आदिमानव का चित्र

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  2. आदिकाल की चित्रकला
  3. आदि मानव से मानव जीवन का विकास : SahiAurGalat
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Chitrakoot historical place tourist places UP Hindi News

चित्रकूट.हुक्मरानों के नकारापन के कारण लोगों की आंखों से ओझल और देश दुनिया के पर्यटन मानचित्र पर महत्वपूर्ण स्थान पाने से वंचित बुंदेलखंड की प्राचीन धार्मिक ऐतिहासिक धरोहरें अपने आप में कितना कुछ बयां करती हैं ये उन्हें देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है ,लेकिन अफ़सोस या दुर्भाग्य चाहे कुछ भी कहें सत्य यही है की बुंदेलखंड को मात्र वोटबैंक और राजनीति का केंद्र बनाकर रखा गया और अब तक के हुक्मरानों ने सत्ता पर काबिज होने के बाद सिर्फ पैकेज का लॉलीपॉप दिया। यदि लखनऊ दिल्ली में बैठे सफेदपोशों ने आज तक यहां की पर्यटन संभावनाओं लोककलाओं रीतिरिवाजों पर

आदिकाल की चित्रकला

इसी समय से मनुष्य की ललित भावना भी जाग उठी और उसने अपनी मूक भावनाओं को अनगढ़ पत्थरों के यन्त्रों तथा तूलिका से बनी टेढ़ी-मेढ़ी रेखा-कृतियों के रूप में गुहाओं (गुफाओं) और चट्टानों की भित्तियों पर अंकित कर दिया। उसके जीवन की कोमलतम भावनायें तथा संघर्षमय जीवन की सजीव झाँकियाँ आदि मानव की कला कृतियों के रूप में आज भी सुरक्षित हैं। आदिकाल से आज तक मनुष्य रेखा तथा आकार, तक्षण तथा कर्षण के द्वारा अपनी भावनाओं को व्यक्त करता चला आ रहा है। मानव ने रेखा और आकार के माध्यम से अपनी प्रगति, आत्मा और युग का सदैव स्वागत तथा चित्रांकन किया है। इन असंख्य चित्राकृतियों के आधार पर चित्रकला की परिभाषा "किसी समतल धरातल जैसे भित्ति, काष्ठ-फलक आदि पर रंग तथा रेखाओं की सहायता से लम्बाई, चौड़ाई, गोलाई तथा ऊँचाई को अंकित कर किसी रूप का आभास कराना चित्रकला है।" मानव की उत्पत्ति और विकास-क्रम जीव-वैज्ञानिकों के अनुसार पृथ्वी पर सर्वप्रथम एक कोष्ठक जीव ही थे और उनसे ही मनुष्य का विकास हुआ जीव का यह विकास क्रम चार भागों में विभाजित किया जा सकता है, जो इस प्रकार है • एज़ोईक कल्प • पैलोज़ोइक कल्प • मेसोज़ोईक कल्प • सिनोज़ोइक कल्प (१) एज़ोईक युग या कल्प इस युग में पृथ्वी पर एक कोष्ठक जैव ही था। यह जैव आज से लगभग एक अरब पचास करोड़ वर्ष पूर्व पृथ्वी पर विकसित हुआ। (२) पैलोजोईक युग या कल्प इस युग में जीव सर्वप्रथम अकशेरुकी (Invertebrates) प्राणियों जैसे सिवार, स्पन्ज या जैली मछली तथा रेंगने वाले जीवधारियों, पक्षियों तथा विशालकाय वृक्षों और जंगलों के रूप में विकसित हुआ। (३) मेसोजोईक युग या कल्प इस युग में कशेरुकी जीवों का विकास हुआ जिन्हें (Reptiles ) सरीसृप माना जाता है। (४) सिनोजोइक युग या कल्प इस युग में आज...

