आम के पत्ते का तोरण

  1. क्या है तोरण के पीछे की परम्परा, उसका महत्व
  2. Hindu Holy Leaves: देवी देवताओं से जुड़े 7 पवित्र पत्ते, जिसे चढ़ाते ही मिलता मनचाहा वरदान
  3. आम के पत्ते पूजा में शुभ क्यों माने गए हैं, 10 उपयोग
  4. त्यौहार के अवसर पर क्यों लगाये जाते हैं आम के पत्तो का तोरण? क्या है इसका लाभ और इससे जुडा वैज्ञानिक कारण
  5. Aam ke Patte
  6. आम के पत्ते पूजा में शुभ क्यों माने गए हैं, 10 उपयोग


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क्या है तोरण के पीछे की परम्परा, उसका महत्व

Views: 19,903 क्या है तोरण के पीछे की परम्परा, उसका महत्व भारत एक सांस्कृतिक देश है और यहाँ हर कार्य के पीछे धार्मिक महत्त्व होता है. यहाँ की रूढिया तथा परम्पराये सारे विश्व को आकर्षित करती है.हिन्दू समाज में शादी में तोरण मारने की एक आवश्यक रस्म है. जो सदियों से चली आ रही है. लेकिन अधिकतर लोग नहीं जानते कि यह रस्म कैसे शुरू हुई. तोरण के पीछे की दन्त कथा प्राचीन दंत कथा के अनुसार कहा जाता है कि तोरण नाम का एक राक्षस था, जो शादी के समय दुल्हन के घर के द्वार पर तोते का रूप धारण कर बैठ जाता था . जब दूल्हा द्वार पर आता तो वह उसके शरीर में प्रवेश कर दुल्हन से स्वयं शादी रचाकर उसे परेशान करता था . एक बार एक साहसी और चतुर राजकुमार की शादी के वक्त जब दुल्हन के घर में प्रवेश कर रहा था अचानक उसकी नजर उस राक्षसी तोते पर पड़ी और उसने तुरंत तलवार से उसे मार गिराया और शादी संपन्न की. बताया जाता है कि उसी दिन से ही तोरण मारने की परंपरा शुरू हुई. आपने कभी गौर किया हो तो आपको पता लगेगा कि इस रस्म में दुल्हन के घर के दरवाजे पर लकड़ी का तोरण लगाया जाता है, जिस पर एक तोता (राक्षस का प्रतीक) होता है. बगल में दोनों तरफ छोटे तोते होते हैं. दूल्हा शादी के समय तलवार से उस लकड़ी के बने राक्षस रूपी तोते को मारने की रस्म पूर्ण करता है. गांवों में तोरण का निर्माण खाती करता है, लेकिन आजकल बाजार में बने बनाए सुंदर तोरण मिलते हैं, जिन पर गणेशजी व स्वास्तिक जैसे धार्मिक चिह्न अंकित होते हैं और दूल्हा उन पर तलवार से वार कर तोरण (राक्षस) मारने की रस्म पूर्ण करता है. तोरण बांधते समय सावधनी- शास्त्रों के अनुसार तोरण पर तोते का रूप रखे का स्वेरूप होना लेकिन इन दिनों तोते की जगह गणेशजी या धार्मिक चिन्हों को बना...

Hindu Holy Leaves: देवी देवताओं से जुड़े 7 पवित्र पत्ते, जिसे चढ़ाते ही मिलता मनचाहा वरदान

Hindu Holy Leaves: देवी-देवताओं से जुड़े 7 पवित्र पत्ते, जिसे चढ़ाते ही मिलता मनचाहा वरदान सनातन परंपरा में न सिर्फ पेड़-पौधों की देवताओं के समान पूजा की जाती है, बल्कि उसके पत्तों के जरिये तमाम देवी-देवताओं को प्रसन्न करके मनचाहा आशीर्वाद भी प्राप्त किया जाता है. पूजा से जुड़े पवित्र पत्तों के बारे में जानने के लिए पढ़ें ये लेख. हिंदू धर्म में न सिर्फ पेड़-पौधे बल्कि उनसे जुड़ी चीजें जैसे पत्ते, तने, फल, बीज और जड़ आदि को बहुत ज्यादा पवित्र और शुभ फल देने वाला माना गया है. यही कारण है कि देवी-देवताओं की पूजा से लेकर तमाम मांगलिक कार्यों में विभिन्न प्रकार के पत्तो का प्रयोग किया जाता है. खास बात यह कि तमाम तरह के पत्तों का न सिर्फ धार्मिक बल्कि ज्योतिषीय लाभ भी बताया गया है. आइए जानते हैं कि पेड़ों से जुड़े किस पत्ते को पूजा में प्रयोग करने पर कौन सी पूरी होती है मनोकामना और क्या है इसका महत्व? आम का पत्ता हिंदू धर्म में किसी भी शुभ अवसर या मांगलिक कार्य के दौरान जहां दरवाजों पर लटकाने के लिए आम के पत्तों का तोरण बनाया जाता है तो वहीं पूजा में कलश के ऊपर भी इसकी पत्तियों का विशेष रूप से प्रयोग होता है. हिंदू मान्यता के अनुसार ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि आम की पत्तियों में निगेटिविटी को दूर करके पाजिटिविटी को फैलाने की शक्ति होती है. इसकी शुभता सभी कार्य को बगैर किसी बाधा को पूरा करती है. तुलसी का पत्ता सनातन परंपरा में तुलसी को बहुत ज्यादा पूजनीय माना गया है. वैष्णव धर्म से जुड़ी पूजा में इसका विशेष रूप से भगवान विष्णु को अर्पित करने के लिए किया जाता है. तुलसी को विष्णु प्रिया के नाम से जाना गया है. मान्यता है कि जिस घर में तुलसी का पौधा होता है वहां पर किसी भी प्रकार ...

