अखंड ज्योति बुझ जाए तो क्या करना चाहिए

  1. Navratri 2021: नवरात्रि में जलाने जा रहे हैं अखंड ज्योति, तो पहले जान लें ये जरूरी बातें और नियम
  2. अखंड ज्योति गलती से बुझ जाये तो क्या करे? – Expert
  3. Navratri 2021: नवरात्रि में अखंड ज्योति प्रज्वलित करने का है खास महत्‍व, जानें इसके नियम
  4. आखिर नवरात्रि में क्यों जलाई जाती है अखंड ज्योत, यहां जानें इसका महत्व और लाभ
  5. Navratri 2021: नवरात्रि में जलाने जा रहे हैं अखंड ज्योति, तो पहले जान लें ये जरूरी बातें और नियम
  6. अखंड ज्योति गलती से बुझ जाये तो क्या करे? – Expert
  7. आखिर नवरात्रि में क्यों जलाई जाती है अखंड ज्योत, यहां जानें इसका महत्व और लाभ
  8. Navratri 2021: नवरात्रि में अखंड ज्योति प्रज्वलित करने का है खास महत्‍व, जानें इसके नियम
  9. Navratri 2021: नवरात्रि में जलाने जा रहे हैं अखंड ज्योति, तो पहले जान लें ये जरूरी बातें और नियम
  10. अखंड ज्योति गलती से बुझ जाये तो क्या करे? – Expert


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Navratri 2021: नवरात्रि में जलाने जा रहे हैं अखंड ज्योति, तो पहले जान लें ये जरूरी बातें और नियम

नई दिल्‍ली: नवरात्रि (Navratri) में घट स्‍थापना करने और अखंड ज्‍योति (Akhand Jyoti) प्रज्‍वलित करने का बहुत महत्‍व है. यह देवी मां की कृपा पाने का सबसे अच्‍छा तरीका होता है. इससे मां दुर्गा (Maa Durga) भक्‍तों की सारी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. लेकिन घट स्‍थापना और अखंड ज्‍योति को लेकर जो नियम (Akhand Jyoti Rules) बताए गए हैं, उनका पालन करना बहुत जरूरी होता है. वरना इससे उल्‍टे नतीजे मिलते हैं. - अखंड ज्‍योति (Akhand Jyoti) को सीधे जमीन पर न रखें बल्कि लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर दीपक रखें. - अखंड ज्‍योति की विधि-विधान से पूजा करें. ज्‍योति प्रज्‍वलित करने से पहले इसका संकल्‍प लें और पूरे भक्ति-भाव से मां दुर्गा से इसे निर्विघ्‍न पूरा करने की प्रार्थना करें. - अखंड ज्‍योति 9 दिनों तक चौबीसों घंटे प्रज्‍वलित रहनी चाहिए. दिए की लौ किसी भी सूरत में बुझनी नहीं चाहिए, ऐसा होना बहुत ही अशुभ होता है. लिहाजा इसके लिए पर्याप्‍त इंतजाम करें. यह भी पढ़ें: - लौ को कभी पीठ न दिखाएं. - जब तक घर में अखंड ज्‍योति जले घर को अकेला न छोड़ें. - इस दौरान मां की आराधना करें, जाप करें. - अखंड ज्योति को गंदे हाथों से न छुएं. - अखंड ज्योति के लिए शुद्ध देसी घी का उपयोग करना अच्‍छा होता है लेकिन ऐसा संभव न हो तो तिल या सरसों का तेल उपयोग करें. - यदि घर में अखंड ज्योति प्रज्‍वलित न कर पाएं तो मंदिर में जाकर ज्‍योति के लिए घी दान करें और मंत्र जाप करें. -अखंड ज्योति में रूई की जगह कलावे का उपयोग करें और इसकी लंबाई ज्‍यादा रखें ताकि वह 9 दिनों तक जलता रहे. - सबसे अहम बात यह है कि नवरात्रि समाप्त होने पर भी दीपक को स्‍वयं ही ठंडा होने दें, उसे बुझाने की गलती न करें. (नोट: इस लेख में दी गई...

