अपराजिता फूल के फायदे

  1. अपराजिता बेल कैसे लगाएं और उसकी देखभाद कैसे करें? aprajita ka phool
  2. अपराजिता के फायदे और नुकसान
  3. aparajita flower ke upay aparajita flower remedy
  4. अपराजिता के नीले फूल होते हैं जितने खूबसूरत, उससे भी बढ़कर हैं इसके स्वास्थ्य लाभ
  5. अपराजिता जिसे कोई रोग पराजित नही कर सकता, ये 2 महीने में सफ़ेद दाग़ तो 2 खुराक में पीलिया और साँप का ज़हर उतारता है, चेहरे की झाँइयों और माइग्रेन के लिए किसी वरदान से कम नही


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अपराजिता बेल कैसे लगाएं और उसकी देखभाद कैसे करें? aprajita ka phool

अपराजिता या Blue pea जिसे बटरफ्लाई पी के नाम से भी जाना जाता है एक बहुवर्षीय पौधा है । भारत मे इसे काफी पवित्र फूल माना जाता है ,पूजापाठ मे इसका सदियों से इस्तेमाल होता आ रहा है । aprajita ka phool इसके अलावा modern चिकित्सा ,कृषि मे भी इसका महत्व है साथ ही यह एक नेचुरल food colorants तथा antioxidants के रूप मे भी काफी प्रयोग किया जाने लगा है । Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • कैसा होता है अपराजिता बेल का पौधा अपराजिता एक तरह की बेल होती है जो कि दीवार, ग्रिल या जंगले आदि पर चंढ़ी हुई आपको आसानी से दिखाई दे सकती है। इसे ज्यादातर लोग घरों के मुख्यद्वार की दीवार पर लगाना पसंद करते हैं। इस बेल की ऊंचाई 5 से 10 फीट तक जा सकती है जबकि 2 से 3 फीट इस बेल की चौड़ाई होती है। अग्रेजी में इसे Blue Pea, Butterfly Pea, Asian pigeonwings, Darwin Pea, Gokarna आदि नामों से भी जाना जाता है। भारत में सबसे ज्यादा नीले रंग के फूलों वाली अपराजिता को देखा जाता है। अपराजिता की बेल की मुख्यत: तीन किस्म पाई जाती हैं, जो कि निम्न हैं:- • नीले-बैंगनी रंग के फूल वाली अपराजिता बेल। • सफेद रंग के फूल वाली अपराजिता बेल। • गुलाबी रंग के फूल वाली अपराजिता बेल। अपराजिता का वानस्पतिक नाम क्या है aprajita ka phool का वानस्पतिक नाम Clitoria ternatea है , इस नाम के पीछे का रहस्य जानकार आपको थोड़ी हैरानी भी हो सकती है कि कैसे इसका वानस्पतिक नाम यह रखा गया । जैसा कि हमे पता है नाम रखने और पौधों के वर्गिकरण की शुरुआत Carl Ternate टापू से लिया था जिससे इसकी species ternatea रखा गया जबकि जीनस clitoria को इस फूल की उस बनावट के कारण रखा गया जिसमे यह स्त्री की योनि clitoris की तरह से दिखती है । अपराजिता के...

अपराजिता के फायदे और नुकसान

अपराजीता जिसे संखपुष्पी नाम से भी जानते है| जिसे वैज्ञानिक रूप से “क्लिटोरिया टर्नेटिया”कहा जाता है ।क्या ये जानते है इसके आयुर्वेदिक लाभ कितने हैं ? ये दो रंगों में पाया जाता है नीला और सफ़ेद आयुर्वेद में इन फूलों का उपयोग बहुत सी बीमारियों में किया जाता हैपराजिता को आयुर्वेद में विष्णुक्रांता, गोकर्णी आदि नामों से जाना जाता है। आयुर्वेद में सफेद और नीले रंग के फूलों (aparajita flower in hindi) वालों अपराजिता के वृक्ष को बहुत ही गुणकारी बताया गया है।असाध्‍य रोगों पर विजय पाने की इसकी क्षमता के चलते ही इसे अपराजिता नाम से जाना गया है। dry cough treatment at home माडर्न साइंस ने भी इसको बहुत उपयोगी माना है स Stylesatlif में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस फूल में कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं। इनमें p-coumaric acid, delphhinidin-3, kaempferol, 5-glucoside आदि शामिल हैं और ये स्वस्थ शरीर के लिए महत्वपूर्ण हैं।अपराजिता (aparajita tree) के बीज सिर दर्द को दूर करने वाले होते हैं। दोनों ही रंग की अपराजिता दिमाग तेज करने वाली वात, पित्‍त, कफ तीनो दोषों में फायदेमंद है |यकः पौधा भारत में हर जगह पेज सकती है ये बहुत कम रखरखाव में उगाई जा सकती है | VAAT PRAKRITI अपराजिता का परिचय (What is Aprajita i) • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • अपराजीता बेल वाला एक झाड़ीनुमा पौधा है |इसमें गाय के कान की तरह फूल आते है इसलिए इसे गोकर्णी भी कहा जाताहै |साधारणतया इसमें दो रंगों में फूल आते है नील और सफ़ेद| ये दो प्रकार के होता है एक पंखुड़ियों वालो और डबल पंखुड़ियों वाला | वैसे अब इसमें कुछ और भी रंगों में फूल आने लगे हैं जैसे गुलाबी और हल्का आसमानी रंग | paan khane ke fayde aur nuksaan अप...

