अक्टूबर में दुर्गा पूजा कब है 2022

  1. Durga Puja 2022 Date
  2. maha navami 2022 october date: maha navami kab hai maa siddhidatri mantra and aarti
  3. 2022 में दुर्गा महा अष्टमी पूजा कब है New Delhi, India में
  4. 2021, 2022 और 2023 में दुर्गा पूजा कब है?
  5. Durga Puja 2022 शारदीय नवरात्रि पर बन रहे दो खास संयोग इस समय घट स्थापित करना माना जाता बेहद शुभ
  6. 2022 में नवपत्रिका पूजा कब है New Delhi, India में
  7. दिसंबर में दुर्गा अष्टमी तिथि
  8. maha navami 2022 october date: maha navami kab hai maa siddhidatri mantra and aarti
  9. 2022 में नवपत्रिका पूजा कब है New Delhi, India में
  10. दिसंबर में दुर्गा अष्टमी तिथि


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Durga Puja 2022 Date

• षष्ठी तिथि आरम्भ- 30 सितंबर रात्रि 11 36:45 से • षष्ठी समाप्त - 1 अक्टूबर रात्रि 8 :48:47 तक मान्यता अनुसार दुर्गा पूजा के पहले दिन माता अपने चार बच्चों गणेश, कार्तिकेय, लक्ष्मी और सरस्वती सहित पृथ्वी पर अवतरित होती हैं और उनका पूजन किया जाता है। इसे जरूर पढ़ें: दुर्गा पूजा: सप्तमी तिथि (2 अक्टूबर 2022 - रविवार) कोला बौ- यह दुर्गा पूजा का दूसरा दिन होता है और इस दिन स्नान सुबह 9:29 के भीतर और मध्य रात्रि दुर्गा पूजा 11:03 बजे-11:51 बजे होगा। इस दिन दुर्गा पूजा की प्रतिष्ठा में देवी दुर्गा की पवित्र उपस्थिति को मूर्तियों में शामिल किया जाता है। दिन की शुरुआत कोला बौ स्नान से होती है। इसमें एक केले के पेड़ को नदी या पानी के शरीर में सुबह से पहले नहलाया जाता है और एक नवविवाहित दुल्हन की तरह साड़ी पहनी पहनाई जाती है। दुर्गा पूजा: अष्टमी तिथि - (3 अक्टूबर 2022 - सोमवार) • अष्टमी पूजा सुबह 7:01 बजे से 8:29 पूर्वाह्न 9:29 बजे तक। • संध्या पूजा 3:36 दोपहर- 4:24 बजे, बोलिदान - 4:00 बजे के बाद। अष्टमी दुर्गा पूजा के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक मानी जाती है। कुमारी पूजा (कन्या पूजन करते वक्त इन बातों का रखें ध्यान ) नामक एक अनुष्ठान में देवी की पूजा एक कुंवारी लड़की के रूप में की जाती है, जिसे देवी दुर्गा के रूप में सजाया जाता है। शाम को, देवी दुर्गा की उनके चामुंडा रूप में पूजा करने के लिए महत्वपूर्ण संधि पूजा की जाती है। इसे जरूर पढ़ें: दुर्गा पूजा: नवमी तिथि (4 अक्टूबर, 2022 - मंगलवार) नवमी पूजा प्रातः 7:01 बजे से 8:30 पूर्वाह्न 9:29 बजे तक नवमी को दुर्गा पूजा का अंतिम दिन माना जाता है। ये अनुष्ठानों और प्रार्थनाओं के अंत को चिह्नित करने के लिए एक महा आरती के साथ समाप्त होता...

maha navami 2022 october date: maha navami kab hai maa siddhidatri mantra and aarti

Maha Navami 2022 Date and Mantra: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हर साल अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से लेकर नवमी तिथि तक शारदीय नवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। इन नौ दिनों में मां अम्बे के 9 स्वरूपों को पूजा जाता है। इस साल 26 सितंबर से 4 अक्टूबर 2022 तक शारदीय नवरात्रि पर्व मनाया जाएगा। वहीं महानवमी तिथि 4 अक्टूबर 2022 को पड़ रही है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा का विधान है। मान्यता है कि मां सिद्धिदात्री की पूजा और ध्यान से सभी प्रकार की सिद्धियों की प्राप्ति होती है। वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दुर्गा नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री के इस मंत्र का जाप और आरती करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है...

