अपनी खबर पुस्तक की विधा है

  1. समानता के लिए सदियों पुरानी पुकार की गूंज, आज भी बुलन्द
  2. अपनी खबर
  3. सृजन से राष्ट्र प्रेम की अलख : The Dainik Tribune
  4. अपनी खबर पुस्तक की विधा है Doubt Answers
  5. Jaipur news first book written on municipal bonds bodies will become self sufficient after reading


Download: अपनी खबर पुस्तक की विधा है
Size: 60.28 MB

समानता के लिए सदियों पुरानी पुकार की गूंज, आज भी बुलन्द

विश्व के बहुत प्रसिद्ध कवियों में से एक ख़लील जिब्रान, संयुक्त राष्ट्र के हृदय के भी बहुत निकट रहे हैं. ख़लील जिब्रान ने अपनी पुस्तक ‘ The Prophet’ एक सदी पहले लिखी थी. उनके इस ऐतिहासिक पड़ाव को संयुक्त राष्ट्र में एक विशेष प्रदर्शनी के ज़रिए याद किया गया है. इस सन्दर्भ में ये भी प्रासंगिक है कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकारों के सार्वभौमिक घोषणा-पत्र को अपनाए जाने के 75 पूरे होने का जश्न भी मना रहा है. लेबनान के प्रसिद्ध कवि और कलाकार ख़लील जिब्रान को, उनकी सबसे प्रसिद्ध साहित्यिक कृति - "The Prophet" की 100वीं वर्षगांठ पर, यूएन मुख्यालय में आयोजित एक प्रदर्शनी में याद किया गया. (अप्रैल 2023) सार्वभौमक घोषणा-पत्र इस प्रावधान के साथ शुरू होता है कि "सभी मनुष्य स्वतंत्र पैदा होते हैं और गरिमा व अधिकारों में समान हैं. वे तर्क और विवेक से संपन्न हैं और उन्हें एक दूसरे के प्रति भाईचारे की भावना के साथ काम करना चाहिए.” प्रवक्ता शिरीन यासीन ध्यान दिलाते हुए कहती हैं, “जिब्रान ने इस बात पर ज़ोर दिया है कि हम सभी को एक-दूसरे के साथ भाईचारे का बर्ताव करना ​​चाहिए.” लेबनानी कवि ख़लील जिब्रान के साहित्यिक काम का, 100 से अधिक भाषाओं में अनुवाद किया गया है. उन्होंने समानता की भावना को स्पष्ट रूप से, और ख़ुद को विषय बनाकर व्यक्त किया गया है... “मैं तुमसे प्रेम करता हूँ - जब तुम अपनी मस्जिद में नमन के लिए झुकते हो, अपने मन्दिर सिर झुकाते हो, अपने चर्च में प्रार्थना करते हो. क्योंकि तुम्हारा और मेरा एक ही धर्म और वो है आत्मा.” ख़लील जिब्रान की पुस्तक के सौ वर्ष पूरे होने के अवसर पर, न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित प्रदर्शनी को देखने के लिए अनेक कलाकार, कूटनीतिज्ञ व स्थानी...

अपनी खबर

बनारस म नीची बाग में उनवी छोटी-सी दुकान थी । पन्‍्ना जालजी मुभे दो रपये रोज देते और मैं उह “महात्मा ईसा' चाटक वा एक दश्य लिखकर देता था। दूसरे प्रकाशक 'मतवाला” के सचालक श्री भहादेव प्रसाद सेठ थे, जिनवी मुस्य लत थी गुणिया पर आतिक होना। मुशी नवजातिक लाल, ईइवरी प्रसाद मा, शिवपूजन सहाय, सुयवान्त त्रिपाठी निराला पाडय वेचन शर्मा उग्र! झ्ादि में, जिसम जा भी खूबिया थी उह खूब ही सहृदयता से परज, खूब ही प्रम मे पूजा महादेव सेठ ने । महादव बापू 'निराला' जी पर एसे मुग्धथ वि उह गुलाव वे फूल वी तरह हृदय के निबट वटनहोल में सजाकर रुसत 4। अधघाते नहीं ये महादेव सेठ उदायमान कवि निराता के गुण गाते ! यह तब थी बात है जब निराला को बाइ बुछ भी नहीं समभता था। ग्राज ता बिता कुछ समझे पव जुछ समभने वाल समीक्षव स्वयसेवका वी भरमार- सीहै। महादेव प्रसाद सेठ वे सहदय बटनहोल में निराता मुझे ऐस झाकपत्र लगे कि देखते-हो-देयते उसमें म॑ ही म॑ दिख्यायी पडने जगा । महादेव चावू से मरी पहली न यह थी वहिए आप, वि वह पच्चीस सपये माहवारो मेर घर भजेंगे पर स्वय जो साएँग मुझे भी वही सिलाएँग दूसर दिन दोपहर मे जब सेठजी श्रगूर खाने बठे तव व्मानदारी से अपन झा के आध अगर उहाने मेरे सामने पत्र क्यि | इस पर साल- बाना हा से मैंने बहा यह गलत है” “गनतन वया महा- राज ?! दिम्मित हा पूछा प्रेमी प्रवाशव १1 मन वह्य मेरे आपवी यह रात नहीं थी वि में आपकी सराक आधी पर द्‌ शत है दि या झाप खाएँ वही में नी साऊ। भाप राज आधा तर पाव प्गूर गात हैं ता आधा ही पाव मेरे जिए भा मेंगाया

