अखंड ज्योति कैसे जलाए

  1. Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि पर कैसे जलाएं अखंड ज्योति, जानें सही नियम
  2. अखंड दीप बुझ जाए तो क्या करें? – ElegantAnswer.com
  3. Navratri 2022 Akhand Jyoti Niyam Benefits Vastu Tips In Shardiya Navratri
  4. अखंड ज्योति बुझने पर क्या करे? – ElegantAnswer.com
  5. नवरात्र में जलाते हैं अखंड ज्योति, जानें इसके नियम और फायदे
  6. Chaitra Navratri 2021 akhand jyoti vidhi upay how to lit lamp
  7. नवरात्र में जलाते हैं अखंड ज्योति, जानें इसके नियम और फायदे
  8. अखंड दीप बुझ जाए तो क्या करें? – ElegantAnswer.com
  9. अखंड ज्योति बुझने पर क्या करे? – ElegantAnswer.com
  10. Navratri 2022 Akhand Jyoti Niyam Benefits Vastu Tips In Shardiya Navratri


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Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि पर कैसे जलाएं अखंड ज्योति, जानें सही नियम

Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से शुरू हो रही है. इस दौरान नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है. पहले दिन मां के प्रथम स्वरूप यानी मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. नवरात्रि (Chaitra Navratri 2023) के पहले दिन घटस्थापना और अखंड ज्योति जलाई जाती है. मान्यता है कि अखंड ज्योति जलाने से मां स्वयं दीपक में बैठकर परिवार के सदस्यों पर अपनी कृपा बरसाती हैं. शास्त्रों और पुराणों में अखंड ज्योति के कुछ नियम बताए गए हैं. आइये जानते हैं उन नियमों को. यह भी पढ़ें: अखंड ज्योति जलाते समय इन बातों का ध्यान रखें – ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मां के सामने अखंड ज्योति जलाने से पहले मन में एक ज्योति जलाने का संकल्प लें और उसकी पूर्ति के लिए मां से आशीर्वाद लें. इसके बाद भगवान गणेश, मां दुर्गा और शिवजी की पूजा करें. इसके बाद ‘ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कृपालिनी दुर्गा क्षमा शिव धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते’ मंत्र का जाप करें. यह भी पढ़ें: – अखंड ज्योति जलाते समय घी का प्रयोग ही करें. अगर घी उपलब्ध न हो तो सरसों का तेल या तिल का तेल भी इस्तेमाल किया जा सकता है. आपको बता दें कि दीपक हमेशा मां के दाहिनी ओर रखा जाता है. वहीं, तेल का दीपक बाईं ओर रखा जाता है. अगर पीतल का दीपक नहीं है तो मिट्टी का दीपक भी लगाया जा सकता है. यह भी पढ़ें: – वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार मां के सामने आग्नेय कोण में जलता हुआ दीपक रखना शुभ माना जाता है. इसके अलावा अखंड दीपक की ज्योति को बार-बार न बदलें. कहा जाता है कि ऐसा करने से रोग बढ़ता है. अखंड ज्योति को कभी भी फूंक मारकर या अपने आप नहीं बुझाना चाहिए. बल्कि इसे अपने आप बुझने देना चाहिए.

