अन्योक्ति अलंकार किसे कहते हैं

  1. अलंकार किसे कहते हैं
  2. अन्योक्ति अलंकार की परिभाषा, पहचान और उदाहरण
  3. Alankar in Hindi
  4. अतिशयोक्ति अलंकार के उदाहरण, परिभाषा, भेद, वाक्य
  5. Haryana Board 9th Class Hindi Vyakaran अलंकार
  6. Anyokti Alankar or अन्योक्ति अलंकार के उदाहरण और परिभाषा
  7. अलंकार किसे कहते हैं परिभाषा और उदाहरण सहित
  8. अलंकार किसे कहते हैं, भेद तथा प्रकार


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अलंकार किसे कहते हैं

Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • Alankar kise kahate hain Alankar kise kahate hain : हैल्लो दोस्तों, हिंदी बाराखड़ी डॉट कॉम पे आपका स्वागत है। आज हम भाषा के सबसे प्रख्यात व्याकरण के टॉपिक के बारेमे बात करने वाले है। जिसे अलंकार कहा जाता है। कॉम्पिटिटिव एग्जाम में बहुत जरुरी व्याकरण का पॉइंट है। और कठिन भी ज्यादा है। इसलिए अच्छे से समजे। alankar kise kahate hain अलंकार किसे कहते हैं अलंकार की परिभाषा : अलंकार का समानर्थी शब्द आभूषण होता है। जिसे हम गहना कहते हैं। जिस तरह आभूषण पहनने से हमारी सुंदरता बढ़ती है उसी तरह अलंकार से कविता यानि काव्य रचना की सुंदरता बढ़ती है। हिन्दी भाषा के साहित्य का पूर्ण आनंद लेने के लिए अलंकारों का ज्ञान होना जरुरी है। कवियों के द्वारा लिखी गई कविताओं को अलंकार से शोभित किया गया होता है उन्हें समझने के लिए आपके पास अलंकारों का ज्ञान होना आवश्यक है। तभी जाके आप कविता के अर्थ को समज सकते है। मतलब की आप समज गए होंगे की कविता की रचना और कविता में सुंदरता बढ़ाने वाले अवयवों जिन्हे अलंकार कहा जाता है। तो चलो अब अलंकार के भेद यानी प्रकार के बारेमे जानते हैं। अलंकार के भेद या प्रकार अलंकार को मुख्य दो प्रकारो में विभाजित किया गया है। • शब्दालंकार • अर्थालंकार अर्थालंकार– जब काव्य में शब्दों के प्रयोग से अर्थ में चमत्कार उत्पन्न किया जाता है। वहां अर्थालंकार का प्रयोग किया गया होता हैं। शब्दालंकार जहां काव्य में शब्दों के चातुर्यपूर्ण प्रयोग से चमत्कार उत्पन्न किया जाता है। परन्तु अर्थ सामान्य ही रहता है, वहां शब्दालंकार का प्रयोग किया गया होता है। शब्दालंकार के भी 5 प्रकार यानि भेद होते हैं जो निचे मुजब है। जिसमे से पहले 3 मुख्य ह...