आदि मानव से मानव जीवन का विकास : SahiAurGalat

दोस्तों आज मैं बात करूँगा हम मनुष्य के पहले पूर्वजों की जिन्हें आदिमानव कहते हैं। आदिमानव अपना जीवन जीने के लिए फल फूल और जानवर के कच्चे माँस खाते थे। इसके लिए उन्हें दिनभर इधर उधर भटकते रहना पड़ता था। उस समय जंगल, पहाड़ और पानी ही था। आदि मानव से मानव जीवन तक का सफर एक बार एक आदिमानव ने फल खाकर उसके बीज को अपने रहने वाले जगह के पास के नरम मिट्टी पर फेंक दिया। रोजमर्रा की ज़िंदगी मे दिनभर वो जंगल मे फल खोजता और शिकार करता फिर उसी स्थान पर आकर सोता था। कुछ सप्ताह बाद एक दिन वह सुबह ऐसे ही बैठा था, तब उसका ध्यान उस बीज पर गया। उसने देखा कि उस बीज के एक तरफ से कुछ निकल रहा था। फिर कुछ दिन बाद देखा कि वह थोड़ा बड़ा होकर टहनी का रूप ले लिया था, जैसे कि उसके पास वाले पेड़ की नाजुक टहनी थी। वह आदिमानव उस पनप रहे बीज को समझ नही पा रहा था की क्या है। लेकिन उसे रोज थोड़ा बढ़ते देख बहुत खुश होता था। समय बीतता गया और एक दिन वह बीज एक पेड़ बनकर फल देने लगा। वह आदिमानव बहुत खुश हुआ और उसे समझ में आ गया की किसी भी फल का बीज मिट्टी पर छोड़ने से एक दिन वह फल देगा। उस आदिमानव ने अपने पसंदीदा फलों को खा खा कर बहुत सारे बीज अपने आस पास फेक दिया। लेकिन बहुत सारे बीज नही बढ़े। फिर उसने ध्यान दिया की जो बीज नरम मिट्टी मे रहता है वो बीज जमता है। फिर उसने लकड़ी के मदद से कुछ दूर तक मिट्टी को खोदकर नरम करके बीजों को फेंका, फलस्वरूप पहले से ज़्यादा बीज जमा। बीजों को जमाने के लिए आदिमानव ने पत्थर का हल बनाया और खेती करना शुरू किया। इस तरह से खेती शुरू हुआ। खेती से अब आदिमानव को इधर उधर भटकना नही पड़ता था। खेती के लिए उन्हें बैल की ज़रूरत पड़ी जिससे वो हल चला सके। फिर वे पशु भी पालना शुरू कर दिए। कुछ पशुयों से वो दूध...

आदिमानव का इतिहास Aadimanav History In Hindi

आदिमानव का इतिहास Aadimanav History In Hindi मानव का इतिहास करीब चालीस हजार लाख साल पुराना हैं. जब हमारी पृथ्वी की उत्पत्ति हुई तब से ही मानव यहाँ रहता आया हैं. हाल के के अनुसंधानों से यह जाहिर हो चूका है कि करोड़ों वर्ष पूर्व पृथ्वी अस्तित्व में आई तथा लगभग 40 हजार लाख वर्ष पहले आदिमानव का जन्म हुआ था. आदिमानव का इतिहास Aadimanav History In Hindi क्या आदिमानव के समय की दुनिया कल्पना कर सकते है. जहाँ आग न हो, खेती-बाड़ी आविष्कार न हुआ हो?, आदिमानव का जीवन कैसा रहा होगा. उस समय लोग यात्राएँ तो कर लेते थे. पर सड़के नही थी. यातायात के आधुनिक साधन नही थे. आदिमानव के समय के जीवन की परिस्थतियाँ की जानकारी प्राप्त करना ही हमारे अतीत को पहचानना है. हमारे अतीत में जो ज्ञान के भंडार है, उसका पता हमें पुरातन सामग्री, शिलालेख आदि से पता चलता है. हमारे देश में विकसित नदी घाटी सभ्यताओं की जानकारी भी हमे वहां खुदाई से प्राप्त टूटे भवनों, सिक्कों, बर्तनों, धातु, के ओजार व ऐसी अनेकों वस्तुएं मिलती है. जिनका उपयोग आदि मानव किया करते थे. हजारों वर्ष पूर्व अनेक प्राचीन नगर गाँव नष्ट हो गये अथवा उनके मकान धरती में समा गये.उनकी खुदाई में वे सभी चीजे निकली जो उनके काम आती थी. Telegram Group यही चीजें इतिहास के स्रोत के रूप में जानी जाने लगी. मनुष्य के जन्म से लेकर लिपि के विकास तक का काल प्रागैतिहासिक काल अथवा पुरा ऐतिहासिक काल कहा जाता है. वैज्ञानिकों का कहना है, कि करोड़ो वर्ष पूर्व पृथ्वी की उत्पत्ति हुई है, और मानव की उत्पत्ति लगभग 40 लाख वर्ष पूर्व हुई होगी. विश्व के अनेक स्थानों पर मानव की खोपड़ियाँ व हड्डियाँ प्राप्त हुई है. वे लग्भग डेढ़ लाख वर्ष पुरानी है. आज से दस हजार वर्ष पूर्व तक का काल प...