Anu kise kahate hain

  1. Anunasik शब्द की पहचान कैसे करें जानिए इसके बारे में सबकुछ
  2. इतिहास किसे कहते हैं
  3. अणु किसे कहते हैं? परिभाषा, प्रकार
  4. मानव शरीर
  5. 150+ अनुस्वार और अनुनासिक शब्द
  6. Anunasik शब्द की पहचान कैसे करें जानिए इसके बारे में सबकुछ
  7. इतिहास किसे कहते हैं
  8. अणु किसे कहते हैं? परिभाषा, प्रकार
  9. 150+ अनुस्वार और अनुनासिक शब्द
  10. अणु किसे कहते हैं? परिभाषा, प्रकार


Download: Anu kise kahate hain
Size: 59.15 MB

Anunasik शब्द की पहचान कैसे करें जानिए इसके बारे में सबकुछ

क्या आप जानते हैं संस्कृत, पाली, प्राकृत आदि जो हिन्दी की पूर्ववर्ती भाषा हैं उनमें स्वयं के अनुनासिक स्वर नहीं है जबकि अनुनासिक हिन्दी के अपने स्वर हैं। इसलिए इन भाषाओं में अनुनासिक शब्द नहीं लिखे जाते हैं। आपने संस्कृत में देखा होगा अनुनासिक स्वर नहीं है इसलिए ही अनुनासिक स्वरों को लिखने के लिए देवनागरी वर्णमाला में कोई अलग से वर्ण नहीं हैं। इंटरेस्टिंग है ना यह टॉपिक? तो चलिए इस इंटरेस्टिंग टॉपिक anunasik के बारे में अधिक जानते हैं इस ब्लॉग में। This Blog Includes: • • • • • • • • • • परिभाषा कई स्वरों को बोलने के लिए मुख और नासिका दोनों का प्रयोग करना पड़ता है या यह कह सकते हैं कि जिन स्वरों का उच्चारण मुख और नासिका दोनों से किया जाता है वे अनुनासिक कहलाते हैं। वर्णों के ऊपर चंद्रबिंदु (ँ) लगा कर anunasik स्वर लिखे जाते हैं। अनुनासिक शब्द के उदाहरण अनुनासिक शब्द के उदारहण नीचे दिए है: • मुँह • धुँधले • कुआँ • चाँद • भाँति • काँच • बाँधकर • पहुँच • ऊँचाई • टाँग • पाँच • दाँते • साँस • रँगी • अँगूठा • बाँधकर • बाँट • अँधेर • माँ • फूँकना • आँखें • झाँका • मुँहजोर • उँड़ेल • बाँस • सँभाले • मियाँ • अजाँ • ऊँगली • ठूँस • गूँथ • काँव-काँव • उँगली • काँच • बूँदें • रोएँ • पूँछ • झाँकते अनुनासिक का प्रयोग जिस प्रकार anunasik की परिभाषा में बताया गया है कि जिन स्वरों का उच्चारण मुख और नासिका दोनों से किया जाता है, वे अनुनासिक कहलाते हैं और इन्हीं स्वरों को लिखते समय इनके ऊपर anunasik के चिह्न चन्द्रबिन्दु (ँ) का प्रयोग किया जाता है। यह ध्वनि (अनुनासिक) वास्तव में स्वरों का गुण होती है। अ, आ, उ, ऊ, तथा ऋ स्वर वाले शब्दों में अनुनासिक लगता है। जैसे – कुआँ, चाँद, अँधेरा आदि। 10 अ...