अखंड ज्योति गलती से बुझ जाये तो क्या करे? – Expert

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • अखंड ज्योति गलती से बुझ जाये तो क्या करे? यदि अखंड ज्योत बुझ जाए और खंडित ना हो तो इसे दोबारा जला देना चाहिए। एक ज्योति बुझ जाने से देवी मां अपने भक्तों का कभी अहित नहीं करती हैं। हमें किसी भी प्रकार के अंधविश्वास मे नहीं पड़ना चाहिए। दीया बुझने से क्या होता है? मान्यता है कि पूजा में दीपक के बुझ जाने से भक्त की मनोकामनाओं की पूर्ति होने में बाधा आती है। पूजा में दीपक के बुझ जाने को भक्त से देवी-देवता के नाराज होने का भी संकेत माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि सच्चे हृदय से भगवान की पूजा नहीं करने पर दीपक बुझ जाता है। दीपक की लौ तेज होने का क्या मतलब है? दीपक की लौ तेज होने का मतलब है कि ईश्वर की कृपा आपके ऊपर है। ईश्वर आपकी हर कार्य में सहायता कर रहे हैं। रोज पूजा करने वाले अपने भक्तों को ईश्वर कई प्रकार के संकेतों के जरिए बताने की कोशिश करते हैं कि वे आपकी पूजा से प्रसन्न हैं। अखंड ज्योत कैसे लगाई जाती है? अखंड ज्योति को जमीन की जगह किसी लकड़ी की चौकी पर रखकर जलाना चाहिए. ज्योति को रखने से पहले इसके नीचे अष्टदल बना लें. अखंड ज्योति को कभी भी गंदे हाथों से छूना नहीं चाहिए. चैत्र नवरात्रि के में अखंड दीपक मंदिर को अग्नि कोण दिशा में प्रज्जवलित करें. अखंड ज्योति कब तक जलाएं? उसी प्रकार नवरात्रि के नौ दिनों तक अखंड ज्योति (Akhand Jyoti) प्रज्जवलित करने का विधान है। रायपुर. Navratri 2021: नवरात्रि शुरू हो गए हैं। शाम का दीपक कितने बजे जलाना चाहिए? दीपक जलाने का सही समय और दिशा क्या है पूजा के दौरान दीपक जलाने के लिए सर्वोत्तम समय सुबह 5 बजे से 10 बजे तक और शाम को 5 बजे से 7 बजे के बीच में जलाना शुभ है. दीपक पूर्व दिशा की ओ...

Navratri 2021: नवरात्रि में अखंड ज्योति प्रज्वलित करने का है खास महत्‍व, जानें इसके नियम

