आसाराम बापू की वर्तमान स्थिति

  1. आसाराम बापू कहाँ है? » Aasaram Bapu Kahan Hai
  2. Asaram Bapu In Jail की ताज़ा ख़बर, ब्रेकिंग न्यूज़ In Hindi
  3. चमत्कारी बाबा से सलाखों तक, जानें आसाराम बापू की पूरी कहानी


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आसाराम बापू कहाँ है? » Aasaram Bapu Kahan Hai

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Asaram Bapu In Jail की ताज़ा ख़बर, ब्रेकिंग न्यूज़ In Hindi

राजस्थान हाईकोर्ट ने आसाराम बापू को रोजाना एक बार जोधपुर केंद्रीय जेल से बाहर का खाना मंगाने की मंगलवार को इजाजत दे दी. आसाराम बापू एक नाबालिग लड़की से यौन उत्पीड़न के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है. हालांकि, अदालत ने कहा कि बाहर से लाए गए खाने को आसाराम को देने के पहले जेल अधिकारी इसकी पूरी जांच कर लेंगे. • नाबालिग से रेप के मामले में आसाराम को जोधपुर कोर्ट ने दोषी करार दे दिया है. खास बात यह है कि सुरक्षा कारणों से जोधपुर सेंट्रल जेल में ही अदालत लगी और वहीं फैसला सुनाया गया. भारत के इतिहास में ऐसे चंद मौके ही आए हैं, जब जेल में अदालत लगाकर आरोपी को सजा सुनाई गई हो. आइये जानते हैं उन चुनिंदा मामलों के बारे में जब जेल में अदालत लगी. • आसाराम को 2012 के बलात्कार मामले में जोधपुर की विशेष अदालत की तरफ से आगामी 25 अप्रैल को फैसला सुनाये जाने के मद्देनजर पीड़िता के घर के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी है. पुलिस अधीक्षक (नगर) दिनेश त्रिपाठी ने शनिवार को बताया कि पीड़िता के परिवार वालों की लगातार निगरानी की जा रही है. उसके घर पर पांच पुलिसकर्मी तैनात किये गए हैं. सभी आने जाने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है. •

चमत्कारी बाबा से सलाखों तक, जानें आसाराम बापू की पूरी कहानी

चमत्कारी बाबा से सलाखों तक, जानें आसाराम बापू की पूरी कहानी आसाराम बापू पर फैसले के दिन उनके समर्थक बड़ी संख्या में जोधपुर पहुंच सकते हैं। ऐसे में कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस ने 30 अप्रैल तक जोधपुर में धारा 144 लागू करने की घोषणा कर दी है। बाबा गुरमीत राम रहीम को सजा सुनाए जाने के बाद हरियाणा में हुई हिंसा जैसी घटना राजस्थान में हो, सरकार ऐसा नहीं चाहेगी। फिलहाल 25 अप्रैल को सुनाए जाने वाले फैसले पर सबकी नजरें टिकी हैं। आसाराम के खिलाफ पिछले 5 सालों से जारी पीड़िता और उनके परिवार की यह न्यायिक लड़ाई कई मायनों में असाधारण रही है। आसाराम के मुकदमे से जुड़े अहम तथ्यों पर नजर डालिए। अप्रैल 1941 में मौजूदा पाकिस्तान के सिंध इलाके के बेरानी गांव में पैदा हुए आसाराम का असली नाम असुमल हरपलानी है। सिंधी व्यापारी समुदाय से संबंध रखने वाले आसाराम का परिवार 1947 में विभाजन के बाद भारत के अहमदाबाद शहर में आ बसा। साठ के दशक में उन्होंने लीलाशाह को अपना आध्यात्मिक गुरु बनाया। बाद में लीलाशाह ने ही असुमल का नाम आसाराम रखा। 1972 में आसाराम ने अहमदाबाद से लगभग 10 किलोमीटर दूर मुटेरा कस्बे में साबरमती नदी के किनारे अपनी पहली कुटिया बनाई। यहां से शुरू हुआ आसाराम का आध्यात्मिक प्रोजेक्ट धीरे- धीरे गुजरात के अन्य शहरों से होता हुआ देश के अलग-अलग राज्यों में फैल गया। शुरुआत में गुजरात के ग्रामीण इलाकों से आने वाले गरीब, पिछड़े और आदिवासी समूहों को अपने 'प्रवचनों, देसी दवाइयों और भजन कीर्तन' की तिकड़ी परोस कर लुभाने वाले आसाराम का प्रभाव धीरे-धीरे राज्य के शहरी मध्यवर्गीय इलाकों में भी बढ़ने लगा। शुरुआती सालों में प्रवचन के बाद प्रसाद के नाम पर वितरित किए जाने वाले मुफ्त भोजन ने भी ...