अलाउद्दीन खिलजी का इतिहास

  1. सुल्तान अलाउद्दीन खिलज़ी और उसका सम्पूर्ण इतिहास
  2. अलाउद्दीन खिलजी का इतिहास – Free Hindi eBooks
  3. अलाउद्दीन खिलजी का इतिहास
  4. Alauddin Khilji Biography In Hindi
  5. आइये जानते है अलाउद्दीन खिलजी के इतिहास के बारे में
  6. अलाउद्दीन खिलजी का इतिहास (1296
  7. ख़िलजी वंश


Download: अलाउद्दीन खिलजी का इतिहास
Size: 66.24 MB

सुल्तान अलाउद्दीन खिलज़ी और उसका सम्पूर्ण इतिहास

ऐतिहासिक तथ्य तारीख ए फ़िरोज़शाही तारीख ए फ़िरोज़शाही ग्रन्थ की रचना जियाउद्दीन बरनी के द्वारा फ़ारसी भाषा में की गई थी और इसमें गयासुद्दीन बलबन से लेकर फ़िरोज़शाह तुग़लक के शासनकाल तक की ऐतिहासिक घटनाओं का उल्लेख विस्तार से किया गया है | तारीख ए फ़िरोज़शाही में अलाउद्दीन खिलज़ी के शासनकाल की कुछ महत्वपूर्ण जानकारियों को भी विस्तार से बताया गया है | खजाईनुल फुतुह खजाईनुल फुतुह की रचना अमीर ख़ुसरो के द्वारा की गई थी और इसमें अलाउद्दीन खिलज़ी के आक्रमणों तथा दक्षिण अभियानों के बारे विस्तार से बताया गया है | खजाईनुल फुतुह के अनुसार शतरंज के खेल का आविष्कार भारत में ही हुआ है और खजाईनुल फुतुह को तारीख ए अलाई के नाम से भी जाना जाता है | महत्वपूर्ण तथ्य वास्तविक नाम - अली गुर्शास्प पिता का नाम - शाहबुद्दीन मसूद खिलज़ी जन्म स्थान - 1266 / 67 ई. अफ़गानिस्तान भाइयों के नाम - अलमास बेग , कुतलुग तिगीन और मुहम्मद धर्म का नाम - इस्लाम , सुन्नी पत्नियों के नाम - मलिका ए जहाँ , महरू, कमला देवी और झत्यपाली पुत्रों के नाम - खिज्र खान , शादी खान, कुतुबुददीन मुबारक शाह और शाहबुद्दीन उमर शौक - घुड़सवारी , तलवारबाज़ी और तैरना राज्याभिषेक - 22 अक्टूबर 1296 को लाल महल , दिल्ली उपाधियाँ - सिकंदर -ए-सानी , यामिनी उल ख़िलाफ़त आदि मृत्यु - 3/4 जनवरी 1316 को दिल्ली समाधि स्थल - क़ुतुब परिसर , दिल्ली शासनकाल- 1296 - 1316 ई. उत्तराधिकारी- क़ुतुबुद्दीन मुबारक शाह खिलज़ी अलाउद्दीन खिलज़ी का इतिहास *अलाउद्दीन खिलज़ी उर्फ़ अली गुर्शास्प का जन्म 1266 - 67 ई. में अफ़गानिस्तान के कलात शहर में हुआ था | *बचपन में ही माता - पिता के गुजरने के बाद अलाउद्दीन खिलज़ी तथा उसके सभी भाइयों का पालन पोषण उसके चाचा | *1290 में | *1296 में अलाउद्दीन ...