Navratri 2021: नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा का आर्शीवाद पाने के लिए अखंड ज्‍याति (Akhand Jyoti) प्रज्‍वलित करने का अपना एक खास महत्‍व है. नवरात्रि शुरू होने के पहले दिन ही कलश स्‍थापित होने के बाद इसे जलाई जाती है और अपने मन में देवी के प्रति समर्पण और भक्ति को दर्शाया जाता है. यह तन और मन में अंधकार को दूर करने का प्रतीक होता है. अखंड ज्‍योति को नवरात्रि (Navratri) में प्रज्‍वलित करने के अपने नियम होते हैं. यह पूरे नौ दिन बिना बुझे जलाए जाने का प्रावधान है. यह माना जाता है कि अगर यह पूरे 9 दिन प्रज्‍वलित रही तो पुण्‍य मिलता है और घर में सुख शांति और सम्‍पन्‍नता आती है. मां का आर्शीवाद पूरे परिवार को मिलता है. लेकिन अगर यह बुझ गया तो इसे अपशगुण माना जाता है. क्‍या है मान्‍यता मान्‍यता है कि अगर भक्‍त संकल्‍प लेकर नवरात्रि में अखंड ज्‍योति प्रज्‍वलित करे और उसे पूरी भावना और मन से जलाए रखे तो देवी प्रसन्‍न होती हैं और उसकी सभी मनोकामना पूर्ण करती हैं. इस दीपक के सामने जप करने से हजार गुणा फल मिलता है. ये भी पढ़ें: अखंड ज्‍योति जलाने के नियम -अखंड ज्योति को आप जमीन की बजाय किसी लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़े बिछाकर रखकर जलाएं. -इस बात का ध्यान रखें कि ज्योति को रखने से पहले इसके नीचे अष्टदल बना हो. -अखंड ज्योति को गंदे हाथों से बिल्कुल भी छूना नहीं चाहिए. -अखंड ज्योति को कभी अकेले या पीठ दिखाकर नहीं जाना चाहिए. -अखंड ज्योति जलाने के लिए शुद्ध देसी घी का इस्तेमाल करना चाहिए. आप तिल का तेल या सरसों का तेल भी प्रयोग में ला सकते हैं. ये भी पढ़ें: -अगर आप घर में अखंड ज्योति की देखभाल नहीं कर सकते हैं तो आप किसी मंदिर में देसी घी अखंड ज्योति के लिए दान करें. -अखंड ज्योति के लिए रूई ...

आखिर नवरात्रि में क्यों जलाई जाती है अखंड ज्योत, यहां जानें इसका महत्व और लाभ

नवरात्रि यानि नौ दिनों तक चलने वाली देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना के साथ ही इस पावन पर्व पर कई घरों में घटस्थापना होती है. इसके साथ ही कई जगह अखंड ज्योत का भी विधान है. शक्ति की आराधना करने वाले जातक अखंड ज्योति जलाकर मां दुर्गा की साधना करते हैं. अखंड ज्योति अर्थात ऐसी ज्योति जो खंडित न हो. अखंड ज्योत पूरे नौ दिनों तक अखंड रहनी चाहिए यानी जलती रहनी चाहिए. अंखड दीप को विधिवत मंत्रोच्चार से प्रज्जवलित करना चाहिए. नवरात्रि में कई नियमों का पालन किया जाता है. नवरात्रि में अखंड ज्योति का महत्व नवरात्रि में अखंड ज्योत का बहुत महत्व होता है. इसका बुझना अशुभ माना जाता है. जहां भी ये अखंड ज्योत जलाई जाती है वहां पर किसी न किसी की उपस्थिति जरुरी होती, इसे सूना छोड़कर कहीं नहीं जाना चाहिए. अखंड ज्योत में दीपक की लौ बाएं से दाएं की तरफ जलनी चाहिए. इस प्रकार का जलता हुआ दीपक आर्थिक प्राप्‍ति का सूचक होता है. दीपक का ताप दीपक से 4 अंगुल चारों ओर अनुभव होना चाहिए, इससे दीपक भाग्योदय का सूचक होता है. जिस दीपक की लौ सोने के समान रंग वाली हो, वह दीपक आपके जीवन में धन-धान्य की वर्षा कराता है एवं व्यवसाय में तरक्की का संदेश देता है. लगातार 1 वर्ष तक अंखड ज्योति जलने से हर प्रकार की खुशियों की बौछार होती है. ऐसा दीपक वास्तु दोष, क्लेश, तनाव, गरीबी आदि सभी प्रकार की समस्याओं को दूर करता है. अगर आपकी अखंड ज्योति बिना किसी कारण के स्वयं बुझ जाए तो इसे अशुभ माना जाता है. दीपक में बार-बार बत्ती नहीं बदलनी चाहिए. दीपक से दीपक जलाना भी अशुभ माना जाता है. ऐसा करने से रोग में वृद्ध‍ि होती है, मांगलिक कार्यो में बाधाएं आती हैं. संकल्प लेकर किए अनुष्‍ठान या साधना में अखंड ज्योति जलाने का प्रावधान ...