2022 में दुर्गा महा अष्टमी पूजा कब है New Delhi, India में

आइए जानते हैं कि 2022 में दुर्गा महा अष्टमी पूजा कब है व दुर्गा महा अष्टमी पूजा 2022 की तारीख व मुहूर्त। दुर्गा पूजा के दूसरे दिन महाष्टमी मनाई जाती है। इसे महा दुर्गाष्टमी भी कहते हैं। महाष्टमी के दिन देवी दुर्गा की पूजा का विधान ठीक महासप्तमी की तरह ही होता है। हालांकि इस दिन प्राण प्रतिष्ठा नहीं की जाती है। महाष्टमी के दिन महास्नान के बाद मां दुर्गा का षोडशोपचार पूजन किया जाता है। महाष्टमी के दिन मिट्टी के नौ कलश रखे जाते हैं और देवी दुर्गा के नौ रूपों का ध्यान कर उनका आह्वान किया जाता है। महाष्टमी के दिन मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है। कुमारी पूजा महाष्टमी के दिन कुमारी पूजा भी होती है। इस अवसर पर अविवाहित लड़की या छोटी बालिका का श्रृंगार कर देवी दुर्गा की तरह उनकी आराधना की जाती है। भारत के कई राज्यों में नवरात्रि के नौ दिनों में कुमारी पूजा होती है। कुमारी पूजा को कन्या पूजा कुमारिका पूजा आदि नामों से जाना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार 2 से 10 वर्ष की आयु की कन्या कुमारी पूजा के लिए उपयुक्त होती हैं। कुमारी पूजा में ये बालिकाएं देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों को दर्शाती हैं… 1.कुमारिका 2.त्रिमूर्ति 3.कल्याणी 4.रोहिणी 5.काली 6.चंडिका 7.शनभावी 8.दुर्गा 9.भद्रा या सुभद्रा संधि पूजा महाअष्टमी को दुर्गा पूजा का मुख्य दिन माना जाता है। महाअष्टमी पर संधि पूजा होती है। यह पूजा अष्टमी और नवमी दोनों दिन चलती है। संधि पूजा में अष्टमी समाप्त होने के अंतिम 24 मिनट और नवमी प्रारंभ होने के शुरुआती 24 मिनट के समय को संधि क्षण या काल कहते हैं। संधि काल का समय दुर्गा पूजा के लिए सबसे शुभ माना जाता है। क्योंकि यह वह समय होता है जब अष्टमी तिथि समाप्त होती है और नवमी तिथि का आर...

2021, 2022 और 2023 में दुर्गा पूजा कब है?

दुर्गा पूजा भारत में सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है और इसे बहुत उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाता है। यह अश्विन के हिंदू महीने में मनाया जाता है, आमतौर पर मध्य सितंबर और मध्य अक्टूबर के बीच। इस साल से दुर्गा पूजा मनाई जाएगी 15 अक्टूबर से 19 अक्टूबर, 2021 . दुर्गा पूजा 2022 और 2023 तिथियाँ 2022 और 2023 में दुर्गा पूजा की तिथियां इस प्रकार हैं: • 2022: 4 अक्टूबर से 8 अक्टूबर • 2023: 24 अक्टूबर से 28 अक्टूबर दुर्गा पूजा का त्योहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। पूरे भारत के लोग इस त्योहार को बड़े जोश और उत्साह के साथ मनाने के लिए एक साथ आते हैं। लोग पारंपरिक पोशाक पहनते हैं और देवी दुर्गा की पूजा करने के लिए मंदिरों में जाते हैं। त्योहार को पारंपरिक अनुष्ठानों, संगीत, नृत्य और दावतों द्वारा भी चिह्नित किया जाता है। दुर्गा पूजा लोगों को एक साथ लाने और बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाने का एक शानदार तरीका है। यह एकजुटता और एकता की भावना का जश्न मनाने का समय है। तो, अपने कैलेंडर को चिह्नित करें और 2021, 2022 और 2023 में दुर्गा पूजा का त्योहार मनाने के लिए तैयार हो जाएं। 2021, 2022 और 2023 में दुर्गा पूजा कब है? दुर्गा पूजा नवरात्रि के अंत के दौरान मनाया जाता है और • 2021 में दुर्गा पूजा की तारीखें 11-15 अक्टूबर हैं। • 2022 में दुर्गा पूजा की तारीखें 1-5 अक्टूबर हैं। • 2023 में दुर्गा पूजा की तारीखें 20-24 अक्टूबर हैं। दुर्गा पूजा की शुरुआत से पहले एक और उल्लेखनीय तिथि महालया है। इस दिन, देवी दुर्गा को पृथ्वी पर आने के लिए आमंत्रित किया जाता है, और आँखें देवी की मूर्तियों पर खींची जाती हैं। दुर्गा पूजा से लगभग एक सप्ताह पहले महालया मनाया जाता है। 2021 में, यह 6 अक्टूबर...

