अकबर वंशावळ

  1. अकबर का साम्राज्य विस्तार, शासन व्यवस्था, धार्मिक नीति
  2. मोगल
  3. कुछ ऐसी थी भगवान राम की वंशावली, जानें ब्रह्माजी से लेकर श्रीराम तक के जन्म की कहानी
  4. वंशावळ कशी काढावी
  5. वंशावळ
  6. जलाल उद्दीन मोहम्मद अकबर की जीवनी और इतिहास
  7. मोगल
  8. अकबर
  9. जलाल उद्दीन मोहम्मद अकबर की जीवनी और इतिहास
  10. अकबर का साम्राज्य विस्तार, शासन व्यवस्था, धार्मिक नीति


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अकबर का साम्राज्य विस्तार, शासन व्यवस्था, धार्मिक नीति

जलाल्लुद्दीन मुहम्मदअकबर का जन्म अमरकोट के हिन्दू सामन्त राणा बीरसाल के महल में 15 अक्टूबर 1542 के अकबर की नव विवाहित हमीदा बानू बेगम से हुआ । इसका पिता इस समय शेरशाह के हाथों पराजित होकर इधर-उधर भटक रहा था। इसी बीच अकबर अपने माता-पिता से बिछुड़ गये और उसके चाचा ने इनका पालन पोषण किया। अकबर का बाल्यकाल अन्यन्त संकटपूर्ण स्थिति में व्यतीत हुआ और शिक्षा के प्रति सहयोग नहीं मिल पाया परन्तु उसने तीन और तलवार चलाने, कुशलता से घुड़सवारी करनासीख गया। केवल 12 वर्ष की अवस्था में 1554 को हुमायूं ने उसे गजनी का सुबेदार नियुक्त किया था। 1555 ई. में अकबर को लाहौर पर अपना अधिकार जमा लिया। इसके बाद हुमायूं ने उसे अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। अकबर का संक्षिप्त परिचय नाम जलाल्लुद्दीन मुहम्मदअकबर राजकाल 1556-1605 ई .तक जन्म 15 अक्टूबर 1542 अमरकोट के हिन्दू सामन्त राणा बीरसाल के महल में हुआ पिता हुमायूं, 27 जनवरी 1556 को मृत्यु हुई माता हमीदा बानू बेगम राज्याभिषेक 14 फरवरी 1556 ई. पुत्र सलीम, (जहांगीर) मृत्यु 16 अक्टूबर 1605 ई. उत्तराधिकारी सलीम, जहांगीर के नाम से सिंहासन पर आसीन हुआ अकबर का राज्यारोहण 27 जनवरी 1556 को जब हुमायूं का निधन हुआ उस समय अकबर बैरम खां के पास कलानौर (पंजाब) में था वहीं तेरह वर्ष की अवस्था में 14 फरवरी 1556 को अकबर का राज्याभिषेक कर दिया और उसको मुगल सम्राट घोषित कर दिया। अकबर की कठिनाईयां साम्राज्य के विरोध-अकबर जिस समय शासक बना कठिनाइयों का अम्बार लगा हुआ था। पुराने दुश्मन हारे थे कुचले नहीं थे, सूरवंशीय सिकन्दर, इब्राहीम और आदिलशाह मुगलों को ललकार रहे थे। अफगान सत्ता को पुन: स्थापित करना चाहते थे। आदिल शाह के मंत्री हेमू ने आगरा व दिल्ली पर अधिकार कर लिया था ...

