अमावस कब है

  1. अमावस्या कब की है 2023
  2. 2022 की हरियाली अमावस कब है? – Expert
  3. सोमवती अमावस्या कब है 2023, 2024, 2025, 2026, 2027, 2028, 2029
  4. 2022 में अमावस्या कितनी तारीख की है? – Expert
  5. सितंबर महीना में अमावस कब है? – Expert
  6. कब ले बीती अमावस के रतिया: कहानी (गीताश्री)
  7. Do These Remedies On Magh Month Amavasya To Satisfy Ancestors
  8. Amavasya 2022 Date And Timing In Hindi जानें साल 2022 में कब


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अमावस्या कब की है 2023

Contents • 1 जनवरी में अमावस्या कब की है • 1.1 फरवरी में अमावस्या कब की है • 1.2 मार्च में अमावस्या कब की है • 1.3 अप्रैल में अमावस्या कब की है • 1.4 मई में अमावस्या कब की है • 1.5 जून में अमावस्या कब की है • 1.6 जुलाई में अमावस्या कब की है • 1.7 अगस्त में अमावस्या कब की है • 1.8 सितम्बर में अमावस्या कब की है • 1.9 अक्टूबर में अमावस्या कब की है • 1.10 नवंबर में अमावस्या कब की है • 1.11 दिसंबर में अमावस्या कब की है • 1.12 इस महीने की मस्या कब है? • 1.13 मस्या तिथि किस तारीख को है? जनवरी में अमावस्या कब की है जनवरी महीने में पौष (पोह) मास की अमावस तिथि 21 तारीख को शनिवार के दिन है. Hindi Tithi Date Amavasya January 2023 21 January 2023 फरवरी में अमावस्या कब की है फरवरी महीने में माघ (माह) मास की अमावस तिथि 20 तारीख को सोमवार के दिन है. Hindi Tithi Date Amavasya February 2023 20 February 2023 मार्च में अमावस्या कब की है मार्च महीने में फाल्गुन (फागुन) मास की अमावस तिथि 21 तारीख को मंगलवार के दिन है. Hindi Tithi Date Amavasya March 2023 21 March 2023 अप्रैल में अमावस्या कब की है अप्रैल महीने में चैत्र (चैत) मास की अमावस तिथि 20 तारीख को गुरुवार के दिन है. Hindi Tithi Date Amavasya April 2023 20 April 2023 मई में अमावस्या कब की है मई महीने में बैशाख (वैशाख) मास की अमावस तिथि 19 तारीख को शुक्रवार के दिन है. Hindi Tithi Date Amavasya May 2023 19 May 2023 जून में अमावस्या कब की है जून महीने में ज्येष्ठ (जेठ) मास की अमावस तिथि 18 तारीख को रविवार के दिन है. Hindi Tithi Date Amavasya June 2023 18 June 2023 जुलाई में अमावस्या कब की है जुलाई महीने में आषाढ़ (साढ़) मास की अमावस तिथि 17 ...

