अंत

  1. यज्ञ
  2. प्रत्यय
  3. अंत समय
  4. Noun in Hindi: Noun के प्रकार, परिभाषा एवं उदाहरण
  5. बहुभुज फार्मूला, परिभाषा एवं गुण


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यज्ञ

अधियज्ञोअहमेवात्र देहे देहभृताम वर ॥ 4/8 भगवत गीता अनाश्रित: कर्म फलम कार्यम कर्म करोति य: स संन्यासी च योगी च न निरग्निर्न चाक्रिय: ॥ 1/6 भगवत गीता शरीर या देह सेवा को छोड़ देने का वरण या निश्चय करने वालों में, यज्ञ अर्थात जीव और आत्मा की क्रिया या जीव का आत्मा में विलय, मुझ परमात्मा का कार्य है। यज्ञ का अर्थ जबकि कर्मकांड है किन्तु इसकी शिक्षा व्यवस्था में अग्नि और घी के प्रतीकात्मक प्रयोग में पारंपरिक रूचि का कारण अग्नि के भोजन बनाने में, या आयुर्वेद और औषधीय विज्ञान द्वारा वायु शोधन इस अग्नि से होने वाले धुओं के गुण को यज्ञ समझ इस 'यज्ञ' शब्द के प्रचार प्रसार में बहुत सहायक रहे। अनुक्रम • 1 अर्थ • 2 यज्ञ की विधि • 3 यज्ञीय विज्ञान • 4 यज्ञीय प्रेरणाएँ • 5 इन्हे भी देखें • 6 सन्दर्भ अर्थ [ ] यज्ञ शब्द के तीन अर्थ हैं- १- देवपूजा, २-दान, ३-संगतिकरण। संगतिकरण का अर्थ है-संगठन। यज्ञ का एक प्रमुख उद्देश्य धार्मिक प्रवृत्ति के लोगों को सत्प्रयोजन के लिए संगठित करना भी है। इस युग में संघ शक्ति ही सबसे प्रमुख है। परास्त देवताओं को पुनः विजयी बनाने के लिए प्रजापति ने उसकी पृथक्-पृथक् शक्तियों का एकीकरण करके संघ-शक्ति के रूप में दुर्गा शक्ति का प्रादुर्भाव किया था। उस माध्यम से उसके दिन फिरे और संकट दूर हुए। मानवजाति की समस्या का हल सामूहिक शक्ति एवं संघबद्धता पर निर्भर है, एकाकी-व्यक्तिवादी-असंगठित लोग दुर्बल और स्वार्थी माने जाते हैं। गायत्री यज्ञों का वास्तविक लाभ सार्वजनिक रूप से, जन सहयोग से सम्पन्न कराने पर ही उपलब्ध होता है। यज्ञ का तात्पर्य है- त्याग, समर्पण यज्ञ की विधि [ ] अग्नि को पावक कहते हैं क्योंकि यह अशुद्धि को दूर करती है। लोहे के अयस्क को उच्च ताप देने पर लोहा ...

प्रत्यय

इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर (अगस्त 2019) स्रोत खोजें: · · · · प्रत्यय वे शब्द हैं जो दूसरे शब्दों के अन्त में जुड़कर, अपनी प्रकृति के अनुसार, शब्द के अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं। प्रत्यय शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है – प्रति + अय। प्रति का अर्थ होता है ‘साथ में, पर बाद में" और अय का अर्थ होता है "चलने वाला", अत: प्रत्यय का अर्थ होता है साथ में पर बाद में चलने वाला। जिन शब्दों का स्वतंत्र अस्तित्व नहीं होता वे किसी शब्द के पीछे लगकर उसके अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं। प्रत्यय का अपना अर्थ नहीं होता और न ही इनका कोई स्वतंत्र अस्तित्व होता है। प्रत्यय अविकारी शब्दांश होते हैं जो शब्दों के बाद में जोड़े जाते है।कभी कभी प्रत्यय लगाने से अर्थ में कोई बदलाव नहीं होता है। प्रत्यय लगने पर शब्द में संधि नहीं होती बल्कि अंतिम वर्ण (स्वर) में मिलने वाले प्रत्यय में स्वर की मात्रा लग जाएगी लेकिन व्यंजन होने पर वह यथावत रहता है। जैसे:- • समाज + इक = • • सुगंध +इत = सुगंधित • भूलना +अक्कड = भुलक्कड • मीठा +आस = मिठास • लोहा +आर = लुहार • नाटक +कार =नाटककार • बड़ा +आई = बढ़ाई • • टिक +आऊ = टिकाऊ • बिक +आऊ = बिकाऊ • होन +हार = होनहार • लेन +दार = लेनदार • घट + इया = घटिया • गाडी +वाला = गाड़ीवाला • सुत +अक्कड = सुतक्कड़ • दया +लु = दयालु अनुक्रम • 1 प्रत्यय के प्रकार • 1.1 संस्कृत के प्रत्यय • 1.1.1 कृतृ प्रत्यय • 1.1.2 तद्धित प्रत्यय • 1.2 कुछ उदाहरण • 2 इन्हें भी देखें प्रत्यय के प्रकार [ ] • संस्कृत के प्रत्यय • हिंदी के प्रत्यय • विदेशी भाषा के प्रत्यय संस्कृत के प्रत्यय [ ] संस्कृत व्याकरण में जो प्रत्यय शब्दों और मूल धातुओं...

