत्र जप शुरू करते हुए ही दूर कर देता है। उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्ति का रक्तचाप सामान्य रह सकता है और यहां तक कि यदि आपको निद्रा की समस्या है सोने के पूर्व इस मंत्र जप करने से अनिद्रा की समस्या दूर हो सकती हैं। क्लीम बीज मंत्र का अर्थ Kleem में क ल इ और म हैं शामिल है। का का अर्थ है कारण ला का अर्थ है हमारी physical body यानी भौतिक शरीर इ का अर्थ है कारण शरीर म का अर्थ है पूर्णता मतलब completion. मंत्र में छिपी हुई शक्तियां होती हैं इसके निरंतर जप से यह जागृत होना शुरु हो सकता हैं। इसे अकेले नहीं जपना चाहिए। क्लीम के आगे और पीछे मंत्रो को जोड़कर जपने से इसके पॉवर शक्तियां और बढ़ जाती हैं। क्लीम मंत्र के देवता हैं काली माता श्री कृष्ण भगवान एवम् कामदेव हैं। इस बीज मंत्र का स्थान चक्र में मूलाधार चक्र हैं। इस मंत्र के साथ ॐ लगाकर जपने से यह आज्ञाकर चक्र को भी उत्तेजित कर सकता हैं। ये एक बीज मंत्र हैं। क्लीम ब...

शरीर के 7 चक्र के बीज मंत्र,रंग और देवताओ के रहस्य

शरीर में 7 चक्र के देवता,7 चक्र के बीज मंत्र,7 चक्र के रंग और 7 चक्र का रहस्य सम्मिलित है। हमारा शरीर बहुत ही शक्तिशाली मशीन है इसमें कई प्रकार के चक्रो का समावेश होता है। ये चक्र साधरण आँखों से दिखाई नहीं देते है इन्हे तथा इनकी शक्तियों को महसूस करने के लिए साधक को योग और ध्यान में कठिन परिश्रम करना होता है। शरीर के 7 चक्रो के जागृत होने पर व्यक्ति एक असाधारण व्यक्ति बन जाता है और आत्मज्ञान प्राप्त कर वो जीवन के रहस्यों को जान जाता है। शरीर के 7 चक्र क्या होते हैं name of 7 chakras in human body in hindi मानवीय शरीर बहुत शक्तिशाली और मजबूत होता है। भारतीय ऋषियों ने आत्मयात्रा के दौरान शरीर में कई बदलावों को महसूस किया और शरीर में 7 चक्र जागृत होने पर क्या होता है के विशेष अनुभव के माध्यम से व्यक्तियों को उन शक्तिशाली 7 चक्रो के बारे में बताया है। हमारे पुराने यौगिक ग्रंथो में इन सात चक्र को कमल के फूल के समान माना है। शरीर के सात चक्रो का सीधा से अर्थ है की ऐसा स्थान जहा शारीरक नाड़ियों का मिलन हो और ये ही शरीर के ऊर्जा केंद्र होते है। भारतीय ऋषि-मुनियो ने बताया है की शरीर में 114 चक्र होते है। वैसे कहा जाता है कि शरीर में 114 से अधिक चक्रो के बारे में अनुभव किया गया है लेकिन 114 प्रमुख चक्र होते है और उन्ही 114 में से 7 बहुत शक्तिशाली और जीवन परिवर्तन वाले चक्र होते है जो मानवीय जीवन को पूर्ण रूप से बदल कर रख देते है। ” 7 चक्र के नाम (7 chakras meaning in hindi and english)” All 7 Chakras Name Meaning in Hindi and english शरीर के सात चक्र हिंदी और इंग्लिश में निम्न है – मूलाधार -Root Chakra (Muladhara)>यह गुदा और जननेंद्रिय के बीच होता है। स्वाधिष्ठान-Sacral Chakra (Svadh...

बीज मन्त्र

ओ३म् को पद्मासन में बैठ कर जप करने से मन को शांति तथा एकाग्रता की प्राप्ति होती है। इस बारे में वैज्ञानिकों तथा ज्योतिषियों को कहना है कि ओउ्म तथा एकाक्षरी मंत्र का पाठ करने में दाँत, नाक, जीभ सबका उपयोग होता है, जिससे हार्मोनल स्राव कम होता है तथा ग्रंथि स्राव को कम करके यह शब्द कई बीमारियों से रक्षा करके शरीर के सात चक्र (कुंडलिनी) को जागृत करता है। “ह्रीं” बीज मन्त्र यह शक्ति बीज अथवा माया बीज है। इसमें ह = शिव, र = प्रक्रति, ई = महामाया, नाद = विश्वमाता, बिंदु = दुःख हर्ता। इस प्रकार इस माया बीज का तात्पर्य हुआ – शिवयुक्त विश्वमाता मेरे दु:खो का हरण करें। “श्रीं” बीज मन्त्र इसमें चार स्वर व्यंजन शामिल है। इसमें श = महालक्ष्मी, र = धन-ऐश्वर्य, ई = तुष्टि, अनुस्वार= दुःखहरण, नाद का तात्पर्य है, विश्वमाता। इस प्रकार ‘श्रीं’ बीज का अर्थ है – धन ऐश्वर्य-सम्पत्ति, तुष्टि-पुष्टि की अधिष्ठात्री देवी लक्ष्मी मेरे दु:खों का नाश करें। “ऐं” बीज मन्त्र यह सरस्वती बीज है, इसमें ऐं = सरस्वती, अनुस्वार = दुःखहरण, इस प्रकार “ऐं” बीज का तात्पर्य हुआ – हे मां सरस्वती! मेरे दु:खों का अर्थात् अविद्या का नाश करें। “क्रीं” बीज मन्त्र इसमें चार स्वर व्यंजन शामिल है। इसमें क = काली, र = ब्रह्म, ई = कार महामाया, अनुस्वार = दुःखहरण, इस प्रकार ‘क्रीं’ बीज का अर्थ हुआ – ब्रह्म शक्ति सम्पन्न महामाया काली मेरे दु:खों का हरण करें। “दूं” बीज मन्त्र यह दूं दुर्गा बीज है, इसमें दो स्वर व्यंजन शामिल है। इसमें द = दुर्गा, ऊ = रक्षा, अनुस्वार = करना, इस बीज का अर्थ है – हे मां दुर्गे! आप मेरी रक्षा करो। “ह्रौं” बीज मन्त्र यह ह्रौं प्रसाद बीज है। इसमें ह्र= शिव, औ = सदाशिव, अनुस्वार = दुःखहरण, इस बीज का अर्...