2022 की हरियाली अमावस कब है? – Expert

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • 2022 की हरियाली अमावस कब है? Hariyali Amavasya 2022: इस बार हरियाली अमावस्या 28 जुलाई (गुरुवार) को मनाई जाएगी। इस दिन पुनर्वसु नक्षत्र, अमृत, सर्वार्थ सिद्धि और पुष्य नक्षत्र योग है। ऐसे में पर्व का महत्व अधिक बढ़ गया है। हरियाली अमावस्या का दिन स्नान-दान, पूजा-पाठ और व्रत के लिए जाना जाता है। अमावस्या कब है अगस्त 2022? धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन पवित्र नदी में स्नान, दान और पितरों का तर्पण करनेसे जीवन में सुख-शांति व समृद्धि आती है। भाद्रपद अमावस्या कब है? इस साल भाद्रपद अमावस्या 27 अगस्त 2022, शनिवार को मनाई जाएगी। शनिवार के दिन अमावस्या पड़ने के कारण शनिचरी अमावस्या का योग बन रहा है। हरियाली अमावस कौन से महीने में आती है? पेड़- पौधों की पूजा करने से सभी तरह के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। इस दिन सुबह किसी पवित्र नदी में स्नान का भी बहुत अधिक महत्व होता है। आप नहाने के पानी में गंगा जल मिलाकर, मां गंगा का ध्यान कर भी स्नान कर सकते हैं। सावन मास में 28 जुलाई, गुरुवार को हरियाली अमावस्या है। २०२१ में हरियाली अमावस्या कब है? हरियाली अमावस्या 2021 ति​थि हिन्दी पंचांग के अनुसार, श्रावण मास की अमावस्या तिथि का प्रारंभ 07 अगस्त दिन शनिवार को शाम 07 बजकर 11 मिनट से हो रहा है। इसका समापन 08 अगस्त दिन रविवार को शाम 07 बजकर 19 मिनट पर होगा। स्नान दान के लिए उदया ति​थि मान्य होती है, इसलिए सावन माह की अमावस्या या हरियाली अमावस्या 08 अगस्त को है। इस माह की अमावस्या कितनी तारीख को है? हिंदू पंचांग के अनुसार हलहाारिणी अमावस्या 28 और 29 जून को पड़ रही है. हलहारिणी अमावस्या 28 जून, मंगलवार को है सुबह 5:52 बजे शुरू होगी औ...

सोमवती अमावस्या कब है 2023, 2024, 2025, 2026, 2027, 2028, 2029

सोमवती अमावस्या 2023 में 20 फरवरी दिन सोमवार को है। अमावस्या का हिन्दू धर्म में विशेष महत्त्व होता है। सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं। ये वर्ष में लगभग एक अथवा दो ही बार पड़ती है। विवाहित स्त्रियों द्वारा इस दिन अपने पतियों के दीर्घायु कामना के लिए व्रत का विधान है। इस दिन मौन व्रत रहने से सहस्र गोदान का फल मिलता है। शास्त्रों में इसे अश्वत्थ प्रदक्षिणा व्रत की भी संज्ञा दी गयी है। अश्वत्थ यानि पीपल वृक्ष। इस दिन विवाहित स्त्रियों द्वारा पीपल के वृक्ष की दूध, जल, पुष्प, अक्षत, चन्दन इत्यादि से पूजा और वृक्ष के चारों ओर 108 बार धागा लपेट कर परिक्रमा करने का विधान होता है। और कुछ अन्य परम्पराओं में भँवरी देने का भी विधान होता है। धान, पान और खड़ी हल्दी को मिला कर उसे विधान पूर्वक तुलसी के पेड़ को चढाया जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान का भी विशेष महत्व समझा जाता है। कहा जाता है कि महाभारत में भीष्म ने युधिष्ठिर को इस दिन का महत्व समझाते हुए कहा था कि, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने वाला मनुष्य समृद्ध, स्वस्थ्य और सभी दुखों से मुक्त होगा। ऐसा भी माना जाता है कि स्नान करने से पितरों कि आत्माओं को शांति मिलती है। सोमवती अमावस्या कब है? सोमवती अमावस 2023 : 20 फरवरी, 2023, सोमवार सोमवती अमावस 2024 : 8 अप्रैल, 2024, सोमवार सोमवती अमावस 2027 : 8 मार्च, 2027, सोमवार सोमवती अमावस 2028 : 24 अप्रैल, 2028, सोमवार सोमवती अमावस 2030 : 4 मार्च, 2030, सोमवार सोमवती अमावस 2031 : 21 अप्रैल1, 2031, सोमवार सोमवती अमावस 2032 : 12 जनवरी, 2032, सोमवार सोमवती अमावस 2033 : 21 नवंबर, 2033, सोमवार सोमवती अमावस 2034 : 20 मार्च, 2034, सोमवार Tags : षटतिला एकादशी 20...

