आपेक्षिक वेग किसे कहते हैं

  1. MP Board Class
  2. आपेक्षिक वेग किसे कहते है? (Aapekshik Veg Kise Kahate Hain)
  3. वेग किसे कहते हैं
  4. उत्प्रेरक किसे कहते हैं इसकी परिभाषा, प्रकार, गुण तथा उदाहरण
  5. पलायन वेग किसे कहते हैं
  6. परिभाषित करें (i) आपेक्षिक वेग (ii) रेखीय वेग (iii) कोणीय वेग।
  7. त्वरण
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  9. त्वरण
  10. परिभाषित करें (i) आपेक्षिक वेग (ii) रेखीय वेग (iii) कोणीय वेग।


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आपेक्षिक वेग किसे कहते है? (Aapekshik Veg Kise Kahate Hain)

क्या आप आपेक्षिक वेग के बरें में जानते है? यदि नहीं तो आज इस पोस्ट में आपेक्षिक वेग किसे कहते है? (Aapekshik Veg Kise Kahate Hain) के बारे में विस्तार से जानकारी मिलने वाली है | आज मैंने इस पोस्ट में आपेक्षिक वेग की परिभाषा, आपेक्षिक वेग का सूत्र व उदाहरण आदि को विस्तार से समझाया है | यदि आप आपेक्षिक वेग के बारे में जानना चाहते हो तो इस पोस्ट को पूरा पढ़े | • • • • • • • आपेक्षिक वेग किसे कहते है? (Aapekshik Veg Kise Kahate Hain) जब दो वस्तुएँ गतिशील होती है तब एक वस्तु की अपेक्षा दूसरी वस्तु के वेग को आपेक्षिक वेग कहते है | आपेक्षिक वेग का मान धनात्मक, ऋणात्मक व शून्य हो सकता है | जब दोनों वस्तुएँ एक ही दिशा में गतिमान होती है तो पहली वस्तु का दूसरी वस्तु के सापेक्ष आपेक्षिक वेग दोनों वस्तुओं के वेग का अंतर होगा | यदि पहली वस्तु का V 1 है और दूसरी वस्तु का वेग V 2 है और दोनों वस्तुएँ एक ही दिशा में गतिशील हो रही है तो पहली वस्तु का दूसरी वस्तु से आपेक्षिक वेग V= V 1-V 2 होगा | इसी प्रकार जब दोनों वस्तुएँ विपरीत दिशा में गतिमान होती है तो पहली वस्तु का दूसरी वस्तु के सापेक्ष आपेक्षिक वेग दोनों वस्तुओं के वेग का योग होगा | यदि पहली वस्तु का V 1 है और दूसरी वस्तु का वेग V 2 है और दोनों वस्तुएँ विपरीत दिशा में गतिशील हो रही है तो पहली वस्तु का दूसरी वस्तु से आपेक्षिक वेग V= V 1+V 2 होगा | यह भी पढे- आपेक्षिक वेग का सूत्र V= V 1-V 2 (जब दोनों वस्तुएँ एक ही दिशा में गतिशील हो ) V= V 1+V 2 (जब दोनों वस्तुएँ विपरीत दिशा में गतिमान हो ) यह भी पढे- दो वस्तुओं का वह सापेक्ष वेग जब दोनो वस्तुएँ एक ही दिशा में या विपरीत दिशा में गतिशील होती है, उसे आपेक्षिक वेग कहते है | अंतिम दो लाइन ...