मोगल

या लेखातील हा साचा मुघल सम्राटांनी (किंवा मुघलांनी) नंतरच्या अनेक मुघल सम्राटांकडे वैवाहिक संबंधांद्वारे महत्त्वपूर्ण भारतीय राजपूत आणि पर्शियन वंश होते, कारण सम्राटांचा जन्म राजपूत आणि पर्शियन राजकन्यांमध्ये झाला होता. उदाहरणार्थ, अकबर अर्धा पर्शियन होता (त्याची आई पर्शियन वंशाची होती), जहांगीर हा अर्धा राजपूत आणि चतुर्थांश पर्शियन होता आणि शाहजहान तीन चतुर्थांश राजपूत होता. औरंगजेबाच्या कारकिर्दीत, जगातील सर्वात मोठी अर्थव्यवस्था म्हणून जागतिक जीडीपीच्या २५% पेक्षा जास्त किमतीच्या साम्राज्याने, पूर्वेकडील चितगाव ते पश्चिमेला काबूल आणि बलुचिस्तान, उत्तरेकडील काश्मीरपर्यंत जवळजवळ सर्व भारतीय उपखंड नियंत्रित केले. दक्षिणेला कावेरी नदीचे खोरे. मुघल घराण्याची वंशावळ. प्रत्येक राजाची फक्त प्रमुख संतती तक्त्यामध्ये दिली आहे. त्यावेळी त्याची लोकसंख्या ११० ते १५० दशलक्ष (जगाच्या लोकसंख्येच्या एक चतुर्थांश) दरम्यान असण्याचा अंदाज आहे, ज्याचे क्षेत्रफळ ४ दशलक्ष चौरस किलोमीटर (१.२ दशलक्ष चौरस मैल) पेक्षा जास्त आहे. १८ व्या शतकात मुघल सत्तेचा झपाट्याने घट झाला आणि शेवटचा सम्राट, बहादूर शाह दुसरा, १८५७ मध्ये ब्रिटीश राजाची स्थापना करून पदच्युत झाला. मुघल सम्राटांची यादी मुघल सम्राटांची यादी अशी काहीशी आहे. • जांभळ्या रेषा उत्तर भारतावरील सुरी साम्राज्याच्या संक्षिप्त राजवटीचे प्रतिनिधित्व करतात. • भारतातील मुघल वंशाचा • बाबरानंतर मुघलांच्या अनेक पिढ्यांनी भारतावर राज्य केले. • ज्यांच्यापैकी अकवार एक महान शासक असल्याचे सिद्ध झाले. चित्र नाव जन्म नाव जन्म राज्यकाल मृत्यु टिप्पणियाँ बाबर بابر ظہیر الدین محمد 14 फ़रवरी 1483 20 अप्रैल 1526 – 26 दिसम्बर 1530 26 दिसंबर 1530 (आयु 47) हुमायूँ ...

कुछ ऐसी थी भगवान राम की वंशावली, जानें ब्रह्माजी से लेकर श्रीराम तक के जन्म की कहानी

आज यानी 5 अगस्त 2020 को भगवान श्रीराम (Lord Shri Rama) की जन्मभूमि अयोध्या (Ayodhya) में भव्य राम मंदिर (Rama Mandir) निर्माण के लिए भूमि पूजन किया जाएगा. इसके लिए पहले से ही अयोध्या में जोरदार तैयारियां चल रही थीं. भगवान श्रीराम हिंदूओं के आराध्य देवता हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीराम का जन्म अयोध्या में त्रेया युग में हुआ था. भगवान राम विष्णु के 7वें अवतार माने जाते हैं. कहते हैं भगवान राम का जन्म सूर्य वंश में हुआ था. राम मंदिर भूमि पूजन के मौके पर आइए जानते हैं भगवान श्रीराम की वंश परंपरा के बारे में यानी ब्रह्रााजी से लेकर भगवान राम तक की जानकारी. विवस्वान से पुत्र वैवस्वत मनु हुए ब्रह्माजी से मरीचि हुए और मरीचि के पुत्र कश्यप हुए. इसके बाद कश्यप के पुत्र विवस्वान हुए. जब विवस्वान हुए तभी से सूर्यवंश का आरंभ माना जाता है. विवस्वान से पुत्र वैवस्वत मनु हुए. वैवस्वत मनु के 10 पुत्र हुए- इल, इक्ष्वाकु, कुशनाम (नाभाग), अरिष्ट, धृष्ट, नरिष्यन्त, करुष, महाबली, शर्याति और पृषध. भगवान राम का जन्म वैवस्वत मनु के दूसरे पुत्र इक्ष्वाकु के कुल में हुआ था. आपको बता दें कि जैन धर्म के तीर्थंकर निमि भी इसी कुल में पैदा हुए थे. अयोध्या नगरी की स्थापना इक्ष्वाकु के समय ही हुई इक्ष्वाकु से सूर्यवंश में वृद्धि होती चली गई. इक्ष्वाकु वंश में कई पुत्रों का जन्म हुआ जिनमें विकुक्षि, निमि और दण्डक पुत्र शामिल हैं. समय के साथ धीरे-धीरे यह वंश परंपरा आगे की तरफ बढ़ती चली गई जिसमें हरिश्चन्द्र रोहित, वृष, बाहु और सगर भी पैदा हुए. अयोध्या नगरी की स्थापना इक्ष्वाकु के समय ही हुई. इक्ष्वाकु कौशल देश के राजा थे जिसकी राजधानी साकेत थी, जिसे अयोध्या कहा जाता है. रामायण में गुरु वशिष्ठ ...

