अखंड ज्योति जलाने का मंत्र

  1. why is akhand jyoti lit during navratri Latest News in Hindi, Newstrack Samachar, Aaj Ki Taja Khabar
  2. Know Before Navratri What Are The Beliefs Related To Akhand Jyoti
  3. अखंड ज्योति जलाने की विधि और महत्व
  4. Durga Puja 2022: दुर्गा पूजा में अखंड ज्योति जलाने के क्या हैं नियम? इन बातों का रखें विशेष ध्यान
  5. Chaitra Navratri 2023 Akhand Jyoti Direction Niyam Benefits And Importance Vastu Tips For Akhand Deep In Navratri
  6. Significance Of Akhand Jyoti
  7. Know Before Navratri What Are The Beliefs Related To Akhand Jyoti
  8. Durga Puja 2022: दुर्गा पूजा में अखंड ज्योति जलाने के क्या हैं नियम? इन बातों का रखें विशेष ध्यान
  9. Chaitra Navratri 2023 Akhand Jyoti Direction Niyam Benefits And Importance Vastu Tips For Akhand Deep In Navratri
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why is akhand jyoti lit during navratri Latest News in Hindi, Newstrack Samachar, Aaj Ki Taja Khabar

• शारीरिक कमजोरी को दूर करने के लिए खाएं ये ड्राई फ्रूट्स • रात-दिन AC चलाने के बाद भी आधा आएगा बिजली का बिल, जानें टिप्स • सावधान कूलर में सोने वालों, इतने दिन में बदल दें पानी • शनिवार को रहें अलर्ट, इन लोगों से हमेशा नाराज रहते हैं शनिदेव • सावधान आम खाने वाले, इस भयानक गर्मी में जान लें बातें • सबसे हॉट देशी गर्ल शमा सिकंदर, तस्वीरें देख नजरें हटाना मुश्किल • हार्ट अटैक के घरेलू उपाय • भोजपुरी की सबसे बोल्ड एक्ट्रेस नम्रता मल्ला, फोटो Zoom कर रहे फैंस • प्रियंका चोपड़ा की छोटी बहन का हॉट अंदाज, परिणीत ने एयरपोर्ट पर मारी धांसू • भगवन शिव की भक्त राजनाथ सिंह, तस्वीरों में देखें इनकी भक्ति और देखें फोटो स्टोरी Navratri Akhand Jyoti: नवरात्र यानि नौ दिनों तक चलने वाली देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना के साथ ही इस पावन पर्व पर कई घरों में घटस्थापना होती है, तो कई जगह अखंड ज्योति का विधान है। शक्ति की आराधना करने वाले जातक अखंड ज्योति जलाकर माँ दुर्गा की साधना करते हैं। अखंड ज्योति अर्थात ऐसी ज्योति जो खंडित न हो। अखंड ज्योति पूरे नौ दिनों तक अखंड रहनी चाहिए यानी जलती रहनी चाहिए। अंखड दीप को विधिवत मत्रोच्चार से प्रज्जवलित करना चाहिए। नवरात्रि में कई नियमों का पालन किया जाता है। अखंड ज्योति का महत्व नवरात्रि में अखंड ज्योति का बहुत महत्व होता है। इसका बुझना अशुभ माना जाता है। जहा भी ये अखंड ज्योति जलाई जाती है, वहां पर किसी न किसी की उपस्थिति जरुरी होती इसे सूना छोड़ कर नहीं जाते है। अखंड ज्योति में दीपक की लौ बांये से दांये की तरफ जलनी चाहिए। इस प्रकार का जलता हुआ दीपक आर्थिक प्राप्ति का सूचक होता है। दीपक का ताप दीपक से 4 अंगुल चारों ओर अनुभव होना चाहिए, इससे दीपक भाग्य...