अन्योक्ति अलंकार की परिभाषा, पहचान और उदाहरण

अप्रस्तुत प्रशंसा को अन्योक्ति अलंकार भी कहा जाता है। इस लेख में आप अन्योक्ति अलंकार की परिभाषा, पहचान, और उदाहरण आदि का विस्तार पूर्वक अध्ययन करेंगे। यह लेख विद्यार्थियों को ध्यान में रखकर सरल बनाया गया है। उन विद्यार्थियों को भी विशेष रुप से ध्यान रखा गया है जिन्हें अलंकार भेद करने में कठिनाई होती है। इस लेख का अध्ययन विद्यालय , विश्वविद्यालय तथा प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए किया जा सकता है। जैसा कि विदित है अलंकार काव्य की शोभा बढ़ाते हैं। वाक्य में प्रयोग करने से उस वाक्य की शोभा अलंकार के माध्यम से बढ़ जाती है। Table of Contents • • • • अन्योक्ति अलंकार की परिभाषा जहां उपमान के माध्यम से उपमेय का वर्णन हो। उपमान अप्रस्तुत एवं उपमेय प्रस्तुत हो , वहां अन्योक्ति अलंकार होता है। इस अलंकार को अप्रस्तुत प्रशंसा भी कहते हैं। इस अलंकार में किसी अप्रत्यक्ष की ओर संकेत किया जाता है। अन्योक्ति अलंकार के उदहारण १.जिन दिन देखे वे कुसुम गई सु बीती बहार। अब अली रही गुलाब में अपत कंटीली डार। ( यहां नायिका अपनी सहेली के साथ अपनी प्रेम की अभिव्यक्ति भंवरा तथा गुलाब के फूल के माध्यम से कर रही है ) २.माली आवत देखकर कलियाँ करिहैं पुकार , फूली-फूली चुनि लियो काल्ह हमारी बार। (कबीर दास जीने जीवन मृत्यु के शाश्वत को माली और कलियों के माध्यम से व्यक्त किया है ) ३.नहीं पराग नहीं मधुर मधु , नहिं विकास इहि काल। अली कली ही सौं बिंध्यों , आगे कौन हवाल। (इस पंक्ति में राजा जयसिंह और उसकी रानी का वर्णन भंवरा पराग और मधु के माध्यम से हुई है) ४.खोता कुछ भी नहीं यहां पर केवल जिल्द बदली पोथी। ( इस संसार में जीवन के विषय को जिल्द बदलती पोथी कहा गया है) ५.करि फुलेल को आचमन , मीठो कहत सराहि , ए गंधी मतिमंद ...

Alankar in Hindi

अलंकार वह शब्द होते है जिनके प्रयोग से कोई भी कविता या छंद आकर्षक हो जाते है। अलंकार शब्द का अर्थ होता है आभूषण या सजावट। जैसे आभूषण के प्रयोग से मनुष्य आकर्षक लगने लगते है, उनके सौन्दर्य में वृद्धि हो जाती है ठीक उसी प्रकार हिंदी के काव्य में अलंकार ( Alankar In Hindi) के प्रयोग से सौन्दर्य की वृद्धि होती है। किसी भी भाव को सुन्दर रूप में प्रस्तुत करने के लिए अलंकार का प्रयोग किया जाता है। इसलिए आज हम ये ब्लॉग लेकर आये है। इस ब्लॉग के माध्यम से हमने अलंकार और उसके विभिन्न भेदों व उपभेदों के बारे में बहुत ही सरलता से समझाया है तो आइये शुरू करते है और Alankar Kise Kahate Hain के बारे जानते है। अलंकार किसे कहते हैं? जो तत्व किसी भी काव्य को शब्दार्थ से सजाते है, उन्हें सुन्दर बनाते है, वही तत्व अलंकार कहलाता है। काव्य में अपने मन के भावों को सुंदर रूप से दर्शाने या प्रस्तुत करने के लिए अलंकार का प्रयोग किया जाता है। काव्य में सौन्दर्य वृद्धि के लिए कभी शब्दों का प्रयोग किया जाता है तो कभी अर्थ में चमत्कार करके सौन्दर्य वृद्धि की जाती है। इसी आधार पर अलंकार के प्रकार दो होते हैं- शब्दालंकार और अर्थालंकार। हिंदी साहित्य में इन्ही दो अलंकारों के उपभेदों का मुख्य तौर पर प्रयोग किया जाता है जो कि है: अनुप्रास अलंकार, उपमा अलंकार, संदेह अलंकार, अतिश्योक्ति अलंकार आदि। Alankar Ke Udaharan- ‘पिया चाँद का टुकड़ा है।’- इसमें पिया के सौन्दर्य का वर्णन करने के लिए उसको चाँद के टुकड़े की उपमा दी गयी है। अलंकार की परिभाषा अलंकार का दूसरा नाम होता है आभूषण। जिस प्रकार मनुष्य अपने शरीर की सुंदरता बढ़ाने के लिए आभूषण का प्रयोग करता है, ठीक उसी प्रकार काव्य के सौन्दर्य में वृद्धि लाने के लिए, का...

