अखंड भारत फोटो

  1. नए संसद भवन में 'अखंड भारत' की तस्वीर पर बवाल, पाकिस्तान, नेपाल ने जताई आपत्ति, जयशंकर ने दिया ये जवाब
  2. नए संसद भवन में दिखा 'अखंड भारत' का नक्शा, ट्विटर पर मची हलचल, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी बोले
  3. संसद भवन में दिखा 'अखंड भारत' का नक्शा, जानिए कितना विशाल था 'अखंड भारत'?
  4. 'अखंड भारता'ची कल्पना आणि इतिहास... नवीन संसद भवनातील 'ते' भित्तिचित्र काय सुचवते ? The idea and history of 'Akhand Bharat'... What does 'That' mural in the new parliament building suggest?
  5. नई संसद के भित्तिचित्र पर नेपाल में विवाद, ‘अखंड भारत’ का नक्शा होने से विदेश मंत्रालय का इनकार
  6. akhand bharat in the new Parliament Foreign Minister S Jaishankar gave the reason for this
  7. 'अखंड भारत' से लेकर समुद्र मंथन तक... नए संसद में लगीं प्राचीन भारत को दर्शाती ये खास कलाकृतियां
  8. Akhand Bharat Part
  9. 'अखंड भारत' से लेकर समुद्र मंथन तक... नए संसद में लगीं प्राचीन भारत को दर्शाती ये खास कलाकृतियां
  10. संसद भवन में दिखा 'अखंड भारत' का नक्शा, जानिए कितना विशाल था 'अखंड भारत'?


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नए संसद भवन में 'अखंड भारत' की तस्वीर पर बवाल, पाकिस्तान, नेपाल ने जताई आपत्ति, जयशंकर ने दिया ये जवाब

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को नए संसद भवन में 'अखंड भारत' के नक्शे को लेकर उठे विवाद को खारिज करते हुए कहा कि यह राजनीतिक मुद्दा नहीं है और नेपाल जैसे मित्र देशों ने भारत के स्पष्टीकरण को समझ लिया है, लेकिन पाकिस्तान जैसा देश इसे समझने की क्षमता नहीं रखता। मंत्री ने नेपाल और बांग्लादेश जैसे मित्र पड़ोसी देशों में उठाए जा रहे मुद्दे पर एक सवाल के जवाब में यह बात कही। इस पर विवाद के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा, (विदेश मंत्रालय) के प्रवक्ता (अरिंदम बागची) पहले ही बता चुके हैं कि नक्शा अशोकन साम्राज्य के विस्तार को दर्शाता है। इस पूरक प्रश्न पर कि क्या स्पष्टीकरण नेपाल जैसे मित्र राष्ट्रों और पाकिस्तान जैसे मित्र राष्ट्रों के लिए समान नहीं है, मंत्री ने चुटकी ली, मुझे नहीं लगता कि यह एक राजनीतिक मुद्दा है। मित्र देशों ने इसे समझा है। पाकिस्तान के पास समझने की क्षमता नहीं है। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड', जो पिछले हफ्ते भारत आए थे, से उनकी वापसी पर नक्शे के बारे में पूछा गया था। बुधवार को, प्रचंड ने नेशनल असेंबली को बताया कि नक्शा राजनीतिक नहीं है और उन्होंने अपनी हाल ही में संपन्न भारत यात्रा के दौरान इस मुद्दे को उठाया था। प्रचंड ने कहा, हमने नए भारतीय मानचित्र का मुद्दा उठाया, जिसे संसद में रखा गया है। हमने विस्तृत अध्ययन नहीं किया है, लेकिन जैसा कि मीडिया में बताया गया है, हमने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया, लेकिन इसके जवाब में, भारतीय पक्ष ने कहा कि यह एक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक मानचित्र है न कि राजनीतिक। इसे राजनीतिक रूप से नहीं देखा जाना चाहिए। इसका अध्ययन करने की आवश्यकता है। लेकिन मैंने इसे उठाया है। नेपाल और पाकिस्तान जैसे देशों में नक्शा...