Know Before Navratri What Are The Beliefs Related To Akhand Jyoti

Navratri 2022: 26 सितंबर से शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो रही है. शारदीय नवरात्र अश्विन के महीने में मनाई जाती हैं. अश्विन की नवरात्रि में माता की प्रतिमा की पूजा की जाती है. कई जगह झांकियां लगाई जाती हैं. नवरात्र का ये उत्सव बड़े धूम-धाम के साथ मनाया जाता है. इन दिनों में विधिपूर्वक पूजा के साथ अखंड ज्योति जलाने की प्रथा है. आइए जानते हैं, नवरात्रि में जलाई जाने वाली अखंड ज्योति की मान्यताएं और नियम. किसी भी शुभ कार्य से पहले दीप जलाने की परंपरा रही है. ऐसा इसलिए है क्योंकि दीप प्रकाश और जीवन में उजाले का प्रतीक है. दीप से सकारात्मक ऊर्जा आती है. नवरात्रि के दिनों में पूरे 9 दिनों तक अखंड ज्योति जलाई जाती है. अखंड ज्योति को माता का स्वरूप माना जाता है और पूजा की जाती है. नवरात्रि में ज्योति जलाने के कई नियम हैं जिन्हें ध्यान में रखना चाहिए. ज्योति जलाने के नियम - अखंड ज्योति अगर घर में जला रहे हैं तो सात्विकता का पालन करना चाहिए. घर पर किसी तरह की कोई अपवित्र चीज को नहीं रखना चाहिए. इस दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें. देवी की उपासना करते वक्त 9 दिनों तक मांस-मदिरा से दूर रहना चाहिए. - अगर ज्योति माता की मूर्ति के पास जला रहे हैं तो तेल का दीपक मूर्ति के बाईं तरफ और घी का दीपक दाईं तरफ रखना शुभ होता है. ज्योति जलाते वक्त दीपम घृत दक्षे, तेल युत: च वामत: मंत्र का उच्चारण करना चाहिए. ये मंत्र पढ़ने से ज्योति जलाने का महत्व और फल बढ़ जाता है. - अखंड ज्योति का बुझना शुभ नहीं माना जाता है, इसलिए इसको बचाने के लिए कांच के कवर से ढक कर रखना चाहिए, जिससे हवा जैसी चीजों से ज्योति की रक्षा हो और अखंड ज्योति बुझने न पाए. अगर ज्योति बुझ जाती है तो उसे पूजा के सामान्य दिए से दोबारा जला सकत...

अखंड ज्योति जलाने की विधि और महत्व

नवरात्रि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। साल में हम 2 बार देवी की आराधना करते हैं। चैत्र नवरात्रि चैत्र मास के शुक्ल प्रतिपदा को शुरु होती है और रामनवमी पर यह खत्म होती है, वहीं दूसरी नवरात्रि शारदीय, जिसकी शुरुआत आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से होती है और विजयादशमी के दिन खत्म होती है। नवरात्रि में अखंड ज्योति नवरात्रि के दौरान हम माँं शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्रि देवी का पूजन-अर्चन करते हैं। साथ ही नवरात्रि के दौरान कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। वहीं नवरात्रि में 9 दिनों तक देवी मां को प्रसन्न करने और मनवांछित फल पाने के लिए गाय के देशी घी से अखंड ज्योति प्रज्जवलित की जाती है। लेकिन अगर गाय का घी नहीं है तो अन्य घी से भी आप माता के सामने अखंड ज्योति जला सकते हैं। यहां दी गई जानकारी सामान्य है। नवरात्रि के दौरान पूजा विधि के बारे में विस्तृृत जानकरी पाने के लिये अखंड ज्योति का महत्व अखंड ज्योति जलाने की विधि • अखंड ज्योति जलाने का उद्देश्य जीवन के अंधकार को दूर करना है और माता रानी से जीवन में सदैव प्रकाश बना रहे इसकी प्रार्थना करना होता है। वहीं नवरात्रि के दौरान जलाये जाने वाले दीपक यानि अखंड ज्योति को जलाने के भी कुछ नियम हैं, जिनका पालन हमें करना चाहिए ताकि हमें मनवांछित फल की प्राप्ति हो सके। • आमतौर पर लोग पीतल के दीपपात्र में अखंड ज्योति प्रज्वल्लित करते हैं। यदि आपके पास पीतल का पात्र न हो तो आप मिट्टी का दीपपात्र भी इस्तेमाल कर सकते हैं। मगर मिट्टी के दीपपात्र में अखंड ज्योति जलाने से पहले दीपपात्र को 1 दिन पहले पानी में भिगो दें और उसे पानी से निकालकर साफ कपड़े से पोछकर सुखा लें। • शास्त्रों के ...