अलाउद्दीन खिलजी का इतिहास – Free Hindi eBooks

Alauddin Khilji – अलाउद्दीन खिलजी का जन्म जुना मुहम्मद खिलजी के नाम से हुआ था। वे खिलजी साम्राज्य के दुसरे शासक थे जिन्होंने 1296 से 1316 तक शासन किया था। उस समय खिलजी साम्राज्य के सबसे शक्तिशाली शासक अलाउद्दीन खिलजी ही थे। अलाउद्दीन खिलजी का इतिहास – Alauddin Khilji History In Hindi वे एक महत्व्कंशी और युद्धोंतेजक शासक थे। अलाउद्दीन खुद को “दूसरा एलेग्जेंडर” कहते थे। उन्हें “ 1308 में अलाउद्दीन ने अपने सहायक मलिक काफूर को दक्षिण के अभियान पर भेजा, जिसका मुख्य उद्देश्य कृष्णा नदी के दक्षिण पर स्थापित होयसला साम्राज्य के वरंगल को हासिल करना और दक्षिण में मदुरा के व्यापार को बढ़ाना था। 1311 में मलिक काफूर दिल्ली वापिस आया। लेकिन इसके कुछ ही समय बाद 1316 में सुल्तान की मौत हो गयी। कहा जाता है की चित्तोड़ की रानी पद्मिनी को पाने के लिए उन्होंने 1303 CE में चित्तोड़ पर आक्रमण किया था। इस युद्ध का लेखक मलिक मुहम्मद जायसी ने अवधी भाषा में 1540 में अपनी कविता पद्मावत में उल्लेख किया है। अलाउद्दीन खिलजी एक शक्तिशाली मिलिट्री कमांडर था जो भारतीय उपमहाद्वीप में सेना की देखरेख करता था। सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी को इतिहास के उन शासको में गिना जाता है जिन्होंने मंगोल आक्रमण से अपने राज्य की रक्षा की थी। उन्होंने विशाल और शक्तिशाली मंगोल सेना को पराजित किया था। उनके साम्राज्य की सीमा – इतिहासिक जानकारों के अनुसार उनके राज्य में हुए युद्ध को देखकर यह कहा जा सकता है की अलाउद्दीन का साम्राज्य सिमित था। उत्तर-पश्चिमी तरफ पंजाब और सिंध उन्ही के नियंत्रण में थे और अपने सम्राज्य की सीमा भी निर्धारित की। उनका ज्यादातर साम्राज्य गुजरात, उत्तर प्रदेश, मालवा और राजपुताना क्षेत्र में था। अलाउद्दीन खिलजी ...

अलाउद्दीन खिलजी का इतिहास

अलाउद्दीन खिलजी 19 जुलाई 1296 ई. में सुल्तान जलाउद्दीन खिलजी की हत्या कर स्वयं को सुल्तान घोषित किया। 22 अक्टूबर 1296 ई. में दिल्ली में बलबन के राजमहल में उसने अपना राज्याभिषेक करवाया तथा दिल्ली के सिंहासन पर बैठा।अलाउद्दीन दिल्ली का प्रथम सुल्तान था जिसने धर्म को राजनीति से पृथक रखा। उसके शासनकाल में इस्लाम के सिद्धान्तों को प्रमुखता न देकर राज्यहित को सर्वोपरि रखा गया। उलेमा वर्ग को भी उसके शासनकार्यों में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं था। अलाउद्दीन खिलजी का प्रारंभिक जीवनअलाउद्दीन खिलजी का मूलनाम अली गुरशास्प था। वह सुल्तान जलालुद्दीन का भतीजा और दामाद था। उसके पिता शिहाबुद्दीन मसूद खिलजी बलबन के समय में एक सैनिक अधिकारी थे। जलालुद्दीन के शासनकाल में अलाउद्दीन को "अमीर-तुजुक" का पद प्राप्त हुआ। मलिक छज्जू के विद्रोह को दबाने महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के कारण जलालुद्दीन ने उसे कड़ा मानिकपुर का सूबेदार नियुक्त किया। 1292 ई. में भिलसा अभियान की सफलता के बाद अलाउद्दीन खिलजी को आरिज-ए-मुमालिक का पद दिया गया। 1292 ई. में ही धन लूटने के उद्देश्य से उसने देवगिरि का अभियान किया। देवगिरि में प्राप्त धन से अलाउद्दीन की स्थिति और सुदृढ़ हो गयी। अब उसके अन्दर दिल्ली का सिंहासन प्राप्त करने की लालसा जागृत हुई। उसने धोखे से अपने चाचा सुल्तान जलाउद्दीन फिरोज खिलजी कड़ा मानिकपुर बुलाकर हत्या कर दी तथा स्वयं को सुल्तान घोषित किया। अलाउद्दीन खिलजी ने अपना राज्याभिषेक 22 अक्टूबर 1296 ई. में करवाया। अलाउद्दीन खिलजी के आर्थिक सुधारदिल्ली के सुल्तानों में अलाउद्दीन प्रथम सुल्तान था जिसने वित्तीय एवं राजस्व सुधारों में गहरी रुचि ली। अलाउद्दीन खिलजी को आर्थिक सुधारों की आवश्यकता इसलिए महसूस हुई। क्...