अखंड दीप बुझ जाए तो क्या करें? – ElegantAnswer.com

इसे सुनेंरोकेंइसलिए पूजन के दौरान कलश को देवी-देवता की शक्ति, तीर्थस्थान आदि का प्रतीक मानकर स्थापित किया जाता है. शास्त्रों में बिना जल के कलश को स्थापित करना अशुभ माना गया है. इसी कारण कलश में पानी, पान के पत्ते, आम के पत्ते, केसर, अक्षत, कुमकुम, सुपारी, पुष्प, सूत, नारियल, अनाज आदि रख कर पूजा की जाती है. नवरात्रि में कौन से काम नहीं करना चाहिए? इसे सुनेंरोकेंनवरात्रि के दौरान तामसिक भोजन यानी प्याज, लहसुन के अलावा मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। नवरात्रि के दौरान व्रत रखने वाले लोगों को अनाज और नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। केवल दिन में एक बार फलों का सेवन कर सकते हैं। विष्णु पुराण के अनुसार, व्रत के दौरान तंबाकू चबाने और शारीरिक संबंध बनाने की मनाही होती है। माताजी की स्थापना कैसे करें? इसे सुनेंरोकेंशुभ मुहूर्त व कलश स्थापना की विधि उत्तर-पूर्व दिशा को साफ कर मां की चौकी लगाएं. इस पर लाल रंग का साफ कपड़ा बिछाकर देवी मां की मूर्ति की स्थापना करें. इसके बाद प्रथम पूज्य गणेश जी का ध्यान करें और कलश स्थापना करें. एक नारियल में चुनरी लपेट दें और कलश के मुख पर मौली बांधे. अखंड ज्योति का बुझना क्या संकेत होता है? इसे सुनेंरोकेंअखंड ज्योति जलाने के बाद उसको अकेला नहीं छोड़ते, कहते हैं अगर यह ज्योति बुझ जाए तो बहुत बड़ा अपशगुन होता है। मान्यता है कि नवरात्र में अखंड ज्योति जलाने रखने से घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और सभी तरह के समस्याओं से मुक्ति मिलती है। साथ ही माता का आशीर्वाद सभी को मिलता है, जिससे आरोग्य की प्राप्ति होती है। अखंड दिया कैसे जलाए? इसे सुनेंरोकेंअखंड ज्योति के लिए रूई की जगह कलावे का इस्तेमाल करना चाहिए. इस बात का ध्यान रखें कि कलावे की लंबाई इतनी...

Navratri 2022 Akhand Jyoti Niyam Benefits Vastu Tips In Shardiya Navratri

Navratri 2022: 26 सितंबर 2022 (Shardiya Navratri 2022 date) से शक्ति की भक्ति शुरु हो जाएगी. शारदीय नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा की पूजा-पाठ, अनुष्ठान किए जाएंगे. शारदीय नवरात्रि के पहले दिन जितना घटस्थापन का महत्व है उतना ही मान्यता है अखंड ज्योति की. नवरात्रि में कई लोग घर या पंडालों में अखंड ज्योति प्रज्वलित करते हैं. अखंड ज्योति ( Akhand Jyoti) को पूरे 9 दिन तक निरंतर जलाए रखने का विधान है. अखंड ज्योति जलाने का अर्थ है पूर्ण रूप से मां दुर्गा की पूजा में खुद को समर्पित करना. अखंड ज्योति जलाने के जहां कई लाभ है वहीं इसके कुछ कड़े नियम भी है. अगर इनका पालन न किया जाए तो देवी नाराज हो सकती हैं. आइए जानते हैं अखंड ज्योति जलाने के लाभ, नियम और मंत्र अखंड ज्योति कैसे जलाएं ? (Navratri Akhand Jyoti Vidhi) • अखंड ज्योति किसी पीतल या मिट्‌टी के बड़े दीपपात्र में घटस्थापना से प्रज्वलित की जाती है. 9 दिन तक बिना बुझे इसे जलाए रखना होता है. ध्यान रहे मिट्‌टी का दीपपात्र खंडित न हो. • दीपपात्र को जमीन पर न रखें. पूजा की चौकी पर अष्टदल बनाएं और मां दुर्गा की प्रतिमा के सामने अखंड ज्योति का पात्र रखें. • अखंड ज्योति में गाय के घी का उपयोग करें. अगर घी न हो तो शुद्ध सरसों या फिर तिल के तेल का भी दीपक जला सकते हैं. दीपक देवी की मूर्ति के दाईं ओर रखें, अगर तेल का दीपक हो तो इसे मां दुर्गा की प्रतिमा के बाईं ओर रखना चाहिए. • अखंड ज्योति प्रज्वलित करने से पहले 9 दिन तक देवी की सच्चे मन से उपासना का संकल्प लें. ज्योति जलाने से पहले प्रथम पूजनीय गणेश जी, शंकर-पार्वती का स्मरण करें. मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना के साथ इसे प्रज्वलित करें. अखंड ज्योति जलाने के नियम (Navratri Akhand Jyoti Niyam)...

