अधिशोषण एवं अवशोषण में अंतर बतायें।

  1. 5. पृष्ठ
  2. अधिशोषण क्या है प्रकार तथा उपयोग लिखिए, विधि, अवशोषण में अंतर, उपयोगिता
  3. अवशोषण और अधिशोषण में अंतर बताइए
  4. अधिशोषण (adsorption) क्या है , अवशोषण (absorption) की परिभाषा , क्रिया विधि में अधिशोषण
  5. अधिशोषण तथा अवशोषण में अंतर क्या है परिभाषा adsorption & absorption – 11th , 12th notes In hindi
  6. भौतिक अधिशोषण तथा रसाद शोषण में चार प्रमुख अंतर बताएं? » Bhautik Addhisosan Tatha Rasad Shoshan Mein Char Pramukh Antar Batayen


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5. पृष्ठ

Class 12th Model SET 2023 Download उत्तर⇒भौतिक अधिशोषण और रासायनिक अधिशोषण में निम्नलिखित अन्तर है- भौतिक अधिशोषण (Physical Adsorption) रासायनिक अधिशोषण 1. इसकी अधिशोषण ऊष्मा अपेक्षाकृत कम होती है। अधिशोषण ऊष्मा 1-5 कि. कै, अधिशोषण के प्रति मोल होती है। (Chemical Adsorption) 1. इसकी अधिशोषण ऊष्मा अपेक्षाकृत अधिक होती है। अधिशोषण ऊष्मा 20-100 कि. कै. अधिशोष्य के प्रति मोल होती 2. भौतिक अधिशोषण साम्य काफी शीघ्रता (more readily) से स्थापित होता है सामान्यतः उत्क्रमणीय (reversible) होता है। 2. रासायनिक अधिशोषण साम्य अपेक्षाकृत धीरे-धीरे स्थापित होता है और यह अनुत्क्रमणीय (irreversiblel) होता है। 3. ये कमजोर वान्डर वाल बल से जुड़े रहते हैं। 3. ये मजबूत रासायनिक बन्धन बनाते हैं। 4. इसमें बहुस्तर (multi layers) बनते हैं। 4. इसमें एक-अणुक स्तर (Unimolecular layer) बनता है। 5. दाब के बढ़ने से अधिशोषण का वेग काफी बढ़ जाता है। 5. अधिशोषण में दाब के वृद्धि का प्रभाव नगण्य घटता है। प्रश्न 2. बहुअणुक एवं वृहदागुण कोलॉइड में क्या अन्तर है? प्रत्येक का एक-एक उदाहरण दीजिए। सहचारी कोलॉइड इन दोनों प्रकार के कोलॉइडों से कैसे भिन्न हैं ? उत्तर⇒ अवयवों का आकार व प्रकृति के आधार पर कोलॉइडों को निम्न रूप से वर्गीकृत किया जा सकता है (क) बहुआण्विक कोलॉइड (ख) वृहदाण्विक कोलॉइड (ग) सहचारी कोलॉइड (मिसेल)। (क) बहआण्विक कोलॉइड-विलीन करने पर किसी पदार्थ के बहुत-से परमाणु या लघु अणु एकत्रित होकर पूँज जैसी ऐसी स्पीशीज बनाते हैं। जिनका आकार कोलॉइडी सीमा (व्यास 1 ….(i) फ्रायन्डलिक अधिशोषक समतापी ….(ii) यह लैंग्मयूर अधिशोषण समतापी कहलाता है। समीकरण (i) व (ii) से ठोस द्वारा गैसों का अधिशोषण ज्ञात किया जाता है।...