वंशावळ कशी काढावी

या पोस्ट मध्ये काय शिकायला मिळेल • वंशावळ कशी काढावी • वंशावळ म्हणजे काय • वंशावळ कशी बनवायची • वंशावळ कशी काढायची मराठी • वंशावळ नमुना Pdf फ्री मध्ये डाउनलोड करा • जातीचा दाखला काढण्यासाठी वंशावळ कशी काढावी • जात वैधता प्रमाणपत्र बनवण्यासाठी वंशावळ कशी काढावी • वंशावळ मराठी अर्थ - वंशावळ marathi meaning • वंशावळ meaning in English • वंशावळ चे काही प्रश्नांची उत्तरे Vanshaval kashi kadhavi | Vanshaval Mhanje Kay | What is Vanshaval in marathi | Vanshaval Kashi Banavayachi | Vanshaval Kashi Kadhayachi in Marathi वंशावळ कशी काढावी मराठी - वंशावळी लेखन कसे करतात तुम्हाला माहित आहे का ? - वंशावळ का काढतात - वंशावळ काढण्याची पद्धत - वंशावळ काढणे याचा नमुना - व्हॅलिडीटी काढण्यासाठी वंशावळ कशी काढावी - जाती वैधता प्रमाणपत्र वंशावळ नमुना. -vanshavali format in marathi pdf -vanshavali format for caste validity -vanshavali format in english -vanshavali format in marathi word -vanshavali format word -vanshavali format pdf -vanshavali format in hindi -vanshavali format download - वंशावळ कशी काढावी हा सर्वात मोठा प्रश्न लोकांच्या समोर येतो. जर पाहायला गेलं तर वंशावळ कशी काढायची हा प्रश्न आल्यानंतर खूप सारा व्यक्तींना समजत नाही आता पुढे काय करायचे वंशावळ कशी काढायची वंशावळ कशी लिहायची वंशावळ लिहिण्यासाठी कोणत्या गोष्टींची आवश्यकता असते. जर वंशावळ काढण्याचा नमुना किंवा त्याला आपण वंशावळ फॉरमॅट म्हणू शकतो तो जर मिळाला तर बरं होईल असं सर्व व्यक्तींना वाटते. वंशावळ काढण्यासाठी सर्वात आधी तुम्हाला माहिती पाहिजे की वंशावळ तुम्ही कशासाठी काढत आहेत. तुम्हाला वंशावळ कशासाठी लागणार आहे हा प्रश्न ...

वंशावळ

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जलाल उद्दीन मोहम्मद अकबर की जीवनी और इतिहास

