अब

  1. CBSE Class 10 Hindi A व्याकरण वाच्य
  2. 2023 में, भारत की जनसंख्या कितनी है? जून अपडेट
  3. नैना थक गए राह निहारूं कन्हैया अब देर ना करो Lyrics, Video, Bhajan, Bhakti Songs
  4. वाक्य
  5. Google Meet: ऑनलाइन वीडियो मीटिंग और कॉल
  6. अब
  7. याद पर ख़ूबसूरत शेर याद पर बेहतरीन शेर का संकलन
  8. नैना थक गए राह निहारूं कन्हैया अब देर ना करो Lyrics, Video, Bhajan, Bhakti Songs
  9. 2023 में, भारत की जनसंख्या कितनी है? जून अपडेट
  10. CBSE Class 10 Hindi A व्याकरण वाच्य


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CBSE Class 10 Hindi A व्याकरण वाच्य

CBSE Class 10 Hindi A व्याकरण वाच्य वाच्य- वाच्य का अर्थ है ‘बोलने का विषय।’ क्रिया के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि उसके द्वारा किए गए विधान का विषय कर्ता है, कर्म है या भाव है, उसे वाच्य कहते हैं। You can also download Class 10 Science NCERT Solutions to help you to revise complete syllabus and score more marks in your examinations. दूसरे शब्दों में क्रिया के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि उसके प्रयोग का आधार कर्ता, कर्म या भाव है, उसे वाच्य कहते हैं। वाच्य के भेद-हिंदी में वाच्य के तीन भेद माने जाते हैं – 1. कर्तवाच्य- जिस वाक्य में कर्ता की प्रमुखता होती है अर्थात क्रिया का प्रयोग कर्ता के लिंग, वचन, कारक के अनुसार होता है और इसका सीधा संबंध कर्ता से होता है तब कर्तृवाच्य होता है। कर्तृवाच्य-कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्य। कर्तृवाच्य में अकर्मक और सकर्मक दोनों प्रकार की क्रिया का प्रयोग किया जाता है; जैसे – कर्ता के अपनी सामर्थ्य या क्षमता दर्शाने के लिए सकारात्मक वाक्यों में क्रिया के साथ सक के विभिन्न रूपों का प्रयोग किया जाता है; जैसे – • मैं फ्रेंच पढ़-लिख सकता हूँ। • यह कलाकार फ़िल्मी गीतों के अलावा लोकगीत भी गा सकता है। • ऐसा सुंदर स्वेटर सुमन ही बन सकती है। • यही मज़दूर इस भारी पत्थर को हटा सकता है। कर्तृवाच्य के वाक्यों को कर्मवाच्य और भाववाच्य में बदला जा सकता है। कर्तृवाच्य में कर्ता की असमर्थता दर्शाने के लिए क्रिया एवं नहीं के साथ सक के विभिन्न रूपों का भी प्रयोग किया जा सकता है; जैसे – • मैं चीनी भाषा नहीं लिख सकता हूँ। • यह मोटा आदमी तेज़ नहीं दौड़ सकता है। • बच्चे आज खेलने बाहर नहीं जा सकते हैं। • मोहन यह सवाल हल नहीं कर सकता है। 2. कर्मवाच्य-जिस वाक्य में कर्म की प्रधानत...