अधिशोषण क्या है प्रकार तथा उपयोग लिखिए, विधि, अवशोषण में अंतर, उपयोगिता

जब किसी ठोस पदार्थ को द्रव या गैस के संपर्क में रखा जाता है तो ठोस की सतह पर द्रव या गैस स्थाई रूप से एकत्रित हो जाती है इस प्रक्रिया को अधिशोषण (adsorption in Hindi) कहते हैं। अधिशोषण की घटना में ठोस पदार्थ की सतह पर द्रव या गैस की सांद्रता बढ़ जाती है अधिशोषण एक ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है। अधिशोषण प्रक्रिया जिस पृष्ठ पर होती है उसे अधिशोषक कहते हैं। एवं जिस ठोस पदार्थ पर अधिशोषण होता है उससे अधिशोष्य कहते हैं। अधिशोषण के उदाहरण • NH 3 का चारकोल द्वारा अधिशोषण • अभ्रक धातु द्वारा नाइट्रोजन का अधिशोषण • सिलिका जेल द्वारा जल का अधिशोषण • चारकोल द्वारा ब्रोमीन का अधिशोषण अधिशोषण के प्रकार अधिशोषण दो प्रकार के होते हैं। (1) भौतिक अधिशोषण (2) रासायनिक अधिशोषण भौतिक और रासायनिक अधिशोषण पर हमनें एक अलग से लेख तैयार किया है जिसका लिंक दिया गया है। पढ़ें.. भौतिक तथा रासायनिक अधिशोषण क्या है अधिशोषण को प्रभावित करने वाले कारक 1. ताप का प्रभाव – ताप बढ़ाने पर भौतिक अधिशोषण का मान घटता है चूंकि अधिशोषण एक ऊष्माक्षेपी प्रक्रम है तथा रासायनिक अधिशोषण का मान प्रारंभ में बढ़ता है फिर बाद में घटता है। 2. दाब का प्रभाव – दाब के बढ़ाने पर अधिशोषण की क्रिया में वृद्धि होती है। 3. पृष्ठ क्षेत्रफल का प्रभाव – अधिशोषण, पृष्ठीय क्षेत्रफल पर निर्भर करता है एवं पृष्ठीय क्षेत्रफल बढ़ाने पर अधिशोषण का मान बढ़ता है। अधिशोषण के उपयोग • कार्बनिक यौगिकों के शोधन में • उत्प्रेरक सिद्धांत की व्याख्या में • गैस मास्क में • जल के शोधन में • अक्रिय गैसों को अलग करने में आदि अवशोषण यह एक स्थूल प्रक्रिया है इसमें अधिशोषण एक समान दर से होता है अवशोषण में कोई सार्थक ऊष्मा परिवर्तन नहीं होता है। अवशोषण के उदाहरण • ...

अवशोषण और अधिशोषण में अंतर बताइए

अवशोषण तथा अधिशोषण में निम्नांकित अंतर है: अवशोषण- (i) इस प्रक्रिया में एक पदार्थ दूसरे पदार्थ में समान रूप से वितरित रहते हैं। (ii) इसमें सम्पूर्ण पदार्थ में सान्द्रण समान रहता है (iii) अवशोषण समान गति से होता है । अधिशोषण-(i) इस प्रक्रिया में एक पदार्थ दूसरे पदार्थ के सतह पर जमा होते हैं। (ii) इसमें सतह पर अंदर की अपेक्षा सान्द्रण अधिक होता है। (iii) अधिशाषण शुरू में तीव्र गति से होता है, पर उब रिक्त सतह नहीं रहता हे तो धीमी हो जाती है| हेलो दोस्तो आपका प्रश्न है अवशोषण और अधिशोषण में अंतर बताइए तो चलिए इस प्रेस को हल करते हैं तो दोस्तों अवशोषण और अधिशोषण यह दो प्रकार की 12 प्रक्रम है इनको समझते हैं और इनमें अंतर यहां पर लिखेंगे या तो अवशोषण और यहां पर मैं लिख रहा हूं इसके सापेक्ष अधिशोषण अधिशोषण ठीक है अधिशोषण ठीक है ना दोस्तों अधिशोषण क्या होता है सबसे पहले उसको चित्र से समझ लेते हैं यहां पर दोस्तों मैंने एक चित्र बनाया है आपके यहां तो देख सकते हैं अधिशोषण में क्या होता है जो हमारा यह अधिशोषण जाइए पृष्ठीय घटना है जबकि अवशोषण क्या है दोस्तों एक अंतरंग घटना है ठीक है अब अंतरंग और पृष्टि घटना क्या है आप यहां पर चित्र में देख सकते हैं कि जो अधिशोषण जो हमारा अधिसूचित होता है वह अधिशोषण कि केवल और केवल सतह पर आकर एकत्रित होता है सतह पर जमा होता है अभी शोषक की सतह पर अधिसूचित होने वाला पदार्थ तो इस वजह से दोस्तों यह एक सत्य घटना या फिर पृष्ठीय घटना होती है जबकि अवशोषण में क्या होगा जो उसको जो अधिशोषण है अधिक से अधिक शोषक के भीतर अधिसूचित जो पदार्थ है अभी शोषित होने वाला पदार्थ वह सत्य पर तो एकत्रित होगा ही साथ ही साथ उसके अधीक्षक के भीतर भी जाकर बैठ जाएगा जैसा कि आप चित्र में...