Durga Puja 2022 शारदीय नवरात्रि पर बन रहे दो खास संयोग इस समय घट स्थापित करना माना जाता बेहद शुभ

Durga Puja 2022: शारदीय नवरात्रि पर बन रहे दो खास संयोग, इस समय घट स्थापित करना माना जाता बेहद शुभ आदि शक्ति भवानी मां दुर्गा का पर्व शारदीय नवरात्र 26 सितंबर से आरंभ हो रहा है जो 5 अक्टूबर को विजयादशमी के साथ समाप्त होगा। नवरात्रि का त्‍योहार मां दुर्गा के नौ रूपों को समर्पित है। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा होती है। जागरण संवाददाता, धनबादः आदि शक्ति भवानी मां दुर्गा का पर्व शारदीय नवरात्र 26 सितंबर से आरंभ हो रहा है, जो 5 अक्टूबर को विजयादशमी के साथ समाप्त होगा। नवरात्रि का त्‍योहार मां दुर्गा के नौ रूपों को समर्पित है। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा भक्ति भाव से करते हैं। नौ दिनों तक श्रद्धालु उपवास रखते हैं। भुईंफोड़ मंदिर के पुजारी सुभाष पांडेय के अनुसार, शक्ति की उपासना के त्योहार शारदीय नवरात्र पर इस बार बेहद दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस बार शारदीय नवरात्र की शुरुआत शुक्ल और ब्रह्म योग से हो रही है। 26 सितंबर की सुबह 8 बजकर 6 मिनट पर ब्रह्म योग लग रहा है, जो 27 सितंबर को 6 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगी। वहीं शुक्ल योग की शुरुआत 25 सितंबर को सुबह 9 बजकर 6 मिनट पर होगी, जो 26 सितंबर को सुबह 8 बजकर 6 मिनट तक रहेगा। शारदीय नवरात्र में घट स्थापन का शुभ मुहूर्त पुजारी सुभाष पांडेय के अनुसार, 26 सितंबर को सुबह 6 बजकर 20 मिनट से सुबह 10 बजकर 19 मिनट तक का मुहूर्त घट स्थापन के लिए बेहद शुभ है। नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की होगी आराधना - 26 सितंबर: नवरात्रि के प्रथम दिन मां घट स्थापना व शैलपुत्री की आराधना। - 27 सितंबर: नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की आराधना। - 28 सितंबर: नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद...

2022 में नवपत्रिका पूजा कब है New Delhi, India में

आइए जानते हैं कि 2022 में नवपत्रिका पूजा कब है व नवपत्रिका पूजा 2022 की तारीख व मुहूर्त। महासप्तमी दुर्गा पूजा का पहला दिन होता है। इस दिन नवपत्रिका पूजन करने का विधान होता है। नवपत्रिका को कलाबाऊ पूजा भी कहते हैं। बंगाल, असम और ओडिशा आदि इलाकों में नौ तरह की पत्तियों को मिलाकर दुर्गा पूजा की जाती है। नवपत्रिका पूजा में जो नौ पत्ते उपयोग किये जाते हैं। उनमें हर एक पेड़ का पत्ता देवी के अलग-अलग नौ रूप माने जाते हैं। वे नौ पत्ते हैं, केला, कच्वी, हल्दी, अनार, अशोक, मनका, धान, बिल्वा और जौ हैं। नवपत्रिका पूजा विधि 1.महासप्तमी की पूजा महास्नान के बाद शुरू होती है, इसे कलाबाऊ स्नान कहते हैं। महासप्तमी पर महास्नान करने से देवी दुर्गा की असीम कृपा होती है। 2.नवपत्रिका पूजन में नौ पत्ति को एक साथ बांधकर स्नान कराया जाता है। 3.महास्नान के पश्चात नवपत्रिका को बंगाल की पारंपरिक सफेद साड़ी जिसमें लाल बॉर्डर होती है, इस पर रखकर सजाया जाता है। 4.महास्नान के बाद प्राण प्रतिष्ठा की जाती है। इसमें मां दुर्गा की प्रतिमा को पूजा स्थल पर रखा जाता है। 5.प्राण प्रतिष्ठा के बाद षोडशोपचार पूजा की जाती है। इसमें जल, फल, फूल, चंदन आदि चढ़ाकर मां दुर्गा का पूजन किया जाता है। अंत में मां दुर्गा की महाआरती होती है और प्रसाद का वितरण किया जाता है।