2023 में, भारत की जनसंख्या कितनी है? जून अपडेट

दुनिया के हर 100 लोगों में से 18 लोगों का घर भारत में है, आइए जनसंख्या का गणित विस्तार से जानते हैं. Breaking News: संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष के अनुसार, दुनिया की कुल आबादी 15 नवंबर 2022 को 8 को अरब कर चुकी है. लेने की दुनिया में पहली बार अब 8 बिलियन लोग रहते हैं। आधी से अधिक आबादी अकेले एशिया महादीप में रहती है। चीन अभी भी शीर्ष पर है जबकि भारत का दूसरा स्थान है। India ki Jansankhya, जनगणना 2011 के अनुसार, भारत की कुल जनसंख्या 1,21,01,93,422 रहा था। 2023 के यूनाइटेड नेशन (UN) के डाटा के मुताबिक भारत की जनसंख्या 1,412,644,054 है. भारत में सर्वप्रथम जनगणना 1872 में हुई थी जो ब्रिटिश इंडिया ने करवाया था। जैसा कि आप सोच रहे होंगे 2021 में भारत का जनगणना होना था, किंतु कोरोना महामारी के कारण नहीं हो पाया है. उम्मीद है कि, इस वर्ष के अंत तक डाटा सरकार के द्वारा जारी हो सकता है. अक्सर आपने टीवी या अपने मोबाइल फोन पर भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र कुमार मोदी को सवा सौ भारतीय के बारे में बात करते हुए सुना होगा. इस आर्टिकल के मदद से आप को वर्ष 2023 में भारत की जनसंख्या का पूरा गणित समझने का एक मौका है. 25 प्रश्न – नेपाल की जनसंख्या 2022 में कितनी है? भारत की जनसंख्या 1951 से 2023 तक डाटा को जानिए आप यह आप समझ चुके होंगे कि भारत सरकार द्वारा पर हर 10 वर्षों के अंतराल में जनगणना कराया जाता है। 1951 से लेकर 2011 तक भारत में 7 बार जनगणना कराया गया है। भारत का अगला जनगणना वर्ष 2021 होना था। नीचे सबसे पहले वर्ष लिखा गया है। उसके बाद जनसंख्या तथा आखिर में जनसंख्या वृद्धि प्रतिशत लिखा गया है। • 1951 – 361,088,090 – 13.32% • 1961 – 438,936,918 – 21.62% • 1971 – 548,160,050 – 24।8% • 1...

नैना थक गए राह निहारूं कन्हैया अब देर ना करो Lyrics, Video, Bhajan, Bhakti Songs

नैना थक गए राह निहारूं कन्हैया अब देर ना करो लिरिक्स Naina Thak Gaye Rah Niharu Kanhaiya Ab Der Na Karo नैना थक गए राह निहारूं कन्हैया अब देर ना करो लिरिक्स (हिन्दी) नैना थक गए राह निहारूं, कन्हैया अब देर ना करो, कन्हैया अब देर ना करो, कन्हैया अब देर ना करो, नैना थक गए राह निहारूँ, कन्हैया अब देर ना करो।। तर्ज दिल देता है रो रो। एक ही कान्हा तेरा सहारा, दूजा ना कोई जग में हमारा, कर ली हमने तुझसे ही यारी, कन्हैया अब देर ना करो, नैना थक गए राह निहारूँ, कन्हैया अब देर ना करो।। हरदम पूजूँ नित मैं ध्याऊँ, सबसे पहले श्याम मनाऊँ, सुनलो मेरे मन की कहानी, कन्हैया अब देर ना करो, नैना थक गए राह निहारूँ, कन्हैया अब देर ना करो।। मेरे कन्हैया श्याम मुरारी, नाथ मेरे प्रभु तुम उपकारी, खुद को कर दिया तेरे हवाले, कन्हैया अब देर ना करो, नैना थक गए राह निहारूँ, कन्हैया अब देर ना करो।। इस भवजल का तू ही किनारा, जो भी मनाए उसको उबारा, ठाकुर चरणों में भगवत गाए, कन्हैया अब देर ना करो, नैना थक गए राह निहारूँ, कन्हैया अब देर ना करो।। नैना थक गए राह निहारूं, कन्हैया अब देर ना करो, कन्हैया अब देर ना करो, कन्हैया अब देर ना करो, नैना थक गए राह निहारूँ, कन्हैया अब देर ना करो।। Singer Bhagwat Suthar Download PDF (नैना थक गए राह निहारूं कन्हैया अब देर ना करो ) Download the PDF of song ‘Naina Thak Gaye Rah Niharu Kanhaiya Ab Der Na Karo ‘. eka hI kAnhA terA sahArA, dUjA nA koI jaga meM hamArA, kara lI hamane tujhase hI yArI, kanhaiyA aba dera nA karo, nainA thaka gae rAha nihArU.N, kanhaiyA aba dera nA karo|| haradama pUjU.N nita maiM dhyAU.N, sabase pahale shyAma manAU.N, sunalo mere mana kI kahAnI, kanhai...

