आरोग्यवर्धिनी वटी uses

  1. आरोग्यवर्धिनी वटी के गुण, फायदे, उपयोग एवं दुष्प्रभाव Baidyanath and Divya Arogyavardhini vati Uses, Benefits and Side Effects – Sant Ayurveda
  2. आरोग्यवर्धिनी वटी के फायदे
  3. arogyavardhini vati uses in hindi
  4. आरोग्यवर्धिनी वटी के फायदे, Arogyavardhini Vati Uses In Hindi


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आरोग्यवर्धिनी वटी के गुण, फायदे, उपयोग एवं दुष्प्रभाव Baidyanath and Divya Arogyavardhini vati Uses, Benefits and Side Effects – Sant Ayurveda

आरोग्यवर्धिनी वटी क्या है What is Arogyavardhini vati आरोग्यवर्धिनी वटी (Arogyavardhini vati) एक आयुर्वेदिक दवा है जो शास्त्रीय विधि से ग्रंथों के आधार पर बनाई गई है । आरोग्यवर्धिनी वटी Baidyanath एवं Divya कंपनियों के द्वारा बनायीं जाती है । आरोग्यवर्धिनी वटी अनेक बीमारियों जैसे हृदय रोग, पीलिया, कुष्ठ रोग, सूजन आना एवं अन्य कई बीमारियों में लाभदायक होती है । आरोग्यवर्धिनी वटी को आप नीचे दिए गए links से buy कर सकते हैं यदि हम आरोग्यवर्धिनी वटी दवा के नाम को देखें तो इसका अर्थ होता है – ऐसी दवा जो हमारे आरोग्य अर्थात हमारी सेहत को बढ़ाने वाली होती है । आरोग्यवर्धिनी वटी अपने आप में एक रसायन है जिसका सेवन करने पर अनेक प्रकार के लाभ मिलते हैं । आइए इस लेख में आरोग्यवर्धिनी वटी के बारे में विस्तार से जानते हैं । आरोग्यवर्धिनी वटी के घटक Ingredients of Arogyavardhini Vati 1 पारद ( Mercury) 1 भाग 2 गन्धक (Sulphur) 1 भाग 3 लोह भस्म 1 भाग 4 अभ्रक भस्म 1 भाग 5 ताम्र भस्म 1 भाग 6 हरीतकी (Terminalia chebula Retz.) फल मज्जा 2 भाग 7 विभीतकी (Terminalia bellirica Roxb.) फल मज्जा 2 भाग 8 आमलकी (Emblica officinalis Gaertn.) फल मज्जा 2 भाग 9 शिलाजतु फल मज्जा 3 भाग 10 गुग्गुल निर्यास 4 भाग 11 चित्रक (Plumbago zeylanica Linn.) मूल 4 भाग 12 कुटकी (Picrorhiza kurroa Royle ex Benth) समभाग 13 नीमपत्र के रस (Azadiracta indica Linn.) पत्ते Q.S. मर्दन हेतु आरोग्यवर्धिनी वटी बनाने की विधि How to produce Arogyavardhini Vati आरोग्यवर्धिनी वटी को बनाने की विधि इस प्रकार है । शुद्ध पारा एक तोला, शुद्ध गंधक एक तोला, लोहा भसम एक तोला, अभ्रक भस्म एक तोला, ताम्र भस्म एक तोला, हरड़, बहेड़ा तथा आमला प्रत्येक...

आरोग्यवर्धिनी वटी के फायदे

आरोग्यवर्धिनी वटी (Arogyavardhini Vati) का मतलब है, वैसी वटी जो शरीर के रोगों को ठीक करे। आरोग्यवर्धिनी वटी कई जड़ी-बूटियों से बनाई गई एक औषधि है। कई रोगों के इलाज में आरोग्यवर्धिनी वटी के फायदे मिलते हैं। आप पाचन-तंत्र विकार, त्वचा रोग आदि के अलावा कई और रोगों में आरोग्यवर्धिनी वटी से लाभ ले सकते हैं। आयुर्वेद में आरोग्यवर्धिनी वटी के फायदे के बारे में कई महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं। आइए जानते हैं कि आरोग्यवर्धिनी वटी से क्या-क्या लाभ मिलता है। Contents • 1 आरोग्यवर्धिनी वटी के फायदे और उपयोग (Arogyavardhini Vati Benefits and Uses in Hindi) • 1.1 मोटापा (वजन) कम करने के लिए आरोग्यवर्धिनी वटी का सेवन फायदेमंद (Arogyavardhini Vati Benefits for Weight Loss in Hindi) • 1.2 पाचनतंत्र विकार विकार में आरोग्यवर्धिनी वटी के सेवन से लाभ (Benefits of Arogyavardhini Vati for Indigestion in Hindi) • 1.3 त्वचा रोग में आरोग्यवर्धिनी वटी के फायदे (Arogyavardhini Vati Uses to Treat Skin Disease in Hindi) • 1.4 पोषक ग्रंथियों को स्वस्थ बनाने के लिए आरोग्यवर्धिनी वटी का सेवन फायदेमंद (Arogyavardhini Vati Benefits for Nutritive Glands in Hindi) • 1.5 मूत्र रोग में आरोग्यवर्धिनी वटी के फायदे (Arogyavardhini Vati Uses for Urinary Disease in Hindi) • 1.6 आंतों के रोग में आरोग्यवर्धिनी के फायदे (Benefits of Arogyavardhini Vati for Intestinal Disease in Hindi) • 1.7 रक्त विकार में आरोग्यवर्धिनी वटी के सेवन से लाभ (Divya Arogyavardhini Vati Uses to Treat Blood Related Disorder in Hindi) • 1.8 तिल्ली और लिवर विकार में आयोग्यवर्धिनी वटी के सेवन से फायदा (Arogyavardhini Vati Benefits for Liver and S...