अखंड ज्योति बुझने पर क्या करे? – ElegantAnswer.com

अखंड ज्योति बुझने पर क्या करे? इसे सुनेंरोकेंकई बार बाती में कालिख जम जाने की वजह से लौ बुझने लगती है। ऐसे समय में एक बाती जलाकर दीये में रख दें। मुख्य बाती को ऊपर उठाकर जमी हुई कालिख हटा दें। संकल्प अवधि पूरी होने के बाद भी दीपक में जब तक तेल मौजूद हो जलते रहने देना चाहिए। अखंड ज्योत जलाने से क्या लाभ होता है? इसे सुनेंरोकेंमिट्टी के दीपक में अखंड ज्योति जलाने से आर्थिक समृद्धि आती है और चारों दिशाओं में आपकी कीर्ति का बखान होता है। नवरात्रि में दीपक जलाए रखने से घर-परिवार में सुख-शांति एवं पितृ शांति रहती है। नवरात्रि में घी एवं सरसों के तेल का अखंड दीपक जलाने से त्वरित शुभ कार्य सिद्ध होते हैं। अखंड दीपक कैसे जलाएं? इसे सुनेंरोकेंशास्त्रों के अनुसार नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने से पहले हम मन में संकल्प लेते हैं और मां देवी से प्रार्थना करते हैं कि हमारी मनोकामना जल्द पूर्ण हो जाएं। अखंड दीपक को कभी भी जमीन पर न रखें। दीपक को चौकी या पटरे में रखकर ही जलाएं। दुर्गा मां के सामने यदि आप जमीन पर दीपक रख रहे हैं तो अष्टदल बनाकर रखें। अखंड ज्योत का क्या महत्व है? इसे सुनेंरोकेंकहा जाता है कि मां की कृपा पाने के लिए अखंड ज्योत एक बड़ा ही महत्वपूर्ण चरण है, जिन घरों में नवरात्र के दौरान अखंड ज्योत जलाकर देवी की पूजा अर्चना की जाती है वहां मां की कृपा हमेशा बरसती रहती है। इतना ही नहीं जिस घर में नवरात्र की अखंड ज्योत जलती है वहां धर्म और भक्ति की बयार बहती है और नकारात्मकता हावी नहीं होती। नवरात्रि में diya बुझ जाए तो क्या करें? यदि, किसी संकल्प को पूर्ण करने के लिये अखंड दीपक को स्थापित किया है ! तो दीपक बुझ जाने पर, उस संकल्प की पूर्ति में बाधा आएगा !… • मेरा जीवन प्रकाशित (द...

नवरात्र में जलाते हैं अखंड ज्योति, जानें इसके नियम और फायदे

जैसा की आप सभी जानते है की देशभर में नवरात्रे का पावन पर्व शुरू होने वाला है। इसमें सभी लोग माँ दुर्गा की पूजा करते हैं और इतना ही नहीं माँ से सुख-समृद्धि के लिए भी आशीर्वाद मांगते हैं। नवरात्र के पहले दिन अधिकतर लोग घरों में कलश स्थापना के बाद अखंड ज्योति जलाते है। नवरात्र में अखंड ज्योति का नियम है कि यह पूरे 9 दिन तक अखंड डीप को बिना बुझाए जलाए रखने का नियम है। माना जाता है कि अखंड दीपक जलाकर पूजा करने से फल मिलता है और साथ ही मां का आशीर्वाद सारे परिवार पर बना रहता है। बहुत से लोग अखंड ज्योति को प्रज्वलित तो कर लेते हैं लेकिन कुछ बातों का ध्यान नहीं दे पात। जिसके कारण इस पुण्य कार्य का पूरा फल नहीं मिल पाता है। जानें क्यों जलाई जाती है अखंड ज्योति ? माना जाता है कि इस अखंड ज्योति के प्रकाश से आपके पुरे घर की सभी परेशानियों का अंत हो जाता है। साथ ही परिवार में भी सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसके अलावा भी सभी भक्त नौ दिनों तक बिना बुझे अखंड ज्योति को जलाता है उसे मां दुर्गा अपना आशीर्वाद देकर हमारे जीवन में हमेशा प्रकाश बनाती है। इसलिए नवरात्रि के पावन पर्व में अखंड ज्योति जलाई जाती है। अखंड ज्योति को जलाने के नियम: • शुभ मुहूर्त के अनुसार ही अखंड ज्योति को प्रज्वलित करना चाहिए। • अखंड ज्योति को हमेशा लकड़ी की चौकी पर रखकर जलाएं। • अखंड ज्योति जलाने के लिए शुद्ध देसी घी का इस्तेमाल करें। • अगर आपके पास देसी घी नहीं है, तो तिल का तेल भी प्रयोग कर सकते हैं। • अखंड ज्योति के लिए रुई के साथ साथ कलावे का भी इस्तेमाल करें। • ध्यान रखें कि कलावे की लंबाई इतनी हो कि ज्योति नौ दिनों तक जलती रहे। • इसे प्रज्वलित करने से पहले इसमें थोड़े से चावल भी डाल सकते हैं। • ज्योति को म...

