अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण के समय चित्तौड़ का शासक कौन था

  1. अलाउद्दीन ख़िलजी
  2. अलाउद्दीन खिलजी का इतिहास Alauddin Khilji History In Hindi
  3. [Solved] 1306 ई. के बाद अलाउद्दीन खिलजी के काल में दिल्ली स
  4. अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण के समय देवगिरी का शासक कौन था
  5. अलाउद्दीन खिलजी
  6. अलाउद्दीन खिलजी के बारे में पूरी जानकारी
  7. अकबर के आक्रमण के विरुद्ध चित्तौड़गढ़ की रक्षा कौन कर रहा था? – ElegantAnswer.com


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अलाउद्दीन ख़िलजी

पूरा नाम अलाउद्दीन ख़िलजी जन्म 1266-1267 ई. मृत्यु तिथि 2 जनवरी 1326 ई. मृत्यु स्थान पति/पत्नी मलिका-ए-जहाँ, महरू, कमलादेवी, झत्यपाली शासन काल 1296–1326 ई. धार्मिक मान्यता सुन्नी ( राजधानी दिल्ली पूर्वाधिकारी उत्तराधिकारी वंश संबंधित लेख अन्य जानकारी अलाउद्दीन ख़िलजी का बचपन का नाम अली 'गुरशास्प' था। उसके तख्त पर बैठने के बाद उसे 'अमीर-ए-तुजुक' का पद मिला। मलिक छज्जू के विद्रोह को दबाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने के कारण जलालुद्दीन ने उसे कड़ा-मनिकपुर की सूबेदारी सौंप दी। अलाउद्दीन ख़िलजी ( Alauddin Khilji, राज्यकाल- 1296-1326 ई.) विषय सूची • 1 शासन व्यवस्था • 2 विद्रोहों का दमन • 3 साम्राज्य विस्तार • 3.1 गुजरात विजय • 3.2 जैसलमेर विजय • 3.3 रणथम्भौर विजय • 3.4 चित्तौड़ आक्रमण एवं मेवाड़ विजय • 3.5 मालवा विजय • 3.6 जालौर • 4 अलाउद्दीन की दक्षिण विजय • 4.1 देवगिरि • 4.2 तेलंगाना • 4.3 होयसल • 4.4 पाण्ड्य • 4.5 मंगोल आक्रमण • 5 प्रशासनिक सुधार • 5.1 मंत्रीगण • 5.2 न्याय प्रशासन • 5.3 पुलिस एवं गुप्तचर • 5.4 डाक पद्धति • 5.5 सैनिक प्रबन्ध • 6 आर्थिक सुधार • 7 राजस्व एवं कर व्यवस्था • 8 मृत्यु एवं निर्माण कार्य • 9 टीका टिप्पणी और संदर्भ • 10 संबंधित लेख शासन व्यवस्था राज्याभिषेक के बाद उत्पन्न कठिनाईयों का सफलता पूर्वक सामना करते हुए अलाउद्दीन ने कठोर शासन व्यवस्था के अन्तर्गत अपने राज्य की सीमाओं का विस्तार करना प्रारम्भ किया। अपनी प्रारम्भिक सफलताओं से प्रोत्साहित होकर अलाउद्दीन ने 'सिकन्दर द्वितीय' (सानी) की उपाधि ग्रहण कर इसका उल्लेख अपने सिक्कों पर करवाया। उसने विश्व-विजय एवं एक नवीन विद्रोहों का दमन अलाउद्दीन ख़िलजी के राज्य में कुछ विद्रोह हुए, जिनमें 1299 ई. में ...