aparajita flower ke upay aparajita flower remedy

Aparajita Flower ke Upay: सनातन धर्म में प्रकृति और हरियाली को बहुत महत्व दिया गया है. हिंदू धर्म शास्त्रों में कई सारे ऐसे पौधे और फूल हैं, जिन्हें लगाना बहुत शुभ माना जाता है. ऐसा ही एक फूल है अपराजिता. मान्यता है कि यह फूल भगवान विष्णु और शनि देव को बहुत प्रिय है. ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि अगर ग्रह क्लेश, आर्थिक तंगी या अन्य परेशानियो से जूझ रहे हैं तो आप अपने घर पर अपराजिता के फूल (Aparajita Flower) का पौधा लगा लें. उसके बाद आपकी किस्मत चमकते देर नहीं लगती. आइए जानते हैं कि इस फूल के लगाने के फायदे क्या-क्या हैं. शास्त्रों के मुताबिक जिन घरों में आर्थिक तंगी बनी रहती है. भरपूर मेहनत के बाद भी पैसा कभी हाथ में नहीं टिकता, उन्हें अपराजिता के फूल (Aparajita Flower) का उपाय करना चाहिए. इसके तहत हर सोमवार को बहती नदी या नहर में अपराजिता के 5 ताजे फूल प्रवाहित करने होंगे. माना जाता है कि इस उपाय से आर्थिक तंगी हमेशा के लिए दूर हो जाती है. पूरी हो जाती है मनोकामना कई लोग जीवन में आगे बढ़ने के लिए बहुत सारी मनोकामनाएं मांग लेते हैं लेकिन उनमें से कईयों की कोशिशें लाख प्रयत्न के बाद भी पूरी नहीं हो पाती. ऐसी स्थिति में अपराजिता फूल के उपाय का इस्तेमाल करना उनके लिए फायदेमंद हो सकता है. उन्हें अपराजिता के फूलों की माला बनाकर मां दुर्गा, भगवान शिव और भगवान विष्णु को अर्पित करनी चाहिए. मान्यता है कि इस उपाय से जातक की मनोकामना जल्द ही पूरी हो जाती है. शादी से जुड़ी दिक्कतें हो जाती हैं खत्म अगर आप शादीशुदा जिंदगी में परेशानियों का सामना कर रहे हैं या आपकी शादी नहीं हो पा रही है तो भी अपराजिता के फूलों का उपाय आपके लिए रामबाण हैं. सबसे पहले आप किसी सुनसान जगह को ढूंढें. इसक...

अपराजिता के नीले फूल होते हैं जितने खूबसूरत, उससे भी बढ़कर हैं इसके स्वास्थ्य लाभ

