अलाउद्दीन खिलजी का इतिहास pdf

  1. जलालुद्दीन फिरोज खिलजी का इतिहास
  2. [PDF] सल्तनत काल का इतिहास
  3. [PDF] खिलजी वंश का इतिहास
  4. अल्लाउद्दीन खिलजी


Download: अलाउद्दीन खिलजी का इतिहास pdf
Size: 4.54 MB

जलालुद्दीन फिरोज खिलजी का इतिहास

जलालुद्दीन फिरोज खिलजी का इतिहास | Jalaluddin Khilji History in Hindi जलालुद्दीनफिरोजखिलजी का इतिहास | Jalaluddin Khilji History in Hindi जलालुद्दीनफिरोजखिलजी का इतिहास | Jalaluddin Khilji History in Hindi:Hello Friends आज हम आप सभी के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी share कर रहे हैं यह जानकारी “जलालुद्दीनफिरोजखिलजी का इतिहास | Jalaluddin Khilji History in Hindi”से सम्बंधित जानकारी है| जो छात्र इस सब्जेक्ट से सम्बंधित विभिन्न प्रकार के प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं उन सभी के लिए आज का हमारा यह post बहुत ही Helpful साबित होगा| आप सभी की जानकारी की लिए हम बता दें की जलालुद्दीनफिरोजखिलजी का इतिहास | Jalaluddin Khilji History in Hindiसे सम्बंधित परीक्षाओं में प्रश्न पूछे जाते हैं| आप सभी को हम यह PDF Notes Download करने का Link नीचे दे रहा हूँ आप आसानी के साथ download कर सकते हैं| जलालुद्दीन फिरोज खिलजी (1290 ई.-1296 ई.) • भारत में खिलजी वंश का संस्थापक था। 13 जून, 1290 में कैकूबाद द्वारा निर्मित किलोखरी (कूलागढ़ी) महल में राज्यारोहण हुआ। • यह दिल्ली सल्तनत का प्रथम शासक था जिसका हिन्दू जनता के प्रति उदार दृष्टिकोण था कैकूबाद ने जलालुद्दीन फिरोज खिलजी को शाइस्ता खां की उपाधि दी थी। बलबन के शासन काल में सैनिक के रूप में नियुक्त हुआ। • जलालुद्दीन खिलजी दिल्ली सल्तनत का पहला शासक था ,जिसने अपने विचारों को स्पष्ट रुप से सामने रखा कि राज्य का आधार प्रजा का समर्थन होना चाहिए खिलजी की नीति दूसरों को प्रसन्न रखना थी • जलालुद्दीन खिलजी पहला ऐसा शासक था जिसने विरोधियों को संतुष्ट करने का प्रयास किया जलालुद्दीन खिलजी उदार शासक था वह हिंदुओ के प्रति सहिष्...

[PDF] सल्तनत काल का इतिहास

History of the Sultanate Period PDF: आज के इस पोस्ट के मध्यम से हमने आप सभी के साथ सल्तनत काल का इतिहास पीडीऍफ़ को शेयर किया है, जिसे आप डाउनलोड करके आसानी अपने फोन में पढ़ सकते है| सल्तनत काल में फराई भाषा का सबसे ज्यादा प्रचलन था। सल्तनत काल में सबसे बड़े कवि अमीर खुसरो जिन्हे मंगोलों ने बांधी बना लिया था लेकिन वो वहा से भाग गए| History of the Sultanate Period PDF PDF Name History of the Sultanate Period PDF Language Hindi No. of Pages 148 Size 568 KB Category Quality Excellent दिल्ली सल्तनत (सल्तनत काल): दिल्ली सल्तनत 1206 ई. से 1526 ई. तक भारत और शासन करने वाला पांच वंशी के सुलतानों के शासनकाल को दिल्ली सल्तनत या सल्तनत ए हिंद कहा जाता है। ये पांच वंश है • गुलाम वंश (1206 से 1290) • खिलजी वंश (1290 से 1320) • तुगलक वंश (1320 से 1414) • सैय्यद वंश (1414 से 1451) • लोदी वंश (1451 से 1526) इन पांचों वंश में पहला चार वंश तुर्क है और पांचवा अफगान है। इनकी भाषाएं देवनागरी, हिंदी, फारसी आदि है इनका धर्म सुन्नी इस्लाम से है। दिल्ली सल्तनत की सांकेतिक व्यवस्था: दिल्ली सल्तनत पर इस्लामीक कानून लागू होता है। वा सल्तनत में अधिकांस जनसंख्या मुसलमान नही है इसी कारण एतिहारकर बरनी ने इस काल को वास्तविक इस्लाम नही माना है। सल्तनत काल के अधिकांस अधिकारी अमीर और सुलतान तुर्क से थे। सल्तनत काल का वित्तीय व्यवस्था: इस काल का अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि और व्यापार था। इस काल में पांच सबसे प्रमुख कर थे। • उश्र • मुतई • खराज • चरी • घरी खुस्म को राजस्व धन नहीं माना जाता था क्युकी यह लूट के धन से प्राप्त किया जाता था। जजिया और जकात को भी मुख्य राजस्व नही मानते क्युकी यह एक धार्मिक कर था। टैक...

