ऋषिकेश तो केदारनाथ डिस्टेंस

  1. केदारनाथ कैसे जाएं और कब जाएं
  2. केदारनाथ यात्रा में इन 10 बातों का रखे ध्यान, Tips For Kedarnath Yatra In Hindi
  3. केदारनाथ यात्रा के बारे में जानकारी
  4. केदारनाथ यात्रा ऋषिकेश से सोनप्रयाग Kedarnath Trip Rishikesh to Sonprayag
  5. kedarnath dham yatra 2023 travel updates guide tips registration and know other details book kedarnath yatra tour packages 2023 Latest News in Hindi, Newstrack Samachar, Aaj Ki Taja Khabar
  6. केदारनाथ यात्रा से जुड़ी हर एक जानकारी: इतिहास, मौसम, रास्ता, सुंदरता व अन्य जानकारी


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केदारनाथ कैसे जाएं और कब जाएं

इस आर्टिकल में हम आप लोगों को केदारनाथ कैसे जाएं और कब जाएं या How To Reach Kedarnath के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं. तो सबसे पहले हम आप लोगों को यह बता दें कि केदारनाथ की यात्रा को धर्म की दृष्टि से भारत की सबसे बड़ी यात्रा के तौर पर जाना जाता है. यह यात्रा संपूर्ण रूप से भगवान शिव जी को समर्पित है. यहां पर भगवान शिव का एक ऐतिहासिक मंदिर है जिसका निर्माण पांडवों के वंशज ने कराया था. करीब 1000 वर्षों से केदारनाथ की यात्रा का हिंदू धर्म में बेहद अधिक महत्व है. यही वजह है कि हर साल लाखों लोग बेहद उत्साह और श्रद्धा भाव से इस यात्रा में शामिल होते हैं. इसलिए अक्सर लोग केदारनाथ की यात्रा पर कैसे जाएं और कब जाएं की जानकारी इंटरनेट पर खोजते रहते हैं. • • • • • • • • केदारनाथ कैसे जाएं|How To Reach Kedarnath in Hindi किसी भी यात्रा पर जाने से पहले उसके बारे में प्रर्याप्त जानकारी हासिल करना बहुत जरूरी होता हैं. वही चाहे वह केदारनाथ या अन्य कोई भी यात्रा हो, केदारनाथ की यात्रा सुनने में जितनी शानदार लगती है उतनी ही चुनौतीपूर्ण भी हैं. इसलिए यहां पर जाने से पहले पूरी तैयारी करना बेहद जरूरी हैं. इसलिए हम आपको यहां पर केदारनाथ जाने की संपूर्ण जानकारी दें रहे हैं. जो आपके लिए बेहद लाभदायक हो सकती हैं. केदारनाथ यात्रा का रजिस्ट्रेशन कैसे करें जब आप केदारनाथ की यात्रा पर जाते है तो इसके लिए सबसे पहले आपको रजिस्ट्रेशन करना बेहद जरूरी होता हैं. यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन आप ऑनलाइन कर सकते हैं. इसके आलावा आप ऋषिकेश के बस स्टॉप या केदारनाथ जाकर रजिस्ट्रेशन कार्यालय से भी कर सकते हैं. ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने के लिए आप अधिकारिक केदारनाथ की यात्रा कैसे करें/ How To Reach Kedarnath in ...