इतिहास किसे कहते हैं

इतिहास किसे कहते है – itihaas kise kahate hain इतिहास किसे कहते हैं(itihas kise kahate hain )अक्सर इस सवाल का उत्तर जानने की जिज्ञासा लाखों लोगों में होती है। तभी तो हजारों लोग इस प्रश्न का जवाव गूगल पर जानना चाहते हैं। इतिहास से अभिप्राय उने विगत घटनाओं से है। जिसमें देश समाज, ब्रह्मांड से जुड़ी हुई समस्त पिछली घटनाओ और उन घटनाओं के विषय में अवधारणाओं का उल्लेख किया जाता है। इतिहास किसे कहते हैं – ITIHAAS KISE KAHATE HAIN इतिहास का अर्थ – itihaas ka arth kya hai इतिहास का शाब्दिक अर्थ की बाद की जाय तो यह हिन्दी के दो शब्दों के मेल से बना है। इति और हास, इति का मतलब होता है बीती हुई और हास का मतलब कहानी से है। इस प्रकार इतिहास का अर्थ (itihas ka arth) होता है बीती हुई कहानी। इस प्रकार इसे इस रूप में समझा जा सकता है, की इतिहास वह शास्त्र है जिसमें विगत घटित घटनाओं के बारें में हमें जानकारी मिलती है। इतिहास के प्रकार ऊपर आपने इतिहास के अर्थ के बारें में जाना की इतिहास से क्या अभिप्राय है। अब हम इतिहास की उपयोगिता और इतिहास के प्रकार के बारें में जानते हैं। इतिहास को वर्गीकृत करना कठिन है। लेकिन सुविधा की दृष्टि से इतिहास को मुख्य रूप से भागों में बांटा जा सकता है। • प्राचीन इतिहास • मध्यकालीन इतिहास • आधुनिक इतिहास READ नीमराना किले का इतिहास और जानकारी | Neemrana Fort Palace History in Hindi इस वर्गीकरण के अलावा भी इतिहास के और भी प्रकार हो सकते हैं। सामाजिक इतिहास, साँस्कृतिक इतिहास, राजनीतिक इतिहास, धार्मिक इतिहास, आर्थिक इतिहास इत्यादि। इतिहास क्या है परिभाषा– itihas ki paribhasha kya hai अक्सर लोग इतिहास की परिभाषा जानना चाहते हैं की इतिहास क्या है। इतिहास की परिभाषा इन...

अणु किसे कहते हैं? परिभाषा, प्रकार

Table of Contents • • अणु किसे कहते हैं? परिभाषा :- दो या दो से अधिक परमाणुओं का समूह जो रासायनिक रूप से एक साथ बंधे होते हैं या आकर्षक बलों द्वारा कसकर एक साथ बंधे होते हैं, अणु के रूप में जाने जाते हैं। वह सूक्ष्मतम कण जिसमें किसी पदार्थ को विभाजित किया जा सकता है, परमाणु कहलाता है। किसी तत्व की संयोजन शक्ति उसकी संयोजकता कहलाती है। अणु कितने प्रकार के होते हैं? • द्विपरमाणुक अणु (Diatomic Molecules) – एक द्विपरमाणुक परमाणु एक ही या विभिन्न रासायनिक तत्वों के केवल दो परमाणुओं से बना होता है। द्विपरमाणुक अणुओं के उदाहरण O2 और CO हैं। • हेटेरोन्यूक्लियर डायटोमिक अणु (Heteronuclear Diatomic Molecules) – एक हेटेरोन्यूक्लियर डायटोमिक अणु में एक ही तत्व के दो परमाणु संयुक्त होते हैं। सात द्विपरमाणुक तत्व हैं: हाइड्रोजन (H2), नाइट्रोजन (N2), ऑक्सीजन (O2), फ्लोरीन ((F2), क्लोरीन ((Cl2)), आयोडीन ((I2) और ब्रोमीन (Br2)। ये सात तत्व हैं इतने प्रतिक्रियाशील कि वे अक्सर एक ही प्रकार के दूसरे परमाणु के साथ बंधे पाए जा सकते हैं। • होमोन्यूक्लियर डायटोमिक अणु (Homonuclear diatomic molecules) – एक होमोन्यूक्लियर डायटोमिक अणु में रासायनिक रूप से संयुक्त विभिन्न तत्वों के दो परमाणु होते हैं। होमोन्यूक्लियर डायटोमिक अणुओं के उदाहरण हैं: carbon monoxide, hydrocholoric acid (HCl), और Hydrogen Flouride (HF)