2022 में अमावस्या कितनी तारीख की है? – Expert

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • 2022 में अमावस्या कितनी तारीख की है? इस साल हरियाली अमावस्या 28 जुलाई 2022 को होगी. पंचांग के अनुसार सावन की अमावस्या तिथि 27 जुलाई, बुधवार को रात 9 बजकर 11 मिनट से शुरू होगी. वहीँ यह तिथि 28 जुलाई, गुरुवार को रात 11 बजकर 24 मिनट तक मान्य होगी. ऐसे में उदया तिथि को मान्य करते हुए हरियाली अमास्या का व्रत 28 जुलाई को रखा जाएगा. अप्रैल में अमावस्या कब की है? फाल्गुन अमावस्या बुधवार 2 मार्च, 2022। चैत्र अमावस्या शुक्रवार 1 अप्रैल, 2022। वैशाख अमावस्या शनिवार 30 अप्रैल, 2022। ज्येष्ठ अमावस्या सोमवार 30 मई, 2022। अमावस्या कब है 2022 June? अमावस्या तिथि 28 जून को सुबह 5 बजकर 53 मिनट से शुरू होगी और 29 जून को सुबह 8 बजकर 23 मिनट तक रहेगी। उदिया तिथि होने के कारण हलहारिणी अमावस्या 28 जून को और 29 जून दोनों दिन मनाई जा रही है। मंगलवार को अमावस्या तिथि होने के कारण इस संयोग में मंगल दोष निवारण के लिए पूजा की जा सकती है। अमावस्या कब है 2022 मार्च? अमावस्या तिथि प्रारंभ- 31 मार्च को दोपहर 12 बजकर 22 मिनट से शुरू होगी। अमावस्या तिथि समाप्त- 01 अप्रैल को सुबह 11 बजकर 53 मिनट तक। ब्रह्य योग- सुबह 09 बजकर 37 मिनट तक। इसके बाद इंद्र योग शुरू होगा। मार्च महीने में अमावस कब है? हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र अमावस्या इस साल 31 मार्च 2022, गुरुवार से शुरू हो रही है जो 1 अप्रैल दिन शुक्रवार को समाप्त होगी। उदया तिथि के आधार पर चैत्र अमावस्या 01 अप्रैल को है। इस अमावस्या का धार्मिक महत्व अधिक है। माना जाता है कि चैत्र अमावस्या के दिन पितरों को मोक्ष प्राप्ति के लिए पूजा करना शुभ है। फरवरी माह की अमावस्या कब ...

सितंबर महीना में अमावस कब है? – Expert

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • सितंबर महीना में अमावस कब है? इस बार 6 सितंबर, सोमवार श्राद्ध और 7 सितंबर, मंगलवार को स्नान-दान की अमावस्या (Amavasya 2021) है। भादो की अमावस्या कौन तारीख को है? रपद अमावस्या कहते हैं। इस तिथि को भादों अमावस्या व पिठौरी अमावस्या के भी नाम से जाना जाता है। इस साल 2021 में यह तिथि रविवार 06 सितंबर को को 07:38 AM से शुरु होकर सोमवार, 7 सितंबर को 06:21 AM तक रहेगी। माना जाता है कि इस दिन दिन दान-पुण्य और पितरों की शांति के लिए तर्पण करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। 2022 में अमावस्या कब कब है? माघ अमावस्या मंगलवार 1 फरवरी, 2022। फाल्गुन अमावस्या बुधवार 2 मार्च, 2022। चैत्र अमावस्या शुक्रवार 1 अप्रैल, 2022। वैशाख अमावस्या शनिवार 30 अप्रैल, 2022। अक्टूबर माह की अमावस्या कब है? आज 06 अक्टूबर 2021 और दिन बुधवार है। आज पितृ विसर्जन अमावस्या है, इसे सर्व पितृ अमावस्या भी कहते हैं। आज पितृ पक्ष का समापन हो रहा है। 7 सितंबर को अमावस्या है क्या? आज 07 सितंबर 2021 और दिन मंगलवार है। आज भाद्रपद अमावस्या है जिसे पिठोरी अमावस्या या कुशग्रहणी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। अमावस्या को पितरों के निमित्त स्नान दान तर्पण पिंडदान श्राद्ध कर्म आदि किए जाते हैं। READ: जन्मदिन का पता कैसे लगाएं? भादो अमावस्या कब है 2021? Bhadrapad Amavasya 2021 Date: हिंदू पंचाग के अनुसार भाद्रपद मास (Bhadrapad Month) के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को पिठौरी अमावस्या (Pithori Amavasya) या कुशग्रहणी अमावस्या (Kushgrehani Amavasya) के नाम से भी जाना जाता है. इस बार ये 7 सितंबर को मनाई जाएगी. इस दिन विवाहिता महिलाएं अपनी पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं. 2021 में ...