केदारनाथ यात्रा में इन 10 बातों का रखे ध्यान, Tips For Kedarnath Yatra In Hindi

हर वर्ष केदारनाथ मंदिर की यात्रा पर लाखों की संख्या में भक्तगण पहुँचते (Kedarnath Travel Tips In Hindi) हैं और बाबा केदार के दर्शन करते हैं। इसके लिए केदारनाथ के पास स्थित गौरीकुंड पहुंचना होता हैं और वहां से आगे का 16 किलोमीटर का केदारनाथ का ट्रेक पैदल या घोड़े/पालकी की सहायत से पार करना होता (Tips For Kedarnath Trek In Hindi) हैं। इसके बाद भक्तगण मुख्य केदारनाथ मंदिर तक पहुँचते हैं और केदार बाबा के दर्शन करते हैं। किंतु आपको केदारनाथ यात्रा पर जाने से पहले और केदारनाथ का ट्रेक करते समय भी कुछ बातों का ध्यान रखने की आवश्यकता होती (Kedarnath Yatra Ke Liye Jaruri Saman) हैं। आज हम आपको इसी के बारे में विस्तार से बताएँगे। केदारनाथ यात्रा में इन बातों का रखे ध्यान (Tips For Kedarnath Yatra In Hindi) #1. सबसे पहले तो इस बात का ध्यान रखे कि आप केदारनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन/ पंजीकरण आवश्यक रूप से करवा ले। इसके बिना आप केदारनाथ धाम के दर्शन नही कर (Kedarnath Yatra Ke Liye E Pass) पाएंगे। आप चाहे तो ऑनलाइन भी केदारनाथ यात्रा का पंजीकरण करवा सकते हैं। इसके लिए आपको उत्तराखंड सरकार की चारधाम यात्रा की वेबसाइट पर जाना होगा और वहां से केदारनाथ यात्रा के लिए पंजीकरण करवाना होगा। इसके अलावा आप गूगल प्लेस्टोर पर भी उत्तराखंड सरकार के द्वारा उपलब्ध चारधाम यात्रा की आधिकारिक एप्प डाउनलोड कर उस पर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। #2. केदारनाथ यात्रा का रजिस्ट्रेशन आप ऑफलाइन भी करवा सकते हैं। इसके लिए आपको देहरादून, ऋषिकेश या हरिद्वार में रजिस्ट्रेशन करने की सुविधा मिल जाएगी। बहुत से यात्री गौरीकुंड पहुँच कर वहां से केदारनाथ यात्रा का रजिस्ट्रेशन करवाते हैं। यहाँ हम आपको सलाह देंगे कि आप पहले ...

केदारनाथ यात्रा के बारे में जानकारी

3.5/5 - (10 votes) Kedarnath In Hindi, केदारानाथ मंदिर चार धामों में से एक है, उत्तराखंड के हिमालय पर्वत की गोद में बसे केदारानाथ मंदिर की बहुत मान्यता है। केदारनाथ माउंटेन रेंज के बीच स्थित एक प्रमुख तीर्थस्थल है, जहां भगवान शिव की ज्योर्तिलिंग स्थापित है। 3584 मीटर की ऊंचाई पर स्थित केदारानाथ मंदिर का ये ज्योर्तिलिंग सभी 12 ज्योर्तिलिंगों में सबसे महत्वपूर्ण है। केदारानाथ मंदिर की खास बात है कि यह मंदिर सिर्फ अप्रैल से नवंबर महीने के बीच ही दर्शन के लिए खुलता है और सालभर लोग केदारानाथ मंदिर में आने के लिए इंतजार करते हैं। यहां की प्रतिकूल वायु के कारण सर्दी के दिनों में केदारघाटी बर्फ से पूरी तरह ढंक जाती है। खास बात यह है कि इसके बाद इसके खुलने और बंद होने का मुहूर्त भी निकाला जाता है, लेकिन फिर भी ये सामान्यतौर पर नवंबर महीने की 15 तारीख से पहले बंद हो जाता है और 6 महीने बाद अप्रैल में फिर से खुलता है। इस स्थिति में केदारानाथ मंदिर की पंचमुखी प्रतिमा को उखीमठ में लाया जाता है, जहां इसकी पूजा अर्चना रावलजी करते हैं। कहा जाता है कि जो बद्रीनाथ गया और केदारनाथ के दर्शन नहीं किए, उसकी यात्रा अधूरी मानी जाती है। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • केदारनाथ मंदिर का इतिहास – History Of Kedarnath In Hindi वैसे केदारानाथ मंदिर का इतिहास बहुत गौरवशाली है, जिससे कई कथाएं जुड़ी हैं। बताया जाता है कि हिमालय के केदार श्रृंग पर भगवान विष्णु के अवतार नर और नारायण ऋषि तपस्या करते थे। उनकी सच्ची अराधना देखकर भगवान शंकर प्रकट हुए और उनकी प्रार्थना को स्वीकार करते हुए ज्योर्तिलिंग में हमेशा यहां वास करने का उन्हें वरदान दिया। जबकि दूसरी कथा पंचकेदार से जुड़ी है। माना जाता ह...