वेग किसे कहते हैं

न्यूटन के गति का प्रथम नियम (Newton's First Law of Motion):- हम जानते हैं कि किसी भी वस्तु में गति उत्पन्न करने के लिए बल लगाना पड़ता है उदाहरण के लिए साइकिल चलाने वाले व्यक्ति को साइकिल के पैडल पर बल लगाना पड़ता है नाव में पानी को पीछे धकेल कर बल लगाया जाता है यदि हम पैडल चलाना बंद कर दे तो साइकिल रुक जाती है नाव में पतवार चलाना बंद कर दे तो नाव रुक जाती है। न्यूटन के गति का प्रथम नियम(Newton's First Law of Motion) यदि कोई वस्तु स्थिर अवस्था में है तो वह स्थिर अवस्था में ही रहेगी और यदि गति अवस्था में है तो वह उसी वेग से उसी दिशा में गतिमान रहेगी जब तक कि उस पर कोई बाह्य बल ना लगाया जाए। न्यूटन का प्रथम नियम जड़त्व की परिभाषा बताता है कोई भी वस्तु उसकी अवस्था को स्वयं नहीं बदल सकती है बल वह बाह्य कारक है जो वस्तु की स्थिर अवस्था तथा गति अवस्था को बदलने के लिए उत्तरदायी है बल के प्रभाव 1.स्थिर वस्तु में गति उत्पन्न करना। 2.गतिमान वस्तु को रोक देना। 3.वस्तु का आकार तथा आकृति बदल देना। बल एक भौतिक राशि है जिसका मापन किया जा सकता है इसका एस आई मात्रक न्यूटन है एक सदिश राशि है। वेग (Velocity) - किसी गतिमान वस्तु द्वारा एकांक समय में तय की गई दूरी को उस वस्तु का वेग कहते हैं। अर्थात दूरी या विस्थापन में समय के साथ परिवर्तन की दर को वेग कहते हैं। उदाहरण के लिए यदि दो कारें एक समान चाल से अलग-अलग दिशाओं में चले तो उनका वेग एक समान नहीं होगा। यदि एक कार व्रतीय मार्ग पर चले तो वह कार समान समय में समान दूरी तय करें तो उसकी चाल समान होगी परंतु दिशा बदलने से वेग भी बदलेगा। वेग का मात्रक मीटर प्रति सेकंड है। वेग = विस्थापन या दूरी/समय किसी वस्तु का वेग निम्न प्रकार का हो सकता है- 1. एक...

उत्प्रेरक किसे कहते हैं इसकी परिभाषा, प्रकार, गुण तथा उदाहरण

Rate this post हेल्लो दोस्तों आपका स्वागत है हमारी हिंदी केमिस्ट्री की इस वेवसाइट पर। आज के इस महत्वपूर्ण टॉपिक में हम आपको बताएँगे कि उत्प्रेरक किसे कहते हैं? इसकी परिभाषा क्या होती है? उत्प्रेरक कितने प्रकार का होता है? उत्प्रेरक के गुण तथा उदाहरण के बारे में। उत्प्रेरक के बारे में जानना बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह हमारी परीक्षाओं में पूँछ लिया जाता है। इसलिए परिक्षा की दृष्टी से ये बहुत ही महत्वपूर्ण टॉपिक है? उत्प्रेरक रासायनिक अभिक्रिया में प्रयोग किये जाने वाले पदार्थ होते है। जिसके बारे में हम विस्तार से आपको बताएँगे। विषयसूची • • • • • • • • • • • • • • उत्प्रेरक की परिभाषा,उत्प्रेरक किसे कहते हैं?उत्प्रेरक के प्रकार और इसके उदाहरण को हम आपको इस आर्टिकल में बहुत ही आसान में शब्दों में समझाने जा रहे हैं? इस आर्टिकल में आपको उन बहुत सारे टॉपिक के बारे में बताएँगे जो उत्प्रेरक से जुड़े हैं। इसमें हम आपको उत्प्रेरक किन अभिक्रियाओं के वेग को बड़ता है और किन अभिक्रियाओं के वेग को घटाता है। इस सबके बारे में हम आपको महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कराएँगे। हमने आपको पिछले आर्टिकल में विस्तार के साथ मोल किसे कहते हैं? मोल अवधारणा तथा इसके उदाहरण के बारे में विस्तार के साथ बताया। बिना किसी देरी के अब हम आपको उत्प्रेरक के बारे में बताएँगे। रासायनिक अभिक्रिया किसे कहते हैं? उत्प्रेरक किसे कहते हैं? (परिभाषा) वे पदार्थ जो रसायनिक अभिक्रिया के वेग को बढ़ा देते हैं या रासायनिक अभिक्रिया के वेग को घटा देते हैं, किन्तु स्वंय अपरिवर्तित रहते हैं उत्प्रेरक कहलाते हैं। उत्प्रेरक की सहायता से रासायनिक अभिक्रिया के वेग में परिवर्तन होने की इस घटना को उत्प्रेरण कहते हैं। 1835 में बर्जिलीय...

