अपोलो हॉस्पिटल भोपाल

  1. Bhopal Covid Hospital List : फोन के माध्यम करें पता, भोपाल में सरकारी और प्राइवेट कोविड अस्पतालों में बेड खाली हैं या नहीं, ये है लिस्ट
  2. अपोलो हॉस्पिटल चेन्नई में होता है सभी बीमारियों का इलाज
  3. अपोलो सेज हॉस्पिटल्स में सेंट्रल इंडिया की आधुनिकतम स्ट्रोक आईसीयू यूनिट शुरू
  4. बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन क्या है, और जाने इसका इलाज कहां कराएं?
  5. बोरवेल से निकले राहुल की सेहत कैसी है, जानिए पल पल की अपडेट, rahul treatment is going on under supervision of bilaspur apollo doctor
  6. Best Hospital in Mumbai
  7. अपोलो हॉस्पिटल्स
  8. Bhopal Covid Hospital List : फोन के माध्यम करें पता, भोपाल में सरकारी और प्राइवेट कोविड अस्पतालों में बेड खाली हैं या नहीं, ये है लिस्ट
  9. अपोलो सेज हॉस्पिटल्स में सेंट्रल इंडिया की आधुनिकतम स्ट्रोक आईसीयू यूनिट शुरू
  10. अपोलो हॉस्पिटल्स


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Bhopal Covid Hospital List : फोन के माध्यम करें पता, भोपाल में सरकारी और प्राइवेट कोविड अस्पतालों में बेड खाली हैं या नहीं, ये है लिस्ट

भोपाल। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने आज प्रशासन अकादमी स्थित 150 कमरों के 300 बिस्तर वाले कोविड केयर सेंटर का निरीक्षण किया। प्रशासन अकादमी में कोविड केयर सेंटर आज से शुरू हो गया है। इन सेंटर में बिना लक्षण वाले को भी कोरोना पॉजिटिव मरीजों को रखा जाएगा। ऐसे मरीजों जिनके घरों में होम आइशोलेशन में घरों में बुजुर्ग, गर्भवती महिला, बच्चे होने पर परेशानी हो रही है। साथ ही ऐसे पॉजिटिव मरीज को जो होम आइसोलेशन में रह रहें हैं उनके घरों में जगह नहीं है और उनको आवश्यकता है कि वह डॉक्टर की निगरानी में रखें जाएं, ऐसे लोग इस सेंटर में आकर अपना बेहतर तरीके से इलाज करा सकते हैं और आइसोलेशन में रह सकते हैं। डॉक्टरों की टीम भी विजिट करेगी चिकित्सा शिक्षा मंत्री सारंग ने आज निरीक्षण के दौरान बताया कि इस सेंटर पर प्रतिदिन एक मनोचिकित्सक भी प्रतिदिन निरीक्षण करेंगे और लोगों को बेहतर तरीके से इस बीमारी से सामना करने के संबंध में बताएंगे। इसके साथ ही यहां पर प्रतिदिन डॉक्टरों की टीम भी विजिट करेगी।सेंटर शुरू किया गया कोविड हॉस्पिटल में एडमिट कराया जाएगा चिकित्सा शिक्षा मंत्री सारंग ने बताया कि प्रत्येक जिले में एसिमटोमैटिक मरीजों के लिए कोविड सेंटर चालू कर दिए गए हैं। ऐसे मरीजों में जो बिना लक्षण के भी पॉजिटिव पाए जाते हैं उन सभी लोगों के लिए एक बेहतर इंतजाम होगा इसके साथ ही डॉक्टरों की टीम लगातार निगरानी भी करती रहेगी और यदि किसी मरीज की स्थिति थोड़ी भी बिगड़ती है तो उन्हें तुरंत ही को भी डेडीकेटेड कोविड हॉस्पिटल में एडमिट कराया जाएगा। निरंतर इनका ऑक्सीजन लेवल भी चेक किया जाएगा और आवश्यकता होने पर उनको तुरंत विशेष उपचार भी दिए जाने की सुविधा इन सेंटरों में रखी गई है। ये है भोपा...

