Aadharbhut sanrachna kise kahate hain

  1. हिन्दी साहित्य की विधाएँ, गद्य की विधाएँ : विधा
  2. Karak In Hindi
  3. आधारभूत संरचना क्या है? » Adharbhut Sanrachna Kya Hai
  4. आलोचना किसे कहते हैं? आलोचना का क्या अर्थ है? Aalochana kise kahate Hain
  5. संतुलित आहार किसे कहते हैं? स्वस्थ जीवन में संतुलित आहार के तत्व का महत्व क्या है?
  6. संज्ञा किसे कहते है? परिभाषा, भेद और उदाहरण


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हिन्दी साहित्य की विधाएँ, गद्य की विधाएँ : विधा

विधा (Vidha) विधा क्या है? विधा का अर्थ है, किस्म, वर्ग या श्रेणी, अर्थात विविध प्रकार की रचनाओं को उनके गुण, धर्मों के आधार पर अलग करना। हिन्दी साहित्य में विधा शब्द का प्रयोग, एक वर्गकारक के रूप में किया जाता है। विधाएँ अस्पष्ट श्रेणियाँ हैं, इनकी कोई निश्चित सीमा रेखा नहीं होती; इनकी पहचान समय के साथ कुछ मान्यताओं के आधार पर निर्मित की जाती है। विधाएँ कई तरह की होती हैं ; उदाहरण के लिए- साहित्य की विधाएँ, गद्य की विधाएं, विधाओं की उपविधाएँ भी होती हैं। उदाहरण के लिये हम कहते हैं कि हिन्दी साहित्य की विधाएँ (Hindi Sahitya ki vidhaye) विधाओं में सृजनात्मक तथा विचारात्मक साहित्य दीर्घकाल से निरंतर विद्वानों द्वारा लिखा जा रहा है। प्रमुख हिन्दी की साहित्यिक विधाएँ इस प्रकार हैं- • • • • • • • • • • • • • • कुछ अन्य हिन्दी साहित्यिक विधाएँ: • लघुकथा, • प्रहसन (कामेडी), • विज्ञान कथा, • व्यंग्य, • पुस्तक-समीक्षा या पर्यालोचन, • साक्षात्कार। ललित कला की विधाएँ: • चित्रकला (पेंटिंग), • फोटोग्राफी। कम्प्यूटर, चलचित्र एवं खेल की विधाएँ: • क्रिया (ऐक्शन), • सिमुलेशन, • वॅस्टर्न। • रणनीति (स्ट्रेटेजी), • साहसिक यात्रा (ऐडवेंचर), • क्रत्रिम बुद्धिमता। Hindi Gadya Sahitya Ki Vidhaye हिन्दी साहित्य की प्रमुख गद्य विधाएं निम्नलिखित हैं: • नाटक, • उपन्यास, • निबंध, • कहानी, • संस्मरण, • आत्मकथा, • जीवनी, • समीक्षा, • इंटरव्यूव साहित्य (साक्षात्कार), • यात्रा-साहित्य, • डायरी-साहित्य, • रेखाचित्र, • एकांकी, • पत्र-साहित्य और • काव्य आदि। 1. नाटक गोपाल चन्द्र गिरधरदास” हैं। हिन्दी साहित्य की इस गद्य विधा की कुछ रचनाएं इस प्रकार हैं- • उपेन्द्रनाथ अश्क (अंजो दीदी), • विष्णु प्रभाकर (डॉक्टर...

Karak In Hindi

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • कारक किसे कहते हैं और उसके भेद – Karak Kise Kahate Hain Karak Ke Kitne Bhed Hai कारक किसे कहते हैं – Karak Kise Kahate Hain वाक्य में प्रयुक्त वह शब्द जिसका क्रिया के साथ प्रत्यक्ष संबंध स्थापित होता है उसे कारक कहते हैं। कारक शब्द ‘कृ’ धातु में ‘अक’ प्रत्यय के जुड़ने से बना है जिसका शाब्दिक अर्थ ‘करने वाला’ होता है। हिंदी व्याकरण में 8 कारक होते हैं, जिन्हें मूल शब्द से अलग करके कारक विभक्ति या कारक चिह्न के रूप में लिखा जाता है। कारक चिह्न – Karak Chinh कारक के जिस रूप से क्रिया का संज्ञा या सर्वनाम शब्दों के साथ संबंध का बोध होता हो उसे कारक चिह्न कहते हैं। प्रत्येक कारक का अपना एक या अधिक चिह्न होता है। कारक चिह्न की सूची निम्नलिखित है। परसर्ग किसे कहते हैं – Parsarg Kise Kahate Hain वाक्य में कारक की पहचान करवाने वाले शब्द को परसर्ग कहते हैं। हिंदी व्याकरण में परसर्ग को कारक विभक्ति या कारक चिह्न (karak chinh) भी कहते हैं। प्रत्येक कारक की अपनी एक निश्चित विभक्ति होती है। यदि दो कारकों की विभक्ति समान हो तो वाक्य में उनका व्यवहार अलग अलग होता है। कारक कितने और कौन-कौन से होते हैं– कारक के भेद कारक आठ होते हैं, जो निम्नलिखित हैं। • कर्ता कारक • कर्म कारक • करण कारक • सम्प्रदान कारक • अपादान कारक • संबंध कारक • अधिकरण कारक • सम्बोधन कारक कर्ता कारक किसे कहते हैं – Karta Karak Kise Kahate Hain वाक्य में वह संज्ञा या सर्वनाम पद जो क्रिया करने वाले का बोध करवाता है उसे कर्ता कारक कहते हैं। कर्ता कारक का विभक्ति चिह्न या कारक चिह्न ‘ने’ होता है। कर्ता कारक के साथ ‘ने’ विभक्ति चिह्न क...