Chaitra Navratri 2021 akhand jyoti vidhi upay how to lit lamp

नई दिल्लीः देवी पुराण के अनुसार प्रत्येक साल चार नवरात्रि आती है. इन चार नवरात्रि में से दो नवरात्रि गुप्त होती हैं और दो प्रत्यक्ष. इनमें से पहली नवरात्रि हिन्दू वर्ष के पहले महीने यानी कि चैत्र में पड़ता है. आवे वाली 13 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ होने जा रहा है. दूसरी नवरात्रि हिन्दू वर्ष के चौथे महीने यानी कि आषाढ़ में होती है. तीसरी आश्विन में और चौथी नवरात्रि हिन्दू वर्ष के ग्यारहवें यानी कि माघ महीने में होती है. इन चार नवरात्रों में चैत्र और आश्विन नवरात्री को प्रमुख माना जाता है और इन्हें प्रत्यक्ष नवरात्रि भी कहते हैं जबकि आषाढ़ और माघ में पड़ने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहते हैं. 9 दिन जलता रहता है अखंड दीप इन सभी नवरात्रि में देवी मां की आरती और दीप जलाने का विशेष महत्व है. देवी के सामने अखंड दीप जलाया जाता है जो किल पूजा के दौरान पूरे 9 दिन अनवरत जलता रहता है. अखंद दीप का जलना सौभाग्य का प्रतीक है साथ ही यह नकारत्मकता को दूर को चेतना को प्रवाहित करता है. ऐसे जलाएं अखंड दीप अखंड ज्योति को जमीन की जगह किसी लकड़ी की चौकी पर रखकर जलाना चाहिए. ज्योति को रखने से पहले इसके नीचे अष्टदल बना लें. अखंड ज्योति को कभी भी गंदे हाथों से छूना नहीं चाहिए. अखंड ज्योति को कभी अकेले या पीठ दिखाकर नहीं जाना चाहिए. अखंड ज्योति जलाने के लिए शुद्ध देसी घी का इस्तेमाल करना चाहिए. अगर आप घर में अखंड ज्योति की देखभाल नहीं कर सकते हैं तो आप मंदिर में देसी घी अखंड ज्योति के लिए दान कर सकते हैं. अगर आपके पास ज्योति जलाने के लिए देसी घी नहीं है तो तिल का तेल भी इस्तेमाल कर सकते हैं. अखंड ज्योति के लिए रूई की जगह कलावे का इस्तेमाल करना चाहिए. इस बात का ध्यान रखें कि कलावे की लं...

नवरात्र में जलाते हैं अखंड ज्योति, जानें इसके नियम और फायदे

जैसा की आप सभी जानते है की देशभर में नवरात्रे का पावन पर्व शुरू होने वाला है। इसमें सभी लोग माँ दुर्गा की पूजा करते हैं और इतना ही नहीं माँ से सुख-समृद्धि के लिए भी आशीर्वाद मांगते हैं। नवरात्र के पहले दिन अधिकतर लोग घरों में कलश स्थापना के बाद अखंड ज्योति जलाते है। नवरात्र में अखंड ज्योति का नियम है कि यह पूरे 9 दिन तक अखंड डीप को बिना बुझाए जलाए रखने का नियम है। माना जाता है कि अखंड दीपक जलाकर पूजा करने से फल मिलता है और साथ ही मां का आशीर्वाद सारे परिवार पर बना रहता है। बहुत से लोग अखंड ज्योति को प्रज्वलित तो कर लेते हैं लेकिन कुछ बातों का ध्यान नहीं दे पात। जिसके कारण इस पुण्य कार्य का पूरा फल नहीं मिल पाता है। जानें क्यों जलाई जाती है अखंड ज्योति ? माना जाता है कि इस अखंड ज्योति के प्रकाश से आपके पुरे घर की सभी परेशानियों का अंत हो जाता है। साथ ही परिवार में भी सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसके अलावा भी सभी भक्त नौ दिनों तक बिना बुझे अखंड ज्योति को जलाता है उसे मां दुर्गा अपना आशीर्वाद देकर हमारे जीवन में हमेशा प्रकाश बनाती है। इसलिए नवरात्रि के पावन पर्व में अखंड ज्योति जलाई जाती है। अखंड ज्योति को जलाने के नियम: • शुभ मुहूर्त के अनुसार ही अखंड ज्योति को प्रज्वलित करना चाहिए। • अखंड ज्योति को हमेशा लकड़ी की चौकी पर रखकर जलाएं। • अखंड ज्योति जलाने के लिए शुद्ध देसी घी का इस्तेमाल करें। • अगर आपके पास देसी घी नहीं है, तो तिल का तेल भी प्रयोग कर सकते हैं। • अखंड ज्योति के लिए रुई के साथ साथ कलावे का भी इस्तेमाल करें। • ध्यान रखें कि कलावे की लंबाई इतनी हो कि ज्योति नौ दिनों तक जलती रहे। • इसे प्रज्वलित करने से पहले इसमें थोड़े से चावल भी डाल सकते हैं। • ज्योति को म...

