अंतरिक्ष यान में चंद्रमा तक जाने और पृथ्वी पर लौटने वाला पहला जानवर इनमें से कौन था?

  1. NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 6 पार नज़र के
  2. Chand Dharti Se Kitna Dur Hai
  3. [Solved] इसरो (ISRO) ने चन्द्रयान
  4. जानिए पहली टेस्ट फ्लाइट में विस्फोट के बाद भी क्यों सफल है स्टारशिप
  5. चंद्र मिशन का इतिहास और चंद्रमा से जुड़े रोचक तथ्य
  6. यह था अंतरिक्ष यान में चंद्रमा तक जाने और पृथ्वी पर लौटने वाला पहला जानवर (antriksh mein jane wala pehla janwar kaun sa tha)


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NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 6 पार नज़र के

• Extra Questions • CBSE Notes • RD Sharma Solutions • RD Sharma Class 12 Solutions • RD Sharma Class 11 Solutions • RD Sharma Class 10 Solutions • RD Sharma Class 9 Solutions • RD Sharma Class 8 Solutions • RS Aggarwal Solutions • RS Aggarwal Solutions Class 10 • RS Aggarwal Solutions Class 9 • RS Aggarwal Solutions Class 8 • RS Aggarwal Solutions Class 7 • RS Aggarwal Solutions Class 6 • ML Aggarwal Solutions • ML Aggarwal Class 10 Solutions • ML Aggarwal Class 9 Solutions • ML Aggarwal Class 8 Solutions • ML Aggarwal Class 7 Solutions • ML Aggarwal Class 6 Solutions • English Grammar • Words with Letters • English Summaries • Unseen Passages Board CBSE Textbook NCERT Class Class 6 Subject Hindi Vasant Chapter Chapter 6 Chapter Name पार नज़र के Number of Questions Solved 14 Category NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 6 पार नज़र के प्रश्न-अभ्यास (पाठ्यपुस्तक से) कहानी से प्रश्न 1. छोटू का परिवार कहाँ रहता था? उत्तर छोटू का परिवार मंगल ग्रह की धरती के नीचे बसी कालोनी में रहता था। प्रश्न 2. छोटू को सुरंग में जाने की इजाज़त क्यों नहीं थी? पाठ के आधार पर लिखो। उत्तर सुरंग का रास्ता जमीन के ऊपर जाता था। वहाँ के वातावरण में आम आदमी बिना सुरक्षा उपकरणों के जीवित नहीं रह सकता था। इसके अतिरिक्त सुरंग में भी कई तरह के यंत्र लगे हुए थे। वहाँ केवल उन यंत्रों की देखभाल का काम करने वाले लोग जाते थे। यही कारण था कि छोटू को सुरंग में जाने की इजाजत नहीं थी। प्रश्न 3. कंट्रोल रूम में जाकर छोटू ने क्या देखा और वहाँ उसने क्या हरकत की? उत्तर कंट्रोल रूम से छोटू को अंतरिक्ष यान क...

