आझादी का अमृत महोत्सव चित्र

  1. आझादी का अमृत महोत्सव: देशातील सगळ्या 'एएसआय' स्मारकांना दि. ५
  2. हर घर तिरंगा अभियान
  3. आजादी के अमृत महोत्सव पर कविता
  4. आजादी का अमृत महोत्सव
  5. आज़ादी का अमृत महोत्सव
  6. आजादी का अमृत महोत्सव क्या है? (अर्थ और महत्व)


Download: आझादी का अमृत महोत्सव चित्र
Size: 66.18 MB

आझादी का अमृत महोत्सव: देशातील सगळ्या 'एएसआय' स्मारकांना दि. ५

"'आझादी का अमृत महोत्सव' आणि ७५व्या स्वंतंत्र्य दिन सोहळ्याचा भाग म्हणून, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यांनी ५ ते १५ ऑगस्ट 2022 या कालावधीत देशभरातील सर्व संरक्षित स्मारके/स्थळांना अभ्यागत/पर्यटकांसाठी मोफत प्रवेश दिला आहे," केंद्रीय सांस्कृतिक मंत्री जी किशन रेड्डी यांनी ट्विटमध्ये म्हटले आहे. पंतप्रधान मोदींनी दि. १२ मार्च २०२१ रोजी साबरमती आश्रम, अहमदाबाद येथून ‘पदयात्रा’ (स्वातंत्र्य मार्च) सुरू आणि ‘आझादी का अमृत महोत्सव’ च्या पडदा उठवणाऱ्या उपक्रमांचे उद्घाटन केले. १५ ऑगस्ट २०२२च्या ७५ आठवड्यांपूर्वी सुरू झालेला 'आझादी का अमृत महोत्सव' १५ ऑगस्ट २०२३ पर्यंत सुरू राहील, असे पंतप्रधान मोदींनी नमूद केले. त्यांनी महात्मा गांधी आणि स्वातंत्र्यलढ्यात बलिदान दिलेल्या महान व्यक्तींनाही आदरांजली वाहिली.

हर घर तिरंगा अभियान

हर घर तिरंगा अभियान | घरोघरी तिरंगा अभियान | ध्वज संहिता 2002 PDF | आझादी का अमृत महोत्सव अंतर्गत "हर घर तिरंगा" उपक्रम 13 ऑगस्ट ते 15 ऑगस्ट दरम्यान राबविणेबाबत हर घर तिरंगा अभियान | घरोघरी तिरंगा अभियान | ध्वज संहिता 2002 PDF | आझादी का अमृत महोत्सव अंतर्गत "हर घर तिरंगा" उपक्रम 13 ऑगस्ट ते 15 ऑगस्ट दरम्यान राबविणेबाबत केंद्र शासनाच्या सूचनांनुसार हर घर तिरंगा (घरोघरी तिरंगा) हा उपक्रम दि. १३ ऑगस्ट ते १५ ऑगस्ट, २०२२ या कालावधीत राबविण्यात येत आहे. सदर उपक्रम उच्च व तंत्र शिक्षण विभागांतर्गत शासकीय/ निमशासकीय कार्यालये, सर्व विद्यापीठे, महाविद्यालये, वसतिगृहे, निवासस्थाने, इ. इमारतींवर राष्ट्रध्वज फडकविला जाईल याची खातरजमा सर्व संबंधित अधिकाऱ्यांनी करावी. सदर उपक्रम राबविताना त्यात प्रामुख्याने पुढील बाबींचा समावेश करावा. १) प्रत्येक विभाग/ उप विभाग, विद्यापीठ / महाविद्यालय, कार्यालय यांच्या वेबसाईटच्या दर्शनी भागावर "घरोघरी तिरंगा" ही टॅगलाईन तसेच तिरंग्याचे चित्र प्रदर्शित करावे. २) सर्व शासकीय / निम शासकीय अधिकारी/कर्मचारी/शिक्षक/शिक्षेतर कर्मचारी / विद्यार्थी / पालक यांनी समाज माध्यामांद्वारे (फेसबुक, ट्विटर, इन्स्टाग्राम, व्हॉटसअप, इ.) तिरंग्याविषयक चित्र, संदेश प्रदर्शित करण्यासाठी संबंधित विभाग प्रमुख/कार्यालय प्रमुखांनी आवाहन करावे. ३) उच्च व तंत्र शिक्षण विभागांतर्गत महाविद्यालयीन विद्यार्थ्यामार्फत प्रभात फेरीचे आयोजन करुन या उपक्रमाबाबत पालक व नागरिकांमध्ये प्रचार प्रसार व जाणीव जागृती करावी. त्यामध्ये राष्ट्रीय सेवा योजनेच्या स्वयंसेवकांचा समावेश करून मोठ्या प्रमाणावर आयोजन करता येईल. ४) शासकीय / निम शासकीय इमारतींबरोबरच खाजगी इमारतीवर अथवा राहत्या घरावर तिरंगा...