Durga Puja 2022: दुर्गा पूजा में अखंड ज्योति जलाने के क्या हैं नियम? इन बातों का रखें विशेष ध्यान

नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने का भी विशेष महत्व बताया गया है. अखंड ज्योति जलाई है तो घर को कभी भी सूना नहीं छोड़ना चाहिए. Durga Puja 2022: कलश स्थापना के साथ नवरात्रि का पर्व शुरू हो चुका है. मां दुर्गा को समर्पित ये नौ दिवसीय पर्व 05 अक्टूबर 2022 तक चलेगा. इन 9 दिनों मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा-आराधना के साथ उपवास रखा जाएगा. कहते हैं नवरात्रि में जो भी भक्त मां देवी की सच्ची श्रद्धा से उपासना करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. नवरात्रि में कलश स्थापना, व्रत धारण करना और हर रोज मां दुर्गा की पूजा करने का विधान है. उसी तरह नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने का भी विशेष महत्व होता है. पंडित इंद्रमणि घनस्याल बताते हैं कि मां दुर्गा के समक्ष अखंड ज्योति जलाने के विशेष नियम होते हैं. नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने के नियम ज्योतिषियों के अनुसार, नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने के बिना माता की पूजा अधूरी मानी जाती है. अखंड ज्योति गाय के शुद्ध देसी घी में जलाने से सौभाग्य, सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है. वहीं तिल के तेल में अंखड ज्योति जलाने से शनि का कुप्रभाव दूर होता है. यह भी पढ़ेंः यह भी पढ़ेंः अखंड ज्योति की लौ बायीं से दायीं तरफ होनी चाहिए. अखंड ज्योति जलाने के बाद घर को सूना नहीं छोड़ना चाहिए. इस बात का ध्यान रखें कि अखंड ज्योति से कोई दूसरी ज्योति नहीं जलानी चाहिए. ऐसा करना अशुभ होता है और ना ही ज्योति की बत्ती को बार-बार बदलना चाहिए. इस मंत्र का करें उच्चारण धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने के समय विशेष मंत्र का जाप करना चाहिए. यह मंत्र है- ओम जयंती मंगला काली भद्रकाली कृपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु‍ते. ...

Chaitra Navratri 2023 Akhand Jyoti Direction Niyam Benefits And Importance Vastu Tips For Akhand Deep In Navratri

Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि में जलाएं अखंड ज्योति, वास्तु के अनुसार जानें किस दिशा में होना चाहिए दीपक का मुख Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 22 मार्च से हो चुकी है. नवरात्रि में अखंड ज्योति या दीप जलाने का महत्व है. जानते हैं अखंड ज्योति जलाने की दिशा, नियम, लाभ और मंत्रों के बारे में. Chaitra Navratri 2023, Akhand Jyoti Vastu Tips: चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि यानी बुधवार 22 मार्च 2023 से चैत्र नवरात्रि शुरू हो चुकी है और इसका समापन 30 मार्च 2023 को होगा. नवरात्रि में पूरे नौ दिनों तक मां दुर्गा की पूजा की जाती है. नवरात्रि में पूजा-पाठ के कई नियम होते हैं. इन्हीं में एक अखंड ज्योति या अखंड दीप जलाना. हिंदू धर्म में किसी भी पूजा-पाठ के दौरान दीप जलाने का महत्व है. क्योंकि दीप प्रकाश का द्योतक है और प्रकाश ज्ञान का. पूजा में दीप जलाने का महत्व यह है कि ईश्वर से हमें संपूर्ण ज्ञान की प्राप्ति हो. बात करें नवरात्रि की तो नवरात्रों में अखंड दीप जलाने का महत्व है. कलश स्थापना के साथ ही अखंड ज्योति जलाई जाती है और पूरे नौ दिनों तक इसे जलाने का प्रावधान है. लेकिन दीप जलाने के बाद इसे किसी भी स्थान या दिशा में न रखें. बल्कि दीप जलाने के बाद इसके लिए विशेष दिशा के बारे में बताया गया है. जानते हैं वास्तु शास्त्र के अनुसार किस ओर होना चाहिए दीपक का मुख. अखंड ज्योति की दिशा • घी से जलाए अखंड ज्योति को मां की प्रतिमा या तस्वीर के दाईं ओर रखना चाहिए. लेकिन दीपक तेल से जलाया गया है तो इसे बाईं ओर रखे. • आग्नेय कोण यानी पूर्व-दक्षिण में अखंड ज्योति रखना शुभ होता है. लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि पूजा के समय ज्योति का मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रह...