कब ले बीती अमावस के रतिया: कहानी (गीताश्री)

"विश्व महिला दिवस" को समर्पित हमरंग की प्रस्तुति "एक कहानी रोज़" 'महिला लेखिकाओं की चुनिंदा कहानी' में आज चौथे दिन प्रस्तुत है "गीताश्री" की कहानी । टिप्पणी हनीफ़ मदार की ॰॰॰॰॰ । कहानी पर आप भी अपनी टिप्पणियाँ नीचे कमेंट बॉक्स में ज़रूर करें। कब ले बीती अमावस के रतिया बारह साल बाद जैसे उमा कुमारी के भाग्य जगे, वैसे ही सबके जगे। हाईवे के किनारे बसा पूरा गांव चहचहा उठा था। सबकी जुबां पर यही बात थी। खातोपुर गांव का उत्साह देखते बन रहा था। खुद उम्मी यानी उमा कुमारी के पतिदेव अचंभित थे कि जिस स्त्री को अब तक त्याज्य समझा था, उसे गांव के लोग इतना प्यार कैसे करते हैं। उसे उम्मो के प्रति गांव वालो के प्यार पर उतनी खुशी नहीं हो रही थी जितना अचंभा हो रहा था। वह अपनी शहरी आंखें फाड़ फाड़ कर कभी आधुनिक रंग ढंग में रंग चुकी युवा बीबी को देखे तो कभी ओसारे पर जमा महिला मंडल की औरतों को। सिर्फ औरतें नहीं, उनके आगे कई बच्चे खड़े खड़े, टुकुर टुकुर देखे जाए तमाशा। गाड़ी दरवाजे पर ही खड़ी थी। कोई उससे सवाल नहीं पूछ रहा कि इतने साल कहां रहे। जवान बीवी की खोज खबर क्यों न ली। क्यों लापता रहे कि कोई ढूंढ न सके। जब पता चला तो कहानी बदल चुकी थी। पता चले भी पांच ही साल हुए। उम्मो ने कैसे दिन रैन बिताए, क्या पता। उम्मो के पतिदेव यानी मालभोग ठाकुर जानना भी नहीं चाहते कि उम्मो के दिन रैन कैसे कटे उनके बिना। बस, वे इन दिनों खाली थे, पत्नीविहीन थे। पत्नी उनसे अलग होकर बच्चा समेत दूसरे परिवार में रम चुकी थी। लगभग शहर से गायब थी, जैसे वे खुद गायब हुए थे कभी। उन्हें पहली बार पता लगा था, लापता होने का दर्द पीछे छूट जाने वालो के लिए क्या होता है। अब वे लापता नही रहना चाहते थे और पुराने पते पर लौट जाना चाहते थ...