अपोलो हॉस्पिटल चेन्नई में होता है सभी बीमारियों का इलाज

अपोलो अस्पताल, चेन्नई अपोलो समूह का पहला और प्रमुख अस्पताल है, जिसे 1983 में स्थापित किया गया था। अपोलो ने “हर मरीज को अंतरराष्ट्रीय उपचार प्रदान करता है और ऐसा करने के लिए वह कई अथक प्रयास कर रहा है और एक बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधा प्रदान कर रहा है। इसके बाद के वर्षों में, अपोलो ने सफलता का एक नया रिकॉर्ड बनाया, जो भारत के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में सबसे शानदार सफलता की कहानियों में से एक है। आज यह दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित अस्पतालों में से एक है। यह न केवल भारत के विभिन्न हिस्सों से आने वाले मरीजों के लिए पसंदीदा अस्पताल है, बल्कि यह अपने गुणों के कारण दुनिया भर से बहुत से रोà¤...

अपोलो सेज हॉस्पिटल्स में सेंट्रल इंडिया की आधुनिकतम स्ट्रोक आईसीयू यूनिट शुरू

सेज ग्रुप का अपोलो सेज हॉस्पिटल्स अपने वर्ल्ड क्लास हेल्थ केयर इंफ्रा, एडवांस मेडिकल सुविधाओं के चलते मध्य भारत में अपनी एक अलग पहचान बना रहा है। अपोलो सेज हॉस्पिटल्स ने 14 मई को अत्याधुनिक मेडिकल सुविधाओं से लैस 'स्ट्रोक आईसीयू यूनिट' की सौगात प्रदेशवासियों को दी। इसका शुभारंभ प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और सेज ग्रुप के सीएमडी इंजीनियर संजीव अग्रवाल ने किया। स्ट्रोक आईसीयू यूनिट, न्यूरोसाइंस विभाग हॉस्पिटल के थर्ड फ्लोर पर स्थित है। ये यूनिट स्ट्रोक के रोगियों को विशेषज्ञ देखभाल प्रदान करने के लिए समर्पित है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने हॉस्पिटल प्रबंधन को वर्ल्ड क्लास स्ट्रोक आईसीयू के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा, मरीजों को अब सटीक और समय से स्ट्रोक का इलाज मिल सकेगा। उन्हें उपचार के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। सेज ग्रुप के सीएमडी इंजीनियर संजीव अग्रवाल ने बताया कि प्रत्येक 20 सेकंड में भारत में एक व्यक्ति ब्रेन स्ट्रोक का शिकार होता है। चौंकाने वाली बात यह है कि भारत में स्ट्रोक के 1% से भी कम रोगियों को गोल्डन विंडो अवधि (लक्षण शुरू होने के 4.5 घंटे के भीतर) के भीतर इलाज मिलता है। अपोलो सेज हॉस्पिटल्स के स्ट्रोक आईसीयू को इस जरूरत को पूरा करने के लिए तैयार किया गया है, जो 24×7 अत्याधुनिक इमरजेंसी सेवाओं के माध्यम से स्ट्रोक के रोगियों के लिए उपचार प्रदान करता है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने हॉस्पिटल प्रबंधन को वर्ल्ड क्लास स्ट्रोक आईसीयू के लिए बधाई दी। हॉस्पिटल में 24×7 स्पेशियलिस्ट टीम सेज ग्रुप के सीएमडी इंजीनियर संजीव अग्रवाल ने बताया कि हॉस्पिटल में मध्य भारत के बेहतरीन न्यूरोलॉजिस्ट, न्यूरोसर्जन, क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ और पुनर्वास विशेषज्ञ की टीम 24×7 ...

बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन क्या है, और जाने इसका इलाज कहां कराएं?

आज के समय में बहुत से लोगों के लिए बोन मैरो एक नया शब्द हो सकता है। इस कारण से, जब उन्हें इस हिस्से में परेशानी होती है, तो वे समझ ही नहीं पाते हैं कि इसका इलाज क्या है और कैसे किया जाए। आमतौर पर ज्यादातर लोग बोन मैरो की समस्या को हालांकि, जब कुछ समय बाद दर्द बढ़ने लगता है, तो उनकी परेशानी बढ़ जाती है और उस स्थिति में एकमात्र विकल्प होता है बोन मैरो ट्रांसप्लांट। अब सवाल ये उठता है की ये क्या है और इसे कहां कराएं। कई लोगों को बोन मैरो के बारे में पता ही नहीं है यही कारण है कि वे इसका लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। अगर आप भी बोन मैरो ट्रांसप्लांट के बारे में जानना चाहते हैं, तो आपको यह आर्à¤...