आजादी के अमृत महोत्सव पर कविता

आजादी के अमृत महोत्सव पर कविता: आजादी का अमृत महोत्सव की शुरुआत हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा शुरू किया गया था। यह महोत्सव प्रधानमंत्री जी द्वारा साल 2021 में 21 मार्च को यानि कि महात्मा गाँधी जी द्वारा शुरू की गई दांडी यात्रा शुरुआत दिवस के दिन से शुरू किया गया है। और हमको प्राप्त इस आजादी के अमृत महोत्सव को शुरू करने का महत्व देश की आजादी के 75 साल पूर्ण होना था। इसी कारण इस महोत्सव को 75 हफ्ते/सप्ताह पहले से ही शुरू किया जा चूका था। और अब यह अमृत महोत्सव 77वें स्वतन्त्रता दिवस यानि की 15 अगस्त 2023 तक यह आजादी अमृत महोत्सव जारी रहेगा। इस बार राष्ट्र आजादी के 76 वर्ष पूर्ण होने वाले हैं। इसकी शुरुआत इस कविता से करते हैं – कविता -2 (छोटे बच्चों के लिए) नन्हे – नन्हे प्यारे – प्यारे, गुलशन को महकाने वाले सितारे जमीन पर लाने वाले, हम बच्चे है हिंदुस्तान के नए जमाने के दिलवाले, तूफ़ानो से ना डरने वाले कहलाते हैं हिम्मत वाले, हम बच्चे है हिंदुस्तान के चलते है हम शान से, बचाते हैं हम द्वेष से आन पे हो जाएँ कुर्बान, हम बच्चे है हिंदुस्तान के कविता-3 जलियाँवाला बाग़ में बसंत (सुभद्रा कुमारी चौहान) यहाँ कोकिला नहीं, काग हैं, शोर मचाते, काले काले कीट, भ्रमर का भ्रम उपजाते। कलियाँ भी अधखिली, मिली हैं कंटक-कुल से, वे पौधे, व पुष्प शुष्क हैं अथवा झुलसे। परिमल-हीन पराग दाग सा बना पड़ा है, हा! यह प्यारा बाग खून से सना पड़ा है। ओ, प्रिय ऋतुराज! किन्तु धीरे से आना, यह है शोक-स्थान यहाँ मत शोर मचाना। वायु चले, पर मंद चाल से उसे चलाना, दुःख की आहें संग उड़ा कर मत ले जाना। कोकिल गावें, किन्तु राग रोने का गावें, भ्रमर करें गुंजार कष्ट की कथा सुनावें। लाना संग में पुष्प, न हों...

आजादी का अमृत महोत्सव

– रवि कुमार अगस्त 15, सन् 1947 को भारत देश स्वतंत्र हुआ। असंख्य लोगों के बलिदान के कारण हमें स्वतंत्रता मिली। यह स्वतंत्रता बहुमूल्य नहीं अमूल्य है। 15 अगस्त 2021 को भारतीय स्वतंत्रता का 75वां वर्ष प्रारंभ हो रहा है। इस विशेष वर्ष को पूरा भारत वर्ष ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ इस नाम से मना रहा है। 15 अगस्त 2021 से ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ नाम से एक लेख श्रृंखला प्रारंभ कर रहे है… जिसका उद्देश्य नवीन पीढ़ी को यह बताना है कि… आजादी हमें यूं ही नहीं मिल गई गुमनामी के अँधेरों में अनेक “अनिर्दिष्टा वीरा:” खो गये, उनका पुनर्स्मरण करना तथ्यों को जानना जैसे खिलाफत आंदोलन में किसकी खिलाफत थी? पूरा भारत कभी भी परतंत्र नहीं रहा अंग्रेजों ने शांतिपूर्वक राज्य नहीं कर लिया, पग-पग पर भारतीय शौर्य ने उन्हें टक्कर दी बिना खड्ग बिना ढाल वाली आजादी नहीं है समाज का प्रत्येक वर्ग साथ खड़ा हुआ तो आजादी मिली 1857 में जिन रियासतों ने भाग नहीं लिया या अंग्रेजों का साथ दिया, वे कौन थे? और स्वतंत्रता आंदोलन केवल अंग्रेजों के विरुद्ध पढ़ाया जाता है तो राणा प्रताप और शिवाजी क्या कर रहे थे? स्वतंत्रता के पश्चात इस देश ने अपनी प्रगति के लिए क्या-क्या किया? आदि अनेक ऐसे तथ्य, पहलू, घटनाएँ, नाम आदि है जिनसे नवीन पीढ़ी अनभिज्ञ है और देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए उन्हें ये सब बातें जानना आवश्यक है ताकि इतिहास से प्रेरणा प्राप्त कर नवीन पीढ़ी एक स्वर्णिम भारत का निर्माण कर सके। ‘आजादी का अमृत महोत्सव ’ लेख श्रृंखला में हम प्रति सप्ताह एक लेख ‘राष्ट्रीय शिक्षा’ पोर्टल पर प्रकाशित करेंगे। पाठक वर्ग से अपेक्षा है कि स्वयं पढ़कर नई युवा पीढ़ी को इसके अध्ययन की प्रेरणा दे। जो विद्यार्थी कम आयु के हैं और इसको पढ़ने व समझने ...

