आर्यभट्ट की जयंती कब है

  1. Aryabhatta Jayanti: शून्य की खोज के अलावा आर्यभट्ट को कितना जानते हैं आप?
  2. आर्यभट्ट का जीवन परिचय: Aryabhatta Biography in Hindi
  3. आचार्य आर्यभट्ट: भारत के महान गणितज्ञ और खगोलशास्त्री
  4. आर्यभट्ट पर निबंध
  5. Aryabhatta Jayanti: शून्य की खोज के अलावा आर्यभट्ट को कितना जानते हैं आप?
  6. आर्यभट्ट का जीवन परिचय: Aryabhatta Biography in Hindi
  7. आचार्य आर्यभट्ट: भारत के महान गणितज्ञ और खगोलशास्त्री
  8. आर्यभट्ट पर निबंध
  9. आचार्य आर्यभट्ट: भारत के महान गणितज्ञ और खगोलशास्त्री
  10. Aryabhatta Jayanti: शून्य की खोज के अलावा आर्यभट्ट को कितना जानते हैं आप?


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Aryabhatta Jayanti: शून्य की खोज के अलावा आर्यभट्ट को कितना जानते हैं आप?

Discoveries Of Aryabhatta: ' आर्यभट्ट' यह नाम सुनते ही दिमाग में सिर्फ शून्य यानी की '0' की छवि बनती है. जाहिर है क्योंकि आर्यभट ने पूरी दुनिया को '0' दिया और इंसान गणित और विज्ञान में विकास कर पाया, '0' की खोज दुनिया के लिए कितनी अहमियत रखती है यह बताने की जरूरत नहीं है लेकिन आर्यभट ने सिर्फ शून्य की खोज नहीं की बल्कि उन्होंने ऐसी कई पुस्तके और सूत्र लिखे हैं जो हमारे बौद्धिक विकास और खगोलीय ज्ञान को बढ़ाने में बहुत सहायक बने. लेकिन दुर्भाग्य से ज़्यादातर लोग सिर्फ इतना ही जानते हैं कि आर्यभट्ट ने शून्य की खोज की, शून्य की खोज के अलावा आर्यभट्ट ने क्या किया (What did Aryabhatta do apart from discovering zero) यह बहुत कम लोग जानते हैं. 14 अप्रेल को महान गणितज्ञ और खलोगशास्त्री आर्यभट्ट की जयंती मनाई जाती है. आर्यभट्ट की कहानी Story Of Aryabhatta In Hindi : आर्यभट्ट प्राचीन समय के महान गणितज्ञ और खलोगशास्त्री थे. खगोलीय विज्ञान और गणित के क्षेत्र में आर्यभट्ट आज भी वैज्ञानिकों के लिए प्रेरणा हैं. जब पूरी दुनिया यह मानती थी कि पृथ्वी चपटी है और समुद्र के उस पार कुछ नहीं है तब आर्यभट ने बता दिया था कि दुनिया गोल है, जब लोग मानते थे कि सूर्य पृथ्वी की परिक्रमा करता है तब आर्यभट्ट ने बता दिया था कि पृथ्वी एक निश्चित दूर को बनाए रखते हुए सूर्य का चक्कर काटती है आधुनिक विज्ञान में इस सिद्धांत का क्रेडिट निकोलस कॉपरनिकस को दिया जाता है मगर जो बात निकोलस कॉपरनिकस ने हमें बताई वही चीज़ आर्यभट्ट ने 1000 साल पहले बता दी थी आर्यभट्ट की जीवनी Biography Of Aryabhatta: आर्यभट्ट का जन्म 464 AD में हुआ था. उनके जन्म को लेकर इतिहासकारों ने दो तरह की बातें कहीं हैं. कहा जाता है कि आर्यभट्ट बुद्ध...