Alauddin Khilji Biography In Hindi

नमस्कार मित्रो आपका स्वागत है। आज के हमारे लेख में हम Alauddin Khilji Biography In Hindi, में महान और शक्तिशाली योद्धा अलाउद्दीन खिलजी का जीवन परिचय बताने वाले है। 1250 में लकनौथी बंगाल में जन्मे अलाउद्दीन खिलजी के पिता का नाम शाहिबुद्दीन मसूद था। और उनका दूसरा नाम जुना मोहम्मद खिलजी था। आज की पोस्ट में alauddin khilji wife, alauddin khilji father और alauddin khilji death reason की माहिती देने वाले है। अलाउद्दीन खिलजी की बाजार नियंत्रण व्यवस्था बहुत ही लाजवाब हुआ करती थी। अलाउद्दीन खिलजी की पत्नी कमला देवी थी। वह खिलजी वंश के पहले सुल्तान जलालुद्दीन फिरुज खिलजी के भाई थे। उन्हें बचपन में अच्छी शिक्षा नहीं मिली लेकिन अलाउद्दीन खिलजी के सैन्य सुधर की वजह से महान और शक्तिशाली योद्धा बनके के उभर आये थे। आज हम अलाउद्दीन खिलजी के सुधारों का वर्णन भी करने वाले है। तो चलए ले चलते है। Alauddin Khilji Biography In Hindi – नाम अलाउद्दीन खिलजी जन्म 1250 AD जन्म स्थान लकनौथी ( बंगाल ) पिता शाहिबुद्दीन मसूद पत्नी कमला देवी भाई अलमास बेग , कुतलुग टिगीन और मुहम्म चाचा जलालुद्दीन फिरुज खिलजी बच्चे कुतिबुद्दीन मुबारक शाह , शाहिबुद्दीन ओमर धर्म मुस्लिम शौक घुडसवारी , तलवारबाजी , तैरना मृत्यु 4 जनवरी 1316 मुत्यु स्थान दिल्ली , भारत alauddin khilji tomb क़ुतुब परिसर , दिल्ली अलाउद्दीन खिलजी का जन्म और बचपन – 1250 में अलाउद्दीन खिलजी का जन्म लकनौथी बंगाल में हुआ था , उनका ओरिजनल नाम जुना मोहम्मद खिलजी था। वे खिलजी वंश के पहले सुल्तान जलालुद्दीन फिरुज खिलजी के भाई थे। उनको बचपन से ही अच्छी शिक्षा नहीं मिली थी। लेकिन फिरभी एक शक्तिशाली और महत्वकांशी शासक योद्धा साबित हुए है। जो खिलजी वंश के दुसरे ...