Do These Remedies On Magh Month Amavasya To Satisfy Ancestors

कब है साल की पहली अमावस्या, सोमवती अमावस्या के दिन इन कार्यों से तृप्त होते हैं पितर हिन्दू धर्मशास्त्रों में सोमवती अमावस्या को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है. सोमवती अमावस्या के दिन व्रत, पूजन और गंगा स्नान का विशेष महत्व है. इस दिन पितरों की संतुष्टि के लिए कुछ काम किए जाते हैं, जिससे उन्हें शांति मिलती है. नई दिल्ली: हिंदू धर्म में सोमवती अमावस्या का खास महत्व है. सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) के दिन व्रत, पूजन और गंगा स्नान का विशेष महत्व है. साल 2022 में पहली सोमवती अमावस्या 31 जनवरी से शुरू हो रहीहै. इस बार सोमवती सोमवार, दोपहर 02:18 मिनट मिनट पर शुरू होगी और 1 फरवरी मंगलवार को सुबह 11:16 मिनट तक रहेगी. पितृ दोष निवारण के लिए भी यह दिन अत्यंत शुभ माना जाता है. इस दिन महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं. इस दिन महिलाएं श्रद्धा के साथ व्रत रहकर पीपल की पूजा करती हैं और 108 चीजें दान करके परिक्रमा करती हैं. इस पूजा में कथा पढ़ने का खास महत्व होता है. इस दिन पितरों की संतुष्टि के लिए कुछ काम किए जाते हैं, जिससे उन्हें शांति मिलती है. यह भी पढ़ें • Pitra Dosh: घर और जीवन में लग गया है पितृ दोष, तो मान्यतानुसार इस तरह छुटकारा पा सकते हैं आप • Pitra Dosh: घर पर पितृ दोष लगने पर मान्यतानुसार नजर आते हैं कुछ संकेत, इस तरह करते हैं पहचान • Mesh Sankranti 2023: आने वाली है मेष संक्रांति, पितृ दोष से परेशान लोग मान्यतानुसार कर सकते हैं इन चीजों का दान बता दें कि जब भी सोमवार के दिन अमावस्या तिथि पड़ती है, तो इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है. इसी तरह माघ मास (Magh Month Amavasya 2022) में पड़ने इस अमावस्या को माघी अमावस्या (Maghi Amavasya) या मौनी अमावस्या (Mauni Amava...

Amavasya 2022 Date And Timing In Hindi जानें साल 2022 में कब

Amavasya 2022 Date And Timing In Hindi: जानें, साल 2022 में कब-कब है अमावस्या, देखें यहां पूरी लिस्ट Amavasya 2022 Date And Timing In Hindi इस दिन पूजा जप तप का विधान है। शास्त्रों में निहित है कि अमावस्या के दिन गंगा स्नान कर पूजा करने से व्यक्ति को अमोघ फल की प्राप्ति होती है। वहीं अमावस्या के दिन दान करने से पितरों को मोक्ष मिलता है। Amavasya 2022 Date And Timing In Hindi: हिंदी पंचांग के अनुसार, हर माह में कृष्ण पक्ष की पाक्षिक यानी चतुर्दशी के एक दिन बाद अमावस्या पड़ती है। इस दिन पूजा, जप, तप का विधान है। शास्त्रों में निहित है कि अमावस्या के दिन गंगा स्नान कर पूजा करने से व्यक्ति को अमोघ फल की प्राप्ति होती है। वहीं, अमावस्या के दिन दान करने से पितरों को मोक्ष मिलता है। अत: देशभर में श्रद्धालु अमावस्या के दिन पवित्र नदियों और सरोवरों में आस्था की डुबकी लगाते हैं। साथ ही तिल तर्पण भी करते हैं। आइए जानते हैं कि साल 2022 में कब-कब अमावस्या है- -चैत्र अमावस्या शुक्रवार 1 अप्रैल, 2022 को है। चैत्र अमावस्या तिथि 31 मार्च को दोपहर में 12 बजकर 24 मिनट से शुरू होकर 1 अप्रैल को सुबह में 11 बजकर 56 मिनट पर समाप्त होगी। -वैशाख अमावस्या शनिवार 30 अप्रैल, 2022 को है। वैशाख अमावस्या तिथि 30 अप्रैल को देर रात 12 बजकर 59 मिनट से शुरू होकर 1 मई को देर रात 1 बजकर 59 मिनट पर समाप्त होगी। -ज्येष्ठ अमावस्या सोमवार 30 मई, 2022 को है। ज्येष्ठ अमावस्या तिथि 29 मई को दोपहर में 2 बजकर 56 मिनट से शुरू होकर 30 मई को शाम में 5 बजे समाप्त होगी। -आषाढ़ अमावस्या बुधवार 29 जून, 2022 को है। आषाढ़ अमावस्या तिथि 28 जून को सुबह में 5 बजकर 53 मिनट पर शुरू होकर 29 जून को सुबह में 8 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगी...