आनंद मोहन के कॉमेडी

  1. Supreme Court:बढ़ सकती हैं बाहुबली की दिक्कतें, आनंद मोहन मामले पर आठ मई को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
  2. On release of Anand Mohan, the Supreme Court sought a response from the Bihar government
  3. Bhojpuri News: The famous comedian Anand Mohan of Bhojpuri films said, I am in my form
  4. आखिर बिहार की सियासत में क्यों अहम हैं आनंद मोहन सिंह, क्यों की नीतीश सरकार ने मेहरबानी?


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Supreme Court:बढ़ सकती हैं बाहुबली की दिक्कतें, आनंद मोहन मामले पर आठ मई को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

Supreme Court: बढ़ सकती हैं बाहुबली की दिक्कतें, आनंद मोहन मामले पर आठ मई को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट विस्तार आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट आठ मई को सुनवाई करेगा। बता दें कि आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ जी कृष्णैया की पत्नी उमा देवी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। बता दें कि दिवंगत आईएएस अधिकारी जी कृष्णैय्या की हत्या के लिए भीड़ को उकसाने के मामले में बाहुबली नेता आनंद मोहन को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। हालांकि बीते दिनों आनंद मोहन को नियमों में बदलाव कर समय से पूर्व रिहा कर दिया गया। जिसके खिलाफ जी कृष्णैय्या की पत्नी उमा देवी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। बिहार सरकार ने नियमों में बदलाव कर दी रिहाई! बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने बीती 10 अप्रैल को बिहार जेल मैनुअल 2012 में बदलाव किया था। जिसके तहत सरकारी कर्मचारी की ड्यूटी के दौरान हत्या के मामले में जेल से रिहाई का प्रावधान कर दिया गया, जिस पर पहले रोक थी। इस बदलाव के बाद आनंद मोहन की जेल से रिहाई का रास्ता साफ हो गया था। बीती 27 अप्रैल को आनंद मोहन को सहरसा जेल से रिहा कर दिया गया। आनंद मोहन की रिहाई पर विपक्षी पार्टियों ने विरोध भी जताया। 1994 में हुई थी जी कृष्णैय्या की हत्या 1985 बैच के आईएएस अधिकारी जी. कृष्णैय्या महबूबनगर के निवासी थे, जो आज के तेलंगाना में आता है। पांच दिसंबर 1994 को बिहार के मुजफ्फरपुर में लोगों की भीड़ ने जी कृष्णैय्या की हत्या कर दी थी। जिस भीड़ ने जी. कृष्णैय्या की हत्या की उसका नेतृत्व आनंद मोहन कर रहा था। जिसके चलते आनंद मोहन के खिलाफ अदालत में सुनवाई हुई और साल 2007 में ट्रायल कोर्ट ने आनंद मोहन को मौत की सजा सुनाई। हालांकि 2008 में पटना हाईकोर्ट ने मौत की सजा को उम्...

On release of Anand Mohan, the Supreme Court sought a response from the Bihar government

On release of Anand Mohan, the Supreme Court sought a response from the Bihar government | आनंद मोहन की रिहाई पर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से मांगा जवाब, जी. कृष्णैया की पत्नी ने फैसले को दी थी चुनौती | Hindi News, पटना आनंद मोहन की रिहाई पर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से मांगा जवाब, जी. कृष्णैया की पत्नी ने फैसले को दी थी चुनौती Patna: Anand Mohan Case Updates and Latest News: 1994 में तत्कालीन डीएम जी. कृष्णैया की हत्या के मामले में दोषी आनंद मोहन की जेल से रिहाई के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार, केंद्र सरकार और आनंद मोहन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. जी. कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया ने आनंद मोहन की रिहाई को रद्द कर उसे फिर से जेल भेजे जाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. पिछले दिनों बिहार सरकार जेल नियमों में संसोधन कर आनंद मोहन की रिहाई का रास्ता साफ किया था, जिसके बाद आनंद मोहन की रिहाई हुई थी. सुप्रीम कोर्ट के नोटिस का सभी पक्षों को 2 हफ्ते में जवाब देना है. इसके अलावा कोर्ट ने बिहार सरकार से रिहाई से जुड़ा रिकॉर्ड भी पेश करने को कहा है. 27 अप्रैल को किया गया था रिहा गोपालगंज के तत्कालीन DM जी कृष्णैया की हत्या में दोषी आनंद मोहन को 27 अप्रैल को रिहा कर दिया गया था. 29 अप्रैल को DM जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया ने इस रिहाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. उनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में आनंद मोहन की रिहाई को चुनौती दी और आनंद मोहन को फिर से जेल भेजने की मांग की. उमा कृष्णैया ने आनंद मोहन को जेल से रिहा करने के लिए बिहार सरकार पर आरोप लगाया की राज्य सरकार ने जेल मैनुअल को बदल दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने य...