आइये जानते है अलाउद्दीन खिलजी के इतिहास के बारे में

Gk In Hindi – यह वेबसाइट (Gk Website) सामान्य ज्ञान General knowledge को बढ़ाने का एक प्रयास है और यह विभिन्न विषयों से संबन्धित सामान्य ज्ञान के प्रश्नों का एक संग्रह है जो की सभी तरह के प्रतियोगिता परीक्षाओं जैसे SSC, IBPS Clerk, IBPS PO, RBI Assistant, IBPS SO, RRB, Police, CTET, TET, BED, SCRA,MPPSC, UPSC, और इसी तरह के कई अन्य प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है Table of Contents • • • • • • • • • • • • • Alauddin Khilji खिलजी वंश के दूसरे शासक अलाउद्दीन खिलजी अपने निदर्यी और लड़ाकू स्वभाव के लिए भारतीय इतिहास में मशहूर था। वो एक शक्तिशाली, कुशल एवं महत्वकांक्षी शासक था जिसने काफी लूटपाट और उत्पात मचा कर अपने साम्राज्य का काफी विस्तार कर लिया था। वह दक्षिण भारत को जीतने वाला पहला कुशल मुस्लिम राजा भी था। उसने अपने शासनकाल में दक्षिण में मदुरै तक अपने खिलजी साम्राज्य का विस्तार कर दिया था। अलाउद्दीन खिलजी के करीब 300 साल बाद भी कोई भी शासक इतना बड़ा साम्राज्य स्थापित नही कर पाया था। अलाउद्दीन खिलजी खुद को दूसरा सिकंदर (अलेक्जेंडर) समझता था। आइए जानते हैं अलाउद्दीन खिलजी के जीवन से जुड़ी कुछ महत्वूर्ण एवं दिलचस्प बातों के बारे में – अलाउद्दीन खिलजी का इतिहास – Alauddin Khilji History in Hindi Alauddin Khilji History In Hindi अल्लाउद्दीन खिलजी की जीवनी एक नजर में – Alauddin Khilji Information in Hindi • वास्तविक नाम : (Real Name) अली गुरशास्प उर्फ़ जूना खान खिलजी • पदवी : अलाउददीन खिलजी (Alauddin Khalji) • जन्म : (Birthday) 1260-1275 के बीच में (जन्म के बारे में इतिहासकारों के एक मत नहीं), • पिता का नाम : (Father Name) शाहिबुद्दीनमसूद • पत्नी का नाम :...

अलाउद्दीन खिलजी का इतिहास (1296

Contents • 1 अलाउद्दीन खिलजी(Alauddin Khilji) का साम्राज्य विस्तार • 1.1 (1) मुल्तानविजय • 1.2 (2) गुजरातविजय • 1.3 (3) रणथम्भौर • 1.4 (4) मेवाड़ • 1.5 (v) मालवा • 1.6 (vi) सेवाना • 1.7 (7 ) जालौर • 2 अलाउद्दीन खिलजी की दक्षिण विजय | मलिक काफूर • 2.1 (i) देवगिरी की विजय (1307-08 ई.) • 2.2 (ii) वारंगल की विजय (1309-10 ई.) • 2.3 (iii) द्वारसमुद्र (1310-11 ई.) • 2.4 (iv) पाण्ड्य राज्य • 2.5 (v) देवगिरी (1313 ) • 3 इस आर्टिकल का वीडियो देखें • 4 Related Links अलाउद्दीन खिलजी का इतिहास (1296-1316 ई.) Alauddin Khilji in Hindi-अलाउद्दीन जिसे अली या गुरशस्प भी कहा जाता था, जलालुद्दीन खिलजी के समय उसने अनेक महत्वपूर्ण कार्य किए. अपने चाचा की हत्या करवा कर वह सुल्तान बना. उसका राज्यारोहण दिल्ली में स्थित सिकन्दर द्वितीय (सानी) की उपाधि धारण की तथा खलीफा की सत्ता को मान्यता प्रदान करते हुए ‘यास्मिन-उल-खिलाफत-नासिरी-अमीर-उल-मिमुनिन’ की उपाधि ग्रहण की. उसके शासन के आरम्भिक वर्षों में ही अनेक विद्रोह खड़े हुए जिन्हें कुशलता पूर्वक दबा लिया गया. अपने विरोधियों को समाप्त करने के लिए अलाउद्दीन ने अत्यन्त कड़ाई व निष्ठुरता से काम लिया. उसने मलिका जहाँ को कारावास में डाल दिया व उसके दो पुत्रों को अन्धा करवा दिया. उसने लगभग 2000 मंगोलों (जो इस्लाम ग्रहण करके दिल्ली के आसपास बस गए थे तथा गुजरात की लूट का बड़ा हिस्सा मांग रहे थे और विद्रोह पर उतारू हो गए थे) को मौत के घाट उतार दिया. उनका दमन नुसरत खाँ ने किया. सुल्तान ने अपने विद्रोही भतीजे अकत खाँ का भी वध करवा दिया. सुल्तान के भांजे मलिक उमर व गंगू खाँ ने भी विद्रोह कर दिया, जिन्हें मौत की घाट उतारा गया. दिल्ली के हाजी मौला का विद्रोह सरदार ह...