अखंड दीप बुझ जाए तो क्या करें? – ElegantAnswer.com

इसे सुनेंरोकेंइसलिए पूजन के दौरान कलश को देवी-देवता की शक्ति, तीर्थस्थान आदि का प्रतीक मानकर स्थापित किया जाता है. शास्त्रों में बिना जल के कलश को स्थापित करना अशुभ माना गया है. इसी कारण कलश में पानी, पान के पत्ते, आम के पत्ते, केसर, अक्षत, कुमकुम, सुपारी, पुष्प, सूत, नारियल, अनाज आदि रख कर पूजा की जाती है. नवरात्रि में कौन से काम नहीं करना चाहिए? इसे सुनेंरोकेंनवरात्रि के दौरान तामसिक भोजन यानी प्याज, लहसुन के अलावा मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। नवरात्रि के दौरान व्रत रखने वाले लोगों को अनाज और नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। केवल दिन में एक बार फलों का सेवन कर सकते हैं। विष्णु पुराण के अनुसार, व्रत के दौरान तंबाकू चबाने और शारीरिक संबंध बनाने की मनाही होती है। माताजी की स्थापना कैसे करें? इसे सुनेंरोकेंशुभ मुहूर्त व कलश स्थापना की विधि उत्तर-पूर्व दिशा को साफ कर मां की चौकी लगाएं. इस पर लाल रंग का साफ कपड़ा बिछाकर देवी मां की मूर्ति की स्थापना करें. इसके बाद प्रथम पूज्य गणेश जी का ध्यान करें और कलश स्थापना करें. एक नारियल में चुनरी लपेट दें और कलश के मुख पर मौली बांधे. अखंड ज्योति का बुझना क्या संकेत होता है? इसे सुनेंरोकेंअखंड ज्योति जलाने के बाद उसको अकेला नहीं छोड़ते, कहते हैं अगर यह ज्योति बुझ जाए तो बहुत बड़ा अपशगुन होता है। मान्यता है कि नवरात्र में अखंड ज्योति जलाने रखने से घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और सभी तरह के समस्याओं से मुक्ति मिलती है। साथ ही माता का आशीर्वाद सभी को मिलता है, जिससे आरोग्य की प्राप्ति होती है। अखंड दिया कैसे जलाए? इसे सुनेंरोकेंअखंड ज्योति के लिए रूई की जगह कलावे का इस्तेमाल करना चाहिए. इस बात का ध्यान रखें कि कलावे की लंबाई इतनी...