Navratri 2021: नवरात्रि में जलाने जा रहे हैं अखंड ज्योति, तो पहले जान लें ये जरूरी बातें और नियम

नई दिल्‍ली: नवरात्रि (Navratri) में घट स्‍थापना करने और अखंड ज्‍योति (Akhand Jyoti) प्रज्‍वलित करने का बहुत महत्‍व है. यह देवी मां की कृपा पाने का सबसे अच्‍छा तरीका होता है. इससे मां दुर्गा (Maa Durga) भक्‍तों की सारी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. लेकिन घट स्‍थापना और अखंड ज्‍योति को लेकर जो नियम (Akhand Jyoti Rules) बताए गए हैं, उनका पालन करना बहुत जरूरी होता है. वरना इससे उल्‍टे नतीजे मिलते हैं. - अखंड ज्‍योति (Akhand Jyoti) को सीधे जमीन पर न रखें बल्कि लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर दीपक रखें. - अखंड ज्‍योति की विधि-विधान से पूजा करें. ज्‍योति प्रज्‍वलित करने से पहले इसका संकल्‍प लें और पूरे भक्ति-भाव से मां दुर्गा से इसे निर्विघ्‍न पूरा करने की प्रार्थना करें. - अखंड ज्‍योति 9 दिनों तक चौबीसों घंटे प्रज्‍वलित रहनी चाहिए. दिए की लौ किसी भी सूरत में बुझनी नहीं चाहिए, ऐसा होना बहुत ही अशुभ होता है. लिहाजा इसके लिए पर्याप्‍त इंतजाम करें. यह भी पढ़ें: - लौ को कभी पीठ न दिखाएं. - जब तक घर में अखंड ज्‍योति जले घर को अकेला न छोड़ें. - इस दौरान मां की आराधना करें, जाप करें. - अखंड ज्योति को गंदे हाथों से न छुएं. - अखंड ज्योति के लिए शुद्ध देसी घी का उपयोग करना अच्‍छा होता है लेकिन ऐसा संभव न हो तो तिल या सरसों का तेल उपयोग करें. - यदि घर में अखंड ज्योति प्रज्‍वलित न कर पाएं तो मंदिर में जाकर ज्‍योति के लिए घी दान करें और मंत्र जाप करें. -अखंड ज्योति में रूई की जगह कलावे का उपयोग करें और इसकी लंबाई ज्‍यादा रखें ताकि वह 9 दिनों तक जलता रहे. - सबसे अहम बात यह है कि नवरात्रि समाप्त होने पर भी दीपक को स्‍वयं ही ठंडा होने दें, उसे बुझाने की गलती न करें. (नोट: इस लेख में दी गई...