वाक्य

5 Shares आज की पोस्ट में हम हिंदी व्याकरण के अंतर्गत महत्वपूर्ण विषय वाक्य किसे कहते है(vakya kise kahate hain) ,वाक्य का अर्थ(Vakya ka arth) वाक्य के कितने भेद होते है (vakya ke kitne bhed hote hain)पर चर्चा करेंगे ,आप इसे अच्छे से समझें । आर्टिकल के अंत में इस विषय से सम्बंधित महत्त्वपूर्ण प्रश्न दिए गए है । उदाहरण :‘सत्य कड़वा होता है ।’ एक वाक्य है क्योंकि इसका पूरा पूरा अर्थ निकलता है किन्तु ‘सत्य होता कड़वा।’ वाक्य नहीं है क्योंकि इसका अर्थ नहीं निकलता है। वाक्य के कितने अंग होते हैं – Vakya ke kitne ang Hote Hain वाक्य मे तीन भाग/पार्ट होते है कर्ता, कर्म, क्रिया। इन्हीं तीनो के आधार पर वाक्य के अंग बनाये गए है। * वाक्य के दो अंग होते है • उद्देश्य • विधेय वाक्य में उद्देश्य क्या है ? वाक्य में कर्ता (जो कार्य कर रहा है ) उसे उद्देश्य कहा जायेगा । साथ ही कर्ता का विस्तारक या विशेषण हो तो उसे भी हम उद्देश्य मे रखेंगे। जैसा कि हम जानते है कर्ता एक कारक है, वह कर्ता का विस्तारक कहलाता है। और कर्ता की विशेषता बताई जाये तो साथ ही हम यह भी कह सकते है कि विधेय जिसके लिये आये, वही कर्ता है, वही उद्देश्य है। आइये हम इसे उदाहरण से समझेंगे। उदाहरण :- मेरी सहेली पूजा बहुत सुंदर लेख लिखती है। पूजा – उद्देश्य मेरी सहेली – उद्देश्य का विस्तार लेख लिखती है –विधेय बहुत सुंदर – विधेय विस्तारक यहां पूजा जो कर्ता है और पूजा का विस्तारक मेरी सहेली है अतः मेरी सहेली का प्रयोग पूजा के लिये किया गया है यह पूजा का विस्तारक है इसलिए इसे उद्देश्य कहेगे । वाक्य में विधेय क्या है ? उद्देश्य के बारे मे जो कथन कहा जाता है वह विधेय है। इसमें कर्म और क्रिया का प्रयोग होता है कर्ता जो भी कार्य कर रहा ...

Google Meet: ऑनलाइन वीडियो मीटिंग और कॉल

Meet पूरी तरह सुरक्षित है Meet उन ही सुरक्षा उपायों का इस्तेमाल करता है जिन्हें Google आपकी जानकारी और निजता की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल करता है. Meet पर वीडियो कॉन्फ़्रेंस ट्रांज़िट के दौरान एन्क्रिप्ट (सुरक्षित) किए जाते हैं. हमारे सुरक्षा उपाय लगातार अपडेट होते रहते हैं, ताकि आपको बेहतर सुरक्षा मिले. Meet इस्तेमाल करें, कहीं से भी अपनी पूरी टीम को Google Meet पर लेकर आएं. यहां कारोबार से जुड़े प्रस्ताव दिखाए जा सकते हैं, केमिस्ट्री असाइनमेंट पर साथ मिलकर काम किया जा सकता है या आमने-सामने बात भी की जा सकती है. कारोबार, स्कूल, और अन्य संगठन मीटिंग की लाइव स्ट्रीम, उसी डोमेन में 1,00,000 लोगों तक पहुंचा सकते हैं. किसी भी डिवाइस पर और कहीं से भी Meet का इस्तेमाल करें मेहमान अपने कंप्यूटर से, किसी भी मॉडर्न वेब ब्राउज़र का इस्तेमाल करके, मीटिंग और कॉल में शामिल हो सकते हैं. उन्हें कोई दूसरा सॉफ़्टवेयर इंस्टॉल करने की ज़रूरत नहीं है. मोबाइल डिवाइस पर, वे Google Meet ऐप्लिकेशन से मीटिंग और कॉल में शामिल हो सकते हैं. Google Nest Hub Max का इस्तेमाल करके भी मीटिंग और कॉल में शामिल हुआ जा सकता है. Meet है सबके लिए Google की बोली पहचानने वाली टेक्नोलॉजी की मदद से चलने वाली लाइव कैप्शन की सुविधा से Google Meet, मीटिंग को और भी आसान बनाता है. दूसरी भाषा बोलने वाले लोगों और ऐसे लोगों को जिन्हें कम सुनाई देता है, लाइव कैप्शन की मदद से मीटिंग में होने वाली गतिविधियों को समझना आसान हो जाता है. साथ ही, किसी भी शोर वाली जगह पर लाइव कैप्शन की मदद से मीटिंग को फ़ॉलो करना आसान होता है (सिर्फ़ अंग्रेज़ी में उपलब्ध है). बिल्कुल. अगर मीटिंग Google Meet के ऐसे वर्शन से बुलाई गई है जिसके इस्तेमाल के...