अतिशयोक्ति अलंकार के उदाहरण, परिभाषा, भेद, वाक्य

विषय-सूचि • • • इसलेखमेंहमनेंअलंकारकेभेदअतिशयोक्तिअलंकारकेबारेमेंचर्चाकीहै। अलंकारकामुख्यलेखपढ़नेंकेलिएयहाँक्लिककरें– अतिशयोक्तिअलंकारकीपरिभाषा जबकिसीवस्तु, व्यक्तिआदिकावर्णनबहुतबाधाचढ़ाकरकियाजाएतबवहांअतिशयोक्तिअलंकारहोताहै।इसअलंकारमेंनामुमकिनतथ्यबोलेजातेहैं। जैसे : अतिशयोक्तिअलंकारकेउदाहरण : • हनुमानकीपूंछमेंलगननपाईआग, लंकासिगरीजलगईगएनिशाचरभाग। ऊपरदिएगएउदाहरणमेंकहागयाहैकिअभीहनुमानकीपूंछमेंआगलगनेसेपहलेहीपूरीलंकाजलकरराखहोगयीऔरसारेराक्षसभागखड़ेहुए। यहबातबिलकुलअसंभवहैएवंलोकसीमासेबढ़ाकरवर्णनकियागयाहै।अतःयहउदाहरणअतिशयोक्तिअलंकारकेअंतर्गतआएगा। • आगेनदियांपड़ीअपारघोडाकैसेउतरेपार।राणानेसोचाइसपारतबतकचेतकथाउसपार।। ऊपरदीगयीपंक्तियोंमेंबतायागयाहैकिमहाराणाप्रतापकेसोचनेकीक्रियाख़त्महोनेसेपहलेहीचेतकनेनदियाँपारकरदी। यहमहाराणाप्रतापकेघोड़ेचेतककीअतिशयोक्तिहैएवंइसतथ्यकोलोकसीमासेबहुतबढ़ा-चढ़ाकरवर्णनकियागयाहै।अतःयहउदाहरणअतिशयोक्तिअलंकारकेअंतर्गतआएगा। • धनुषउठायाज्योंहीउसने, औरचढ़ायाउसपरबाण | धरा–सिन्धुनभकाँपेसहसा, विकलहुएजीवोंकेप्राण। ऊपरदिएगएवाक्योंमेंबतायागयाहैकिजैसेहीअर्जुननेधनुषउठायाऔरउसपरबाणचढ़ायातभीधरती, आसमानएवंनदियाँकांपनेलगीओरसभीजीवोंकेप्राणनिकलनेकोहोगए। यहबातबिलकुलअसंभवहैक्योंकिबिनाबाणचलायेऐसाहोहीनहींसकताहै।इसथथ्यकालोकसीमासेबहुतबढ़ा-चढ़ाकरवर्णनकियागयाहै।अतःयहउदाहरणअतिशयोक्तिअलंकारकेअंतर्गतआएगा। अतिशयोक्तिअलंकारकेअन्यउदाहरण: • भूपसहसदसएकहिंबारा।लगेउठावनटरतनटारा।। ऊपरदिएगएउदाहरणमेंकहागयाहैकिजबधनुर्भंगहोरहाथाकोईराजाउसधनुषकोउठानहींपारहाथातबदसहज़ाररजाएकसाथउसधनुषकोउठानेलगेलेकिनवहअपनीजगहसेतनिकभीनहींहिला। यहबातबिलकुलअसंभवहैक्योंकिदसहज़ारलोगएकसाथधनुषकोनहींउठासकते।अतःयहउदाहरणअतिशयोक्तिअलंकारकेअंतर्गतआएगा। • ...