History of Akbar in Hindi हमारे इस लेख में हम अकबर के बारे में (History of Akbar in Hindi) आपको बताने जा रहे है। अतः आप इस लेख को अंत तक पढ़े ताकि आपको अकबर कौन था, अकबर की जीवनी (Akbar ka Itihaas) व उनके घटनाओं से जुड़ी पूरी जानकारी के बारे में पता चल सके। जलाल उद्दीन मोहम्मद अकबर की जीवनी और इतिहास | History of Akbar in Hindi विषय सूची • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • अकबर के बारे संक्षिप्त जानकारी (Akbar History in Hindi) बिन्दू जानकारी पूरा नाम जलाल उद्दी मोहम्मद अकबर पिता का नाम नसीरुद्दीन हुमायूँ माता का नाम हमीदा बानो जन्म स्थान अमरकोट पाकिस्तान वंशज तैमूर वंश उपाधियां अकबर-ए आज़म, शहंशाह अकबर Akbar Biography in Hindi अकबर कौन था? अकबर मुगल सम्राट नसीरुद्दीन हुमायूं का पुत्र था और अकबर का जन्म 15 अक्टूबर 1542 ईसवी को सिंध में स्थित राजपूत शासक राणा अमरसाल के महल उमेरकोट में हुआ था। अकबर ने अपनी बहादुरी के दम पर पूरे भारतवर्ष पर राज किया और अकबर के इसी बहादुरी को देखते हुए लोगों ने अकबर को जहांपनाह की उपाधि दे दी। अकबर बहुत ही बहादुर होने के साथ-साथ एक अच्छा राजा भी था। अकबर सदैव अपने प्रजा के हित के लिए कार्य किया करता था और प्रजा की हर एक समस्या पर ध्यान देता था। अकबर के इसी काम को देखते हुए सभी लोगों ने अकबर को अकबर महान की उपाधि से सम्मानित किया। अकबर के जन्म के बाद इनके पिता हुमायूं ने देश से बाहर निकाल दिया था और इसीलिए अकबर अपने पिता से दूर होकर अपने चाचा के यहां अफगानिस्तान चला गया। अकबर के चाचा का नाम अधिकारी था। अफगानिस्तान में अकबर का उनके चाचा चाची ने पालन पोषण किया और अच्छे संस्कार भी दिए। अकबर जब अपनी युवावस्था में था तो उसे युद्ध करना बेहद पसंद ...

मोगल

या लेखातील हा साचा मुघल सम्राटांनी (किंवा मुघलांनी) नंतरच्या अनेक मुघल सम्राटांकडे वैवाहिक संबंधांद्वारे महत्त्वपूर्ण भारतीय राजपूत आणि पर्शियन वंश होते, कारण सम्राटांचा जन्म राजपूत आणि पर्शियन राजकन्यांमध्ये झाला होता. उदाहरणार्थ, अकबर अर्धा पर्शियन होता (त्याची आई पर्शियन वंशाची होती), जहांगीर हा अर्धा राजपूत आणि चतुर्थांश पर्शियन होता आणि शाहजहान तीन चतुर्थांश राजपूत होता. औरंगजेबाच्या कारकिर्दीत, जगातील सर्वात मोठी अर्थव्यवस्था म्हणून जागतिक जीडीपीच्या २५% पेक्षा जास्त किमतीच्या साम्राज्याने, पूर्वेकडील चितगाव ते पश्चिमेला काबूल आणि बलुचिस्तान, उत्तरेकडील काश्मीरपर्यंत जवळजवळ सर्व भारतीय उपखंड नियंत्रित केले. दक्षिणेला कावेरी नदीचे खोरे. मुघल घराण्याची वंशावळ. प्रत्येक राजाची फक्त प्रमुख संतती तक्त्यामध्ये दिली आहे. त्यावेळी त्याची लोकसंख्या ११० ते १५० दशलक्ष (जगाच्या लोकसंख्येच्या एक चतुर्थांश) दरम्यान असण्याचा अंदाज आहे, ज्याचे क्षेत्रफळ ४ दशलक्ष चौरस किलोमीटर (१.२ दशलक्ष चौरस मैल) पेक्षा जास्त आहे. १८ व्या शतकात मुघल सत्तेचा झपाट्याने घट झाला आणि शेवटचा सम्राट, बहादूर शाह दुसरा, १८५७ मध्ये ब्रिटीश राजाची स्थापना करून पदच्युत झाला. मुघल सम्राटांची यादी मुघल सम्राटांची यादी अशी काहीशी आहे. • जांभळ्या रेषा उत्तर भारतावरील सुरी साम्राज्याच्या संक्षिप्त राजवटीचे प्रतिनिधित्व करतात. • भारतातील मुघल वंशाचा • बाबरानंतर मुघलांच्या अनेक पिढ्यांनी भारतावर राज्य केले. • ज्यांच्यापैकी अकवार एक महान शासक असल्याचे सिद्ध झाले. चित्र नाव जन्म नाव जन्म राज्यकाल मृत्यु टिप्पणियाँ बाबर بابر ظہیر الدین محمد 14 फ़रवरी 1483 20 अप्रैल 1526 – 26 दिसम्बर 1530 26 दिसंबर 1530 (आयु 47) हुमायूँ ...