बोरवेल से निकले राहुल की सेहत कैसी है, जानिए पल पल की अपडेट, rahul treatment is going on under supervision of bilaspur apollo doctor

बिलासपुर: जांजगीर के पिहरीद में बोरवेल में फंसे राहुल को इलाज के लिए मंगलवार देर रात अपोलो हॉस्पिटल लाया गया. एम्बुलेंस में डॉक्टरों की टीम के साथ परिजन भी मौजूद रहे. इस दौरान राहुल का बीपी, शुगर, हार्टबीट नॉर्मल था. उसकी स्थिति इतनी बेहतर थी कि वह बिना ऑक्सीजन सपोर्ट के ही अस्पताल पहुंचा. राहुल का लंग्स भी क्लियर है. राहुल ने रास्ते में ग्लूकोज भी लिया. अपोलो अस्पताल में पहुंचने के बाद इमरजेंसी वार्ड में उसका प्राथमिक इलाज किया गया. अब आईसीयू में एक्सपर्ट डॉक्टरों की टीम राहुल का इलाज कर रही है. अपोलो अस्पताल में राहुल के बेहतर इलाज के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों को तैनात किया गया है. उसके परिजन भी साथ हैं. राहुल का मेडिकल बुलेटिन भी जारी किया गया है. राहुल को बैक्टीरियल इंफेक्शन है, जिसकी वजह से उसे हल्का बुखार है. जानिए पल पल की अपडेट यह भी पढ़ें: जांजगीर चांपा में ऑपरेशन राहुल पूरा: राहुल को बोरवेल से निकाला गया राहुल को हल्का बुखार: अपोलो अस्पताल के डॉ. सुशील कुमार के मुताबिक '' बच्चे की स्थिति अभी स्थिर है. बच्चा अभी खाना खा रहा है. राहुल को बुखार आ रहा है. कई जगह स्किन छील गई है. कई घंटों से वह बोरवेल में था. उसे इंफेक्शन है. एंटिबायोटिक्स दी जा रही है. इंद्रप्रस्थ अपोलो से डॉक्टर से वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए सलाह ली जाएगी. कम से कम 7 दिन इंफेक्शन खत्म होने में लगेंगे. यह इंफेक्शन जानलेवा भी हो सकता है. राहुल की सभी टेस्ट रिपोर्ट नहीं आई है. राहुल जो भी खाने की डिमांड कर रहा है, उसे दिया जा रहा है. करीब 5-6 डॉक्टरों की टीम निगरानी रख रही है. अभी राहुल की स्थिति स्थिर है.'' अपोलो अस्पताल में राहुल के लिए इंतजाम: जांजगीर के पिहरीद गांव में बोरवेल के गड्ढे में 106 घंटे त...

Best Hospital in Mumbai

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अपोलो हॉस्पिटल्स

हम कौन हैं हमें क्यों चुनें अपोलो हेल्थकेयर? 1983 में डॉ प्रताप सी रेड्डी द्वारा स्थापित, अपोलो हेल्थकेयर की हेल्थकेयर इकोसिस्टम में एक मजबूत उपस्थिति है। नियमित स्वास्थ्य और निवारक स्वास्थ्य देखभाल से लेकर अभिनव जीवन रक्षक उपचार और नैदानिक सेवाओं तक, अपोलो हॉस्पिटल्स ने 120 से अधिक देशों के 120 मिलियन से अधिक लोगों के जीवन को छुआ है, जो सर्वोत्तम नैदानिक परिणामों की पेशकश करते हैं। • दुनिया के बेहतरीन और प्रतिभाशाली चिकित्सा विशेषज्ञों का सबसे बड़ा नेटवर्क जो उत्कृष्ट विशेषज्ञता और उन्नत तकनीक का उपयोग करके अनुकंपा देखभाल प्रदान करते हैं। • अपोलो फार्मेसी भारत का पहला, सबसे बड़ा और सबसे भरोसेमंद ब्रांडेड फार्मेसी नेटवर्क है, जिसके पूरे देश में 4000 से अधिक आउटलेट हैं। • अपोलो हॉस्पिटल्स भारत में अभूतपूर्व हेल्थकेयर टेक्नोलॉजी लाने में अग्रणी रहा है। • अपनी विशाल चिकित्सा विशेषज्ञता और तकनीकी लाभ का लाभ उठाते हुए, अपोलो हॉस्पिटल्स ने लगातार सर्वश्रेष्ठ नैदानिक ​​परिणाम दिए हैं। ऑर्थोपेडिक्स प्रमुख विशेषताएं • अपोलो के विभिन्न अस्पताल भारत में महत्वपूर्ण तथा सर्वश्रेष्ठ ऑर्थोपेडिक्स शल्यक्रिया एवं उसकी प्रणालियों को उपलब्ध कराते हैं। हम हड्डी एवं जोड़ों की प्रतिस्थापन शल्यक्रियाएं करते हैं जिसमें आधुनिकतम आथ्र्रोस्कोपिक त रीकंस्ट्रक्टिव तकनीकें सम्मिलित हैं। जोड़ों के प्रतिस्थापन में हिप रीसर्फेसिंग और घुटना प्रतिस्थापन शल्यक्रियाएं ( प्राथमिक जटिलता युक्त प्राथमिक व परिशोधित प्रतिस्थापना) बड़े पैमाने पर अत्युत्तम परिणामों के साथ की जा रही हैं। • कंधों एवं सर्वाधिक नाजुक हाथों की सूक्ष्म शल्य-चिकित्सा सभी उत्तम परिशुद्धि व दक्षता के साथ की जाती हैं। • आर्टिकुलर कार्टिलेज इम...

