अंतः

  1. अंत
  2. Lines and Angles in Hindi
  3. विसर्ग संधि (परिभाषा, प्रकार और नियम)
  4. अंतः meaning in Hindi
  5. अंतः स्रावी ग्रंथियां किसे कहते हैं?
  6. अंतर
  7. endoplasmic reticulum in hindi , अंतः प्रद्रव्यी जालिका किसे कहते हैं , संरचना क्या है , कार्य बताइए
  8. संधि (व्याकरण)


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अंत

अनुक्रम • 1 उदाहरण • 2 मूल • 3 अन्य अर्थ • 4 संबंधित शब्द • 4.1 अन्य भारतीय भाषाओं में निकटतम शब्द • 5 सन्दर्भ उदाहरण [ ] • आज इस कथा का अन्त हुआ। • कलयुग का अन्त शीघ्र आने वाला है। • बूढ़े बाबा की सभी मुश्किलों का अन्त हो गया। • अंत भला तो सब भला। मूल [ ] अन्त अन्य अर्थ [ ] संबंधित शब्द [ ] अन्तिम, अन्तकाल, अन्य भारतीय भाषाओं में निकटतम शब्द [ ] आखिर ( सन्दर्भ [ ]

Lines and Angles in Hindi

जैसा कि हम पहले भी पढ़ चुके हैं कि एक रेखा (lines) के खींचने के लिए न्यूनतम 2 बिंदुओं की आवश्यकता होती है। हम इस आर्टिकल (article) में , कोणों के उन गुणों का अध्ययन करेंगे जब दो रेखाएं (lines) परस्पर प्रतिचछेद करती हैं और कोणों (angles) उन गुणों को भी अध्ययन करेंगे , जब एक रेखा दो या अधिक समानांतर (parallel) रेखाओं को भिन्न-भिन्न बिंदुओं पर काटते हैं। आप अपने दैनिक जीवन में समतल पृष्ठों के किनारों (edges) के बीच बने अनेक प्रकार के कोण देखते हैं। एक ही प्रकार के मॉडल को बनाने के लिए कोणों के बारे में जानकारी होना आवश्यक है। यदि आपको कोई स्कूल प्रोजेक्ट का मॉडल बनाना हो जिसमें विभिन्न प्रकार के वस्तुओं जैसे घर और आदि बनाने होती है तो उसे बनाने के कुछ के लिए कुछ डंडियों को समान अंतर रखने होती है यहां तक कि जब कोई घर का नक्शा तैयार किया जाता है तब उसमें भी रेखा और कोण (lines and angles) के गुणों की जानकारी की आवश्यकता होती है। परिभाषाएं (defines) : रेखाखंड (line segment) – एक रेखा का वह भाग जिसमें दो अंत बिंदु वह एक रेखाखंड (line segment) कहलाता है। यदि हमें कोण और रेखाओं (lines and angles) के गुणों का अध्ययन करना है तो उससे पहले हमें कुछ आधारभूत पदो या शब्दों को जानना होगा। किरण (Ray) – किसी रेखा का वह भाग जिसका एक अंत बिंदु हो वह किरण (ray) कहलाता है। सरेख बिंदु (Collinear points) – यदि तीन या अधिक बिंदु एक ही रेखा पर स्थित हो तो , वह सरेख (collinear points) बिंदु कहलाता है। असरेख बिंदु (Non – collinear points) – यदि तीन बिंदु से कम एक ही रेखा पर स्थित हैं तो असरेख बिंदु (non-collinear points) कहलाता है। कोण (Angle) – जब दो किरणें एक ही बिंदु से प्रारंभ होते हैं तो एक कोण (a...

