अंतरिक्ष पार्श्वनाथ

  1. ४२ वर्षांनंतर उघडले अंतरिक्ष पार्श्वनाथ जैन मंदिर; ९८ वर्षीय साकरचंद शाहांनी स्वीकारली चावी
  2. अंतरिक्ष पार्श्वनाथ के लिए जैन धर्म के दो पंथों में खूनी संघर्ष
  3. प्रमुख जैन तीर्थ
  4. अंतरिक्ष पार्श्वनाथ भगवान की प्रतिमा के द्वितीय लेप में लापरवाही


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४२ वर्षांनंतर उघडले अंतरिक्ष पार्श्वनाथ जैन मंदिर; ९८ वर्षीय साकरचंद शाहांनी स्वीकारली चावी

४२ वर्षांनंतर उघडले अंतरिक्ष पार्श्वनाथ जैन मंदिर; ९८ वर्षीय साकरचंद शाहांनी स्वीकारली चावी By March 12, 2023 05:38 AM 2023-03-12T05:38:36+5:30 2023-03-12T05:39:50+5:30 ४२ वर्षांपासून बंद असलेल्या अंतरिक्ष पार्श्वनाथांच्या मंदिराचे सील उघडून मूर्तीला लेप करण्याची परवानगी अलीकडेच सर्वोच्च न्यायालयाने दिली. शिरपूर जैन येथे ४२ वर्षांपासून बंद असलेल्या अंतरिक्ष पार्श्वनाथांच्या मंदिराचे सील उघडून मूर्तीला लेप करण्याची परवानगी अलीकडेच सर्वोच्च न्यायालयाने दिली. त्या ऐतिहासिक आदेशानुसार बच्चनसिंह यांनी शिरपूर पोलिस स्टेशनमध्ये शनिवारी आयोजित छोटेखानी कार्यक्रमात गैरअपिलार्थी व तत्कालीन मॅनेजिंग ट्रस्टी ९८ वर्षीय साकरचंद प्रेमचंद शाह (अकोला) व वर्तमान मॅनेजिंग ट्रस्टी दिलीप नवलचंद शाह यांच्याकडे मंदिराची चावी सुपूर्द केली. यावेळी तहसीलदार रवी काळे, कारंजाचे उपविभागीय पोलिस अधिकारी जगदीश पांडे व विश्वस्त मंडळ उपस्थित होते. चावी घेतल्यानंतर पोलिस प्रशासन व सर्व विश्वस्तांनी मंदिरात पोहोचून सील काढत दरवाजे उघडले. मंदिर उघडल्यामुळे मूर्तीची लेप प्रक्रिया पूर्ण करून समाजबांधवांना पुन्हा पूजन दर्शन करता येणार आहे. सर्वोच्च न्यायालयाच्या आदेशामुळे अंतरिक्ष पार्श्वनाथ मंदिराचे दरवाजे अखेर उघडले. भगवंताचे मंदिर उघडून पूजन व दर्शनासाठी खुले असावे, ही सर्वांचीच प्रार्थना होती. - पंन्यास प्रवर श्री परमहंस विजयजी महाराज, शिरपूर जैन तब्बल ४२ वर्षांनंतर मंदिराच्या कुलपाची चावी व मंदिर उघडण्याचे सौभाग्य वयाच्या ९८व्या वर्षी मिळाले. आयुष्याच्या संध्याकाळी या ऐतिहासिक क्षणाचे साक्षीदार होण्याचे भाग्य लाभले. - साकरचंद शाह, माजी मॅनेजिंग ट्रस्टी सर्व ठळक बातम्यांसाठी जरूर वाचा महाराष्ट्रातील अव्वल W...