Chand Dharti Se Kitna Dur Hai

Chand Dharti Se Kitne Dur Hai: आज इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं कि Chand Dharti Se Kitna Dur Hai और इसके बारे में और भी बहुत सारी जानकारी आपको देने जा रहे हैं। चाँद धरती से कितना बड़ा है ? चीजें जैसे चंद्रमा को पृथ्वी के चक्कर लगाने में कितना समय लगता है, आदि। इसलिए, यदि आप जानना चाहते हैं कि Chand Dharti Se Kitni Duri Per Hai, तो इस लेख को ध्यान से पढ़ें और इसके बारे में अधिक जानकारी ले। चांद पर पहुंचना अब सिर्फ सपना नहीं रह गया है। 1959 में, चाँद को देखने और उसके बारे में जानने के लिए एक मिशन स्थापित किया गया था और अब लोग वहां जा चुके हैं। वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने यह पता लगाने की कोशिश की है कि Chand Earth Se Kitna Dur Hai, लेकिन वे अभी तक ऐसा नहीं कर पाए हैं। हालाँकि, उन्हें इस बात का अच्छा अंदाजा हो गया है कि चाँद कितनी दूर है। तो आइये जानते हैं चाँद धरती से कितना दूर है: Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • Chand Dharti Se Kitna Dur Hai | चाँद धरती से कितना दूर है चाँद धरती से लगभग 384403 किलोमीटर (238,857 मील) की दुरी पर है। आपको बता देते हैं की चाँद पृथ्वी का उपग्रह है और यह पृथ्वी का चक्कर लगाता है। चंद्रमा सौरमंडल का प्राकृतिक उपग्रह है और इसका आकाश फुटबॉल जैसा दिखता है। चंद्रमा एक ऐसा उपग्रह है जिसके पास अपना प्रकाश नहीं है। इसके बजाय, यह सूर्य के प्रकाश से चमकता है, और यह अपनी धुरी पर पृथ्वी के चारों ओर घूमता है। चंद्रमा को इस पथ का चक्कर लगाने में लगभग 27 दिन लगते हैं। इस वजह से धरती से चांद का एक ही हिस्सा देखा जा सकता है। इसके अलावा आपको पता होना चाहिए कि चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी की तुलना में केवल 1/6 ही मजबूत है इसका मतलब यह है कि अ...

[Solved] इसरो (ISRO) ने चन्द्रयान

सही उत्तर 2008है। Key Points • इसरो (ISRO) ने 2008 में चन्द्रयान-1 अंतरिक्ष यान प्रमोचित किया था। • यह चांद पर जाने वाला भारत का पहला मिशन था। • यह चंद्रमा पर ठोस बर्फ की उपस्थिति की पुष्टि करने के लिए विशिष्ट रूप से लैस था। • इसके निष्कर्ष चंद्र ध्रुवों पर हेमेटाइट की उपस्थिति का संकेत देते हैं। Key Points • चन्द्रयान 1: • इसरो मिशन को अंतरिक्ष में भारत की तकनीकी क्षमताओं के उन्नयन और परीक्षण और चंद्र सतह पर वैज्ञानिक जानकारी वापस करने के उद्देश्यों के साथ दो साल की अवधि में चंद्रमा की परिक्रमा करने के लिए तैयार किया गया है। • यह कल्पनासैट मौसम विज्ञान उपग्रह पर आधारित था। • चन्द्रयान 2: • इसरो के इस मिशन में एक कक्षित्र या ऑर्बिटर (प्रज्ञान) और एक रोवर ले जाने वाला एक सॉफ्ट लैंडर (विक्रम) शामिल है, जिसका चन्द्रमा के लिए प्रमोचन जुलाई 2019 को निर्धारित था। • चन्द्रयान 2 का प्राथमिक उद्देश्य चन्द्र सतह पर आसानी से उतरने (सॉफ्ट-लैंडिंग) की क्षमता का प्रदर्शन करना और सतह पर रोबोटिक रोवर को संचालित करना था। • हालांकि, यह सॉफ्ट लैंडिंग विफल रही। • इसके वैज्ञानिक लक्ष्यों में चन्द्र स्थलाकृति, खनिज विज्ञान, तात्विक प्रचुरता, चन्द्र बाह्यमंडल, और हाइड्रॉक्सिल और जलीय बर्फ के संकेत शामिल थे। Additional Information • चन्द्रमा के लिए मिशन : • चेंज'5 (Chang'e 5)- CNSA (चीन) चन्द्र नमूना वापसी मिशन (2020) • चन्द्रयान 2 - इसरो (भारत) चन्द्र ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर मिशन (2019) • बेरेशीट - स्पेस IL और इज़राइली एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (इज़राइल) चन्द्र लैंडर (2019) • चन्द्रयान-1 - इसरो (भारत) चन्द्र ऑर्बिटर मिशन (2008) • आर्टेमिस कार्यक्रम के साथ, नासा 2024 तक पहली महिला और अगले पुरुष को चंद्...