आज़ादी का अमृत महोत्सव

आज़ादी का अमृत महोत्सव आज़ादी का अमृत महोत्सव देश की आज़ादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष में भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा की गई एक पहल है | जैसा कि आप जानते हैं 15 अगस्त, 2022 को देश की आजादी के 75 साल पूरे होने जा रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए इस 75वीं वर्षगांठसे 75 सप्ताह पहले अर्थात 12 मार्च 2021 से इस कार्यक्रम की शुरुआत की गई है । यह कार्यक्रम 15 अगस्त 2023 तक जारी रहेंगे । 12 मार्च की तिथि गाँधी जी की नमक कानून के विरोध में की गई दांडी यात्रा को ध्यान में रख कर भी तय की गई है | इस महोत्सव के दौरान देश के स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान ,उनके बलिदान , व देश के गौरवपूर्ण इतिहास एवं स...

आजादी का अमृत महोत्सव क्या है? (अर्थ और महत्व)

आजादी के अमृत महोत्सव को देश की स्वतंत्रता की याद को ताजा करने के लिए उत्सव की तरह एक कार्यक्रम की शुरुआत की गई है, इसे आजादी का अमृत महोत्सव कहते हैं। आजादी का अमृत महोत्सव वर्तमान समय में सरकार द्वारा काफी ज्यादा प्रमोट किया जा रहा है। देशवासी भी आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत काफी उत्सुक नजर आ रहे हैं। क्योंकि वर्तमान भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 12 मार्च 2021 को आजादी का अमृत महोत्सव भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण होने की वर्षगांठ पर सरकार की तरफ से उत्सव की तरह एक कार्यक्रम के तहत मनाने की कवायद शुरू हुई है। भारत सरकार देश की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण होने पर देश में स्वतंत्रता दिवस को 75 वीं वर्षगांठ के रूप में धूमधाम से मनाना चाहती हैं। इसीलिए सरकार इस महोत्सव को आजादी का महोत्सव नाम दिया है। आजादी का महोत्सव वर्ष 2023 कि 15 अगस्त को देश की आजादी की 75 वीं वर्षगांठ मनाने के बाद समाप्त हो जाएगा। आजादी का अमृत महोत्सव नाम से ही पता चलता है कि यह देश की आजादी के दिन अमृत महोत्सव के नाम से एक कार्यक्रम के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा। बता दें कि भारत में लगभग 200 वर्षों तक अंग्रेजों की गुलामी करने के बाद आजादी पाई थी। इसीलिए भारत सरकार देश की आजादी के 75 वर्ष गांठ को बड़ी धूम-धाम के साथ मनाना चाहती है। देश के युवा और हर वर्ग के लोग आजादी के अमृत महोत्सव में बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं। तो आइए आजादी के अमृत महोत्सव के बारे में कुछ अन्य जानकारी प्राप्त करते हैं। आजादी का अमृत महोत्सव क्या है? (अर्थ और महत्व) जबकि आजादी के अमृत महोत्सव का अर्थ इस आजादी के अंतर्गत अनेक स्वतंत्रता सेनानी और क्रांतिकारियों ने अपना बलिदान दे दिया, उनके बलिदान को अमृत के रूप ...