अकबर

अनुक्रम • 1 जीवन परिचय • 1.1 नाम • 1.2 आरम्भिक जीवन • 1.3 राजतिलक • 2 राज्य का विस्तार • 3 प्रशासन • 3.1 मुद्रा • 3.2 राजधानी स्थानांतरण • 4 नीतियां • 4.1 विवाह संबंध • 5 कामुकता • 5.1 पुर्तगालियों से संबंध • 5.2 तुर्कों से संबंध • 6 धर्म • 6.1 हिन्दू धर्म पर प्रभाव • 6.2 हिंदु धर्म से लगाव • 6.3 सुलह-ए-कुल • 7 अकबर के नवरत्न • 8 फिल्म एवं साहित्य में • 9 मुग़ल सम्राटों का कालक्रम • 10 इन्हें भी देखें • 11 सन्दर्भ • 12 बाहरी कड़ियाँ जीवन परिचय दिल्ली का शासन उसने मुग़ल सेनापति तारदी बैग खान को सौंप दिया। सिकंदर शाह सूरी अकबर के लिए बहुत बड़ा प्रतिरोध साबित नहीं हुआ। कुछ प्रदेशो में तो अकबर के पहुँचने से पहले ही उसकी सेना पीछे हट जाती थी। अकबर की अनुपस्थिति में हेमू विक्रमादित्य ने दिल्ली और सत्ता की वापसी दिल्ली की पराजय का समाचार जब अकबर को मिला तो उसने तुरन्त ही बैरम खान से परामर्श कर के दिल्ली की तरफ़ कूच करने का इरादा बना लिया। अकबर के सलाहकारो ने उसे चहुँओर विस्तार दिल्ली पर पुनः अधिकार जमाने के बाद अकबर ने अपने राज्य का विस्तार करना शुरू किया और प्रशासन अकबर ने अपने शासनकाल में राजधानी स्थानांतरण किन्तु ये निर्णय सही सिद्ध नहीं हुआ और कुछ ही समय के बाद अकबर को राजधानी फतेहपुर सीकरी से हटानी पड़ी। इसके पीछे पानी की कमी प्रमुख कारण था। फतेहपुर सीकरी के बाद अकबर ने एक चलित दरबार की रचना की जो पूरे साम्राज्य में घूमता रहता था और इस प्रकार साम्राज्य के सभी स्थानों पर उचित ध्यान देना संभव हुआ। बाद में उसने सन दो प्रमुख राजपूत वंश, गढ़ सिवान के राठौर कल्याणदास ने कामुकता तत्कालीन समाज में वेश्यावृति को सम्राट का संरक्षण प्रदान था। उसकी एक बहुत बड़ी हरम थी जिसमें बहुत सी स्त...