मानव शरीर

vishay soochi • 1 rasayanik star • 2 manav sharir ke bhag • 2.1 koshikaean • 2.2 ootak • 2.3 aang • 2.4 sansthan ya tantr • 3 tika tippani aur sandarbh • 4 sanbandhit lekh manav sharir vibhinn sanrachanatmak staroan ka ek jatil sangathan hai, jisaki shuruat rasayanik star rasayanik star par manav sharir vibhinn jaiv-rasayanoan ka sangathanatmak tatha kriyatmak roop hota hai jisamean vibhinn jab do ya do se adhik 2 likha jata hai. ek anu mean ek se adhik paramanu ho to use yaugik kahate haian. 2O) evan karban daiaauksaid (CO 2) ki tarah hi manav sharir ke bhag koshikaean, ootak, aang evan jatil sansthan ya tantr paraspar milakar manav sharir ki rachana karate haian. ye bhag nimn hai:- koshikaean mukhy lekh: saman gunoan vali, ek hi akar ki tatha ek hi kary karane vali koshikaoan ke samooh ko ootak kahate haian. manav ek bahukoshiy prani hai, jo koshikaean rachana tatha kary mean ek-doosare se bhinn hota haian. ek prakar ki koshikaean, ek hi prakar ka kary karati haian aur ek hi varg ke ootakoan jaise- aang aang do ya adhik tarah ke ootakoan ka ek yugmaj sangrah hota hai, jo ek sath kary karake ek vishesh kriya karate haian. sansthan ya tantr sharir ke vibhinn aang ek sath samoohit hokar kisi ek vishisht kriya ko karane ka kary karate haian, jise samoohik roop se sansthan ya tantr kahate hai. udaharanarth- shvasan sansthan mean anekoan aang hote hai, jo sharir ke bahar ki vayu tatha andar ke • tvachiy sansthan • asthi sansthan ya kankal sansthan • peshiy sansthan • • • rakt ...

150+ अनुस्वार और अनुनासिक शब्द

Anuswar Shabd दोस्तो आजहमने अनुस्वार शब्द या बिंदु वाले शब्द लिखे हैं। अनुस्वार स्वर के बाद आने वाला शब्द होता है। इसकी ध्वनि नाक से आती है अनुसवार शब्दों का प्रयोग बहुत सी जगह होता है। आज हम जानेंगे की कब और कहा इनका प्रयोग किया जाता है। अनुस्वार की परिभाषा क्या है? अनुस्वार दो शब्दों से मिलकर बना शब्द हैं, शाब्दिक अर्थ होता है अनु + स्वर (स्वर के बाद आने वाले)। स्वर के बाद आने वाले व्यंजन वर्ण को अनुसवार कहते है। हिंदी भाषा के अनुसार इसका प्रयोग चिन्ह बिंदु के रुप मे किया जाता है। इसकी ध्वनि नाक से आती है। और इन्हे Anunasik Shabd भी कहते है। अनुस्वार शब्द का प्रयोग– देखा जाएं तो हिंदी वर्ण माला मैं पांच वर्ग होते हैं, इन वर्गों में पांचवे वर्ण को पंचमाक्षर कहते है। जो निम्न है: ङ्, ञ़्, ण्, न्, म् इन शब्दों की जगह अनुस्वार (ं) का प्रयोग होता है। अनुस्वार की मात्रा के शब्द – Anuswar Shabd शंकु अंदर चंदन शंकर संपूर्ण लंबे कंठ तंग रंक रंग शंख यंत्र पतंग डंडा सायं डंडा जंगल लंगूर मंत्र तंग संजय अंगूर ज़िंदा बंद मंत्री संत ठंडी शंकु खंभात नंगा कंघी गंध गंगा रंगीन पंख आनंद भंग पंक्ति मंडल संगीता कंप सींगो पंडित पिंजरा मयंक बंदूक वंचित संतरा पंजे मंजन बंगला बैंजो सुगंध सुंदर धुरंधर घंटी अंडा श्रृंगार संबंध संतूर चंदन पंजा मंदिर पंकज चोंच सुरंग संभ्रांत हंस धंधा संदूक अंकित नारंगी तिरंगा खंबा बसंत नींद बिंदु मंगल लंका संपन्न ठंडक पंजा अंशों बंगाल संक्षिप्त पलंग पुंज अंतिम चिंतित अंतरंग पंजाब फिरंगी कंगन पसंद उपरांत पंखुड़ी संदेश आशंका निरंजन मंजुला भंडारा हुरदंग सिलिंडर अत्यंत मांसाहारी मनोरंजन घंटाघर पंचायत शकरकंदी संभावना कूदफांद गंगाराम बंदर सरपंच कलंदर संचालक संस्कृति अंक दंग ...

