आधुनिक राजस्थान का निर्माण कब हुआ

  1. Rajasthan Diwas 2023: राजस्थान दिवस क्यों मनाया जाता है, क्या है इसका इतिहास, जाने आधुनिक राजस्थान के बारे में
  2. आधुनिक राजस्थान का निर्माण – Historical Saga
  3. [Solved] 'राजस्थान' राज्य का गठन अंतत: कब हुआ?
  4. अजमेर मेरवाड़ा का राजस्थान में विलय कब हुआ
  5. राजस्थान का इतिहास
  6. Rajasthan History, Royal State Of India Rajasthan Capital, Maps And Facts
  7. राजस्थान का एकीकरण ट्रिक
  8. राजस्थान का एकीकरण ट्रिक
  9. [Solved] 'राजस्थान' राज्य का गठन अंतत: कब हुआ?
  10. राजस्थान का इतिहास


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Rajasthan Diwas 2023: राजस्थान दिवस क्यों मनाया जाता है, क्या है इसका इतिहास, जाने आधुनिक राजस्थान के बारे में

Rajasthan Diwas 2023:राजस्थानकोराजाओंऔरवीरोंकीभूमिमानाजाताहै।यहांसेकईऐतिहासिकवीरगाथाओंकीशुरुआतहुईहै।आजराजस्थानअपनीपरंपरा, संस्कृतिऔरखूबसूरतीकेलिएजानाजाताहै।राजस्थानभारतकासबसेबड़ाराज्यहै।जिसेएकखूबसूरतट्रैवलडेस्टिनेशनकेतौरपरदेखाजाताहै।हरसाललाखोंघरेलूऔरविदेशीपर्यटकराजसीकाआनंदलेनेराजस्थानजातेहैं।इससालराजस्थानअपना 73 वांराजस्थानदिवसमनारहाहै। राजस्थानकीभूमिविशालकिलों, आश्चर्यजनकमहलों, विविधसंस्कृतियों, मनोरमव्यंजनोंकाएकरंगीनमिश्रणहै।येएकबीहड़तोहैलेकिनआकर्षकपरिदृश्यकेबीचस्थितहै।इसकीपिंकऔरब्लूसिटीकीसुंदरतामनमोहकहै।संस्कृतिऔरइतिहासकीझलकदेखनेवालेलोगोंकेलिएराजस्थानउनकीलिस्टमेंटॉपपरआताहै।आइएआपकोआजराजस्थानकेपुरानेइतिहाससेलेकरआजसेआधुनिकसमयकेबारेमेंबताएं। राजस्थान राजाओंकीभूमिकहलानेवालायेराज्यभारतकेसबसेरंगीनराज्योंमेंसेएकहै।आपनेइसकीपिंकसिटीऔरब्ल्यूसिटीकेबारेमेंतोसुनाहीहोगा।इनदोनोंशहरोंकीमात्रकुछतस्वीरेंआपकोराजस्थानजानेकेलिएमजबूरकरसकतीहै।इसराज्यमेंइतनाकुछछुपाहुआहैकिआपइसेकुछदिनमेंदेखहीनहींसकतेहैं।जितनाबड़ायेराज्यहैउससेभीअधिकबड़ाइसराज्यकाइतिहासहै।यहांआपकोमहल, हवेलियां, झीलें, रेतकेटीलेआदिसबदेखनेकोमिलताहै।राजस्थानभारतकासबसेबड़ाराज्यहैजोभारतकेकुलक्षेत्रफलका 10.4 प्रतिशतहिस्साकवरकरताहै।राजस्थानकेवलअपनेइतिहासकेलिएहीनहींजानाजाताहैअबइसराज्यकोआधुनिकराज्यकेतौरपरभीदेखाजाताहै।आइएपहलेइसकेइतिहासकेबारेमेंजाने। कबमनायाजाताहैराजस्थानदिवस राजस्थानराज्यकागठन 30 मार्च 1949 मेंहुआथा।इसीदिनकोचिन्हितकरनेकेलिएप्रत्येकवर्षराजस्थानदिवसमनायाजाताहै।इसीसमयमें "राजपूताना" कोभारतमेंविलयकियागयाथा।राजस्थानकाइतिहास 5000 वर्षपुरानाहै।आपकोबतादेंकिराजपुतानानामब्रिटिशोंद्वाराइसक्षेत्रकिनिर्भरताओंकाप्रबंधनकरनेकेलिएअपनायागयाथा।...

