अंबा अमृतवाणी

  1. Kabir Amritwani Lyrics
  2. शिव अमृतवाणी
  3. आंबा
  4. कबीर के दोहे मीठी वाणी
  5. “श्री राम अमृतवाणी” पढ़ें लिरिक्स
  6. [Lyrics & PDF] शिव अमृतवाणी


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Kabir Amritwani Lyrics

संत Kabir Ke Dohe Lyrics, Shri Kabir Amritwani Lyrics in Hindi and English, कबीर अमृतवाणी गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागूं पाए भजन गीत Kabir Amritwani Lyrics in Hindi गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागूं पाए, बलिहारी गुरु आपने, गोविन्द दियो बताय। कबीर…गोविन्द दियो बताय। यह तन विष की बेलरी, गुरु अमृत की खान, सीस दिए से गुरु मिले, वो भी सस्ता जान। कबीर…वो भी सस्ता जान। ऐसी वाणी बोलिये, मन का आप खोये, औरन को शीतल करे, आपहु शीतल होये। कबीर…आपहु शीतल होये। बड़ा भया तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर, पंथी को छाया नहीं, फल लागे अति दूर। कबीर…फल लागे अति दूर। निंदक नियरे राखिये, आँगन कुटी छवाए, बिन साबुन पानी बिना, निर्मल करे सुभाए। कबीर…निर्मल करात सुभाए। बुरा जो देखन मैं चला, बुरा ना मिल्या कोई, जो मन देखा अपना, तो मुझसे बुरा ना कोई। कबीर…तो मुझसे बुरा ना कोई। दुःख में सुमिरन सब करे, सुख में करे न कोई, जो सुख में सुमिरन करे, तो दुःख कहे को होये। कबीर…तो दुःख कहे को होये। माटी कहे कुम्हार से, तू क्या रोन्धे मोहे, एक दिन ऐसा आएगा, मैं रोंधुंगी तोहे। कबीर…मैं रोंधुंगी तोहे। मालिन आवत देख के, कलियाँ करे पुकार, फूले फूले चुन लिए, काल हमारी बार। कबीर…काल हमारी बार। Kabir Amritwani Lyrics in English Guru Govind Dou Khade, Kake Lagu Paye, Balihaari Guru Aapne, Govind Diyo Bataye, Kabira Govind Diyo Bataye. Yah Tan Vish Ki Belari, Guru Amrat Ki Khaan, Sheesh Diye Jo Guru Mile, Tobhi Sastaa Jaan. Sab Dharti Kagaj Karo, Lekhani Sab Vanrai, Saat Samudra Ki Masi Karu, Guru Gun Likha Naa Jaaye. Aisi Baani Boliye, Man Ka Aapa Khoye, Auran Ko Sheetal Kare, Aapahu Sheetal Hoye. Bada Hua To Kya Hua, Jaise Ped ...

शिव अमृतवाणी

शिव अमृतवाणी | Shiv Amritwani हिन्दी PDF डाउनलोड करें इस लेख में नीचे दिए गए लिंक से। अगर आप शिव अमृतवाणी | Shiv Amritwani हिन्दी पीडीएफ़ डाउनलोड करना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह आए हैं। इस लेख में हम आपको दे रहे हैं शिव अमृतवाणी | Shiv Amritwani के बारे में सम्पूर्ण जानकारी और पीडीएफ़ का direct डाउनलोड लिंक। शिव अमृतवाणी का पाठ करने से शिव जी प्रसन्न होते हैं तथा मनोवांछित वर प्रदान करते हैं। यदि आप भी अपने जीवन में विभिन्न प्रकार के संकटों से घिर चुके हैं तथा उनसे मुक्त होना चाहते हैं तो शिव अमृतवाणी का पाठ व श्रवण अवश्य करें तथा भगवान् भोलेनाथ की विशेष कृपा प्राप्त करके अपना जीवन परिवर्तित करें। शिव अमृतवाणी के बोल हिंदी में, यह लोकप्रिय शिव भजन अनुराधा पौडवाल द्वारा गाया गया है, गीत पारंपरिक है, टी-सीरीज़ सबसे लोकप्रिय हिंदी भजन अनुराधा पौडवाल द्वारा प्रस्तुत शिव अमृतवाणी है। शिव अमृतवाणी PDF | Shiv Amritwani PDF in Hindi कल्पतरु पुन्यातामा, प्रेम सुधा शिव नाम हितकारक संजीवनी, शिव चिंतन अविराम पतिक पावन जैसे मधुर, शिव रसन के घोलक भक्ति के हंसा ही चुगे, मोती ये अनमोल जैसे तनिक सुहागा, सोने को चमकाए शिव सुमिरन से आत्मा, अध्भुत निखरी जाये जैसे चन्दन वृक्ष को, दस्ते नहीं है नाग शिव भक्तो के चोले को, कभी लगे न दाग ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय!! दया निधि भूतेश्वर, शिव है चतुर सुजान कण कण भीतर है, बसे नील कंठ भगवान चंद्र चूड के त्रिनेत्र, उमा पति विश्वास शरणागत के ये सदा, काटे सकल क्लेश शिव द्वारे प्रपंच का, चल नहीं सकता खेल आग और पानी का, जैसे होता नहीं है मेल भय भंजन नटराज है, डमरू वाले नाथ शिव का वंधन जो करे, शिव है उनके साथ ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय!! लाखो अश्वमेध हो, सोउ गं...