Significance Of Akhand Jyoti

हिंदू धर्म में नवरात्रि का पर्व बड़ी ही श्रद्धा से मनाया जाता है। वैसे तो साल में 4 नवरात्रि तिथियां होती हैं चैत्र, आषाढ़, अश्विन और माघ महीने में। आषाढ़ और माघ में गुप्त नवरात्रि मनाई जाती है, लेकिन इनमें से मुख्य रूप से 2 नवरात्रि तिथियों को महत्वपूर्ण बताया गया है चैत्र और अश्विन महीने की शारदीय नवरात्रि । इन दोनों में से भी शारदीय नवरात्रि कुछ खास होती है। ऐसी मान्यता कि अखंड ज्योति से सभी पापों का नाश होता है और शांति बनी रहती है। अखंड ज्योति का तात्पर्य है जो कभी खंडित न हो और निरंतर प्रज्ज्वलित रहे। आइए नारद संचार के ज्योतिष अनिल जैन जी से जानें अखंड ज्योति के महत्व के बारे में और नवरात्रि में इसे प्रज्वलित करने से क्या लाभ हो सकते हैं। अखंड ज्योति का महत्व नवरात्रि में अखंड ज्योति प्रज्वलित की जाती है, क्योंकि ज्योतिष के अनुसार ये घर की सुख समृद्धि का कारक होती है। अखंड ज्योति शरीर के सभी रोगों का नाश करती है और कष्टों को दूर करती है। इसकी लौ हमें अंधकार से रोशनी की तरफ जाने के लिए प्रेरित करती है। ऐसी मान्यता है कि अखंड ज्योति की अग्नि सभी पापों का नाश करती है और खुशहाली का प्रतीक है। ज्योतिष में ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि के दौरान बिना खंडित हुए यदि 9 दिनों तक ज्योति प्रज्वलित रहती है तो ये सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करती है। इसे जरूर पढ़ें: अखंड ज्योति से होती है माता है 9 स्वरूपों की पूजा मान्यता है कि माता दुर्गा की पूजा सही तरीके से करने के लिए अखंड ज्योति का विशेष महत्व है और इसकी लौ प्रतिपल भक्तों के श्रद्धा भाव को माता के सामने जगाए रखती है। अखंड ज्योति के बिना घर में कलश स्थापना अधूरी मानी जाती है और इसे प्रज्ज्वलित रखना नवरात्रि पूजन का सबसे महत्वपूर्ण चरण...

Know Before Navratri What Are The Beliefs Related To Akhand Jyoti

Navratri 2022: 26 सितंबर से शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो रही है. शारदीय नवरात्र अश्विन के महीने में मनाई जाती हैं. अश्विन की नवरात्रि में माता की प्रतिमा की पूजा की जाती है. कई जगह झांकियां लगाई जाती हैं. नवरात्र का ये उत्सव बड़े धूम-धाम के साथ मनाया जाता है. इन दिनों में विधिपूर्वक पूजा के साथ अखंड ज्योति जलाने की प्रथा है. आइए जानते हैं, नवरात्रि में जलाई जाने वाली अखंड ज्योति की मान्यताएं और नियम. किसी भी शुभ कार्य से पहले दीप जलाने की परंपरा रही है. ऐसा इसलिए है क्योंकि दीप प्रकाश और जीवन में उजाले का प्रतीक है. दीप से सकारात्मक ऊर्जा आती है. नवरात्रि के दिनों में पूरे 9 दिनों तक अखंड ज्योति जलाई जाती है. अखंड ज्योति को माता का स्वरूप माना जाता है और पूजा की जाती है. नवरात्रि में ज्योति जलाने के कई नियम हैं जिन्हें ध्यान में रखना चाहिए. ज्योति जलाने के नियम - अखंड ज्योति अगर घर में जला रहे हैं तो सात्विकता का पालन करना चाहिए. घर पर किसी तरह की कोई अपवित्र चीज को नहीं रखना चाहिए. इस दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें. देवी की उपासना करते वक्त 9 दिनों तक मांस-मदिरा से दूर रहना चाहिए. - अगर ज्योति माता की मूर्ति के पास जला रहे हैं तो तेल का दीपक मूर्ति के बाईं तरफ और घी का दीपक दाईं तरफ रखना शुभ होता है. ज्योति जलाते वक्त दीपम घृत दक्षे, तेल युत: च वामत: मंत्र का उच्चारण करना चाहिए. ये मंत्र पढ़ने से ज्योति जलाने का महत्व और फल बढ़ जाता है. - अखंड ज्योति का बुझना शुभ नहीं माना जाता है, इसलिए इसको बचाने के लिए कांच के कवर से ढक कर रखना चाहिए, जिससे हवा जैसी चीजों से ज्योति की रक्षा हो और अखंड ज्योति बुझने न पाए. अगर ज्योति बुझ जाती है तो उसे पूजा के सामान्य दिए से दोबारा जला सकत...