आधुनिक राजस्थान का निर्माण – Historical Saga

भारतीय शहीदों के बलिदान तथा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व में चले स्वतंत्रता आन्दोलन के परिणाम स्वरूप भारत 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों की अधिनता से मुक्त हो गया। परन्तु भारतीय स्वाधीनता अधिनियम 1947 की आठवीं धारा के अनुसार ब्रिटिश सरकार की भारतीय देशी-रियासतो पर स्थापित सर्वोच्चता पुनः देशी रियासतों को हस्तान्तरित कर दी। इसके अनुसा देशी रियासतों को आत्मनिर्णय का अधिकार प्राप्त हो गया। वे किसी भी अधिराज्य (भारत अथवा पाकिस्तान) में शामिल न होने पर अपना स्वतंत्र अस्तित्व रखते हुए एक राज्य के रूप में स्थापित हो सकती थी। ऐसा होने पर भारत खण्ड़-खण्ड़ राज्यों में विघटित हो सकता था। भारत की एकता व अखण्डता नष्ट हो सकती थी किन्तु भारत के लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने इन रियासतों के भारत में विलय के विवाद का हल करने का प्रयास किया। देशी रियासतों पर नियंत्रण रखने वाले भारत सरकार के राजनीतिक विभाग को समाप्त कर 5 जुलाई 1947 को सरदार पटेल की अध्यक्षता में ' रियासती सचिवालय ' की स्थापना की गई जिसका ‌‌‌उद्देश्य छोटी-बड़ी सभी रियासतों का विलीनीकरण या समूहीकरण भाषा, संस्कृति और भौगोलिक सीमा की समानता के आधार पर इस प्रकार करना था कि ये रियासते एक संयुक्त राज्य के रूप में संगठित हो सके। स्वतंत्रता के समय राजस्थान में 19 देशी रियासते , 3 ठिकाने ( लावा , कुशलगढ़ , नीमराणा ) तथा एक चीफ कमिश्नरी क्षेत्र था अजमेर - मेरवाड़ा था। रियासती मंत्रालय के अध्यक्ष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने राजस्थान के एकीकरण या गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी। सरदार पटेल ने अर्थात रियासती मंत्रालय ने यह घोषणा कि भारत मे वही देशी रियासत अपना स्वतंत्र अस्तित्व रख सकेगी जिसकी जनसंख्या 10 लाख व वार्षिक आय 1 करोड़ हो। इस आधार पर र...

[Solved] 'राजस्थान' राज्य का गठन अंतत: कब हुआ?