आम के पत्ते पूजा में शुभ क्यों माने गए हैं, 10 उपयोग

Aam ke patteहिन्दू धर्म में पीपल, आम, बड़, गूलर एवं पाकड़ के पत्तों को ही शुभ और पवित्र 'पञ्चपल्लव' कहा जाता है। किसी भी शुभ कार्य में इन पत्तों को कलश में स्थापित किया जाता है या पूजा व अन्य मांगलित कार्यों में इनका अन्य तरीकों से उपयोग होता है। आम के पत्तों को भी शुभ माना गया है। आओ जानते हैं आम के पत्ते के 10 उपयोग। आम के पेड़ का महत्व : आम का फल बहुत ही अच्छा और सरभरा माना जाता है। इसे फलों का राजा कहा गया है। मांगलिक कार्यो में पंचफल का उपयोग किया जाता है जिसमें एक आम का फल भी होता है। इसके फल की हजारों किस्में हैं जिसे हर कोई खाना चाहेगा। इसके पत्ते और लकड़ियां भी उतती ही महत्वपूर्ण है। आम के पेड़ की लकड़ियों का उपयोग समिधा के रूप में वैदिक काल से ही किया जा रहा है। माना जाता है कि आम की लकड़ी, घी, हवन सामग्री आदि के हवन में प्रयोग से वातावरण में सकारात्मकता बढ़ती है। घर में आम की लकड़ी का फर्नीचर कम ही रखना चाहिए। आम की जगह पनस, सुपारी, नान, साल, शीशम, अखरोट या सागौन की लकड़ी का उपयोग करना चाहिए।

त्यौहार के अवसर पर क्यों लगाये जाते हैं आम के पत्तो का तोरण? क्या है इसका लाभ और इससे जुडा वैज्ञानिक कारण

हिंदू धर्मशास्त्रों में प्राय:किसी शुभ कार्य के वर्णन में द्वार पर वंदनवार बांधने की बात आती है। यह वंदनवार क्या होती है और क्यों बांधी जाती है। । विवाह, सगाई, मुंडन, यज्ञोपवीत, गृह प्रवेश, भगवान सत्यनारायण की कथा और अन्य अनेक शुभ कार्यो के समय घर के द्वारों पर आम के पत्तों की वंदनवार सजाई जाती है। शुभ कार्यो की सिद्धि हो सके तथा वातावरण में शुद्धि रहे वास्तव में शास्त्र कहते हैं कि वंदनवार नकारात्मक शक्तियों को उस घर से दूर रखती है जहां इसे बांधा जाता है। मुख्य द्वार पर आम के पत्तों की वंदनवार बांधने का विधान ही इसलिए बनाया गया कि हमारे शुभ कार्यो की सिद्धि हो सके और नकारात्मक शक्तियां, विकार दूर रह सकें.आम के पत्ते लंबे समय तक आक्सीजन उत्सर्जित करते रहते हैं। इससे वातावरण शुद्ध रहता है और दूषित वायु के कण, प्रदूषण, विषैली गैसें आदि उस जगह प्रवेश नहीं कर पाती जहां आम के पत्ते हों। इसीलिए हमारे यहां शुभ कार्यो में आम के पत्तों की वंदनवार बांधी जाती है। क्या हैं लाभ • आम के पत्तों की वंदनवार बांधने से वातावरण शुद्ध रहता है। • आम के पत्तों का स्पर्श मन और मस्तिष्क को शीतलता देता है। • आम के पत्तों को शुभ कार्यो में प्रयुक्त करने का उद्देश्य ही यह है कि वह सबसे ज्यादा और बहुत देर तक आक्सीजन उत्सर्जित करता है। • हवन, यज्ञ आदि में आम की लकड़ी का उपयोग किया जाता है। • आम्र वृक्ष की छाल, पत्ते और इसके फूलों का उपयोग अनेक प्रकार की आयुर्वेदिक औषधियों में किया जाता है। • गृह प्रवेश के समय द्वार पर वंदनवार बांधने से अभीष्ट कार्य में बाधा नहीं आती और कार्य सिद्धि होती है। • आम के पत्तों को माला के रूप में भगवान नारायण को अर्पित करने से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। • आम के पत्त...