अंतरिक्ष पार्श्वनाथ के लिए जैन धर्म के दो पंथों में खूनी संघर्ष

जैनधर्मकोदुनियाकासबसेशांतिप्रियधर्ममानाजाताहै, मनवचनऔरकर्मसेहिंसाकरनाजैनधर्ममेंपापमानाजाताहै।लेकिनजबमंदिरऔरमूर्तियोंकीबातआतीहैतोयहधर्मभीबाकियोंकीहीतरहहिंसापरउतरआताहै।महाराष्ट्रकेसिरपुरमेंस्थितअंतरिक्षपार्श्वनाथमंदिरमेंजैनधर्मकेदोपंथश्वेतांबरऔरदिगंबरकेबीचकाविवाद दरअसलइसमंदिरकोलेकरदोनोंपंथकेबीचविवादसदियोंपुरानाहै।दोनोंहीपंथमंदिरपरअपनाअधिकारचाहतेहैं। क्याहैअंतरिक्षपार्श्वनाथकोलेकरविवाद? महाराष्ट्रकेकोलापुरसे 37 किलोमीटरदूरसिरपुरमेंस्थितअंतरिक्षपार्श्वनाथतीर्थकेदरवाज़ेपिछले 42 सालोंसेजैनधर्मकेश्वेतांबरऔरदिगंबरपंथकेबीचविवादकेचलतेबंदथे।यहांश्रद्धालुकेवलएकखिड़कीसेहीजैनधर्मके 23वेतीरथंकरभगवानपार्श्वनाथकीप्राचीनमूर्तीकेदर्शनकरपातेथे।साल 17 जुलाई 1918 मेंश्वेतांबरजैनसमाजइसमंदिरपरपूर्णअधिकारकेलिएअपीलडालताहै।जिसकाफैसलाश्वेतांबरपंथकेपक्षमेंआताहै। इसकेबाद 1923 मेंदिगंबरजैनसमुदायऊपरीकोर्टमेंइसफैसलेकेखिलाफअपीलकरताहै। साल 1948 मेंनागपुरहाईकोर्टभीश्वेतांबरपंथकेहीपक्षमेंफैसलादेताहै। साल 1959 तकदोनोंसमुदायकेलोगशांतिपूर्णढंगसेपूजाअर्चनाकरतेहैंलेकिनउसकेबादफिरसेमामलान्यायालयमेंपहुंचजाताहै। सुप्रीमकोर्टकाअंतरिमआदेश 22 फरवरी 2023 कोसुप्रीमकोर्टनेदोनोंपंथकेबीचकेविवादकोसुलझानेहेतुएकअंतरिमआदेशदियाहै, जिसकेअनुसारमंदिरकामैनैजमेंटऔरमूर्तीपरश्वेतांबरजैनसमाजकाअधिकारहै, जबतकइसकेसपरअंतिमफैसलानहींआता। दिगंबरजैनसमाज 1905 मेंदोनोंपंथकेबीचहुएसमझौतेकेअनुसारमंदिरमेंपूजापाठकरसकताहै।लेकिनमूर्तीकास्वरूपबदलेबिना। श्वेतांबरजैनसमाजकेलोगोंकोमूर्तीपरलेप-प्लास्टरचढ़ानेकीइजाज़तदीगईहै, ताकिमूर्तीकोखराबहोनेसेबचायाजासके। 11 मार्च 2023 कोअंतरिक्षपार्श्वनाथमंदिरकीचाबियांश्वेतांबरजैनसमाजके 98 वर्षीयश्रीसकरचंदभाईकोपुलिसद्वारासौंप...