विसर्ग संधि (परिभाषा, प्रकार और नियम)

विषय सूची • • • • • • • • • विसर्ग संधि किसे कहते है? विसर्ग संधि की परिभाषा (Visarg Sandhi ki Paribhasha): विसर्ग संधि से आशय जब विसर्ग का विसर्ग संधि (Visarga Sandhi) कहते हैं। दूसरे शब्दों में विसर्ग का व्यंजन या स्वर के परस्पर मेल से जो भी परिवर्तन उत्पन्न होता है, उसे विसर्ग संधि कहते हैं। विसर्ग संधि के उदाहरण • तपः + बल = तपोबल • पुरः + हित = पुरोहित विसर्ग संधि के प्रकार • सत्व विसर्ग संधि • उत्व संधि • रूत्व संधि 1. सत्व विसर्ग संधि यदि किसी भी पद के आखिर में या अंत में “अ” स्वर के अलावा कोई अन्य स्वर आये और उसके बाद में विसर्ग आये तथा दूसरे शब्द के शुरू में वर्ण का तीसरा, चौथा, पांचवा अक्षर “य्, र्, ल्, व्” में से कोई आये तो वर्ण अगले वर्ण के ऊपर चढ़ जाता है और विसर्ग “र” हो जाता है। जैसे • बहि: + अंग = बहिरंग • आशि: + वाद = आशिर्वाद 2. उत्व संधि यदि किसी प्रथम पद के आखिर या अन्त मे “अ” आये उसके बाद मे विसर्ग आये तथा दूसरे पद के शुरुआत् क तीसरा, चौथा, पांचवा “य्, र्, ल्, व्” में से कोई आये तो “उ” बन जाता है, अतः अ+उ = ओ हो जाता है। जैसे • तप + वन = तपोवन • मन + हर = मनोहर 3. रूत्व संधि यदि किसी पद के अन्त मे कोई भी स्वर आने के पश्चात विसर्ग आये तथा उसके बाद दूसरे पद के शुरुआत् मे “त/थ” आने पर “स” बन जाता है। यदि “च/छ्” आता है तो “श” बन जाता है, उसके बाद मे “ट/ठ” आने पर “ष” बन जाता है। जैसे • चन्द्र: + तम् = चन्द्र्स्तम् • नि: + चय = निश्चय • धनु: + टकार = धनुष्टकार विसर्ग संधि के नियम विसर्ग संधि के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के नियमों को शामिल किया गया है, जिनमें से मुख्य नियम निम्नलिखित हैं: नियम-1 जब कभी किसी शब्द में विसर्ग के बाद च, छ या श आए तो विसर्ग का श हो ज...

अंतः meaning in Hindi

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अंतः स्रावी ग्रंथियां किसे कहते हैं?

• • • • • पहली अंतःस्रावी ग्रंथियां चिकित्सा का प्रयास 1889 में “ चार्ल्स ब्राउन-सेक्वार्ड” द्वारा किया गया था, जिन्होंने पुरुष उम्र बढ़ने के इलाज के लिए जानवरों के वृषण से अर्क का उपयोग किया था; इसने “ऑर्गेथेरपीज़” में एक प्रचलन को प्रेरित किया जो जल्द ही फीका पड़ गया लेकिन इसके कारण एड्रेनल और थायरॉइड अर्क जो आधुनिक कोर्टिसोन और थायरॉइड हार्मोन के अग्रदूत थे। अंतःस्रावी ग्रंथियां अधिकांश सामान्य शारीरिक कार्यों को विनियमित करने के लिए हार्मोन का स्राव करती हैं। ग्रंथियां हार्मोन का निर्माण करती हैं जिन्हें तब रक्त प्रवाह के माध्यम से शरीर के विभिन्न अंगों में भेजा जाता है। अंतःस्रावी तंत्र की ग्रंथियों में हाइपोथैलेमस, पिट्यूटरी ग्रंथि, थायरॉयड, पैराथायरायड, वृषण, अंडाशय, अधिवृक्क ग्रंथि और अग्न्याशय शामिल हैं। अंतःस्रावी तंत्र मुख्य रूप से ग्रंथियों से बना होता है जो हार्मोन नामक रासायनिक संदेशवाहक उत्पन्न करते हैं। अंतःस्रावी तंत्र की ग्रंथियों में पिट्यूटरी ग्रंथि, थायरॉयड ग्रंथि, पैराथायरायड ग्रंथियां, थाइमस और अधिवृक्क ग्रंथियां शामिल हैं। अन्य ग्रंथियां भी अंतःस्रावी तंत्र के भीतर शामिल हैं क्योंकि उनमें अंतःस्रावी ऊतक होते हैं जो हार्मोन को स्रावित करते हैं। इनमें अग्न्याशय, अंडाशय और वृषण शामिल हैं। अंतःस्रावी और तंत्रिका तंत्र एक साथ बहुत मिलकर काम करते हैं। मस्तिष्क लगातार अंतःस्रावी तंत्र को निर्देश भेजता है, और बदले में अंतःस्रावी ग्रंथियों से प्रतिक्रिया प्राप्त करता है। इस घनिष्ठ संबंध के कारण, तंत्रिका और अंतःस्रावी तंत्र को न्यूरोएंडोक्राइन सिस्टम कहा जाता है। थाइरॉइड ग्रन्थि- यह स्वर यन्त्र के पार्श्व – अधर तल पर स्थित द्विपालिक (bilobed) ग्रन्थि है। इसक...