arogyavardhini vati uses in hindi

यह रसायन पाचन प्रक्रिया को मजबूत करता है। इसके सेवन से दीपन, शरीर के स्रोतों का शोधन और हृदय को बल मिलता है। शरीर के मलों की शुद्ध करता है और मेद को कम करता है। लीवर, तिल्ली, बस्ती, गुर्दा, गर्भाशय, ह्रदय, आदि शरीर के किसी भी अवयव में सूजन को ठीक करता है। जीर्ण ज्वर, जलन और पांडु रोग में यह अधिक लाभ करता है। पांडु रोग में जब पतले दस्त अधिक होते हैं तो इसका प्रयोग न करके पर्पटी के योगों का प्रयोग करना चाहिए। contents :- 1- आरोग्यवर्धिनी वटी (रस) | arogyavardhini vati 2- आरोग्यवर्धिनी वटी बनाने के लिए आवश्यक औषधि एवं विधि | arogyavardhini vati ingredients 3- आरोग्यवर्धिनी वटी के गुण और उपयोग | arogyavardhini vati benefits 4- कुष्ठ रोग की प्रारंभिक अवस्था में आरोग्यवर्धिनी वटी का सेवन | Arogyavardhini Vati Uses for Leprosy Treatment 5- मल संचय होने पर 6- हृदय की निर्बलता में आरोग्यवर्धिनी रस का सेवन | arogyavardhini vati for heart आरोग्यवर्धिनी वटी (रस) | arogyavardhini vati Table of Contents • 1 आरोग्यवर्धिनी वटी (रस) | arogyavardhini vati • 2 • 2.1 1- आरोग्यवर्धिनी वटी बनाने के लिए आवश्यक औषधि एवं विधि | arogyavardhini vati ingredients • 2.2 2- आरोग्यवर्धिनी वटी के गुण और उपयोग | arogyavardhini vati benefits • 2.3 3- कुष्ठ रोग की प्रारंभिक अवस्था में आरोग्यवर्धिनी वटी का सेवन | Arogyavardhini Vati Uses for • 2.4 Leprosy Treatment • 2.5 4- मल संचय होने पर • 2.6 5- हृदय की निर्बलता में आरोग्यवर्धिनी रस का सेवन | arogyavardhini vati for heart यह रसायन पाचन प्रक्रिया को मजबूत करता है। इसके सेवन से दीपन, शरीर के स्रोतों का शोधन और हृदय को बल मिलता है। शरीर के मलों की शुद्ध करता ...

आरोग्यवर्धिनी वटी के फायदे, Arogyavardhini Vati Uses In Hindi

बैद्यनाथ Arogyavardhini Vati Uses In Hindi अनेक प्रकार की बीमारियों में होता है यह शरीर के सभी रोगों को ठीक करते हैं यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है कब्ज की समस्या से राहत दिलाती है आरोग्यवर्धिनी वटी एक आयुर्वेदिक मेडिसिन है आयुर्वेद की कई कंपनियां इसका निर्माण करती है उदाहरण के लिए जैसे वैद्यनाथ, डाबर, पतंजलि, इत्यादि यह एक क्लासिकल मेडिसन है यह दवा शरीर के अनेक विकारों को नष्ट करती है Table of Contents • • • बैद्यनाथ आरोग्यवर्धिनी वटी के फायदे ( Arogyavardhini Vati Uses In Hindi) • पाचन तंत्र को ठीक करती है • कब्ज की समस्या को दूर करती है • मोटापा रोग में लाभकारी है • यकृत रोगों में लाभदायक हैं • पांडु रोग को दूर करती है • भूख को बढ़ाती है • स्त्रियों के गर्भाशय रोग में लाभकारी है • हृदय रोगियों के लिए फायदेमंद है • शरीर की आंतरिक सूजन को दूर करती है • पुराने बुखार में लाभकारी है • आरोग्यवर्धिनी वटी रक्त को शुद्ध करती है शरीर की सभी धातुओं का शोधन करती है रक्त को शुद्ध करती है शरीर से सभी विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालती है इसलिए यह उत्तम प्रकार का रसायन औषधीय है आरोग्यवर्धिनी वटी (Arogyavardhini Vati) उत्तम प्रकार का रसायन है इस औषधि में दीपन और पाचन दोनों गुण विद्यमान हैं दीपन गुण होने के कारण जठराग्नि को प्रदीप करता है पाचन गुण आम का पाचन करता है यह अनुपान भेद से अनेक रोगों को ठीक करती है आरोग्यवर्धिनी वटी के घटक– आरोग्यवर्धिनी वटी मैं ओषधि घटक अभ्रक भस्म, ताम्र भस्म, हरड़ बहेड़ा, आंवला, कुटकी, चित्रकमूल की छाल, शिलाजीत, शुद्ध गंधक,शुद्ध पारा, इत्यादि जड़ी बूटियां शामिल है आरोग्यवर्धिनी वटी सेवन विधि– एक से दो गोली की मात्रा सादा जल के साथ, गुनगुने पानी के साथ, गाय का...