अखंड ज्योति बुझने पर क्या करे? – ElegantAnswer.com

अखंड ज्योति बुझने पर क्या करे? इसे सुनेंरोकेंकई बार बाती में कालिख जम जाने की वजह से लौ बुझने लगती है। ऐसे समय में एक बाती जलाकर दीये में रख दें। मुख्य बाती को ऊपर उठाकर जमी हुई कालिख हटा दें। संकल्प अवधि पूरी होने के बाद भी दीपक में जब तक तेल मौजूद हो जलते रहने देना चाहिए। अखंड ज्योत जलाने से क्या लाभ होता है? इसे सुनेंरोकेंमिट्टी के दीपक में अखंड ज्योति जलाने से आर्थिक समृद्धि आती है और चारों दिशाओं में आपकी कीर्ति का बखान होता है। नवरात्रि में दीपक जलाए रखने से घर-परिवार में सुख-शांति एवं पितृ शांति रहती है। नवरात्रि में घी एवं सरसों के तेल का अखंड दीपक जलाने से त्वरित शुभ कार्य सिद्ध होते हैं। अखंड दीपक कैसे जलाएं? इसे सुनेंरोकेंशास्त्रों के अनुसार नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने से पहले हम मन में संकल्प लेते हैं और मां देवी से प्रार्थना करते हैं कि हमारी मनोकामना जल्द पूर्ण हो जाएं। अखंड दीपक को कभी भी जमीन पर न रखें। दीपक को चौकी या पटरे में रखकर ही जलाएं। दुर्गा मां के सामने यदि आप जमीन पर दीपक रख रहे हैं तो अष्टदल बनाकर रखें। अखंड ज्योत का क्या महत्व है? इसे सुनेंरोकेंकहा जाता है कि मां की कृपा पाने के लिए अखंड ज्योत एक बड़ा ही महत्वपूर्ण चरण है, जिन घरों में नवरात्र के दौरान अखंड ज्योत जलाकर देवी की पूजा अर्चना की जाती है वहां मां की कृपा हमेशा बरसती रहती है। इतना ही नहीं जिस घर में नवरात्र की अखंड ज्योत जलती है वहां धर्म और भक्ति की बयार बहती है और नकारात्मकता हावी नहीं होती। नवरात्रि में diya बुझ जाए तो क्या करें? यदि, किसी संकल्प को पूर्ण करने के लिये अखंड दीपक को स्थापित किया है ! तो दीपक बुझ जाने पर, उस संकल्प की पूर्ति में बाधा आएगा !… • मेरा जीवन प्रकाशित (द...

Navratri 2022 Akhand Jyoti Niyam Benefits Vastu Tips In Shardiya Navratri

Navratri 2022: 26 सितंबर 2022 (Shardiya Navratri 2022 date) से शक्ति की भक्ति शुरु हो जाएगी. शारदीय नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा की पूजा-पाठ, अनुष्ठान किए जाएंगे. शारदीय नवरात्रि के पहले दिन जितना घटस्थापन का महत्व है उतना ही मान्यता है अखंड ज्योति की. नवरात्रि में कई लोग घर या पंडालों में अखंड ज्योति प्रज्वलित करते हैं. अखंड ज्योति ( Akhand Jyoti) को पूरे 9 दिन तक निरंतर जलाए रखने का विधान है. अखंड ज्योति जलाने का अर्थ है पूर्ण रूप से मां दुर्गा की पूजा में खुद को समर्पित करना. अखंड ज्योति जलाने के जहां कई लाभ है वहीं इसके कुछ कड़े नियम भी है. अगर इनका पालन न किया जाए तो देवी नाराज हो सकती हैं. आइए जानते हैं अखंड ज्योति जलाने के लाभ, नियम और मंत्र अखंड ज्योति कैसे जलाएं ? (Navratri Akhand Jyoti Vidhi) • अखंड ज्योति किसी पीतल या मिट्‌टी के बड़े दीपपात्र में घटस्थापना से प्रज्वलित की जाती है. 9 दिन तक बिना बुझे इसे जलाए रखना होता है. ध्यान रहे मिट्‌टी का दीपपात्र खंडित न हो. • दीपपात्र को जमीन पर न रखें. पूजा की चौकी पर अष्टदल बनाएं और मां दुर्गा की प्रतिमा के सामने अखंड ज्योति का पात्र रखें. • अखंड ज्योति में गाय के घी का उपयोग करें. अगर घी न हो तो शुद्ध सरसों या फिर तिल के तेल का भी दीपक जला सकते हैं. दीपक देवी की मूर्ति के दाईं ओर रखें, अगर तेल का दीपक हो तो इसे मां दुर्गा की प्रतिमा के बाईं ओर रखना चाहिए. • अखंड ज्योति प्रज्वलित करने से पहले 9 दिन तक देवी की सच्चे मन से उपासना का संकल्प लें. ज्योति जलाने से पहले प्रथम पूजनीय गणेश जी, शंकर-पार्वती का स्मरण करें. मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना के साथ इसे प्रज्वलित करें. अखंड ज्योति जलाने के नियम (Navratri Akhand Jyoti Niyam)...