Bhopal Covid Hospital List : फोन के माध्यम करें पता, भोपाल में सरकारी और प्राइवेट कोविड अस्पतालों में बेड खाली हैं या नहीं, ये है लिस्ट

भोपाल। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने आज प्रशासन अकादमी स्थित 150 कमरों के 300 बिस्तर वाले कोविड केयर सेंटर का निरीक्षण किया। प्रशासन अकादमी में कोविड केयर सेंटर आज से शुरू हो गया है। इन सेंटर में बिना लक्षण वाले को भी कोरोना पॉजिटिव मरीजों को रखा जाएगा। ऐसे मरीजों जिनके घरों में होम आइशोलेशन में घरों में बुजुर्ग, गर्भवती महिला, बच्चे होने पर परेशानी हो रही है। साथ ही ऐसे पॉजिटिव मरीज को जो होम आइसोलेशन में रह रहें हैं उनके घरों में जगह नहीं है और उनको आवश्यकता है कि वह डॉक्टर की निगरानी में रखें जाएं, ऐसे लोग इस सेंटर में आकर अपना बेहतर तरीके से इलाज करा सकते हैं और आइसोलेशन में रह सकते हैं। डॉक्टरों की टीम भी विजिट करेगी चिकित्सा शिक्षा मंत्री सारंग ने आज निरीक्षण के दौरान बताया कि इस सेंटर पर प्रतिदिन एक मनोचिकित्सक भी प्रतिदिन निरीक्षण करेंगे और लोगों को बेहतर तरीके से इस बीमारी से सामना करने के संबंध में बताएंगे। इसके साथ ही यहां पर प्रतिदिन डॉक्टरों की टीम भी विजिट करेगी।सेंटर शुरू किया गया कोविड हॉस्पिटल में एडमिट कराया जाएगा चिकित्सा शिक्षा मंत्री सारंग ने बताया कि प्रत्येक जिले में एसिमटोमैटिक मरीजों के लिए कोविड सेंटर चालू कर दिए गए हैं। ऐसे मरीजों में जो बिना लक्षण के भी पॉजिटिव पाए जाते हैं उन सभी लोगों के लिए एक बेहतर इंतजाम होगा इसके साथ ही डॉक्टरों की टीम लगातार निगरानी भी करती रहेगी और यदि किसी मरीज की स्थिति थोड़ी भी बिगड़ती है तो उन्हें तुरंत ही को भी डेडीकेटेड कोविड हॉस्पिटल में एडमिट कराया जाएगा। निरंतर इनका ऑक्सीजन लेवल भी चेक किया जाएगा और आवश्यकता होने पर उनको तुरंत विशेष उपचार भी दिए जाने की सुविधा इन सेंटरों में रखी गई है। ये है भोपा...