अलाउद्दीन खिलजी का इतिहास Alauddin Khilji History In Hindi

अलाउद्दीन खिलजी का इतिहास Alauddin Khilji History In Hindi : दिल्ली सलतनत के इतिहास में खिलजी वंश का महत्वपूर्ण स्थान है इसी वंश का शासक था अलाउद्दीन खिलजी. इसका जन्म १२६६-६७ ई में हुआ था, उसके पिता का नाम शिहाबुद्दीन खिलजी था, जो कि जलालुद्दीन फिरोज खिलजी का भाई था. पिता की अकाल मृत्यु हो जाने के पश्चात उसके चाचा जलालुद्दीन फिरोज खिलजी ही उसके संरक्षक थे. पूरा नाम अलाउद्दीन खिलजी दूसरा नाम जुना मोहम्मद खिलजी असली नाम अलीगुर्शप जन्म 1250 ई जन्म स्थान लक्नौथी (बंगाल) शासनावधि 1296–1316 पिता का नाम शाहिबुद्दीन मसूद पत्नी मलिका-ए-जहाँ, महरू, कमला देवी धर्म मुस्लिम मृत्यु 1316 (दिल्ली) बच्चे कुतिबुद्दीन मुबारक शाह, शाहिबुद्दीन ओमर कौन था अलाउद्दीन खिलजी खिलजी वंश का दूसरा राजा और सबसे अधिक इस्लाम को कट्टरता से अपने राजकीय जीवन में उतरने वाले क्रूर शासक के रूप में जाना जाता हैं. इसकी निर्दयता और गैर मुसलमानों के प्रति नीति का अनुमान इसी बात से लगा सकते है कि खिलजी के शासनकाल के दौरान राजस्थान से चार से पांच जौहर हुए थे, जिनमें पद्मावती जौहर भी एक था. अपने चाचा जलालुद्दीन की हत्या कर राजसत्ता हथियाने वाला अलाउद्दीन दूसरा सिकन्दर बनने का स्वप्न लेकर अपने साम्राज्य को फैलाने का अभियान ले चला था. उसने सिकन्दर आई सनी की उपाधि भी अर्जित की थी. अपने शासित राज्य में इस्लाम में हराम की गई चीजे जैसे शराब आदि को इसने प्रतिबंधित कर दी थी. सल्तनतकालीन शासकों में सर्वाधिक क्रूर शासक खिलजी ने न केवल उत्तर भारत को रौदा बल्कि दक्षिण भारत में भी इसने नियमित लूटमार और कत्लेआम जारी रखा. Telegram Group इतिहास जीवनी बाल्यावस्था में नियमित शिक्षा के अभाव में यदपि अलाउद्दीन खिलजी निरक्षर रह गया था. फि...

[Solved] 1306 ई. के बाद अलाउद्दीन खिलजी के काल में दिल्ली स

सही उत्‍तर है → रवि। Key Points • मंगोल और अलाउद्दीन खिलजी • खिलजी के शासन के दौरान, दुवा खान के तहत चगताई खानटे के मंगोलों ने बार-बार भारतीय उपमहाद्वीप पर आक्रमण करने की कोशिश की। • अलाउद्दीन खिलजी के शासनकाल में हुए हमले पहली बार नहीं थे जब मंगोलों ने भारत पर आक्रमण किया था। • ये सभी अलाउद्दीन के समय की तुलना में छोटे आक्रमण थे, और यह भारत का सौभाग्य था कि इस देश में सबसे जबरदस्त हमले किए गए जब अलाउद्दीन जैसा मजबूत सम्राट शासक था। • खिलजी, अपनी सैन्य प्रतिभा से, मंगोलों को एक बार नहीं, बल्कि पांच बार हराने में कामयाब रहे, और छठी बार भी हार से बचने में कामयाब रहे, जब मंगोलों ने भारी ताकतों के साथ हमला किया। • १३०६ ईस्वी के बाद अलाउद्दीन खिलजी की अवधि के दौरान रावी नदी दिल्ली सुल्तान और मंगोलों के बीच की सीमा थी Additional Information • अलाउद्दीन खिलजी के बारे में • अलाउद्दीन खिलजी भारत के महानतम राजाओं में से एक थे और दुनिया के महानतम सैन्य प्रतिभाओं में से एक थे। • उनका जन्म 1266 ईस्वी में दिल्ली में हुआ था और उन्होंने 1296 ईस्वी - 1316 ईस्वी तक दिल्ली के सुल्तान के रूप में शासन किया। • खिलजी ने साम्राज्य का बहुत विस्तार किया कि उसने उसे मारने के बाद , अपने चाचा सुल्तान जलालुद्दीन खिलजी से विरासत में मिला। • चूंकि उनकी कई विजय हिंदू साम्राज्यों के थे, जिनमें चित्तौड़, देवगिरी, वारंगल (जहां से उन्होंने प्रसिद्ध कोहिनूर हीरा प्राप्त किया था), गुजरात, रणथंभौर और होयसल और पांड्या साम्राज्यों सहित, खिलजी को अक्सर हिंदुत्व द्वारा खलनायक के रूप में देखा जाता है। समूह। • मंगोल साम्राज्य की स्थापना 1206 में चंगेज खान ने की थी। • मध्य एशिया के स्टेपी में मंगोल गढ़ से उत्पन्न, 13 व...

अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण के समय देवगिरी का शासक कौन था

p. 1- 1 [Multi Choice Question] Description: This is a Most important question of gk exam. Question is : अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण के समय देवगिरी का शासक कौन था , Options is : 1. प्रतापरुद्र देव, 2. रामचन्द्र देव, 3.मलिक काफूर, 4. राणा रतन सिंह, 5. NULL Publisher: mympsc.com & mympsc.com Source: Online General Knolwedge अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण के समय देवगिरी का शासक कौन था This is a Most important question of gk exam. Question is : अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण के समय देवगिरी का शासक कौन था , Options is : 1. प्रतापरुद्र देव, 2. रामचन्द्र देव, 3.मलिक काफूर, 4. राणा रतन सिंह, 5. NULL Correct Answer of this Question is : 2 Online Electronics Shopping Store - Buy Mobiles, Laptops, Camera Online India Electronics Bazaar is one of best Online Shopping Store in India. Buy online Mobile Phones, Laptops, Tablets, Cameras & much more at best prices. Buy Now! online shopping Electronics india, online shopping in india, online shopping store, buy electronics online, online electronics shopping, online shopping stores, electronics online shopping, online electronics store, online electronic shopping india, online electronics store india • ☞ >भारत में पहला सफल यड्डत प्रत्यारोपण किसने किया ? • ☞ >स्फिग्मोमैनोमीटर से क्या मापा जाता है ? • ☞ >ग्रामीण क्षेत्रों में शासन प्रबन्ध एवं विकास हेतु किस संस्था का गठन किया गया है ? • ☞ >संसद की किस वित्तीय समिति में राज्य सभा का कोई प्रतिनिधित्व नहीं होता ? • ☞ >कोणार्क का सूर्य मन्दिर नरसिंह देव प्रथम ने बनवाया था। वे किस राजवंश से थे ? • ☞ >भूमध्य ...

अलाउद्दीन खिलजी

अनुक्रम • 1 निर्माण कार्य • 2 शासन व्यवस्था • 3 हिन्दुओं के साथ व्यवहार - • 4 विद्रोहों का दमन • 5 साम्राज्य विस्तार • 5.1 गुजरात विजय • 5.2 जैसलमेर विजय • 5.3 रणथम्भौर विजय • 5.4 चित्तौड़ आक्रमण एवं मेवाड़ विजय • 5.5 सौंख मथुरा अभियान • 5.6 मालवा विजय • 5.7 जालौर • 5.8 दक्षिण विजय • 5.8.1 देवगिरि • 5.8.2 तेलंगाना • 5.8.3 होयसल • 6 मृत्यु • 7 सन्दर्भ • 8 बाहरी कड़ियाँ निर्माण कार्य [ ] अलाउद्दीन के दरबार में अमीर खुसरों तथा हसन निजामी जैसे उच्च कोटि के विद्धानों को संरक्षण प्राप्त था। स्थापत्य कला के क्षेत्र में अलाउद्दीन खिलजी ने वृत्ताकार 'अलाई दरवाजा' अथवा 'कुश्क-ए-शिकार' का निर्माण करवाया। उसके द्वारा बनाया गया 'अलाई दरवाजा' प्रारम्भिक तुर्की कला का एक श्रेष्ठ नमूना माना जाता है। इसने सीरी के किले, हजार खम्भा महल का निर्माण किया। अलाउद्दिन खिलजी ने जमीन नपाई का आधा राजस्व के रूप में लेता था। शासन व्यवस्था [ ] राज्याभिषेक के बाद उत्पन्न कठिनाईयों का सफलता पूर्वक सामना करते हुए अलाउद्दीन ने कठोर शासन व्यवस्था के अन्तर्गत अपने राज्य की सीमाओं का विस्तार करना प्रारम्भ किया। अपनी प्रारम्भिक सफलताओं से प्रोत्साहित होकर अलाउद्दीन ने 'सिकन्दर द्वितीय' (सानी) की उपाधि ग्रहण कर इसका उल्लेख अपने सिक्कों पर करवाया। उसने विश्व-विजय एवं एक नवीन धर्म को स्थापित करने के अपने विचार को अपने मित्र एवं दिल्ली के कोतवाल 'अलाउल मुल्क' के समझाने पर त्याग दिया। यद्यपि अलाउद्दीन ने ख़लीफ़ा की सत्ता को मान्यता प्रदान करते हुए ‘यामिन-उल-ख़िलाफ़त-नासिरी-अमीर-उल-मोमिनीन’ की उपाधि ग्रहण की, किन्तु उसने ख़लीफ़ा से अपने पद की स्वीकृत लेनी आवश्यक नहीं समझी। उलेमा वर्ग को भी अपने शासन कार्य में हस्तक्ष...