आर्यभट्ट का जीवन परिचय: Aryabhatta Biography in Hindi

Aryabhatta Biography in Hindi: आर्यभट की जीवनी, जीवन परिचय Aryabhatta biography in hindi आर्यभट प्राचीन भारत के महान गणितज्ञ, ज्योतिषविद एवं खगोलशास्त्री थे. उस समय अनेकों भारतीय विद्वानों, जैसे-: वराहमिहिर, ब्रह्मगुप्त, भास्कराचार्य, कमलाकर, आदि में आर्यभट का नाम भी शामिल हैं. Aryabhatta Biography in Hindi: इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे आर्यभट्ट का जीवन परिचय जो कि आपको बहुत ही आसान भाषा में समझ में आ जाएगा और आप इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें प्रश्न पर क्लिक करें और उत्तर पर जाएं • • • • • • • • • • • • आर्यभट्ट का जीवन परिचय हिंदी में Aryabhatta Biography in Hindi: नाम आर्यभट्ट जन्म 476 ईस्वी, पाटलिपुत्र (वर्तमान पटना, भारत) माता अज्ञात पिता अज्ञात रचनाएं आर्यभटीय, आर्य-सिद्धांत खोज कार्य शून्य, पाई का मान, ग्रहों की गति व ग्रहण, बीजगणित, अनिश्चित समीकरणों के हल, अंकगणित व अन्य कार्य क्षेत्र गणित और खगोल विज्ञान काल गुप्त काल उम्र 74 वर्ष मृत्यु 550 ईस्वी, प्राचीन भारत आर्यभट्ट का जीवन परिचय: Aryabhatta Biography in Hindi Aryabhatta Biography in Hindi: आर्यभट्ट प्राचीन भारत के एक प्रसिद्ध गणितज्ञ और खगोलशास्त्री रहे हैं| उनका जन्म 476 ईसवी पूर्व बिहार में हुआ था| उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय से अपना पढ़ाई की| उनके मुख्य कार्यों में से आर्यभट्ट 499 ईसवी पूर्व में लिखा गया था| इसमें बहुत सारे विषयों जैसे खगोल, विज्ञान, त्रिकोणमिति,अंकगणित, बीजगणित, और सरल त्रिकोणमिति का वर्णन है| उन्होंने गणित और खगोल विज्ञान के अपने सारे अविष्कारों को श्लोकों के रूप में लिखा| इस किताब का अनुवाद लैट्रिन में 13वीं शताब्दी में किया |आर्यभटिया के लेटिन संस्कार की सहायता से यूरोपीय गणितज्ञों...

आचार्य आर्यभट्ट: भारत के महान गणितज्ञ और खगोलशास्त्री

आचार्य आर्यभट्ट प्राचीन समय के महान गणितज्ञ और खगोलशास्त्री थे, खगोलीय विज्ञान और गणित के क्षेत्र में आर्यभट्ट आज भी वैज्ञानिकों के लिए प्रेरणा हैं. जब यूरोप यह मानता था कि पृथ्वी चपटी है और समुद्र के उस पार कुछ नहीं है तब आर्यभट ने बता दिया था कि पृथ्वी गोल है, और यही नहीं जब लोग मानते थे कि सूर्य पृथ्वी की परिक्रमा करता है तब आर्यभट्ट ने बता दिया था कि पृथ्वी एक निश्चित दूरी को बनाए रखते हुए सूर्य का चक्कर काटती है। आज इन्हीं के जैसे वैज्ञानिकों के कारण सम्पूर्ण विश्व विकास के पहिये पर दौड़ रहा है । इनकी उँगली एकमात्र विकास, शिक्षा और ब्रह्मत्व की ओर इंगित करती है । बस इन्हें कोई इसलिए नहीं याद करता क्योंकि इनसे “वोटबैंक” नहीं मिलता, और यह यूरोप से नहीं हैं। आचार्य आर्यभट्ट प्राचीन समय के महान गणितज्ञ व खगोलशास्त्री थे। बीजगणित जिसको अँग्रेजी में एलजेब्रा बोलते हैं उसका प्रथम बार उपयोग आचार्य आर्यभट्ट ने ही किया था और अपनी प्रसिद्ध रचना “ आचार्य आर्यभट्ट द्वारा पाई की खोज। पृथ्वी गोल है और अपने धुरी में घूमती है जिसके कारण दिन व रात होता है,ये सिद्धांत आचार्य आर्यभट्ट ने लगभग 1500 वर्ष पहले प्रतिपादित कर दिया था। आचार्य आर्यभट्ट ने ये भी बताया था कि पृथ्वी गोल है औऱ इसकी परिधि 24853 मिल है। आचार्य आर्यभट्ट ने ये भी बताया था कि चंद्रमा सूर्य की रोशनी से प्रकाशित होता है। आचार्य आर्यभट्ट ने यह सिद्ध किया था कि 1 वर्ष में 366 नही बल्कि 365.2951 दिन होते हैं। विदेशों में आचार्य आर्यभट्ट के प्रति सम्मान