राजस्थान भारतीय संघ के 28 राज्यों में से एक है। • ब्रिटिश शासन के दौरान, भूमि के इस भाग को राजपूताना अर्थात राजपूतों की भूमि के रूप में जाना जाता था, जो उस समय मौजूद विभिन्न सामंती राज्यों के मुख्य शासक थे। Important Points राजस्थान को सात चरणों से राज्य के रूप में बनाया गया था जिसकी चर्चा नीचे दी गई है: • मत्स्य संघ: • भारत का विभाजन बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक आंदोलन से प्रकट हुआ जिसने राष्ट्र को अभिभूत कर दिया। • भरतपुर और अलवर भी इन दंगों से सुरक्षित नहीं थे। • 17 मार्च, 1948 को, भारत सरकार ने इन राज्यों की निगरानी अपने हाथ में ले ली क्योंकि शासक शांति बनाए रखने में विफल रहे। • इन राज्यों के पड़ोसी क्षेत्र करौली और धौलपुर थे। • सरकार की सलाह पर, चारों राज्य मत्स्य संघ बनाने के लिए एक साथ आने पर सहमत हुए। • राजस्थान संघ: • 25 मार्च, 1948 को, दक्षिणी और दक्षिण-पूर्वी राजपूताना केदस अन्य राज्यों-कुशलगढ़, बांसवाड़ा, कोटा, बूंदी, झालावाड़, टोंक, शाहपुरा, प्रतापगढ़, डूंगरपुर और किशनगढ़ ने मिलकर एक और संघ बनाया, जिसका नाम पूर्वी राजस्थान रखा गया। • संयुक्त राज्य राजस्थान: • इसके बाद, उदयपुर राज्य (मेवाड़) भी 18 अप्रैल 1948 को राजस्थान संघ में शामिल हो गया। • इसके बाद इसका नाम बदलकर संयुक्त राज्य राजस्थान कर दिया गया। • इसलिए राजस्थान के 15 राज्यों ने अपना स्वयं का संघ बनाया। • वृहत राजस्थान: • 30 मार्च, 1949 को चार राज्यों अर्थात्जोधपुर, जयपुर, बीकानेर और जैसलमेर इस एकीकरण में शामिल हो गए और इस क्षेत्र को वृहतराजस्थान के रूप में जाना जाने लगा। • नीमरा और लावा की रियासतें भी इसमें शामिल हुईं। • 30 मार्च को अब राजस्थान दिवस के रूप में मनाया जाता है। • वृहत राजस्थान का संयुक्त रा...

अजमेर मेरवाड़ा का राजस्थान में विलय कब हुआ

ajmer merwada in hindi अजमेर मेरवाड़ा का राजस्थान में विलय कब हुआ | अजमेर – मेरवाड़ा का विलय कब और कैसे हुआ ? राजस्थान के एकीकरण के किसी भी चरण पर यदि लघुत्तर में प्रश्न पूछा जाता है तो चरण की संख्या और उसका नाम , निश्चित तिथि , सम्मिलित राज्य और ठिकाने , राजधानी , राजप्रमुख , प्रधानमंत्री गुंजाइश हो तो उद्घाटनकर्ता और विशिष्ट तथ्य अवश्य याद होने चाहिए परन्तु तथ्य मात्र देना ही उत्तर नहीं होता बल्कि वह तो सूचना मात्र हो जाती है , अत: इन तथ्यों को क्रमबद्धता के साथ जोड़ना चाहिए। उत्तर : 18 अप्रैल 1948 ईस्वीं को मेवाड़ राज्य को पूर्व राजस्थान में मिलाकर ‘वृहद राजस्थान’ का निर्माण कर राजस्थान के एकीकरण का तीसरा चरण पूरा हुआ। इसका उद्घाटन पंडित जवाहर लाल नेहरु ने किया। उदयपुर को इसकी राजधानी बनाया गया। मेवाड़ महाराणा भूपालसिंह को राजप्रमुख , कोटा महाराव भीमसिंह को उपराजप्रमुख और माणिक्य लाल वर्मा को संयुक्त राजस्थान का प्रधानमंत्री बनाया गया। इस प्रकार भारत के प्राचीनतम राजवंश के शासन का समापन हो गया। उत्तर : 30 मार्च 1949 ईस्वीं को राज्य की चार बड़ी रियासतों जयपुर जोधपुर , बीकानेर और जैसलमेर को संयुक्त राजस्थान में मिलाकर “वृहद राजस्थान” का निर्माण कर राजस्थान के एकीकरण का चतुर्थ और महत्वपूर्ण चरण पूरा हुआ। जयपुर को राजधानी बनाया गया , हाईकोर्ट जोधपुर में और शिक्षा विभाग बीकानेर में स्थापित किये गए। जयपुर महाराजा सवाई मानसिंह को राजप्रमुख , महाराणा भूपालसिंह को महाराज प्रमुख और पं. हीरालाल शास्त्री को प्रधानमंत्री बनाया गया। 30 मार्च अब “राजस्थान दिवस ” के रूप में मनाया जाता है। उत्तर : सरदार पटेल ने सिरोही को नवम्बर 1947 में बम्बई प्रान्त के अंतर्गत कर दिया जो गोकुल भाई भट्ट की ज...