आधारभूत संरचना क्या है? » Adharbhut Sanrachna Kya Hai

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। बेसिक जो भी चीजें होती है जिनकी वजह से एक कार्य हो पाता है कोई भी कार्य हो पाता है बेसिक जैसे गवर्मेंट की चीजें मान लीजिए आप जो मेरे कम्युनिटी रंग करती हमारा जो सोसाइटी है और उसमें क्या-क्या आता है सड़के हैं स्कूल है फोन की लाइनें हैं सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट है इलेक्ट्रिसिटी पावर जनरेशन है तो यह बी सी चीज है जो हम जिंदगी के अंदर यूज करते हैं जिंदगी को आगे बढ़ाने के लिए वही बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर यानी कि आधारभूत संरचना होती है basic jo bhi cheezen hoti hai jinki wajah se ek karya ho pata hai koi bhi karya ho pata hai basic jaise government ki cheezen maan lijiye aap jo mere community rang karti hamara jo society hai aur usme kya kya aata hai sadake hain school hai phone ki linen hain seaways treatment plant hai electricity power generation hai toh yah be si cheez hai jo hum zindagi ke andar use karte hain zindagi ko aage badhane ke liye wahi basic infrastructure yani ki adharbhut sanrachna hoti hai बेसिक जो भी चीजें होती है जिनकी वजह से एक कार्य हो पाता है कोई भी कार्य हो पाता है बेसिक ज

आलोचना किसे कहते हैं? आलोचना का क्या अर्थ है? Aalochana kise kahate Hain

आलोचना किसे कहते हैं? आलोचना का क्या अर्थ है? Aalochana kise kahate Hain आलोचना किसे कहते हैं? आलोचना का क्या अर्थ है? आलोचना किसे कहते हैं? आलोचना का क्या अर्थ होता है आलोचना की क्या विशेषताएं होती हैं तो मित्रों आज की इस पोस्ट में हम लोग यही जानेंगे। आपको पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ना है। तो मित्रो आपके भी मन में यह प्रश्न आया होगा कि आखिर आलोचना किसे कहते हैं। (What is aalochana in Hindi) जहां तक मुझे लगता है कि कई सारे लोगों को सही मायने में आलोचना का मतलब भी पता नहीं होगा। अगर आप भी उन्हीं लोगों में से हैं जो कि आलोचना के बारे में जानना चाहते हैं कि आलोचना क्या है? आलोचना का क्या अर्थ होता है? तो यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी साबित होगी। दोस्तों आलोचना शब्द से हम बचपन से ही वाकिफ होते हुए आ रहे हैं लेकिन अगर देखा जाए तो आलोचना किसे कहते हैं। यह बहुत कम लोगों को पता होगा तो आज मैंने सोचा कि मैं आपको इसी विषय पर जानकारी देती हूं। दोस्तों मैं nityastudypoint.com में आपका हार्दिक स्वागत करती हूं तो आइए अब हम रिपोतार्ज के बारे में जानते हैं। आलोचना किसे कहते हैं? आलोचना या समालोचना (Criticism) किसी वस्तु/विषय की, उसके लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, उसके गुण दोषों एवं उपयुक्तता का विवेचन करने वाली साहित्यिक विधा है। हिंदी आलोचना की शुरुआत 19 वीं सदी के उत्तरार्ध में भारतेंदु युग से ही मानी जाती है। 'समालोचना' का शाब्दिक अर्थ है- 'अच्छी तरह देखना'। 'आलोचना' शब्द 'लुच' धातु से बना है। 'लुच'का अर्थ है 'देखना'। समीक्षा और समालोचना शब्दों का भी यही अर्थ है। अंग्रेजी के क्रिटिसिज्म शब्द के समानार्थी रूप में आलोचना का व्यवहार होता है। आलोचना का अर्थ [Nitya Study Point] आलोचना का अर्थ है कि...

संतुलित आहार किसे कहते हैं? स्वस्थ जीवन में संतुलित आहार के तत्व का महत्व क्या है?