अखंड ज्योति गलती से बुझ जाये तो क्या करे? – Expert

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • अखंड ज्योति गलती से बुझ जाये तो क्या करे? यदि अखंड ज्योत बुझ जाए और खंडित ना हो तो इसे दोबारा जला देना चाहिए। एक ज्योति बुझ जाने से देवी मां अपने भक्तों का कभी अहित नहीं करती हैं। हमें किसी भी प्रकार के अंधविश्वास मे नहीं पड़ना चाहिए। दीया बुझने से क्या होता है? मान्यता है कि पूजा में दीपक के बुझ जाने से भक्त की मनोकामनाओं की पूर्ति होने में बाधा आती है। पूजा में दीपक के बुझ जाने को भक्त से देवी-देवता के नाराज होने का भी संकेत माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि सच्चे हृदय से भगवान की पूजा नहीं करने पर दीपक बुझ जाता है। दीपक की लौ तेज होने का क्या मतलब है? दीपक की लौ तेज होने का मतलब है कि ईश्वर की कृपा आपके ऊपर है। ईश्वर आपकी हर कार्य में सहायता कर रहे हैं। रोज पूजा करने वाले अपने भक्तों को ईश्वर कई प्रकार के संकेतों के जरिए बताने की कोशिश करते हैं कि वे आपकी पूजा से प्रसन्न हैं। अखंड ज्योत कैसे लगाई जाती है? अखंड ज्योति को जमीन की जगह किसी लकड़ी की चौकी पर रखकर जलाना चाहिए. ज्योति को रखने से पहले इसके नीचे अष्टदल बना लें. अखंड ज्योति को कभी भी गंदे हाथों से छूना नहीं चाहिए. चैत्र नवरात्रि के में अखंड दीपक मंदिर को अग्नि कोण दिशा में प्रज्जवलित करें. अखंड ज्योति कब तक जलाएं? उसी प्रकार नवरात्रि के नौ दिनों तक अखंड ज्योति (Akhand Jyoti) प्रज्जवलित करने का विधान है। रायपुर. Navratri 2021: नवरात्रि शुरू हो गए हैं। शाम का दीपक कितने बजे जलाना चाहिए? दीपक जलाने का सही समय और दिशा क्या है पूजा के दौरान दीपक जलाने के लिए सर्वोत्तम समय सुबह 5 बजे से 10 बजे तक और शाम को 5 बजे से 7 बजे के बीच में जलाना शुभ है. दीपक पूर्व दिशा की ओ...

आखिर नवरात्रि में क्यों जलाई जाती है अखंड ज्योत, यहां जानें इसका महत्व और लाभ

नवरात्रि यानि नौ दिनों तक चलने वाली देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना के साथ ही इस पावन पर्व पर कई घरों में घटस्थापना होती है. इसके साथ ही कई जगह अखंड ज्योत का भी विधान है. शक्ति की आराधना करने वाले जातक अखंड ज्योति जलाकर मां दुर्गा की साधना करते हैं. अखंड ज्योति अर्थात ऐसी ज्योति जो खंडित न हो. अखंड ज्योत पूरे नौ दिनों तक अखंड रहनी चाहिए यानी जलती रहनी चाहिए. अंखड दीप को विधिवत मंत्रोच्चार से प्रज्जवलित करना चाहिए. नवरात्रि में कई नियमों का पालन किया जाता है. नवरात्रि में अखंड ज्योति का महत्व नवरात्रि में अखंड ज्योत का बहुत महत्व होता है. इसका बुझना अशुभ माना जाता है. जहां भी ये अखंड ज्योत जलाई जाती है वहां पर किसी न किसी की उपस्थिति जरुरी होती, इसे सूना छोड़कर कहीं नहीं जाना चाहिए. अखंड ज्योत में दीपक की लौ बाएं से दाएं की तरफ जलनी चाहिए. इस प्रकार का जलता हुआ दीपक आर्थिक प्राप्‍ति का सूचक होता है. दीपक का ताप दीपक से 4 अंगुल चारों ओर अनुभव होना चाहिए, इससे दीपक भाग्योदय का सूचक होता है. जिस दीपक की लौ सोने के समान रंग वाली हो, वह दीपक आपके जीवन में धन-धान्य की वर्षा कराता है एवं व्यवसाय में तरक्की का संदेश देता है. लगातार 1 वर्ष तक अंखड ज्योति जलने से हर प्रकार की खुशियों की बौछार होती है. ऐसा दीपक वास्तु दोष, क्लेश, तनाव, गरीबी आदि सभी प्रकार की समस्याओं को दूर करता है. अगर आपकी अखंड ज्योति बिना किसी कारण के स्वयं बुझ जाए तो इसे अशुभ माना जाता है. दीपक में बार-बार बत्ती नहीं बदलनी चाहिए. दीपक से दीपक जलाना भी अशुभ माना जाता है. ऐसा करने से रोग में वृद्ध‍ि होती है, मांगलिक कार्यो में बाधाएं आती हैं. संकल्प लेकर किए अनुष्‍ठान या साधना में अखंड ज्योति जलाने का प्रावधान ...