अपोलो सेज हॉस्पिटल्स में सेंट्रल इंडिया की आधुनिकतम स्ट्रोक आईसीयू यूनिट शुरू

सेज ग्रुप का अपोलो सेज हॉस्पिटल्स अपने वर्ल्ड क्लास हेल्थ केयर इंफ्रा, एडवांस मेडिकल सुविधाओं के चलते मध्य भारत में अपनी एक अलग पहचान बना रहा है। अपोलो सेज हॉस्पिटल्स ने 14 मई को अत्याधुनिक मेडिकल सुविधाओं से लैस 'स्ट्रोक आईसीयू यूनिट' की सौगात प्रदेशवासियों को दी। इसका शुभारंभ प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और सेज ग्रुप के सीएमडी इंजीनियर संजीव अग्रवाल ने किया। स्ट्रोक आईसीयू यूनिट, न्यूरोसाइंस विभाग हॉस्पिटल के थर्ड फ्लोर पर स्थित है। ये यूनिट स्ट्रोक के रोगियों को विशेषज्ञ देखभाल प्रदान करने के लिए समर्पित है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने हॉस्पिटल प्रबंधन को वर्ल्ड क्लास स्ट्रोक आईसीयू के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा, मरीजों को अब सटीक और समय से स्ट्रोक का इलाज मिल सकेगा। उन्हें उपचार के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। सेज ग्रुप के सीएमडी इंजीनियर संजीव अग्रवाल ने बताया कि प्रत्येक 20 सेकंड में भारत में एक व्यक्ति ब्रेन स्ट्रोक का शिकार होता है। चौंकाने वाली बात यह है कि भारत में स्ट्रोक के 1% से भी कम रोगियों को गोल्डन विंडो अवधि (लक्षण शुरू होने के 4.5 घंटे के भीतर) के भीतर इलाज मिलता है। अपोलो सेज हॉस्पिटल्स के स्ट्रोक आईसीयू को इस जरूरत को पूरा करने के लिए तैयार किया गया है, जो 24×7 अत्याधुनिक इमरजेंसी सेवाओं के माध्यम से स्ट्रोक के रोगियों के लिए उपचार प्रदान करता है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने हॉस्पिटल प्रबंधन को वर्ल्ड क्लास स्ट्रोक आईसीयू के लिए बधाई दी। हॉस्पिटल में 24×7 स्पेशियलिस्ट टीम सेज ग्रुप के सीएमडी इंजीनियर संजीव अग्रवाल ने बताया कि हॉस्पिटल में मध्य भारत के बेहतरीन न्यूरोलॉजिस्ट, न्यूरोसर्जन, क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ और पुनर्वास विशेषज्ञ की टीम 24×7 ...

अपोलो हॉस्पिटल्स

हम कौन हैं हमें क्यों चुनें अपोलो हेल्थकेयर? 1983 में डॉ प्रताप सी रेड्डी द्वारा स्थापित, अपोलो हेल्थकेयर की हेल्थकेयर इकोसिस्टम में एक मजबूत उपस्थिति है। नियमित स्वास्थ्य और निवारक स्वास्थ्य देखभाल से लेकर अभिनव जीवन रक्षक उपचार और नैदानिक सेवाओं तक, अपोलो हॉस्पिटल्स ने 120 से अधिक देशों के 120 मिलियन से अधिक लोगों के जीवन को छुआ है, जो सर्वोत्तम नैदानिक परिणामों की पेशकश करते हैं। • दुनिया के बेहतरीन और प्रतिभाशाली चिकित्सा विशेषज्ञों का सबसे बड़ा नेटवर्क जो उत्कृष्ट विशेषज्ञता और उन्नत तकनीक का उपयोग करके अनुकंपा देखभाल प्रदान करते हैं। • अपोलो फार्मेसी भारत का पहला, सबसे बड़ा और सबसे भरोसेमंद ब्रांडेड फार्मेसी नेटवर्क है, जिसके पूरे देश में 4000 से अधिक आउटलेट हैं। • अपोलो हॉस्पिटल्स भारत में अभूतपूर्व हेल्थकेयर टेक्नोलॉजी लाने में अग्रणी रहा है। • अपनी विशाल चिकित्सा विशेषज्ञता और तकनीकी लाभ का लाभ उठाते हुए, अपोलो हॉस्पिटल्स ने लगातार सर्वश्रेष्ठ नैदानिक ​​परिणाम दिए हैं। ऑर्थोपेडिक्स प्रमुख विशेषताएं • अपोलो के विभिन्न अस्पताल भारत में महत्वपूर्ण तथा सर्वश्रेष्ठ ऑर्थोपेडिक्स शल्यक्रिया एवं उसकी प्रणालियों को उपलब्ध कराते हैं। हम हड्डी एवं जोड़ों की प्रतिस्थापन शल्यक्रियाएं करते हैं जिसमें आधुनिकतम आथ्र्रोस्कोपिक त रीकंस्ट्रक्टिव तकनीकें सम्मिलित हैं। जोड़ों के प्रतिस्थापन में हिप रीसर्फेसिंग और घुटना प्रतिस्थापन शल्यक्रियाएं ( प्राथमिक जटिलता युक्त प्राथमिक व परिशोधित प्रतिस्थापना) बड़े पैमाने पर अत्युत्तम परिणामों के साथ की जा रही हैं। • कंधों एवं सर्वाधिक नाजुक हाथों की सूक्ष्म शल्य-चिकित्सा सभी उत्तम परिशुद्धि व दक्षता के साथ की जाती हैं। • आर्टिकुलर कार्टिलेज इम...