Anunasik शब्द की पहचान कैसे करें जानिए इसके बारे में सबकुछ

क्या आप जानते हैं संस्कृत, पाली, प्राकृत आदि जो हिन्दी की पूर्ववर्ती भाषा हैं उनमें स्वयं के अनुनासिक स्वर नहीं है जबकि अनुनासिक हिन्दी के अपने स्वर हैं। इसलिए इन भाषाओं में अनुनासिक शब्द नहीं लिखे जाते हैं। आपने संस्कृत में देखा होगा अनुनासिक स्वर नहीं है इसलिए ही अनुनासिक स्वरों को लिखने के लिए देवनागरी वर्णमाला में कोई अलग से वर्ण नहीं हैं। इंटरेस्टिंग है ना यह टॉपिक? तो चलिए इस इंटरेस्टिंग टॉपिक anunasik के बारे में अधिक जानते हैं इस ब्लॉग में। This Blog Includes: • • • • • • • • • • परिभाषा कई स्वरों को बोलने के लिए मुख और नासिका दोनों का प्रयोग करना पड़ता है या यह कह सकते हैं कि जिन स्वरों का उच्चारण मुख और नासिका दोनों से किया जाता है वे अनुनासिक कहलाते हैं। वर्णों के ऊपर चंद्रबिंदु (ँ) लगा कर anunasik स्वर लिखे जाते हैं। अनुनासिक शब्द के उदाहरण अनुनासिक शब्द के उदारहण नीचे दिए है: • मुँह • धुँधले • कुआँ • चाँद • भाँति • काँच • बाँधकर • पहुँच • ऊँचाई • टाँग • पाँच • दाँते • साँस • रँगी • अँगूठा • बाँधकर • बाँट • अँधेर • माँ • फूँकना • आँखें • झाँका • मुँहजोर • उँड़ेल • बाँस • सँभाले • मियाँ • अजाँ • ऊँगली • ठूँस • गूँथ • काँव-काँव • उँगली • काँच • बूँदें • रोएँ • पूँछ • झाँकते अनुनासिक का प्रयोग जिस प्रकार anunasik की परिभाषा में बताया गया है कि जिन स्वरों का उच्चारण मुख और नासिका दोनों से किया जाता है, वे अनुनासिक कहलाते हैं और इन्हीं स्वरों को लिखते समय इनके ऊपर anunasik के चिह्न चन्द्रबिन्दु (ँ) का प्रयोग किया जाता है। यह ध्वनि (अनुनासिक) वास्तव में स्वरों का गुण होती है। अ, आ, उ, ऊ, तथा ऋ स्वर वाले शब्दों में अनुनासिक लगता है। जैसे – कुआँ, चाँद, अँधेरा आदि। 10 अ...