Aam ke Patte

आपने आम का पेड़ देखा होगा। इस पेड़ की घनी और ठंडी छाव रहती है। पहले यह बहुतायत में पाया जाता था अब बहुत सी जगहों से देशी आप का पेड़ लुप्त होने लगा है। मालवा की धरती पर पहले पग पग पर आम का पेड़ हुआ करता था और खासियत यह थी कि हर पेड़ के आम का अलग ही स्वाद होता था। खैर, आओ जानते हैं हिन्दू धार्मिक कार्यों में आम के पत्ते, फल आदि का महत्व। Naukri 2023 : आजकल अच्‍छी नौकरी मिलना मुश्‍किल है। देश में लाखों बेरोजगार लोग होंगे जो नौकरी की तलाश में भटक रहे हैं। हालांकि उन शहरों में नौकरी ज्यादा होती है जहां पर आबादी ज्यादा है और जहां पर कारोबारी कार्य ज्यादा होता है। इसीलिए कई लोगों को नौकरी की तलाश में अपना शहर छोड़कर जाना पड़ता है। ऐसे शहरों में जाकर भी उन्हें ढंग की नौकरी नहीं मिल रही हैं तो उन्हें करना चाहिए कौनसा वार। Jagannatha rathayatra 2023: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार ओडिशा के पुरी में प्रतिवर्ष आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाती है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 20 जून 2023 को यह रथ यात्रा निकलेगी। यह रथ यात्रा कहां से कहां तक निकलती है, आओ जानते हैं इस संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी। यदि आपके जीवन में समस्याएं बनी हुई है, आप घोर संकट से घिर गए हैं तो आपको भगवान भोलेनाथ की शरण में जाकर उनको प्रसन्न करने के जतन करना चाहिए तथा इसके लिए आपको शिव जी का प्रिय प्रदोष व्रत रखकर प्रदोष काल में उनका पूजन करना चाहिए। इस दिन कोई भी जातक पूर्ण श्रद्धापूर्वक यदि शिव जी का पूजन-अर्चन करते हैं... Pitro ki shanti ke upay : आषाढ़ माह की अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या कहते हैं। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार यह अमावस्या 18 जुन 2023 रविवार को रहेगी।...

आम के पत्ते पूजा में शुभ क्यों माने गए हैं, 10 उपयोग

Success in politics astrology : ऐसे भी कई लोग हैं जो सेना या पुलिस में नौकरी करना चाहते हैं। कई लोग हैं जो शासन-प्रशासन में काम करना चाहते हैं। हालांकि बहुत से लोग राजनीति में अपना भविष्य चमकाना चाहते हैं परंतु वे सफल नहीं हो पाते हैं। यदि आप भी राजनीति में सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में कार्य कर रहे हैं तो आपने मन में सवाल होगा कि ऐसा क्या करूं कि इस क्षेत्र में सफलता मिले तो जानिए कि कौन से वार को व्रत रखने से यह मनोकामना होगी पूर्ण। Mangal puja Amalner : भूमि पुत्र मंगल देव का अमलनेर में बहुत ही जागृत मंदिर है। यहां पर मंगल देव के साथ ही पंचमुखी हनुमान और भू माता विराजमान हैं। यहां पर हजारों की संख्‍या में लोग मंगल दोष की शांति के लिए आते हैं। इसी के साथ ही जिन लोगों को भूमि से संबंधित कोई समस्या है वे लोग भी यहां पर मंगल देव की पूजा और अभिषेक करने के लिए आते हैं। Lal kitab for money : लाला किताब के उपाय अचूक होते हैं। यह विद्या ज्योतिष से अलग मानी जाती है। हालांकि दोनों ही विद्या में कोई खास अंतर नहीं है। यदि आप आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं या कर्ज चढ़ गया है तो आपको लाल किताब के अचूक उपाय करना चाहिए। हालांकि यदि ये उपाय आप किसी लाल किताब के विशेषज्ञ से पूछकर करेंगे तो ज्यादा ठीक रहेगा। Sun transit in Gemini sign June 2023 : सूर्यदेव 15 जून 2023 की शाम को 06:07 बजे मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में गोचर संक्रांति कहलाता है। ओड़िसा में मिथुन संक्रांति का महत्व माना जाता है। इस दिन भगवान सूर्य से अच्‍छी फसल के लिए बारिश की मनोकामना करते हैं। आओ जानते हैं कि कौनसी 4 राशियों की चमक जाएगी किस्मत। मिथुन संक्रांति 2023 सूर्य देव 15 जून 2023 को मिथु...