पलायन वेग किसे कहते हैं

सूर्य का पलायन वेग कितना होता है, पलायन वेग किसे कहते हैं. पलायन चाल क्या है, पलायन का सूत्र. चंद्रमा का पलायन वेग कितना है. पलायन वेग in english पलायन वेग किसे कहते हैं पलयान वेग वह न्यूनतम वेग है, जिससे फेंका गया कोई पिण्ड पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र से बाहर चला जाता और पुन: लौटकर पृथ्वी पर नहीं आता है। इसे V e से प्रदर्शित किया जाता है। पृथ्वी तल से पलायन वेग का मान 11.2 किमी./सेकण्ड होता है जबकि चन्द्रमा पर पलायन वेग का मान 2.38 मी./से. है जो कि, पृथ्वी तल के पलायन वेग की अपेक्षा अत्यन्त कम है। यही कारण है कि, चन्द्रमा पर गैसीय अणु ठहर नहीं पाते हैं। परिणामस्वरूप, चन्द्रमा पर वायुमण्डल का अभाव पाया जाता है। पलायन का सूत्र किसी गोलाकार वस्तु के लिए, पलायन वेग निचे दिए गए सूत्र से पाया जा सकता है- V e = जहाँ, Ve पलायन वेग है, G गुरुत्वाकर्षक स्थिरांक है, M उस ग्रह, तारे, उपग्रह या अन्य वस्तु का पलायन वेग का मान, पृथ्वी, चन्द्रमा, सूर्य, मंगल, शनि मूल स्थान पलायन स्थान V e (km/s) सूर्य सूर्य 617.5 बुध बुध 4.3 बुध सूर्य 67.7 शुक्र शुक्र 10.3 शुक्र सूर्य 49.5 पृथ्वी पृथ्वी 11.2 पृथ्वी सूर्य 42.1 चन्द्रमा चन्द्रमा 2.4 चन्द्रमा पृथ्वी 1.4 मंगल मंगल 5.0 मंगल सूर्य 34.1 वृहस्पति वृहस्पति 59.5 वृहस्पति सूर्य 18.5 शनि शनि 35.6 शनि सूर्य 13.6 अरुण अरुण 21.2 अरुण सूर्य 9.6 वरुण वरुण 23.6 वरुण सूर्य 7.7 सौर तंत्र आकाशगंगा ~1000

परिभाषित करें (i) आपेक्षिक वेग (ii) रेखीय वेग (iii) कोणीय वेग।

• Course • NCERT • Class 12 • Class 11 • Class 10 • Class 9 • Class 8 • Class 7 • Class 6 • IIT JEE • Exam • JEE MAINS • JEE ADVANCED • X BOARDS • XII BOARDS • NEET • Neet Previous Year (Year Wise) • Physics Previous Year • Chemistry Previous Year • Biology Previous Year • Neet All Sample Papers • Sample Papers Biology • Sample Papers Physics • Sample Papers Chemistry • Download PDF's • Class 12 • Class 11 • Class 10 • Class 9 • Class 8 • Class 7 • Class 6 • Exam Corner • Online Class • Quiz • Ask Doubt on Whatsapp • Search Doubtnut • English Dictionary • Toppers Talk • Blog • Download • Get App Solution (i) आपेक्षिक वेग-जब दो वस्तुएँ गतिमान हों, तो उनमें किसी एक का, दूसरी की अपेक्षा जो वेग होता है, वह आपेक्षिक वेग कहा जाता है। (ii) रेखीय वेग - किसी वस्तु के स्थान परिवर्तन की समय-दर को उसका रेखीय वेग कहते हैं। उसे ν से निरूपित करते हैं इसका S.I. मात्रक m/s (मी/से) होता है। (iii) कोणीय वेग - किसी वृत्त के केन्द्र से उसकी परिधि पर चल रही वस्तु को मिलाने वाली त्रिज्या (ध्रुवांतर रेखा) द्वारा घूमे गए कोण की समय-दर को उसका कोणीय वेग कहते हैं। इसे ω (ओमेगा) से निरूपित करते हैं और इसका S.I. मात्रक rad/sec (रेडियन/सेकण्ड) होता है। परिभाषित करें आप ही से भविष्य में और कौन है आप ही ज्ञात करने के लिए हमें तो बस मिलेगी जो गति कर रहे हैं तो मान लीजिए कि वस्तु है और एक लाल रंग की वस्तु आदि की तरफ गति कर दी है और इसका भीख मांगने 2 मीटर प्रति सेकंड है और लाल रंग की पीछे की तरफ प्रति कर रही है कवि कुमार दीजिए 4 मीटर प्रति तो आपेक्षिक वेग का अर्थ होता है कि लाल वाली काली दिवाली का लाल के सा...