Bhojpuri News: The famous comedian Anand Mohan of Bhojpuri films said, I am in my form

आनंद मोहन ने कहा कि फिल्‍म बड़ी अच्‍छी है और जिसकी शूटिंग सोनभद्र में हुई है. इसकी कहानी लोगों को फिल्‍म से जोड़ेगी. फिल्‍म में बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ के नारे को भी बुलंद किया गया है. जब आप फिल्‍म देखेंगे तक आपको अंदाजा हो जाएगा कि ये किस लेवल की फिल्‍म है. इस फिल्म को कुमार विजय ने निर्देशित किया है, जो हिंदी फिल्‍में अक्‍सर करते नजर आते हैं. भोजपुरी में यह‍ महज उनकी दूसरी फिल्‍म है, जो लाजवाब है. वह एक जुनुनी निर्देशक हैं और मेकिंग के दौरान वह परवाह नहीं करते है कि उन्‍हें फिल्‍म से कितना नुकसान होगा. वह हर चीज में परफेक्‍शन चाहते हैं और वह ऐसा करते भी हैं. बता दें, फिल्‍म ‘ससुरा धोखेबाज’ की निर्माता रीना सिंह हैं. फिल्‍म की कहानी राजेश शुक्‍ला ने लिखी है. पीआरओ संजय भूषण पटियाला हैं. फिल्‍म में रिमझिम, बबलू करेंट, अतुल श्रीवास्‍तव, वन्दनी मिश्रा, आशीष खंबे, पिंकी सिंह, देवेंद्र मौर्या, जया मौर्या, आमीर, प्रिया सिंहा, अराध्‍या, सूर्य प्रकाश, सौम्‍या, अजीत शैलेश वर्मा मुख्‍य भूमिका में नजर आएंगे. फिल्‍म के कर्णप्रिय गाने सुनिल कुमार मारव और बबलू करेट ले लिखे हैं और संगीत लाखे बावला और मोनू श्रीवास्‍तव ने दिया है. डीओपी रामेश कुमार और कोरियोग्राफी महेंद्र हस्‍ती का है. भोजपुरी फिल्मों की और खबर पढ़ें

आखिर बिहार की सियासत में क्यों अहम हैं आनंद मोहन सिंह, क्यों की नीतीश सरकार ने मेहरबानी?

आनंद मोहन सिंह ने कॉलेज की पढ़ाई छोड़कर जेपी के आंदोलन में शिरकत की थी विधायक बनने से पहले ही आनंद मोहन की इमेज कोसी इलाके में दबंग के बतौर पर होने लगी थी कई केसों में उनके खिलाफ मामले चले लेकिन वो खत्म हो गए, अभी 03 केस और उनके खिलाफ बिहार की राजनीति में हमेशा बहुत कुछ ऐसा होता है, जो अनुमानों से परे होता है. वहां की सियासत अपने ही अंदाज में अजीबोगरीब करवट लेती है, खासकर तब ज्यादा, जब चुनाव आने वाले होते हैं. अप्रैल के पहले पखवाड़े में जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के जेल मैन्युअल में बदलाव किया तो अंदाज हो गया था, वो क्या करने वाले हैं. इसके साथ सूबे की सियासत करवट लेनी लगी. 30 साल पहले जिलाधीश की हत्या में आजीवन कैद की सजा भुगत रहे आनंद मोहन सिंह तोमर के रिहा होने के बाद राज्य की राजनीति में नई सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है. कहा जाने लगा है कि सियासत अब गलत-सही, अच्छे-खराब से परे जाकर फायदोंं और वोट बैंक के रास्तों को राजमार्ग में बदलने लगी है. बिहार में उसी सियासी रास्ते का एक हिस्सा अब आनंद मोहन सिंह बनने वाले हैं. सियासी विश्लेषकों ने अंदाज लगा रहे हैं कि इस रिहाई कौन से तीर साधे जाने वाले हैं. किसी नफा होगा और किसे नुकसान. वैसे इसका संकेत तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसी साल जनवरी में दे चुके थे. उन्होंने उस प्रावधान को बदल दिया जिसमें सरकारी कर्मचारी की हत्या में उम्रकैद की सजा काटने का प्रावधान था. अब इस मैन्युअल से सरकारी कर्मचारी शब्द हटा दिया गया है. लिहाजा आनंद मोहन 14 साल की सजा काटने के बाद बाहर आ चुके हैं. वैसे एक जमाने में वह लालू यादव से सियासी अदावत भी ले चुके हैं और नीतीश से भी टकरा चुके हैं लेकिन लालू अब उनके पारिवारिक मित्र हैं और नीतीश पुराने दोस्त. ...