नए संसद भवन में दिखा 'अखंड भारत' का नक्शा, ट्विटर पर मची हलचल, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी बोले

नई दिल्ली. नए संसद भवन में एक भित्ति चित्र प्राचीन भारत के प्रभाव को दर्शाता है. यह भित्ति चित्र रविवार को सोशल मीडिया पर सामने आया, जिसमें कई लोगों ने दावा किया कि यह ‘अखंड भारत’ के संकल्प को दर्शाता है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ‘अखंड भारत’ को एक ‘सांस्कृतिक अवधारणा’ के रूप में वर्णित करता है. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन किया. संसद भवन में भित्तिचित्र, अतीत के महत्वपूर्ण साम्राज्यों और शहरों को चिह्नित करता है और वर्तमान पाकिस्तान में तत्कालीन तक्षशिला में प्राचीन भारत के प्रभाव को दर्शाता है. कर्नाटक बीजेपी ने शेयर की तस्वीरें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की कर्नाटक इकाई ने नये संसद भवन के अंदर प्राचीन भारत, चाणक्य, सरदार वल्लभभाई पटेल और बीआर. आंबेडकर के अलावा देश की सांस्कृतिक विविधता के भित्ति चित्रों सहित कलाकृतियों की तस्वीरें शेयर कीं. ये भी पढ़ें- बीजेपी की कर्नाटक इकाई ने अपने ट्विटर हैंडल पर कहा, ‘यह हमारी गौरवपूर्ण महान सभ्यता की जीवंतता का प्रतीक है.’ वहीं संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ट्विटर पर कहा, ‘संकल्प स्पष्ट है- अखंड भारत.’ इसके अलावा मुंबई उत्तर-पूर्व से लोकसभा सदस्य मनोज कोटक ने ट्विटर पर कहा, ‘नई संसद में अखंड भारत. यह हमारे शक्तिशाली और आत्मनिर्भर भारत का प्रतिनिधित्व करता है.’ ट्विटर पर कई लोगों ने की तारीफ ट्विटर पर कई लोगों ने भी नए संसद भवन में ‘अखंड भारत’ के चित्रण का स्वागत किया और पूछा कि क्या यह विपक्ष के समारोह के बहिष्कार का कारण था. राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय के महानिदेशक अद्वैत गडनायक ने कहा, ‘हमारा विचार प्राचीन युगों के दौरान भारतीय विचारों के प्रभाव को चित्रित करना था. यह उत्...

संसद भवन में दिखा 'अखंड भारत' का नक्शा, जानिए कितना विशाल था 'अखंड भारत'?

राज एक्सप्रेस। कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को नए संसद भवन की सौगात दी। भव्य और विशाल नए संसद भवन की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं। नए संसद भवन में कई ऐसी चीजें हैं, जिन्होंने सोशल मीडिया पर लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। इन्हीं चीजों में से एक है, नई संसद भवन की दीवार पर बना अखंड भारत का नक्शा। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस नक्शे की फोटो ट्वीट करते हुए कहा कि, ‘संकल्प स्पष्ट है- अखंड भारत।’ इसके बाद से ही लोग संसद भवन में अखंड भारत का नक्शा लगाने की तारीफ कर रहे हैं। तो चलिए जानते हैं कि आखिर अखंड भारत क्या है? और यह कितना विशाल था? अखंड भारत क्या है? दरअसल अखंड भारत असल में प्राचीन भारत है। सामान्य भाषा में समझे तो वर्तमान में जो भारत है, उसकी तुलना में प्राचीन भारत बहुत विशाल था। इसकी सीमाएं दूर-दूर तक फैली थी। समय के साथ-साथ भारत के टुकड़े होते गए और अलग-अलग नए देश बनते गए। ऐसे में भारत के टुकड़ों में बिखरने से पहले का जो भू-भाग है, उसे ही अखंड भारत कहा जाता है। अखंड भारत कितना विशाल था? दरअसल नए संसद भवन में बने अखंड भारत के नक्शे में भारत के महत्वपूर्ण साम्राज्यों और शहरों को चिन्हित किया गया है। इसमें वर्तमान पाकिस्तान में तत्कालीन तक्षशिला और सिंधु को भी भारत के हिस्से के तौर पर दिखाया गया है। वैसे अखंड भारत को लेकर दो-दो अलग-अलग परिकल्पना है। कई लोग भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के एकीकरण को अखंड भारत मानते हैं। वहीं कई लोग हजारों साल पहले के उस भारत को अखंड भारत कहते हैं, जिसमें उसकी सीमाएं दूर-दूर तक फैली थीं। कहा जाता है कि 1947 में पाकिस्तान का बनना असल में पिछले 2500 सालों में भारत का 24वां विभाजन था। वहीं साल 1857 स...