Haryana Board 9th Class Hindi Vyakaran अलंकार

प्रश्न 1. अलंकार किसे कहते हैं ? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए। उत्तर: अलंकार शब्द का अर्थ है-आभूषण या गहना। जिस प्रकार स्त्री की सौंदर्य-वृद्धि में आभूषण सहायक होते हैं, उसी प्रकार काव्य में प्रयुक्त होने वाले अलंकार शब्दों एवं अर्थों में चमत्कार उत्पन्न करके काव्य-सौंदर्य में वृद्धि करते हैं; जैसे “खग-कुल कुल-कुल-सा बोल रहा। किसलय का आँचल डोल रहा।” साहित्य में अलंकारों का विशेष महत्त्व है। अलंकार प्रयोग से कविता सज-धजकर सुंदर लगती है। अलंकारों का प्रयोग गद्य और पद्य दोनों में होता है। अलंकारों का प्रयोग सहज एवं स्वाभाविक रूप में होना चाहिए। अलंकारों को जान-बूझकर लादना नहीं चाहिए। प्रश्न 2. अलंकार के कितने भेद होते हैं ? सबका एक-एक उदाहरण दीजिए। उत्तर: साहित्य में शब्द और अर्थ दोनों का महत्त्व होता है। कहीं शब्द-प्रयोग से तो कहीं अर्थ-प्रयोग के चमत्कार से और कहीं-कहीं दोनों के एक साथ प्रयोग से काव्य-सौंदर्य में वृद्धि होती है। इस आधार पर अलंकार के तीन भेद माने जाते हैं 1. शब्दालंकार। 2. अर्थालंकार। 3. उभयालंकार। 1. शब्दालंकार: जहाँ शब्दों के प्रयोग से काव्य-सौंदर्य में वृद्धि होती है, वहाँ शब्दालंकार होता है; जैसे “चारु चंद्र की चंचल किरणें, खेल रही हैं जल-थल में।” 2. अर्थालंकार: जहाँ शब्दों के अर्थों के कारण काव्य में चमत्कार एवं सौंदर्य उत्पन्न हो, वहाँ अर्थालंकार होता है; जैसे- “चरण-कमल बंदौं हरि राई।” 3. उभयालंकार: जिन अलंकारों का चमत्कार शब्द और अर्थ दोनों पर आश्रित होता है, उन्हें उभयालंकार कहते हैं; जैसे- “नर की अरु नल-नीर की, गति एकै कर जोइ। जेतौ नीचौ है चले, तेतौ ऊँचौ होइ ॥” प्रश्न 3. अनुप्रास अलंकार किसे कहते हैं ? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए। उत्तर: जहाँ व्यंजनों की बा...

Anyokti Alankar or अन्योक्ति अलंकार के उदाहरण और परिभाषा

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अलंकार किसे कहते हैं परिभाषा और उदाहरण सहित

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अलंकार किसे कहते हैं, भेद तथा प्रकार

अलंकार किसे कहते हैं? अलंकार का सामान्य अर्थ है आभूषण या गहना। जिस प्रकार आभूषण से शरीर की शोभा बढ़ती है, उसी प्रकार अलंकार से काव्य की शोभ बढ़ती है। अलंकार शब्द का अर्थ है-- वह वस्तु जो सुन्दर बनाए या सुन्दर बनाने का साधन हो। साधारण बोलचाल मे आभूषण को अलंकार कहते हैं। जिस प्रकार आभूषण धारण करने से नारी के शरीर की शोभ बढ़ती है वैसे ही अलंकार के प्रयोग से कविता की शोभा बढ़ती है। अलंकार की विशेषताएं या लक्षण 1. कथन के असाधारण या चमत्कार पूर्ण प्रकारों को अलंकार कहते हैं। 2. शब्द और अर्थ का वैचित्र्य अलंकार है। 3. काव्य की शोभा बढ़ाने वाले धर्मों को अलंकार कहते है। वास्तव मे अलंकार काव्य मे शोभा उत्पन्न न करके वर्तमान शोभा को ही बढ़ाते हैं। अलंकार की परिभाषा आचार्य विश्वनाथ के शब्दों में " अलंकार शब्द अर्थ-स्वरूप काव्य के अस्थिर धर्म है और ये भावों रसों का उत्कर्ष करते हुए वैसे ही काव्य की शोभा बढ़ाते हैं जैसे हार आदि आभूषण नारी की सुन्दरता मे चार-चांद लगा देते हैं। 1. शब्दालंकार काव्य मे जहाँ शब्दविशेष के प्रयोग से सौन्दर्य मे वृध्दि होती है, वहाँ शब्दालंकार होता है। प्रमुख शब्दालंकार निम्नलिखित हैं--- 1. अनुप्रास: अलंकार जिस काव्य रचना मे एक ही वर्ण की दो या दो से अधिक बार आवृत्ति होती है। वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है। उदाहरण ; "तरनि तनुजा तट तमाल, तरूवर बहु छाए।" यहाँ 'त' वर्ण की आवृत्ति की गई है। 2. यमक अलंकार काव्य मे जहाँ एक ही शब्द बार-बार आए किन्तु उसका अर्थ अगल-अलग हो, वहाँ यमक अलंकार होता हैं। उदाहरण " माला फेरत जुग गया, गया न मनका फेर। करका मनका डारिके मन का मनका फेरि।।" यहाँ मनका शब्द के दो अर्थ है-- पहले मनका का अर्थ ह्रदय है और दूसरे मनका का अर्थ मोती हैं। 3. श्...