राजस्थान का इतिहास

प्राचीन काल, 1200 AD तक राजपूत वंश की उत्पत्ति हुई और 700 AD से ही वे राजस्थान के विविध भागो में रहने लगे थे। इससे पहले, राजस्थान बहुत से गणराज्यो का भाग रह चूका था। यह मौर्य साम्राज्य का भी भाग रह चूका था। इस क्षेत्र पर कब्ज़ा करने वाले मुख्य गणराज्यो में मालवा, अर्जुन्या, योध्या, कुशान, सका सत्रप, गुप्ता और हंस शामिल थे। भारतीय इतिहास में राजपूतों का प्रभुत्व आठवी और बारहवी शताब्दी AD के समय देखा गया था। 750 से 1000 AD के समय में प्रतिहार ने राजस्थान और उत्तरी भारत के ज्यादातर क्षेत्र पर शासन किया था। 1000 से 1200 AD के बीच राजस्थान को चालुक्य, परमार और चौहान के बीच संघर्ष करना पड़ा। मध्यकालीन समय, 1201-1707 इसवी सन 1200 AD में राजस्थान का कुछ भाग मुस्लिम शासको के कब्जे में आ गया था। उनकी शक्ति के केंद्रीय स्थानों में नागौर और अजमेर शामिल थे। रण थम्बोर भी अधीनता के तहत ही था। 13 वी शताब्दी AD के शुरू में, राजस्थान का सबसे मुख्य और शक्तिशाली राज्य, मेवाड़ था। आधुनिक समय, 1707-1947 मुग़ल सम्राट के कब्ज़ा करने से पहले राजस्थान कभी भी राजनितिक रूप से एकता के सूत्र में नही बंधा। मुग़ल सम्राट अकबर ने राजस्थान में एकीकृत सिद्धता का निर्माण करवाया। 1707 के बाद मुग़ल शक्तियां कम होने लगी और उनका प्रभाव भी कम होने लगा। मुग़ल साम्राज्य के पतन होते ही मराठा साम्राज्य ने राजस्थान पर आँख जमा ली। 1755 में उन्होंने अजमेर पर कब्ज़ा कर लिया। इसके बाद 19 वी शताब्दी के शुरू में पिंडारी द्वारा हमला किया गया। राजस्थान के इतिहास से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर 1. राजस्थान में मिट्टी की मूर्तियां बनाने की हस्तकला का मुख्य केन्द्र है ? उत्तर. मोलेला (राजसमन्द) 2. किस शासक को मेवाड़ क...

Rajasthan History, Royal State Of India Rajasthan Capital, Maps And Facts

क्षेत्रफल की दृष्टी से भारत का सबसे बड़ा राज्य राजस्थान है. साल 1949 में इसे राज्य के तौर पर भारत में शामिल किया गया था. राजस्थान को 'राजाओं की भूमि' और 'रजवाड़ों की धरती' कही जाती है. यहां के भव्य राजमहल वास्तुकला के उत्कृष्ट नमूने हैं. राजस्थान हमेशा से पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है. राजपूताना शासन के दौरान यहां काफी विकास हुआ. राजस्थान बाप्पा रावल, राणा कुंभा, राणा सांगा और राणा प्रताप जैसे प्रतापी राजाओं की भूमि रही है. राजस्थान का इतिहास तकरीबन 5 हजार साल पुराना है. इसे तीन भागों में विभाजित किया जाता है. पहला प्राचीन काल, दूसरा मध्यकालीन और तीसरा आधुनिक काल. सबसे पहले जार्ज थॉमस ने राजपूताना शब्द का प्रयोग किया था. राजस्थान का की यह भूमि प्राचीन सभ्यताओ की जन्मस्थली है. यहां पाषाणकालीन और सिंधुकालीन सभ्यताओं का विकास हुआ. राजस्थान का इतिहास प्राचीन काल में राजस्थान के कुछ आंशिक हिस्से वैदिक और सिंधु घाटी की सभ्यता से मिलते हैं. राजस्थान के बूंदी और भीलवाड़ा जिलों में पाषाण युग के सामान मिले. वैदिक सभ्यता का मत्स्य साम्राज्य आज के जयपुर शहर है. मत्स्य साम्राज्य की राजधानी विराटनगर थी जो इसके संस्थापक राजा विराट के नाम पर रखा गया था. भरतपुर, धौलपुर और करौली प्राचीन काल में सूरसेन जनपद के अंतर्गत आते थे. इनकी राजधानी मथुरा थी. भरतपुर के नोह में खुदाई के दौरान उत्तर-मौर्यकालीन मूर्तियां और बर्तन प्राप्त हुए. 700 ईस्वी के दौरा राजस्थान के अधिकांश हिस्सों पर गुर्जरों का कब्जा हो गया है. उनकी राजधानी कन्नौज थी. गुर्जर प्रतिहार साम्राज्य ने तकरीबन 11 वीं शताब्दी तक अरब आक्रमणकारियों से राजस्थान की रक्षा की. परंरागत रूप से यहां ब्राह्मण राजपूत, जाट, मीणा, यादव, मौर्य श...