आर्यभट्ट पर निबंध

Essay on Aryabhatta in Hindi : इस लेख में हमनेआर्यभट्ट के जीवन के बारे में जानकारी प्रदान की है। यहाँ पर दी गई जानकारी बच्चों से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं के तैयारी करने वाले छात्रों के लिए उपयोगी साबित होगी। आर्यभट्ट पर निबंध: जिस क्षण हम आर्यभट्ट सुनते हैं तो शब्द 'शून्य' हमारे दिमाग में आता है, लेकिन हम में से बहुत से लोग यह नहीं जानते हैं कि आर्यभट्ट ने शून्य का आविष्कार करने के अलावा और भी बहुत सी चीजों की खोज और आविष्कार किया है। उस समय के शानदार दिमाग होने के अलावा, आर्यभट्ट भारत की एक सच्ची सफलता की कहानी है कि कैसे कड़ी मेहनत और समर्पण आपको एक महान व्यक्ति बना सकता है। आर्यभट्ट उस बुद्धिमत्ता और उन्नत सोच का प्रमाण हैं जो भारतीय समाज में हजारों साल पहले था और इस विशेष आर्यभट्ट निबंध में, हम चर्चा करने जा रहे हैं कि आर्यभट्ट आज के भारतीयों का क्या प्रतिनिधित्व करते हैं और हाल के दिनों में दुनिया पर उनका क्या प्रभाव रहा है। आप लेखों, घटनाओं, लोगों, खेल, तकनीक के बारे में और निबंध पढ़ सकते हैं । छात्रों और बच्चों के लिए आर्यभट्ट पर लंबा और छोटा निबंध हमने दो प्रकार के निबंध प्रदान किए हैं, 600-शब्द लंबा आर्यभट्ट निबंध और एक छोटा 200-शब्द आर्यभट्ट निबंध। आर्यभट्ट पर लंबा निबंध (600 शब्द) आर्यभट्ट निबंध आमतौर पर कक्षा 7, 8, 9 और 10 को दिया जाता है भारत के महान वैज्ञानिक और गणितज्ञ आर्यभट्ट का जन्म बिहार में एक छोटे से स्थान पर हुआ था जिसे गुप्त वंश के दौरान आर्यभट्ट के नाम से जाना जाता था। वह सहस्राब्दी के महानतम दिमागों में से एक थे जिन्होंने गणित की मूल बातें खोजीं जो आज दुनिया भर के हर स्कूल में बच्चों को सिखाई जाती हैं। आर्यभट्ट ही थे जिन्होंने π (पाई) के पूरे मूल्...

Aryabhatta Jayanti: शून्य की खोज के अलावा आर्यभट्ट को कितना जानते हैं आप?

Discoveries Of Aryabhatta: ' आर्यभट्ट' यह नाम सुनते ही दिमाग में सिर्फ शून्य यानी की '0' की छवि बनती है. जाहिर है क्योंकि आर्यभट ने पूरी दुनिया को '0' दिया और इंसान गणित और विज्ञान में विकास कर पाया, '0' की खोज दुनिया के लिए कितनी अहमियत रखती है यह बताने की जरूरत नहीं है लेकिन आर्यभट ने सिर्फ शून्य की खोज नहीं की बल्कि उन्होंने ऐसी कई पुस्तके और सूत्र लिखे हैं जो हमारे बौद्धिक विकास और खगोलीय ज्ञान को बढ़ाने में बहुत सहायक बने. लेकिन दुर्भाग्य से ज़्यादातर लोग सिर्फ इतना ही जानते हैं कि आर्यभट्ट ने शून्य की खोज की, शून्य की खोज के अलावा आर्यभट्ट ने क्या किया (What did Aryabhatta do apart from discovering zero) यह बहुत कम लोग जानते हैं. 14 अप्रेल को महान गणितज्ञ और खलोगशास्त्री आर्यभट्ट की जयंती मनाई जाती है. आर्यभट्ट की कहानी Story Of Aryabhatta In Hindi : आर्यभट्ट प्राचीन समय के महान गणितज्ञ और खलोगशास्त्री थे. खगोलीय विज्ञान और गणित के क्षेत्र में आर्यभट्ट आज भी वैज्ञानिकों के लिए प्रेरणा हैं. जब पूरी दुनिया यह मानती थी कि पृथ्वी चपटी है और समुद्र के उस पार कुछ नहीं है तब आर्यभट ने बता दिया था कि दुनिया गोल है, जब लोग मानते थे कि सूर्य पृथ्वी की परिक्रमा करता है तब आर्यभट्ट ने बता दिया था कि पृथ्वी एक निश्चित दूर को बनाए रखते हुए सूर्य का चक्कर काटती है आधुनिक विज्ञान में इस सिद्धांत का क्रेडिट निकोलस कॉपरनिकस को दिया जाता है मगर जो बात निकोलस कॉपरनिकस ने हमें बताई वही चीज़ आर्यभट्ट ने 1000 साल पहले बता दी थी आर्यभट्ट की जीवनी Biography Of Aryabhatta: आर्यभट्ट का जन्म 464 AD में हुआ था. उनके जन्म को लेकर इतिहासकारों ने दो तरह की बातें कहीं हैं. कहा जाता है कि आर्यभट्ट बुद्ध...