इतिहास किसे कहते हैं

इतिहास किसे कहते है – itihaas kise kahate hain इतिहास किसे कहते हैं(itihas kise kahate hain )अक्सर इस सवाल का उत्तर जानने की जिज्ञासा लाखों लोगों में होती है। तभी तो हजारों लोग इस प्रश्न का जवाव गूगल पर जानना चाहते हैं। इतिहास से अभिप्राय उने विगत घटनाओं से है। जिसमें देश समाज, ब्रह्मांड से जुड़ी हुई समस्त पिछली घटनाओ और उन घटनाओं के विषय में अवधारणाओं का उल्लेख किया जाता है। इतिहास किसे कहते हैं – ITIHAAS KISE KAHATE HAIN इतिहास का अर्थ – itihaas ka arth kya hai इतिहास का शाब्दिक अर्थ की बाद की जाय तो यह हिन्दी के दो शब्दों के मेल से बना है। इति और हास, इति का मतलब होता है बीती हुई और हास का मतलब कहानी से है। इस प्रकार इतिहास का अर्थ (itihas ka arth) होता है बीती हुई कहानी। इस प्रकार इसे इस रूप में समझा जा सकता है, की इतिहास वह शास्त्र है जिसमें विगत घटित घटनाओं के बारें में हमें जानकारी मिलती है। इतिहास के प्रकार ऊपर आपने इतिहास के अर्थ के बारें में जाना की इतिहास से क्या अभिप्राय है। अब हम इतिहास की उपयोगिता और इतिहास के प्रकार के बारें में जानते हैं। इतिहास को वर्गीकृत करना कठिन है। लेकिन सुविधा की दृष्टि से इतिहास को मुख्य रूप से भागों में बांटा जा सकता है। • प्राचीन इतिहास • मध्यकालीन इतिहास • आधुनिक इतिहास READ नीमराना किले का इतिहास और जानकारी | Neemrana Fort Palace History in Hindi इस वर्गीकरण के अलावा भी इतिहास के और भी प्रकार हो सकते हैं। सामाजिक इतिहास, साँस्कृतिक इतिहास, राजनीतिक इतिहास, धार्मिक इतिहास, आर्थिक इतिहास इत्यादि। इतिहास क्या है परिभाषा– itihas ki paribhasha kya hai अक्सर लोग इतिहास की परिभाषा जानना चाहते हैं की इतिहास क्या है। इतिहास की परिभाषा इन...

अणु किसे कहते हैं? परिभाषा, प्रकार

Table of Contents • • अणु किसे कहते हैं? परिभाषा :- दो या दो से अधिक परमाणुओं का समूह जो रासायनिक रूप से एक साथ बंधे होते हैं या आकर्षक बलों द्वारा कसकर एक साथ बंधे होते हैं, अणु के रूप में जाने जाते हैं। वह सूक्ष्मतम कण जिसमें किसी पदार्थ को विभाजित किया जा सकता है, परमाणु कहलाता है। किसी तत्व की संयोजन शक्ति उसकी संयोजकता कहलाती है। अणु कितने प्रकार के होते हैं? • द्विपरमाणुक अणु (Diatomic Molecules) – एक द्विपरमाणुक परमाणु एक ही या विभिन्न रासायनिक तत्वों के केवल दो परमाणुओं से बना होता है। द्विपरमाणुक अणुओं के उदाहरण O2 और CO हैं। • हेटेरोन्यूक्लियर डायटोमिक अणु (Heteronuclear Diatomic Molecules) – एक हेटेरोन्यूक्लियर डायटोमिक अणु में एक ही तत्व के दो परमाणु संयुक्त होते हैं। सात द्विपरमाणुक तत्व हैं: हाइड्रोजन (H2), नाइट्रोजन (N2), ऑक्सीजन (O2), फ्लोरीन ((F2), क्लोरीन ((Cl2)), आयोडीन ((I2) और ब्रोमीन (Br2)। ये सात तत्व हैं इतने प्रतिक्रियाशील कि वे अक्सर एक ही प्रकार के दूसरे परमाणु के साथ बंधे पाए जा सकते हैं। • होमोन्यूक्लियर डायटोमिक अणु (Homonuclear diatomic molecules) – एक होमोन्यूक्लियर डायटोमिक अणु में रासायनिक रूप से संयुक्त विभिन्न तत्वों के दो परमाणु होते हैं। होमोन्यूक्लियर डायटोमिक अणुओं के उदाहरण हैं: carbon monoxide, hydrocholoric acid (HCl), और Hydrogen Flouride (HF)