दिसंबर में दुर्गा अष्टमी तिथि

महत्वपूर्ण जानकारी • हिन्दू धर्म में अष्टमी का महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। अष्टमी के दिन देवी दुर्गा की पूजा व व्रत किया जाता है। हर हिन्दू मास में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को दुर्गाष्टमी का व्रत किया जाता है। इस व्रत का देवी दुर्गा का मासिक व्रत भी कहा जाता है। हिन्दू कैलेण्डर में अष्टमी दो बार आती है एक कृष्ण पक्ष में दूसरी शुक्ल पक्ष में। शुक्ल पक्ष की अष्टमी में देवी दुर्गा का व्रत किया जाता है। अश्विन मास में आने वाली शारदीय नवरात्रि के उत्सव के दौरान पड़ने वाली अष्टमी को और चैत्र नवरात्रि के उत्सव के दौरान पड़ने वाली अष्टमी को महाष्टमी व दुर्गाष्टमी कहा जाता है। जो देवी दुर्गा के भक्तों के महत्वपूर्ण दिन होता है। अन्य त्यौहार जो अष्टमी तिथि में आते हैं जैसे दुर्गा अष्टमी व्रत तिथि सूची अष्टमी तिथि जनवरी में सोमवार, 10 जनवरी 2022 पौष, शुक्ल अष्टमी 09 जनवरी 2022 पूर्वाह्न 11:08 बजे - 10 जनवरी 2022 दोपहर 12:24 बजे अष्टमी तिथि फरवरी में मंगलवार, 8 फरवरी 2022 माघ, शुक्ल अष्टमी 08 फरवरी 2022 पूर्वाह्न 06:15 बजे - 09 फरवरी 2022 पूर्वाह्न 08:30 बजे गुरुवार, 24 फरवरी 2022 फाल्गुन, कृष्ण पक्ष अष्टमी 23 फरवरी 2022 अपराह्न 04:56 - 24 फरवरी 2022 अपराह्न 03:04 बजे मार्च में अष्टमी तिथि गुरुवार, 10 मार्च 2022 फाल्गुन, शुक्ल अष्टमी 10 मार्च 2022 पूर्वाह्न 02:56 बजे - 11 मार्च 2022 पूर्वाह्न 05:34 बजे शुक्रवार, 25 मार्च 2022 चैत्र, कृष्ण पक्ष अष्टमी ( 25 मार्च 2022 सुबह 12:10 बजे - 25 मार्च 2022 रात 10:04 बजे अष्टमी तिथि अप्रैल में शनिवार, 09 अप्रैल 2022 चैत्र, शुक्ल अष्टमी, नवरात्रि 8वां दिन - 08 अप्रैल 2022 पूर्वाह्न 11:05 बजे - 10 अप्रैल 2022 पूर्वाह्न 01:23 बजे रविवार, 24 अप्रैल ...

maha navami 2022 october date: maha navami kab hai maa siddhidatri mantra and aarti

Maha Navami 2022 Date and Mantra: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हर साल अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से लेकर नवमी तिथि तक शारदीय नवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। इन नौ दिनों में मां अम्बे के 9 स्वरूपों को पूजा जाता है। इस साल 26 सितंबर से 4 अक्टूबर 2022 तक शारदीय नवरात्रि पर्व मनाया जाएगा। वहीं महानवमी तिथि 4 अक्टूबर 2022 को पड़ रही है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा का विधान है। मान्यता है कि मां सिद्धिदात्री की पूजा और ध्यान से सभी प्रकार की सिद्धियों की प्राप्ति होती है। वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दुर्गा नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री के इस मंत्र का जाप और आरती करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है...

