अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस

  1. अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी दिवस 22 अप्रैल: पीड़ित है प्रकृति, प्लास्टिक से भर रहे हैं महासागर
  2. World Environment Day 2021: प्रकृति के प्रति जागरूकता का खास दिन है विश्व पर्यावरण दिवस, जानें इतिहास, थीम और इसका महत्व
  3. अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस
  4. Many programs organized in the city on the occasion of International Environment Day
  5. World Environment Day 2022: इस साल की थीम है ओनली वन अर्थ
  6. विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस


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अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी दिवस 22 अप्रैल: पीड़ित है प्रकृति, प्लास्टिक से भर रहे हैं महासागर

धरती स्पष्ट रूप से कार्रवाई का आह्वान कर रही है। प्रकृति पीड़ित है। महासागर प्लास्टिक से भर रहे हैं और अधिक अम्लीय हो रहे हैं। अत्यधिक गर्मी, 2009 में अपनाए गए एक प्रस्ताव के माध्यम से यह पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली पर संयुक्त राष्ट्र दशक के भीतर मनाया जाने वाला पहला पृथ्वी मातृ दिवस है। पारिस्थितिकी तंत्र पृथ्वी पर सभी तरह के जीवन का समर्थन करता है। हमारा पारिस्थितिकी तंत्र जितना स्वस्थ होगा, ग्रह और उसके लोग उतने ही स्वस्थ होंगे। हमारे क्षतिग्रस्त पारिस्थितिक तंत्र को बहाल करने से गरीबी का निराकरण, जलवायु परिवर्तन से निपटने और बड़े पैमाने पर विलुप्ती को रोकने में मदद मिलेगी। लेकिन हम तभी सफल होंगे जब हर कोई अपनी भूमिका निभाएगा। इस अंतर्राष्ट्रीय मातृ पृथ्वी दिवस के लिए, आइए खुद को याद दिलाएं - पहले से कहीं ज्यादा - कि हमें एक अधिक टिकाऊ अर्थव्यवस्था में बदलाव की जरूरत है जो लोगों और ग्रह दोनों के लिए काम करे। आइए प्रकृति और पृथ्वी के साथ सद्भाव को बढ़ावा दें। हमारी दुनिया को बहाल करने के लिए वैश्विक आंदोलन में शामिल हों! अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी दिवस का इतिहास अंतर्राष्ट्रीय मातृ पृथ्वी दिवस की मूल जड़ें 1970 के दशक से जुड़ जाती हैं जब पर्यावरण संरक्षण राष्ट्रीय राजनीतिक एजेंडा की प्राथमिकता नहीं थी। स्टॉकहोम में 1972 में मानव पर्यावरण पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन ने लोगों, अन्य जीवित प्रजातियों और हमारे ग्रह के बीच अन्योन्याश्रयता की वैश्विक जागरूकता की शुरुआत के साथ-साथ 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम की स्थापना की। 1992 में एजेंडा 21, पर्यावरण और विकास पर रियो घोषणा और वनों के सतत प्रबंधन के लिए सिद्धांतों के वक्तव्य को रियो डी जनेरियो अर्...

World Environment Day 2021: प्रकृति के प्रति जागरूकता का खास दिन है विश्व पर्यावरण दिवस, जानें इतिहास, थीम और इसका महत्व

World Environment Day 2021: प्रकृति के प्रति जागरूकता का खास दिन है विश्व पर्यावरण दिवस, जानें इतिहास, थीम और इसका महत्व जंगलों की तरफ मानव अतिक्रमण इतनी तेज रफ्तार से बढ़ रहा है कि इससे पर्यावरण को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है, जबकि वास्तविकता तो यह है कि पर्यावरण है तो मानव जीवन है, इसलिए पर्यावरण का संरक्षण करना हम सबकी जिम्मेदारी है. ऐसे में प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है. World Environment Day 2021: आधुनिकता के इस दौर में कांक्रीट के जंगलों को बनाने के लिए जंगलों (Forests) की अंधाधुंध कटाई का सिलसिला जारी है, जिसका नतीजा यह हो रहा है कि जंगल नष्ट हो रहे हैं और पेड़-पौधों की कमी होती जा रही है, जंगलों की ओर मानव अतिक्रमण इतनी तेज रफ्तार से बढ़ रहा है कि इससे पर्यावरण को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है, जबकि वास्तविकता तो यह है कि पर्यावरण है तो मानव जीवन है, इसलिए पर्यावरण (Environment) का संरक्षण करना हम सबकी जिम्मेदारी है. ऐसे में प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) मनाया जाता है. इस दिन लोगों को पर्यावरण की रक्षा के लिए प्रेरित और इसके संरक्षण को लेकर जागरूक किया जाता है. चलिए जानते हैं विश्व पर्यावरण दिवस का इतिहास, इस साल की थीम और इसका महत्व. विश्व पर्यावरण दिवस का इतिहास विश्व पर्यावरण दिवस के इतिहास की बात करें तो साल 1972 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन में इस दिवस को मनाए जाने को लेकर चर्चा की गई थी. इसके बाद 5 जून 1974 को पहली बार विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया था, तब से...

अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस

टैग्स: • • चर्चा में क्यों? हर वर्ष 22 मई को अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस (International Day for Biological Diversity- IDB) के रूप में मनाया जाता है। प्रमुख बिंदु: अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के बारे में: • वर्ष 1993 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly- UNGA) ने जैव विविधता के मुद्दों पर समझ और जागरूकता बढ़ाने हेतु 22 मई को अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस (IDB) के रूप में घोषित किया। • वर्ष 2011-2020 की अवधि को UNGA द्वारा संयुक्त राष्ट्र (United Nations-UN) के जैव विविधता दशक के रूप में घोषित किया गया ताकि जैव विविधता पर एक रणनीतिक योजना के कार्यान्वयन को बढ़ावा दिया जा सके, साथ ही प्रकृति के साथ सद्भाव से रहने के समग्र दृष्टि को बढ़ावा दिया जा सके। • वर्ष 2021-2030 को संयुक्त राष्ट्र द्वारा सतत् विकास हेतु महासागर विज्ञान दशक' (Decade of Ocean Science for Sustainable Development) और पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली पर संयुक्त राष्ट्र दशक (UN Decade on Ecosystem Restoration) के रूप में घोषित किया गया। वर्ष 2021 की थीम: • वर्ष 2021 में अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस की थीम“हम समाधान का हिस्सा हैं” (We’re Part Of The Solution) है। इस वर्ष की थीम वर्ष 2020 की थीम- “हमारे समाधान प्रकृति में हैं” (Our Solutions Are In Nature) की निरंतरता को दर्शाती है। • जैव विविधता द्वारा कई सतत् विकास (Sustainable Development) चुनौतियों का समाधान प्रस्तुत करने के लिये यह एक अनुस्मारक (Reminder) के रूप में कार्य करता है। जैव विविधता के संरक्षण हेतु कुछ वैश्विक पहलें: • • यह जैव विविधता के संरक्षण हेतु कानूनी रूप से बाध्यकारी संधि है जिसे वर्ष 1993 से लागू किया गया। ...

Many programs organized in the city on the occasion of International Environment Day

दुमका। अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस पर आरजीएस गुरुकुलम में कार्यक्रम का आयेाजन किया गया। प्रकृति को न करें हरण-आओ बचाये पर्यावरण नारे के साथ बच्चों ने गुरुकुलम के प्रांगण में पौधा रोपण का कार्यक्रम किया। प्रधानाचार्य मिलान कुमार मंडल ने बच्चों को घटती हुए भूगर्वस्थ जल के स्रोत के वारे में जानकारी दी तथा उसको कैसे संरक्षण किया जाये इस वारे में जानकारी दी। सह आचार्य तापस दास ने जंगल को कैसे संरक्षित किया जाये इस वारे में जानकारी दी। आचार्य उपेन मंडल ने बंजर भूमि में ज्यादा से ज्यादा पौधा लगाकर वायु मंडल में ऑक्सीजन बढ़ाने का बात कही। आचार्या जुगनू चौधरी ने बच्चों को बर्जित प्लास्टिक और थर्मोकॉल से पर्यावरण पर होने वाले प्रदूषण से अपने शारीरिक बिमारिओ के बिषय में जानकारी दिए। अचार्य पार्थ मंडल ने पशु, पक्षी, किट, पतंग केशे इस पर्यावरण को सुरक्षित रखते है उस बिषय पर बृस्तृत जानकारी दी। आचार्य संदीप रुज तथा आचार्या मीनू हेम्ब्रम एवं मति मिनी हांसदा ने बच्चों को साफ सुथरा रहकर अपने समाज को साफ सुथरा रखने का सलाह दीं। अंत में गुरुकुलम के अधीक्षक श्रीमती पल्लवी राय ने अपने समाज में कूड़ादान का इस्तेमाल करने सलाह दी तथा बच्चो को पल्स्टिक थर्मोकॉल का इस्तेमाल न करना तथा जल संरक्षण करने का शपथ दिलाई एवं सभीको धन्यवाद देकर कार्यक्रम का समापन किये।