केदारनाथ यात्रा ऋषिकेश से सोनप्रयाग Kedarnath Trip Rishikesh to Sonprayag

बारिश तो नहीं हो रही थी लेकिन मौसम अवश्य बारिश का बना हुआ था और ऐसा लग रहा था की ऊपरी पहाड़ों पर बारिश हो रही है। पहाड़ हमेशा ही खूबसूरत होते हैं लेकिन जब बात चरम सुंदरता की आती है तो वो बरसात का मौसम ही है जब इसे देखा जा सकता है। हल्का सर्द मौसम, हर और फैली हुई हरियाली और उन पर उमड़ते - घुमड़ते बादल बेहतरीन दृश्य प्रस्तुत करते हैं। एक बात जो थोड़ी सी नापसंद हैं, वो यह है की इस मौसम में नदियों का पानी बेहद मटमैला हो जाता है... खैर यह भी प्रकृति का ही एक रूप है। (आप मेरे 100 से भी अधिक अन्य यात्रा अनुभव मेरे ब्लॉग यहाँ से आगे बढ़ते जा रहे थे कि स्थान पर गंगा नदी का विशाल स्वरुप और उस पर झूलता सस्पेंशन ब्रिज दिखा। आबादी के नाम पर केवल एक चाय का खोमचा ही था। नदी के उस और कुछ कैम्प्स थे। हमने यहीं अपना पहला पड़ाव लिया। चाय - नाश्ता करके चल पड़े झूलते पुल पर। बहुत खूबसूरत दृश्य है यहाँ का। यदि आप कभी अपनी गाड़ी से इधर आएँ तो यहाँ कुछ समय अवश्य बितायें। वैसे जगह का नाम मुझे पता नहीं। कुछ देर यहाँ बिताने के बाद आगे चल पड़े। रास्ता अच्छा तो था लेकिन कई जगह गड्ढे भी खतरनाक ही थे और कहीं - कहीं पहाड़ की कटाई काम चलने के कारण यातायात रोका जा रहा था। यह थोड़ा बुरा लगभी रहा था और नहीं भी। बुरा इस लिए की हमें रुकना पड़ रहा था और अच्छा इसलिये की इसी बहाने प्रकृति दर्शन भी अच्छे से हो जा रहे थे और फोटोग्राफी भी। वैसे उम्मीद थी की देवप्रयाग के आगे रास्ता अच्छा मिलना चाहिये। यह तय था की तीन धारा के आस - पास भोजन किया जाए और देवप्रयाग में एक घंटे की सैर लेकिन समय इतना नहीं था इतनी बार रुका जाये। समय से याद आया एक एक दिन पहले ही संगीता जी का मैसेज आया था। उनके भाई बीनू कुकरेती जी का देवप्रयाग से लगभग 20 क...

kedarnath dham yatra 2023 travel updates guide tips registration and know other details book kedarnath yatra tour packages 2023 Latest News in Hindi, Newstrack Samachar, Aaj Ki Taja Khabar