जलाल उद्दीन मोहम्मद अकबर की जीवनी और इतिहास

History of Akbar in Hindi हमारे इस लेख में हम अकबर के बारे में (History of Akbar in Hindi) आपको बताने जा रहे है। अतः आप इस लेख को अंत तक पढ़े ताकि आपको अकबर कौन था, अकबर की जीवनी (Akbar ka Itihaas) व उनके घटनाओं से जुड़ी पूरी जानकारी के बारे में पता चल सके। जलाल उद्दीन मोहम्मद अकबर की जीवनी और इतिहास | History of Akbar in Hindi विषय सूची • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • अकबर के बारे संक्षिप्त जानकारी (Akbar History in Hindi) बिन्दू जानकारी पूरा नाम जलाल उद्दी मोहम्मद अकबर पिता का नाम नसीरुद्दीन हुमायूँ माता का नाम हमीदा बानो जन्म स्थान अमरकोट पाकिस्तान वंशज तैमूर वंश उपाधियां अकबर-ए आज़म, शहंशाह अकबर Akbar Biography in Hindi अकबर कौन था? अकबर मुगल सम्राट नसीरुद्दीन हुमायूं का पुत्र था और अकबर का जन्म 15 अक्टूबर 1542 ईसवी को सिंध में स्थित राजपूत शासक राणा अमरसाल के महल उमेरकोट में हुआ था। अकबर ने अपनी बहादुरी के दम पर पूरे भारतवर्ष पर राज किया और अकबर के इसी बहादुरी को देखते हुए लोगों ने अकबर को जहांपनाह की उपाधि दे दी। अकबर बहुत ही बहादुर होने के साथ-साथ एक अच्छा राजा भी था। अकबर सदैव अपने प्रजा के हित के लिए कार्य किया करता था और प्रजा की हर एक समस्या पर ध्यान देता था। अकबर के इसी काम को देखते हुए सभी लोगों ने अकबर को अकबर महान की उपाधि से सम्मानित किया। अकबर के जन्म के बाद इनके पिता हुमायूं ने देश से बाहर निकाल दिया था और इसीलिए अकबर अपने पिता से दूर होकर अपने चाचा के यहां अफगानिस्तान चला गया। अकबर के चाचा का नाम अधिकारी था। अफगानिस्तान में अकबर का उनके चाचा चाची ने पालन पोषण किया और अच्छे संस्कार भी दिए। अकबर जब अपनी युवावस्था में था तो उसे युद्ध करना बेहद पसंद ...

अकबर का साम्राज्य विस्तार, शासन व्यवस्था, धार्मिक नीति

जलाल्लुद्दीन मुहम्मदअकबर का जन्म अमरकोट के हिन्दू सामन्त राणा बीरसाल के महल में 15 अक्टूबर 1542 के अकबर की नव विवाहित हमीदा बानू बेगम से हुआ । इसका पिता इस समय शेरशाह के हाथों पराजित होकर इधर-उधर भटक रहा था। इसी बीच अकबर अपने माता-पिता से बिछुड़ गये और उसके चाचा ने इनका पालन पोषण किया। अकबर का बाल्यकाल अन्यन्त संकटपूर्ण स्थिति में व्यतीत हुआ और शिक्षा के प्रति सहयोग नहीं मिल पाया परन्तु उसने तीन और तलवार चलाने, कुशलता से घुड़सवारी करनासीख गया। केवल 12 वर्ष की अवस्था में 1554 को हुमायूं ने उसे गजनी का सुबेदार नियुक्त किया था। 1555 ई. में अकबर को लाहौर पर अपना अधिकार जमा लिया। इसके बाद हुमायूं ने उसे अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। अकबर का संक्षिप्त परिचय नाम जलाल्लुद्दीन मुहम्मदअकबर राजकाल 1556-1605 ई .तक जन्म 15 अक्टूबर 1542 अमरकोट के हिन्दू सामन्त राणा बीरसाल के महल में हुआ पिता हुमायूं, 27 जनवरी 1556 को मृत्यु हुई माता हमीदा बानू बेगम राज्याभिषेक 14 फरवरी 1556 ई. पुत्र सलीम, (जहांगीर) मृत्यु 16 अक्टूबर 1605 ई. उत्तराधिकारी सलीम, जहांगीर के नाम से सिंहासन पर आसीन हुआ अकबर का राज्यारोहण 27 जनवरी 1556 को जब हुमायूं का निधन हुआ उस समय अकबर बैरम खां के पास कलानौर (पंजाब) में था वहीं तेरह वर्ष की अवस्था में 14 फरवरी 1556 को अकबर का राज्याभिषेक कर दिया और उसको मुगल सम्राट घोषित कर दिया। अकबर की कठिनाईयां साम्राज्य के विरोध-अकबर जिस समय शासक बना कठिनाइयों का अम्बार लगा हुआ था। पुराने दुश्मन हारे थे कुचले नहीं थे, सूरवंशीय सिकन्दर, इब्राहीम और आदिलशाह मुगलों को ललकार रहे थे। अफगान सत्ता को पुन: स्थापित करना चाहते थे। आदिल शाह के मंत्री हेमू ने आगरा व दिल्ली पर अधिकार कर लिया था ...