राजस्थान का एकीकरण ट्रिक

राजस्थान का एकीकरण~With tricks~सम्पूर्ण ज्ञान राजस्थान के प्रथम चरण से सप्तम चरण के क्रमशः नाम व गठन की तिथि~~~ trick~~ मत्स्य पहले से वृहत fhir संयुक्त वृहत hokar राजस्थान ko आधुनिक roop me laya trick by आदित्य( Dinesh Jarwal) मत्स्य~मत्स्य संघ~~18मार्च 1948*1 पहले~~पूर्व राजस्थान संघ~25 मार्च 1948*2 से~~संयुक्त राजस्थान~18अप्रैल 1948*3 वृहत~~वृहत राजस्थान~30 मार्च 1949*4 संयुक्त वृहत~संयुक्त वृहत राजस्थान~15मई 1949*5 राजस्थान~~राजस्थान संघ~26jan.1950*6 आधुनिक~आधुनिक राजस्थान~1Nov.1956*7 चरण 1. मत्स्य संघ मे शामिल रियासत व् ठिकाना~~~4 रियासत व् 1 ठिकाना trick~~ A B C D (in) Nimrana A~~~Alwar B~~~Bharatpur C~~~Karoli D~~~Dholpur Nimrana~~~Nimrana ठिकाना 2. पूर्व राजस्थान में शामिल रियासत व ठिकाने ~~9 रियासत व 1 ठिकाना trick~~~ झाला प्रताप की बू-टो को (पहनकर) शमर ब-डी कुशलता ( से लड़ा)! Trick by आदित्य(Dinesh jarwal) झाला~~~~~~झालावाड प्रताप~~~~~~~प्रतापगढ़ की~~~~~किशनगढ़ बू~~~~~~~बूंदी टो~~~~~~टोंक को~~~~~~कोटा शमर(युद्ध)~~~~शाहपुरा ब~~~~~~ बांसवाड़ा डी~~~~~डूंगरपुर कुशलता~~~~~ कुशलगढ़ ठिकाना 3. संयुक्त राजस्थान का निर्माण~~ पूर्व राजस्थान संघ में 18 अप्रैल 1948 को उदयपुर रियासत को शामिल करने पर संयुक्त राजस्थान का उदय हुआ! 4.?म वृहत राजस्थान में शामिल रियासते ~~~~ संयुक्त राजस्थान में जयपुर जोधपुर जैसलमेर बीकानेर 4 रियासतो को शामिल करने पर 30 मार्च 1949 को वृहत राजस्थान का निर्माण हुआ!। 5. संयुक्त वृहत राजस्थान का निर्माण~~ वृहत राजस्थान में मत्स्य संघ को शामिल करने पर15 मई 1949 को संयुक्त वृहत राजस्थान कअ निर्माण हुआ! 6. राजस्थान संघ का उदय~~~ संयुक्त वृहत राजस्थान में सिरोही...

राजस्थान का एकीकरण ट्रिक

राजस्थान का एकीकरण~With tricks~सम्पूर्ण ज्ञान राजस्थान के प्रथम चरण से सप्तम चरण के क्रमशः नाम व गठन की तिथि~~~ trick~~ मत्स्य पहले से वृहत fhir संयुक्त वृहत hokar राजस्थान ko आधुनिक roop me laya trick by आदित्य( Dinesh Jarwal) मत्स्य~मत्स्य संघ~~18मार्च 1948*1 पहले~~पूर्व राजस्थान संघ~25 मार्च 1948*2 से~~संयुक्त राजस्थान~18अप्रैल 1948*3 वृहत~~वृहत राजस्थान~30 मार्च 1949*4 संयुक्त वृहत~संयुक्त वृहत राजस्थान~15मई 1949*5 राजस्थान~~राजस्थान संघ~26jan.1950*6 आधुनिक~आधुनिक राजस्थान~1Nov.1956*7 चरण 1. मत्स्य संघ मे शामिल रियासत व् ठिकाना~~~4 रियासत व् 1 ठिकाना trick~~ A B C D (in) Nimrana A~~~Alwar B~~~Bharatpur C~~~Karoli D~~~Dholpur Nimrana~~~Nimrana ठिकाना 2. पूर्व राजस्थान में शामिल रियासत व ठिकाने ~~9 रियासत व 1 ठिकाना trick~~~ झाला प्रताप की बू-टो को (पहनकर) शमर ब-डी कुशलता ( से लड़ा)! Trick by आदित्य(Dinesh jarwal) झाला~~~~~~झालावाड प्रताप~~~~~~~प्रतापगढ़ की~~~~~किशनगढ़ बू~~~~~~~बूंदी टो~~~~~~टोंक को~~~~~~कोटा शमर(युद्ध)~~~~शाहपुरा ब~~~~~~ बांसवाड़ा डी~~~~~डूंगरपुर कुशलता~~~~~ कुशलगढ़ ठिकाना 3. संयुक्त राजस्थान का निर्माण~~ पूर्व राजस्थान संघ में 18 अप्रैल 1948 को उदयपुर रियासत को शामिल करने पर संयुक्त राजस्थान का उदय हुआ! 4.?म वृहत राजस्थान में शामिल रियासते ~~~~ संयुक्त राजस्थान में जयपुर जोधपुर जैसलमेर बीकानेर 4 रियासतो को शामिल करने पर 30 मार्च 1949 को वृहत राजस्थान का निर्माण हुआ!। 5. संयुक्त वृहत राजस्थान का निर्माण~~ वृहत राजस्थान में मत्स्य संघ को शामिल करने पर15 मई 1949 को संयुक्त वृहत राजस्थान कअ निर्माण हुआ! 6. राजस्थान संघ का उदय~~~ संयुक्त वृहत राजस्थान में सिरोही...

[Solved] 'राजस्थान' राज्य का गठन अंतत: कब हुआ?