स्वस्थ जीवन के लिए संतुलित आहार की उपयोगिता अत्यधिक महत्वपूर्ण है इसलिए हमें यह जानना जरूरी है कि संतुलित आहार किसे कहते हैं और संतुलित आहार के तत्वों का महत्व क्या है? जिसमें हम अपने दैनिक जीवन में भोजन को कितना और किस प्रकार से ग्रहण करना चाहिए यह जानेंगे। अलग-अलग जगहों पर हमारी संस्कृति और भोजन अलग होती है इसलिए आपने देखा होगा कि किसी खास क्षेत्र के लोग या तो स्वस्थ होते हैं या फिर अस्वस्थ। यदि हमें अपने शरीर को स्वस्थ और तंदुरुस्त रखना है तो हमें संतुलित आहार करनी चाहिए जिससे हमारे शरीर पर कोई दुष्प्रभाव न पड़े और हम हमेशा स्वस्थ रहें। विषय सूची • • • • • • • • संतुलित आहार किसे कहते हैं? ऐसा आहार जिसमें सभी प्रकार के महत्वपूर्ण पोषक तत्व जैसे कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, खनिज, प्रोटीन और वसा आदि संतुलित रूप से मौजूद हो उस आहार को संतुलित आहार कहते हैं। संतुलित आहार को संतुलित भोजन भी कहते हैं और इस प्रकार के आहार हमारे शरीर को हमेशा स्वस्थ बनाए रखने में हमारी मदद करता है। यदि हम संतुलित आहार को सरल भाषा में समझें तो हम यहां पाएंगे कि संतुलित आहार वह है जिसमें शरीर के लिए आवश्यक सभी आवश्यक पोषक तत्व शामिल होते हैं। यह भी पढ़ें: संतुलित आहार क्या है? एक संतुलित आहार वह है जिसमें सभी महत्वपूर्ण पोषक तत्व जैसे कार्बोहाइड्रेट, वसा और विटामिन, खनिज, प्रोटीन, फाइबर और प्रोटीन शामिल होते हैं। एक संतुलित आहार में अच्छे स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए पौष्टिक और पर्याप्त भोजन शामिल होता है। संतुलित आहार का अर्थ है ऐसा आहार जिसमें निश्चित मात्रा और अनुपात में विभिन्न प्रकार के भोजन शामिल हों। संतुलित आहार यह सुनिश्चित करता है कि शरीर की जरूरतों के लिए पर्याप्त पोषण हो जिससे हम स्...

संज्ञा किसे कहते है? परिभाषा, भेद और उदाहरण

Table of Contents • • • • • • • • • संज्ञा शब्द संस्कृत के ‘ सम्‘ उपसर्ग तथा ‘ ज्ञा‘ धातु के मिलने से बना है। ‘ ज्ञा‘ धातु का अर्थ है- बोध कराना। अतः इसका अर्थ होगा सम् अर्थात स्म्यक् प्रकार से बोध कराना अर्थात जानकारी देना। उदाहरण के लिये नीचे लिखे हुए वाक्य देखिये: – • इस विद्यालय में बहुत छात्र है । • हमें देश की एकता के लिए प्रयत्न करना चाहिये । • गंगा भारत की प्रसिद्ध नदी है । • बुढ़ापा दुखों का घर है और यौवन आनंद का । => ऊपर के वाक्यों में शब्द विद्यालय, छात्र, देश, एकता, गंगा, भारत, नदी, बुढ़ापा, दुखों, घर, यौवन, आनंद आदि वस्तु, स्थान, प्राणी भाव आदि के नाम है । संज्ञा की परिभाषा (Sangya Ki Paribhasha) किसी वस्तु, स्थान, प्राणी या भाव के नाम का बोध कराने वाले शब्दों को उदाहरण:- राम, मोहन, लड़का, मनुष्य, हिमालय, गुलाब, गाय, सुन्दरता, प्रेम आदि । संज्ञा के कितने भेद है? (Sangya Ke Kitne Bhed Hain) संज्ञा के मुख्य 5 भेद है :- • जातिवाचक • व्यक्तिवाचक • भाववाचक • द्रव्यवाचक • समुदायवाचक • जातिवाचक संज्ञा किसे कहते है? (Jativachak Sangya Kise Kahate Hain) जिस संज्ञा शब्द से सम्पूर्ण जाति का बोध हो अर्थात एक ही प्रकार की बहुत सी वस्तुओं में प्रत्येक का ज्ञान हो सके, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते है। उदाहरण:- मनुष्य, पशु, नगर आदि । • द्रव्यवाचक संज्ञा किसे कहते है? (Dravya Vachak Sangya Kise Kahate Hain) जिन संज्ञा शब्दों से उस सामग्री या पदार्थ का बोध हो जिनसे कोई वस्तु बनी हो, उन्हें द्रव्यवाचक संज्ञा कहते है। उदाहरण:- सोना, चांदी, लोहा, घी, पानी फल आदि। • भाववाचक संज्ञा किसे कहते है? (Bhav Vachak Sangya Kise Kahate Hain) जिन संज्ञाओं से किसी पदार्थ के विशेष गुण, धर्म तथा व्य...