2022 में नवपत्रिका पूजा कब है New Delhi, India में

आइए जानते हैं कि 2022 में नवपत्रिका पूजा कब है व नवपत्रिका पूजा 2022 की तारीख व मुहूर्त। महासप्तमी दुर्गा पूजा का पहला दिन होता है। इस दिन नवपत्रिका पूजन करने का विधान होता है। नवपत्रिका को कलाबाऊ पूजा भी कहते हैं। बंगाल, असम और ओडिशा आदि इलाकों में नौ तरह की पत्तियों को मिलाकर दुर्गा पूजा की जाती है। नवपत्रिका पूजा में जो नौ पत्ते उपयोग किये जाते हैं। उनमें हर एक पेड़ का पत्ता देवी के अलग-अलग नौ रूप माने जाते हैं। वे नौ पत्ते हैं, केला, कच्वी, हल्दी, अनार, अशोक, मनका, धान, बिल्वा और जौ हैं। नवपत्रिका पूजा विधि 1.महासप्तमी की पूजा महास्नान के बाद शुरू होती है, इसे कलाबाऊ स्नान कहते हैं। महासप्तमी पर महास्नान करने से देवी दुर्गा की असीम कृपा होती है। 2.नवपत्रिका पूजन में नौ पत्ति को एक साथ बांधकर स्नान कराया जाता है। 3.महास्नान के पश्चात नवपत्रिका को बंगाल की पारंपरिक सफेद साड़ी जिसमें लाल बॉर्डर होती है, इस पर रखकर सजाया जाता है। 4.महास्नान के बाद प्राण प्रतिष्ठा की जाती है। इसमें मां दुर्गा की प्रतिमा को पूजा स्थल पर रखा जाता है। 5.प्राण प्रतिष्ठा के बाद षोडशोपचार पूजा की जाती है। इसमें जल, फल, फूल, चंदन आदि चढ़ाकर मां दुर्गा का पूजन किया जाता है। अंत में मां दुर्गा की महाआरती होती है और प्रसाद का वितरण किया जाता है।

दिसंबर में दुर्गा अष्टमी तिथि

महत्वपूर्ण जानकारी • हिन्दू धर्म में अष्टमी का महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। अष्टमी के दिन देवी दुर्गा की पूजा व व्रत किया जाता है। हर हिन्दू मास में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को दुर्गाष्टमी का व्रत किया जाता है। इस व्रत का देवी दुर्गा का मासिक व्रत भी कहा जाता है। हिन्दू कैलेण्डर में अष्टमी दो बार आती है एक कृष्ण पक्ष में दूसरी शुक्ल पक्ष में। शुक्ल पक्ष की अष्टमी में देवी दुर्गा का व्रत किया जाता है। अश्विन मास में आने वाली शारदीय नवरात्रि के उत्सव के दौरान पड़ने वाली अष्टमी को और चैत्र नवरात्रि के उत्सव के दौरान पड़ने वाली अष्टमी को महाष्टमी व दुर्गाष्टमी कहा जाता है। जो देवी दुर्गा के भक्तों के महत्वपूर्ण दिन होता है। अन्य त्यौहार जो अष्टमी तिथि में आते हैं जैसे दुर्गा अष्टमी व्रत तिथि सूची अष्टमी तिथि जनवरी में सोमवार, 10 जनवरी 2022 पौष, शुक्ल अष्टमी 09 जनवरी 2022 पूर्वाह्न 11:08 बजे - 10 जनवरी 2022 दोपहर 12:24 बजे अष्टमी तिथि फरवरी में मंगलवार, 8 फरवरी 2022 माघ, शुक्ल अष्टमी 08 फरवरी 2022 पूर्वाह्न 06:15 बजे - 09 फरवरी 2022 पूर्वाह्न 08:30 बजे गुरुवार, 24 फरवरी 2022 फाल्गुन, कृष्ण पक्ष अष्टमी 23 फरवरी 2022 अपराह्न 04:56 - 24 फरवरी 2022 अपराह्न 03:04 बजे मार्च में अष्टमी तिथि गुरुवार, 10 मार्च 2022 फाल्गुन, शुक्ल अष्टमी 10 मार्च 2022 पूर्वाह्न 02:56 बजे - 11 मार्च 2022 पूर्वाह्न 05:34 बजे शुक्रवार, 25 मार्च 2022 चैत्र, कृष्ण पक्ष अष्टमी ( 25 मार्च 2022 सुबह 12:10 बजे - 25 मार्च 2022 रात 10:04 बजे अष्टमी तिथि अप्रैल में शनिवार, 09 अप्रैल 2022 चैत्र, शुक्ल अष्टमी, नवरात्रि 8वां दिन - 08 अप्रैल 2022 पूर्वाह्न 11:05 बजे - 10 अप्रैल 2022 पूर्वाह्न 01:23 बजे रविवार, 24 अप्रैल ...