अंतर

Definitions and Meaning of अंतर in Hindi अंतर ADJ • अंतर्धान । गायब । लुप्त । • भीतर । बीच में । विशेष—समस्त पदों में इस शब्द के अंतः; अंतर्, अंतश् और अंतस् रूप यथानियम हो जाते हैं । अंतर ADV • दूर । अलग । जुदा । पृथक् । विलग । अंतर NOUN • दोष । त्रुटि । • आँत । अँतड़ी । • आशय । • स्थान । • परमात्मा । • आत्मा । • हृदय । अंतः करण । जी । मन । चित्त । • वस्त्र । • प्रतिनिधि । • निश्चय । • छिपाव । • लिहाज । • प्रयोजन । • अभाव । • निर्बलता । • विशेषता । • शेष । बाकी । गणित मे शेषफल । • प्रवेश । पहुँच । • भीतर का भाग । • छिद्र । छेद । रंध्र । दरार । • दो वस्तुओं के बीच में पड़ी हुई चीज । ओट । आड़ । परदा । • दो घटनाओ के बीच का समय । मध्य वर्ती काल । • बीच । मध्य । फासला । दूरी । अवकाश । • फर्क । भेद । विभिन्नता । अलगाव । फेर । • दूरी । अंतर । Synonyms of अंतर • More matches for अंतर noun What is अंतर meaning in English? The word or phrase अंतर refers to . See Tags for the entry "अंतर" What is अंतर meaning in English, अंतर translation in English, अंतर definition, pronunciations and examples of अंतर in English. अंतर का हिन्दी मीनिंग, अंतर का हिन्दी अर्थ, अंतर का हिन्दी अनुवाद, antara का हिन्दी मीनिंग, antara का हिन्दी अर्थ.

endoplasmic reticulum in hindi , अंतः प्रद्रव्यी जालिका किसे कहते हैं , संरचना क्या है , कार्य बताइए