आंबा

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कबीर के दोहे मीठी वाणी

Table of Contents • • • • • संत कबीर न तो हिन्दू थे और न ही मुसलमान, वे तो बस एक शानदार व्यक्तित्व वाले इंसान थे। इसी दुनिया के होने के बावजूद वे जाति-धर्म व दुनियादारी की अन्य बातों से परे थे। कबीर दास जी के दोहे (kabir ke dohe in hindi) हमें ज़िंदगी जीना सिखाते हैं, दुनिया की हर मुश्किल से लड़ने की ताकत देते हैं और दिल में भाईचारे और प्यार की भावना जगाते हैं। जब भी साहित्य की बात होती हैं संत कबीर दास जी का नाम जरूर आता है। खास कर के जब दोहो की बात होती हैं तो संत कबीर जी का नाम सबसे ऊपर होता है। अपने जीवन का अनुभव उन्होनें अपने दोहे के जरिये कही। कबीर का जन्म संवत 1455 की ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा को हुआ था। इसीलिए इस दिन उनकी याद में पूरे देश में कबीर जयंती मनाई जाती है। 2021 में 24 जून, बुधवार को कबीर दास जी की जयंती मनाई जाएगी। जीवन में सयम बरतना और सही गलत की पहचान करने के तरीके कबीर के दोहों में झलकती है। अगर आप भी जीवन में सही राह चुनना चाहते हैं तो एक बार जरूर पढ़ें कबीर के दोहे मीठी वाणी और साखी (Kabir ke Dohe or Sakhiyan in Hindi)। यहाँ हम आपके साथ शेयर कर रहे हैं कबीर के दोहे मीठी वाणी (Kabir Das ki Vani), कबीर दास जी के दोहे (Kabir Das ke Dohe in Hindi), कबीर दास की अमृतवाणी (Kabir अमृतवाणी), कबीर दास के भजन (Kabir Das Ke Bhajan) और कबीर दास की रचनाएं (Kabir Das ki Rachnaye in Hindi) कबीर के दोहे साखी – Kabir ki Sakhiyan in Hindi संस्कृत शब्द ‘साक्षित’ (साक्षी) को हिन्दी में साखी कहते हैं। संस्कृत साहित्य में आंखों से प्रत्यक्ष तौर पर देखने वाले के अर्थ में साक्षी शब्द का प्रयोग किया जाता था। सबसे पहले कालिदास ने कुमारसंभव में इसी अर्थ में साखी का इस्तेमाल किया थ...