अब

What is अब meaning in English? The word or phrase अब refers to . See Tags for the entry "अब" What is अब meaning in English, अब translation in English, अब definition, pronunciations and examples of अब in English. अब का हिन्दी मीनिंग, अब का हिन्दी अर्थ, अब का हिन्दी अनुवाद, aba का हिन्दी मीनिंग, aba का हिन्दी अर्थ.

याद पर ख़ूबसूरत शेर याद पर बेहतरीन शेर का संकलन

‘याद’ को उर्दू शाइरी में एक विषय के तौर पर ख़ास अहमिय हासिल है । इस की वजह ये है कि नॉस्टेलजिया और उस से पैदा होने वाली कैफ़ीयत, शाइरों को ज़्यादा रचनात्मकता प्रदान करती है । सिर्फ़ इश्क़-ओ-आशिक़ी में ही ‘याद’ के कई रंग मिल जाते हैं । गुज़रे हुए लम्हों की कसक हो या तल्ख़ी या कोई ख़ुश-गवार लम्हा सब उर्दू शाइरी में जीवन के रंगों को पेश करते हैं । इस तरह की कैफ़ियतों से सरशार उर्दू शाइरी का एक संकलन यहाँ प्रस्तुत किया जा रहा है ।

नैना थक गए राह निहारूं कन्हैया अब देर ना करो Lyrics, Video, Bhajan, Bhakti Songs

नैना थक गए राह निहारूं कन्हैया अब देर ना करो लिरिक्स Naina Thak Gaye Rah Niharu Kanhaiya Ab Der Na Karo नैना थक गए राह निहारूं कन्हैया अब देर ना करो लिरिक्स (हिन्दी) नैना थक गए राह निहारूं, कन्हैया अब देर ना करो, कन्हैया अब देर ना करो, कन्हैया अब देर ना करो, नैना थक गए राह निहारूँ, कन्हैया अब देर ना करो।। तर्ज दिल देता है रो रो। एक ही कान्हा तेरा सहारा, दूजा ना कोई जग में हमारा, कर ली हमने तुझसे ही यारी, कन्हैया अब देर ना करो, नैना थक गए राह निहारूँ, कन्हैया अब देर ना करो।। हरदम पूजूँ नित मैं ध्याऊँ, सबसे पहले श्याम मनाऊँ, सुनलो मेरे मन की कहानी, कन्हैया अब देर ना करो, नैना थक गए राह निहारूँ, कन्हैया अब देर ना करो।। मेरे कन्हैया श्याम मुरारी, नाथ मेरे प्रभु तुम उपकारी, खुद को कर दिया तेरे हवाले, कन्हैया अब देर ना करो, नैना थक गए राह निहारूँ, कन्हैया अब देर ना करो।। इस भवजल का तू ही किनारा, जो भी मनाए उसको उबारा, ठाकुर चरणों में भगवत गाए, कन्हैया अब देर ना करो, नैना थक गए राह निहारूँ, कन्हैया अब देर ना करो।। नैना थक गए राह निहारूं, कन्हैया अब देर ना करो, कन्हैया अब देर ना करो, कन्हैया अब देर ना करो, नैना थक गए राह निहारूँ, कन्हैया अब देर ना करो।। Singer Bhagwat Suthar Download PDF (नैना थक गए राह निहारूं कन्हैया अब देर ना करो ) Download the PDF of song ‘Naina Thak Gaye Rah Niharu Kanhaiya Ab Der Na Karo ‘. eka hI kAnhA terA sahArA, dUjA nA koI jaga meM hamArA, kara lI hamane tujhase hI yArI, kanhaiyA aba dera nA karo, nainA thaka gae rAha nihArU.N, kanhaiyA aba dera nA karo|| haradama pUjU.N nita maiM dhyAU.N, sabase pahale shyAma manAU.N, sunalo mere mana kI kahAnI, kanhai...