Durga Puja 2022: दुर्गा पूजा में अखंड ज्योति जलाने के क्या हैं नियम? इन बातों का रखें विशेष ध्यान

नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने का भी विशेष महत्व बताया गया है. अखंड ज्योति जलाई है तो घर को कभी भी सूना नहीं छोड़ना चाहिए. Durga Puja 2022: कलश स्थापना के साथ नवरात्रि का पर्व शुरू हो चुका है. मां दुर्गा को समर्पित ये नौ दिवसीय पर्व 05 अक्टूबर 2022 तक चलेगा. इन 9 दिनों मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा-आराधना के साथ उपवास रखा जाएगा. कहते हैं नवरात्रि में जो भी भक्त मां देवी की सच्ची श्रद्धा से उपासना करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. नवरात्रि में कलश स्थापना, व्रत धारण करना और हर रोज मां दुर्गा की पूजा करने का विधान है. उसी तरह नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने का भी विशेष महत्व होता है. पंडित इंद्रमणि घनस्याल बताते हैं कि मां दुर्गा के समक्ष अखंड ज्योति जलाने के विशेष नियम होते हैं. नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने के नियम ज्योतिषियों के अनुसार, नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने के बिना माता की पूजा अधूरी मानी जाती है. अखंड ज्योति गाय के शुद्ध देसी घी में जलाने से सौभाग्य, सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है. वहीं तिल के तेल में अंखड ज्योति जलाने से शनि का कुप्रभाव दूर होता है. यह भी पढ़ेंः यह भी पढ़ेंः अखंड ज्योति की लौ बायीं से दायीं तरफ होनी चाहिए. अखंड ज्योति जलाने के बाद घर को सूना नहीं छोड़ना चाहिए. इस बात का ध्यान रखें कि अखंड ज्योति से कोई दूसरी ज्योति नहीं जलानी चाहिए. ऐसा करना अशुभ होता है और ना ही ज्योति की बत्ती को बार-बार बदलना चाहिए. इस मंत्र का करें उच्चारण धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने के समय विशेष मंत्र का जाप करना चाहिए. यह मंत्र है- ओम जयंती मंगला काली भद्रकाली कृपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु‍ते. ...

Chaitra Navratri 2023 Akhand Jyoti Direction Niyam Benefits And Importance Vastu Tips For Akhand Deep In Navratri

Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि में जलाएं अखंड ज्योति, वास्तु के अनुसार जानें किस दिशा में होना चाहिए दीपक का मुख Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 22 मार्च से हो चुकी है. नवरात्रि में अखंड ज्योति या दीप जलाने का महत्व है. जानते हैं अखंड ज्योति जलाने की दिशा, नियम, लाभ और मंत्रों के बारे में. Chaitra Navratri 2023, Akhand Jyoti Vastu Tips: चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि यानी बुधवार 22 मार्च 2023 से चैत्र नवरात्रि शुरू हो चुकी है और इसका समापन 30 मार्च 2023 को होगा. नवरात्रि में पूरे नौ दिनों तक मां दुर्गा की पूजा की जाती है. नवरात्रि में पूजा-पाठ के कई नियम होते हैं. इन्हीं में एक अखंड ज्योति या अखंड दीप जलाना. हिंदू धर्म में किसी भी पूजा-पाठ के दौरान दीप जलाने का महत्व है. क्योंकि दीप प्रकाश का द्योतक है और प्रकाश ज्ञान का. पूजा में दीप जलाने का महत्व यह है कि ईश्वर से हमें संपूर्ण ज्ञान की प्राप्ति हो. बात करें नवरात्रि की तो नवरात्रों में अखंड दीप जलाने का महत्व है. कलश स्थापना के साथ ही अखंड ज्योति जलाई जाती है और पूरे नौ दिनों तक इसे जलाने का प्रावधान है. लेकिन दीप जलाने के बाद इसे किसी भी स्थान या दिशा में न रखें. बल्कि दीप जलाने के बाद इसके लिए विशेष दिशा के बारे में बताया गया है. जानते हैं वास्तु शास्त्र के अनुसार किस ओर होना चाहिए दीपक का मुख. अखंड ज्योति की दिशा • घी से जलाए अखंड ज्योति को मां की प्रतिमा या तस्वीर के दाईं ओर रखना चाहिए. लेकिन दीपक तेल से जलाया गया है तो इसे बाईं ओर रखे. • आग्नेय कोण यानी पूर्व-दक्षिण में अखंड ज्योति रखना शुभ होता है. लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि पूजा के समय ज्योति का मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रह...

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