जानिए पहली टेस्ट फ्लाइट में विस्फोट के बाद भी क्यों सफल है स्टारशिप

स्पेस-एक्स के प्रमोटर - एलन मस्क - एक इंटरप्लैनेटरी टेक्नोलॉजी बनाकर मानव प्रजाति को किसी भीषण आपदा में समाप्त होने के खतरे से बचाना चाहते हैं। वह अपना पैसा लगाने और इसके लिए सब कुछ जोखिम में डालने को तैयार हैं। उनके स्टारशिप का पहला प्रमुख उड़ान परीक्षण 20 अप्रैल, 2023 को हुआ था, जो एक विस्फोट में समाप्त हुआ। लेकिन इसने अगले, शायद सफल लॉन्च, और एक शृंखला की शुरुआत का मार्ग प्रशस्त किया। स्टारशिप लॉन्च व्हीकल संडे मोटिवेशनल करिअर फंडा में स्वागत! स्टारशिप का यह सपना बेहद महत्वाकांक्षी है। लक्ष्य मंगल और अन्य ग्रहों के बड़े पैमाने पर औपनिवेशीकरण को सक्षम करके अंतरिक्ष अन्वेषण में क्रांति लाना और मानवता को ‘बहु-ग्रहीय प्रजाति’ बनाना है। मनुष्य के लिए एक छोटा सा कदम... 20 अप्रैल, 2023 को नए रीयूजेबल स्टारशिप रॉकेट का उड़ान परीक्षण धुएं और आग की लपटों में विस्फोट के साथ समाप्त हुआ लेकिन टीम ने जश्न मनाया। क्यों? क्योंकि उन्हें वो महत्वपूर्ण डेटा मिला जो आगे के लिए आवश्यक है। अप्रैल का परीक्षण अंतरिक्ष यान निर्माता के स्टारशिप अंतरिक्ष यान (वाहक) और सुपर हेवी रॉकेट (बूस्टर) के लिए पहला था, जिसे स्टारशिप कहा जाता है। मस्क का दावा है कि ये दोनों ‘पूरी तरह से एक री-यूजेबल ट्रांसपोर्ट सिस्टम हैं जो चालक दल और कार्गो दोनों को पृथ्वी की कक्षा, चंद्रमा, मंगल और उससे आगे ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है।’ उनका यह भी दावा है कि स्टारशिप अब तक विकसित दुनिया का सबसे शक्तिशाली प्रक्षेपण यान होगा। उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद इसमें विस्फोट हो गया। स्टारशिप का अगला लॉन्च जल्द ही होगा। मस्क मानव उड़ान परीक्षण शुरू होने से पहले, उपग्रहों को लोअर अर्थ ऑर्बिट में लॉन्च करने की योजना बना रहे हैं,...