2023 में, भारत की जनसंख्या कितनी है? जून अपडेट

दुनिया के हर 100 लोगों में से 18 लोगों का घर भारत में है, आइए जनसंख्या का गणित विस्तार से जानते हैं. Breaking News: संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष के अनुसार, दुनिया की कुल आबादी 15 नवंबर 2022 को 8 को अरब कर चुकी है. लेने की दुनिया में पहली बार अब 8 बिलियन लोग रहते हैं। आधी से अधिक आबादी अकेले एशिया महादीप में रहती है। चीन अभी भी शीर्ष पर है जबकि भारत का दूसरा स्थान है। India ki Jansankhya, जनगणना 2011 के अनुसार, भारत की कुल जनसंख्या 1,21,01,93,422 रहा था। 2023 के यूनाइटेड नेशन (UN) के डाटा के मुताबिक भारत की जनसंख्या 1,412,644,054 है. भारत में सर्वप्रथम जनगणना 1872 में हुई थी जो ब्रिटिश इंडिया ने करवाया था। जैसा कि आप सोच रहे होंगे 2021 में भारत का जनगणना होना था, किंतु कोरोना महामारी के कारण नहीं हो पाया है. उम्मीद है कि, इस वर्ष के अंत तक डाटा सरकार के द्वारा जारी हो सकता है. अक्सर आपने टीवी या अपने मोबाइल फोन पर भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र कुमार मोदी को सवा सौ भारतीय के बारे में बात करते हुए सुना होगा. इस आर्टिकल के मदद से आप को वर्ष 2023 में भारत की जनसंख्या का पूरा गणित समझने का एक मौका है. 25 प्रश्न – नेपाल की जनसंख्या 2022 में कितनी है? भारत की जनसंख्या 1951 से 2023 तक डाटा को जानिए आप यह आप समझ चुके होंगे कि भारत सरकार द्वारा पर हर 10 वर्षों के अंतराल में जनगणना कराया जाता है। 1951 से लेकर 2011 तक भारत में 7 बार जनगणना कराया गया है। भारत का अगला जनगणना वर्ष 2021 होना था। नीचे सबसे पहले वर्ष लिखा गया है। उसके बाद जनसंख्या तथा आखिर में जनसंख्या वृद्धि प्रतिशत लिखा गया है। • 1951 – 361,088,090 – 13.32% • 1961 – 438,936,918 – 21.62% • 1971 – 548,160,050 – 24।8% • 1...

CBSE Class 10 Hindi A व्याकरण वाच्य

CBSE Class 10 Hindi A व्याकरण वाच्य वाच्य- वाच्य का अर्थ है ‘बोलने का विषय।’ क्रिया के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि उसके द्वारा किए गए विधान का विषय कर्ता है, कर्म है या भाव है, उसे वाच्य कहते हैं। You can also download Class 10 Science NCERT Solutions to help you to revise complete syllabus and score more marks in your examinations. दूसरे शब्दों में क्रिया के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि उसके प्रयोग का आधार कर्ता, कर्म या भाव है, उसे वाच्य कहते हैं। वाच्य के भेद-हिंदी में वाच्य के तीन भेद माने जाते हैं – 1. कर्तवाच्य- जिस वाक्य में कर्ता की प्रमुखता होती है अर्थात क्रिया का प्रयोग कर्ता के लिंग, वचन, कारक के अनुसार होता है और इसका सीधा संबंध कर्ता से होता है तब कर्तृवाच्य होता है। कर्तृवाच्य-कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्य। कर्तृवाच्य में अकर्मक और सकर्मक दोनों प्रकार की क्रिया का प्रयोग किया जाता है; जैसे – कर्ता के अपनी सामर्थ्य या क्षमता दर्शाने के लिए सकारात्मक वाक्यों में क्रिया के साथ सक के विभिन्न रूपों का प्रयोग किया जाता है; जैसे – • मैं फ्रेंच पढ़-लिख सकता हूँ। • यह कलाकार फ़िल्मी गीतों के अलावा लोकगीत भी गा सकता है। • ऐसा सुंदर स्वेटर सुमन ही बन सकती है। • यही मज़दूर इस भारी पत्थर को हटा सकता है। कर्तृवाच्य के वाक्यों को कर्मवाच्य और भाववाच्य में बदला जा सकता है। कर्तृवाच्य में कर्ता की असमर्थता दर्शाने के लिए क्रिया एवं नहीं के साथ सक के विभिन्न रूपों का भी प्रयोग किया जा सकता है; जैसे – • मैं चीनी भाषा नहीं लिख सकता हूँ। • यह मोटा आदमी तेज़ नहीं दौड़ सकता है। • बच्चे आज खेलने बाहर नहीं जा सकते हैं। • मोहन यह सवाल हल नहीं कर सकता है। 2. कर्मवाच्य-जिस वाक्य में कर्म की प्रधानत...