'अखंड भारता'ची कल्पना आणि इतिहास... नवीन संसद भवनातील 'ते' भित्तिचित्र काय सुचवते ? The idea and history of 'Akhand Bharat'... What does 'That' mural in the new parliament building suggest?

संसदीय कामकाजमंत्री प्रल्हाद जोशी यांनी दि. २८ मे रोजी संसदेतील एका भित्तिचित्राचे ट्वीट केले आहे. हे भित्तिचित्र आधुनिक भारतातील भौगोलिक सीमांचे नाही, तर प्राचीन भारताच्या भूभागाचे चित्रण करते. या ट्वीटमध्ये कन्नडमध्ये लिहिलं आहे की, ‘संकल्प स्पष्ट आहे – अखंड भारत.’ त्यांच्या ट्वीटचा अर्थ सांगताना ते म्हणाले की, ”‘अखंड भारत’ ही संकल्पना प्राचीन भारतीय संस्कृतीतून आली आहे. आताचे नवीन संसद भारताच्या प्रत्येक संस्कृतीचे, क्षेत्राचे प्रतिनिधित्व करणारे आहे.” या भित्तिचित्रामुळे काही राजकीय वाद निर्माण होत आहेत. नेपाळचे पंतप्रधान पुष्प कमल दहल यांनी या चित्राबाबत चिंता व्यक्त केली आहे. तसेच नेपाळचे माजी पंतप्रधान बाबुराम भट्टराई यांनी या चित्रामुळे पुन्हा राजनैतिक वाद निर्माण होतील, असे सांगितले आहे, असे ‘पीटीआय’ने वृत्त दिले आहे. “नवीन फुटवेअर घे, सारखे तेच दिसत आहेत…,” हेमांगी कवी ट्रोल, सडेतोड उत्तर देत म्हणाली… संसदेमधील या भित्तिचित्राबद्दल शुक्रवारी परराष्ट्र व्यवहार मंत्रालयाचे प्रवक्ते अरिंदम बागची म्हणाले की, ‘अखंड भारता’चे भित्तिचित्र हे अशोक साम्राज्याचा प्रसार आणि त्याने (अशोक) स्वीकारलेल्या आणि प्रसारित केलेल्या जबाबदार आणि लोकाभिमुख शासनाची कल्पना दर्शवते.” संसदेतील प्रशस्त स्वागतकक्षातील १६ कोपऱ्यांमध्ये १६ भित्तिचित्रे आहेत. त्यातील काही भित्तिचित्रे ही भारतीय ऋषी, प्राचीन ग्रंथ, रामायण, सरदार वल्लभभाई पटेल आणि जवाहरलाल नेहरू यांना समर्पित आहेत. हेही वाचा: अखंड भारत आजच्या अफगाणिस्तान ते म्यानमार आणि तिबेट ते श्रीलंकेपर्यंत पसरलेल्या भूभागाला व्यापून, रामायणाच्या काळापासून अस्तित्वात असलेल्या भारतीय राष्ट्राची रा. स्व. संघ परिवाराने दीर्घकाळ कल्पना केली आहे. रा...

नई संसद के भित्तिचित्र पर नेपाल में विवाद, ‘अखंड भारत’ का नक्शा होने से विदेश मंत्रालय का इनकार

