Aarti kunj bihari ki lyrics

  1. Aarti Kunj Bihari Ki Full Lyrics, Shri Krishna Mantras Arti Online Janmashtami Special
  2. Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics in Hindi
  3. AARTI KUNJ BIHARI KI LYRICS आरती कुंजबिहारी की


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Aarti Kunj Bihari Ki Full Lyrics, Shri Krishna Mantras Arti Online Janmashtami Special

Shri Krishna Janmashtami or the birth anniversary of Shri Krishna, the ninth avatar of Shri Vishnu is observed on the Ashtami Tithi, Bhadrapad, Krishna Paksha (eighth day during the waning or dark phase of the Lunar cycle in the month of Bhadrapad). Devotees observe a fast, perform puja at Nishita Kaal (midnight), sing hymns and chant mantras to pay tributes to their beloved deity. And this year, Shri Krishna Janmashtami will be celebrated today. Interestingly, this year, the 5249th birth anniversary of Shri Krishna will be observed and on this occasion, check out the Mantras dedicated to Shri Krishna and the

Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics in Hindi

Aarti Kunj Bihari Ki lyrics in Hindi (आरती कुंजबिहारी की) is a pious chanting (Krishna ji Aarti Lyrics) which is chanted to praise Lord Krishna. This is Aarti is considered so powerful that no Pooja/Archana is ever considered complete without reciting this aarti. Aarti is sung by Hariharan & released under the T-Series music label. Aarti Kunj Bihari Ki Bhajan Details Aarti: - श्री कृष्ण आरती– आरती कुंजबिहारी की / Krishna Aarti Lyrics Album: -Aarti Volume 5 Singer: - Hariharan Lyrics: - Traditional Music Label: - T-Series Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics In Hindi आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की गले में बैजंती माला बजावै मुरली मधुर बाला श्रवण में कुण्डल झलकाला नंद के आनंद नंदलाला गगन सम अंग कांति काली राधिका चमक रही आली लतन में ठाढ़े बनमाली भ्रमर सी अलक कस्तूरी तिलक चंद्र सी झलक ललित छवि श्यामा प्यारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की आरती कुंजबिहारी की… कनकमय मोर मुकुट बिलसै देवता दरसन को तरसैं गगन सों सुमन रासि बरसै बजे मुरचंग मधुर मिरदंग ग्वालिन संग अतुल रति गोप कुमारी की श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की आरती कुंजबिहारी की… जहां ते प्रकट भई गंगा सकल मन हारिणि श्री गंगा स्मरन ते होत मोह भंगा बसी शिव सीस जटा के बीच हरै अघ कीच चरन छवि श्रीबनवारी की श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की आरती कुंजबिहारी की… चमकती उज्ज्वल तट रेनू बज रही वृंदावन बेनू चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू हंसत मृदु मंद चांदनी चंद कटत भव फंद टेर सुन दीन दुखारी की श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की आरती कुंजबिहारी की… आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की आरती कुंजबिहारी की...

AARTI KUNJ BIHARI KI LYRICS आरती कुंजबिहारी की

लिरिक्सबोगी.कॉमआरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की गले में बैजंती माला बजावै मुरली मधुर बाला श्रवण में कुण्डल झलकाला नंद के आनंद नंदलाला गगन सम अंग कांति काली राधिका चमक रही आली लतन में ठाढ़े बनमाली भ्रमर सी अलक कस्तूरी तिलक चंद्र सी झलक ललित छवि श्यामा प्यारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की कनकमय मोर मुकुट बिलसै देवता दर्शन को तरसैं गगन सों सुमन रासि बरसै बजे मुरचंग मधुर मिरदंग ग्वालिन संग अतुल रति गोप कुमारी की श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की जहां ते प्रकट भई गंगा सकल मन हारिणि श्री गंगा स्मरण ते होत मोह भंगा बसी शिव सीस जटा के बीच हरै अघ कीच चरन छवि श्रीबनवारी की श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की चमकती उज्ज्वल तट रेनू बज रही वृंदावन वेनू चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू हंसत मृदु मंद चांदनी चंद कटत भव फंद टेर सुन दीन दुखारी की श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की. lyricsbogie.comAarti kunjbihari ki Shri giridhar krishnamurari ki Aarti kunjbihari ki Shri giridhar krishnamurari ki Aarti kunjbihari ki Shri giridhar krishnamurari ki Aarti kunjbihari ki Shri giridhar krishnamurari ki Gale mein baijanti mala Bajaavei murli madhur bala...