प्रमुख जैन तीर्थ

अनुक्रम • 1 बिहार • 1.1 सम्मेद शिखर • 2 उड़ीसा • 3 मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ • 4 पचराई • 4.1 बुंदेलखंड • 5 उत्तरप्रदेश • 6 राजस्थान • 7 गुजरात तथा दक्षिण • 8 कर्नाटक • 9 इन्हें भी देखें • 10 बाहरी कड़ियाँ बिहार [ ] [ ] पूर्वी रेलवे के एवं असंख्य मुनि मोक्ष गए हैं। पहाड़ की चढ़ाई उतराई तथा यात्रा करीब 18 मील की है। पारसनाथ हिल और गिरीडीह से बस शिखरजी जाने के लिए मिलती है। यह पहाड़ जंगल में है। गया से जाया जाता है। इसकी चढ़ाई 2 मील है। इस पहाड़ पर 10वें तीर्थंकर बिहार के स्टेशन बिहार प्रांत में स्टेशन राजगिरि कुंड से 4 मील अथवा बिहार शरीफ से 24 मील। यहाँ विपुलाचल, सोनागिरि, रत्नागिरि, उदयगिरि, वैभारगिरि ये पंच पहाड़ियाँ प्रसिद्ध हैं। इन पर 23 तीर्थंकरों का राजगृही के पास बिहार प्रांत में पटना पटना सिटी में गुलजारबाग स्टेशन के पास एक छोटी सी टेकरी पर चरण पादुकाएँ स्थापित हैं। यहाँ से सेठ सुदर्शन ने मुक्ति लाभ किया है। उड़ीसा [ ] खण्डगिरि उड़ीसा में भुवनेश्वर स्टेशन से 4 मील पर खण्डगिरि और उदयगिरि नाम की दो पहाड़ियाँ हैं। यहीं से कलिंग देश के 500 मुनि मोक्ष गए हैं। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ [ ] ग्वालियर झाँसी लाइन पर सोनागिरि स्टेशन से 2 मील श्रमणाचल पर्वत है। पहाड़ पर 77 दिगंबर जैन मंदिर हैं। वहाँ से नंगानंगकुमार आदि साढ़े पाँच सौ करोड़ मुनि मोक्ष गए हैं। पपौरा ललितपुर से 36 मील और टीकमगढ़ से 3 मील है। चारों ओर कोट बना है। यहाँ लगभग 90 मंदिर हैं। कार्तिक सूदी 14 को मेला भरता है। चन्देरी ललितपुर से 24 मील। वहाँ से मोटर जाती है। यहाँ की चौबीसी भारतवर्ष में प्रसिद्ध है। कुंडलपुर (बड़े बाबा) यह छेत्र दमोह जिले से 35 किलोमीटर पर कटनी रोड पर स्थित है।यह छेत्र सिद्ध एवं अतिशय दोनो है। पचराई...

अंतरिक्ष पार्श्वनाथ भगवान की प्रतिमा के द्वितीय लेप में लापरवाही

महाराष्ट्र के मालेगांव तहसील के शिरपुर में स्थित दिगंबर जैन मंदिर में स्थापित अंतरिक्ष पार्श्वनाथ भगवान की मूर्ति के द्वितीय लेप की प्रक्रिया में गई लापरवाही के विरोध में शनिवार को सकल दिगंबर जैन समाज द्वारा प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया। बड़ी संख्या में जैन बंधु सुबह थाना परिसर में पहुंचे। यहां उन्होंने महाराष्ट्र के वाशिम जिले के कलेक्टर को संबोधित एक ज्ञापन स्थानीय प्रशासन को सौंपा। ज्ञापन में जैन समाज ने बताया कि अंतरिक्ष पार्श्वनाथ भगवान की मूर्ति के द्वितीय लेप की प्रक्रिया में मूर्ति के मुख्य स्वरूप में परिवर्तन किया गया है। जबकि न्यायालय द्वारा जिला प्रशासन वाशिम को मूर्ति के स्वरूप में छेड़छाड़ किए लेप के निगरानी की जवाबदारी दी गई थी। वहां नियुक्त अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारी का ठीक से निर्वहन नहीं किया गया। ज्ञापन में जैन समाज ने मांग की है कि अंतरिक्ष पार्श्वनाथ भगवान के मूल स्वरूप में जो परिवर्तन किया गया है उसे यथाशीघ्र हटाया जाए। ऐसा नहीं होने पर समाज द्वारा आंदोलन करे की चेतावनी भी दी गई है। ज्ञापन सौंपने वालों में जैन समाज के अध्यक्ष जिनेन्द्र जैन, मंत्री सुनील जैन, राकेश गोहिल, सुनील गुरधानी, नेमीचंद जैन, धनकुबैर तारण, जीतेन्द्र जैन, राजेश जैन, राजीव जैन तथा विक्रांत गोहिल आदि शामिल हैं।