ख़िलजी वंश

खिलजी वंश ( سلطنت خلجی‎) या ख़लजी वंश मध्यकालीन भारत का एक राजवंश था। इसने दिल्ली की सत्ता पर 1290-1320 इस्वी तक राज किया। दिल्ली की मुस्लिम सल्तनत में दूसरा शासक परिवार था, हालांकि ख़िलजी क़बीला लंबे समय से अफ़ग़ानिस्तान में बसा हुआ था, लेकिन अपने पूर्ववर्ती गुलाम वंश की तरह यह राजवंश भी मूलत: तुर्किस्तान का था। इसके तीन शासक अपनी निष्ठाहीनता, निर्दयता और दक्षिण भारतीय हिंदू राज्यों पर अधिकार के लिए जाने जाते थे। ख़लजी वंश के पहले सुल्तान जलालुद्दीन फ़िरोज़ ख़लजी, गुलाम वंश के अंतिम कमज़ोर बादशाह क्यूमर्श के पतन के बाद एक कुलीन गुट के सहयोग से गद्दी पर बैठे। जलालुद्देन उम्र में काफ़ी बड़े थे और अफ़ग़ानी क़बीले का माने जाने के कारण एक समय वह इतने अलोकप्रिय थे कि राजधानी में घुसने तक का साहस नहीं कर सकते थे। उनके भतीजे जूना ख़ां ने दक्कन के हिन्दू राज्य पर चढ़ाई करके एलिचपुर और उसके ख़ज़ाने पर क़ब्ज़ा कर लिया और फिर 1296 में वापस लौटकर उन्होंने अपने चाचा की हत्या कर दी। जूना ख़ां ने अलाउद्दीन ख़लजी की उपाधि धारण कर 20 वर्ष तक शासन किया। उन्होंने रणथंभौर (1301), चित्तौड़ (1303) और अनुक्रम • 1 ख़िलजी • 2 ख़िलजी युग • 3 शासकों के नाम • 4 सन्दर्भ ख़िलजी [ ] ख़िलजी कौन थे? इस विषय में पर्याप्त विवाद है। इतिहासकार 'निज़ामुद्दीन अहमद' ने ख़िलजी को चंगेज़ ख़ाँ का दामाद और कुलीन ख़ाँ का वंशज, 'बरनी' ने उसे तुर्कों से अलग एवं 'फ़खरुद्दीन' ने ख़िलजियों को तुर्कों की 64 जातियों में से एक बताया है। फ़खरुद्दीन के मत का अधिकांश विद्वानों ने समर्थन किया है। चूंकि भारत आने से पूर्व ही यह जाति अफ़ग़ानिस्तान के हेलमन्द नदी के तटीय क्षेत्रों के उन भागों में रहती थी, जिसे ख़िलजी के नाम से जाना ...