Benefits of Aparajita flower: अपराजिता के फूल आपने देखे होंगे. नीले रंग के अपराजिता के फूल देखने में जितने खूबसूरत और आकर्षक होते हैं, स्वास्थ्य के लिहाज से भी ये उतने ही अधिक फायदेमंद होते हैं. वैसे तो अपराजिता के फूल दो रंग के होते हैं नीले और सफेद. आयुर्वेद में अपराजिता के फूल का इस्तेमाल कई रोगों के उपचार में किया जाता है. अपराजिता के नीले-नीले फूल में कई तरह को होल्दी प्रॉपर्टीज और एंटीऑक्सिडेंट तत्व होते हैं, जो एग्जायटी, स्ट्रेस से लेकर कब्ज जैसी समस्या से छुटकारा दिलाते हैं. इस फूल के फायदे कई और हैं, जानें अपराजिता के फूल में मौजूद पोषक तत्व और सेहत पर होने वाले इसके फायदों के बारे में… अपराजिता के फूल में मौजूद पोषक तत्व इसे भी पढ़ें: अपराजिता के फूल के फायदे क्रोनिक डिजीज से बचाए अपराजिता के नीले रंग के फूल के फायदों की बात करें, तो इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व होते हैं, जो एंटीऑक्सिडेंट की उच्च मात्रा के लिए जिम्मेदार होते हैं. यह इंफ्लेमेशन को कम करके कई तरह के क्रोनिक डिजीज से बचाने में भी मदद कर सकता है. इसके अर्क से बनी चाय पीने से सूजन और दर्द दूर होता है. शरीर में होने वाले अंदरूनी और बाहरी सूजन को भी प्रभावी ढंग से कम कर सकता है. इम्यूनिटी बढ़ाए अपराजिता के फूल के अर्क से बनी चाय पीने से शरीर को इंफ्लेमेशन और कई तरह के इंफेक्शन से लड़ने में मदद मिलती है. ऐसा इसलिए संभव है, क्योंकि इसमें फ्लेवोनॉएड्स होता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है. वजन कम करने में सहायक कुछ स्टडीज के अनुसार, अपराजिता के फूल काफी हद तक वजन घटाने में भी फायदेमंद साबित हो सकते हैं. अपराजिता के फूल के अर्क के सेवन से शरीर में फैट सेल्स का निर्माण धीरे होता है, जिससे वजन नहीं ...

अपराजिता जिसे कोई रोग पराजित नही कर सकता, ये 2 महीने में सफ़ेद दाग़ तो 2 खुराक में पीलिया और साँप का ज़हर उतारता है, चेहरे की झाँइयों और माइग्रेन के लिए किसी वरदान से कम नही

अपराजिता के फायदे लाभ और औषधीय गुण | अपराजिता पौधा बीज बेल फूल जड़ के फायदे अपराजिता (Megrin) : ये पौधा दो रंगों का होता है। नीला और सफेद। अपराजिता के सफेद पौधे का मिलना कठिन होता है। लेकिन नीले रंग का फूल आपको आसानी से मिल सकता है। अपराजिता के पौधे में बहुत से औषधीय गुण पाए जाते हैं जिनके बारे में बहुत ही कम लोगों को पता होता है इसीलिए आज हम आपको बताएंगे अपराजिता के फायदे लाभ इन हिंदी । ■ शरीर में गाँठ किसी भी तरह की हो या फोड़े-फुंसी हो, इन सब के रामबाण घरेलु उपाय!!! कोयाला आमतौर पर हिन्दी में अपराजिता पौधे कोयाला के रूप में जाना जाता है. अपराजिता पौधा संयंत्र फबसै परिवार का है और इसका लैटिन नाम अपराजिता है. अन्य नाम अंग्रेजी नाम – क्लितोरिया , हिन्दी नाम – कोयाला , संस्कृत नाम – कोकिला , बंगाली नाम – अपराजिता , गुजराती नाम – गरणी, मलयालम नाम – शंखपुष्पम, मराठी नाम – गोकर्णी, तमिल नाम – कक्कानम, तेलुगु नाम – शंखपुष्पम, यूनानी नाम – मेज़ेरिओन आइये जानें अपराजिता का अर्थ, अपराजिता फ्लावर, अपराजिता की जड़, अपराजिता के बीज, अपराजिता के फायदे, अपराजिता की बेल, अपराजिता के औषधीय प्रयोग, अपराजिता के पौधे का प्रयोग। ■ नाखूनों पर लहसुन रगड़ने से होते हैं ये अद्भुत लाभ, जरूर आजमाएं अपराजिता के फायदे, लाभ और औषधीय गुण Aparajita Ke Fayde Labh Aur Aushadhiya Gun In Hindi 1. साँप का ज़हर (Aparajita For Snake Poison In Hindi) ये जहर की स्थिति के अनुसार ही प्रयोग में लाया जाता है जो निम्नलिखित है. सांप का जहर उतारने के लिए कैसे करें अपराजिता का प्रयोग ? ■ चमड़ी में जहर सबसे पहले जहर चमड़ी में फैलता है तो अगर जहर ने अभी सिर्फ चमड़ी को प्रभावित किया है तो आप ये उपाय करें – क्या करें अपराजिता की ...