आर्यभट्ट का जीवन परिचय: Aryabhatta Biography in Hindi

Aryabhatta Biography in Hindi: आर्यभट की जीवनी, जीवन परिचय Aryabhatta biography in hindi आर्यभट प्राचीन भारत के महान गणितज्ञ, ज्योतिषविद एवं खगोलशास्त्री थे. उस समय अनेकों भारतीय विद्वानों, जैसे-: वराहमिहिर, ब्रह्मगुप्त, भास्कराचार्य, कमलाकर, आदि में आर्यभट का नाम भी शामिल हैं. Aryabhatta Biography in Hindi: इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे आर्यभट्ट का जीवन परिचय जो कि आपको बहुत ही आसान भाषा में समझ में आ जाएगा और आप इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें प्रश्न पर क्लिक करें और उत्तर पर जाएं • • • • • • • • • • • • आर्यभट्ट का जीवन परिचय हिंदी में Aryabhatta Biography in Hindi: नाम आर्यभट्ट जन्म 476 ईस्वी, पाटलिपुत्र (वर्तमान पटना, भारत) माता अज्ञात पिता अज्ञात रचनाएं आर्यभटीय, आर्य-सिद्धांत खोज कार्य शून्य, पाई का मान, ग्रहों की गति व ग्रहण, बीजगणित, अनिश्चित समीकरणों के हल, अंकगणित व अन्य कार्य क्षेत्र गणित और खगोल विज्ञान काल गुप्त काल उम्र 74 वर्ष मृत्यु 550 ईस्वी, प्राचीन भारत आर्यभट्ट का जीवन परिचय: Aryabhatta Biography in Hindi Aryabhatta Biography in Hindi: आर्यभट्ट प्राचीन भारत के एक प्रसिद्ध गणितज्ञ और खगोलशास्त्री रहे हैं| उनका जन्म 476 ईसवी पूर्व बिहार में हुआ था| उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय से अपना पढ़ाई की| उनके मुख्य कार्यों में से आर्यभट्ट 499 ईसवी पूर्व में लिखा गया था| इसमें बहुत सारे विषयों जैसे खगोल, विज्ञान, त्रिकोणमिति,अंकगणित, बीजगणित, और सरल त्रिकोणमिति का वर्णन है| उन्होंने गणित और खगोल विज्ञान के अपने सारे अविष्कारों को श्लोकों के रूप में लिखा| इस किताब का अनुवाद लैट्रिन में 13वीं शताब्दी में किया |आर्यभटिया के लेटिन संस्कार की सहायता से यूरोपीय गणितज्ञों...