चंद्र मिशन का इतिहास और चंद्रमा से जुड़े रोचक तथ्य

चंद्र मिशन की शुरुआत, चंद्रमा पर कदम रखने वाले पहले व्यक्ति का नाम, पहला चंद्र मिशन का नाम, चंद्रमा से जुड़े रोचक तथ्य (Moon Missions History and Facts in Hindi) हर इंसान को चांदनी रात खूबसूरत लगती है क्योंकि इसकी शीतलता हमारे तन और मन को ठंडक पहुंचाती है। चांदनी रात का चमकता हुआ चांद भी उतना ही खूबसूरत लगता है जितना कि उससे पनपने वाली चांदनी। Advertisements आपने बचपन में चांद से जुड़ी हुई बहुत सी कहानियां सुनी होंगी। रात को जब बच्चे दूध पीने से कतराते हैं तो उनकी मां उन्हें तरह-तरह की लोरियां सुनाती हैं। इन लोरियों में कहीं ना कहीं चांद का जिक्र जरूर होता है। बच्चे आसमान में चमकते हुए चांद को चंदा मामा कह कर बुलाते हैं। लेकिन बच्चों की इन सारी कल्पनाओं से परे चांद का अपना एक विशेष वजूद है। शुरुआत से ही इंसानों को अंतरिक्ष के चांद में विशेष जिज्ञासा रही है। लोगों में चांद को लेकर एक अलग ही उत्साह दिखाई देता है। यही वजह थी कि धरती के इंसानों ने चांद तक पहुंचने की कई बार कोशिश की। हालांकि शुरू में वैज्ञानिकों को केवल निराशा हाथ लगी लेकिन रामधारी सिंह दिनकर जी ने ठीक ही कहा है मानव जब जोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है। फिर चांद इससे अछूता कैसे रह जाता। आखिरकार इंसानों ने चांद पर पहुंचने का अपना ख्वाब पूरा कर ही लिया। 21 जुलाई 1969 को जब पहली बार नील आर्मस्ट्रांग ने चांद पर कदम रखा तो मानव का दृढ़ संकल्प और भी मजबूत हो गया। तब से लेकर आज तक चांद पर पहुंचने के लिए अलग अलग देशों से कई सारे प्रयास किए गए और ज्यादातर लोगों को इसमें सफलता भी मिली। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको चांद पर पहुंचने के लिए शुरु किए गए कुछ विषेश चंद्र मिशन अथवा मून मिशन (Moon Missions History and Facts i...

यह था अंतरिक्ष यान में चंद्रमा तक जाने और पृथ्वी पर लौटने वाला पहला जानवर (antriksh mein jane wala pehla janwar kaun sa tha)

5/5 - (3 votes) अंतरिक्ष यान में चंद्रमा तक जाने और पृथ्वी पर लौटने वाला पहला जानवर कौन था, antriksh mein jane wala pehla janwar kaun sa tha, अंतरिक्ष यान में चंद्रमा तक जाने और पृथ्वी पर लौटने वाला पहला जानवर कौन सा था, अंतरिक्ष में जाने वाला पहला जानवर कौन था, लाइका की मृत्यु कैसे हुई, अंतरिक्ष में जाने वाला पहला जानवर अंतरिक्ष यान में चंद्रमा तक जाने और पृथ्वी पर लौटने वाले इंसानों के बारे में आपने बहुत पढ़ा या सुना होगा। लेकिन अंतरिक्ष में केवल इन्सान ही नहीं बल्कि जानवर भी गए हैं। आज इस लेख में हम आपको बताने वाले है अंतरिक्ष यान में चंद्रमा तक जाने और पृथ्वी पर लौटने वाला पहला जानवर कौन सा था इसके बारे में विस्तृत जानकारी। आपको जानकर हैरानी होगी कि, अंतरिक्ष यान में चंद्रमा पर जाने वाला पहला जानवर वास्तव में लाइका नाम का एक फीमेल कुत्ता था, जिसे 3 नवंबर, 1957 को सोवियत संघ के स्पुतनिक 2 अंतरिक्ष यान में लॉन्च किया गया था। हालांकि, लाइका पृथ्वी पर वापस नहीं आई क्योंकि उसे सुरक्षित वापस लाने की तकनीक इंसान के पास नहीं थी। भलेही लाइका पृथ्वी पर जिंदा वापस नहीं आ पाई। लेकिन अंतरिक्ष में जाने वाला पहिला जानवर लाइका नाम का कुत्ता था। यह उपलब्धी आज भी उसी के नाम पर है। आपको बता दें कि, चंद्रमा पर जाने और सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर लौटने वाला पहला जानवर वास्तव में गगारिन और लियोनिद नाम के रूसी कछुओं की एक जोड़ी थी, जिन्हें सितंबर 1968 में सोवियत संघ के Zond 5 अंतरिक्ष यान पर लॉन्च किया गया था। अंतरिक्ष यान में चंद्रमा तक जाने और पृथ्वी पर लौटने वाला पहला जानवर कौन था अपनी प्रसिद्धि के बावजूद, लाइका अंतरिक्ष में जाने वाली पहली जानवर नहीं थी; जब तक उसने उड़ान भरी, तब तक नासा और ...