सृजन से राष्ट्र प्रेम की अलख : The Dainik Tribune

सुशील कुमार फुल्ल भारत में समय-समय पर अनेक ऐसी विभूतियों ने जन्म लिया है, जिन्होंने तन-मन-धन से अपने देश की स्वतंत्रता, सामाजिक उत्थान एवं सर्वजन कल्याण के लिए अपना योगदान दिया है। ऐसा ही एक गौरवपूर्ण नाम है कन्हैया लाल मिश्र का, जिनका जन्म तो एक साधारण ब्राह्मण परिवार में हुआ परन्तु जिन्होंने स्वाध्याय और अपनी इच्छा शक्ति के बल पर न केवल स्वतंत्रता संग्राम में अपितु देश भक्ित, देश-प्रेम की अलख जगाने में विशेष ख्याति अर्जित की। उन्होंने पत्रकारिता में प्रखरता से अपने राष्ट्रीय विचारों को अभिव्यक्त किया और साहित्य के माध्यम से अपना संदेश लाखों-लाखों पाठकों तक पहुंचाया। बाल-साहित्य की रचना करके उन्होंने नैतिकता एवं श्रम की सफलता का जय घोष किया। डॉ. अश्वनी शांडिल्य ने अपनी शोधपरक पुस्तक ‘राष्ट्रीय चेतना के उन्नायक : कन्हैया लाल मिश्र प्रभाकर’ में मिश्र के आदर्श जीवन को बहुत ही रोचक एवं व्यवस्थित ढंग से प्रस्तुत किया है। पुस्तक सात अध्यायों में विभक्त है, जो इस प्रकार हैं : कन्हैयालाल मिश्र प्रभाकर का जीवन एवं व्यक्तित्व, राष्ट्र एवं राष्ट्रीय चेतना सम्बन्धी अवधारणाएं, निबन्ध साहित्य में राष्ट्रीय चेतना, संस्मरण और रेखा चित्र साहित्य में राष्ट्रीय चेतना, रिपोर्ताज साहित्य में राष्ट्रीय चेतना, लघु-कथा जीवनी व बाल-साहित्य में राष्ट्रीय चेतना। अभिप्रायः यह कि डाॅ. शांडिल्य ने मिश्र के समग्र साहित्य का वैज्ञानिक ढंग से आलोचनात्मक अध्ययन प्रस्तुत किया है, जो हर वर्ग के पाठकों के लिए उपयोगी, प्रेरणाप्रद है और विशेषकर आज की विकट परिस्थितियों में और भी अधिक प्रासंगिक हैं। विद्वान लेखक ने मिश्र के साहित्य का आह्वान करते हुए उनके मौलिक योगदान को रेखांकित भी किया है यथा रिपोर्ताज लेखन मे...

अपनी खबर पुस्तक की विधा है Doubt Answers

8 months ago पांडेय बेचन शर्मा "उग्र" हिन्दी के साहित्यकार एवं पत्रकार थे। का जन्म उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जनपद के अंतर्गत चुनार नामक कसबे में 1900 ई. को हुआ था। इनके पिता का नाम वैद्यनाथ पांडेय था। ये सरयूपारीण ब्राह्मण थे। ये अत्यंत अभावग्रस्त परिवार में उत्पन्न हुए थे।अपनी खबर' पुस्तक की विधा ' आत्मकथा है।

Jaipur news first book written on municipal bonds bodies will become self sufficient after reading

Jaipur news: वर्तमान समय में निकायों की आर्थिक स्थिति मजबूत नही हैं. नगरीय निकायों के हंगामे के बीच सदन में बजट तो करोडों रूपए का पास हो जाता है. लेकिन इनकम सोर्स नहीं होने से केंद्र और राज्य सरकार से आने वाली ग्रांट पर नजर रहती हैं. निगम कर्मचारियों की सैलेरी से लेकर विकास कार्यों के लिए सरकार की तरफ मुहं ताकना पडता हैं. लेकिन देश में कुछ निकाय ऐसे भी है. जिन्होने म्युनिसिपल बांड जारी कर शहर में विकास कार्यों को जारी रखने के लिए धन की जरूरत को पूरा किया हैं. इतना ही नहीं गुजरात कैडर की 2005 की आईएएस शालिनी अग्रवाल ने वडोदरा महानगर पालिका में कमिश्नर के पद पर रहते हुए वाटर सप्लाई के 200 करोड के प्रोजेक्ट के लिए 100 करोड रुपए बॉन्ड से जुटाए और म्युनिसिपल बॉन्ड पर पहली बुक ऑल अबाउट म्युनिसिपल बॉन्ड्स' भी लिखी. जिसमें बॉन्ड से रिलेटेड हर जानकारी उपलब्ध हैं. अब इस बुक को देश के सभी नगरीय निकाय पढ़कर आत्मनिर्भर बनने के लिए आगे कमद बढाएंगे. क्योंकि नीति आयोग ने बढती शहरी आबादी को देखते हुए सभी चीफ सेकेट्री को पत्र के साथ पुस्तक की प्रति भेजी हैं. गुजरात कैडर की 2005 बैच की भारतीय प्रशासनिक सेवा की (IAS)अधिकारी शालिनी अग्रवाल. अमरीका के ट्रेजरी विभाग के आग्रह पर विश्व में पहली बार म्युनिसिपल बॉन्ड पर ऑल अबाउट म्युनिसिपल बॉन्ड्स' शीर्षक नाम से शालिनी अग्रवाल ने लिखी हैं. देश के सभी नगरीय निकाय इस पुस्तक को पढ़कर आत्मनिर्भर बनेंगे. इस बुक को अमरीका का ट्रेजरी विभाग और वर्ल्ड बैंक टूलकिट के रूप में प्रमोट करेगा. साथ ही नीति आयोग ने भी देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर पुस्तक की प्रति भेजी है. नीति आयोग ने अपने पत्र में मुख्य सचिवों से कहा कि भव...