[PDF] खिलजी वंश का इतिहास

History of Khilji Vansh in Hindi PDF: आज के इस पोस्ट के माध्यम से हम आप सभी के साथ खिलजी वंश का इतिहास पीडीऍफ़ को शेयर किया है, जिसे आप नीचे दिए गए डाउनलोड बटन की मदद से फ्री में डाउनलोड कर सकते है| खिलजी फारसी या मध्य कालीन भारत का एक राजवंश था जो दिल्ली के सत्ता पर 1290 ई. से 1320 ई. तक शासन किया यह दिल्ली में मुस्लिम सल्तनत में दूसरा मुस्लिम परिवार था| History of Khilji Vansh in Hindi PDF PDF Name History of Khilji Vansh in Hindi PDF Language Hindi No. of Pages 9 Pages Size 2.5 MB Category Quality Excellent खिलजी वंश का इतिहास: खिलजी फारसी या मध्य कालीन भारत का एक राजवंश था जो दिल्ली के सत्ता पर 1290 ई. से 1320 ई. तक शासन किया यह दिल्ली में मुस्लिम सल्तनत में दूसरा मुस्लिम परिवार था हालाकि यह अफगानिस्तान बस गया अपने पहले मुगल वंश की तरह या वंश भी तुर्किस्तान का था। यह वंश अपनी तीन शासक के लिए सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है। • निष्ठहीनता • निर्दयता • दक्षिण भारतीय हिन्दू राज्य पर अधिकार करना। इन सभी कार्यों के लिए जाने जाते थे। खिलजी वंश के पहले सुलतान जलालुद्दीन फिरोज खिलजी थे। बाद में गुलाम वंश के सबसे कमजोर और अयोग्य बादशाह क्यूमर्श पतन के बाद एक कुलीन गुट के सहयोग से बैठाया गया। जलालुद्दीन उम्र एम बड़े थे और अफगानी कबीले के मारे जाने के बाद राजधानी में घुसाने का साहस नहीं कर पाते थे एक समय वह काफी लोकप्रिय था अलाउद्दीन खिलजी का परिचय: बहराम शाह के भतीजे जून खा दक्कन के हिन्दू राज्य पर चढ़ाई कर दी और एल्चुरी और उसके खजने को लूट लिया। जब जून खा 1296 ई. में वापस लोट तो अपने चाचा बहराम शाह की हत्या कर दी और खुद अलाउद्दीन खिलजी की उपाधि धारण की ओर 20 वर्ष तक शासन किया। अलाउद्दीन ...

अल्लाउद्दीन खिलजी

• العربية • Беларуская • भोजपुरी • বাংলা • Català • کوردی • Čeština • Deutsch • English • Esperanto • Español • فارسی • Français • עברית • हिन्दी • Bahasa Indonesia • Italiano • 日本語 • ಕನ್ನಡ • മലയാളം • Nederlands • ਪੰਜਾਬੀ • Polski • پنجابی • پښتو • Русский • Simple English • Српски / srpski • Svenska • தமிழ் • తెలుగు • Türkçe • Українська • اردو • Oʻzbekcha / ўзбекча • Tiếng Việt अल्लाउद्दीन खिलजी सुलतान अल्लाउद्दीन खिलजी अधिकारकाळ राज्याभिषेक राजधानी पूर्णनाव अल्लाउद्दीन जलालुद्दीन खिलजी लख्नौती (बंगाल) मृत्यू पूर्वाधिकारी जलालुद्दीन फिरोझ खिलजी उत्तराधिकारी कुतुबुद्दीन मुबारक शाह राजघराणे अल्लाउद्दीन खिलजी (मृत्यू: इ.स. १३१६) अल्लाउद्दीन खिलजी हा दिल्लीवर राज्य करणाऱ्या खिलजी घराण्यातला दुसरा सुलतान होता. पहिला सुलतान त्याचा काका जलालुद्दीन खिलजी. अल्लाउद्दीनने गादीवर येण्यापूर्वी जलालुद्दीनची २२ ऑक्टोबर १२९६ला हत्या केली होती. गुलाम घराणे नंतर दिल्लीवर राज्य करणारे घराणे म्हणजे खीलजी होय खीलजी हे मूळचे अफगाणिस्तानमधील खल्ज प्रांतातील होते मोहम्मद घोरीच्या स्वारीबरोबर मोहम्मद बखतियार खिलजी भारतात आलेला होता त्याने बंगाल व बिहारवर वर्चस्व प्रस्थापित केले ते पुढे अल्तमश व बलबन या सुलतानाच्या काळातही त्यांनी आपले प्रस्थ तिकुन ठेवले सुलतान शाहीचे सेवक म्हणून ते बंगाल बिहार वर कारभार करत राहिले पण तेराव्या शतकाच्या शेवटी मात्र योग्य नेतृत्व करणारे तुर्की सुलतान नव्हते या काळात दिल्लीतील तुर्कांची जागा त्यांनी घेतली अशासत्तांतराबद्दल इतिहासकार बरणी याने नमूद केले आहे की, "खीलजी यांच्या उदयानंतर सर्व सत्ता तुर्कांच्या हातातून निसटून गेली आणि दिल्लीच्या ज्या लोकांनी गेली ऐंशी वर्...