सर्वप्रथम पोर्टर, क्लॉडे तथा उनके साथियों (Porter, Claude & coworkers, 1945) ने इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी द्वारा यूकैरिओटिक कोशिकाओं के कोशिका द्रव्य में फीते के समान नलिकाओं, पटलिकाओं तथा पुटिकाओं से बने तंत्र का अध्ययन किया। बाद में पोर्टर तथा कालमैन ( Porter & Kallman. 1952) ने इस तंत्र का नाम अन्तः प्रद्रव्यी जालिका (Endoplasmic reticulum) रखा। सन् 1954 में पोर्टर तथा पैलेडे ने अपने अध्ययनों द्वारा प्रमाणित किया कि अन्तः प्रद्रव्यी जालिका एक जटिल संरचना है जिसमें विभिन्न आकृति तथा परिमाप की रिक्तिकाएँ दोहरी झिल्ली से घिरी रहती हैं । यह तंत्र कोशिका द्रव्य में जाल के रूप में बिखरा रहता है। यह एक सतत् (continuous) तंत्र है, जो एक तरफ प्लाज्मा कला (Plasma membrane) तथा दूसरी तरफ केन्द्रक आवरण ( nuclear envelope) से जुड़ा रहता है। यूकैरिओट्स में केवल लाल रक्त कणिकाओं, अण्ड तथा भ्रूणीय कोशिकाओं के अतिरिक्त सभी में अन्त: प्रद्रव्यी जालिका सुविकसित होती है। प्रोकैरिओटिक कोशिकाओं में इसका अभाव होता है। किन्तु वे कोशिकाएँ जो प्रोटीन संश्लेषण लिपिड उपापचय के लिए सक्रिय होती है, उनमें अन्तः प्रद्रव्यी जालिका अधिक विकसित एवम् सुसंगठित होती है। जिन कोशिकाओं में पोषण की कमी होती है उनमें यह तंत्र अनुपस्थित होता है । अन्त: प्रद्रव्यी जालिका के प्रकार (Types of Endoplasmic reticulum ) —— अधिकतर कोशिकाओं में अन्तः प्रद्रव्यी जालिका की सतह पर राइबोसोम्स की उपस्थिति तथा अनुपस्थिति के आधार पर इस कोशिकांग को अग्रलिखित दो प्रकारों में बाँटा गया है (1) कणिकामय अन्तः प्रद्रव्यी जालिका (Granular or Rough Endoplasmic reticulum- RER) इस प्रकार की अन्तः प्रद्रव्यी जालिका की सतह पर राइबोसोम्स पाये ज...

संधि (व्याकरण)

"संधि" यहाँ पुनर्प्रेषित होता है। इसके शब्द के अधिक अर्थ जानने के लिए, सन्धि (सम् + धा + कि) शब्द का अर्थ है 'मेल' या जोड़। दो निकटवर्ती वर्णों के परस्पर मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है वह संधि कहलाता है। सन्धि के नियम केवल भारतीय भाषाओं में ही नहीं हैं बल्कि सन्धि के भेद सन्धि तीन प्रकार की होती हैं - • स्वर सन्धि (या अच् सन्धि) • व्यञ्जन सन्धि • विसर्ग सन्धि अनुक्रम • 1 स्वर संधि • 1.1 दीर्घ संधि • 1.2 गुण संधि • 1.3 वृद्धि संधि • 1.4 यण संधि • 1.5 अयादि संधि • 2 व्यंजन संधि • 3 विसर्ग-संधि • 4 संधि की सारणी • 5 सन्दर्भ • 6 इन्हें भी देखें • 7 बाहरी कड़ियाँ स्वर संधि दो स्वरों के मेल से होने वाले विकार (परिवर्तन) को स्वर-संधि कहते हैं। जैसे - विद्या + आलय = विद्यालय। स्वर-संधि पाँच प्रकार की होती हैं - • दीर्घ संधि • गुण संधि • वृद्धि संधि • यण संधि • अयादि संधि दीर्घ संधि सूत्र- अक: सवर्णे दीर्घः अर्थात् अक् प्रत्याहार के बाद उसका सवर्ण आये तो दोनो मिलकर दीर्घ बन जाते हैं। ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ के बाद यदि ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ आ जाएँ तो दोनों मिलकर दीर्घ आ, ई और ऊ हो जाते हैं। जैसे - (क) अ/आ + अ/आ = आ अ + अ = आ --> धर्म + अर्थ = धर्मार्थ / अ + आ = आ --> हिम + आलय = हिमालय / अ + आ =आ--> पुस्तक + आलय = पुस्तकालय आ + अ = आ --> विद्या + अर्थी = विद्यार्थी / आ + आ = आ --> विद्या + आलय = विद्यालय (ख) इ और ई की संधि इ + इ = ई --> रवि + इंद्र = रवींद्र; मुनि + इंद्र = मुनींद्र इ + ई = ई --> गिरि + ईश = गिरीश; मुनि + ईश = मुनीश ई + इ = ई- मही + इंद्र = महींद्र; नारी + इंदु = नारींदु ई + ई = ई- नदी + ईश = नदीश; मही + ईश = महीश . (ग) उ और ऊ की संधि उ + उ = ऊ- भानु + उदय = ...