150+ अनुस्वार और अनुनासिक शब्द

Anuswar Shabd दोस्तो आजहमने अनुस्वार शब्द या बिंदु वाले शब्द लिखे हैं। अनुस्वार स्वर के बाद आने वाला शब्द होता है। इसकी ध्वनि नाक से आती है अनुसवार शब्दों का प्रयोग बहुत सी जगह होता है। आज हम जानेंगे की कब और कहा इनका प्रयोग किया जाता है। अनुस्वार की परिभाषा क्या है? अनुस्वार दो शब्दों से मिलकर बना शब्द हैं, शाब्दिक अर्थ होता है अनु + स्वर (स्वर के बाद आने वाले)। स्वर के बाद आने वाले व्यंजन वर्ण को अनुसवार कहते है। हिंदी भाषा के अनुसार इसका प्रयोग चिन्ह बिंदु के रुप मे किया जाता है। इसकी ध्वनि नाक से आती है। और इन्हे Anunasik Shabd भी कहते है। अनुस्वार शब्द का प्रयोग– देखा जाएं तो हिंदी वर्ण माला मैं पांच वर्ग होते हैं, इन वर्गों में पांचवे वर्ण को पंचमाक्षर कहते है। जो निम्न है: ङ्, ञ़्, ण्, न्, म् इन शब्दों की जगह अनुस्वार (ं) का प्रयोग होता है। अनुस्वार की मात्रा के शब्द – Anuswar Shabd शंकु अंदर चंदन शंकर संपूर्ण लंबे कंठ तंग रंक रंग शंख यंत्र पतंग डंडा सायं डंडा जंगल लंगूर मंत्र तंग संजय अंगूर ज़िंदा बंद मंत्री संत ठंडी शंकु खंभात नंगा कंघी गंध गंगा रंगीन पंख आनंद भंग पंक्ति मंडल संगीता कंप सींगो पंडित पिंजरा मयंक बंदूक वंचित संतरा पंजे मंजन बंगला बैंजो सुगंध सुंदर धुरंधर घंटी अंडा श्रृंगार संबंध संतूर चंदन पंजा मंदिर पंकज चोंच सुरंग संभ्रांत हंस धंधा संदूक अंकित नारंगी तिरंगा खंबा बसंत नींद बिंदु मंगल लंका संपन्न ठंडक पंजा अंशों बंगाल संक्षिप्त पलंग पुंज अंतिम चिंतित अंतरंग पंजाब फिरंगी कंगन पसंद उपरांत पंखुड़ी संदेश आशंका निरंजन मंजुला भंडारा हुरदंग सिलिंडर अत्यंत मांसाहारी मनोरंजन घंटाघर पंचायत शकरकंदी संभावना कूदफांद गंगाराम बंदर सरपंच कलंदर संचालक संस्कृति अंक दंग ...

अणु किसे कहते हैं? परिभाषा, प्रकार

Table of Contents • • अणु किसे कहते हैं? परिभाषा :- दो या दो से अधिक परमाणुओं का समूह जो रासायनिक रूप से एक साथ बंधे होते हैं या आकर्षक बलों द्वारा कसकर एक साथ बंधे होते हैं, अणु के रूप में जाने जाते हैं। वह सूक्ष्मतम कण जिसमें किसी पदार्थ को विभाजित किया जा सकता है, परमाणु कहलाता है। किसी तत्व की संयोजन शक्ति उसकी संयोजकता कहलाती है। अणु कितने प्रकार के होते हैं? • द्विपरमाणुक अणु (Diatomic Molecules) – एक द्विपरमाणुक परमाणु एक ही या विभिन्न रासायनिक तत्वों के केवल दो परमाणुओं से बना होता है। द्विपरमाणुक अणुओं के उदाहरण O2 और CO हैं। • हेटेरोन्यूक्लियर डायटोमिक अणु (Heteronuclear Diatomic Molecules) – एक हेटेरोन्यूक्लियर डायटोमिक अणु में एक ही तत्व के दो परमाणु संयुक्त होते हैं। सात द्विपरमाणुक तत्व हैं: हाइड्रोजन (H2), नाइट्रोजन (N2), ऑक्सीजन (O2), फ्लोरीन ((F2), क्लोरीन ((Cl2)), आयोडीन ((I2) और ब्रोमीन (Br2)। ये सात तत्व हैं इतने प्रतिक्रियाशील कि वे अक्सर एक ही प्रकार के दूसरे परमाणु के साथ बंधे पाए जा सकते हैं। • होमोन्यूक्लियर डायटोमिक अणु (Homonuclear diatomic molecules) – एक होमोन्यूक्लियर डायटोमिक अणु में रासायनिक रूप से संयुक्त विभिन्न तत्वों के दो परमाणु होते हैं। होमोन्यूक्लियर डायटोमिक अणुओं के उदाहरण हैं: carbon monoxide, hydrocholoric acid (HCl), और Hydrogen Flouride (HF)