नए संसद भवन के उद्घाटन के बाद केंद्रीय संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इसके एक भित्तिचित्र की एक तस्वीर ट्वीट कर इसे कथित रूप से ‘अखंड भारत’ बताया था. इसका विरोध करते हुए नेपाल में प्रदर्शन किए गए हैं. पाकिस्तान ने भी इस पर आपत्ति जताई है. नई संसद में बना भित्तिचित्र, जो विवाद के केंद्र में आ गया है. (फोटो साभार: ट्विटर/@JoshiPralhad) नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में नवनिर्मित संसद भवन में बने भारतीय उपमहाद्वीप के भूभाग से संबंधित भित्तिचित्र (Mural) को लेकर नेपाल के कई नेताओं ने इसे लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है. यहां इसके विरोध में प्रदर्शन भी हुए हैं. इसके बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार (2 जून) को कहा कि नई संसद में बना भित्तिचित्र अशोक के साम्राज्य की सीमा के बारे में है. हालांकि एक भारतीय मंत्री द्वारा इसे ‘अखंड भारत’ बताने पर मंत्रालय ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. नए संसद भवन के उद्घाटन के बाद केंद्रीय संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भित्तिचित्र की एक तस्वीर ट्वीट की थी, जिसका शीर्षक था, ‘संकल्प स्पष्ट है – अखंड भारत’. ಸಂಕಲ್ಪ ಸ್ಪಷ್ಟವಾಗಿದೆ – ಅಖಂಡ ಭಾರತ 🇮🇳 — Pralhad Joshi (@JoshiPralhad) नक्शा लुम्बिनी और कपिलवस्तु जैसे नेपाली शहरों को विस्तारित साम्राज्य की सीमाओं के भीतर चित्रित करता प्रतीत होता था. यह विवाद ऐसे समय उभरा है, जब नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता केपी शर्मा ओली ने आशा व्यक्त की है कि इस मामले को भारत सरकार के समक्ष उठाया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘भारत जैसा देश जो खुद को एक प्राचीन, स्थापित देश के साथ लोकतंत्र के मॉडल के रूप में देखता है, वह नेपाली क्षेत्रों को अपने नक्शे में शामिल करता है और संसद में इस नक्शे ...

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नई संसद में अखंड भारत का मैप, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताई इसकी वजह विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को नए संसद भवन में 'अखंड भारत' के नक्शे को लेकर उठे विवाद को खारिज करते हुए कहा कि यह राजनीतिक मुद्दा नहीं है और नेपाल जैसे मित्र देशों ने भारत के स्पष्टीकरण को समझ लिया है, लेकिन पाकिस्तान जैसा देश इसे समझने की क्षमता नहीं रखता. नई दिल्लीः विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को नए संसद भवन में 'अखंड भारत' के नक्शे को लेकर उठे विवाद को खारिज करते हुए कहा कि यह राजनीतिक मुद्दा नहीं है और नेपाल जैसे मित्र देशों ने भारत के स्पष्टीकरण को समझ लिया है, लेकिन पाकिस्तान जैसा देश इसे समझने की क्षमता नहीं रखता. मंत्री ने नेपाल और बांग्लादेश जैसे मित्र पड़ोसी देशों में उठाए जा रहे मुद्दे पर एक सवाल के जवाब में यह बात कही. बताया क्या है इसकी वजह इस पर विवाद के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा, (विदेश मंत्रालय) के प्रवक्ता (अरिंदम बागची) पहले ही बता चुके हैं कि नक्शा अशोकन साम्राज्य के विस्तार को दर्शाता है. इस पूरक प्रश्न पर कि क्या स्पष्टीकरण नेपाल जैसे मित्र राष्ट्रों और पाकिस्तान जैसे मित्र राष्ट्रों के लिए समान नहीं है, मंत्री ने चुटकी ली, मुझे नहीं लगता कि यह एक राजनीतिक मुद्दा है. मित्र देशों ने इसे समझा है. पाकिस्तान के पास समझने की क्षमता नहीं है. नेपाल के पीएम ने भी दिया जवाब नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड', जो पिछले हफ्ते भारत आए थे, से उनकी वापसी पर नक्शे के बारे में पूछा गया था. बुधवार को, प्रचंड ने नेशनल असेंबली को बताया कि नक्शा राजनीतिक नहीं है और उन्होंने अपनी हाल ही में संपन्न भारत यात्रा के दौरान इस मुद्दे को उठाया था. जानिए क्या बोले थे प्रचंड प्रचंड...