अंत समय

चर्चित शब्द (विशेषण) जो किसी वस्तु, स्थान आदि के मध्य या बीच में स्थित हो। (संज्ञा) स्त्रियों का गहने, कपड़े आदि से अपने आपको सजाने की क्रिया। (संज्ञा) राजा जनक की पुत्री तथा राम की पत्नी। (संज्ञा) शिक्षा संबंधी योग्यता। (विशेषण) अच्छे चरित्रवाली। (विशेषण) धोखा देने के लिए किसी प्रकार की झूठी कार्रवाई करने वाला। (विशेषण) कहीं-कहीं पर होने वाला। (संज्ञा) सेना का प्रधान और सबसे बड़ा अधिकारी। (संज्ञा) वह रोग जिसमें भोजन नहीं पचता। (विशेषण) जो प्रशंसा के योग्य हो।

Noun in Hindi: Noun के प्रकार, परिभाषा एवं उदाहरण

अंग्रेजी लिखने, बोलने और पढ़ने के लिए शब्द-भेद का ज्ञान शुद्ध-शुद्ध होना बहुत आवश्यक है. क्योंकि भाव स्पष्ट करने का मार्ग प्रदर्शित करता है. Noun in Hindi शब्द भेद का ही एक महत्वपूर्ण भाग है जिसका प्रयोग किसी प्राणी, वस्तु, स्थान आदि को प्रदर्शित करने के लिए होता है. Noun का अध्ययन ग्रामर में परिपक्कव बनाने के साथ-साथ प्रतियोगिता और बोर्ड एग्जाम में अच्छे मार्क्स दिलाने में भी मदद करता है. अपने व्यवहारिक जीवन में ज्यादतर विद्यार्थी Noun के प्रकार और परिभाषा में कठिनाई महसूस करते है. क्योंकि वे इसे सरलता से समझ नही पाते है. इसलिए, यहाँ Noun से सम्बंधित भेद, उदाहरण, परिभाषा, Classification के विषय में विस्तृत रूप से वर्णन किया गया है, जो इसे सरलता से समझने में सहायता करता है. Pronoun ( सर्वनाम ) Adjective ( विशेषण ) Adverb ( क्रियाविशेषण ) Preposition ( संबंध सूचक ) Conjunction ( संयोजक ) Table of Contents • • • • • • • • • • Noun क्या होता है? | Noun Definition in Hindi संज्ञा किसे कहते है के सन्दर्भ में संक्षिप्त परिभाषा: The name of a person, place, animal, or object is called a noun. किसी व्यक्ति, स्थान, जानवर या वस्तु के नाम को संज्ञा कहा जाता है. A Noun is the name of person, place, animal, or thing. और Noun is a Latin word which means “Name”. Noun एक Latin शब्द है जिसका मतलब “नाम” होता है. इसे निम्न प्रकार से परिभाषित कर सकते है. N = Name (नाम) O = Object (वस्तु) U = Universe (ब्रह्माण्ड) N = Nether (पताल) इसे इस प्रकार परिभाषित किया जाता है. Name of Universe, Nether, object are called Noun. दुसरें शब्दों में, नाउन की परिभाषा The word which denotes the name of a perso...

बहुभुज फार्मूला, परिभाषा एवं गुण

बहुभुज, सरल रेखाओं से घिरी द्वि-आयामी ज्यामितीय आकृति है जिसकी भुजाओं की संख्या सिमित होती है. रेखाओं या रेखाखंड से घिरी लगभग सभी ज्यामितीय आकृति bahubhuj में रेखाखंडों को भुजा या किनारा कहा जाता है. वह बिंदु जहां दो रेखा खंड एक दुसरें से मिलते हैं, शीर्ष कहलाते हैं. भुजाओं के मिलान से कोण का निर्माण होता है जिसे बहुभुज का कोण कहा जाता है. ज्यामितीय में बहुभुज का प्रयोग प्रतियोगिता एग्जाम एवं क्लास 8th से 12th तक के प्रशों को हल करने के लिए किया जाता है. Bahubhuj का फार्मूला, परिभाषा एवं गुण सर्वाधिक महत्वपूर्ण है, इसलिए, सभी तथ्यों को यहाँ उपलब्ध कराया गया है. Table of Contents • • • • • • • • • • बहुभुज की परिभाषा Bahubhuj एक समतल सतह पर समित भुजाओं से घरी एक ऐसी ज्यामितीय आकृति है, जिसमे दो भुजा मिलकर एक शीर्ष का निमार्ण करते है. जिसे बहुभुज कहते है. रेखा खंड से घिरी आकृति के प्रत्येक भाग को बहुभुज की “भुजा” कहा जाता है. बहुभुज संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर यानि “बहु + भुज” से बना है, जिसमे “बहु” का अर्थ “अनेक” एवं “भुज” का अर्थ “भुजा” होता है. सरल शब्दों में, वैसी आकृति जो तीन या तीन से अधिक भुजाओं या रेखाखंडो से मिलकर बना हो, उसे बहुभुज कहते है. त्रिभुज, चतुर्भुज, पंचभुज, अष्टभुज आदि बहुभुज के अंतर्गत परिभाषित किए जाते है. अवश्य पढ़े, वर्ग का परिमाप वर्ग का महत्वपूर्ण क्षेत्रफल आयत का परिमाप आयत का क्षेत्रफल समानान्तर चतुर्भुज समलम्ब चतुर्भुज बहुभुज का प्रकार | Types of Polygon in Hindi गणितज्ञों के अनुसार बहुभुज का प्रकार बहुत है. लेकिन प्रयोग के अनुसार इसे मुख्यतः दो वर्गों में विभाजित किया जाता है. लेकिन आप यहाँ चार प्रकार के बहुभुज के विषय में अध्ययन करेंगे. जो एग...