अलाउद्दीन खिलजी के बारे में पूरी जानकारी

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अकबर के आक्रमण के विरुद्ध चित्तौड़गढ़ की रक्षा कौन कर रहा था? – ElegantAnswer.com

इसे सुनेंरोकेंअकबर ने मेवाड़ को अपने अधीन करने के लिए 1567 ई. में चित्तौड़ के क़िले पर आक्रमण कर दिया। उदयसिंह क़िले की सुरक्षा का भार जयमल एवं फत्ता (फ़तेह सिंह) को सौंप कर समीप की पहाड़ियों में खो गया। इन दो वीरों ने बड़ी बहादुरी से मुग़ल सेना का मुकाबला किया अन्त में दोनों युद्ध क्षेत्र में वीरगति को प्राप्त हुए। 1568 में चित्तौड़ का शासक कौन था? इसे सुनेंरोकेंसाल 1303 में खिलजी के हमला के बाद साल 1533 में गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह ने चित्तौड़ पर हमला किया था. बहादुर शाह के बाद 1568 में मुगल शासक अकबर ने भी चित्तौड़ पर हमला किया और किले पर कब्जा कर लिया. अकबर के बाद 1616 में मुगल शासक जहांगीर के राज में राजपूतों को वापस किले पर अधिकार मिला. चित्तौड़ का युद्ध कब व किसके मध्य हुआ? इसे सुनेंरोकेंचित्तौड़ का युद्ध सन् 1303 में चित्तौड़ शासक रतनसिंह एवं दिल्ली सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी के मध्य हुए इस युद्ध में अलाउद्दीन खिलजी की विजय हुई। इस युद्ध में राणा रतनसिंह युद्ध करते मारे गए एवं उनकी पत्नी पद्‌मिनी ने जौहर किया। इस युद्ध में प्रसिद्ध यौद्धा गोरा एवं बादल शहीद हुए थे। सन् 1576 के युद्ध के बाद अकबर ने उदयपुर का प्रशासन किसे सौंपा? इसे सुनेंरोकें⇒ 1576 में ही अकबर उदयपुर आया और उदयपुर का नाम मुमदाबाद कर दिया। ⇒ इसके बाद अकबर हल्दीघाटी देखने गया। ⇒ अकबर ने नाथद्वारा व मोही में 30,000 सैनिक छोङ दिए। ⇒ अकबर ने उदयपुर का प्रशासन फकरुद्दीन व जगन्नाथ को सौंपा। चित्तौड़ के इतिहास में 25 फरवरी 1568 का दिन क्यों महत्वपूर्ण है? इसे सुनेंरोकेंफूलकंवर की अगुवाई में 23 फरवरी 1568 काे हुए जौहर में केवल राजपूत महिलाएं बल्कि जनसाधारण की स्त्रियां बच्चे भी थे। इसीलिए इसे जन जौहर कहते ह...