'अखंड भारत' से लेकर समुद्र मंथन तक... नए संसद में लगीं प्राचीन भारत को दर्शाती ये खास कलाकृतियां

from akhand bharat to samudra manthan these special artefacts depicting ancient india inst... 'अखंड भारत' से लेकर समुद्र मंथन तक... नए संसद में लगीं प्राचीन भारत को दर्शाती ये खास कलाकृतियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन किया, जिसके बाद से इस नई इमारत और इसके अंदर लगी कलाकृतियों की तस्वीरें वायरल हो रही हैं. इसमें अखंड भारत से लेकर समुद्र मंथन तक की झलक दिखाई गई है. (तस्वीरें साभार- Twitter@BJP4Karnataka) • Last Updated :May 28, 2023, 20:39 IST • Written by Saad Bin Omer 01 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन किया. संसद भवन की इस बेहद आकर्षक हाईटेक और आकर्षक नई इमारत की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं. इनमें संसद भवन में लगे 'अखंड भारत' से लेकर समुद्र मंथन तक के भित्ती चित्र के अलावा देश के महानायकों और सांस्कृतिक विविधता की झलक दिखाई गई है. 03 इसके अलावा एक अन्य भित्तिचित्र में चाणक्य को दर्शाया गया है. वह चंद्रगुप्त मौर्य के महामंत्री थे और कौटिल्य या विष्णुगुप्त नाम से भी मशहूर हैं. मौर्य वंश की स्थापना में उनका बड़ा योगदान माना जाता है. कौटिल्य ने अर्थशास्त्र नामक ग्रन्थ की रचना की थी, जो राजनीति, अर्थनीति, कृषि और समाजशास्त्र आदि का महान ग्रंथ माना जाता है. 'अखंड भारत' से लेकर समुद्र मंथन तक... नए संसद में लगीं प्राचीन भारत को दर्शाती ये खास कलाकृतियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन किया. संसद भवन की इस बेहद आकर्षक हाईटेक और आकर्षक नई इमारत की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं. इनमें संसद भवन में लगे 'अखंड भारत' से लेकर समुद्र मंथन तक के भित्ती चित्र के अला...

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भारत के प्राचीन काल का नक्शा देखा जाए तो वो एक दहाड़ते हुए सिंह की तरफ नजर आता है। जिसे हम अकंड भारत का नक्शा भी कहते हैं। अखंड इसलिए क्योंकि समय के साथ भारत का कई भागों में विभाजन हुआ और ये कई भागों में बंट गया। पहले के समय में भारत 16 जनपदों में बंटा हुआ था। आज तो ये सभी जानते हैं कि बांग्लादेश और पाकिस्तान तो भारत से ही अलग हुए हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि इनको मिलाकर करीब 20 से भी ज्यादा देश भारत से अलग हो चुके हैं। 25 सौ साल पहले भारत अखंड हुआ करता था। लेकिन अरब, तुर्क, शक्य, फूल, कुशल, डच, पुर्तगाली, फ्रांसीसि और अंग्रेजों ने मिलकर भारत के कई टुकड़े कर दिए। आज आपको बताते हैं कि अखंड भारत की अवधारणा क्या है और कभी इतने सारे देशों को खुद में समाहित करने वाला अखंड भारत कैसे इतने टुकड़ों में बंट गया। इसे भी पढ़ें: क्या है अखंड भारत का मतलब अखंड भारत का अर्थ है अविभाजित भारत जिसका भौगोलिक विस्तार प्राचीन काल में बहुत विस्तृत था और इसमें वर्तमान अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, म्यांमार, थाइलैंड शामिल थे। अखंड भारत का विचार सनातन भारतीय सभ्यता जितना ही पुराना है क्योंकि इसे प्राचीन भारतीय शास्त्रों में विधिवत स्थान मिला। तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व, वर्तमान के अफगानिस्तान, पाकिस्तान, आधुनिक भारत, नेपाल, बर्मा, तिब्बत, भूटान और बांग्लादेश के आधुनिक राष्ट्रों को भारतीय उपमहाद्वीप कवर करता था। बाद में कई स्वतंत्र राज्यों में विभाजित किया गया था। ऋषियों के आश्रम में पले और युगपुरुषों की उंगली थाम कर चले वाले अखंड भारत की कहानी अपने आप में बहुत ही दिलचस्प रही है। इतिहास का पहला पन्ना तब लिखा गया था जब मनुष्यों ने दिन को समय और तारीखों में बांटना नहीं सीखा था। आज मानच...