Navratri 2021: नवरात्रि में अखंड ज्योति प्रज्वलित करने का है खास महत्‍व, जानें इसके नियम

Navratri 2021: नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा का आर्शीवाद पाने के लिए अखंड ज्‍याति (Akhand Jyoti) प्रज्‍वलित करने का अपना एक खास महत्‍व है. नवरात्रि शुरू होने के पहले दिन ही कलश स्‍थापित होने के बाद इसे जलाई जाती है और अपने मन में देवी के प्रति समर्पण और भक्ति को दर्शाया जाता है. यह तन और मन में अंधकार को दूर करने का प्रतीक होता है. अखंड ज्‍योति को नवरात्रि (Navratri) में प्रज्‍वलित करने के अपने नियम होते हैं. यह पूरे नौ दिन बिना बुझे जलाए जाने का प्रावधान है. यह माना जाता है कि अगर यह पूरे 9 दिन प्रज्‍वलित रही तो पुण्‍य मिलता है और घर में सुख शांति और सम्‍पन्‍नता आती है. मां का आर्शीवाद पूरे परिवार को मिलता है. लेकिन अगर यह बुझ गया तो इसे अपशगुण माना जाता है. क्‍या है मान्‍यता मान्‍यता है कि अगर भक्‍त संकल्‍प लेकर नवरात्रि में अखंड ज्‍योति प्रज्‍वलित करे और उसे पूरी भावना और मन से जलाए रखे तो देवी प्रसन्‍न होती हैं और उसकी सभी मनोकामना पूर्ण करती हैं. इस दीपक के सामने जप करने से हजार गुणा फल मिलता है. ये भी पढ़ें: अखंड ज्‍योति जलाने के नियम -अखंड ज्योति को आप जमीन की बजाय किसी लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़े बिछाकर रखकर जलाएं. -इस बात का ध्यान रखें कि ज्योति को रखने से पहले इसके नीचे अष्टदल बना हो. -अखंड ज्योति को गंदे हाथों से बिल्कुल भी छूना नहीं चाहिए. -अखंड ज्योति को कभी अकेले या पीठ दिखाकर नहीं जाना चाहिए. -अखंड ज्योति जलाने के लिए शुद्ध देसी घी का इस्तेमाल करना चाहिए. आप तिल का तेल या सरसों का तेल भी प्रयोग में ला सकते हैं. ये भी पढ़ें: -अगर आप घर में अखंड ज्योति की देखभाल नहीं कर सकते हैं तो आप किसी मंदिर में देसी घी अखंड ज्योति के लिए दान करें. -अखंड ज्योति के लिए रूई ...

Navratri 2021: नवरात्रि में जलाने जा रहे हैं अखंड ज्योति, तो पहले जान लें ये जरूरी बातें और नियम