“श्री राम अमृतवाणी” पढ़ें लिरिक्स

अमृत ​​मनन राम का जाप, राम राम प्रभु राम अलाप, अमृत ​​चिंतन राम का ध्यान, राम शब्द में सूचि समाधन । 5 । अमृत ​​रसना वही कहवा, राम-राम, जहां नाम सुहावे, अमृत ​​कर्म नाम कमानी, राम-राम परम सुखदायी । 6 । अमृत पद सो ही जन पावे, राम-नाम अमृत-रास सार, देता परम आनन्द अपार । 7 । अमृत वाणी मान, राम-नाम मे राम को, सदा विराजित जान । 8 । राम-नाम मद-मंगलकारी, विध्ण हरे सब पातक हारी, राम नाम शुभ-शकुण महान, स्वस्ती शांति शिवकर कल्याण । 9 । राम-राम श्री राम-विचार, मानी उत्तम मंगलाचार, राम-राम मन मुख से गाना, मानो मधुर मनोरथ पाना । 10 । राम-नाम जो जन मन लावे, उसमे शुभ सभी बस जावे, जहां हो राम-नाम धुन-नाद, भागे वहा से विषम विषाद । 11 । राम-नाम मन-तप्त बुझावे, सुधा रस सीच शांति ले आवे, राम-राम जपिये कर भाव, सुविधा सुविध बने बनाव । 12 । राम-नाम सिमरो सदा, अतिशय मंगल मूल, विषम विकट संकट हरन, कारक सब अनुकूल । 13 । जपना राम-राम है सुकृत, राम-नाम है नाशक दुष्कृत, सिमरे राम-राम ही जो जन, उसका हो शुचित्र तन-मन । 14 । जिसमे राम-नाम शुभ जागे, उस के पाप-ताप सब भागे, मन से राम-नाम जो उच्चारे, उस के भागे भ्रम भय सारे । 15 । जिस मन बस जाए राम सुनाम, होवे वह जन पूर्णकाम, चित में राम-राम जो सिमरे, निश्चय भव सागर से तारे । 16 । राम-सिमरन होव साहै, राम-सिमरन है सुखदायी, राम सिमरन सब से ऊंचा, राम शक्ति सुख ज्ञान समूचा । 17 । राम-राम हे सिमर मन, राम-राम श्री राम, राम-राम श्री राम-भज, राम-राम हरि-नाम । 18 । मात पिता बांधव सूत दारा, धन जन साजन सखा प्यारा, अंत काल दे सके ना सहारा, राम-नाम तेरा तारण हारा । 19 । सिमरन राम-नाम है संगी, सखा स्नेही सुहिर्द शुभ अंगी, यूग-यूग का है राम सहेला, राम-भगत नहीं रहे अकेला । 20...

[Lyrics & PDF] शिव अमृतवाणी

आप अमृतवाणी के लिरिक्स पढ़ने के साथ ही लिरिक्स को PDF में भी डाउनलोड कर सकते है | PDF में डाउनलोड करने का लिंक नीचे दिया गया है | Shiv Amritwani Lyrics in Hindi ।। भाग १ ।। कल्पतरु पुन्यातामा, प्रेम सुधा शिव नाम हितकारक संजीवनी, शिव चिंतन अविराम पतिक पावन जैसे मधुर, शिव रसन के घोलक भक्ति के हंसा ही चुगे, मोती ये अनमोल जैसे तनिक सुहागा, सोने को चमकाए शिव सुमिरन से आत्मा, अध्भुत निखरी जाये जैसे चन्दन वृक्ष को, दस्ते नहीं है नाग शिव भक्तो के चोले को, कभी लगे न दाग ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय ! दया निधि भूतेश्वर, शिव है चतुर सुजान कण कण भीतर है, बसे नील कंठ भगवान चंद्र चूड के त्रिनेत्र, उमा पति विश्वास शरणागत के ये सदा, काटे सकल क्लेश शिव द्वारे प्रपंच का, चल नहीं सकता खेल आग और पानी का, जैसे होता नहीं है मेल भय भंजन नटराज है, डमरू वाले नाथ शिव का वंधन जो करे, शिव है उनके साथ ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय ! लाखो अश्वमेध हो, सोउ गंगा स्नान इनसे उत्तम है कही, शिव चरणों का ध्यान अलख निरंजन नाद से, उपजे आत्मा ज्ञान भटके को रास्ता मिले, मुश्किल हो आसान अमर गुणों की खान है, चित शुद्धि शिव जाप सत्संगती में बैठ कर, करलो पश्चाताप लिंगेश्वर के मनन से, सिद्ध हो जाते काज नमः शिवाय रटता जा, शिव रखेंगे लाज ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ! शिव चरणों को छूने से, तन मन पवन होये शिव के रूप अनूप की, समता करे न कोई महा बलि महा देव है, महा प्रभु महा काल असुराणखण्डन भक्त की, पीड़ा हरे तत्काल शर्वा व्यापी शिव भोला, धर्म रूप सुख काज अमर अनंता भगवंता, जग के पालन हार शिव करता संसार के, शिव सृष्टि के मूल रोम रोम शिव रमने दो, शिव न जईओ भूल ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय ! ।। भाग २ & ३ ।। शिव अमृत की पावन धारा, धो देती हर कष्ट...