'अखंड भारत' से लेकर समुद्र मंथन तक... नए संसद में लगीं प्राचीन भारत को दर्शाती ये खास कलाकृतियां

from akhand bharat to samudra manthan these special artefacts depicting ancient india inst... 'अखंड भारत' से लेकर समुद्र मंथन तक... नए संसद में लगीं प्राचीन भारत को दर्शाती ये खास कलाकृतियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन किया, जिसके बाद से इस नई इमारत और इसके अंदर लगी कलाकृतियों की तस्वीरें वायरल हो रही हैं. इसमें अखंड भारत से लेकर समुद्र मंथन तक की झलक दिखाई गई है. (तस्वीरें साभार- Twitter@BJP4Karnataka) • Last Updated :May 28, 2023, 20:39 IST • Written by Saad Bin Omer 01 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन किया. संसद भवन की इस बेहद आकर्षक हाईटेक और आकर्षक नई इमारत की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं. इनमें संसद भवन में लगे 'अखंड भारत' से लेकर समुद्र मंथन तक के भित्ती चित्र के अलावा देश के महानायकों और सांस्कृतिक विविधता की झलक दिखाई गई है. 03 इसके अलावा एक अन्य भित्तिचित्र में चाणक्य को दर्शाया गया है. वह चंद्रगुप्त मौर्य के महामंत्री थे और कौटिल्य या विष्णुगुप्त नाम से भी मशहूर हैं. मौर्य वंश की स्थापना में उनका बड़ा योगदान माना जाता है. कौटिल्य ने अर्थशास्त्र नामक ग्रन्थ की रचना की थी, जो राजनीति, अर्थनीति, कृषि और समाजशास्त्र आदि का महान ग्रंथ माना जाता है. 'अखंड भारत' से लेकर समुद्र मंथन तक... नए संसद में लगीं प्राचीन भारत को दर्शाती ये खास कलाकृतियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन किया. संसद भवन की इस बेहद आकर्षक हाईटेक और आकर्षक नई इमारत की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं. इनमें संसद भवन में लगे 'अखंड भारत' से लेकर समुद्र मंथन तक के भित्ती चित्र के अला...

संसद भवन में दिखा 'अखंड भारत' का नक्शा, जानिए कितना विशाल था 'अखंड भारत'?

राज एक्सप्रेस। कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को नए संसद भवन की सौगात दी। भव्य और विशाल नए संसद भवन की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं। नए संसद भवन में कई ऐसी चीजें हैं, जिन्होंने सोशल मीडिया पर लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। इन्हीं चीजों में से एक है, नई संसद भवन की दीवार पर बना अखंड भारत का नक्शा। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस नक्शे की फोटो ट्वीट करते हुए कहा कि, ‘संकल्प स्पष्ट है- अखंड भारत।’ इसके बाद से ही लोग संसद भवन में अखंड भारत का नक्शा लगाने की तारीफ कर रहे हैं। तो चलिए जानते हैं कि आखिर अखंड भारत क्या है? और यह कितना विशाल था? अखंड भारत क्या है? दरअसल अखंड भारत असल में प्राचीन भारत है। सामान्य भाषा में समझे तो वर्तमान में जो भारत है, उसकी तुलना में प्राचीन भारत बहुत विशाल था। इसकी सीमाएं दूर-दूर तक फैली थी। समय के साथ-साथ भारत के टुकड़े होते गए और अलग-अलग नए देश बनते गए। ऐसे में भारत के टुकड़ों में बिखरने से पहले का जो भू-भाग है, उसे ही अखंड भारत कहा जाता है। अखंड भारत कितना विशाल था? दरअसल नए संसद भवन में बने अखंड भारत के नक्शे में भारत के महत्वपूर्ण साम्राज्यों और शहरों को चिन्हित किया गया है। इसमें वर्तमान पाकिस्तान में तत्कालीन तक्षशिला और सिंधु को भी भारत के हिस्से के तौर पर दिखाया गया है। वैसे अखंड भारत को लेकर दो-दो अलग-अलग परिकल्पना है। कई लोग भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के एकीकरण को अखंड भारत मानते हैं। वहीं कई लोग हजारों साल पहले के उस भारत को अखंड भारत कहते हैं, जिसमें उसकी सीमाएं दूर-दूर तक फैली थीं। कहा जाता है कि 1947 में पाकिस्तान का बनना असल में पिछले 2500 सालों में भारत का 24वां विभाजन था। वहीं साल 1857 स...