आचार्य आर्यभट्ट: भारत के महान गणितज्ञ और खगोलशास्त्री

आचार्य आर्यभट्ट प्राचीन समय के महान गणितज्ञ और खगोलशास्त्री थे, खगोलीय विज्ञान और गणित के क्षेत्र में आर्यभट्ट आज भी वैज्ञानिकों के लिए प्रेरणा हैं. जब यूरोप यह मानता था कि पृथ्वी चपटी है और समुद्र के उस पार कुछ नहीं है तब आर्यभट ने बता दिया था कि पृथ्वी गोल है, और यही नहीं जब लोग मानते थे कि सूर्य पृथ्वी की परिक्रमा करता है तब आर्यभट्ट ने बता दिया था कि पृथ्वी एक निश्चित दूरी को बनाए रखते हुए सूर्य का चक्कर काटती है। आज इन्हीं के जैसे वैज्ञानिकों के कारण सम्पूर्ण विश्व विकास के पहिये पर दौड़ रहा है । इनकी उँगली एकमात्र विकास, शिक्षा और ब्रह्मत्व की ओर इंगित करती है । बस इन्हें कोई इसलिए नहीं याद करता क्योंकि इनसे “वोटबैंक” नहीं मिलता, और यह यूरोप से नहीं हैं। आचार्य आर्यभट्ट प्राचीन समय के महान गणितज्ञ व खगोलशास्त्री थे। बीजगणित जिसको अँग्रेजी में एलजेब्रा बोलते हैं उसका प्रथम बार उपयोग आचार्य आर्यभट्ट ने ही किया था और अपनी प्रसिद्ध रचना “ आचार्य आर्यभट्ट द्वारा पाई की खोज। पृथ्वी गोल है और अपने धुरी में घूमती है जिसके कारण दिन व रात होता है,ये सिद्धांत आचार्य आर्यभट्ट ने लगभग 1500 वर्ष पहले प्रतिपादित कर दिया था। आचार्य आर्यभट्ट ने ये भी बताया था कि पृथ्वी गोल है औऱ इसकी परिधि 24853 मिल है। आचार्य आर्यभट्ट ने ये भी बताया था कि चंद्रमा सूर्य की रोशनी से प्रकाशित होता है। आचार्य आर्यभट्ट ने यह सिद्ध किया था कि 1 वर्ष में 366 नही बल्कि 365.2951 दिन होते हैं। विदेशों में आचार्य आर्यभट्ट के प्रति सम्मान

आर्यभट्ट पर निबंध

Essay on Aryabhatta in Hindi : इस लेख में हमनेआर्यभट्ट के जीवन के बारे में जानकारी प्रदान की है। यहाँ पर दी गई जानकारी बच्चों से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं के तैयारी करने वाले छात्रों के लिए उपयोगी साबित होगी। आर्यभट्ट पर निबंध: जिस क्षण हम आर्यभट्ट सुनते हैं तो शब्द 'शून्य' हमारे दिमाग में आता है, लेकिन हम में से बहुत से लोग यह नहीं जानते हैं कि आर्यभट्ट ने शून्य का आविष्कार करने के अलावा और भी बहुत सी चीजों की खोज और आविष्कार किया है। उस समय के शानदार दिमाग होने के अलावा, आर्यभट्ट भारत की एक सच्ची सफलता की कहानी है कि कैसे कड़ी मेहनत और समर्पण आपको एक महान व्यक्ति बना सकता है। आर्यभट्ट उस बुद्धिमत्ता और उन्नत सोच का प्रमाण हैं जो भारतीय समाज में हजारों साल पहले था और इस विशेष आर्यभट्ट निबंध में, हम चर्चा करने जा रहे हैं कि आर्यभट्ट आज के भारतीयों का क्या प्रतिनिधित्व करते हैं और हाल के दिनों में दुनिया पर उनका क्या प्रभाव रहा है। आप लेखों, घटनाओं, लोगों, खेल, तकनीक के बारे में और निबंध पढ़ सकते हैं । छात्रों और बच्चों के लिए आर्यभट्ट पर लंबा और छोटा निबंध हमने दो प्रकार के निबंध प्रदान किए हैं, 600-शब्द लंबा आर्यभट्ट निबंध और एक छोटा 200-शब्द आर्यभट्ट निबंध। आर्यभट्ट पर लंबा निबंध (600 शब्द) आर्यभट्ट निबंध आमतौर पर कक्षा 7, 8, 9 और 10 को दिया जाता है भारत के महान वैज्ञानिक और गणितज्ञ आर्यभट्ट का जन्म बिहार में एक छोटे से स्थान पर हुआ था जिसे गुप्त वंश के दौरान आर्यभट्ट के नाम से जाना जाता था। वह सहस्राब्दी के महानतम दिमागों में से एक थे जिन्होंने गणित की मूल बातें खोजीं जो आज दुनिया भर के हर स्कूल में बच्चों को सिखाई जाती हैं। आर्यभट्ट ही थे जिन्होंने π (पाई) के पूरे मूल्...