राजस्थान भारतीय संघ के 28 राज्यों में से एक है। • ब्रिटिश शासन के दौरान, भूमि के इस भाग को राजपूताना अर्थात राजपूतों की भूमि के रूप में जाना जाता था, जो उस समय मौजूद विभिन्न सामंती राज्यों के मुख्य शासक थे। Important Points राजस्थान को सात चरणों से राज्य के रूप में बनाया गया था जिसकी चर्चा नीचे दी गई है: • मत्स्य संघ: • भारत का विभाजन बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक आंदोलन से प्रकट हुआ जिसने राष्ट्र को अभिभूत कर दिया। • भरतपुर और अलवर भी इन दंगों से सुरक्षित नहीं थे। • 17 मार्च, 1948 को, भारत सरकार ने इन राज्यों की निगरानी अपने हाथ में ले ली क्योंकि शासक शांति बनाए रखने में विफल रहे। • इन राज्यों के पड़ोसी क्षेत्र करौली और धौलपुर थे। • सरकार की सलाह पर, चारों राज्य मत्स्य संघ बनाने के लिए एक साथ आने पर सहमत हुए। • राजस्थान संघ: • 25 मार्च, 1948 को, दक्षिणी और दक्षिण-पूर्वी राजपूताना केदस अन्य राज्यों-कुशलगढ़, बांसवाड़ा, कोटा, बूंदी, झालावाड़, टोंक, शाहपुरा, प्रतापगढ़, डूंगरपुर और किशनगढ़ ने मिलकर एक और संघ बनाया, जिसका नाम पूर्वी राजस्थान रखा गया। • संयुक्त राज्य राजस्थान: • इसके बाद, उदयपुर राज्य (मेवाड़) भी 18 अप्रैल 1948 को राजस्थान संघ में शामिल हो गया। • इसके बाद इसका नाम बदलकर संयुक्त राज्य राजस्थान कर दिया गया। • इसलिए राजस्थान के 15 राज्यों ने अपना स्वयं का संघ बनाया। • वृहत राजस्थान: • 30 मार्च, 1949 को चार राज्यों अर्थात्जोधपुर, जयपुर, बीकानेर और जैसलमेर इस एकीकरण में शामिल हो गए और इस क्षेत्र को वृहतराजस्थान के रूप में जाना जाने लगा। • नीमरा और लावा की रियासतें भी इसमें शामिल हुईं। • 30 मार्च को अब राजस्थान दिवस के रूप में मनाया जाता है। • वृहत राजस्थान का संयुक्त रा...

राजस्थान का इतिहास

प्राचीन काल, 1200 AD तक राजपूत वंश की उत्पत्ति हुई और 700 AD से ही वे राजस्थान के विविध भागो में रहने लगे थे। इससे पहले, राजस्थान बहुत से गणराज्यो का भाग रह चूका था। यह मौर्य साम्राज्य का भी भाग रह चूका था। इस क्षेत्र पर कब्ज़ा करने वाले मुख्य गणराज्यो में मालवा, अर्जुन्या, योध्या, कुशान, सका सत्रप, गुप्ता और हंस शामिल थे। भारतीय इतिहास में राजपूतों का प्रभुत्व आठवी और बारहवी शताब्दी AD के समय देखा गया था। 750 से 1000 AD के समय में प्रतिहार ने राजस्थान और उत्तरी भारत के ज्यादातर क्षेत्र पर शासन किया था। 1000 से 1200 AD के बीच राजस्थान को चालुक्य, परमार और चौहान के बीच संघर्ष करना पड़ा। मध्यकालीन समय, 1201-1707 इसवी सन 1200 AD में राजस्थान का कुछ भाग मुस्लिम शासको के कब्जे में आ गया था। उनकी शक्ति के केंद्रीय स्थानों में नागौर और अजमेर शामिल थे। रण थम्बोर भी अधीनता के तहत ही था। 13 वी शताब्दी AD के शुरू में, राजस्थान का सबसे मुख्य और शक्तिशाली राज्य, मेवाड़ था। आधुनिक समय, 1707-1947 मुग़ल सम्राट के कब्ज़ा करने से पहले राजस्थान कभी भी राजनितिक रूप से एकता के सूत्र में नही बंधा। मुग़ल सम्राट अकबर ने राजस्थान में एकीकृत सिद्धता का निर्माण करवाया। 1707 के बाद मुग़ल शक्तियां कम होने लगी और उनका प्रभाव भी कम होने लगा। मुग़ल साम्राज्य के पतन होते ही मराठा साम्राज्य ने राजस्थान पर आँख जमा ली। 1755 में उन्होंने अजमेर पर कब्ज़ा कर लिया। इसके बाद 19 वी शताब्दी के शुरू में पिंडारी द्वारा हमला किया गया। राजस्थान के इतिहास से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर 1. राजस्थान में मिट्टी की मूर्तियां बनाने की हस्तकला का मुख्य केन्द्र है ? उत्तर. मोलेला (राजसमन्द) 2. किस शासक को मेवाड़ क...