World Environment Day 2022: इस साल की थीम है ओनली वन अर्थ

पर्यावरण World Environment Day 2022: इस साल की थीम है ओनली वन अर्थ विश्व पर्यावरण दिवस 2022 को ‘ओनली वन अर्थ’ विषय के साथ मनाया जा रहा है, जो ‘प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने’ पर केंद्रित है, क्योंकि यह हमारे ग्रह को सेलिब्रेट करने, संरक्षित करने और पुनर्स्थापित करने के लिए वैश्विक स्तर पर सामूहिक, परिवर्तनकारी कार्रवाई का आह्वान करता है. ब्रह्मांड में अरबों आकाशगंगाएं हैं, हमारी आकाशगंगा में अरबों ग्रह हैं, लेकिन ‘केवल एक पृथ्वी’ है – इस संदेश के साथ संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) विश्व पर्यावरण दिवस 2022 मना रहा है. हर साल 5 जून को यह मनाया जाता है. विश्व पर्यावरण दिवस (WED) के रूप में इस दिन को 1973 से पहली बार मनाया गया था. World Environment Day 2022 की थीम के बारे में ‘ओनली वन अर्थ’ विषय का फोकस “प्रकृति के साथ सद्भाव’ स्‍थापित करने पर है, क्योंकि यह हमारे ग्रह को सेलिब्रेट करने, संरक्षित करने और पुनर्स्थापित करने के लिए वैश्विक स्तर पर सामूहिक, परिवर्तनकारी कार्रवाई का आह्वान करता है. 1972 के स्टॉकहोम सम्मेलन का नारा “ओनली वन अर्थ” था, 50 साल बाद भी, यह सच्चाई अभी भी कायम है – यह ग्रह हमारा एकमात्र घर है. स्टॉकहोम में पर्यावरण पर 1972 का संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन पर्यावरण को एक प्रमुख मुद्दा बनाने वाला पहला विश्व सम्मेलन था. यूएनईपी कहता है, “आपातकालीन मोड में प्रकृति के साथ, विश्व पर्यावरण दिवस 2022 के लिए #OnlyOneEarth अभियान, चाहता है कि आप सामूहिक पर्यावरणीय कार्रवाई के माध्यम से ग्रह को सेलिब्रेट करें. ‘ओनली वन अर्थ’ थीम वैश्विक स्तर पर परिवर्तनकारी पर्यावरणीय परिवर्तन की वकालत करती है. यह अभियान जलवायु कार्रवाई, प्रकृति कार्रवाई और प्रदूषण कार्रवाई प...

विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस

विवरण 'विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस' प्रतिवर्ष ' तिथि शुरुआत सन् उद्देश्य पर्यावरण की गुणवत्ता के संरक्षण हेतु सभी आवश्यक क़दम उठाना। जैसे- पर्यावरण प्रदूषण के निवारण, नियंत्रण और उपशमन हेतु राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम की योजना बनाना और उसे क्रियान्वित करना। संबंधित लेख अन्य जानकारी क्योटो प्रोटोकाल का मुख्य उद्देश्य विकसित देशों द्वारा वर्ष अद्यतन‎ समझौते मानवीय क्रियाकलापों की वजह से क्योटो प्रोटोकाल का मुख्य उद्देश्य विकसित देशों द्वारा वर्ष दो विशेष कार्य दो ऐसे कार्य हैं जो वैश्विक स्तर पर काफ़ी गहराई से विचारे और कार्यान्वित किये गए हैं- • 'अर्थव्यवस्था का विकास' • 'पर्यावरण की सुरक्षा' संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम एक प्राथमिक अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरणीय एजेंसी है, जिसका मूल उद्देश्य पर्यावरणीय परिस्थितियों के सन्दर्भ में न केवल समीक्षा करना है वल्कि पर्यावरणीय सहयोग को बढ़ावा देना भी है। यह संस्था अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण के महत्व और उससे जुड़ी जानकारी के विनिमय में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। वैश्विक अर्थव्यवस्था का एकीकरण पर्यावरणीय सुरक्षा एवं वैश्विक अर्थव्यवस्था के समन्वित विकास के सन्दर्भ में यह बहुत ज़रूरी है कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापारिक गतिविधियों का संपोषणीय विकास हो। इस सन्दर्भ में पर्यावरणीय मुद्दों पर बहुत सारे कानूनों एवं नियमो का विकास विश्व बैंक और वर्तमान में पर्यावरण निविष का बाज़ार भारी स्तर पर फल-फूल रहा है। क्योटो प्रोटोकाल विकसित राष्ट्रों से औद्योगिक स्तर पर किये जाने वाले ग्रीन हाउस गैसों के उत्पादन को कम करने की मांग कर रहा है जो कि नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने वाली तकनीक की मांग को भी बढ़ान...