त्वरण

किसी वस्तु के त्वरण कहते हैं। इसका उदाहरण: माना समय t=० पर कोई कण १० मीटर/सेकेण्ड के वेग से उत्तर दिशा में गति कर रहा है। १० सेकेण्ड बाद उसका वेग बढ़कर ३० मीटर/सेकेण्ड (उत्तर दिशा में) हो जाता है। यह मानते हुए कि इस समयान्तराल में त्वरण का मान नियत है, त्वरण का मान = (३० m/s - १० m/s) / १० सेकेण्ड = २ मीटर प्रति सेकेण्ड 2 होगा। किसी वस्तु विशेष द्वारा बदला गया वेग ही त्वरण कहलाता है। वेग-समय ग्राफ सामान्यतः वस्तु की गति की अवधि में उसके जब किसी वस्तु का वेग समय के सापेक्ष बदलता है तो उसमें त्वरण हो रहा है । वेग में परिवर्तन तथा तत्सम्बन्धित समयान्तराल के अनुपात को औसत त्वरण कहते हैं। इसे से प्रदर्शित करते हैं: a ¯ = v − v 0 t − t 0 = Δ v Δ t यहां t 0,t क्षणों पर वस्तु का वेग क्रमशः v 0,v है। यह एकांक समय में वेग में औसत परिवर्तन होता है। त्वरण का SI मात्रक ms² है । वेग-समय (v-t) ग्राफ से वस्तु का औसत त्वरण उस सरल रेखा की 0, t 0) से जोड़ती है। तात्क्षणिक त्वरण [ ] गतिमान वस्तु का तात्क्षणिक त्वरण उसके औसत त्वरण के समान होगा यदि उसके दो समयों (t तथा (t+∆t)) के मध्य का अन्तराल (∆t) a = lim Δ t → 0 Δ v Δ t = D t v . स्पर्शरेखीय तथा अभिकेन्द्रीय त्वरण [ ] a t, वेग की दिशा में) तथा अभिकेन्द्रीय त्वरण ( a c, वेग के लम्बवत दिशा में) किसी वक्र पथ पर गति करते हुए कण का वेग समय के फलन के रूप में निम्नलिखित प्रकार से लिखा जा सकता है- v ( t ) = v ( t ) v ( t ) v ( t ) = v ( t ) u t ( t ) , जहाँ u n इकाई नॉर्मल सदिश (अन्दर की तरफ) है तथा r उस क्षण पर कुछ विशिष्ट स्थितियाँ [ ] • • • • सन्दर्भ [ ] • Afrikaans • Alemannisch • አማርኛ • Aragonés • العربية • مصرى • অসমীয়া • Asturianu • Azər...

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त्वरण

किसी वस्तु के त्वरण कहते हैं। इसका उदाहरण: माना समय t=० पर कोई कण १० मीटर/सेकेण्ड के वेग से उत्तर दिशा में गति कर रहा है। १० सेकेण्ड बाद उसका वेग बढ़कर ३० मीटर/सेकेण्ड (उत्तर दिशा में) हो जाता है। यह मानते हुए कि इस समयान्तराल में त्वरण का मान नियत है, त्वरण का मान = (३० m/s - १० m/s) / १० सेकेण्ड = २ मीटर प्रति सेकेण्ड 2 होगा। किसी वस्तु विशेष द्वारा बदला गया वेग ही त्वरण कहलाता है। वेग-समय ग्राफ सामान्यतः वस्तु की गति की अवधि में उसके जब किसी वस्तु का वेग समय के सापेक्ष बदलता है तो उसमें त्वरण हो रहा है । वेग में परिवर्तन तथा तत्सम्बन्धित समयान्तराल के अनुपात को औसत त्वरण कहते हैं। इसे से प्रदर्शित करते हैं: a ¯ = v − v 0 t − t 0 = Δ v Δ t यहां t 0,t क्षणों पर वस्तु का वेग क्रमशः v 0,v है। यह एकांक समय में वेग में औसत परिवर्तन होता है। त्वरण का SI मात्रक ms² है । वेग-समय (v-t) ग्राफ से वस्तु का औसत त्वरण उस सरल रेखा की 0, t 0) से जोड़ती है। तात्क्षणिक त्वरण [ ] गतिमान वस्तु का तात्क्षणिक त्वरण उसके औसत त्वरण के समान होगा यदि उसके दो समयों (t तथा (t+∆t)) के मध्य का अन्तराल (∆t) a = lim Δ t → 0 Δ v Δ t = D t v . स्पर्शरेखीय तथा अभिकेन्द्रीय त्वरण [ ] a t, वेग की दिशा में) तथा अभिकेन्द्रीय त्वरण ( a c, वेग के लम्बवत दिशा में) किसी वक्र पथ पर गति करते हुए कण का वेग समय के फलन के रूप में निम्नलिखित प्रकार से लिखा जा सकता है- v ( t ) = v ( t ) v ( t ) v ( t ) = v ( t ) u t ( t ) , जहाँ u n इकाई नॉर्मल सदिश (अन्दर की तरफ) है तथा r उस क्षण पर कुछ विशिष्ट स्थितियाँ [ ] • • • • सन्दर्भ [ ] • Afrikaans • Alemannisch • አማርኛ • Aragonés • العربية • مصرى • অসমীয়া • Asturianu • Azər...

परिभाषित करें (i) आपेक्षिक वेग (ii) रेखीय वेग (iii) कोणीय वेग।

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