नई दिल्‍ली: नवरात्रि (Navratri) में घट स्‍थापना करने और अखंड ज्‍योति (Akhand Jyoti) प्रज्‍वलित करने का बहुत महत्‍व है. यह देवी मां की कृपा पाने का सबसे अच्‍छा तरीका होता है. इससे मां दुर्गा (Maa Durga) भक्‍तों की सारी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. लेकिन घट स्‍थापना और अखंड ज्‍योति को लेकर जो नियम (Akhand Jyoti Rules) बताए गए हैं, उनका पालन करना बहुत जरूरी होता है. वरना इससे उल्‍टे नतीजे मिलते हैं. - अखंड ज्‍योति (Akhand Jyoti) को सीधे जमीन पर न रखें बल्कि लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर दीपक रखें. - अखंड ज्‍योति की विधि-विधान से पूजा करें. ज्‍योति प्रज्‍वलित करने से पहले इसका संकल्‍प लें और पूरे भक्ति-भाव से मां दुर्गा से इसे निर्विघ्‍न पूरा करने की प्रार्थना करें. - अखंड ज्‍योति 9 दिनों तक चौबीसों घंटे प्रज्‍वलित रहनी चाहिए. दिए की लौ किसी भी सूरत में बुझनी नहीं चाहिए, ऐसा होना बहुत ही अशुभ होता है. लिहाजा इसके लिए पर्याप्‍त इंतजाम करें. यह भी पढ़ें: - लौ को कभी पीठ न दिखाएं. - जब तक घर में अखंड ज्‍योति जले घर को अकेला न छोड़ें. - इस दौरान मां की आराधना करें, जाप करें. - अखंड ज्योति को गंदे हाथों से न छुएं. - अखंड ज्योति के लिए शुद्ध देसी घी का उपयोग करना अच्‍छा होता है लेकिन ऐसा संभव न हो तो तिल या सरसों का तेल उपयोग करें. - यदि घर में अखंड ज्योति प्रज्‍वलित न कर पाएं तो मंदिर में जाकर ज्‍योति के लिए घी दान करें और मंत्र जाप करें. -अखंड ज्योति में रूई की जगह कलावे का उपयोग करें और इसकी लंबाई ज्‍यादा रखें ताकि वह 9 दिनों तक जलता रहे. - सबसे अहम बात यह है कि नवरात्रि समाप्त होने पर भी दीपक को स्‍वयं ही ठंडा होने दें, उसे बुझाने की गलती न करें. (नोट: इस लेख में दी गई...

अखंड ज्योति गलती से बुझ जाये तो क्या करे? – Expert

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • अखंड ज्योति गलती से बुझ जाये तो क्या करे? यदि अखंड ज्योत बुझ जाए और खंडित ना हो तो इसे दोबारा जला देना चाहिए। एक ज्योति बुझ जाने से देवी मां अपने भक्तों का कभी अहित नहीं करती हैं। हमें किसी भी प्रकार के अंधविश्वास मे नहीं पड़ना चाहिए। दीया बुझने से क्या होता है? मान्यता है कि पूजा में दीपक के बुझ जाने से भक्त की मनोकामनाओं की पूर्ति होने में बाधा आती है। पूजा में दीपक के बुझ जाने को भक्त से देवी-देवता के नाराज होने का भी संकेत माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि सच्चे हृदय से भगवान की पूजा नहीं करने पर दीपक बुझ जाता है। दीपक की लौ तेज होने का क्या मतलब है? दीपक की लौ तेज होने का मतलब है कि ईश्वर की कृपा आपके ऊपर है। ईश्वर आपकी हर कार्य में सहायता कर रहे हैं। रोज पूजा करने वाले अपने भक्तों को ईश्वर कई प्रकार के संकेतों के जरिए बताने की कोशिश करते हैं कि वे आपकी पूजा से प्रसन्न हैं। अखंड ज्योत कैसे लगाई जाती है? अखंड ज्योति को जमीन की जगह किसी लकड़ी की चौकी पर रखकर जलाना चाहिए. ज्योति को रखने से पहले इसके नीचे अष्टदल बना लें. अखंड ज्योति को कभी भी गंदे हाथों से छूना नहीं चाहिए. चैत्र नवरात्रि के में अखंड दीपक मंदिर को अग्नि कोण दिशा में प्रज्जवलित करें. अखंड ज्योति कब तक जलाएं? उसी प्रकार नवरात्रि के नौ दिनों तक अखंड ज्योति (Akhand Jyoti) प्रज्जवलित करने का विधान है। रायपुर. Navratri 2021: नवरात्रि शुरू हो गए हैं। शाम का दीपक कितने बजे जलाना चाहिए? दीपक जलाने का सही समय और दिशा क्या है पूजा के दौरान दीपक जलाने के लिए सर्वोत्तम समय सुबह 5 बजे से 10 बजे तक और शाम को 5 बजे से 7 बजे के बीच में जलाना शुभ है. दीपक पूर्व दिशा की ओ...