अधिशोषण (adsorption) क्या है , अवशोषण (absorption) की परिभाषा , क्रिया विधि में अधिशोषण

3. विशोषण (Desorption) : यदि अधिशोषक को गर्म करने पर अधिशोष्य के कण अधिशोषक की सतह से दूर हट जाते है , यह घटना विशोषण कहलाती है। 4. शोषण (sorption) : जब एक ही पदार्थ में अधिशोषण व अवशोषण , दोनों घटनाएं साथ साथ संपन्न होती है तो यह घटना शोषण कहलाती है। शोषण = अधिशोषण + अवशोषण उदाहरण : हाइड्रोजन गैस पहले सक्रीय चारकोल पर अधिशोषित होती है तथा कुछ समय पश्चात् यह गैस चारकोल में अवशोषित हो जाती है। उदाहरण 2 : रंजक , रेशे पर पहले अधिशोषित होते है तथा कुछ समय पश्चात् अवशोषण हो जाता है। अधिशोषण व अवशोषण में अंतर

अधिशोषण तथा अवशोषण में अंतर क्या है परिभाषा adsorption & absorption – 11th , 12th notes In hindi

adsorption (अधिशोषण ) & absorption (अवशोषण ) definition and difference in hindi में अंतर क्या है परिभाषा पृष्ठ रसायन परिभाषा : रसायन विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत अतः ठोस या द्रव की सतह पर दूसरे पदार्थ का संचित होना अधिशोषण कहलाता है। नोट : वह पदार्थ जो ठोस या द्रव की सतह पर संचित होता है उसे अधिशोष्य कहते है तथा जिस पदार्थ पर अधिशोषण की घटना होती है उसे अधिशोषक कहते है। अवशोषण (absorption ): जब अधिशोष्य ,अधिशोषक में समान रूप से वितरित हो जाता है तो उसे अवशोषण कहते है। उदाहरण : • स्पंज के टुकड़े को जल के संपर्क में रखने पर • कागज़ के टुकड़े को जल के सम्पर्क में रखने पर • NH 3गैस को जल के संपर्क में रखने पर NH 3 + H 2O = NH 4OH • निर्जल CaCl 2 को जल वाष्प के सम्पर्क में रखने पर। diagram ? अधिशोषण तथा अवशोषण में अंतर : अधिशोषण (adsorption) अवशोषण (absorption ) 1. यह सतह घटना है अर्थात अधिशोषक की सतह पर घटित होती है। यह स्थूल घटना है अर्थात यह अधिशोषक के सम्पूर्ण भाग में घटित होती है। 2. अधिशोष्य की सांद्रता सतह पर अधिक होती है। अधिशोष्य की सांद्रता सभी जगह एक समान रहती है।

भौतिक अधिशोषण तथा रसाद शोषण में चार प्रमुख अंतर बताएं? » Bhautik Addhisosan Tatha Rasad Shoshan Mein Char Pramukh Antar Batayen

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। आपका सवाल है भौजी का भी सो जाना और रासायनिक शोषण में क्या अंतर है तू जानते हैं पहले बहुत ही कभी श्वसन में अंतर यह कौन 10 वर्ष के रूप में कार्य करता है इसमें हिंदी में टेंपरेचर की जरूरत पड़ती है या उत्क्रमणीय होता है या 9292 का स्तर पर होता है ताप बढ़ाने पर विश्लेषण विधि का पेट भर जाता है या गैस की प्रकृति पर निर्भर करता है जो आसानी से द्रवित होने वाली गैसों को अधिसूचित चिंता से होती है उसके बाद रसायन शोषण में अंतर पहला अंतर है इसे अभी शोषण में ऊष्मा और ऊर्जा में होती है इसके कान से अधिसूचित अनवर का मजबूत बंधन द्वारा जुड़ा होता है यह एक निश्चित तौर पर मरता और फिर घटता है या अनुज गर्मियां होता है यह एक कवि का स्तर पर होती हैं ताप बढ़ने पर अधिशोषण विरदी का बेवकूफ को कम कर देती हैं या किसी भी गैस की पर खेती पर निर्भर करती है अधिवेशन के साथ रासायनिक बंधन बनाने वाली गैस राजधानी का विशेषण को प्रदर्शित करती है aapka sawaal hai bhauji ka bhi so jana aur Rasayanik shoshan me kya antar hai tu jante hain pehle bahut hi kabhi shwasan me antar yah kaun 10 varsh ke roop me karya karta hai isme hindi me temperature ki zarurat padti hai ya utkramaniya hota hai ya 9292 ka sthar par hota hai taap badhane par vishleshan vidhi ka pet bhar jata hai ya gas ki prakriti par nirbhar karta hai jo aasani se dravit hone wali gases ko adhisoochit chinta se hoti hai uske baad rasayan shoshan me antar pehla antar hai ise abhi shoshan me ushma aur urja me hoti hai iske kaan se adhisoochit...