आचार्य आर्यभट्ट: भारत के महान गणितज्ञ और खगोलशास्त्री

आचार्य आर्यभट्ट प्राचीन समय के महान गणितज्ञ और खगोलशास्त्री थे, खगोलीय विज्ञान और गणित के क्षेत्र में आर्यभट्ट आज भी वैज्ञानिकों के लिए प्रेरणा हैं. जब यूरोप यह मानता था कि पृथ्वी चपटी है और समुद्र के उस पार कुछ नहीं है तब आर्यभट ने बता दिया था कि पृथ्वी गोल है, और यही नहीं जब लोग मानते थे कि सूर्य पृथ्वी की परिक्रमा करता है तब आर्यभट्ट ने बता दिया था कि पृथ्वी एक निश्चित दूरी को बनाए रखते हुए सूर्य का चक्कर काटती है। आज इन्हीं के जैसे वैज्ञानिकों के कारण सम्पूर्ण विश्व विकास के पहिये पर दौड़ रहा है । इनकी उँगली एकमात्र विकास, शिक्षा और ब्रह्मत्व की ओर इंगित करती है । बस इन्हें कोई इसलिए नहीं याद करता क्योंकि इनसे “वोटबैंक” नहीं मिलता, और यह यूरोप से नहीं हैं। आचार्य आर्यभट्ट प्राचीन समय के महान गणितज्ञ व खगोलशास्त्री थे। बीजगणित जिसको अँग्रेजी में एलजेब्रा बोलते हैं उसका प्रथम बार उपयोग आचार्य आर्यभट्ट ने ही किया था और अपनी प्रसिद्ध रचना “ आचार्य आर्यभट्ट द्वारा पाई की खोज। पृथ्वी गोल है और अपने धुरी में घूमती है जिसके कारण दिन व रात होता है,ये सिद्धांत आचार्य आर्यभट्ट ने लगभग 1500 वर्ष पहले प्रतिपादित कर दिया था। आचार्य आर्यभट्ट ने ये भी बताया था कि पृथ्वी गोल है औऱ इसकी परिधि 24853 मिल है। आचार्य आर्यभट्ट ने ये भी बताया था कि चंद्रमा सूर्य की रोशनी से प्रकाशित होता है। आचार्य आर्यभट्ट ने यह सिद्ध किया था कि 1 वर्ष में 366 नही बल्कि 365.2951 दिन होते हैं। विदेशों में आचार्य आर्यभट्ट के प्रति सम्मान

Aryabhatta Jayanti: शून्य की खोज के अलावा आर्यभट्ट को कितना जानते हैं आप?

Discoveries Of Aryabhatta: ' आर्यभट्ट' यह नाम सुनते ही दिमाग में सिर्फ शून्य यानी की '0' की छवि बनती है. जाहिर है क्योंकि आर्यभट ने पूरी दुनिया को '0' दिया और इंसान गणित और विज्ञान में विकास कर पाया, '0' की खोज दुनिया के लिए कितनी अहमियत रखती है यह बताने की जरूरत नहीं है लेकिन आर्यभट ने सिर्फ शून्य की खोज नहीं की बल्कि उन्होंने ऐसी कई पुस्तके और सूत्र लिखे हैं जो हमारे बौद्धिक विकास और खगोलीय ज्ञान को बढ़ाने में बहुत सहायक बने. लेकिन दुर्भाग्य से ज़्यादातर लोग सिर्फ इतना ही जानते हैं कि आर्यभट्ट ने शून्य की खोज की, शून्य की खोज के अलावा आर्यभट्ट ने क्या किया (What did Aryabhatta do apart from discovering zero) यह बहुत कम लोग जानते हैं. 14 अप्रेल को महान गणितज्ञ और खलोगशास्त्री आर्यभट्ट की जयंती मनाई जाती है. आर्यभट्ट की कहानी Story Of Aryabhatta In Hindi : आर्यभट्ट प्राचीन समय के महान गणितज्ञ और खलोगशास्त्री थे. खगोलीय विज्ञान और गणित के क्षेत्र में आर्यभट्ट आज भी वैज्ञानिकों के लिए प्रेरणा हैं. जब पूरी दुनिया यह मानती थी कि पृथ्वी चपटी है और समुद्र के उस पार कुछ नहीं है तब आर्यभट ने बता दिया था कि दुनिया गोल है, जब लोग मानते थे कि सूर्य पृथ्वी की परिक्रमा करता है तब आर्यभट्ट ने बता दिया था कि पृथ्वी एक निश्चित दूर को बनाए रखते हुए सूर्य का चक्कर काटती है आधुनिक विज्ञान में इस सिद्धांत का क्रेडिट निकोलस कॉपरनिकस को दिया जाता है मगर जो बात निकोलस कॉपरनिकस ने हमें बताई वही चीज़ आर्यभट्ट ने 1000 साल पहले बता दी थी आर्यभट्ट की जीवनी Biography Of Aryabhatta: आर्यभट्ट का जन्म 464 AD में हुआ था. उनके जन्म को लेकर इतिहासकारों ने दो तरह की बातें कहीं हैं. कहा जाता है कि आर्यभट्ट बुद्ध...