Book Kedarnath Yatra Tour Packages 2023: केदारनाथ धाम भारत के सबसे पवित्र तीर्थों और 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। उत्तराखंड के चारधाम यात्रा में केदारनाथ एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। यह कठिन यात्रा हिमालय के दुर्गम पहाड़ियों पर करनी पड़ती है। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ धाम स्थित है। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 3584 मीटर है। यह मंदिर सुंदर हरी वादियों में बर्फ से ढका एक विहंगम दृश्य प्रस्तुत करता है। नवंबर से मार्च तक भारी बर्फबारी होने के कारण केदारनाथ मंदिर के कपाट साल के छह महीने बंद रहते हैं। इस मंदिर के खुलने की तारीख अक्षय तृतीया यानी वैशाख शुक्ल पक्ष तृतीया होती है । इस साल मंदिर के कपाट 26 अप्रैल को एक विशेष पूजा के साथ खोले जायेंगे। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए 16किलोमीटर की कठिन यात्रा करनी पड़ती है । लेकिन हेलीकॉप्टर , घोड़े, पालकी जैसी सुविधाओं के कारण रास्ता थोड़ा आसान हो जाता है। अप्रैल से अक्टूबर तक का महीना बर्फबारी से दूर होने के कारण यात्रा करने के लिए सबसे अच्छा रहता है। इसी दौरान यह मंदिर दर्शन के लिए खोला जाता है। यहां आने के लिए अपने साथ गरम ऊनी कपड़े भरपूर मात्रा में रखे। मंदिर के द्वार के बाहर नंदी बैल की एक विशाल मूर्ति है जिसकी भक्तगण पूजा करते हैं। मंदिर के अंदर एक चट्टान को भगवान शिव के रूप में पूजा जाता है। इस मंदिर में 12 ज्योतिर्लिंग हैं, जिसमें केदारनाथ को पूजा जाता है। केदारनाथ मंदिर के कपाट रोजाना सुबह 7 बजे से रात्रि 8.30 खुले रहते हैं। यहां शिवलिंग का घी से अभिषेक किया जाता है । दोपहर 1-2 बजे एक विशेष पूजा के बाद कपाट बंद कर दिए जाता है । फिर शाम 5बजे श्रद्धालुओं के लिए कपाट खोल दिए जाता है। शाम 7.30 बजे विशेष आरती के समय भगवान श...

केदारनाथ यात्रा से जुड़ी हर एक जानकारी: इतिहास, मौसम, रास्ता, सुंदरता व अन्य जानकारी

केदारनाथ (Kedarnath) अर्थात 4 धामों में से एक धाम, 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ज्योतिर्लिंग व पञ्च केदार में से एक केदार। अब आप स्वयं इस स्थल की महत्ता को समझ गये होंगे कि यह हिंदू धर्म के लिए कितना महत्त्वपूर्ण स्थल है। आज हम इसी के बारे में विस्तार से बात करेंगे (Kedarnath Yatra) व आपको बताएँगे कि आप अपनी केदारनाथ यात्रा कब, कैसे व किस रूप में सबसे उत्तम बना सकते हैं। केदारनाथ का इतिहास (Kedarnath ka Itihas) अगर आप केदारनाथ यात्रा करने का सोच रहे हैं तो सबसे पहले आवश्यक है इस ऐतिहासिक स्थल के बारे में जानना। इस स्थल से कई पौराणिक कथाएं जुडी (Kedarnath ki Katha) हुई है जिसमे से सबसे मुख्यतया व मानी जाने वाली पांडव काल की है। कहते है महाभारत के भीषण युद्ध के बाद पांडव अपने पापों की मुक्ति के लिए भगवान शिव को ढूंढते हुए यहाँ तक पहुंचे। चूँकि महादेव उनसे कुंठित थे इसलिये उन्होंने एक बैल का रूप ले लिया किंतु भीम ने उन्हें पहचान लिया व उनको पकड़ने दोड़े। यह देखकर भगवान शिव धरती में अंतर्धान होने लगे लेकिन भीम ने बैल की पीठ पकड़ ली। तब से यहाँ बैल के पीठ रुपी मूर्ति की पूजा की जाती है। इसके बाद आदि शंकराचार्य ने आज से कुछ हज़ारो वर्ष पहले इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था। इसके बाद शंकराचार्य ने यही समाधि ले ली थी। उनकी समाधि केदारनाथ मंदिर के पास ही स्थित है। केदारनाथ का मौसम (Kedarnath ka Mosam) यहाँ की यात्रा करने से पहले आपका यह भी जानना आवश्यक है कि मंदिर किस मौसम व महीने में खुला रहता है व कब बंद। इसी के साथ किस मौसम में मंदिर का तापमान व स्थिति कैसी रहती है। • मंदिर के द्वार श्रद्धालुओं के लिए अप्रैल माह में खुलते है। अप्रैल से लेकर जून तक का महीना मौसम के अनुसार सबसे उत्तम ...